राजा हत्याकांड: सभी आरोपियों से हो चुकी है कई राउंड की पूछताछ, अब तक साफ नहीं हुआ राजा की हत्या का मकसद

इंदौर  पूरे देश में चर्चा का विषय बने इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड में पुलिस जांच जारी है। इस बीच, राजा रघुवंशी के परिवार ने मांग की है कि हत्या का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है, इसलिए सोनम रघुवंशी का नार्को टेस्ट हो चाहिए। राजा रघुवंशी का भाई विपिन ने मीडिया से चर्चा में कहा कि हमने पुलिस से कई बार नार्को टेस्ट की मांग की है, लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम हाई कोर्ट का रुख करेंगे। दुल्हन को चढ़ाये थे 17 लाख के आभूषण इस बीच, सोमवार को पुनः राजा रघुवंशी का भाई विपिन क्राइम ब्रांच पहुंचा। एसआइटी ने उनसे सोनम के लिए बनवाए आभूषण की लिस्ट मांगी। विपिन ने कहा कि हमने दुल्हन को करीब 17 लाख के आभूषण चढ़ाये थे। उसके फोटो भी पुलिस को दिए हैं। विपिन ने पुनः नार्को टेस्ट की मांग की। मेघालय आने वाले पर्यटकों को अब गाइड रखना अनिवार्य शिलांग से खबर है कि पर्यटकों की सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से मेघालय में अधिकारियों ने पूर्व खासी हिल्स जिले में आगंतुकों के लिए गाइड रखना अनिवार्य कर दिया है। यह आदेश इंदौर के व्यापारी राजा रघुवंशी की हत्या के एक महीने बाद आया है, जिसकी योजना उनकी पत्नी ने राज्य के सोहरा क्षेत्र में अपने हनीमून के दौरान बनाई थी। पूर्वी खासी पवर्तीय जिले की उपायुक्त रोसेटा एम कुरबाह ने एक आदेश में कहा कि सुरक्षा कारणों को देखते हुए, अब सभी पर्यटकों के लिए क्षेत्र में पर्वतारोहण के दौरान पंजीकृत गाइड की सेवाएं लेना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि अनिवार्य गाइड सेवाएं न केवल आगंतुकों के लिए बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी, बल्कि इससे अलग-थलग क्षेत्रों में खो जाने, चोट लगने या आपराधिक गतिविधियों का शिकार होने जैसी घटनाओं को रोकने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने राजा रघुवंशी हत्याकांड के बाद सुरक्षा संबंधी चिंताओं का हवाला दिया है। पर्यटन अधिकारियों ने कहा कि आदेश का सख्ती से पालन किया जाएगा तथा उल्लंघन करने वालों को जुर्माना भरना पड़ सकता है या उन्हें विभिन्न मार्गों पर जाने से रोका जा सकता है। प्रशासन ने निर्देश को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए अधिक प्रशिक्षित गाइड तैनात करने तथा स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर काम करने की भी योजना बनाई है।

2 किलो सोने का नया मुकुट पहनेंगे इंदौर खजराना गणेश, पुराने मुकुट में क्रैक के बाद लिया निर्णय

इंदौर  इंदौर के प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में विराजित भगवान गणेश को अब नए स्वर्ण आभूषणों से श्रृंगारित किया जाएगा। इसको लेकर वर्तमान लगभग 7 किलो के सोने के आभूषणों को गलाकर नई डिजाइन में आभूषणों को तैयार किया जाएगा। जिनसे गणेश चतुर्थी पर खजराना गणेश का श्रृंगार किया जाएगा। इसके चलते जिला प्रशासन द्वारा गठित एक विशेष समिति ने बुधवार को जिला कोषालय में रखे गए पुराने स्वर्ण आभूषणों का निरीक्षण कर नए मुकुट और आभूषणों की रूपरेखा तय की। दो चरणों में तैयार होंगे नए आभूषण मंदिर के प्रमुख पुजारी पं. अशोक भट्ट ने बताया कि खजराना गणेश के पुराने आभूषणों को गलाकर ही नए स्वर्ण आभूषण तैयार किए जाएंगे। निर्माण कार्य को दो चरणों में किया जाएगा। पहले चांदी से मॉडल तैयार किया जाएगा, जिसमें सभी डिजाइन और माप की पुष्टि की जाएगी, फिर उसी आधार पर स्वर्ण आभूषण बनाए जाएंगे। चांदी के मॉडल बनाने में लगभग एक महीने का समय लगेगा। भगवान के पुराने सोने के एक मुकुट में क्रैक आ गया था, जिसके चलते नया सोने का मुकुट बनाने का निर्णय कुछ समय पहले लिया गया। इसके लिए एक समिति का भी गठन किया है। भगवान गणेश के साथ ही रिद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ के भी नए मुकुट तैयार किए जाएंगे। करीब 6-7 किलो सोने का भगवान गणेश का मुकुट तैयार किया जाएगा। बता दें, इंदौर का खजराना गणेश मंदिर लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है। रोजाना हजारों भक्त यहां भगवान के दर्शन को आते हैं। त्योहार पर ये संख्या काफी बढ़ जाती है। गणेश चतुर्थी, तिल चतुर्थी पर बड़ी संख्या में भक्त यहां भगवान के दर्शन करने आते हैं। इसके अलावा नए साल पर भी काफी संख्या में यहां भक्त आते हैं। वहीं, बुधवार और रविवार को भी यहां भक्तों की संख्या बाकी दिनों से ज्यादा रहती है। करीब 7 किलो है मौजूदा स्वर्ण आभूषणों का कुल वज़न पंडित भट्ट के अनुसार, भगवान गणेश सहित रिद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ की मूर्तियों के लिए कुल मिलाकर लगभग 7 किलो स्वर्ण आभूषण मौजूद हैं। इनमें शामिल हैं— भगवान गणेश के दो स्वर्ण मुकुट रिद्धि-सिद्धि के दो मुकुट और एक चंद्रिका शुभ-लाभ के दो मुकुट और स्वर्ण सिक्के इन सभी पुराने गहनों को गलाकर नए और भव्य स्वरूप में ढाला जाएगा। सबसे पहले भगवान गणेश का नया स्वर्ण मुकुट और चंद्रिका तैयार की जाएगी। गणेश चतुर्थी और तिल चतुर्थी पर होते हैं अलंकृत      हर साल गणेश चतुर्थी और तिल चतुर्थी के पावन अवसर पर भगवान को स्वर्ण आभूषण पहनाए जाते हैं। इसलिए समिति का प्रयास रहेगा कि नए मुकुट और आभूषण गणेश चतुर्थी तक तैयार हो जाएं ताकि इस वर्ष भगवान गणेश को नए स्वरूप में सजाया जा सके। इंदौर के ज्वेलर को सौंपी गई जिम्मेदारी पं. भट्ट ने बताया कि नए आभूषणों को इंदौर के ही एक प्रतिष्ठित ज्वेलर द्वारा तैयार किया जाएगा। सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए इस प्रक्रिया की निगरानी समिति के सदस्य और मंदिर ट्रस्ट के प्रतिनिधि करेंगे।  समिति ने निरीक्षण कर तैयार की कार्ययोजना  बुधवार को समिति के सदस्य कलेक्टर ऑफिस स्थित कोषालय पहुंचे और मौजूद सभी स्वर्ण आभूषणों का निरीक्षण कर नए आभूषण निर्माण की कार्ययोजना तैयार की। इस दौरान मंदिर के पुजारी, ट्रस्ट के सदस्य और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

मनरेगा से 30 हजार से अधिक महिलाओं की निजी भूमि पर लगेंगे 30 लाख फलदार पौधे, 1000 करोड़ रुपए की राशि की जाएगी खर्च

एक बगिया माँ के नाम परियोजना 15 अगस्त से होगी शुरू : मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रधानमंत्री  मोदी के एक पेड़ मां के नाम अभियान से मिली प्रेरणा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव मनरेगा से 30 हजार से अधिक महिलाओं की निजी भूमि पर लगेंगे 30 लाख फलदार पौधे, 1000 करोड़ रुपए की राशि की जाएगी खर्च महिलाओं और स्व-सहायता समूहों की तरक्की का आधार बनेगी परियोजना भोपाल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वसहायता समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए पूरे देश में ज्ञान अभियान चलाया जा रहा है। पीएम श्री मोदी के एक पेड़ मां के नाम अभियान से प्रेरित होकर प्रदेश में भी नई परियोजना शुरू की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और कई महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन अवसर पर स्वसहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बड़ी घोषणा की है। प्रदेश में मनरेगा के माध्यम से “एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना चलाई जाएगी। परियोजना के अंतर्गत मनरेगा के माध्यम से प्रदेश की 30 हजार से अधिक स्व सहायता समूह की पात्र महिलाओं की निजी भूमि पर 30 लाख से अधिक फलदार पौधे लगाएं जाएंगे जो महिलाओं की आर्थिक तरक्‍की का आधार बनेंगे। 30 हजार एकड़ निजी भूमि पर किया जाएगा पौधारोपण प्रदेश की स्‍व-सहायता समूह की 30 हजार से अधिक महिलाओं की 30 हजार एकड़ निजी भूमि पर ‘’एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना के अंतर्गत पौधरोपण किया जाएगा। लगभग 1000 करोड़ रुपए की लागत से आजीविका संर्वद्धन के लिए 30 लाख उद्यानिकी पौधों का रोपण कर फलोद्यान का विकास किया जाएगा।परियोजना के तहत हितग्राहियों को पौधे, खाद, गड्‌ढे खोदने के साथ ही पौधों की सुरक्षा के लिए कटीले तार की फेंसिंग और सिंचाई के लिए 50 हजार लीटर का जल कुंड बनाने के लिए राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही उद्यान के विकास के लिए महिला हितग्राहियों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।  15 अगस्त से शुरू होगा अभियान “एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना अंतर्गत फलदार पौधारोपण का कार्य प्रदेश में 15 अगस्त से अभियान के रूप में शुरू होगा जो 15 सितंबर तक चलेगा। फलदार पौधरोपण की इच्छुक महिलाओं का होगा चयन “एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना के अंतर्गत आजीविका मिशन के स्‍व-सहायता समूह की ऐसी महिला सदस्‍य, जो फलदार पौधारोपण करने हेतु इच्‍छुक हों, का चयन किया जाएगा। चयनित महिला हितग्राही के नाम पर भूमि नहीं होने की दशा में उस महिला के पति-पिता-ससुर-पुत्र की भूमि पर उनकी सहमति के आधार पर पौधरोपण किया जाएगा। अत्याधुनिक तकनीक से किया जाएगा स्थल चयन “एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना अंतर्गत पौधरोपण के लिए स्थल का चयन अत्याधुनिक तकनीक (सिपरी सॉफ्टवेयर) के माध्यम से किया जाएगा। स्थल चयन के लिए सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से चयनित हितग्राही की भूमि का परीक्षण किया जाएगा। साथ ही तकनीक के माध्यम से जलवायु, कौन सा फलदार पौधा जमीन के लिए उपयुक्त है, पौधा किस समय और कब लगाया जाएगा इसका भी सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से पता लगाया जाएगा। उपयोगी जमीन नहीं पाए जाने पर पौधरोपण का कार्य नहीं होगा।  

भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट मुकाबला दो जुलाई से, इंग्लैंड ने अपनी प्लेइंग इलेवन का ऐलान कर दिया

लंदन  इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर को टेस्ट क्रिकेट में वापसी करने के लिए अभी और इंतजार करना होगा. उन्हें बर्मिंघम के एजबेस्टन में भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट के लिए इंग्लैंड की प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा गया है. बेन स्टोक्स और उनकी टीम ने सोमवार को पांच मैचों की सीरीज के दूसरे टेस्ट के लिए बिना किसी बदलाव के प्लेइंग इलेवन का ऐलान किया. दाएं हाथ के तेज गेंदबाज को पिछले हफ्ते दूसरे टेस्ट के लिए इंग्लैंड की टीम में शामिल किया गया था और ऐसे संकेत थे कि आर्चर इस मुकाबले में खेलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.  दाएं हाथ का यह तेज गेंदबाज 5 टेस्ट मैचों की इस सीरीज के लीड्स में खेले गए पहले मुकाबले में इंग्लैंड की टीम का हिस्सा नहीं था. उन्हें पिछले ही हफ्ते इंग्लैंड की टेस्ट टीम में शामिल किया गया था. लेकिन आर्चर को प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनने के लिए अभी इंतजार करना होगा. इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने सोमवार को कहा, ‘तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर परिवार में इमरजेंसी के कारण 30 जून, सोमवार को एजबेस्टन में इंग्लैंड टीम के प्रैक्टिस सेशन में शामिल नहीं होंगे. उनके मंगलवार को फिर से टीम के साथ जुड़ने की उम्मीद है.'  आर्चर पिछले कई वर्षों से दाहिने हाथ में कोहनी की चोट से जूझ रहे हैं. उन्होंने अपना पिछला टेस्ट मैच 4 साल पहले अहमदाबाद में भारत के खिलाफ खेला था. तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी के लीड्स में खेले गए पहले मुकाबले में इंग्लैंड ने भारत को आखिरी दिन 5 विकेट से हरा दिया था. भारत ने मैच में टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए अपनी पहली पारी में 471 रन बनाए थे. भारत के लिए पहली पारी में कप्तान शुभमन गिल, उपकप्तान ऋषभ पंत और यशस्वी जायसवाल ने शतकीय पारियां खेलीं. इंग्लैंड के लिए स्टोक्स और टंग ने 4 4 विकेट झटके, जबकि बशीर और कार्स को 1 1 सफलता मिली. जवाब में इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 465 रन बनाए. ओली पोप ने शतकीय पारी खेली, जबकि हैरी ब्रुक 1 रन से शतक बनाने से चूक गए. बेन डकेट ने अर्धशतकीय पारी खेली, जबकि जैमी स्मिथ और क्रिस वोक्स ने क्रमश: 40 और 38 रन बनाए. भारत के लिए स्टार गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने 5 विकेट झटके. प्रसिद्ध कृष्णा ने 3 और मोहम्मद सिराज ने 2 खिलाड़ियों को आउट किया. भारत अपनी दूसरी पारी में 364 रन बनाकर ऑल आउट हो गया और इस तरह  इंग्लैंड को जीत के लिए 371 रनों का लक्ष्य मिला. इंग्लिश टीम ने 5 विकेट गंवाकर यह लक्ष्य हासिल कर लिया और पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 1 0 की बढ़त बना ली. 

मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि जिस तरह झाबुआ जिले में ‘मोटी आई’ के कन्सेप्ट से कुपोषण में कमी हुई है

एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न भोपाल  महिला बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने कहा कि प्रदेश में पोषण ट्रेकर एप के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पंजीकृत बच्चों के शारीरिक माप (ऊंचाई, वजन एवं आयु के अनुपात में पोषण स्थिति) से संबंधित आंकड़ों का सतत विश्लेषण किया जा रहा है। इन आकड़ों के आधार पर राज्य में पोषण स्तर में सुधार के लिए त्वरित एवं क्षेत्र विशेष की आवश्यकता अनुसार कार्ययोजना बनाई जा रही है। मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि पोषण ट्रेकर ऐप न केवल बच्चों के शारीरिक माप बल्कि बच्चों के कुपोषण की स्थिति में बोनापन, कम वजन की पहचान में भी सहायक है। इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि निचले स्तर के अमले इस ऐप का उपयोग सही तरीके से कर रहे है अथवा नहीं। इसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, सुपरवाइजर सभी को तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय करनी होगी। उन्होंने कहा कि निरंतर मॉनिटरिंग करने से त्रुटि को पकड़ा जा सकेगा। मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि जिस तरह झाबुआ जिले में 'मोटी आई' के कन्सेप्ट से कुपोषण में कमी हुई है। इसी तरह अधिकारियों को नवाचार करना चाहिए। हर बच्चे का रिकार्ड रखें, उनकी निगरानी करें और अधिक कमजोर बच्चों को चिकित्सीय सहयोग उपलब्ध कराएं। अपर मुख्य सचिव महिला बाल विकास श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने कहा कि पोषण ट्रेकर ऐप के आँकड़े और वास्तविक आँकड़ों मे फर्क इसलिए दिखता है क्योंकि हम सही मॉनिटरिंग नहीं कर रहे है। हर स्तर पर डेटा की मॉनिटरिंग होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है जहॉ बालिकाओं के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना शुरू कि गई, महिलाओं को हर महीने लाड़ली बहना के तहत निश्चित राशि अंतरित की जा रही है, पर इस बात की मॉनिटरिंग भी होनी चाहिए कि महिलाएं इस राशि का उपयोग कर अपने बच्चों के पोषण पर ध्यान रख रही है अथवा नहीं। अपर मुख्य सचिव श्रीमती शमी ने कहा कि यह कार्यशाला डिजिटल इंडिया मिशन के अनुरूप एक डेटा-ड्रिवन अप्रोच के द्वारा प्रदेश के बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने और उन्हें सुपोषण की ओर ले जाने मे महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। आयुक्त महिला बाल विकास श्रीमती सूफिया फारूकी वली ने कहा कि कुपोषण एक बड़ी समस्या है जिसके अनेक कारण है। जिस क्षेत्र मे कुपोषण के आँकडे बड़े हुए है, वहां पर संबंधित अधिकारी को हर स्तर पर इसकी जाँच करना होगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी को एनआरसी की पूरी जानकारी होना चाहिए कि उसमें कितने बेड खाली है, डॉक्टर्स से निरंतर बात कर SAM, MAM बच्चों की जानकारी लें। कुपोषण को दूर करने लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय अत्यन्त महत्वपूर्ण है। आयुक्त श्रीमती वली ने कहा कि पोषण ट्रेकर ऐप में सही उपयोग से कुपोषण की पहचान करना, समय पर हस्तक्षेप करना और कुपोषण को कम करना संभव है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों जैसे स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के बीच कनर्वेजेन्स सुनिश्चित करके अधिक प्रभावी ढंग से काम किया जा सकता है। इस अवसर पर संयुक्त संचालक श्रीमती स्वर्णिमा शुक्ला ने पीपीटी के माध्यम से पोषण ट्रेकर ऐप तथा कुपोषण की जिले वार स्थिति की जानकारी दी। कार्यशाला में विभागीय अधिकारियों को भारत सरकार के पोषण ट्रेकर ऐप एवं राज्य स्तर से क्रियान्वित संपर्क ऐप के बारे में तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया गया।  

मंत्री श्रीमती उइके पर लगाए गए आरोप मनगढ़ंत और तथ्यहीन

प्रमुख अभियंता की तथ्यात्मक रिपोर्ट में शिकायत पाई गई निराधार  जल जीवन मिशन अंतर्गत किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है मंत्री श्रीमती उइके पर लगाए गए आरोप मनगढ़ंत और तथ्यहीन भोपाल  प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संजय कुमार अंधवान ने जल जीवन मिशन के संबंध में प्राप्त शिकायत का परीक्षण कर बताया कि शिकायतकर्ता किशोर समरीते द्वारा लगाए गए सभी आरोप तथ्यहीन, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण हैं। शिकायत में कोई भी साक्ष्य संलग्न नहीं किए गए थे, बल्कि सूचना के अधिकार के तहत विभागीय अधिकारी द्वारा पूर्व में भेजे गए पत्र को ही आधार बनाया गया। प्रमुख अभियंता ने स्पष्ट किया कि बालाघाट खंड के कार्यपालन यंत्री द्वारा स्वयं शिकायतकर्ता को यह जानकारी दी गई थी कि जल जीवन मिशन अंतर्गत किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है। इसके बावजूद उन्हीं जानकारियों को तोड़-मरोड़कर सार्वजनिक शिकायत के रूप में प्रस्तुत किया गया जिसमें कोई नया तथ्य या प्रमाण नहीं है। प्रमुख अभियंता कार्यालय ने स्पष्ट किया कि जल जीवन मिशन की योजनाओं का क्रियान्वयन फील्ड स्तर पर किया जाता है तथा भुगतान भी स्थानीय खंड कार्यालय द्वारा माप पुस्तिका के सत्यापन के उपरांत होता है। ऐसे में प्रमुख अभियंता या उनके कार्यालय के कर्मचारी पर आरोप लगाना निरर्थक है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती संपतिया उइके पर भी जो आरोप लगाए गए हैं वे पूर्णतः असंगत हैं। मुख्य अभियंता (मैकेनिकल संकाय) द्वारा कोई निविदा जारी नहीं की जाती, अतः उन पर लगाए गए किसी भी प्रकार के आरोप तथ्यों से परे हैं। प्रमुख अभियंता ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि जल जीवन मिशन अंतर्गत अब तक मध्यप्रदेश के 70 प्रतिशत से अधिक परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराया जा चुका है और शेष कार्य प्रगति पर हैं। योजनाओं की पूर्णता के उपरांत ही भारत सरकार को उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजे जाते हैं, जिसकी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और नियंत्रित है। सभी तथ्यों के परीक्षण और विभागीय प्रक्रियाओं के अवलोकन के बाद यह स्पष्ट रूप से प्रमाणित हुआ है कि शिकायत मनगढ़ंत, तथ्यहीन और दुर्भावनापूर्ण मंशा से प्रेरित है।  

मध्यप्रदेश में गाइड्स के प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ

पर्यटकों के लिए मॉन्यूमेंट गुरु है 'गाइड'- प्रमुख सचिव शुक्ला टूरिस्ट गाइड रेटिंग सिस्टम में सर्वश्रेष्ठ गाइड को 2 लाख रूपये की सम्मान राशि'- प्रमुख सचिव शुक्ला मध्यप्रदेश में गाइड्स के प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ भोपाल के कमला पार्क से सदर मंजिल तक हैरिटेज वॉक मंगलवार, 1 जुलाई को भोपाल प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने कहा है कि पर्यटन स्थलों पर गाइड पर्यटकों के 'मॉन्यूमेंट गुरु' होते हैं। पर्यटन स्थल के बारे में जितनी जानकारी गाइड देते हैं उतना ही पर्यटक जान पाते हैं। इसलिए गाइड द्वारा किया पर्यटकों को प्रामाणिक और शोध की गई जानकारी दी जानी आवश्यक है। प्रमुख सचिव शुक्ला आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में गाइड उन्मुखीकरण और कौशल विकास कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। प्रमुख सचिव शुक्ला ने गाइड्स को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि टूरिस्ट गाइड रेटिंग सिस्टम (RGTS) के अंतर्गत प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वाले गाइड को आगामी वर्ष से पुरस्कार स्वरूप क्रमश: 2 लाख रुपये, 1 लाख रुपये एवं 50 हजार रुपये की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी।  प्रमुख सचिव शुक्ला ने कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए गाइड विभिन्न भाषाओं का ज्ञान प्राप्त करें और मधुर व्यवहार रखें। प्रेरक के रूप में कार्य करते हुए पर्यटकों को स्वच्छता के लिए प्रेरित भी करें। पर्यटन स्थल की जानकारी के साथ प्रदेश की उपलब्धियों और विशेषताओं की जानकारी दें। आसपास के पर्यटन स्थलों से पर्यटकों को अवगत कराएं। इससे मध्यप्रदेश के प्रति पर्यटकों में रुचि बढ़ेगी और वह फिर से पर्यटन के लिए मध्यप्रदेश आयेंगे। सभी गाइड किसी भी पर्यटक के लिए केयर टेकर की भूमिका निभाएं, इससे निश्चित ही पर्यटक सुखद और अविस्मरणीय अनुभव अपने साथ ले जाएंगे। प्रमुख सचिव शुक्ला ने बताया कि आगामी समय में गाइड की संख्या में वृद्धि किए जाने के साथ गाइड को दी जाने वाली सुविधाओं में वृद्धि की जायेगी। साथ ही उनके कौशल को निखारने के लिए तकनीक आधारित वर्कशॉप और ऑनलाइन सेशन लिए जायेगे। अपर प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड सुबिदिशा मुखर्जी ने कहा कि गाइड्स,  पर्यटन विभाग और पर्यटकों के बीच ब्रिज के रूप में कार्य करते हैं। वे ही प्रदेश और देश के गौरवशाली इतिहास को पर्यटकों से साझा करते हैं। उनकी कुशलता से ही आगंतुकों को हमारी समृद्ध परंपराओं और संस्कृति का ज्ञान होता है। मध्यप्रदेश में वर्तमान में 72 गाइड अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जल्द ही 313 पदों पर गाइड की भर्ती शुरू की जाएगी। सुमुखर्जी ने कहा कि गाइड्स की दक्षता को बढ़ाने के लिए आगे भी कार्यशालाएं आयोजित जाएगी। गाइड्स को अलग–अलग भाषाओं के ज्ञान के साथ ही तकनीकी रूप से दक्ष बनाने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा हैं।  आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के रीजनल डायरेक्टर भुवन विक्रम सिंह ने कहा कि गाइड्स स्थानीय संस्कृति के परिचायक हैं। वे पर्यटकों के दिग्दर्शक हैं, जो उनकी यात्रा को अविस्मरणीय बनाते हैं। भारतीय संस्कृति से विश्व भर के पर्यटकों को अवगत कराते हैं।  उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कार्यरत लाइसेंसधारी राज्य स्तरीय एवं स्थानीय गाइड्स के प्रशिक्षण, कार्यकुशलता में वृद्धि एवं व्यवहारिक दक्षता को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा दो दिवसीय आवासीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, राज्य पुरातत्व संग्रहालय एवं अभिलेखागार भोपाल, मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, IITTM ग्वालियर एवं विषय विशेषज्ञों के सहयोग से किया जा रहा है। इस दौरान विषय विशेषज्ञों ने विभिन्न सत्रों में पर्यटन स्थलों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, प्रस्तुतिकरण कौशल, नई तकनीक, पर्यटकों के साथ संवाद शैली तथा पर्यटन संबंधी विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी जा रही है। कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर टूरिस्ट गाइड रेटिंग सिस्टम (RGTS) से चयनित गाइड्स ओरछा से शशि भूषण सिंह-प्रथम, सांची से सुरेंद्र सिंह भदौरिया–द्वितीय और खजुराहो से राजेश अवस्थी–तृतीय को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भोपाल मंडल के अधीक्षण पुरातत्वविद् मनोज कुर्मी उपस्थित थे।  हैरिटेज वॉक में ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कार्यक्रम के दूसरे दिन 1 जुलाई, मंगलवार को सुबह 7 बजे से हैरिटेज वॉक का आयोजन भी किया जाएगा। कमला पार्क से सदर मंजिल तक आयोजित होने वाली इस हैरिटेज वॉक में गाइड्स को ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कर उनकी विरासत, सांस्कृतिक महत्व एवं स्थानीय कहानियों को व्यावहारिक रूप में समझने का अवसर मिलेगा। इस कार्यशाला से गाइड्स को अपने ज्ञान व कौशल में नवाचार करने का मंच मिलेगा, जिससे वे पर्यटकों को और अधिक रोचक, तथ्यपरक एवं प्रभावी जानकारी प्रदान कर सकेंगे।  

केंद्रीय मंत्री श्री शाह की अध्यक्षता में हुई सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्रियों की ‘मंथन बैठक’

अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 केंद्रीय मंत्री श्री शाह की अध्यक्षता में हुई सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्रियों की 'मंथन बैठक' मंत्री श्री सारंग ने साझा किए प्रदेश के नवाचार और दिये सुझाव भोपाल  केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्रियों की ‘मंथन बैठक’ हुई। बैठक में सहकारिता मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने मध्यप्रदेश की सहकारिता से जुड़ी उपलब्धियों, नवाचारों और सहकारिता के क्षेत्र में भविष्य की दिशा पर केंद्र सरकार को सुझाव दिये। इस अवसर पर केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर एवं श्री मुरलीधर मोहोल, सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। मध्यप्रदेश में बहुद्देशीय पैक्स के सफल क्रियान्वयन की जानकारी मंत्री श्री सारंग ने बताया कि मध्यप्रदेश में प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) को बहुद्देशीय इकाइयों के रूप में विकसित करने की दिशा में राज्य सरकार को उल्लेखनीय सफलता मिली है। इस पहल के अंतर्गत प्रदेश में प्रत्येक पैक्स को उनके संचालन के लिये वार्षिक 3 लाख 24 हजार रुपये की वित्तीय सहायता तथा जनजातीय क्षेत्रों में 3 लाख 48 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि नई पैक्स की स्थापना और उनके आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनुदान प्रदान किया जाए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारिता आधारित सेवाओं का विस्तार और सशक्तीकरण संभव हो सके। भर्ती प्रक्रियाओं में सुधार के लिये केंद्रीय एजेंसी का गठन आवश्यक मंत्री श्री सारंग ने सहकारिता संस्थाओं में पदों की भर्ती प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और एकरूप बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि जिस प्रकार बैंकिंग क्षेत्र में आईबीपीएस जैसी संस्था के माध्यम से भर्ती होती है, उसी प्रकार पंचायत एवं ग्रामीण स्तर की सहकारी संस्थाओं के लिए एक केंद्रीयकृत भर्ती बोर्ड/एजेंसी का गठन किया जाए, जिससे सहकारी आंदोलन को दक्ष मानव संसाधन मिल सके। सहकारी बैंकों के माध्यम से फंड डिपॉजिट का दिया सुझाव मंत्री श्री सारंग ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को सहकारिता संबंधी योजनाओं के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली निधि को जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से डिपॉजिट किया जाए, जिससे इन बैंकों की क्रेडिट क्षमता और बिजनेस वॉल्यूम बढ़ सके, इससे सहकारी बैंकिंग तंत्र और अधिक मजबूत होगा। बीज क्षेत्र में नवाचार : 'चीता ब्रांड' मध्यप्रदेश में बीज संघ को सशक्त करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए मंत्री श्री सारंग ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा 'चीता ब्रांड' बीजों की शुरुआत की गई है, जिनमें उच्च गुणवत्ता वाले हाइब्रिड बीज लगभग आधी कीमत पर किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह पहल कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। कमजोर सहकारी बैंकों के लिए तकनीकी सहयोग की आवश्यकता मंत्री श्री सारंग ने कहा कि "ईज ऑफ डूइंग बिजनेस" को ध्यान में रखते हुए सहकारी संस्थाओं की पंजीयन से लेकर परिसमापन तक की प्रक्रिया को सरल और डिजिटल बनाया गया है, जिससे संस्थाओं की कार्य-क्षमता में सुधार आया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि वित्तीय रूप से कमजोर सहकारी बैंकों को सशक्त करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से तकनीकी और विशेषज्ञ सहयोग दिया जाए, ताकि वे भी मुख्यधारा से जुड़ सकें और ग्रामीण वित्तीय ढांचे को मजबूती दे सकें।

मेडिकल कॉलेजों, जिला चिकित्सालयों और टीबी मुक्त भारत अभियान की प्रगति की की भी हुई समीक्षा

पीएम-अभीम सहित 15वें वित्त आयोग के कार्यों को समय सीमा में करें पूर्ण: उप मुख्यमंत्री शुक्ल  विकास कार्यों की नियमित और समयबद्ध मॉनिटरिंग की जाये और उपलब्ध बजट का पूर्णतः पारदर्शी एवं गुणवत्तापूर्ण उपयोग सुनिश्चित किया जाए: उप मुख्यमंत्री शुक्ल मेडिकल कॉलेजों, जिला चिकित्सालयों और टीबी मुक्त भारत अभियान की प्रगति की की भी हुई समीक्षा भोपाल  उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने निर्देश दिए हैं कि विकास कार्यों की नियमित और समयबद्ध मॉनिटरिंग की जाये और उपलब्ध बजट का पूर्णतः पारदर्शी एवं गुणवत्तापूर्ण उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार विकास कार्यों के लिए बजट की कमी नहीं होने देगी, आवश्यकता इस बात की है कि मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार समयसीमा में हो। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने मंत्रालय भोपाल में विभागीय अधोसंरचना विकास कार्यों की वृहद समीक्षा की। उन्होंने प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-अभीम) एवं 15वें वित्त आयोग अंतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्यों की एजेंसी-वार गहन समीक्षा की। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने सिंगरौली एवं बुधनी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी कार्य में प्रशासनिक अथवा तकनीकी अड़चनें हैं, तो उन्हें शीघ्र निराकृत किया जाए। उन्होंने मैहर एवं मऊगंज जिला चिकित्सालयों की विस्तार योजनाओं की प्रगति की भी जानकारी ली और कहा कि जनहित की इन योजनाओं में समय पर गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्य पूर्ण हो। टीबी मुक्त भारत अभियान में भागीदारी का किया आह्वान उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने टीबी मुक्त भारत अभियान की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए समाज के सभी वर्गों की सहभागिता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने विधायकों, सांसदों, जनप्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारियों, औद्योगिक समूहों, स्वयंसेवी संगठनों एवं समाजसेवियों से "निक्षय मित्र" के रूप में जुड़ने की अपील की। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि  टीबी से ग्रसित मरीजों के उपचार एवं पोषण में सहयोग देने के लिए ‘निक्षय मित्र’ बनकर समाज का हर व्यक्ति समाज के प्रति संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व का निर्वहन कर सकता है। यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि पीड़ित मानवता की सेवा का माध्यम है। हर माह 9 और 25 तारीख को महिलाओं की जांच की विशेष व्यवस्था की जाए उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने हाई रिस्क प्रेग्नेंसी महिलाओं की देखभाल पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर माह की 9 और 25 तारीख को चिन्हित महिलाओं की जांच की विशेष व्यवस्था की जाए ताकि कोई भी गर्भवती महिला उचित सुविधा से वंचित न रहे। उन्होंने जिला एवं ब्लॉक स्तर पर सघन निगरानी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और कहा कि जिला कलेक्टर्स एवं सीएमएचओ को भी इसमें प्रत्यक्ष रूप से भागीदारी करनी चाहिए। आशा सुपरवाइजर को प्रोत्साहन राशि शीघ्र करायें उपलब्ध उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने बैठक में यह भी स्पष्ट किया कि मंत्रिपरिषद के निर्णयानुसार आशा सुपरवाइजरों को शीघ्र प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं के अंतिम छोर तक पहुंच में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका महत्वपूर्ण है, ऐसे में उनकी प्रेरणा और प्रोत्साहन अनिवार्य है। संचालक प्रोजेक्ट नीरज सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रबंध संचालक डॉ. सलोनी सिडाना भी इस मौके पर उपस्थित थे।  

मैहर पुलिस अधीक्षक सुधीर अग्रवाल ने किया थाने का निरीक्षण

मैहर   पुलिस अधीक्षक मैहर सुधीर अग्रवाल ने अमरपाटन थाने  का किया निरीक्षण, नो एंट्री प्वाइंट पर संकेतक,बैनर लगाने के दिए निर्देश अमरपाटन में नो  एंटी को लेकर  लगातार शिकायतें आ रही थी पालन में नो एंटी  प्वाइंट का निरक्षण किया  कस्बे में दिए गए नो एंटी के निर्देशों का सख्ती से पालन कराने का थाना प्रभारी व सभी स्टॉप को आदेशित किया गया नो एंटी समय में कोई भी वाहन प्रवेश नहीं किया जाएगा