वन राज्यमंत्री ने जनसुनवाई कर आमजन की परिवेदनाओं को सुना, अधिकारियों को परिवेदनाओं के त्वरित निराकरण के दिए निर्देश

जयपुर,  पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय शर्मा ने अलवर जिले के सर्किट हाउस में जनसुनवाई कर आमजन की परिवेदनाओं को सुनकर उनके त्वरित निराकरण के निर्देश दिये। वन राज्यमंत्री श्री शर्मा ने जनसुनवाई में आए पेयजल, विद्युत, सडक, पुलिस आदि की परिवेदनाएं लेकर आए फरियादियों को संवेदनशीलता के साथ सुनकर संबंधित अधिकारियों को उनके त्वरित निराकरण के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि समस्याओं का निराकरण होने पर उन्हें सूचित कर उनके संतुष्टि स्तर में वृद्धि करें। उन्होंने निर्देश दिये कि आमजन को मूलभूत समस्याओं की प्राथमिकता से सुनवाई करें। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा अंतिम पंक्ति तक के पात्र व्यक्ति के कल्याण हेतु विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है जिनका जागरूक रहकर न केवल स्वयं लाभ उठाएं बल्कि अन्य पात्र व्यक्तियों को भी इन योजनाओं के प्रति जागरूक कर लाभांवित करावे।

अगले हफ्ते भी नहीं मिलेगी राहत, दिल्ली-NCR में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी

नई दिल्ली  दिल्ली-एनसीआर में मानसून ने अब अपनी रफ्तार पकड़ ली है, भले ही इस बार यह तय समय से थोड़ी देरी से आया है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, आने वाले दिनों में भी दिल्ली और आसपास के इलाकों के लोगों को बारिश, तेज़ हवाओं के साथ उमस का सामना करना पड़ सकता है। इस सप्ताहांत तक हल्की बारिश की संभावना है, जबकि अगले सप्ताह रुक-रुककर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। आज और कल के लिए भारी बारिश का अलर्ट IMD की मानें तो आज (12 जुलाई) हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है, और 13 जुलाई की रात से बारिश की तीव्रता में इज़ाफ़ा हो सकता है। यह स्थिति 17 जुलाई तक बनी रह सकती है, जिससे दिल्ली-एनसीआर में मौसम सुहाना बना रहेगा। तापमान भी मौसम के साथ खेल रहा इस समय दिल्ली का तापमान भी मौसम के साथ आँख-मिचोली खेल रहा है। 13 जुलाई तक तापमान में हल्का इज़ाफ़ा हो सकता है, लेकिन 17 जुलाई तक अधिकतम तापमान 32 से 34 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। फिलहाल, दिल्ली में जुलाई महीने में केवल 57 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य औसत 195.8 मिमी होता है। बीते दिन भी बादलों और धूप की लुकाछिपी के बीच कुछ इलाकों में हल्की और कुछ जगहों पर तेज़ बारिश दर्ज की गई। सप्ताह के अंत तक सक्रिय रहेगा मानसून ट्रफ मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली के आसपास मानसून ट्रफ सक्रिय है, जिससे वीकेंड तक हल्की बारिश होती रहेगी। इसके बाद यह ट्रफ उत्तर की ओर बढ़ेगा, जिससे अगले सप्ताह बारिश की गतिविधि बढ़ सकती है। राजधानी से सटे फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाज़ियाबाद और नोएडा जैसे इलाकों में भी मौसम का मिज़ाज कुछ ऐसा ही बना हुआ है। इन इलाकों में आज के लिए भी येलो अलर्ट जारी किया गया है। शुक्रवार (11 जुलाई) सुबह 8:30 बजे तक 17.1 मिमी और शाम 5:30 बजे तक 1.0 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से थोड़ा कम है। मौसम विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि दिल्ली-एनसीआर में 25 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से तेज़ हवाएँ चल सकती हैं। इस बीच, लोग मौसम के ट्रिपल अटैक यानी बारिश, तेज़ धूप और उमस से जूझते नज़र आ रहे हैं।

उपभोक्ताओं को बिजली का झटका, पिछले साल की तुलना में 1.89% की वृद्धि, अब 300 से 400 यूनिट पर देना होगा 50 रुपये अधिक

रायपुर छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने आम उपभोक्ताओं को बिजली का झटका दे दिया है। अगर आप 300 से 400 यूनिट तक बिजली की खपत करते हैं तो अगस्त के बिल में 40 व 50 रुपये अधिक बिल जुड़ जाएगा। इसी तरह से 500 से 600 यूनिट तक खपत होने पर 60 व 70 रुपये अतिरिक्त देना पड़ेगा। आयोग ने शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली की नई दरों को स्वीकृति दे दी है। यह एक जुलाई 2025 से प्रभावशील होंगी। विद्युत वितरण कंपनी के अनुसार एक यूनिट बिजली की उत्पादन लागत जहां 7.20 रुपये है, वहीं घरेलू उपभोक्ताओं को यह न्यूनतम 4.10 रुपये प्रति यूनिट की दर से दी जा रही है। कंपनी के एमडी भीमसिंह कंवर और नियामक आयोग ने बिजली की नई दरों को संतुलित, विकासोन्मुखी और प्राथमिकता श्रेणियों के हित में बताया है। इससे सरकार पर सब्सिडी का भार जरूर बढ़ेगा, लेकिन उपभोक्ताओं को अपेक्षित राहत मिलती रहेगी। गौरतलब है कि राज्य सरकार 400 यूनिट तक खपत वाले उपभोक्ताओं को बिजली बिल में हाफ यानि 50 प्रतिशत की छूट दे रही है।

बचत के साथ खरीदारी में ही है समझदारी

शॉपिंग करने का क्रेज है, तो थोड़ा प्लान करके चलने से इसका मजा और भी बढ़ जाएगा। आखिर इस तरह कुछ बचत होगी और आपकी पसंद का सामान भी आएगा। जानते हैं इसी से जुड़े कुछ टिप्स… अगर आपको शॉपिंग करने का क्रेज है, तो आपका मन सेल सीजन में और भी उतावला हो जाता होगा। लेकिन शॉपिंग पर जाने से पहले उन बातों का जरूर ध्यान रखें, जिनसे सेविंग भी हो जाए और खरीदारी भी बढ़िया हो। सेल का इंतजार करें अगर आपको एक साथ ज्यादा चीजें खरीदने की आदत है, तो बेहतर होगा कि सेल सीजन का वेट करें। जब तक सेल ना लगे, तब तक मॉल में शॉपिंग करना बिल्कुल अवॉयड करें। यहां आपको ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। शॉपिंग का अलग अकाउंट जब भी आपको पे चेक मिले, तो इसे दो अकाउंट्स में डिवाइड करें। एक को अपने बिल्स और जरूरतों के लिए रखें और दूसरे को शॉपिंग के लिए। दूसरे अकाउंट से शॉपिंग वाला दिन आने तक कोई ट्रांजैक्शन ना करें। फिजूल शॉपिंग से बचें ऐसा कुछ भी नहीं खरीदें, जिसकी जरूरत आपको तुरंत न हो। कभी तो इसकी जरूरत होगी वाली सोच रखेंगे, तो फालतू की शॉपिंग ज्यादा होगी। इस पैसे को बचाएं और अपनी जरूरत की चीजों पर खर्च करें। खर्चों का हिसाब-किताब अपने खर्चों का ट्रैक रखना बेहद जरूरी है। बेहतर है कि अपनी डिजिटल डायरी या मोबाइल फोन में नोट बनाकर आप रोजाना होने वाले खर्च का ध्यान रखें। हर महीने के अंत में चेक करें कि कहां सेविंग हो सकती थी। अगर हो सके, तो महीने की बजाय हफ्ते का हिसाब रखें। सेविंग कर दें शुरू आमतौर पर सेल जनवरी और अगस्त के आसपास लगती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए एक-दो महीने पहले ही सेविंग्स करना शुरू कर दें। मॉनसून में भी बड़ी-बड़ी सेल लगा करती हैं। ऐसे में आप सेल शुरू होने से एक महीने पहले ही सेविंग शुरू कर दें। एक बार करेंगे, तो आपको खुद ही इसमें मजा आने लगेगा। तो मॉनसून सेल एन्जॉय करने की तैयारी अभी से शुरू कर दें!  

यूपी में भीगेंगे ये जिले! चित्रकूट-कानपुर में रिकॉर्ड बारिश के बाद IMD का नया अलर्ट

लखनऊ  मानसून पूरे प्रदेश में सक्रिय है। शनिवार को चित्रकूट और कानपुर में सबसे ज्यादा बारिश हुई। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए पूर्वानुमान जारी किया है।  बुंदेलखंड समेत प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में शनिवार को अच्छी बारिश हुई जिससे तापमान में भी एक से दो डिग्री की गिरावट महसूस की गई। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में अभी एक हफ्ते तक बारिश का दौर जारी रहेगा। इस दौरान कहीं कम तो कहीं मध्यम व तेज बारिश होती रहेगी। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने बताया कि शनिवार को सबसे ज्यादा बारिश बुंदेलखंड क्षेत्र में दर्ज की गई। चित्रकूट में शनिवार शाम तक सबसे अधिक 216 मिमी. बारिश दर्ज की गई। वहीं कानपुर में 126 मिमी. और बांदा में 115 मिमी. बारिश दर्ज की गई। राजधानी लखनऊ में भी औसत 39.5 मिमी. बारिश हुई। मोहम्मद दानिश ने बताया कि दक्षिणी यूपी से बारिश का असर उत्तरी क्षेत्र की ओर तेजी से बढ़ रहा है। रविवार को आगरा और उसके आसपास के क्षेत्र में अच्छी बारिश की संभावना है।मौसम विज्ञानी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि पूरे प्रदेश में ड्राई फेज समाप्त हो रहा है। अगले एक हफ्ते तक अच्छी बारिश की संभावना है। बीच में कहीं कहीं केवल बूंदाबांदी से भी संतोष करना पड़ सकता है लेकिन ज्यादातर जगह बारिश होती रहेगी। शनिवार की तरह ही रविवार को भी मौसम का मिजाज बने रहने की संभावना है। आज यहां भारी वर्षा की संभावना सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, बिजनौर, मुरादाबाद, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर एवं आसपास के इलाकों में।   यहां मेघगर्जन/वज्रपात होने की संभावना बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर, लखीमपुर खीरी, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुर, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर एवं आसपास के इलाकों में।  

दमे की बीमारी में एलर्जी से बचना जरुरी

महानगरों में बढ़ते प्रदूषण ने स्वच्छ हवा, पानी, रोशनी और हरियाली को किताबी बातें बना दिया है। प्रदूषण के कारण ही सांस की बीमारी एक आम समस्या बन चुकी है। बड़ी संख्या में पेड़-पौधों के कटाव से वातावरण दूषित होता है। सांसों की एलर्जी अर्थात दमा भी इसी दूषित वातावरण की ही देन है। आज न केवल बड़े बल्कि छोटे-छोटे बच्चे और नवजात शिशु भी सांस की घुटन से राहत पाने के लिए अपने साथ नेबुलाइजर रखने को विवश हैं। दमा के बारे में अलग-अलग डॉक्टर अलग-अलग राय रखते हैं। कुछ डॉक्टरों के अनुसार यह श्वास का स्नायुविक रोग रेसपीरेटरी न्यूरोसिस है तो कुछ कहते हैं कि यह रोग रक्त में एलर्जी और टॉक्सिन्स उत्पन्न हो जाने से होता है। जो वायु हम ग्रहण करते हैं वह नाक, गला, फैंरिक्स और वायुनली से होते हुए श्वासनली के द्वारा फेफड़ों में पहुंचती है और जब हम सांस छोड़ते हैं तो इसी प्रकार वायु शरीर से बाहर निकल जाती है। वायु का यह स्वतंत्र ग्रहण और निष्कासन ही हमारी श्वसन क्रिया का आधार है। दमा को एलर्जी का ही एक प्रकार माना जाता है। कोई भी ऐसा पदार्थ जो शरीर के लिए हानिकारक हो, एलर्जी कहलाता है। जब यह पदार्थ हमारे शरीर में प्रवेश करता है तो शरीर इसका विरोध करता है। जब एलर्जीकारक हमारी श्वसन नली में प्रवेश करता है तो फेफड़ों के बचाव के लिए हमारी श्वसन व्यवस्था उसे बीच में ही रोकने का प्रयास करती है, इससे सांस लेने में कष्ट होता है। जो एलर्जी पहले से ही सिस्टम में प्रवेश कर चुकी होती है उससे बलगम और खांसी होती है और गले में सूजन आ जाती है और उसी से श्वास नली में रुकावट आ जाती है और सांस लेने में कठिनाई होती है। इस स्थिति के बार-बार उत्पन्न होने की दशा में इसे दमा की संज्ञा दी जाती है। दमा कोई बीमारी नहीं अपितु एक एलर्जी तथा वंशानुगत रोग है। सांस लेने में तकलीफ होना, दम घुटना, श्वास लेते समय सीटी जैसी आवाज होना, अक्सर छाती का दबाव या भारीपन महसूस होना, खांसते समय पसीना आना, चेहरे पर पीलापन, हाथ-पैर ठंडे रहना व्यायाम आदि करने से सांस फूल जाना, आदि कुछ ऐसे लक्षण हैं जिसके द्वारा दमा की पहचान संभव है। लगातार या बार-बार खांसी हो या दो सप्ताह से भी अधिक समय से खांसी ठीक न हो रही हो तो भी तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना उचित होता है अन्यथा आगे चलकर आपको दमे का सामना करना पड़ सकता है। दमे का दौरा अचानक और वह भी प्रायः मध्यरात्रि के बाद ही होता है। रक्त के प्लाज्मा कोर्टिसोल लेवल में प्रतिकूल परिवर्तन आने से फेफड़ों की नलिकाओं में ऐंठन पैदा हो जाती है और रोगी को दमे का दौरा पड़ जाता है। दौरे के समय रोगी को लेटने में कठिनाई होती है इसलिए वह बैठकर ही अपना समय व्यतीत करता है। दमा के उपचार के लिए ज्यादातर इन्हेलर दवाएं दी जाती हैं। दवा देने की अन्य विधियां भी हैं जैसे पंप के पाउडर सूंघने देना और सोल्यूशन नेबुलाइजर में दवा का धुआं बनाकर उस धुएं को इनहेल करने देना। इसके अतिरिक्त गोलियों व इंजेक्शन के रूप में भी दवा दी जाती है। दवाइयों के अतिरिक्त कुछ छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर भी दमे को सुरक्षित व प्रभावशाली ढंग से नियंत्रण में रखा जा सकता है। जिन्हें धूल से एलर्जी है उनके लिए आवश्यक है कि वे इससे बचें इसके लिए घर के वातावरण को साफ-सुथरा रखें। घरों में मोटे पर्दे, गलीचे आदि न लगाएं। ऐसे में सफाई के लिए झाडू के स्थान पर वैक्यूम क्लीनर का प्रयोग करें क्योंकि यह धूल के महीन से महीन कण खींच लेता है। फर्श की सफाई गीले कपड़े से करें। पालतू जानवर न पालें और तेज सुंगध से बचें आदि। विभिन्न रोगियों में एलर्जीकारक तत्व अलग अलग होते हैं। जो विभिन्न क्रियाओं से उनके भीतर प्रवेश कर सकते हैं जैसे धारा के पास रहना, आटा छानना गेहूं साफ करना आदि। इनसे भी दमे का दौरा पड़ सकता है। इसी प्रकार फूड एलर्जी का ध्यान रखना जरूरी है। खट्टी चीजें, तले हुए पदार्थ व दही न लें। जिन खाद्य पदार्थों में रंग का प्रयोग किया गया हो उनसे बचें। किसी भी दवा का लंबे समय तक सेवन करते रहना भी नुकसानदायक हो सकता है। विभिन्न रोगियों पर किए परीक्षणों से डॉक्टरों ने यह निष्कर्ष भी निकाला है कि कई बार क्रोध, चिन्ता, डर, उत्तेजना या अधिक मेहनत करने के कारण हुई थकावट भी इस रोग को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में आवश्यक है कि ऐसी स्थिति से बचा जाए। प्राकृतिक चिकित्सा के पक्षधरों का मानना है कि दोषपूर्ण खान-पान रहन-सहन, बढ़ती भौतिक सुख-सुविधाएं और घटता हुआ शारीरिक श्रम और व्यायाम से जी चुराने की प्रवृत्ति ही दमे के लिए उत्तरदायी है। जलनेति, सुत्रनेति और कुंजल आदि क्रियाओं का दमे के उपचार में महत्वपूर्ण स्थान है। जलनेति और सूत्रनेति करने से नासामार्ग के अवरोध दूर हो जाते हैं और रोगी को सांस लेने में सुविधा होती है। ऊपरी श्वसन मार्ग को साफ करने के लिए ये क्रियाएं बहुत उपयोग होती हैं। ये क्रियाएं श्वसन मार्ग के संक्रमण को न्यूनतम करने का प्रयास करती हैं। दूसरी क्रिया कुंजल है। इस क्रिया द्वारा सभी अनपचे खाद्य पदार्थों को रोगी के शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। प्रायः इस क्रिया के बाद अम्लीय गंध लिए हरा-पीला सा म्यूक्स जैसा स्राव निकलता है। इस क्रिया से भी रोगी को आराम मिलता है। इनके अतिरिक्त गहरी सांस लेना और प्राणायाम ऐसी क्रियाएं हैं जो दमा के रोगियों के लिए बहुत लाभकारी होती हैं। दमा के रोगियों को अपने आहार तथा सांस में कठिनाई का रिकार्ड रखना चाहिए। एक या दो मास इस तरह का रिकार्ड रखने पर रोगी की यह ज्ञात हो जाता है कि कौन सी चीजें खाने पर उसकी तकलीफ बढ़ती है। इससे रोगी के आहार से आसानी से एलर्जीकारक चीजों को निकाला जा सकता है। दमा के रोगी को तरोताजा अहसास व शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित व्यायाम जैसे जॉगिंग, स्वीमिंग तथा योगासन आदि करने चाहिए। तैरने से श्वसन क्षमता में वृद्धि होती है। खुली हवा में घूमना-फिरना भी लाभकारी है इससे ताजी हवा फेफड़ों में पहुंचती है। हालांकि … Read more

उपराष्ट्रपति ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, कोटा के चौथे दीक्षांत समारोह को किया संबोधित, कोचिंग सेंटर अब ‘पोचिंग सेंटर’ बन गए हैं: उपराष्ट्रपति

जयपुर, भारत के उपराष्ट्रपति, जगदीप धनखड़ ने शनिवार को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT), कोटा, राजस्थान के चौथे दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा, “कोचिंग सेंटर अब ‘पोचिंग सेंटर’ बन चुके हैं। ये सुदृढ़ सांचों में प्रतिभा को जकड़ने वाले काले छिद्र बन गए हैं। कोचिंग सेंटर अनियंत्रित रूप से फैल रहे हैं, जो हमारे युवाओं के लिए, जो कि हमारे भविष्य हैं-एक गंभीर संकट बनता जा रहा है। हमें इस चिंताजनक बुराई से निपटना ही होगा। हम अपनी शिक्षा को इस तरह कलंकित और दूषित नहीं होने दे सकते।”  धनखड़ ने आगे कहा, “अब देश किसी सैन्य आक्रमण से नहीं, बल्कि विदेशी डिजिटल बुनियादी ढांचे पर निर्भरता से कमजोर और पराधीन होंगे। सेनाएं अब एल्गोरिद्म में बदल गई हैं। संप्रभुता की रक्षा का संघर्ष अब तकनीकी स्तर पर लड़ा जाएगा।” उपराष्ट्रपति ने तकनीकी नेतृत्व को नई राष्ट्रभक्ति का आधार बताते हुए कहा, “हम एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं- एक नए राष्ट्रवाद के युग में। तकनीकी नेतृत्व अब देशभक्ति की नई सीमा रेखा है। हमें तकनीकी नेतृत्व में वैश्विक अगुवा बनना होगा।” धनखड़ ने रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आयात-निर्भरता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “यदि हम रक्षा के क्षेत्र में बाहर से तकनीकी उपकरण प्राप्त करते हैं, तो वह देश हमें ठहराव की स्थिति में ला सकता है।” डिजिटल युग में बदलती वैश्विक शक्ति संरचनाओं की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “21वीं सदी का युद्धक्षेत्र अब भूमि या समुद्र नहीं है। पारंपरिक युद्ध अब अतीत की बात हो गई है। आज हमारी शक्ति और प्रभाव ‘कोड, क्लाउड और साइबर’ से तय होते हैं।” धनखड़ ने कहा, “हम गुरुकुल की बात कैसे न करें? हमारे संविधान की 22 दृश्य-प्रतिमाओं में एक गुरुकुल की छवि भी है। हम सदैव ज्ञानदान में विश्वास रखते आए हैं। कोचिंग सेंटर को अपने ढांचे का उपयोग कौशल केंद्रों में परिवर्तित करने के लिए करना चाहिए। मैं नागरिक समाज और जनप्रतिनिधियों से आग्रह करता हूं कि इस समस्या की गंभीरता को समझें और शिक्षा में पुनर्संयम लाने हेतु एकजुट हों। हमें कौशल आधारित कोचिंग की आवश्यकता है।” धनखड़ ने अंकों की होड़ के दुष्परिणामों पर चेताते हुए कहा, “पूर्णांक और मानकीकरण के प्रति जुनून ने जिज्ञासा को खत्म कर दिया है, जो कि मानव बुद्धिमत्ता का एक स्वाभाविक अंग है। सीटें सीमित हैं लेकिन कोचिंग सेंटर हर जगह फैले हुए हैं। वे वर्षों तक छात्रों के मन को एक ही ढर्रे में ढालते हैं, जिससे उनकी सोचने की शक्ति अवरुद्ध हो जाती है। इससे कई मनोवैज्ञानिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।” छात्रों को अंकों से ऊपर सोचने की प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा, “आपकी मार्कशीट और अंक आपको परिभाषित नहीं करेंगे। प्रतिस्पर्धी दुनिया में प्रवेश करते समय, आपका ज्ञान और सोचने की क्षमता ही आपको परिभाषित करेगी।” डिजिटल क्षेत्र की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “एक स्मार्ट ऐप जो ग्रामीण भारत में काम नहीं करता, वह पर्याप्त स्मार्ट नहीं है। एक एआई मॉडल जो क्षेत्रीय भाषाओं को नहीं समझता, वह अधूरा है। एक डिजिटल उपकरण जो दिव्यांगों को शामिल नहीं करता, वह अन्यायपूर्ण है।” युवाओं से स्थानीय समाधान को वैश्विक स्तर तक ले जाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, “भारत के युवाओं को टेक्नोलॉजी की दुनिया के सजग संरक्षक बनना चाहिए। हमें भारत के लिए भारतीय प्रणालियां बनानी होंगी और उन्हें वैश्विक बनाना होगा।” डिजिटल आत्मनिर्भरता में भारत को अग्रणी बनाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, “हमें अपनी डिजिटल नियति के निर्माता बनना होगा और अन्य देशों की नियति को भी प्रभावित करना होगा। हमारे कोडर, डेटा वैज्ञानिक, ब्लॉकचेन इनोवेटर और एआई इंजीनियर आज के राष्ट्र निर्माता हैं। भारत, जो कभी वैश्विक अग्रणी था, अब केवल उधार की तकनीक का उपयोगकर्ता बनकर नहीं रह सकता। पहले हमें तकनीक के लिए वर्षों प्रतीक्षा करनी पड़ती थी। अब यह समय सप्ताहों में सिमट गया है। हमें तकनीक का निर्यातक बनना चाहिए।” श्री धनखड़ ने शिक्षा को फैक्टरी की तरह संचालित करने की प्रवृत्ति का विरोध करते हुए कहा, “हमें इस असेंबली-लाइन संस्कृति को समाप्त करना होगा क्योंकि यह हमारी शिक्षा के लिए अत्यंत खतरनाक है। कोचिंग सेंटर राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भावना के विपरीत हैं। यह विकास और प्रगति में बाधाएं उत्पन्न करता है।” उन्होंने कोचिंग सेंटरों द्वारा विज्ञापनों पर भारी खर्च की आलोचना करते हुए कहा, “अखबारों में विज्ञापनों और होर्डिंग्स पर भारी पैसा बहाया जाता है। यह पैसा उन छात्रों से आता है जो या तो कर्ज लेकर या बड़ी कठिनाई से अपनी पढ़ाई का खर्च उठाते हैं। यह धन का उपयुक्त उपयोग नहीं है। ये विज्ञापन भले ही आकर्षक लगें, पर हमारी सभ्यतागत आत्मा के लिए आँखों की किरकिरी बन गए हैं।” अपने उद्बोधन का समापन करते हुए उपराष्ट्रपति ने रटंत शिक्षा की संस्कृति की तीव्र आलोचना की “हम आज रट्टा मारने की संस्कृति के संकट से जूझ रहे हैं, जिसने जीवंत मस्तिष्कों को केवल अस्थायी जानकारी के यंत्रवत भंडारों में बदल दिया है। इसमें न तो कोई आत्मसात है, न कोई समझ। यह रचनात्मक विचारकों की बजाय बौद्धिक ‘ज़ॉम्बी’ तैयार कर रहा है। रट्टा ज्ञान नहीं देता, केवल स्मृति देता है। यह डिग्रियों को गहराई के बिना जोड़ता है।” महात्मा बुद्ध के विचारों से युवाओं को किया प्रेरित- ‘‘अप्प दीपो भवः’’ राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, कोटा के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं, बल्कि जीवन की एक नई शुरुआत है। यह वह पड़ाव है जहां से युवा अपने ज्ञान, विचार और दृष्टिकोण से समाज और देश के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। राज्यपाल ने कहा कि भारत ने विश्व को ऐसे कई इंजीनियर दिए हैं जिन्होंने वैश्विक मंच पर देश का नाम रोशन किया है। कोटा को उन्होंने ‘औद्योगिक और शैक्षिक नगरी’ की उपाधि देते हुए कहा कि यह शहर शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। अपने उद्बोधन में उन्होंने महात्मा बुद्ध के प्रसिद्ध वाक्य ‘अप्प दीपो भवः’ अपना दीपक स्वयं बनो को उद्धृत करते हुए कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपने भीतर प्रकाश उत्पन्न करे और अपनी मेधा से न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को आलोकित करें। उन्होंने भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, एम. विश्वेश्वरैया, सुंदर … Read more

रेलवे भर्ती में सख्ती: जीरो टॉलरेंस नीति के साथ फास्ट ट्रैक एग्जाम शुरू

नई दिल्ली  रेल मंत्रालय ने देश के करोड़ों नौकरी चाहने वाले युवाओं को बड़ी राहत दी है। रेलवे की भर्ती प्रक्रिया में अब पूरी तरह से पारदर्शिता और तकनीक का इस्तेमाल होगा। इससे न सिर्फ उम्मीदवारों को फायदा मिलेगा, बल्कि भर्ती की पूरी प्रक्रिया भी तेज और निष्पक्ष हो जाएगी। नए बदलावों का मकसद परीक्षा में पारदर्शिता लाना, धोखाधड़ी पर रोक लगाना और योग्य उम्मीदवारों को समय पर नौकरी देना है। अब नहीं रहेगा बार-बार फ़ॉर्म भरने का झंझट: 'वन टाइम रजिस्ट्रेशन' अब हर बार फ़ॉर्म भरने का झंझट नहीं रहेगा। रेलवे ने "वन टाइम रजिस्ट्रेशन" (OTR) सिस्टम लागू किया है। इससे एक बार रजिस्ट्रेशन करके उम्मीदवार आने वाली सभी भर्तियों में आसानी से आवेदन कर सकेंगे। ये खासकर उन लाखों युवाओं के लिए राहत की खबर है, जो हर भर्ती के लिए नया आवेदन करते-करते थक जाते थे। आधार और फ़ेस रिकग्निशन से धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम रेलवे अब परीक्षा में किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए e-KYC और रियल-टाइम फ़ेस रिकग्निशन तकनीक का इस्तेमाल करेगा। इसका मतलब है कि परीक्षा के समय आधार कार्ड से पहचान की पुष्टि की जाएगी और चेहरा मिलान कर ये पक्का किया जाएगा कि परीक्षा वही उम्मीदवार दे रहा है जिसने फ़ॉर्म भरा है। इससे "जीरो चीटिंग" का दावा किया जा रहा है। हर साल मिलेगा परीक्षा का कैलेंडर, प्रक्रिया में आएगी तेज़ी रेल मंत्रालय ने अब सभी ग्रुप C पदों के लिए वार्षिक परीक्षा कैलेंडर जारी करने की व्यवस्था लागू कर दी है। इससे युवाओं को पहले से पता होगा कि कब कौन-सी भर्ती निकलेगी, कब आवेदन शुरू होंगे और परीक्षा कब होगी। रेलवे की तरफ से बताया गया है कि 2024 में कुल 1,08,000 से ज़्यादा पदों पर भर्तियां निकाली गईं। इतनी बड़ी संख्या में आवेदन (प्रमुख पदों के लिए करोड़ों आवेदन) होने के बावजूद, रेलवे ने भर्ती प्रक्रिया को पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ कर दिया है। अब भर्ती की अधिसूचना जारी होने से लेकर परीक्षा कराने तक का औसत समय 8 महीने रह गया है, जिसे भविष्य में और कम किया जाएगा। परीक्षा केंद्र घर के पास, मोबाइल जैमर से पूरी सुरक्षा रेलवे ने उम्मीदवारों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तय किया है कि अब परीक्षा केंद्र उम्मीदवार के घर से 250 किलोमीटर के भीतर ही होगा और अधिकतम दूरी 500 किलोमीटर रखी गई है। इतना ही नहीं, सभी केंद्रों पर 100% मोबाइल जैमर लगाए गए हैं ताकि कोई तकनीकी धोखाधड़ी न हो। जून 2025 की परीक्षा में इसका असर दिखा, जहाँ किसी भी तरह की चीटिंग की कोई खबर नहीं आई। इंटरनल प्रमोशन और वेटिंग लिस्ट में भी सुधार अब रेलवे के आंतरिक पदोन्नति के लिए भी CBAT और टैबलेट आधारित परीक्षा होगी, जिससे योग्य कर्मचारियों को जल्द प्रमोशन मिलेगा। लेवल-1 पदों के लिए 10वीं, ITI या नेशनल अप्रेंटिसशिप सर्टिफिकेट रखने वाले युवा पात्र माने जाएंगे। जो उम्मीदवार नियुक्ति के बाद जॉइन नहीं करेंगे, उनकी जगह वेटिंग लिस्ट से दूसरे उम्मीदवार को मौका तुरंत दिया जाएगा।  

राजस्थान में औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध: कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़

जयपुर, उद्योग एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने शुक्रवार को जोधपुर में औद्योगिक विकास से जुड़े विविध पक्षों पर स्थानीय उद्यमियों एवं विभागीय अधिकारियों के साथ गहन विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर उन्होंने औद्योगिक प्रगति से संबंधित राज्य सरकार की भावी कार्ययोजना एवं नवीन पहलुओं की जानकारी देते हुए अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उद्योग मंत्री  ने बताया कि राज्य सरकार सर्कुलर इकोनॉमी को आधार बनाकर औद्योगिक क्षेत्र में एक नई क्रांति की ओर अग्रसर है। इस नीति के अंतर्गत संसाधनों के पुनः उपयोग को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे उद्योगों को पर्यावरण-संवेदनशील और सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में आधुनिक मॉडल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना की जाएगी, जो विश्वस्तरीय अधोसंरचना से युक्त होंगे। इन पार्कों के माध्यम से निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा तथा युवाओं के लिए व्यापक स्तर पर रोज़गार के अवसर सृजित होंगे। कर्नल राठौड़ ने घोषणा की कि राज्य सरकार का प्रयास है कि रीको (RIICO) के अंतर्गत शून्य कराधान (Zero Tax) व्यवस्था लागू की जाए, ताकि पूर्ण राजस्व को औद्योगिक अधोसंरचना के विकास में ही पुनर्निवेशित किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह नीतिगत परिवर्तन राज्य के औद्योगिक परिदृश्य को और अधिक सक्षम, प्रतिस्पर्धी तथा निवेशोन्मुख बनाएगा। उन्होंने कहा, "नीतिगत निर्णयों की ज़िम्मेदारी सरकार की है और आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी के नेतृत्व में राजस्थान सरकार उद्योग जगत के सभी अपेक्षित सुधारों के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है। कर्नल राठौड़ ने यह भी कहा कि औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने हेतु “सरकार – उद्योग – प्रशासन” की त्रिस्तरीय सहभागिता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने जोधपुर को विश्वस्तरीय औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने हेतु संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा Ease of Doing Business को सुगम एवं सुलभ बनाने के लिए उठाए जा रहे ये ठोस कदम राजस्थान को राष्ट्रीय स्तर पर औद्योगिक रूप से अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होंगे। बैठक में सांसद श्री राजेन्द्र गहलोत, लघु उद्योग भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष श्री घनश्याम ओझा, राज्यसभा , श्री प्रसन्नचन्द मेहता, मारवाड चैम्बर आफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज, राजस्थान स्टील एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री प्रकाश जीरावला, लघु उद्योग भारती के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष श्री शंतिलाल बालड, सहित 150 से अधिक प्रबुद्ध उद्यमियो ने भाग लिया।

गुरपतवंत सिंह पन्नू की कपिल शर्मा को धमकी, वीडियो में दी खुली चेतावनी

नई दिल्ली  भारतीय कॉमेडियन कपिल शर्मा एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं, लेकिन इस बार मामला किसी मज़ाक या शो से जुड़ा नहीं है, बल्कि सीधे तौर पर उनकी जान और संपत्ति को लेकर गंभीर धमकी दी गई है। कनाडा के सरे (Surrey) शहर में उनके कैफे Caps Café पर फायरिंग की गई और अब खालिस्तानी आतंकी संगठन SFJ (सिख्स फॉर जस्टिस) ने एक धमकी भरा वीडियो जारी कर उन्हें कनाडा से बिज़नेस हटाने की चेतावनी दी है। गोलीबारी के बाद सीधी धमकी:  कनाडा खेल का मैदान नहीं  बुधवार को कपिल शर्मा के रेस्तरां पर हुई गोलीबारी की जिम्मेदारी बब्बर खालसा से जुड़े आतंकवादी हरजीत सिंह लड्डी ने ली है, जो वर्तमान में जर्मनी में रह रहा है। यह वही लड्डी है जो भारत की NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है और उसे भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। गोलीबारी के ठीक बाद अब SFJ प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो संदेश जारी किया है, जिसमें कपिल शर्मा को सीधा निशाना बनाते हुए कहा गया है कि "कनाडा तुम्हारा प्ले ग्राउंड नहीं है" और उन्हें अपने "हिंदुत्व विचारधारा वाले निवेश" को वापस भारत ले जाना चाहिए।  पन्नू ने लगाए गंभीर आरोप गुरपतवंत सिंह पन्नू ने वीडियो में कपिल शर्मा पर यह आरोप लगाया कि: वह नरेंद्र मोदी की हिंदुत्व विचारधारा को विदेशों में व्यापार के ज़रिए बढ़ावा दे रहे हैं। कपिल शर्मा ने "मेरा भारत महान" जैसे नारे तो लगाए, लेकिन व्यापार भारत में करने के बजाय कनाडा में निवेश किया। आतंकवादी संगठन का कहना है कि वो कनाडा की ज़मीन पर हिंदुत्व समर्थक बिज़नेस को बर्दाश्त नहीं करेगा। वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेते हुए सीधे तौर पर राजनीतिक और वैचारिक हमले किए गए हैं। क्या है मामला? -कपिल शर्मा का कैफे Caps Café कनाडा के सरे शहर में स्थित है। -बीते बुधवार को इस कैफे पर अज्ञात हमलावरों ने गोलीबारी की, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई। -हमले की जिम्मेदारी हरजीत सिंह लड्डी ने ली, जो बब्बर खालसा का सदस्य है।   मुंबई पुलिस भी एक्टिव घटना के बाद भारत में भी हलचल तेज हो गई है। मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को ओशिवारा स्थित उस इमारत का दौरा किया जहां कपिल शर्मा रहते हैं। हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह दौरा सिर्फ पते की पुष्टि के लिए किया गया था। न तो कपिल शर्मा से कोई बयान लिया गया है, और न ही उनकी सुरक्षा में फिलहाल कोई बदलाव किया गया है। कौन है हरजीत सिंह लड्डी? बब्बर खालसा से जुड़ा यह आतंकी जर्मनी में एक्टिव है। भारत की एजेंसियों ने उसे Most Wanted घोषित किया हुआ है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) उसे लंबे समय से ट्रैक कर रही है। वह खालिस्तानी आंदोलन को विदेशों में सक्रिय रखने के लिए डिजिटल और जमीनी स्तर पर लगातार काम कर रहा है।