आपकी ड्रीम जॉब दिलाएगा चैटजीपीटी

नई दिल्ली AI का यूज अब ज्यादातर लोग कर रहे हैं। जहां एक तरफ लोगों को यह डर सता रहा है कि कहीं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस उनकी जॉब न खा जाए। वहीं, कई लोग एआई का यूज करके अपने कई काम आसान बनाना रहे हैं। पढ़ाई करने से लेकर कोई रेसिपी जानने तक, एआई की मदद ली जा रही है। क्या आप जानते हैं कि एआई जॉब दिलाने में भी आपकी मदद कर सकता है। जी हां, अगर आपको अभी तक अपनी ड्रीम जॉब नहीं मिली है तो अब आपका सपना पूरा हो सकता है। एआई कई तरीकों से ड्रीम जॉब लेने में आपकी मदद कर सकता है। कई बार हमें पता ही नहीं होता है कि जॉब कहां और कैसे मिलेगी। या फिर हमारी डिग्री के अनुसार किस कंपनी में अच्छी जॉब होगी। यह सब एक जगह जानने के लिए OpenAI के ChatGPT चैटबॉट का यूज करें। यह आपकी काफी मजद कर सकता है। आइये, ड्रीम जॉब पाने के लिए AI को यूज करने के कई तरीके जानते हैं। मिनटों में बनाए अपना रिज्यूमे किसी भी नौकरी लिए एक अच्छे रिज्यूमे की जरूरत होती है। आपकी स्किल के बारे में आपसे पहले रिज्यूमे बताता है। इस कारण रिज्यूमे का परफेक्ट होना बहुत जरूरी है। हर किसी के लिए एक अच्छा रिज्यूमे बनाना आसान बात नहीं है। आजकल रिज्यूमे बनाने के लिए कई वेबसाइट हैं। हालांकि, उन पर इसके लिए पैसे देने होते और काफी समय भी लग जाता है। वहीं, एआई चैटबॉट कम समय और फ्री में आपके लिए परफेक्ट रिज्यूमे बना सकता है। आपको उसे बस अपनी जानकारी देनी होगी और वह उसके आधार पर सही रिज्यूमे बना देगा। करियर काउंसलर की तरह करें यूज हमें यह तो पता होता है कि हम क्या करना चाहते हैं, लेकिन उसे कैसे किया जाए, इसकी जानकारी हमारे पास नहीं होती है। इसके लिए में एक अच्छे काउंसलर की जरूरत होती है। आप ChatGPT जैसे एआई चैटबॉट को अपने काउंसलर में बदल सकते हैं। आप उससे पूछे सकते हैं कि आपकी डिग्री या पढ़ाई के अनुसार कौन सी जॉब या करियर आपके लिए बेस्ट होगा। AI चैटबॉट आपके कई अपने ऑप्शन दे सकता है। साथ ही, यह भी बता सकता है कि इसके लिए किस कंपनी में अच्छी जॉब होंगी। आप अपनी स्किल, योग्यता, अनुभव आदि को लिस्ट करके अपनी प्रोफ़ाइल के आधार पर सही नौकरियों के लिए पूछ सकते हैं। एक ही जगह मिलेंगी कई जॉब्स ChatGPT का यूज आप सर्च इंज की तरह भी कर सकते हैं। विभिन्न वेबसाइट पर लिस्ट की गईं जॉब्स को देखने और एप्लाई करना लोगों के सिर दर्द बन जाता है। वही, उसमें कई जॉब्स ऐसी होती हैं, जो आपके काम की नहीं हैं। अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर जॉब सर्च करने की जगह आप चैटजीपीटी का यूज करके एक ही जगह सभी जॉब्स देख सकते हैं। कंपनियों के बारे में देगा जानकारी जॉब किस कंपनी में यह जानने के बाद लोगों को उस कंपनी के बारे में भी जानना चाहिए। आपको पता होना चाहिए कि वहां कि रेटेंशन रेट, कंपनी की वर्तमान वित्तीय स्थिति, किसी विशेष भूमिका के लिए औसत वेतन आदि क्या है। इसके लिए विभिन्न वेबसाइट पर जाने से अच्छा है कि आप चैटजीपीटी से सवाल करें। आप कंपनी का नाम डालकर उससे अपने सारे सवाल पूछ सकते हैं। वह आपको कुछ ही मिनटों में कंपनी की सारी जानकारी दे देगा।  

भारत को लेकर इंग्लिश गेंदबाज का बड़ा बयान, बुमराह के लिए दी खास सलाह

नई दिल्ली इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैच की सीरीज का पहला मुकाबला भारत हार चुका है। दूसरा मुकाबला बुधवार से बर्मिंघम के एजबेस्टन में होना है। स्टार पेसर जसप्रीत बुमराह दूसरे टेस्ट में खेलेंगे या नहीं, इस पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। लीड्स टेस्ट में इंग्लैंड की पहली पारी में उन्होंने 5 विकेट लिए थे। इस बीच इंग्लैंड के तेज गेंदबाज मार्क वुड ने भारत के कप्तान शुभमन गिल और और कोच गौतम गंभीर को चेताया है कि बुमराह को न खिलाना भारी पड़ सकता है। चोट की वजह से 5 टेस्ट मैच की सीरीज से बाहर चल रहे वुड ने स्काई स्पोर्ट्स पॉडकास्ट में कहा, 'वे 2-0 से पीछे होना नहीं चाहेंगे। इसलिए आप अपने बेस्ट बोलर को चाहते हैं। ऐसा हो ही नहीं सकता कि वह (बुमराह) कहे- मैं लॉर्ड्स में नहीं खेलूंगा। मुझे ऐसा नहीं सोचता। मुझे लगता है कि वह दोनों ही मैच (एजबेस्टन और लॉर्ड्स टेस्ट) खेलना चाहेगा।' मार्क वुड ने आगे कहा, ‘मान लीजिए कि भारत अगला मैच जीत भी जाए तो 1-1 हो जाएगा, फिर भी मैं सोचता हूं कि वे चाहेंगे कि वह फर्क पैदा करे और उसे आगे भी खिलाएंगे। मुझे लगता है कि हर विदेशी गेंदबाज वहां (लॉर्ड्स) में खेलना चाहेगा, वह भी यही चाहेगा।’ वर्क लोड मैनेजमेंट के तहत टीम मैनेजमेंट जसप्रीत बुमराह को 5 टेस्ट की सीरीज के सिर्फ 3 मैच ही खिलाना चाहता है। पहला मैच तो हो गया है लेकिन बाकी बचे 4 में से किन दो में बुमराह खेलेंगे, यह स्पष्ट नहीं है। लीड्स टेस्ट में बुमराह खेले थे लेकिन भारत हार गया। अब एजबेस्टन में भी उसे हार मिली तो सीरीज में इंग्लैंड 2-0 की बढ़त ले लेगा। वैसे इस ग्राउंड में आज तक भारत एक भी टेस्ट नहीं जीता है। फिर भी रिकॉर्ड तो टूटने के लिए ही होते हैं।  

बेंगलुरु की फ्लाइट में आई ईंधन की गंध, उड़ान तकनीकी कारणों से निरस्त

प्रयागराज  प्रयागराज से बेंगलुरु के लिए उड़ान भरने जा रही इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6E-6036  टेकऑफ से ठीक पहले तकनीकी कारणों से निरस्त कर दी गई. यात्रियों के अनुसार, बोर्डिंग के बाद विमान में पेट्रोल जैसी गंध महसूस हुई, जिसके बाद फ्लाइट को तुरंत रोक दिया गया. इस घटना से यात्री असमंजस में पड़ गए. फ्लाइट में सवार NLSIU बेंगलुरु के एक छात्र ने बताया कि  बैठने के काफी देर बाद तक फ्लाइट टेकऑफ नहीं हुआ. यात्रियों को सूचित किया गया कि सुरक्षा जांच चल रही है और कोई खतरे की बात नहीं है. लेकिन इसी दौरान कुछ यात्रियों ने केबिन में ईंधन जैसी गंध की शिकायत की. तभी पायलट की ओर से एनाउंसमेंट किया गया कि तकनीकी कारणों से उड़ान में देरी हो रही है. इसी बीच 4-5 एयरलाइन स्टाफ कॉकपिट में गए और पायलट से चर्चा करने के बाद यह निर्णय लिया कि सभी यात्री अपना सामान लेकर बाहर आ जाएं. इसके तुरंत बाद उड़ान रद्द करने की औपचारिक घोषणा कर दी गई. रीरूटिंग, कैब व रिफंड का विकल्प  इंडिगो की ओर से यात्रियों को यह जानकारी दी गई कि तकनीकी कारणों से फ्लाइट निरस्त की जा रही है और उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है. यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानों या पूर्ण रिफंड का विकल्प दिया गया. इंडिगो के कर्मचारियों ने बताया कि वैकल्पिक उड़ानों की व्यवस्था दिल्ली, मुंबई, वाराणसी और लखनऊ जैसे नजदीकी शहरों से की जा रही है. 'फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व' के आधार पर यात्रियों को अन्य फ्लाइट्स में समायोजित करने की प्रक्रिया शुरू की गई. जिन यात्रियों को लखनऊ से उड़ान में स्थान मिला, उन्हें प्रयागराज से लखनऊ एयरपोर्ट तक पहुंचाने के लिए इंडिगो की ओर से कैब सुविधा प्रदान की गई. इस फ्लाइट में बड़ी संख्या में छात्र शामिल थे, जिनमें से कई प्रतिष्ठित संस्थानों के थे. फ्लाइट निरस्त होने की सूचना मिलने के बाद कुछ यात्रियों के परिजन भी एयरपोर्ट पहुंच गए. एयरपोर्ट प्रशासन ने दी सफाई प्रयागराज एयरपोर्ट के निदेशक मुकेश चंद्र उपाध्याय ने कहा कि, हाल ही में देश के अन्य हिस्सों में कुछ तकनीकी घटनाएं सामने आई हैं. इन्हीं को ध्यान में रखते हुए, एयरपोर्ट पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है. यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. जब प्रयागराज से उड़ान भरने वाली इस फ्लाइट में किसी भी प्रकार की गंध महसूस की गई, तो तुरंत निर्णय लेकर फ्लाइट को निरस्त किया गया. उन्होंने बताया कि इंडिगो की ओर से यात्रियों को पूरी सुविधा देने के निर्देश दिए गए हैं, और यदि कोई यात्री अपनी यात्रा जारी नहीं करना चाहता तो उसे पूर्ण धनवापसी दी जाएगी या टिकट को अगली उपलब्ध तिथि पर शिफ्ट किया जाएगा.

शराब घोटाले में पूर्व मंत्री लखमा के खिलाफ कोर्ट में 1200 पन्नों का चालान पेश, जानें चार्जशीट में क्या है?

रायपुर  छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया है, जिसमें उनकी अहम भूमिका का उल्लेख है. यह मामला 2000 करोड़ रुपये से अधिक के शराब घोटाले से जुड़ा है.  कांग्रेस नेता लखमा करीब 5 महीने से रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए. चलन 1200 पन्नो समेत 66 पन्नो की समरी का है. इसे ACB/EOW की विशेष अदालत में पेश किया गया. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में हुए 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की ईडी जांच कर रही है. छत्तीसगढ़ शराब घोटाला साल 2019 से 2022 के बीच हुआ था. इस समय कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार सत्ता में थी. उस समय कवासी लखमा राज्य के आबकारी मंत्री थे. आरोपों के मुताबिक, कवासी लखमा को 36 महीनों में अवैध सिंडिकेट के माध्यम से 72 करोड़ रुपये मिले थे. यह मामला छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार से जुड़ा हुआ है और ईडी इसकी जांच कर रही है. लखमा को इसी वर्ष 15 जनवरी को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. इससे पहले 28 दिसंबर 2024 को ईडी ने लखमा और उनके करीबियों के घरों पर छापेमारी की थी. 3 जनवरी और 9 जनवरी को भी कांग्रेस नेता लखमा से पूछताछ की गई थी. इसके बाद 15 जनवरी को पूछताछ के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. लखमा तभी से जेल में है. जांच में सामने आया है कि शराब की अवैध कमाई से लखमा को 64 करोड़ मिले। पूर्व मंत्री ने बेटे के लिए 1.4 और खुद के लिए 2.24 करोड़ में मकान बनाया। बहू-बेटियों समेत कई कारोबारियों के नाम 18 करोड़ का निवेश किया। चालान के अनुसार कवासी लखमा ने साल 2019-2023 के दौरान आबकारी मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया। घोटाले से 64 करोड़ की अवैध कमाई कवासी लखमा के हिस्से में आई है। इसमें से 18 करोड़ रुपए की राशि से संबंधित निवेश और खर्च के दस्तावेजी साक्ष्य भी जांच एजेंसी को मिले हैं। गौरतलब है कि शराब घोटाला मामले में अब तक कुल चार चार्जशीट (एक मूल और तीन पूरक चालान) स्पेशल कोर्ट में पेश किए जा चुके हैं। इस मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आबकारी नीति-2017 को ही बदल दिया शराब घोटाले की पड़ताल के दौरान ये भी खुलासा हुआ कि तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने भ्रष्टाचार के लिए सबसे पहले 2019 में आबकारी नीति-2017 को ही बदल दिया। इससे उन्हें सीधा लाभ मिला। उन्होंने आईएएस अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर के साथ मिलकर सिंडीकेट बनाया। इस सिंडीकेट को चलाने के लिए इंडियन टेलीकॉम सर्विस के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी को प्रतिनियुक्ति पर आबकारी में लाए। उसके बाद अपने मंसूबे अंजाम दिए। सिंडीकेट ने 4 साल में 2161 करोड़ रुपए का घोटाला किया है। पुरैना में 2.24 करोड़ रुपए का बंगला इसमें लखमा को कमीशन के तौर पर 64 करोड़ रुपए कैश मिले। लखमा ने भ्रष्टाचार से मिले 1.4 करोड़ रुपए से बेटे हरीश के लिए सुकमा में आलीशान मकान बनाया। खुद के लिए पुरैना में 2.24 करोड़ रुपए का बंगला बनाया। जगदलपुर में 4.1 करोड़ रुपए में सीमेंट फैक्ट्री को लीज पर लिया। शराब घोटाला मामले में ये गिरफ्तार 2024 में आईटीएस अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी, बीएसपी कर्मी अरविंद सिंह, कारोबारी अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, अनुराग द्विवेदी, अमित सिंह, दीपक दुआरी, दिलीप पांडेय, रिटायर आईएएस अनिल टुटेजा, सुनील दत्त। 2025 में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा और कारोबारी विजय भाटिया को गिरफ्तार किया गया है। प्रति पेटी ऐसे कमीशन     अनिल टुटेजा- 150 रुपए     अनवर ढेबर- 150 रुपए     विकास अग्रवाल-75 रुपए     बीएसपी कर्मी अरविंद सिंह- 75 रुपए     हर जिले के आबकारी अधिकारी- 150 रुपए     सीएसएमसीएल- 150 रुपए जानिए क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था। A, B और C कैटेगरी में बांटकर किया गया घोटाला A: डिस्टलरी संचालकों से कमीशन 2019 में डिस्टलरी संचालकों से प्रति पेटी 75 रुपए और बाद के सालों में 100 रुपए कमीशन लिया जाता था। कमीशन को देने में डिस्टलरी संचालकों को नुकसान ना हो, इसलिए नए टेंडर में शराब की कीमतों को बढ़ाया गया। साथ ही फर्म में सामान खरीदी करने के लिए ओवर बिलिंग करने की राहत दी गई। B: नकली होलोग्राम वाली शराब को सरकारी दुकानों से बिकवाना डिस्टलरी मालिक से ज्यादा शराब बनवाई। नकली होलोग्राम लगाकर सरकारी दुकानों से बिक्री करवाई गई। नकली होलोग्राम मिलने में आसानी हो, इसलिए एपी त्रिपाठी के माध्यम से होलोग्राम सप्लायर विधु गुप्ता को तैयार किया गया। होलोग्राम के साथ ही शराब की खाली बोतल की जरूरत थी। खाली बोतल डिस्टलरी पहुंचाने की जिम्मेदारी अरविंद सिंह और उसके भतीजे अमित सिंह को दी गई। खाली बोतल पहुंचाने के अलावा अरविंद सिंह और अमित सिंह को नकली होलोग्राम वाली शराब के परिवहन की जिम्मेदारी भी मिली। सिंडिकेट में दुकान में काम करने वाले और आबकारी अधिकारियों को शामिल करने की जिम्मेदारी एपी त्रिपाठी को सिंडिकेट के कोर ग्रुप के सदस्यों ने दी।

मस्क को वापस दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ेगा… ट्रंप की खुली धमकी, बोले- बंद हो जाएगी दुकान

वॉशिंगटन अरबपति एलन मस्क और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच लड़ाई बढ़ती जा रही है। 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' को लेकर शुरू हुए विवाद में दोनों एक दूसरे को धमकियां दे रहे हैं। एलन मस्क के वन बिग ब्यूटीफुल बिल को घटिया बताने और नई पार्टी बनाने की बात कहने के बाद ट्रंप ने पलटवार किया है। ट्रंप ने एलन मस्क की कंपनियों की सब्सिडी में कटौती की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि ऐसा हुआ तो मस्क को बिजनेस छोड़कर दक्षिण अफ्रीका वापस जाना पड़ जाएगा। डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर कहा, 'एलन को शायद इतिहास में किसी भी इंसान से ज्यादा सब्सिडी मिलती है। बिना सब्सिडी के उनको अपनी दुकान बंद करके दक्षिण अफ्रीका जाना होगा। सब्सिडी रूकी तो फिर रॉकेट लॉन्च, सैटेलाइट या इलेक्ट्रिक कार उत्पादन नहीं हो सकेगा।' इतना ही नहीं ट्रंप ने DOGE के कामकाज की जांच की बात भी कह दी है, जिसका कमान उन्होंने प्रेसीडेंट बनने के बाद मस्क को सौंपी थी। ट्रंप ने मस्क को याद दिलाया जन्मस्थान डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क को उनके कारोबार को चोट पहुंचाने की धमकी देने के साथ ही ये भी याद दिलाने की कोशिश की है कि वह अमेरिकी नहीं है। उन्होंने एलन मस्क को साउथ अफ्रीका लौटाने की बात कही है, जहां उनका जन्म हुआ था। मस्क साउथ अफ्रीका से कनाडा आए और फिर अमेरिका शिफ्ट हुए। हालांकि आज के समय में अमेरिका में उनका बड़ा कारोबार है और वह दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार हैं। डोनाल्ड ट्रंप के इस पोस्ट से पहले एलन मस्क ने कहा था कि अगर डोनाल्ड ट्रंप का 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' अमेरिकी संसद में पास हुआ तो वह अगले ही दिन नई सियासी पार्टी बना लेंगे। मस्क ने ट्रंप के इस बिल की आलोचना करते हुए इसे गुलामी वाला विधेयक बताया है। दूसरी ओर ट्रंप इस बिल को अपनी सरकार की प्रतिष्ठा की तरह देख रहे हैं। ऐसे में यह डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच तनातनी की वजह बन गया है। वन बिग ब्यूटीफुल बिल और रार एलन मस्क ने बीते साल हुए चुनाव प्रचार में डोनाल्ड ट्रंप की जमकर मदद की थी। यहां तक कि उनको 'अमेरिका का असली राष्ट्रपति' जैसे नाम सोशल मीडिया पर मिले थे। हालांकि कुछ महीनों में ही दोनों के संबंधों में दरार आ गई। दोनों के बीच विवाद की बड़ी वजह वन बिग, ब्यूटीफुल बिल बना है, जिस पर दोनों खुलकर एक-दूसरे को कोस रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप का महत्वाकांक्षी 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' टैक्स कटौती, सेना का बजट बढ़ाने और अवैध प्रवासियों के बड़े पैमाने पर निर्वासन के लिए खर्च बढ़ाने से जुड़ा है। इस खर्च के बढ़ने का असर देश का स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्र पर पड़ने की संभावना है। इसी बात के लिए एलन मस्क समेत एक बड़ा एक वर्ग इस बिल की आलोचना कर रहा है।

जगदलपुर : प्राकृतिक आपदा पीड़ित 04 परिवारों को 16 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत

जगदलपुर कलेक्टर श्री हरिस एस. द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत् प्राकृतिक आपदा पीड़ित 04 परिवारों को 16 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है। जिसके तहत् तहसील जगदलपुर ग्राम धनपुंजी निवासी अभिषेक की मृत्यु पानी में डूबने से माता श्री कंचन को, तहसील लोहण्डीगुड़ा ग्राम नेंगानार निवासी रमेश की मृत्यु बिजली गिरने से माता श्रीमती सोमड़ी भास्कर को, ग्राम आंजर निवासी मंगती की मृत्यु पानी में डूबने से पति भास्तेर को और तहसील बकावण्ड ग्राम मालगांव निवासी रत्ना नाग की मृत्यु बिजली गिरने से पति श्री थबीर नाग प्रत्येक को चार-चार लाख रूपए की सहायता राशि प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है। उक्त स्वीकृत सहायता राशि संबंधित हितग्राहियों के बैंक खाते में सीधे अंतरित किए जाने के निर्देश संबंधित तहसीलदारों को दिए गए हैं।

कजाकिस्तान की सरकार की नकाब और हिजाब पर सख्ती, चेहरे ढकने पर प्रतिबंध

अस्ताना  कजाकिस्तान में महिलाएं सार्वजनिक स्थानों पर नकाब या चेहरे को ढकने वाला कपड़ा नहीं पहन सकेंगी। कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम जोमार्ट टोकायेव ने सोमवार को इस कानून पर हस्ताक्षर किए हैं। यह कानून सार्वजनिक जगहों पर किसी को अपना चेहरा ढकने पर रोक लगाता है। सोवियत संघ का हिस्सा रहे कजाकिस्तान की सरकार का ये आदेश इसलिए ध्यान खींचता है क्योंकि देश की 70 फीसदी आबादी इस्लाम धर्म को मानने वाली है। दुनियाभर में मुस्लिम महिलाओं के बड़े हिस्से में हिजाब (चेहरा ढकने) पहनने का चलन देखा जाता है। ऐसे में कजाकिस्तान सरकार के फैसले को देश के धार्मिक संगठनों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि कानून में सीधेतौर पर किसी धर्म या धार्मिक पोशाक का जिक्र नहीं किया गया है। मध्य एशियाई देशों में बीते कुछ समय में बुर्के और नकाब जैसे लिबास पर पाबंदी का चलन देखा गया है, कजाकिस्तान भी इसमें शामिल हो गया है। कजाकिस्तान का नया कानून कहता है कि ऐसे कपड़े, जिनसे चेहरे को पहचाना नहीं जा सके। उन्हें सार्वजनिक जगहों पर पहनने की इजाजत नहीं होगी। हालांकि कुछ मामलों में इस कानून से छूट दी जाएगी। मेडिकल कारण, खराब मौसम, खेल या सांस्कृतिक कार्यक्रम में ऐसे कपड़े पहनने की छूट होगी। राष्ट्रपति ने क्या कहा है कजाकिस्तान के राष्ट्रपति टोकायेव ने इस चेहरे ढकने संबंधी नए कानून को देश में जातीय पहचान को बढ़ावा देने की तरफ एक कदम कहा है। उन्होंने कहा कि चेहरा छिपाने वाले कपड़े पहनने के बजाय राष्ट्रीय शैली के कपड़े पहनना ज्यादा बेहतर है। हमारे राष्ट्रीय कपड़े हमारी जातीय पहचान को खूबसूरती से दिखाते हैं, इसलिए हमें उन्हें खूब बढ़ावा देना चाहिए। टोकायेव ने देश की धर्मनिरपेक्षता बरकरार रखने पर भी जोर दिया है। कजाकिस्तान सरकार ने इससे पहले, 2023 में एक अहम फैसला लेते हुए स्कूलों में हिजाब और नकाब पर रोक लगा दी थी। उस समय कजाकिस्तान सरकार ने छात्राओं और शिक्षिकाओं के स्कूल में हिजाब पहनकर आने पर रोक लगाई थी।। कजाकिस्तान की सरकार के इस फैसले के खिलाफ तब लड़कियों ने अपना जोरदार विरोध दर्ज कराया था। कई देशों ने लगाई नकाब पर रोक मध्य एशियाई देशों में हालिया वर्षों में ऐसे कानून बने हैं, जो नकाब पर रोक लगाती हैं। किर्गिस्तान में पुलिस ने सड़कों पर गश्त करके नकाब पहनने पर रोक लगाई है। उज्बेकिस्तान में नकाब पहनने पर 250 डॉलर से ज्यादा का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया। ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली राखमोन ने सार्वजनिक जगहों पर चेहरा ढकने वाले कपड़े पहनने पर पाबंदी लगाई है।  

हिमाचल में मूसलाधार बारिश कहर बरपा रही, ब्यास नदी उफान पर, मंडी में बादल फटने से तबाही, शिमला में लैंडस्लाइड

मंडी/शिमला हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश अब कहर बरपा रही है। राज्य के ज्यादातर हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। मंडी जिला में बीती रात बादल फटने की कई घटनाओं ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। करसोग उपमंडल में 45 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि दो अन्य लोग लापता हैं। करसोग के डीएसपी ने इसकी पुष्टि की है। मंडी जिला के गोहर के स्यांज गांव में नाले में आए सैलाब में नौ लोग लापता हैं। मां-बेटी को सुरक्षित बचा लिया गया, लेकिन अन्य की तलाश जारी है। मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में आज सभी स्कूल-कॉलजे बंद कर दिए गए हैं। सोमवार शाम तक राज्य भर में 259 सड़कें बंद थीं। भारी बारिश और बादल फटने से मंडी के अलग अलग हिस्से में तबाही जारी है. पंडोह डैम से 1 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है..जिससे पंडोह बाजार में बीती रात पानी भरने से भगदड़ जैसे हालात हो गए. आज भी मंडी में बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है. जिले के स्कूल कॉलेज आज बंद हैं. मौसम विभाग के मुताबिक जून में 37 फीसदी ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है. बारिश के बाद तापमान भी सामान्य से कम जा रहा है.  जिला ऊना, बिलासपुर, मंडी, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. राज्य में बीते 24 घंटे में तीन लोगों की मौत हुई है. इस मानसून सीज़न में अब तक 20 लोगों बिगड़े मौसम की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं. बारिश के कारण अबतक हिमाचल प्रदेश में 800 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है.  मौसम की वजह से हिमाचल में 130 इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप्प हो गयी है. कई जगह पानी की सप्लाई भी प्रभावित है. भूस्खलन की वजह से 259 सड़कें बंद हैं.  मंडी के सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाके थुनाग, करसोग और कुकलाह हैं. जहां सड़कें बह गईं, बादल फट गए और नदी-नालों में उफान के साथ अचानक बाढ़ आ गई जिससे काफ़ी नुकसान हुआ है.  हिमाचल प्रदेश के सोलन में चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाईवे-5 पर मार्ग चक्की मोड़ पर पहाड़ी से लगातार पत्थर व मलवा गिर रहे हैं. इसके कारण बार-बार यहां ट्रैफिक बंद हो रहा है. लंबा जाम लगा हुआ है. चक्की मोड को क्रॉस करने में लोगों को कई-कई घंटे का समय लग रहा है. रविवार को भी इसी तरह की स्थिति बनी हुई थी. जिले में चारों ओर तबाही का मंजर है। पंडोह बाजार में जलभराव के चलते लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। बाखली और कुकलाह पुल टूट गए हैं और चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पूरी तरह बंद है। पटीकरी पावर प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान पहुंचा है। पंडोह डैम से भारी मात्रा में छोड़ा जा रहा पानी, ब्यास नदी उफान पर लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। पंडोह डैम का जलस्तर 2922 फीट तक पहुंच गया है जो 2941 फीट के खतरे के निशान के करीब है। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए डेढ़ लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी ब्यास नदी में छोड़ा जा रहा है। मंडी शहर में पंचवक्त्र मंदिर तक पानी पहुंच गया। धर्मपुर की लौंगनी पंचायत के स्याठी गांव में भी कई घर, गौशालाएं और मवेशी बारिश में बह गए। मंडी इंदिरा आवास कॉलोनी और रघुनाथपधर में भी रातभर राहत-बचाव कार्य चला। हमीरपुर के सुजानपुर के खेरी गांव में फंसे लोगों का रेस्क्यू हमीरपुर जिले के सुजानपुर उपमंडल के खेरी गांव में ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से 20 से अधिक लोग फंस गए, जिनमें से अब तक 15 को बचाया जा चुका है। प्रशासन व पुलिस की टीमों ने मोर्चा संभाला हुआ है। जंगलबेरी से पुलिस की बटालियन मौके पर डटी हुई है। 3 जिलों के स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी, छह जिलों में येलो अलर्ट लगातार बारिश और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में आज सभी स्कूल-कॉलजे बंद कर दिए गए हैं। उपायुक्त कांगड़ा, मंडी और हमीरपुर ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें, नदी-नालों से दूर रहें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें। मौसम विभाग ने चंबा, मंडी, हमीरपुर, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में अगले 24 घंटों के लिए बाढ़ का येलो अलर्ट जारी किया है। बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन, ऊना जिलों में आज कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। राज्य में 6 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। 44 मौतें, 75 करोड़ की क्षति राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 20 से 30 जून के बीच वर्षा जनित घटनाओं में 44 लोगों की जान जा चुकी है, 83 घायल हुए हैं और 5 लोग अब भी लापता हैं। सोमवार शाम तक राज्य भर में 259 सड़कें बंद थीं, 614 ट्रांसफार्मर ठप हो गए और 130 पेयजल योजनाएं बाधित हुई हैं। अब तक प्रदेश को 75 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। भारी बारिश से भूस्खलन, कई इमारतें ढहीं, सड़कें अवरुद्ध, अब तक 23 लोगों की मौत बता दें कि सोमवार को भारी बारिश के कारण राज्य में कई इमारतें ढह गईं, भूस्खलन हुआ और सड़कें अवरुद्ध हो गईं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, भारी बारिश के कारण बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन के कारण मंडी में 129 और सिरमौर जिले में 92 सहित राज्य में 259 सड़कें बंद हो गईं और 614 ट्रांसफार्मर व 130 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हो गईं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 20 जून को मॉनसून के आगमन के बाद से अब तक राज्य में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 23 लोगों की मौत हो चुकी है. जून में 34 प्रतिशत ज्यादा बारिश हिमाचल में जून में औसत 135 मिमी बारिश हुई जबकि सामान्य बारिश 101 मिमी होती है. यह 34 प्रतिशत अधिक है. यह 1901 के बाद से राज्य में जून के महीने में 21वीं सबसे अधिक बारिश है. सबसे अधिक बारिश 252.7 मिमी है जो साल 1971 में दर्ज की गई थी. मंडी में सबसे ज्यादा बारिश पालमपुर, बैजनाथ, सुंदरनगर, मुरारी देवी, कांगड़ा, शिमला और इसके आसपास के क्षेत्र जुब्बड़हट्टी में गरज के साथ बारिश हुई. राज्य के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई. मंडी … Read more

रायपुर : प्रदेश में अब तक 158.6 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

रायपुर छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 158.6 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 338.0 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 68.5 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा में 144.6 मि.मी., सूरजपुर में 199.0 मि.मी., जशपुर में 301.0 मि.मी., कोरिया में 223.1 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 144.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर जिले में 124.9 मि.मी., बलौदाबाजार में 159.3 मि.मी., गरियाबंद में 153.9 मि.मी., महासमुंद में 130.0 मि.मी. और धमतरी में 131.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर में 90.0 मि.मी., मुंगेली में 109.7 मि.मी., रायगढ़ में 204.5 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 121.6 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 168.5 मि.मी., सक्ती में 102.5 मि.मी. कोरबा में 144.4 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 138.5 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। दुर्ग जिले में 105.5 मि.मी., कबीरधाम में 77.8 मि.मी., राजनांदगांव में 75.8 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 201.3 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 96.7 मि.मी., बालोद में 141.8 मि.मी. और बस्तर जिले में 232.5 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। कोंडागांव में 152.9 मि.मी., कांकेर में 198.1 मि.मी., नारायणपुर में 147.9 मि.मी., दंतेवाड़ा में 214.8 मि.मी., सुकमा में 106.6 मि.मी. और बीजापुर में 283.5 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।

रायपुर : राज्यपाल डेका से आदिम जाति विभाग के प्रमुख सचिव श्री बोरा ने की सौजन्य भेंट

रायपुर राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज राजभवन में आदिम जाति, अनुसूचित जाति विकास विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने सौजन्य भेंट की। उन्होंनें विभाग की गतिविधियों से राज्यपाल को अवगत कराया।