‘गली-स्लिप’ में स्पेशलिस्ट फील्डर चाहिए टीम इंडिया को, संजय बांगर ने दी सख्त सलाह

नई दिल्ली भारत को इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा। बर्मिंघम में दूसरे टेस्ट से पहले भारत के पूर्व बैटिंग कोच संजय बांगर ने बताया कि ‘गिल एंड कंपनी’ क्लोज-इन फील्डिंग को बेहतर बनाकर वापसी कैसे कर सकती है। बांगर ने कहा कि मेहमान टीम का असली फोकस गली और स्लिप में सर्वश्रेष्ठ कैचर तैयार करने पर है, जहां अधिकांश कैच पकड़े जाते हैं। भारत ने अपनी दोनों पारियों में कुल 835 रन बनाए थे, लेकिन गेंदबाजों में जसप्रीत बुमराह को छोड़कर कोई भी खिलाड़ी इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर हावी नहीं हो सका। पहले टेस्ट के अधिकांश सेशन में इंग्लैंड से आगे रहने के बावजूद, भारत मुकाबले के अंतिम दिन इसका लाभ उठाने में नाकाम रहा। मेजबान टीम ने बेन डकेट के 149 रनों की बदौलत पांच विकेट से जीत हासिल की। संजय बांगर ने कहा, “इस खास टेस्ट मैच को जीतने का सबसे अच्छा तरीका कॉम्बिनेशन को देखना है। अगर पहले टेस्ट में भारत के लिए शीर्ष क्रम और मध्य क्रम ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया है, तो मुझे नहीं लगता कि टीम मैनेजमेंट को इस बात की चिंता करनी चाहिए कि नंबर आठ पर आपके लिए कौन रन बनाएगा।” उन्होंने आगे कहा, “इसलिए नंबर आठ पर एक अच्छे गेंदबाज को खिलाएं। इससे भारत के टेस्ट मैच जीतने की संभावना सच में बढ़ सकती है। क्योंकि पहली पारी में भारत ने जो 471 रन बनाए, चौथी पारी में उन्होंने जो लक्ष्य रखा वह टीम के लिए इंग्लैंड को दो बार आउट करने के लिए काफी था। मुझे लगता है कि गेंदबाजी विभाग पर जिम्मेदारी होनी चाहिए, जिसमें एक और गेंदबाज हो, लेकिन इंग्लैंड को दोनों पारियों में ऑलआउट करने की कोशिश करें।” भारत के पहले टेस्ट में हार की बड़ी वजह खराब फील्डिंग भी थी। कैच के महत्व पर बात करते हुए बांगर ने कहा, “कैच न छोड़ना बहुत जरूरी है। कैच छूटने से गेंदबाजी विभाग का काम और भी मुश्किल हो जाता है, लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि यह भारत के लिए एक नया कदम है। यशस्वी जहां भी फील्डिंग करते हैं- मूल रूप से, गली क्रिकेट में एक ऐसी पोजीशन है, जो बेहद खास है। मुझे लगता है कि यहीं पर भारत को गली क्षेत्र में कैचिंग में महारत हासिल करने के लिए एक खास खिलाड़ी को लगाना होगा।” उन्होंने कहा, “मुझे ऐसे बहुत से महान खिलाड़ी याद नहीं हैं, जो लगातार गली एरिया में रहे हों। मेरी याददाश्त में, अनिल कुंबले ने भारत के लिए खेलते समय यह बहुत अच्छा किया था। अजिंक्य रहाणे ने उस स्पॉट को अपना बना लिया। लेकिन उसके बाद, एक अच्छे गली फील्डर को तैयार करने पर फोकस करना होगा। क्योंकि यहां काफी कैच होते हैं। यह एक ऐसी पोजिशन है, जो सच में आपके सर्वश्रेष्ठ फील्डर को मिलनी चाहिए।”  

एजबेस्टन स्टेडियम में इंडिया और इंग्लैंड के बीच दूसरा मुकाबला, पिच का कैसा रहेगा मिजाज, जाने

नई दिल्ली बर्मिंघम के एजबेस्टन स्टेडियम में इंडिया और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला खेला जाएगा। एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का पहला मुकाबला हारने के बाद टीम इंडिया सीरीज में 0-1 से पीछे है। वहीं, अब दूसरा मुकाबला जहां खेला जाएगा, उस मैदान पर टीम इंडिया का रिकॉर्ड बहुत ही ज्यादा खराब है। उस रिकॉर्ड के अलावा आप ये भी इस स्टोरी में जान लीजिए कि बर्मिंघम के इस खूबसूरत स्टेडियम की पिच का मिजाज इस मुकाबले में कैसा रहने वाला है। बर्मिंघम में टीम इंडिया ने 8 मुकाबले खेले हैं, जिनमें से सात मैचों में टीम को हार मिली है और एक मैच ड्रॉ रहा है, जो 1980 के दशक में खेला गया था। भारत को यहां कई दशकों से जीत नहीं मिल पाई है। टीम पहले से ही पिछड़ चुकी है और अब ऐसे स्टेडियम में मैच खेलेगी, जहां जीत नहीं मिली तो यह बहुत मुश्किल भरा रहने वाला है। एजबेस्टन की बात करें तो यहां अब तक 56 टेस्ट मैच खेले गए हैं। इनमें से 29 मैचों में उन टीमों ने जीत दर्ज की है, जिन्होंने पहले बल्लेबाजी की है। वहीं, पहले गेंदबाजी करने वाली टीम इन 56 मैचों में से सिर्फ 12 मैचों में जीत दर्ज कर पाई है। 15 मुकाबले यहां ड्रॉ भी रहे हैं। टॉस की भूमिका यहां अहम रहती है, लेकिन जीत प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो टॉस जीतकर गेंदबाजी करने पर आपके 50 फीसदी के करीब चांस मुकाबले जीतने के हो जाते हैं। पिछले 10 टेस्ट मैचों में एजबेस्टन में पहली पारी का औसत स्कोर 334 रहा है। पिछली बार जब भारत ने इस मैदान पर खेला था, तो इंग्लैंड ने 378 रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक हासिल कर लिया था। इस मैदान पर पिछले चार टेस्ट मैचों में लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम को जीत मिली है, जो दर्शाता है कि पिच बल्लेबाजों को मदद करती है। इंग्लैंड के इस मैदान पर भी बाकी के मैदानों की तरह पेसर्स को मदद मिलती है। साल 2000 के बाद से तेज गेंदबाजों ने 31 की औसत से 490 विकेट लिए हैं। स्पिनर भी यहां फायदे में रहे हैं। उनका औसत 34 का है और विकेट उनको 153 मिले हैं।  

ऋषभ पंत को क्यों भाता है इंग्लैंड? एजबेस्टन में बने हैं रन मशीन!

नई दिल्ली  भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला एजबेस्टन में है। इस मैदान पर ऋषभ पंत ने एक ऐसा रिकॉर्ड कायम कर रखा है जो दुनिया के किसी बल्लेबाज ने नहीं किया है। इंग्लैंड तो उन्हें कुछ खास ही रास आता है। आंकड़े देखेंगे तो यकीन हो जाएगा। एजबेस्टन में सबसे ज्यादा स्ट्राइक रेट से शतक भारतीय क्रिकेट टीम को इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन टेस्ट में ऋषभ पंत से खास उम्मीद रहेगी। एक तो इंग्लैंड उन्हें रास आता है और दूसरा इस ग्राउंड पर उनके नाम एक खास रिकॉर्ड है। पंत ने 2022 में एजबेस्ट में 111 गेंद में 146 रन ठोके थे। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 131.53 का रहा। यह एजबेस्टन में शतक जड़ने वाले किसी भी बल्लेबाज का सबसे ज्यादा स्ट्राइक रेट है। इस मामले में तो वह एजबेस्टन के सुल्तान हैं। दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट हैं जिन्होंने 2001 में 106.29 के औसत से 143 गेंद में 152 रन बनाए थे। पंत को खूब रास आता है इंग्लैंड ऋषभ पंत को इंग्लैंड में उसके खिलाफ खेलना काफी रास आता है। उन्होंने 2018 के इंग्लैंड दौरे पर ही टेस्ट डेब्यू किया था। डेब्यू सीरीज में ही उन्होंने पहला शतक भी ठोका था। 2018 के ओवल टेस्ट में उन्होंने अपने जीवन की पहली टेस्ट सेंचुरी जड़ी थी। इस बार के दौरे में लीड्स टेस्ट की दोनों पारियों में उन्होंने शतक जड़ा। एजबेस्टन में शतक जड़ने वाले भारतीय ऋषभ पंत भारत के उन चुनिंदा 4 बल्लेबाजों में हैं जिन्होंने एजबेस्टन में टेस्ट शतक जड़ा है। सचिन तेंदुलकर ने 1996 में यहां 122 रन बनाकर शतक ठोका था। पंत और राहुल द्रविड़ ने 2018 में यहां शतक जड़े थे। रविंद्र जडेजा ने 2022 में एजबेस्टन में सेंचुरी जड़ी थी। इंग्लैंड के खिलाफ ऐसा करने वाले इकलौते बल्लेबाज ऋषभ पंत इंग्लैंड के खिलाफ लगातार 5 टेस्ट पारियों में 50 -प्लस बनाने वाले इकलौते भारतीय बल्लेबाज हैं। उन्होने 5 पारियों में 101 के औसत से 505 रन बनाए हैं। इंग्लैंड के खिलाफ पंत का प्रदर्शन ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज के पहले मुकाबले तक कुल 13 टेस्ट मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने 46.95 के औसत से 1033 रन बनाए हैं। अब तक उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ 5 टेस्ट शतक जड़े हैं। इंग्लैंड में पंत का प्रदर्शन अगर इंग्लैंड के खिलाफ उसी के घर में पंत के प्रदर्शन की बात करें तो वह अब तक 10 टेस्ट में 42.52 के औसत से 808 रन बना चुके हैं। इस दौरान उन्होंने 4 शतक भी जड़े हैं।

दूसरा टेस्ट मुकाबला: मोहम्मद सिराज पर गिरी गाज? पूर्व क्रिकेटर ने उठाई बाहर करने की मांग

नई दिल्ली भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट शुरू होने से पहले पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने प्लेइंग इलेवन को लेकर टीम मैनेजमेंट से खास अपील की है। उन्होंने कहा कि एजबेस्टन टेस्ट में प्रसिद्ध कृष्ण और मोहम्मद सिराज में से किसी एक को खिलाया जाना चाहिए। उन्होंने कैप्टन शुभमन गिल और कोच गौतम गंभीर से प्लेइंग इलेवन चुनते वक्त कड़े फैसले लेने की अपील की है। साथ में उन्होंने सुझाव भी दिया है कि प्रसिद्ध कृष्णा थोड़े अच्छे दिख रहे लिहाजा मोहम्मद सिराज को दूसरे टेस्ट में बेंच पर बिठाया जाए। मांजरेकर ने क्रिकइन्फो से बातचीत में कहा, '(सिराज या कृष्ण?) यहां आपको कड़े फैसले लेने होंगे। मेरे लिए यह आसान है क्योंकि सिराज आपके सीनियर बोलर हैं। वह पूरे जोश से गेंदबाजी करते हैं और हेडिंग्ले में उनका एक बढ़िया स्पेल भी रहा था…लेकिन आपको मौजूदा हकीकत की तरफ देखना होगा।' मांजरेकर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि टेस्ट मैच खत्म होने तक प्रसिद्ध कृ्ष्ण शुभमन गिल के लिए एक ऐसे गेंदबाज जैसे लगे जिनके पास विकेट लेने के लिए गेंद थमाई जा सकती है। इसलिए उस लिहाज से मैं प्रसिद्ध कृष्ण के साथ जाऊंगा। यह भले ही कठिन फैसला होगा लेकिन प्रसिद्ध की तुलना में मोहम्मद सिराज के मौजूदा फॉर्म को देखते हुए जरूरी है।’ मांजरेकर ने कहा कि शार्दुल ठाकुर की जगह पर नीतीश कुमार रेड्डी को खिलाया जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने एक तेज गेंदबाज को बैठाकर उसकी जगह कुलदीप यादव को खिलाने की सलाह दी है। भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैच की सीरीज का पहला मुकाबला लीड्स में खेला गया था। उस मैच में भारत की तरफ से दोनों पारियों को मिलाकर रिकॉर्ड 5 शतक लगे थे, उसके बाद भी उसे हार का सामना करना पड़ा था। लीड्स टेस्ट जीतने के बाद इंग्लैंड को सीरीज में 1-0 की बढ़त मिल चुकी है और एजबेस्टन टेस्ट के लिए उसके हौसले बुलंदी पर हैं। खास बात यह है कि ये मैदान भारत के खिलाफ इंग्लैंड का अभेद्य किला रहा है। यहां टेस्ट में भारत एक बार भी जीत नहीं पाया है।  

इंग्लैंड की ब्रिस्टल में बादशाहत खत्म, दूसरे T20 मैच में जेमिमा और अमनजोत की जोरदार बल्लाजी, भारत को 2-0 की बढ़त

 ब्रिस्टल ब्रिस्टल के काउंटी ग्राउंड में खेले गए दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड को 24 रन से हराकर तीन मैचों की सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली है. टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत ने 20 ओवर में 181 रन बनाए.  जेमिमा रोड्रिग्स और अमनजोत कौर ने टीम को मुश्किल हालात से निकालते हुए बल्ले से कमाल दिखाया और 93 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की, जिसकी मदद से महिला टीम ने 181 रन बनाने में सफल हुई.  जेमिमा ने शानदार अर्धशतक जड़ा जबकि अमनजोत ने अपने टी20 करियर का पहला अर्धशतक लगाया और आखिरी गेंद तक डटी रहीं. जेमिमा औऱ अमनजोत की शानदार बैटिंग भारत की शुरुआत निराशाजनक रही और भारत ने पावरप्ले में तीन विकेट गंवा दिए थे. शैफाली वर्मा, स्मृति मंधाना और कप्तान हरमनप्रीत कौर सस्ते में पवेलियन लौट गई थीं. इसके बाद जेमिमा और अमनजोत ने पारी को संभाला. दोनों ने इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों के आक्रामक आक्रमण का डटकर सामना किया और अर्धशतक जमाए. जेमिमा ने जहां 41 गेंदों में 63 रन बनाए वहीं अमनजोत ने भी 40 गेंदों में 63 रन बनाए और अंत तक नाबाद रहीं. ब्यूमोंट की फिफ्टी काम नहीं आई जवाब में बैटिंग करने उतरी इंग्लैंड की शुरूआत खराब रही और उसके तीन विकेट महज 17 रन पर आउट हो गए. हालांकि टैमी ब्यूमोंट ने कुछ देर तक उम्मीद जगाए रखी. ब्यूमोंट ने लगभग चार साल में अपना पहला टी20ई अर्धशतक बनाया और एमी जोन्स के साथ साझेदारी करते हुए 49 गेंदों पर 70 रन जोड़े. वह स्नेहा राणा के सटीक थ्रो से 54 रन बनाकर रन आउट हो गईं. भारत के लिए श्री चरानी ने एक ही ओवर में दो विकेट झटके, वहीं अमनजोत और दीप्ति शर्मा ने भी एक-एक विकेट लिया.      

एजबेस्टन टेस्ट मैच में मचेगी खलबली, कई महा रिकॉर्ड निशाने पर, जायसवाल और रूट तोड़ सकते हैं वर्ल्ड रिकॉर्ड

एजबेस्टन  भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन, बर्मिंघम में 2 जुलाई से खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट मैच से पहले रोमांच चरम पर है. हेडिंग्ले टेस्ट में हार के बाद शुभमन गिल की कप्तानी में टीम इंडिया वापसी की तलाश में है. इंग्लैंड ने पहला टेस्ट 371 रन का रिकॉर्ड लक्ष्य चेज़ कर जीत लिया था. अब भारत को सीरीज में बराबरी करने और वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) 2025-27 चक्र में मजबूत शुरुआत करने की जरूरत है. एजबेस्टन में भारत का रिकॉर्ड बेहद खराब भारत का इंग्लैंड में टेस्ट रिकॉर्ड कुछ खास नहीं रहा है. भारत ने इंग्लैंड में अब तक सभी फॉर्मैट में कुल 169 मैच खेले हैं, जिसमें सिर्फ 9 टेस्ट, 45 वनडे और 6 टी20 मैच जीते हैं. लेकिन अगर सिर्फ एजबेस्टन की बात करें, तो आंकड़े और भी निराशाजनक हैं. भारत ने इस मैदान पर अब तक 8 टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन एक भी नहीं जीता. भारत ने यहां अपना पहला टेस्ट साल 1967 में खेला था, लेकिन जीत अब तक नहीं मिली. हालांकि, भारत ने यहां वनडे में अच्छा प्रदर्शन किया है, जहां 12 में से 8 मुकाबले जीते हैं. भारत का एजबेस्टन टेस्ट रिकॉर्ड भारत ने एजबेस्टन में अबतक 8 टेस्ट मैच खेले हैं. जिनमें से केवल एक ही मैच भारतीय टीम ड्रॉ करा सकी है. बाकी सभी 7 मैचों में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा है. यानी एजबेस्टन में अबतक भारत ने जीत का स्वाद नहीं चखा है. वहीं, इंग्लैंड ने इस ग्राउंड पर अबतक 56 टेस्ट मैच खेले हैं और 30 में उसे जीत मिली है. 11 में ही उसे हार का सामना करना पड़ा है. 15 मैच ड्रा पर खत्म हुए हैं.  एजबेस्टन में भारतीय बल्लेबाज़ों का औसत (टेस्ट में) एजबेस्टन में भारतीय बल्लेबाज़ों का औसत देखें तो केएल राहुल का औसत यहां केवल 8.5 का है, जबकि कप्तान गिल का औसत 10.5 का है. पंत इकलौते खिलाड़ी हैं जिनका औसत यहां 100 से ऊपर का है. जडेजा का औसत 60 से ज्यादा का है. गेंदबाजों में जसप्रीत बुमराह ने इस मैदान पर 5 विकेट झटके हैं. सिराज ने 4 विकेट हासिल किए हैं. कई महा रिकॉर्ड निशाने पर, जायसवाल और रूट तोड़ सकते हैं वर्ल्ड रिकॉर्ड जायसवाल के नाम हो सकता है वर्ल्ड रिकॉर्ड दूसरे टेस्ट मैच में यशस्वी जायसवाल के पास इतिहास रचने का मौका होगा. जायसवाल के पास टेस्ट इतिहास में सबसे तेज 50 छक्के पूरा करने का मौका होगा. इसके लिए युवा बल्लेबाज को 10 छक्के लगाने होंगे. बता दें कि  टेस्ट इतिहास में सबसे तेज 50 छक्के लगने का वर्ल्ड रिकॉर्ड शाहिद अफरीदी के नाम है. अफरीदी ने अपने टेस्ट करियर में 50 छक्के केवल 46 पारियों में पूरा किए थे. वहीं, अबतक जायसवाल ने  38 पारी खेलकर कुल 40 छक्के लगाने में सफल हो गए हैं. अब यदि 10 छक्के जायसवाल अगली दो पारियों में लगाने में सफल रहे तो वो टेस्ट में सबसे तेज 50 छक्के लगाने के वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ देंगे. वैसे, उनके पास इस महारिकॉर्ड को तोड़ने के लिए 7 पारियां हैं.  जो रूट टेस्ट में कर सकते हैं यह कमाल  रूट दूसरे टेस्ट में कुल 202 रन बना लेते हैं, तो टेस्ट फॉर्मेट में सर्वाधिक रन बनाने वालों की लिस्ट में राहुल द्रविड़ और जैक कैलिस से आगे निकल जाएंगे. (Most runs in career in Tests – Batting records) इस समय रूट के नाम 13087 रन दर्ज है. द्रविड़ ने अपने टेस्ट करियर में 13288 रन बनाए हैं तो वहीं जैक कैलिस ने 13289 रन बनाने का कमाल किया है.  इसके अलावा भी कई सारे रिकॉर्ड बन सकते हैं.  केएल राहुल को 3500 टेस्ट रन पूरा करने के लिए 64 रनों की दरकार है.  रविंद्र जडेजा लाल गेंद क्रिकेट में 3500 रन बनाने से सिर्फ 94 रन दूर हैं. ऋषभ पंत टेस्ट में 350 चौके पूरा करने के से केवल 3 चौके दूर हैं. यशस्वी जायसवाल को 2000 टेस्ट रन बनाने के लिए 97 रनों की जरूरत है.  ऐसा करने वाले पहले बल्लेबाज बनेंगे रूट जो रूट 73 रन बनाते ही भारत के खिलाफ टेस्ट में 3000 रन बनाने वाले इंग्लैंड के पहले बल्लेबाज बन जाएंगे. रूट ने भारत के खिलाफ टेस्ट में अबतक कुल 2927  रन बनाए हैं. जिसमें 10 शतक औऱ 12 अर्धशतक शामिल है.  रूट तोड़ेंगे राहुल द्रविड़ का वर्ल्ड रिकॉर्ड इसके अलावा एक कैच लेते ही रूट टेस्ट में सबसे ज्यादा कैच लेने वाले खिलाड़ी बन जाएंगे. ऐसा करत ही रूट, राहुल द्रविड़ से आगे निकल जाएंगे. राहुल और रूट ने अबतक टेस्ट में 210 कैच लपके हैं.  ओली पोप भी इतिहास रचने के करीब ओली पोप भी एक उपलब्धि के करीब पहुंच रहे हैं, उन्हें टेस्ट क्रिकेट में 3500 रन तक पहुंचने के लिए 85 रन की जरूरत है. बेन डकेट के पास भी महाकारनामा करने का मौका बेन डकेट को टेस्ट में 350 चौके पूरे करने के लिए 13 और चौकों की जरूरत है. यह देखना दिलचल्प होगा कि दूसरे टेस्ट में डकेट इस खास मुकाम को हासिल कर पाते हैं नहीं.  हैरी ब्रूक भी कतार में हैरी ब्रूक टेस्ट मैचों में 2500 रन के आंकड़े से सिर्फ 62 रन दूर हैं.   बुमराह को छोड़कर बाकी गेंदबाज नहीं कर पाए कमाल दरअसल, लीड्स में इंग्लैंड से पांच विकेट से हार के बाद बुमराह को तीन ही टेस्ट खिलाने की बात कही गई थी। ऐसे में उनको इस टेस्ट में आराम देकर, अगले में मौका दिया जा सकता है। लीड्स में पहली पारी में पांच विकेट लेने के बाद, दूसरी पारी में वह कोई विकेट नहीं ले पाए थे। हार के बाद कोच गंभीर ने बुमराह के तीन टेस्ट खेलने की रणनीति में कोई बदलाव नहीं करने की बात कही थी। यह देखने वाली बात होगी कि भारतीय टीम एजबेस्टन में दो स्पिनर्स के साथ उतरता है या तीन मुख्य तेज गेंदबाजों को मौका देता है या फिर दोनों संयोजन को बनाता है। मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा भी पिछले टेस्ट में कोई छाप नहीं छोड़ पाए थे। प्रसिद्ध काफी महंगे साबित हुए थे, जबकि सिराज को दूसरी पारी में विकेट के लिए जूझना पड़ा था। ऐसे में टीम मैनेजमेंट इनमें से एक की जगह आकाश दीप को मौका देने … Read more

शमी को लगा तगड़ा झटका, कोर्ट के फैसले से हसीन जहां और बेटी आयरा को हुआ लाखों का फायदा

कलकत्ता भारत के स्टार गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) और उनकी पूर्व पत्नी हसीन जहां के मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने शमी को आदेश दिया है कि वे हसीन जहां को कुल 4 लाख रुपये मासिक गुजारा भत्ता देंगे. जस्टिस अजय कुमार मुखर्जी के द्वारा जारी किए गए आदेश में शमी को हसीन जहां के भरण-पोषण के लिए हर महीने 1.5 लाख रुपये और उनकी नाबालिग बेटी की देखभाल और खर्च के लिए 2.5 लाख रुपये देने का निर्देश दिया गया है. यह फैसला तब आया है, जब हसीन जहां ने कोलकाता के अलीपुर कोर्ट के 2018 के आदेश के खिलाफ अपील की थी, जिसमें शमी को उन्हें हर महीने 50 हजार रुपये और उनकी बेटी के खर्च के लिए अतिरिक्त 80 हजार रुपये देने का निर्देश दिया गया था. उस वक्त हसीन जहां ने मूल रूप से कुल 10 लाख रुपये मांगे थे, 7 लाख रुपये अपने लिए और 3 लाख रुपये अपनी बेटी के लिए, लेकिन निचली अदालत ने उनकी गुजारिश को खारिज कर दिया था. कोर्ट में ऐसे कामयाब हुईं हसीन जहां… हसीन जहां ने अपनी अपील में तर्क दिया कि शमी की फाइनेंशियल स्थिति ऐसी है, जिससे वे और ज्यादा गुजारा भत्ता राशि दे सकते हैं. वित्तीय वर्ष 2021 के लिए उनके आयकर रिटर्न के मुताबिक, शमी की वार्षिक आय करीब 7.19 करोड़ रुपये या 60 लाख रुपये प्रति माह थी. हसीन जहां ने दावा किया कि उनकी बेटी के लिए उनका महीने का खर्च 6 लाख रुपये से ज्यादा है. दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट हसीन जहां के पक्ष में फैसला सुनाया. जस्टिस मुखर्जी ने आदेश में कहा, "मेरी राय में याचिकाकर्ता नंबर 1 (पत्नी) को 1,50,000 रुपये हर महीने और उनकी बेटी को 2,50,000 रुपये की राशि उचित होगी." कोर्ट ने यह भी कहा कि शमी अपनी बेटी के एजुकेशन या अन्य भविष्य की जरूरतों के लिए खुद से अतिरिक्त राशि का योगदान कर सकते हैं. हाई कोर्ट ने पिछले फैसले के आधार पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह साफ नहीं है कि अलीपुर कोर्ट ने किस आधार पर काफी कम राशि का आदेश दिया था. संशोधित आदेश में कहा गया कि पहले के फैसले में सुधार की जरूरत है. 2014 में हुई थी शादी साल 2014 में कोलकाता नाइट राइडर्स की पूर्व मॉडल और चीयरलीडर हसीन जहां और मोहम्मद शमी से शादी हुई थी. 2015 में उन्हें एक बेटी हुई. इसके बाद, साल 2018 में उनके रिश्ते में कड़वाहट तब आ गई, जब हसीन जहां ने मोहम्मद शमी पर घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न और मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया था. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शमी ने घर के लिए फाइनेंशियल सपोर्ट देना बंद कर दिया है. साल 2023 में मोहम्मद शमी ने अपनी बेटी आयरा से लंबे वक्त के अलगाव के बाद मिलने के बाद इंस्टाग्राम पर एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया. उन्होंने लिखा, "जब मैंने उसे लंबे वक्त के बाद फिर से देखा तो वक्त थम गया. बेबो, मैं तुमसे शब्दों से ज़्यादा प्यार करता हूं." इस पोस्ट को एक घंटे के अंदर 1.6 लाख से ज़्यादा लाइक मिले थे.  

दक्षिण अफ्रीका ने आज पहले टेस्ट में मेजबान जिम्बाब्वे को ‘जमींदोज’ कर दिया, कॉर्बिन बॉश ने मारा ‘घातक पंजा’

क्वींस  दक्षिण अफ्रीका ने जिम्बाब्वे के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है। दक्षिण अफ्रीका ने मंगलवार को पहले टेस्ट में मेजबान जिम्बाब्वे को 'जमींदोज' कर दिया। दक्षिण अफ्रीका ने मैच के चौथे दिन बुलावायो के क्वींस स्पोर्ट्स क्लब में 328 रनों से धमाकेदार जीत हासिल की। 537 रनों के लक्ष्य पीछा करते हुए जिम्बाब्वे की टीम 208 पर ऑलआउट हो गई। जिम्बाब्वे ने दिन का खेल 32/3 के स्कोर से शुरू किया और 176 रन ही जोड़े। दक्षिण अफ्रीका के 30 वर्षीय ऑलराउंडर कॉर्बिन बॉश ने 'घातक पंजा' मारा। उन्होंने जिम्बाब्वे की दूसरी पारी में 12 ओवर में 43 रन देकर पांच विकेट चटकाए। बॉश ने मैच में शतक भी जमाया था। वह पिछले 23 वर्षों में एक ही टेस्ट में शतक बनाने और पांच विकेट लेने वाले दक्षिण अफ्रीका के पहले क्रिकेटर हैं। जिम्बाब्वे की लक्ष्य का पीछा करते हुए शुरुआत खराब रही। ताकुदज्वानाशे कैतानो और प्रिंस मसवौरे 12 के निजी स्कोर पर आउट हो गए। निक वेल्च का खाता नहीं खुला। पहली पारी में शतक लगाने वाले सीन विलियम्स (26) ज्यादा देर नहीं टिके। कप्तान क्रेग एर्विन (49) अर्धशतक से चूक गए। उन्होंने वेलिंगटन मसाकाद्जा (57) के साथ सातवेंट के लिए 83 रनों की साझेदारी की। वेस्ली मधेवेरे और विकेटकीपर तफदजवा त्सिगा शून्य पर लौटे। ब्लेसिंग मुजरबानी नाबाद 32 रन बनाकर नाबाद रहे। दक्षिण अफ्रीका के लिए कोडी यूसुफ ने तीन, कार्यवाहक कप्तान केशव महराज और डेवाल्ड ब्रेविस ने एक-एक विकेट लिया। वियान मुल्डर के करियर की सर्वश्रेष्ठ 147 रन की पारी के दम पर दक्षिण अफ्रीका तीसरे दिन अपनी दूसरी पारी में 369 रन बनाकर जिम्बाब्वे को असंभव जैसा लक्ष्य दिया था। इससे पहले, दक्षिण अफ्रीका के 418/9 के स्कोर के जवाब में जिम्बाब्वे की पहली पारी 251 रनों पर ढेर हुई थी। दक्षिण अफ्रीका के लिए पहली पारी में बॉश (नाबाद 100) के अलावा लुआन-ड्रे प्रीटोरियस ने शतक बनाया। बॉश ने डेब्यू टेस्ट में 160 गेंदों में 11 चौकों और चार छक्कों की मदद से 153 रन बनाए। प्रिटोरियस 150 प्लस रन बनाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन चुके हैं। उन्होंने 19 साल 93 दिन की उम्र में यह कमाल किया। उन्होंने पाकिस्तान के जावेद मियांदाद का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने 1976 में लाहौर में न्यूजीलैंड के खिलाफ 163 रन बनाए थे। मियांदाद तब 19 साल और 119 दिन के थे। प्रिटोरियस टेस्ट इतिहास में डेब्यू में शतक बनाने वाले पांचवें सबसे युवा और दक्षिण अफ्रीका के सबसे युवा खिलाड़ी हैं। हालांकि, प्रीटोरियस का दूसरी पारी में बल्ला नहीं चला। वह चार ही बना पाए। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।  

अदाणी ग्रुप के अशोक परमार ने गोल्ड मेडल जीतकर कहा– ‘हम करके दिखाते हैं!’

नई दिल्ली गुजरात स्टेट बेंच प्रेस एंड डेडलिफ्ट चैंपियनशिप में अदाणी समूह के अशोक परमार ने अपनी असाधारण दृढ़ता और कौशल का प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता। परमार ने दिव्यांग होने के बावजूद, सामान्य श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करते हुए इस उपलब्धि को हासिल किया, जो उनकी प्रेरणादायक यात्रा का प्रतीक है। पॉवरलिफ्टिंग स्पोर्ट्स एसोसिएशन गुजरात द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में जूनियर, सीनियर और मास्टर्स स्तर पर पुरुष और महिला श्रेणियां शामिल थीं। अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने एक्स पोस्ट के जरिए कहा, “अशोक परमार को किसी अलग श्रेणी की जरूरत नहीं थी। उन्होंने हर प्रतियोगी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होकर गोल्ड मेडल जीता। हां, अशोक एक दिव्यांग हैं, लेकिन हम अपवाद नहीं मांगते, हम संभव को फिर से परिभाषित करते हैं।”  इसके बाद गौतम अदाणी ने ‘हम करके दिखाते हैं’ हैशटैग भी दिया। यह अदाणी समूह की उस विचारधारा के अनुरूप है, जहां चुनौतियों को अवसर में बदलने पर जोर दिया जाता है। इस पोस्ट के साथ, गौतम अदाणी ने एक वीडियो भी शेयर की, जिसमें अशोक के दृढ़ संकल्प की झलक दिखाई गई, जिसने उन्हें प्रतियोगिता में टॉप अवार्ड दिलाया। बता दें, 29 जून को अशोक ने जबदस्त प्रदर्शन करते हुए वह किया,जिसकी आमतौर पर कल्पना नहीं की जा सकती थी। उन्होंने गुजरात राज्य बेंच प्रेस एवं डेडलिफ्ट चैम्पियनशिप में सामान्य वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हुए गोल्ड मेडल जीता। अशोक अदाणी ग्रुप के एक कर्मचारी हैं। उन्होंने इस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतन के लिए जिम में कड़ी मेहनत की। यह प्रतियोगिता गुजरात स्टेट सब-जूनियर जूनियर सीनियर एवं मास्टर्स पुरुष एवं महिला क्लासिक बेंचप्रेस एवं डेडलिफ्ट चैम्पियनशिप के तहत आयोजित की गई। अशोक की सफलता न केवल व्यक्तिगत स्तर पर प्रेरणादायक है, बल्कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत के साथ किसी भी बाधा को पार करने को भी दिखाती है। यह अदाणी समूह की समावेशी और प्रेरणादायक कार्य संस्कृति को भी दर्शाता है।  

मुंबई से क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे यशस्वी जायसवाल

मुंबई भारतीय युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल आगामी 2025-26 घरेलू सत्र में मुंबई की ओर से ही खेलते नजर आएंगे। मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) ने उनके गोवा जाने के लिए जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) को वापस लेने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। एमसीए अध्यक्ष अजिक्य नाइक ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, यशस्वी हमेशा से मुंबई क्रिकेट की एक गौरवशाली उपज रहे हैं। हमने उनके एनओसी वापसी के आवेदन को स्वीकार कर लिया है और वह आगामी घरेलू सत्र में मुंबई के लिए उपलब्ध रहेंगे। इस साल अप्रैल में जायसवाल ने गोवा के लिए खेलने के इरादे से एनओसी मांगी थी, जिसे एमसीए ने “चौंकाने वाला कदम” बताया था। हालांकि, एक महीने बाद उन्होंने पुनः एमसीए को पत्र लिखकर बताया कि वह अपने परिवार के साथ गोवा स्थानांतरित होने का विचार कर रहे थे, लेकिन अब उन्होंने वह योजना बदल दी है और वे मुंबई के लिए ही खेलना चाहते हैं। 23 वर्षीय जायसवाल ने अंडर-19 स्तर से ही मुंबई का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने 2019 में मुंबई के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पदार्पण किया था और अब तक 10 प्रथम श्रेणी मैचों में 53.93 की औसत से 863 रन बनाए हैं। इसमें उनके चार शतक, दो अर्द्धशतक और उत्तर प्रदेश के खिलाफ 181 रन की सर्वश्रेष्ठ पारी शामिल है। हाल ही में समाप्त हुए घरेलू सत्र में उन्होंने जम्मू-कश्मीर के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में मुंबई की ओर से भाग लिया था, हालांकि टीम को उस मैच में हार का सामना करना पड़ा। वह विदर्भ के खिलाफ सेमीफाइनल में खेलने वाले थे, लेकिन अभ्यास के दौरान टखने की चोट के चलते बाहर हो गए। फिलहाल जायसवाल इंग्लैंड में भारतीय टेस्ट टीम के साथ हैं। उन्होंने लीड्स में सीरीज के पहले मैच में शतक जमाया था, हालांकि भारत वह मुकाबला पांच विकेट से हार गया।