राहुल पर बरसे धर्मेंद्र प्रधान: बोले– लिखी हुई बातें दोहराते हैं, खुद का विचार नहीं

भुवनेश्वर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ओडिशा की संस्कृति का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी को कोई ज्ञान नहीं है। वह आमतौर पर जनसभा में वही बोलते हैं, जो उन्हें लिखकर दिया जाता है। उन्हें उस विषय वस्तु के बारे में तनिक भी जानकारी नहीं होती है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राहुल गांधी ने ओडिशा की जनता और उनकी पार्टी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अपमान के लिए माफी मांगने की बजाय अहंकार दिखाया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को ओडिशा की संस्कृति और परंपराओं का कोई ज्ञान नहीं है। ओडिशा में जब कोई बड़ा नेता या राष्ट्रपति जैसे सम्मानित व्यक्ति आते हैं, तो उन्हें भगवान जगन्नाथ का पवित्र वस्त्र भेंट किया जाता है। यह हमारी परंपरा है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, रामनाथ कोविंद और गृहमंत्री अमित शाह ने सम्मान दिया। लेकिन, राहुल गांधी ने इस परंपरा का अपमान किया।” उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को ओडिशा की भाषा, साहित्य और सभ्यता की कोई समझ नहीं है। वे सिर्फ नाटक करते हैं। उनकी बातों में कोई दम नहीं है।” उन्होंने राहुल गांधी की तुलना एक ऐसे व्यक्ति से की, जिसकी “पढ़ाई कम, लेकिन स्कूल बैग बड़ा” है, और कहा कि उनकी पार्टी और बयानबाजी पूरी तरह से दिवालिया हो चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी की टिप्पणियां ओडिशा के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली हैं। उन्होंने मांग की कि राहुल गांधी ओडिशा के लोगों और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से माफी मांगें, जिन्हें उनकी पार्टी ने बार-बार अपमानित किया है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को ओडिशा आकर अपनी गलतियों के लिए माफी मांगनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। यह उनके अहंकार को दिखाता है।” इसके अलावा, धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी के उन आरोपों का भी जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचा रही है। प्रधान ने इसे बेबुनियाद बताया और कहा कि राहुल गांधी के पास कोई ठोस तथ्य नहीं है। उन्होंने ओडिशा की जनता से अपील की कि वे ऐसे बयानों पर ध्यान न दें और अपनी संस्कृति पर गर्व करें। बता दें कि राहुल गांधी ने 11 जुलाई को ओडिशा के भुवनेश्वर में “संविधान बचाओ समावेश” रैली को संबोधित किया था। उन्होंने भाजपा और पूर्व बीजद सरकार पर ओडिशा के संसाधनों की लूट और आदिवासियों के अधिकारों के हनन का आरोप लगाया था।  

रानी अबंती बाई सागर जल विद्युत गृह बरगी की दोनों यूनिट से उत्पादन शुरु : ऊर्जा मंत्री तोमर

भोपाल  ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि मध्‍यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी की रानी अबंती बाई सागर जल विद्युत गृह बरगी की 45-45 मेगावाट दोनों यूनिट से विद्युत उत्पादन पूर्ण क्षमता के साथ शुरु हो गया। दोनों यूनिट 9 जुलाई की शाम को क्रि‍याशील हो गईं। दोनों यूनिट को वार्ष‍िक रखरखाव (ओवरहॉलिंग) के लिए क्रमशः 20 जून एवं 1 जुलाई को विद्युत उत्पादन से पृथक कर दिया गया था। सामान्यतः एक यूनिट की ओवरहॉलिंग में 30 दिन का समय लगता है लेकिन बरगी की यूनिट नंबर 1 को 20 दिन और यूनिट नंबर 2 को सिर्फ 8 दिन में ओवरहॉलिंग करके विद्युत उत्पादन के लिए तैयार कर दिया गया। बरगी में किसी बाहरी एजेंसी की सहायता के बिना ओवरहॉलिंग का कार्य विद्युत गृह के अभियंताओं व तकनीकी कार्मिकों द्वारा करके दोनों यूनिट को निर्धारित समय से पूर्व क्रियाशील कर दिया गया। इस कार्य को करने के लिए अंडर वाटर में जाकर उपकरण जांचे गए और दोनों यूनिट के पेनल बदले गए। मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी की जल विद्युत गृहों का जून व जुलाई माह में वार्षिक रखरखाव (ओवरऑलिंग) होता है। उसी प्रकार रानी अबंती बाई सागर जल विद्युत गृह बरगी की दोनों यूनिट को बारी-बारी से ओवरहॉलिंग के लिए योजनानुसार बंद किया गया। जल विद्युत गृह की दोनों यूनिट से उत्पादन प्रभावित न हो इसके लिए जल संसाधन विभाग से बातचीत कर समन्वय किया गया। जल संसाधन विभाग ने जानकारी दी कि मानसून आने के बाद सामान्य तौर पर बरगी बांध के गेट 15 से 31 जुलाई तक खोले जाते हैं। मध्‍यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी ने इस जानकारी के आधार पर बरगी का वार्षिक रखरखाव कार्यक्रम तैयार किया। इस वर्ष मानसून के जल्द आने और लगातार बरसात होने पर बरगी जल विद्युत गृह में निर्धारि‍त समय से पूर्व ओवरहॉलिंग कार्य पूर्ण कर जल विद्युत का समुचित उपयोग करने की दृष्टि से दोनों यूनिट से विद्युत उत्पादन शुरु कर दिया गया। वर्तमान में दोनों यूनिट से 41-41 मेगावाट उत्पादन हो रहा है।  

एयरक्राफ्ट मेन्टेनेन्स इंजीनियरिंग बन भरें तकनीक की ऊंची उड़ान

एयरक्राफ्ट मेन्टेनेन्स इंजीनियरिंग एविएशन सेक्टर से संबंधित एक प्रमुख क्षेत्र है, जिसे मेन्टेनेन्स ब्रांच में शामिल किया गया है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें प्रोफेशनल्स को पद व पैसा दोनों मिल रहा है। इसमें कमर्शियल एवं मिलिट्री एयरक्राफ्ट, स्पेस क्राफ्ट, सेटेलाइट एवं मिसाइल आदि की डिजाइनिंग, कंस्ट्रक्शन, डेवलपमेंट, टेस्टिंग, ऑपरेशन एवं मेन्टेनेन्स आदि के बारे में विशेषज्ञता हासिल की जाती है। एयरक्राफ्ट मेन्टेनेन्स इंजीनियर का सीधा संबंध एविएशन डिवीजन से होता है। एयरक्राफ्ट के सफलतापूर्वक टेक ऑफ की जिम्मेदारी भी इन्हीं के जिम्मे होती है। ये इंजीनियर पूरी तरह से सुरक्षा पर फोकस करते हैं, ताकि एयरक्राफ्ट को बिना किसी अवरोध के उड़ाया जा सके। क्या कहती है इंडस्ट्री रिपोर्ट नागरिक उड्डयन मंत्रालय की एक घोषणा के अनुसार इस समय भारतीय एविएशन इंडस्ट्री विश्व की नौवीं सबसे बड़ी एविएशन इंडस्ट्री है तथा 2020 तक इसके तीसरे सबसे बड़े एविएशन मार्केट के रूप में बनने की उम्मीद है। इसी तरह से 2030 तक पहुंचते-पहुंचते इसके पहले स्थान पर काबिज होने का अनुमान है। फिक्की-केपीएमजी रिपोर्ट के अनुसार एविएशन इंडस्ट्री में वर्ष 2017 तक देश में रोजगार में दोगुनी वृद्धि होगी और यह बढ़ कर 1.17 लाख के करीब पहुंच जाएगा। आने वाले समय में इसमें एयरक्राफ्ट मेन्टेनेन्स इंजीनियर पदों के लिए भारी संख्या में प्रोफेशनल्स की आवश्यकता पड़ेगी। बारहवीं के बाद रखें कदम एयरक्राफ्ट मेन्टेनेन्स इंजीनियरिंग तीन वर्षीय ट्रेनिंग कोर्स है। इसमें प्रवेश के लिए छात्रों को 10़2 की परीक्षा फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है। छात्र की आयु 23 वर्ष से अधिक न हो। सैलरी इसमें ज्यादातर सैलरी पैकेज एकेडमी करियर एवं काम के बारे में जानकारी पर निर्भर करता है। शुरू शुरू में इसमें प्रोफेशनल्स को करीब तीन से चार लाख रुपए सालाना का पैकेज मिलता है। अनुभव बढ़ने के साथ सैलरी भी बढ़ती जाती है। प्राइवेट सेक्टर में सैलरी अधिक मिलती है। सुविधाओं के मामले में सरकारी क्षेत्र आगे है। फीस इसमें फीस की राशि संस्थान पर निर्भर करती है। अमूमन तीन साल के कोर्स में कुल छह सेमेस्टर होते हैं। इनकी फीस करीब दो से ढाई लाख रुपए होती है। इसके अलावा हॉस्टल, यूनिफार्म, खाने, टूल-किट व अन्य खर्चे भी शामिल हैं। छात्र किस्तों में भी फीस दे सकते हैं। एजुकेशन लोन छात्रों को देश-विदेश में अध्ययन के लिए प्रमुख राष्ट्रीयकृत, प्राइवेट अथवा विदेशी बैंकों द्वारा एजुकेशन लोन प्रदान किया जाता है। यह राशि पांच लाख से लेकर अधिकतम 20 लाख रुपए तक हो सकती है। छात्र को जिस संस्थान में एडमिशन लेना है, वहां से जारी एडमिशन लेटर, हॉस्टल खर्च, ट्यूशन फीस एवं अन्य खर्चों का ब्योरा बैंक को देना होता है। अंतिम निर्णय बैंक को करना होता है। बैंक सभी कागजात जांचता है।  

एक बगिया मां के नाम परियोजना अंतर्गत मनरेगा का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण

परियोजना अधिकारी, ब्लॉक के एपीओ, एसआरएलएम के डीपीएम का हुआ प्रशिक्षण भोपाल  मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद द्वारा “एक बगिया मां के नाम’’ परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर शनिवार को भोपाल में राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश के सभी 313 जनपद पंचायत के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, 52 जिलों परियोजना अधिकारी मनरेगा एवं ग्रामीण आजीविका के डीपीएम शामिल हुए। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी सभागार, विकास भवन अरेरा हिल्स, भोपाल में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम को आयुक्त मनरेगा-संचालक वाटर शेड मिशन श्री अवि प्रसाद एवं आयुक्त एसआरएलएम श्रीमती हर्षिका सिंह ने अधिकारियों को “एक बगिया मां के नाम’’ परियोजना के बारे में जानकारी दी और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। प्रशिक्षण के दौरान अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारी एवं डीपीएम एसआरएलएम को संयुक्त रूप से पारदर्शिता के साथ एक बगिया मां के नाम परियोजना के लिए हितग्राहियों का चयन, परियोजना के उद्देश्य और लाभ के बारे में जानकारी दी। साथ ही अधिकारियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया और उनके सुझाव भी प्राप्त किए गए। बैनर का किया विमोचन राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मनरेगा परिषद द्वारा तैयार कराए गए “एक बगिया मां के नाम’’ प्रोग्राम बैनर का मनरेगा आयुक्त श्री अवि प्रसाद एवं आयुक्त श्रीमती हर्षिका सिंह ने विमोचन किया। एक बगिया मां के नाम परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर अब तक 2100 से अधिक इंजीनियर एवं 600 से अधिक कृषि सखी को तकनीकी रूप से प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसमें कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री और उपयंत्री (आरईएस एवं मनरेगा), डीपीएम एसआरएलएम शामिल है। तकनीकी रूप से किया गया दक्ष प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान विषय विशेषज्ञों द्वारा परियोजना अधिकारी, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (मनरेगा) एवं डीपीएम एसआरएल को व्यक्तिगत / फलोद्यान के लिये तैयारी, भूमि चयन, पौधों की प्रजाति चयन, देखभाल, सुरक्षा एवं शतप्रतिशत उत्तरजीविता सुनिश्चित करते हुए वैज्ञानिक तकनीकियों का उपयोग पर पौधरोपण की बारीकियों पर प्रशिक्षण दिया गया। पौधरोपण के कार्य में अत्याधुनिक तकनीक (सिपरी सॉफ्टवेयर) का उपयोग किया जाएगा। पौधे लगाने से पहले जिले की जलवायु, मिट्टी का परीक्षण, एग्रो क्लाइमेट जोन के आधार पर पौधों की प्रजातियों का चयन, स्थल चयन, पानी की उपलब्धता सहित अन्य जरूरी गतिविधियों का पता लगाया जाएगा। साथ ही, अगर सॉफ्टवेयर यह बताता है कि संबंधित जगह पर पौधे नहीं लगाए जा सकते, वहां पौधरोपण नहीं होगा।  

निपाह वायरस पर सख्त कदम: केरल सरकार की तैयारियों पर बोले राजन खोबरागड़े

तिरुवनंतपुरम केरल के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजन खोबरागड़े ने कहा कि निपाह के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने रोकथाम के लिए कई रणनीतियां तैयार की हैं और उन्हें लागू किया है। डॉ. खोबरागड़े ने कल यहां आयोजित 'निपाह और अन्य जूनोटिक स्पिलओवर-रोकथाम के लिए स्वास्थ्य रणनीतियों का एकीकरण' विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए ये टिप्पणियां कीं और सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। जंगली जानवरों से मनुष्यों में रोगजनकों के संचरण को ‘जूनोटिक स्पिलओवर’ कहा जाता है। उन्होंने 2019 से राज्य को प्रभावित करने वाली महामारियों का पता लगाने एवं उनकी रोकथाम करने के राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर बल देते हुए वर्तमान परिदृश्य में ‘वन हेल्थ’ अवधारणा के महत्व पर प्रकाश डाला और राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए उन्नत वायरोलॉजी संस्थान जैसे संस्थानों से सहयोग मांगा। यह सम्मेलन संक्रामक रोग विभाग, सरकारी मेडिकल कॉलेज, तिरुवनंतपुरम और केरल वन हेल्थ सेंटर फॉर निपाह रिसर्च एंड रेजिलिएंस के सहयोग से आयोजित किया गया था। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र की संयुक्त निदेशक डॉ. सिम्मी तिवारी ने उन्नत विषाणु विज्ञान संस्थान (आईएवी) की स्थापना के लिए केरल सरकार को बधाई दी और कहा कि संस्थान ने पहले ही विषाणु विज्ञान के क्षेत्र में अपनी पहचान बना ली है और संस्थान राज्य तथा देश दोनों में सार्वजनिक स्वास्थ्य और महामारी की तैयारी में सुधार लाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। उन्होंने राज्य को अक्सर प्रभावित करने वाले जूनोटिक स्पिलओवर संक्रमणों का समय पर पता लगाने के लिए नैदानिक सुविधाओं का विस्तार करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसमें विभिन्न विषयों पर सत्र प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा दिए गए।  

दिल्ली में चार मंजिला इमारत गिरने से दर्दनाक हादसा, छह लोगों की मौत

नई दिल्ली  दिल्ली के सीलमपुर इलाके में एक चार मंजिला इमारत जमींदोज हो गई। मलबे में दबने से छह लोगों की मौत हो गई। वहीं, अब किसी और के मलबे में दबे होने की आशंका न के बराबर है। दिल्ली के सीलमपुर इलाके में दिल दहला देने वाला हादसा हुआ है। यहां अचानक चार मंजिला इमारत भरभराकर ढह गई। मलबे में आठ लोगों को बाहर निकाल लिया गया है। मलबे में दबने से छह लोगों की मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल की टीम मौके पर पहुंची। फिलहाल पुलिस, दमकल और एनडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं। स्थानीय लोग मलबा हटाने में मदद कर रहे हैं। छह लोगों की मौत की बात सामने आई है, पुलिस की ओर से आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, एक महिला और एक पुरुष का शव थोड़ी देर पहले मलबे से निकली गई है।पुलिस की ओर से अभी दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। दिल्ली पुलिस, दमकल विभाग एनडीआरएफ, नगर निगम समेत तमाम बचाव दल मौके पर मौजूद है, स्थानीय लोगों की भारी भीड़ मौके पर जुटी हुई है। इलाका बेहद घनी आबादी और संकरी गलियों वाला होने के कारण रेस्क्यू में कठिनाई हो रही है। पुलिस के मुताबिक, आज सुबह करीब 7.04 मिनट पर वेलकम के पास एक चार मंजिला इमारत के ढहने की सूचना प्राप्त हुई। ए-ब्लॉक, गली नंबर 5, जनता कॉलोनी में घटनास्थल पर पहुंचने पर पुलिस टीम ने पाया कि इमारत की तीन मंजिलें ढह गई थीं। अग्निशमन विभाग और अन्य एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं और बचाव अभियान जारी है। अब तक आठ लोगों को निकाला जा चुका है। सात को जेपीसी अस्पताल और एक को जीटीबी अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया। उत्तर-पूर्वी जिले के एडिशनल डीसीपी संदीप लांबा ने बताया, "हमें सुबह सूचना मिली कि वेलकम इलाके की जनता कॉलोनी की गली नंबर 5 में एक तीन मंजिला इमारत गिर गई है। यह इमारत मतलूफ नाम के व्यक्ति की थी। इसके सामने वाली इमारत को भी नुकसान पहुंचा है। पुलिस, एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस और स्थानीय लोग मौके पर काम कर रहे हैं।" अनीस अहमद अंसारी, जिनका घर इमारत गिरने से क्षतिग्रस्त हुआ, ने बताया, "सब लोग सो रहे थे, तभी सुबह करीब 7 बजे मेरे घर के एक तरफ की इमारत गिर गई और उसका मलबा मेरे घर पर आ गिरा। अचानक बिजली गुल हो गई। सभी लोग बचाव कार्य में लगे हुए हैं।" बिल्डिंग के मलबे से निकाले गए लोग 1. परवेज (32) पुत्र अब्दुल 2. नावेद, (19) पुत्र अब्दुल 3. सिजा (21) पत्नी परवेज़ 4. दीपा (56) पत्नी गोविंद 5. गोविंद (60) पुत्र राम चरण 6. रवि कश्यप (27) पुत्र राम चरण 7. ज्योति (27) पत्नी रवि कश्यप 8. अहमद (14 महीने) पुत्र परवेज घटनास्थल पर पहुंचे मंत्री कपिल मिश्रा दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, "यहां एनडीआरएफ की टीम भी मौजूद है लेकिन यह इतनी पतली गली है कि यहां हाथों से मलबा निकालने के अलावा कोई और दूसरा उपाय नहीं है। यहां राहत कार्य करना बहुत मुश्किल है लेकिन हम सभी चाहते हैं कि यहां से जल्द से जल्द मलबा निकल जाए। आशंका है कि मलबे में कुछ लोग फंसे हुए हैं तो हम प्रयास कर रहे हैं कि उन्हें सकुशल निकाला जा सके। यह बहुत दुखद घटना है और यहां अभी तक 2 लोगों की मौत की सूचना है।" कल आजाद मार्केट इलाके में गिरी थी बिल्डिंग, एक की मौत आजाद मार्केट इलाके में मेट्रो के जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर के लिए टनल निर्माण क्षेत्र में जर्जर इमारत ढह गई। हादसे में मनोज शर्मा (45) की मौत हो गई। इस मामले में बाड़ा हिंदूराव थाना पुलिस ने लापरवाही से मौत की धारा में प्राथमिकी दर्ज की है। वहीं दिल्ली मेट्रो की ओर से मनोज के परिजनों को पांच लाख की आर्थिक सहायता की बात कही गई है। मेट्रो प्रबंधन ने भी मामले में जांच शुरू कर दी है। 

बहनों ने सावन में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बांधी राखी, बड़ी राखी भी भेंट की

हर बहन को बनाकर देंगे पक्का मकान बहनों के कल्याण के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे समाज के सभी वर्गों के समग्र विकास के लिए प्राण-प्रण से आगे बढ़ रही है राज्य सरकार 30 लाख बहनों को उज्ज्वला योजना की सब्सिडी के रूप में मिले 46.34 करोड़ रुपए उज्जैन जिले की ग्राम पंचायत नलवा में हुआ राज्य-स्तरीय कार्यक्रम भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राखी भाई-बहन के परस्पर स्नेह का बंधन है। यह अनंतकाल से चला आ रहा अटूट बंधन है। राखी आई है, तो भाई का बहन को शगुन देना लाजिमी है। राखी 9 अगस्त को है। इसलिए राखी से पहले हमारी सरकार सभी लाड़ली बहनों को 250 रुपए की अतिरिक्त राशि शगुन के रूप में देगी।  अगस्त माह में प्रत्येक लाड़ली बहन को 1500 रुपए मिलेंगे। हम यही नहीं रुकेंगे, बल्कि प्रदेश की हर लाड़ली बहन को पक्का मकान भी बनाकर देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को उज्जैन जिले की ग्राम पंचायत नलवा में लाड़ली बहनों को आर्थिक सहायता राशि सहित अन्य योजनाओं के तहत बहनों को सहायता राशि वितरण के राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश की 1.27 करोड़ लाडली बहनों को 26वीं किश्त के रूप में 1543.16 करोड़ रुपए की सहायता राशि उनके बैंक खातों में अंतरित की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 30 लाख से अधिक बहनों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत सिलेंडर रिफिलिंग के लिए 46.34 करोड़ रुपए सब्सिडी राशि तथा 56.74 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशन हितग्राहियों को 340 करोड़ रुपए की पेंशन राशि भी उनके बैंक खातों में अंतरित की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की सभी बहनें हमारा मान हैं, अभिमान हैं। इनके मान-सम्मान और कल्याण के लिए हम कोई कसर नहीं रखेंगे। दीपावली के बाद आने वाली भाईदूज तक राज्य सरकार सभी लाड़ली बहनों को 1250 रुपए से बढ़ाकर हर माह 1500 रूपए सहायता राशि देगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य सरकार का संकल्प दोहराते हुए कहा कि लाड़ली बहनों को दी जा रही यह सहायता राशि धीरे-धीरे बढ़ाकर 3000 रूपये प्रतिमाह कर दी जाएगी। इस अवसर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाड़ली बहना योजना, प्रधानमंत्री मातृवंदन योजना एवं प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में हितग्राहियों को मंच से हितलाभ भी वितरित किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्जवलन एवं कन्या-पूजन के साथ राज्यस्तरीय राशि अंतरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। साथ ही लाड़ली बहनों का पुष्पवर्षा के साथ अभिवादन किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित माता-बहनों ने पवित्र श्रावण मास में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को राखी बांधी। बहनों की ओर से मुख्यमंत्री को एक विशाल राखी भी भेंट की गई। चार करोड़ से अधिक पक्के मकानों की रजिस्ट्री हो रही है बहनों के नाम पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देश में नारी सशक्तिकरण का अभियान जारी है। बहनों के कल्याण के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार सभी दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रही है। बहनों के मान-सम्मान और उनके सिंदूर की रक्षा करना और उन्हें आर्थिक रूप से समृद्ध बनाना सरकार की प्राथमिकता मे है। हम देश की आधी आबादी को उनका पूरा हक दिलाने की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। देश की सभी बहनों को पक्के घर की सौगात मिले, इसके लिए पीएम आवास योजना के तहत निर्मित 4 करोड़ से अधिक पक्के मकानों की रजिस्ट्री बहनों के नाम से ही की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में बहनें मायके और ससुराल दोनों को धन्य करती हैं। बहनें देश का सौभाग्य हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की 1.27 करोड़ लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन के त्यौहार से पहले 1543 करोड़ राशि दी गई है। राखी से पहले बहनों को 250 रुपए का शगुन अलग से भेजा जाएगा। दीपावली के बाद भाईदूज भी अलग होगी, बहनों को हर माह 1500 रुपए प्रतिमाह सहायता राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बहनें अपने पैसों को सहेजना अच्छी तरह से जानती हैं। बहनों के हाथ में पैसा रहे, तो परिवार और बच्चों को बेहतर जीवन मिलता है। बहनों के जतन से ही घर में खुशियां आती हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज प्रदेश की 30 लाख बहनों को उज्ज्वला गैस योजना की सब्सिडी के रूप में 46.34 करोड़ रुपए भेजे गए हैं। इसी क्रम में अलग-अलग 6 सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के अंतर्गत 56.74 लाख से अधिक हितग्राहियों को कुल 340 करोड़ रुपए की पेंशन राशि भी दी गई है।  अब मजरे-टोलों तक भी बनवाएंगे सड़कें मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में अब तक 5 लाख किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ गांव-कस्बों तक ही नहीं, अब हम प्रदेश के सभी मजरे-टोलों तक भी पक्की सड़कें बनाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने पहली बार गांव-गांव को पक्की सड़क से जोड़ने का अभियान शुरू किया था। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में किसानों के लिए सम्मान निधि शुरू की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार सामाजिक सरोकारों के प्रति बेहद संवेदनशील है। गरीब और जरूरतमंदों को आवश्यकता पड़ने पर बेहतर इलाज के लिए एयर एम्बुलेंस और हेली-सेवा की भी हमने शुरुआत की है। इससे गंभीर मरीज को समय पर इलाज मिलने से उसके प्राण बचाने में सुविधा हो रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अब तक लोग सड़क पर पड़े किसी दुर्घटनाग्रस्त गंभीर व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाने में हिचकते थे। सरकार ने इसी दिशा में कदम उठाया और राहवीर योजना की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि किसी की जान बचाना सबसे बड़ा पुण्य है। यदि कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल किसी व्यक्ति को एक घंटे के भीतर हास्पिटल में भर्ती कराता है, तो ऐसी परोपकारी सहायता करने वाले व्यक्ति को राज्य सरकार पुरस्कार के रूप में 25 हजार रुपए दे रही है। किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर सोलर पंप मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए संकल्पित है। हमारी सरकार 'हर खेत को पानी, हर हाथ को काम' की भावना से काम कर रही है। प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के तहत प्रदेश के सभी किसानों को भारी … Read more

मुख्यमंत्री साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने पुरस्कार के लिए चयनित नगरीय निकायों को दी बधाई

रायपुर, स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 में छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है। नई दिल्ली में आगामी 17 जुलाई को आयोजित होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह में राज्य के सात नगरीय निकायों को स्वच्छता के मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इन पुरस्कारों को प्रदान करेंगी। इस अवसर पर केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल तथा केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू भी उपस्थित रहेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह में छत्तीसगढ़ के तीन नगरीय निकायों को प्रेसिडेंट्स अवार्ड प्रदान करेंगी। स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए बिलासपुर नगर निगम को तीन लाख से दस लाख आबादी वाले (Big Cities) शहरों की श्रेणी में, कुम्हारी नगर पालिका को 20 हजार से 50 हजार आबादी वाले (Small Cities) शहरों की श्रेणी में तथा बिल्हा नगर पंचायत को 20 हजार से कम आबादी वाले (Very Small Cities) शहरों की श्रेणी में यह सम्मान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, रायपुर नगर निगम को स्वच्छता के क्षेत्र में राज्य स्तर पर श्रेष्ठ कार्यों के लिए केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा मिनिस्ट्रियल अवार्ड (Ministerial Award) प्रदान किया जाएगा। स्वच्छता के क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन करने वाले शहरों को पहचान देने हेतु इस वर्ष सुपर स्वच्छता लीग (एसएसएल) नामक एक विशेष श्रेणी की शुरुआत की गई है। इस लीग में वे शहर शामिल किए गए हैं, जो पिछले तीन वर्षों में कम से कम एक बार शीर्ष तीन में स्थान प्राप्त कर चुके हैं तथा वर्तमान वर्ष में अपनी संबंधित जनसंख्या श्रेणी में शीर्ष 200 में बने हुए हैं। इस नवीन श्रेणी में छत्तीसगढ़ के तीन नगरीय निकायों का चयन हुआ है – अंबिकापुर नगर निगम (50 हजार से तीन लाख आबादी वाले शहरों की श्रेणी), पाटन नगर पंचायत तथा बिश्रामपुर नगर पंचायत (20 हजार से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी) को एसएसएल के लिए चयनित किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने स्वच्छ सर्वेक्षण में राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए चयनित सातों नगरीय निकायों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग तथा स्थानीय निकायों द्वारा सतत किए जा रहे प्रयासों का यह उत्कृष्ट परिणाम है। उन्होंने आशा जताई कि आने वाले समय में राज्य के और भी अधिक नगरीय निकाय स्वच्छता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित होंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शहरी सरकारों से लेकर राज्य और केंद्र सरकार तक, सभी मिलकर शहरों को स्वच्छ, सुंदर और सुविधासंपन्न बनाने हेतु अनेक नवाचारों के साथ निरंतर कार्य कर रहे हैं।  "छत्तीसगढ़ के सात नगरीय निकायों का स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 में राष्ट्रीय स्तर पर चयन होना पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। यह हमारे नगरीय प्रशासन, स्थानीय निकायों और नागरिकों के सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है। बिलासपुर, कुम्हारी, बिल्हा, रायपुर, अंबिकापुर, पाटन और बिश्रामपुर जैसे शहरों ने स्वच्छता के क्षेत्र में जो उदाहरण प्रस्तुत किया है, वह अन्य निकायों के लिए भी प्रेरणा बनेगा। मैं सभी विजेता नगरीय निकायों को बधाई देता हूँ और विश्वास जताता हूं कि छत्तीसगढ़ स्वच्छता के इस अभियान में देश का अग्रणी राज्य बना रहेगा।" – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

ऐंड्रॉयड यूजर्स के लिए 10 काम के ट्रिक्स

ऐंड्रॉयड एक ओपन प्लैटफॉर्म है, इसलिए इसमें कस्टमाइजेशन का काफी स्कोप रहता है। अपने फोन को पर्सनलाइज करने के अलावा भी कुछ ऐसे खास ट्रिक्स हैं जिनसे अपने फोन को आप साफ सुथरा रखकर उसकी बैटरी लाइफ का मैक्सिमम फायदा उठा सकते हैं। ये 10 ट्रिक्स हर ऐंड्रॉयड यूजर को मालूम होनी चाहिए। गूगल नाउ सेटअप करना गूगल नाउ को अपने पर्सनल असिस्टेंट की तरह समझें। गूगल ऐप खोलें, गेट गूगल नाउ पर टैप करें और अपने प्रेफरेंस भर दें। अब आप गूगल नाउ को अपने फेवरिट स्टॉक्स, स्पोर्ट्स टीम्स और दूसरी चीजें बताकर उनसे संबंधित नोटिफिकेशन्स पा सकते हैं। आप गूगलल मैप्स के लिए गूगल नाउ को यह भी बता सकते हैं कि आप किस वाहन से सफर करना पसंद करते हैं, मसलन कार, बस, मेट्रो इत्यादि। लॉन्चर और लॉक स्क्रीन रिप्लेसमेंट्स का इस्तेमाल करें एक ही तरह का वेदर विजेट देखते-देखते परेशान हो गए हैं? आपको बता दें कि आप गूगल प्ले स्टोर से ऐसे फ्री ऐप्स डाउनलोड कर सकते हैं जिनसे आप अपने ऐंड्रॉयड फोन का पूरा इंटरफेस बदल सकते हैं। पावर सेंविग मोड सेटिंग्स मेन्यू पर जाएंग और पावर सेविंग मोड को ऑन कर लें। इससे बैटरी काफी हद तक बचती है। कुछ फोन्स में हाई लेवल, बैटरी सेविंग मोड भी होता है। उदाहरण के लिए, सैमसंग गैलक्सी ै6 के अल्ट्रा पावर सेविंग मोड से आप कॉल और मेसेज कर सकते हैं, इंटरनेट ब्राउज कर सकते हैं। सभी ऐंड्रॉयड फोन्स में बैटरी-सेवर हो, यह जरूरी नहीं। लेकिन अधिकतर में होता है। एक एक्स्ट्रा बैटरी रखें गौर कीजिएगा अकसर फोन्स की बैटरी गलत टाइम पर बंद हो जाती है। वहीं जाकर जहां चार्ज करने की सुविधा हो ही न। कई ऐंड्रॉयड फोन्स की बैटरी रिमूवेबल होती है। ऐसे में आप एक अलग बैटरी खरीदकर मुश्किल वक्त के लिए रख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर बैटरी रिप्लेस कर सकते हैं। अब तो खैर पावर बैंक्स भी ऐसी मुश्किल घड़ी से आपको उबार सकते हैं। गूगल क्रोम साइन इन करें अगर आप अपने फोन में मौजूद गूगल क्रोम ब्राउजर पर अपने गूगल अकाउंट में साइन-इन कर लेते हैं तो आपके बुकमार्क्स और प्रेफरेंस खुद-ब-खुद सेव होने लगेंगे। ऐप्स को फोल्डर्स में ऑर्गनाइज कर लें आप अपने ऐप्स को अलग-अलग कैटिगरी मे रखने के लिए फोल्डर्स क्रिएट कर सकते हैं। इससे बिखराव कम होता है और जल्दबाजी में ढूंढने पर ऐप जल्दी मिल जाता है। फोल्डर क्रिएट करने के लिए एक ऐप को प्रेस कर होल्ड करें और उसे खींचकर ऊपर बाईं तरफ क्रिएट फोल्डर ऑप्शन पर ले जाएं। कुछ फोन्स में आप आईओएस की तरह एक ऐप पर दूसरे ऐप को ड्रैग कर ड्रॉप कर सकते हैं। फोल्डर खुद-ब-खुद बन जाएगा। थर्ड पार्टी कीबोर्ड यूज करें कई बार स्वाइप करना टाइप करने से आसान लगता है। जरूरी नहीं कि आप सिर्फ गूगल के कीबोर्ड का ही इस्तेमाल करें, कई सारे कीबोर्ड ऐप्स हैं जिन्हें गूगल प्ले स्टोर से चुना जा सकता है। मसलन, स्वायप के जरिये आप टाइप करने की जगह लेटर्स को स्वाइप कर लिख सकते हैं। क्रोम में बैंडविड्थ मैनेजमेंट अजस्ट करें आप क्रोम में रिड्यूस डेटा यूजेज ऑप्शन ऑन कर सकते हैं जिससे बेकार का वाइटस्पेस हटाकर क्रोम छोटे फॉर्मैट में तस्वीरें ट्रांसलेट कर देता है। इससे ब्राउजिंग के वक्त काफी डेटा बचता है। डेटा सेफ रखने के लिए गूगल ऑथेंटिकेटर गूगल ऑथेंटिकेटर आपको आपके गूगल अकाउंट के लिए टू-स्टेप वेरिफिकेशन सिक्यॉरिटी देताहै। ताकि, जब भी आप लॉग इन करें, आपको ऐप द्वारा जेनरेट किया हुआ एक कोड आपके पासवर्ड के साथ नजर आए। इससे अजनबी आपके अकाउंट में लॉग इन नहीं कर सकेंगे। डिफॉल्ट ऐप्स बदलें सेटिंग्स में नेविगेट कर ऑल पर जाएं और क्लियर डिफॉल्ट्स को प्रेस करें। सभी डिफॉल्ट सेटिंग्स और ऐप्स हट जाएंगे। इसके बाद आप अपने फेवरिट ऐप्स को अपनी सहूलियत के हिसाब से सेटअप कर सकते हैं।  

मुख्यमंत्री साय बोले – जीवन में सफलता के लिए शिक्षा है मजबूत आधार

छत्तीसगढ़ ने शिक्षा के क्षेत्र में हासिल किया नया मुकाम : नई शिक्षा नीति से बदली तस्वीर, छत्तीसगढ़ में स्थानीय भाषाओं में मिल रही शिक्षा रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित पीएसवाय उत्कृष्टता सम्मान समारोह में विभिन्न विधाओं के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने सभी सम्मानित शिक्षकों, विद्यार्थियों और संस्थाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र सेवा का मार्ग है। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है, और यही किसी भी राष्ट्र की प्रगति की नींव होती है। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में सफलता का मूल आधार शिक्षा ही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब अपने रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है और बीते वर्षों में राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। जहां पहले प्रदेश में केवल एक मेडिकल कॉलेज था, आज वहां 15 से अधिक मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। साथ ही, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थान भी राज्य में कार्यरत हैं। गांव-गांव में स्कूल खोले गए हैं, और बच्चों की आवश्यकताओं के अनुरूप महाविद्यालयों की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि हमारे समय में कई गांवों के बच्चों के लिए केवल एक स्कूल होता था। मुझे याद है कि मैंने पांचवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा दूसरे गांव में दी थी, क्योंकि हमारे गांव में परीक्षा केंद्र नहीं था। आज छत्तीसगढ़ में छात्रों के लिए असीम अवसर मौजूद हैं और प्रत्येक बच्चे को इन अवसरों का लाभ उठाकर अपने लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में निरंतर अग्रसर है, और इसी संकल्प को लेकर हम विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में भी तेज़ गति से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में देश ने वैश्विक स्तर पर सम्मान प्राप्त किया है और भारत पुनः विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है। श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार नई शिक्षा नीति को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में देश में लागू की गई नई शिक्षा नीति के तहत छत्तीसगढ़ में शिक्षा अब स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध हो रही है। बस्तर जैसे क्षेत्रों में अब स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई करवाई जा रही है, और प्रदेश में मेडिकल की शिक्षा भी हिंदी में दी जा रही है। रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने संस्था द्वारा सम्मानित प्रतिभावान छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में इन बच्चों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने में हमारे युवाओं का योगदान निर्णायक सिद्ध होगा। विधायक श्री धरमलाल कौशिक ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि संस्था का उद्देश्य न केवल प्रतिभाशाली छात्रों को सम्मानित करना है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही प्रतिभाओं को भी एक मंच प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों को विभिन्न भाषाओं में पारंगत बनाने की दिशा में ठोस कार्य प्रारंभ हो चुका है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक परिवर्तनों की भी सराहना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कलाकारों को भी सम्मानित किया। इस दौरान वरिष्ठ चित्रकार श्री राज सैनी ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को एक विशेष उपहार के रूप में उनके प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ की पेंटिंग भेंट की। कार्यक्रम में पीएसवाय के प्रेसिडेंट डॉ. एस.के. मिश्रा, सलाहकार श्री महेंद्र गुप्ता, सीईओ श्रीमती शुभ्रा शुक्ला, सहित अनेक प्रबुद्धजन, शिक्षाविद्, गणमान्य अतिथि, एवं स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।