श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर गाजियाबाद अलर्ट, 5 कंट्रोल रूम और हजारों ‘कांवड़ मित्र’ तैयार

गाजियाबाद सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है और गाजियाबाद में कांवड़ यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए पुलिस प्रशासन ने व्यापक व्यवस्थाएं की हैं। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि जिले में 85 किलोमीटर लंबे कांवड़ मार्ग पर सुरक्षा और सुविधा के लिए चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं। पुलिस ने कांवड़ मार्ग को 124 बीट में विभाजित किया है, प्रत्येक बीट की लंबाई 700-800 मीटर है। हर बीट में एक सब-इंस्पेक्टर की अगुवाई में चार पुलिसकर्मी तैनात हैं, जो दिन-रात ड्यूटी पर रहकर समस्याओं का तुरंत समाधान करेंगे। इसके अलावा, 10,000 कांवड़ मित्र नियुक्त किए गए हैं, जो पुलिस के साथ मिलकर कांवड़ियों की मदद करेंगे। ये कांवड़ मित्र कांवड़ियों की सुविधा और यात्रा को निर्बाध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कांवड़ मार्ग की निगरानी के लिए गाजियाबाद में पांच मुख्य कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, जिनमें मेरठ तिराहा और तीनों जोनल कंट्रोल रूम शामिल हैं। इनके अधीन अस्थायी उप-कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं, जैसे राज चौपला, निवाड़ी रोड और एनएच-9 चौराहा। इन कंट्रोल रूम से सीसीटीवी के माध्यम से पूरे मार्ग पर नजर रखी जा रही है, ताकि किसी भी स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। दूधेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। मंदिर पर 550 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, ताकि भक्त आसानी से दर्शन कर सकें। पिछले साल मंदिर के प्रवेश द्वार पर भीड़ के दबाव को देखते हुए इस बार एक बफर जोन बनाया गया है, जिससे भीड़ प्रबंधन में आसानी होगी। मंदिर प्रशासन के साथ समन्वय कर सीसीटीवी की व्यवस्था भी की गई है। कांवड़ियों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। अगर किसी कांवड़िए की कांवड़ खंडित हो जाती है, तो उन्हें तुरंत गंगाजल उपलब्ध कराने के लिए हरिद्वार से 1,400 लीटर गंगाजल मंगवाया गया है। यह गंगाजल विभिन्न थानों में वितरित किया गया है, ताकि कांवड़िए बिना किसी परेशानी के अपनी यात्रा पूरी कर सकें। गाजियाबाद के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आलोक प्रियदर्शी ने कहा, "हमारा उद्देश्य कांवड़ यात्रा को पूरी तरह सुरक्षित और सुगम बनाना है। सभी व्यवस्थाएं इस तरह की गई हैं कि कांवड़ियों को कोई असुविधा न हो और वे अपना जलाभिषेक शांतिपूर्ण ढंग से पूरा कर सकें।"

यात्रियों के लिए खुशखबरी! मुजफ्फरपुर-प्रयागराज ट्रेन में बढ़े AC-3 कोच, कई अपडेट जारी

मुजफ्फरपुर 12538/37 प्रयागराज-मुजफ्फरपुर-प्रयागराज एक्सप्रेस में एसी-थ्री के तीन नए कोच जुटेंगे। इसके साथ ही इस ट्रेन का नंबर भी बदल जाएगा। एक सितंबर से नए नंबर से यह ट्रेन चलाई जाएगी। पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने बताया कि उक्त ट्रेन में एसी-थ्री के एक तथा एसी-थ्री-ई के दो अतिरिक्त कोच जोड़ा जाएगा। एक सितंबर से नए नंबर से यह ट्रेन चलेगी। मुजफ्फरपुर-प्रयागराज के बीच चलने वाली इस ट्रेन में तीन नए कोच लगाए जाएंगे। इस ट्रेन में कोचों की कुल संख्या 18 से बढ़कर 21 हो जाएगी। एक सितंबर से गाड़ी संख्या 12538/12537 प्रयागराज-मुजफ्फरपुर -प्रयागराज एक्सप्रेस का परिचालन परिवर्तित नंबर 14112/14111 से किया जाएगा। 20 कोच के साथ चलेगी पटना-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस पटना -हावड़ा के बीच चलने वाली 22348/22347 पटना-हावड़ा-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस में चार कोच अतिरिक्त जोड़कर 20 कर दिया गया है। इसके पहले 16 कोच के साथ चलायी जा रही थी। यात्रियों की मांग के मद्देनजर उनकी सुविधा हेतु के लिए 20 कोचों के साथ इसका परिचालन शुरू हो गया है। महिला डिब्बे में 1176 पुरुष यात्री धराए पूर्व मध्य रेल (पूमरे) की ओर से बिना पर्याप्त कारण अवैध रूप से चेन पुलिंग करके ट्रेनों को जहां-तहां रोकने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही। पूर्व मध्य रेल में आरपीएफ द्वारा आपरेशन समय पालन के तहत ऐसे लोगों पर कड़ी नजर रखी जा रही। ताकि विलंब ना हो। 15 जून से 30 जून तक रेलवे सुरक्षा बल की टीम ने चेन पुलिंग करने के आरोप में 612 लोगों को हिरासत में लिया है। उन लोगों के विरुद्ध रेल अधिनियम की धारा 141 के तहत कार्रवाई की गई। 327 लोग दानापुर मंडल में पकड़े गए जबकि समस्तीपुर मंडल में 136, सोनपुर मंडल में 64, पं. दीन दयाल उपाध्याय मंडल में 40 तथा धनबाद मंडल में 45 लोगों को हिरासत में लिया गया। आपरेशन महिला सुरक्षा के मद्देनजर पिछले महीने के 15 दिनों में रेल अधिनियम की धारा 162 के तहत 1176 पुरुष यात्रियों को हिरासत में लिया गया। इनमें सर्वाधिक 420 लोग दानापुर मंडल में जबकि धनबाद मंडल में 342, सोनपुर मंडल में 275, समस्तीपुर मंडल में 78 तथा पं. दीन दयाल उपाध्याय मंडल में 61 पुरुष यात्रियों पकड़ा गया। इस बात की जानकारी पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने शुक्रवार को दी।

विकसित मध्यप्रदेश 2047 की दिशा में वित्तीय अनुशासन की मजबूत नींव

भोपाल  मध्यप्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के पुनरीक्षित बजट अनुमान और वर्ष 2026-27 के बजट निर्माण की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। इसके लिये वित्त विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। इस बार भी राज्य सरकार द्वारा शून्य आधार बजटिंग (Zero Base Budgeting) की प्रक्रिया को जारी रखते हुए वित्तीय अनुशासन और परिणाम आधारित बजट निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके साथ ही सरकार ने पहली बार वर्ष 2027-28 एवं वर्ष 2028-29 के लिए “त्रिवर्षीय रोलिंग बजट” तैयार करने का निर्णय लिया गया है, जो प्रदेश की दीर्घकालिक विकास रणनीति ‘विकसित मध्यप्रदेश 2047’ पर केन्द्रित है। बजट स्वीकृति के पहले हर योजना का होगा मूल्यांकन वित्त विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार अब प्रत्येक योजना के लिए यह स्पष्ट करना आवश्यक होगा कि उस पर खर्च क्यों किया जा रहा है, उसका लाभ किसे होगा और उसका सामाजिक व आर्थिक असर क्या होगा। इस प्रक्रिया में गैर-प्रभावी योजनाओं को समाप्त करने और समान प्रकृति की योजनाओं को एकीकृत करने पर भी विचार किया जाएगा। बजट निर्माण की प्रमुख तिथियां     28–31 जुलाई 2025: विभागीय प्रशिक्षण और प्रारंभिक चर्चा।     10 सितम्बर 2025: IFMIS में आंकड़े भरने की अंतिम तिथि।     15–30 सितम्बर 2025 : प्रथम चरण चर्चा।     31 अक्टूबर: नवीन योजनाओं के प्रस्ताव की अंतिम तिथि।     1 अक्टूबर – 15 नवम्बर: द्वितीय चरण चर्चा।     दिसम्बर–जनवरी: मंत्री स्तरीय बैठकें।     31 मार्च 2026: समायोजन प्रस्तावों की अंतिम तिथि। वेतन, भत्ते और स्थायी व्यय की भी अलग होगी गणना     विभागों को अपने स्थायी खर्चों जैसे वेतन, पेंशन, भत्तों की गणना करते समय विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है।     प्रत्येक वित्तीय वर्ष के वेतन में 3% वार्षिक वृद्धि जोड़ी जाएगी।     महंगाई भत्ते की गणना क्रमशः 74%, 84% और 94% के हिसाब से होगी।     संविदा कर्मचारियों के वेतन में 4% वार्षिक वृद्धि का भी प्रावधान रहेगा। अजा-अजजा उपयोजना के लिए न्यूनतम बजट सुनिश्चित करना होगा अनिवार्य वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए न्यूनतम 16% और अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए न्यूनतम 23% बजट सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य रहेगा। इसके लिए सेगमेंट कोडिंग व्यवस्था लागू की जाएगी, जिससे योजनाओं में पारदर्शिता आएगी। ऑफ-बजट व्यय और केंद्रीय योजनाओं पर भी निगरानी जिन विभागों को भारत सरकार से सीधे फंड प्राप्त होता है, उन्हें वह राशि भी बजट प्रस्ताव में दर्शानी होगी। इसके अलावा, ऑफ-बजट ऋण, प्रोत्साहन योजनाओं का वित्तीय असर, और नवीन योजनाओं की स्वीकृति की प्रक्रिया को भी स्पष्ट किया गया है। सभी प्रस्ताव तय समय पर IFMIS में हों दर्ज सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि बजट की तैयारी के लिए जो आई.एफ.एम.आई.एस. (IFMIS) प्रणाली अपनाई गई है, उसमें तय समय के बाद प्रविष्टि की अनुमति नहीं दी जाएगी। विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे सभी प्रस्ताव निर्धारित समयसीमा में दर्ज करें और विभागीय बैठक के पूर्व पूरी जानकारी तैयार रखें। जनहित में होगा व्यय शून्य आधार बजटिंग प्रणाली से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि हर योजना के पीछे ठोस उद्देश्य हो, उसका समाज पर प्रभाव दिखे और प्रत्येक व्यय राज्य की विकास प्राथमिकताओं से मेल खाता हो। राज्य सरकार का यह प्रयास केवल राजकोषीय अनुशासन की दृष्टि से ही नहीं, बल्कि प्रभावी शासन और नागरिक सेवा सुधार के लिए भी सराहनीय कदम साबित होगा।  

पीएम मोदी और ओडिशा सीएम मोहन माझी की बैठक, राज्य के विकास पर हुई चर्चा

नई दिल्ली ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शनिवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्य के विकास से जुड़े कई अहम मुद्दों पर बातचीत की। पीएम मोदी से सीएम माझी की यह मुलाकात ओडिशा में विकास कार्यों को गति देने और केंद्र-राज्य सहयोग को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। मुख्यमंत्री माझी ने मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री का आभार जताया। उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना मेरे लिए गर्व की बात है। मैं ओडिशा के विकास के लिए उनके निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन के लिए आभारी हूं।” उन्होंने बताया कि बैठक में ओडिशा के विकास के रोडमैप, भविष्य की योजनाओं और केंद्र-राज्य के बीच बेहतर तालमेल पर चर्चा हुई। माझी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर एक समृद्ध ओडिशा और विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बैठक में ओडिशा में चल रही और प्रस्तावित परियोजनाओं पर जोर दिया गया। इस मुलाकात के दौरान सीएम माझी ने प्रधानमंत्री मोदी को राज्य में कल्याणकारी योजनाओं को तेजी से लागू करने की योजना के बारे में बताया। साथ ही, उन्होंने केंद्र सरकार से ओडिशा के लिए और अधिक सहयोग की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस मुलाकात को सकारात्मक बताया और ओडिशा की प्रगति के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। दोनों नेताओं ने यह सुनिश्चित करने पर सहमति जताई कि केंद्र और राज्य मिलकर जनता के कल्याण और विकास के लिए काम करेंगे। इस मुलाकात को ओडिशा में बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे क्षेत्रों में प्रगति की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2024 के स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कारों की घोषणा की, राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित

भोपाल  केन्द्र सरकार द्वारा शनिवार वर्ष 2024 के स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। इन सम्मानों में स्वच्छता लीग सम्मान, राष्ट्रपति सम्मान, देश और राज्यों की विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले निकायों को सम्मानित किया जाएगा। इसके लिये 17 जुलाई को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में एक गरिमामय आयोजन होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू करेंगी। मध्यप्रदेश के आठ शहर होंगे सम्मानित हर वर्ष की तरह मध्यप्रदेश ने इस वर्ष भी अपनी विजय पताका फहराई है। प्रदेश के आठ शहरों को इस राष्ट्रीय आयोजन में सम्मानित किया जाएगा। इसमें सुपर लीग श्रेणी में इंदौर, उज्जैन और बुधनी हैं। इस श्रेणी में सिर्फ वे शहर शामिल किए जाते हैं, जिन्होंने पिछले तीन सालों में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया हो और उत्तरोत्तर प्रगति की संभावनाएं सृजित की हों। राष्ट्रपति सम्मान इसी प्रकार राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त करने वाले शहरों में भोपाल, देवास और शाहगंज शामिल हैं। इसके अलावा आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर जी द्वारा प्रदेश के जबलपुर और ग्वालियर को उनके उल्लेखनीय प्रयासों के लिये सम्मानित किया जाएगा। कचरा मुक्त शहरों की स्टार रेटिंग और ओडीएफ/ वॉटर प्लस के परिणाम भी उसी दिन जारी किए जाएंगे। प्रदेश से इस आयोजन में विभागीय मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी के साथ विभागीय अधिकारी, जनप्रतिनिधियों की बड़ी टीम इस आयोजन में शिरकत करेगी।  

झुग्गी बचाओ मुहिम पर आतिशी आक्रामक, कहा– सड़क से सदन तक करेंगे विरोध

नई दिल्ली  आम आदमी पार्टी ने मटियाला विधानसभा स्थित नंगली डेयरी की झुग्गियां तोड़ने की तैयारी कर रही दिल्ली सरकार पर आरोप लगाए है। 'आप’ की नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि मद्रासी कैंप, जेलरवाला बाग, भूमिहीन कैंप तोड़ने के बाद दिल्ली सरकार की नजर अब नंगली डेयरी की झुग्गियां पर पड़ गई है। भाजपा की एमसीडी ने झुग्गियों में नोटिस लगा दिया है और पांच दिन में कागज नहीं दिखाने पर झुग्गियों पर बुलडोजर चलाने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा के नेताओं ने इन झुग्गियों में रात्रि प्रवास किया था और जहां झुग्गी-वहां मकान का कार्ड दिया था। लेकिन सरकार में आते ही भाजपा लगातार गरीबों की झुग्गियां तोड़ रही है। आम आदमी पार्टी इन गरीबों के साथ खड़ी है। हम झुग्गियां बचाने के लिए विधानसभा से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ेगे। आतिशी ने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा के नेताओं ने दिल्ली की अलग-अलग झुग्गियों में प्रवास किया। झुग्गीवालों के साथ खाना खाया, बच्चों के साथ लूडो-कैरम खेला और झुग्गीवालों को ‘जहां झुग्गी वहीं मकान’ के कार्ड दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार कहा कि दिल्ली में एक भी झुग्गी को नहीं तोड़ा जाएगा। लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद जैसे ही दिल्ली में नई सरकार ने एक के बाद एक गरीबों के मकान तोड़ने शुरू कर दिए। आतिशी ने कहा कि मद्रासी कैंप, जेलरवाला बाग, वजीरपुर, भूमिहीन कैंप की झुग्गियां तोड़ने के बाद अब भाजपा की सरकार नंगली डेयरी के जेजे कैंप को तोड़ने की तैयारी कर रही है। झुग्गीवालों से कहा गया है कि वह अतिक्रमण कर रहे हैं और अगर पांच दिन में अपने कागज जमा नहीं दिए तो झुग्गियों को तोड़ दिया जाएगा। आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार 'जहां झुग्गी, वहीं मकान' नहीं देने वाली है, बल्कि यह तय कर लिया गया है कि जहां झुग्गी है, वहां मैदान बना दिए जाएंगे। इसलिए दिल्ली में एक-एक कर सभी झुग्गियों को तोड़ा जा रहा है। आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली के गरीबों के साथ खड़ी है। नंगली डेयरी जेजे क्लस्टर के निवासियों के साथ भी खड़ी है। कोर्ट, एमसीडी, दिल्ली विधानसभा या फिर सड़कों पर लड़ने की जरूरत होगी तो आम आदमी पार्टी लड़ेगी और दिल्ली सरकार को इन झुग्गियों को तोड़ने नहीं झुग्गियों को तोड़ने नहीं देगी।

मंत्री सारंग ने नरेला विधानसभा अंतर्गत निर्माणाधीन गोविंदपुरा शासकीय सांदीपनि विद्यालय का निरीक्षण किया

भोपाल   सहकारिता मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने शनिवार को नरेला विधानसभा अंतर्गत निर्माणाधीन गोविंदपुरा शासकीय सांदीपनि विद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने विद्यालय परिसर के प्रत्येक खंड का बारीकी से अवलोकन किया और निर्माण की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान मंत्री श्री सारंग ने निर्माण कार्य में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों और निर्माण एजेंसी को निर्देश दिये कि निर्माण कार्य को गुणवत्तापूर्ण ढंग से और निर्धारित समय-सीमा में पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में अधोसंरचना विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और शासकीय सांदीपनि विद्यालय इसी प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। शासकीय सांदीपनि विद्यालय इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो न केवल सरकारी शिक्षा को मजबूती देगा, बल्कि निजी विद्यालयों की तुलना में कहीं अधिक सुव्यवस्थित और उन्नत सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। उन्होंने यह भी कहा कि गोविंदपुरा में बन रहा यह विद्यालय क्षेत्र के बच्चों के लिए एक बड़ी सौगात साबित होगा। गाइडलाइन के अनुरूप हो बैठक व्यवस्था मंत्री श्री सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप सांदीपनि विद्यालयों को विकसित किया जा रहा है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता, नवाचार, समावेश और आधुनिकता सुनिश्चित हो सके। मंत्री श्री सारंग ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्यालय भवन में शाला कक्षों की बैठने की व्यवस्था का पुन: परीक्षण किया जाए और निर्माण कार्य पूरी तरह गाइडलाइन के अनुरूप हो। सांदिपनी विद्यालय में विद्यार्थियों को मिलेगी बेहतर शिक्षा मंत्री श्री सारंग ने कहा कि गोविंदपुरा शासकीय सांदीपनि विद्यालय को मॉडल स्कूल एवं स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की वरीयता के अनुरूप विकसित किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आधुनिक सुविधाएं और समग्र विकास के अवसर मिल सकें। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय में आधुनिक क्लासरूम के साथ विज्ञान, गणित, कम्प्यूटर जैसे विषयों की प्रयोगशालाएं भी स्थापित की जा रही हैं। इसके अलावा बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए खेल मैदान, बास्केटबॉल कोर्ट, पुस्तकालय, डिजिटल शिक्षण कक्ष, और स्वच्छता की दृष्टि से पर्याप्त संख्या में शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान संबंधित विभागों के अधिकारी और निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। 

अहमदाबाद-जयपुर समेत कई शहरों में ED की रेड, साइबर फ्रॉड में करोड़ों की बरामदगी

जयपुर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की मुंबई शाखा ने एक बड़े साइबर फ्रॉड रैकेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए अहमदाबाद, जयपुर, जबलपुर और पुणे स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी एक जाली लोन स्कीम से जुड़े चल रहे मामले की जांच के सिलसिले में की गई है, जिसके जरिए अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा था। ईडी ने इस कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में नकदी और बहुमूल्य धातुएं जब्त की हैं। ईडी के अधिकारियों ने इस अभियान के दौरान 7 किलोग्राम सोना, 62 किलोग्राम चांदी, 1.18 करोड़ रुपए नकद और 9.2 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज बरामद किए। इसके साथ ही, फर्जी कॉल सेंटर के संचालन से जुड़े कई अहम डिजिटल सबूत भी जब्त किए गए हैं, जिनसे इस पूरे रैकेट की कार्यप्रणाली का पता चलेगा। जांच एजेंसी ने इस मामले में मुख्य आरोपी फर्म 'मैग्नाटेल बीपीएस कंसल्टेंट्स एंड एलएलपी' के दो पार्टनर्स संजय मोरे और अजीत सोनी को जयपुर से गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर भारत से संचालित होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी गिरोह को चलाने का आरोप है। माना जा रहा है कि यह गिरोह अमेरिकी नागरिकों को कम ब्याज पर फर्जी लोन देने का झांसा देकर उनसे प्रोसेसिंग फीस और अन्य शुल्कों के नाम पर पैसे ऐंठता था। ईडी की यह कार्रवाई भारत में स्थित कॉल सेंटरों के जरिए होने वाले अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ के बाद इस रैकेट से जुड़े और भी लोगों के नाम सामने आने की उम्मीद है। ईडी के सूत्रों ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच अभी जारी है और बरामद की गई संपत्तियों की कीमत अभी बढ़ सकती है।

सोनम केस में नई पहल: भाई ने लौटाए गहने, दहेज वापसी से किया इंकार

इंदौर ट्रांसपोर्टर राजा रघुवंशी के भाई विपिन रघुवंशी ने सोनम के भाई गोविंद से आभूषण वापस ले लिए है। राजा के परिवार ने सोनम (बहू) के लिए उसकी पसंद से ही शादी में आभूषण बनवाए थे। इसकी बाकायदा राजेंद्र नगर थाने में लिखापढ़ी भी करवाई गई है। हालांकि गोविंद ने राजा को दी कार, वाशिंग मशीन, फ्रीज लेने से इनकार कर दिया है।   11 मई को सोनम और राजा की हुई थी शादी बता दें कि सहकार नगर (केट रोड़)निवासी 30 वर्षीय राजा रघुवंशी की गोविंनगर (खारचा) निवासी सोनम से 11 मई को शादी हुई थी। 20 मई को दोनों हनीमून मनाने मेघालय गए और सोनम ने आकाश, आनंद व विशाल उर्फ विक्की के साथ मिलकर राजा की हत्या कर दी। राजा के भाई विपिन के मुताबिक सोनम से उनका कोई रिश्ता नहीं रहा। उन्होंने बहू मानकर उसकी पसंद से सोना-चांदी के आभूषण बनवाए थे। कुछ दिनों पूर्व गोविंद से कहा था कि वह शादी में चढ़ाए आभूषण लौटा दे। गोविंद ने उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया। कभी चाबी न मिलने का बहाना बनाया तो कभी कहा कि वह माता-पिता से पूछकर बताएगा। विपिन ने इसकी राजेंद्र नगर थाने में की शिकायत सोनम के भाई द्वारा कॉल न उठाने पर उसने पुलिस से कॉल लगवाया और गोविंद को थाने तलब किया। गोविंद रघुवंशी समाज के पदाधिकारी और पिता देवी सिंह के साथ पहुंचा और उनकी मौजूदगी में सोने का हार, रानी हार, टीका, चूड़ियां, पायल, बिछुड़ी व अंगूठी लौटा दी। विपिन के मुताबिक आभूषणों की कीमत करीब 10 लाख रुपये है और मंगलसूत्र, पायल, बिछुड़ी और अंगूठी शिलांग के ईस्ट खासी हिल्स थाने में जब्त है। सोनम के भाई ने नहीं मांगी कार और इलेक्ट्रानिक सामान गोविंद ने कहा उसने भी शादी में कार और वाशिंग मशीन, फ्रीज व अन्य सामान उपहार स्वरुप दिए थे। लेकिन उसने सामान वापस लेने से इनकार कर दिया। देवी सिंह ने कहा सामान बेटी को कन्यादान के रुप में दिया था। वह हम कभी नहीं लेंगे। कार 4 लाख रुपये जमा करवा कर फाइनेंस करवाई थी। विपिन ने कहा कार राजा के नाम से है और उसकी किस्तें वह भरता है।

कोचिंग इंडस्ट्री पर उपराष्ट्रपति की कड़ी टिप्पणी, कहा– अब ये ‘पोचिंग सेंटर’ बन चुके हैं

कोटा भारत के उपराष्ट्रपति, जगदीप धनखड़ ने आज कहा, “कोचिंग सेंटर अब ‘पोचिंग सेंटर’ बन चुके हैं। ये सुदृढ़ सांचों में प्रतिभा को जकड़ने वाले काले छिद्र बन गए हैं। कोचिंग सेंटर अनियंत्रित रूप से फैल रहे हैं, जो हमारे युवाओं के लिए, जो कि हमारे भविष्य हैं—एक गंभीर संकट बनता जा रहा है। हमें इस चिंताजनक बुराई से निपटना ही होगा। हम अपनी शिक्षा को इस तरह कलंकित और दूषित नहीं होने दे सकते।” धनखड़ ने आगे कहा, “अब देश किसी सैन्य आक्रमण से नहीं, बल्कि विदेशी डिजिटल बुनियादी ढांचे पर निर्भरता से कमजोर और पराधीन होंगे। सेनाएं अब एल्गोरिद्म में बदल गई हैं। संप्रभुता की रक्षा का संघर्ष अब तकनीकी स्तर पर लड़ा जाएगा।” उपराष्ट्रपति ने तकनीकी नेतृत्व को नई राष्ट्रभक्ति का आधार बताते हुए कहा, “हम एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं—एक नए राष्ट्रवाद के युग में। तकनीकी नेतृत्व अब देशभक्ति की नई सीमा रेखा है। हमें तकनीकी नेतृत्व में वैश्विक अगुवा बनना होगा।” धनखड़ ने रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आयात-निर्भरता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “यदि हम रक्षा के क्षेत्र में बाहर से तकनीकी उपकरण प्राप्त करते हैं, तो वह देश हमें ठहराव की स्थिति में ला सकता है।” डिजिटल युग में बदलती वैश्विक शक्ति संरचनाओं की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “21वीं सदी का युद्धक्षेत्र अब भूमि या समुद्र नहीं है। पारंपरिक युद्ध अब अतीत की बात हो गई है। आज हमारी शक्ति और प्रभाव ‘कोड, क्लाउड और साइबर’ से तय होते हैं।” भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT), कोटा, राजस्थान के चौथे दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए श्री धनखड़ ने कहा, “हम गुरुकुल की बात कैसे न करें? हमारे संविधान की 22 दृश्य-प्रतिमाओं में एक गुरुकुल की छवि भी है। हम सदैव ज्ञानदान में विश्वास रखते आए हैं। कोचिंग सेंटर को अपने ढांचे का उपयोग कौशल केंद्रों में परिवर्तित करने के लिए करना चाहिए। मैं नागरिक समाज और जनप्रतिनिधियों से आग्रह करता हूं कि इस समस्या की गंभीरता को समझें और शिक्षा में पुनर्संयम लाने हेतु एकजुट हों। हमें कौशल आधारित कोचिंग की आवश्यकता है।” धनखड़ ने अंकों की होड़ के दुष्परिणामों पर चेताते हुए कहा, “पूर्णांक और मानकीकरण के प्रति जुनून ने जिज्ञासा को खत्म कर दिया है, जो कि मानव बुद्धिमत्ता का एक स्वाभाविक अंग है। सीटें सीमित हैं लेकिन कोचिंग सेंटर हर जगह फैले हुए हैं। वे वर्षों तक छात्रों के मन को एक ही ढर्रे में ढालते हैं, जिससे उनकी सोचने की शक्ति अवरुद्ध हो जाती है। इससे कई मनोवैज्ञानिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।” छात्रों को अंकों से ऊपर सोचने की प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा, “आपकी मार्कशीट और अंक आपको परिभाषित नहीं करेंगे। प्रतिस्पर्धी दुनिया में प्रवेश करते समय, आपका ज्ञान और सोचने की क्षमता ही आपको परिभाषित करेगी।” डिजिटल क्षेत्र की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “एक स्मार्ट ऐप जो ग्रामीण भारत में काम नहीं करता, वह पर्याप्त स्मार्ट नहीं है। एक एआई मॉडल जो क्षेत्रीय भाषाओं को नहीं समझता, वह अधूरा है। एक डिजिटल उपकरण जो दिव्यांगों को शामिल नहीं करता, वह अन्यायपूर्ण है।” युवाओं से स्थानीय समाधान को वैश्विक स्तर तक ले जाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, “भारत के युवाओं को टेक्नोलॉजी की दुनिया के सजग संरक्षक बनना चाहिए। हमें भारत के लिए भारतीय प्रणालियां बनानी होंगी और उन्हें वैश्विक बनाना होगा।” डिजिटल आत्मनिर्भरता में भारत को अग्रणी बनाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, “हमें अपनी डिजिटल नियति के निर्माता बनना होगा और अन्य देशों की नियति को भी प्रभावित करना होगा। हमारे कोडर, डेटा वैज्ञानिक, ब्लॉकचेन इनोवेटर और एआई इंजीनियर आज के राष्ट्र निर्माता हैं। भारत, जो कभी वैश्विक अग्रणी था, अब केवल उधार की तकनीक का उपयोगकर्ता बनकर नहीं रह सकता। पहले हमें तकनीक के लिए वर्षों प्रतीक्षा करनी पड़ती थी। अब यह समय सप्ताहों में सिमट गया है। हमें तकनीक का निर्यातक बनना चाहिए।” धनखड़ ने शिक्षा को फैक्टरी की तरह संचालित करने की प्रवृत्ति का विरोध करते हुए कहा, “हमें इस असेंबली-लाइन संस्कृति को समाप्त करना होगा क्योंकि यह हमारी शिक्षा के लिए अत्यंत खतरनाक है। कोचिंग सेंटर राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भावना के विपरीत हैं। यह विकास और प्रगति में बाधाएं उत्पन्न करता है।” उन्होंने कोचिंग सेंटरों द्वारा विज्ञापनों पर भारी खर्च की आलोचना करते हुए कहा, “अखबारों में विज्ञापनों और होर्डिंग्स पर भारी पैसा बहाया जाता है। यह पैसा उन छात्रों से आता है जो या तो कर्ज लेकर या बड़ी कठिनाई से अपनी पढ़ाई का खर्च उठाते हैं। यह धन का उपयुक्त उपयोग नहीं है। ये विज्ञापन भले ही आकर्षक लगें, पर हमारी सभ्यतागत आत्मा के लिए आँखों की किरकिरी बन गए हैं।” अपने उद्बोधन का समापन करते हुए उपराष्ट्रपति ने रटंत शिक्षा की संस्कृति की तीव्र आलोचना की: “हम आज रट्टा मारने की संस्कृति के संकट से जूझ रहे हैं, जिसने जीवंत मस्तिष्कों को केवल अस्थायी जानकारी के यंत्रवत भंडारों में बदल दिया है। इसमें न तो कोई आत्मसात है, न कोई समझ। यह रचनात्मक विचारकों की बजाय बौद्धिक ‘ज़ॉम्बी’ तैयार कर रहा है। रट्टा ज्ञान नहीं देता, केवल स्मृति देता है। यह डिग्रियों को गहराई के बिना जोड़ता है।” इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े, संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ए.के. भट्ट, निदेशक प्रो. एन.पी. पाढ़ी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।