नितेश राणे के बयान से मचा बवाल, गोल टोपी पहनने वालों पर दिया विवादास्पद बयान

मुंबई महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार में भाजपा कोटे से मंत्री बने नितेश राणे ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है, जो अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को नाराज कर सकता है। राणे ने कहा है कि गोल टोपी पहनने वाले उन्हें वोट नहीं देते हैं। वे हरे सांप हैं। उनका स्पष्ट इशारा मुस्लिम समुदाय की तरफ था। उन्होंने यह भी कहा कि वह हिन्दू मतदाताओं की वजह से चुनाव जीतकर आए हैं और मंत्री बने हैं। समाचार के मुताबिक मुंबई में नितेश राणे ने कहा, “गोल टोपी और दाढ़ी वालों ने मुझे वोट नहीं दिया। मैं हिंदुओं के वोट से विधायक बना हूं। अगर मैं हिंदुओं का समर्थन नहीं करूंगा, तो क्या मैं उर्दू बोलने वालों का समर्थन करूंगा? वे हरे सांप हैं… मुंबई का डीएनए हिंदू है।” उन्होंने कहा कि हम हिन्दू और मराठी होने पर गर्व करते हैं। हिन्दू समाज को बांट रहे ठाकरे बंधु राणे ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे पर भी निशाना साधा और कहा कि जैसे जिहादी समाज को तोड़ने की कोशिश करते हैं, वैसे ही ये दोनों (राज और उद्धव ठाकरे) कर रहे हैं। राणे ने पीएफआई और सिमी जैसे संगठनों का भी उल्लेख किया और कहा कि जिस तरह ये हिंदू राष्ट्र की अवधारणा के खिलाफ काम करते हैं, उसी तरह ठाकरे बंधु भी उनसे अलग नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दिनों ठाकरे बंधुओं की वर्ली रैली हिंदुओं और मराठी समाज को बांटने के लिए आयोजित की गई थी। राणे ने कहा कि ये रैली AIMIM, पीएफआई और सिमी की रैलियों जैसी ही थीं।  

अगले पांच वर्षों में रिकॉर्ड निवेश की तैयारी, अदाणी समूह लगाएगा 100 अरब डॉलर

मुंबई  अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने शुक्रवार को घोषणा की कि समूह अगले पांच वर्षों में लगभग 100 अरब डॉलर के पूंजीगत व्यय निवेश की तैयारी कर रहा है। गौतम अदाणी ने कहा, "इस प्रतिबद्धता का पैमाना और गति भारत के निजी क्षेत्र के इतिहास में अभूतपूर्व है क्योंकि हम भारत के उत्थान की रीढ़ को मजबूत करने में अपना योगदान दे रहे हैं, जिसमें 1.4 अरब सपने जुड़े हैं।" मुंबई में शीर्ष डॉक्टरों के सम्मेलन सोसाइटी फॉर मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी-एशिया पैसिफिक (एसएमआईएसएस-एपी) के 5वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए गौतम अदाणी ने कहा कि ये निवेश अदाणी समूह के 'भारत के भविष्य में विश्वास' की अभिव्यक्ति हैं, जिसमें ऊर्जा ग्रिड, लॉजिस्टिक्स धमनियां और देश की औद्योगिक रीढ़ शामिल हैं। गौतम अदाणी ने मुंद्रा बंदरगाह को एक साधारण नमक निर्यात घाट से भारत के सबसे बड़े मल्टी-कार्गो बंदरगाह के रूप में विकसित करने की समूह की सफलता की कहानी सुनाई। अदाणी समूह के अध्यक्ष ने बताया, "मुंद्रा एक विश्वास का साकार रूप है। यह याद दिलाता है कि जब सपने बुलंद होते हैं, तो नियति भी बदल जाती है क्योंकि अब यह भारत का सबसे बड़ा मल्टी-कार्गो पोर्ट, दुनिया का सबसे बड़ा निजी सिंगल-साइट थर्मल पावर प्लांट, भारत की पहली एचवीडीसी ट्रांसमिशन लाइन, भारत का सबसे बड़ा इंटीग्रेटेड सोलर एंड विंड मैन्युफैक्चरिंग हब और पेट्रोकेमिकल्स, कॉपर स्मेल्टर, सौर सहायक उपकरण सहित कई महत्वपूर्ण उद्योगों का एक समूह है।" उन्होंने बताया कि जब अमेरिकी साझेदार ने मुंद्रा नमक निर्यात घाट से शुरुआत में ही हाथ खींच लिए, तो उनकी कंपनी ने दलदली भूमि में निर्माण का कोई अनुभव न होने के बावजूद, इसे अपने दम पर बनाया। लगभग इसी समय, 1995-96 में, गुजरात ने बंदरगाह विकास के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी नीति की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य निजी क्षेत्र की क्षमताओं का उपयोग करना था, और अदाणी समूह ने तुरंत इसका लाभ लिया। मुंद्रा बंदरगाह ने अक्टूबर 1998 में जन्म के साथ ही परिचालन शुरू किया, जिससे भारत का पहला निजी बंदरगाह शुरू हुआ। कुछ साल बाद, विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) नीति की घोषणा की गई। गौतम अदाणी ने कहा, "एक बार फिर, हमने तेजी से काम किया। जहां दूसरों को बंजर जमीन दिखाई दे रही थी, वहीं हमें 40,000 एकड़ की संभावनाएं दिखाई दे रही थीं।" उन्होंने कहा कि मुंद्रा बंदरगाह के अनुभव ने कंपनी को सीमाओं से परे देखने का साहस दिया। उन्होंने कहा, "इसने हमें यह विश्वास दिलाया कि बंजर नमक भूमि को वर्ल्ड-क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर में बदला जा सकता है, और इसने हमें यह विश्वास दिलाया कि अगर हम इसे एक बार कर सकते हैं, तो हम इसे फिर से बड़े, तेज और साहसिक रूप से कर सकते हैं।" अदाणी समूह के अध्यक्ष ने आगे कहा कि हमारी कर्मभूमि में जो शुरू हुआ वह अब सपनों का एक अखिल भारतीय नेटवर्क बन गया है, जो हमारे विकास को गति दे रहा है, जिसने हमें दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सोलर पावर कंपनी बनाया है और 500 वर्ग किलोमीटर में फैले 30 गीगावाट के दुनिया के सबसे बड़े सिंगल-साइट हाइब्रिड रिन्यूएबल पार्क का निर्माण किया है।" उन्होंने आगे कहा कि अदाणी समूह भारत का सबसे बड़ा इंटीग्रेटेड निजी हवाई अड्डा संचालक भी है, जिसके पास भारत के 25 प्रतिशत से अधिक यात्री और देश का 38 प्रतिशत हवाई माल है। इसके अलावा, समूह सबसे उच्च इंटीग्रेटेड एनर्जी बिजनेस चलाता है, जिसमें थर्मल और रिन्यूएबल जनरेशन, ट्रांसमिशन, डिस्ट्रिब्यूशन, एलएनजी, एलपीजी, सीएनजी, पीएनजी, बैटरी स्टोरेज, हाइड्रोजन ट्रक, ईवी चार्जिंग स्टेशन, पंप हाइड्रो और खनन शामिल हैं। गौतम अदाणी ने आगे कहा कि यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा और सबसे कुशल सीमेंट निर्माता होने के साथ-साथ एयरोस्पेस और रक्षा, डेटा सेंटर और रियल एस्टेट का भी प्रमुख व्यवसाय है।

कंबोडिया में नागरिकता कानून में बड़ा बदलाव, संसद ने सरकार को दिए विशेष अधिकार

कंबोडिया  कंबोडिया की संसद ने एक संविधान संशोधन पारित किया है, जिससे सरकार को अब देश विरोधी साजिश रचने वालों की नागरिकता रद्द करने का अधिकार मिल जाएगा। प्रधानमंत्री हुन मानेट ने इसे देश की सुरक्षा के लिए ज़रूरी बताया, जबकि आलोचकों ने इसे विपक्ष और आलोचकों को दबाने की कोशिश कहा। कंबोडिया की संसद ने शुक्रवार को एक संविधान संशोधन को पारित किया, जो सरकार को उन लोगों की नागरिकता रद्द करने का अधिकार देगा जो विदेशी ताकतों से मिलकर देश के हितों को नुकसान पहुंचाने के दोषी पाए जाएंगे। 125 सदस्यीय नेशनल असेंबली ने सर्वसम्मति से संविधान के अनुच्छेद 33 में संशोधन को मंजूरी दी। इस बदलाव के बाद सरकार अब ऐसा कानून बना सकेगी जो पहली बार किसी व्यक्ति की नागरिकता को रद्द करने की अनुमति देगा। प्रधानमंत्री हुन मानेट के समर्थकों की ओर से लाए गए इस कानून को आलोचकों ने सरकार के विरोधियों को दबाने और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को खत्म करने की कोशिश बताया है। यह कानून उन लोगों पर भी लागू होगा जो जन्म से कंबोडियाई नागरिक हैं, दोहरी नागरिकता रखते हैं या जिन्हें विदेशी होते हुए भी कंबोडियाई नागरिकता दी गई है। सरकार के कुछ आलोचक और विपक्षी नेता दोहरी नागरिकता वाले माने जाते हैं।   कंबोडिया के न्याय मंत्री कोएउत रिथ ने कहा कि सरकार जल्द ही ऐसा कानून तैयार करेगी, जिससे देशद्रोह या विदेशी ताकतों से सांठगांठ करने वाले किसी भी व्यक्ति की नागरिकता रद्द की जा सकेगी। उन्होंने दावा किया कि कुछ कंबोडियाई नागरिकों ने एक अन्य देश के साथ मिलकर अपने देश को नुकसान पहुंचाया है। उनकी यह टिप्पणी 28 मई को कंबोडिया और थाईलैंड की सेनाओं के बीच सीमा विवाद में हुई झड़प की ओर इशारा करती है, जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक मारा गया था। थाईलैंड की सांविधानिक अदालत ने हाल ही में प्रदानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा को एक ऑडियो लीक को लेकर निलंबित कर दिया, जिसमें उन्हें कंबोडियाई सीनेट के अध्यक्ष हुन सेन के साथ सीमा विवाद पर चर्चा करते सुना गया था। हुन सेन प्रधानमंत्री हुन मानेट के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री हैं। इस लीक कॉल के बाद थाईलैंड में राजनीतिक उथल-पुथल मच गई और प्रधानमंत्री शिनावात्रा की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठने लगे। पिछले महीने कंबोडिया ने हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से सीमा विवाद को सुलझाने की अपील की थी, जिसमें कई प्राचीन मंदिर स्थल शामिल हैं। संविधान संशोधन उस समय आया, जब हुन सेन ने न्याय मंत्रालय से सरकार की आलोचना करने वालों के खिलाफ कानूनी विकल्प तलाशने को कहा। हुन सेन और हुन मानेट दोनों ने इस बदलाव को आवश्यक बताया और कहा कि दुनिया के कई देशों, जिनमें अमेरिका भी शामिल है, में ऐसे कानून मौजूद हैं। 

8th Pay Commission का तोहफा, कर्मचारियों की सैलरी में होगी जबरदस्त बढ़ोतरी!

नई दिल्ली  करोड़ों सरकारी कर्मचारी और रिटायर्ड कर्मचारी 8th Pay Commission के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस बीच एक अच्छी खबर सामने आई है, जिससे उनकी खुशी और बढ़ गई है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस वेतन आयोग के लागू होने से कर्मचारियों की सैलरी 30 से 34 % तक बढ़ सकती है। ब्रोकरेज फर्म एम्बिट कैपिटल का दावा ब्रोकरेज फर्म एम्बिट कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि 8वां वेतन आयोग, वेतन और पेंशन में 30-34% की वृद्धि कर सकता है, जिससे लगभग 1.1 करोड़ लोगों को लाभ होगा। उम्मीद है कि नया वेतनमान जनवरी 2026 से लागू हो जाएगा, लेकिन इसके लिए पहले वेतन आयोग की रिपोर्ट तैयार करनी होगी, फिर उसे सरकार को भेजना होगा और सरकार को उसे मंजूरी भी देनी होगी। अभी तक सिर्फ आयोग के गठन का ऐलान ही हुआ है। आयोग का अध्यक्ष कौन होगा और उसका कार्यकाल क्या होगा, ये फैसले अभी बाकी हैं।   किसे मिलेगा लाभ? 8वें वेतन आयोग से लगभग 1.1 करोड़ लोगों को फायदा मिलने की उम्मीद है, जिनमें करीब 44 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और लगभग 68 लाख पेंशनर्स शामिल हैं। 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद कर्मचारियों की बेसिक सैलरी, भत्ते (जैसे महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, परिवहन भत्ता) और रिटायरमेंट बेनिफिट में बढ़ोतरी होगी। क्या होता है फिटमेंट फैक्टर? नए वेतन तय करने का एक खास हिस्सा फिटमेंट फैक्टर होता है. यह वह संख्या है जिसका उपयोग मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी तय की जाती है. उदाहरण के लिए सातवें वेतन आयोग ने 2.57 के फैक्टर का इस्तेमाल किया था। उस समय इसने न्यूनतम बेसिक सैलरी 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह कर दी थी। रिपोर्ट के अनुसार इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.83 और 2.46 के बीच हो सकता है. कर्मचारियों और पेंशनर्स को कितनी बढ़ोतरी मिलेगी, इसमें यह सटीक आंकड़ा अहम भूमिका निभाएगा। सैलरी बढ़ोतरी का इतिहास पिछले वेतन आयोगों ने भी सैलरी में महत्वपूर्ण वृद्धि दिखाई है:     छठा वेतन आयोग (2006): इसने कुल वेतन और भत्तों में लगभग 54% की वृद्धि दी थी।     सातवां वेतन आयोग (2016): यह लागू होने पर बेसिक सैलरी में 14.3% और अन्य भत्ते जोड़ने के बाद पहले साल में करीब 23 फीसदी की वृद्धि दिखाई थी। कैसे की जाती है सैलरी की कैलकुलेशन? एक सरकारी कर्मचारी की सैलरी में मूल वेतन, महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), परिवहन भत्ता (TA) और अन्य छोटे-मोटे लाभ शामिल होते हैं। समय के साथ मूल वेतन का हिस्सा कुल पैकेज के 65% से घटकर लगभग 50% रह गया है और अन्य भत्तों का हिस्सा इससे भी ज्यादा हो गया है। इन सभी को जोड़कर ही मासिक सैलरी दी जाती है। पेंशनर्स के लिए भी इसी तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे, हालांकि उन्हें HRA या TA नहीं दिया जाएगा।  

ऑपरेशन सिंदूर पर डोवल का बड़ा बयान, बोले- ‘भारत पूरी तरह सुरक्षित, 23 मिनट में हुआ सबकुछ’

नई दिल्ली  भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोवल ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। IIT मद्रास के 62वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए डोवल ने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि विदेशी मीडिया ने जानबूझकर झूठी खबरें फैलाईं, लेकिन किसी के पास भारत को हुए नुकसान की कोई तस्वीर नहीं है। पूरे ऑपरेशन में 23 मिनट लगे डोवल ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकवादी ठिकानों पर सटीक निशाना साधा था। ये ठिकाने सीमावर्ती इलाकों में नहीं थे और पूरे ऑपरेशन में केवल 23 मिनट लगे। उन्होंने कहा, "हमें अपनी स्वदेशी तकनीक विकसित करनी होगी। ऑपरेशन में इस्तेमाल की गई सामग्री भी ज्यादातर स्वदेशी थी।" विदेशी मीडिया पर भड़के  NSA ने विदेशी मीडिया की रिपोर्टिंग पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "विदेशी मीडिया ने कहा कि पाकिस्तान ने कुछ किया, लेकिन आप मुझे एक भी तस्वीर दिखाइए जिसमें भारत की तरफ से कोई नुकसान हुआ हो। आज के समय में सैटेलाइट तस्वीरें उपलब्ध हैं। 10 मई से पहले और बाद की तस्वीरों में पाकिस्तान के 13 हवाईअड्डे ही दिखाए गए, जिनमें कोई भी नुकसान नहीं था।" उन्होंने आगे कहा, "मैं केवल वही बता रहा हूं जो विदेशी मीडिया ने तस्वीरों के आधार पर प्रसारित किया। हम पाकिस्तान के हवाई अड्डों को नुकसान पहुंचाने में सक्षम हैं। लेकिन भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ।" इस बयान से स्पष्ट हुआ कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को पूरी तैयारी और रणनीति के साथ अंजाम दिया और किसी भी प्रकार की क्षति से बचा। NSA डोवल ने स्वदेशी तकनीक और रणनीतिक सतर्कता की आवश्यकता पर जोर देते हुए देश की सुरक्षा को प्राथमिकता बताया। 

एयर इंडिया क्रैश पर सरकार गंभीर, जांच एजेंसी AAIB जल्द देगी रिपोर्ट

मुंबई विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा कि अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट जल्द आएगी और जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जा रही है। 12 जून को उड़ान भरने के तुरंत बाद एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर विमान क्रैश हो गया था, जिसमें 241 यात्रियों सहित 260 लोगों की मौत हुई थी। यह ड्रीमलाइनर विमान का पहला घातक हादसा था और एएआईबी इसकी जांच में जुटा है। विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने शुक्रवार को कहा कि अहमदाबाद में पिछले महीने हुए घातक एयर इंडिया विमान हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट बहुत जल्द जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय इस पूरी जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित कर रहा है। एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान (फ्लाइट एआई 171) 12 जून को लंदन के गैटविक जा रहा था। विमान अहमदाबाद से उड़ान भरने के थोड़ी देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल कॉम्प्लेक्स से टकरा गया था। इस हादसे में विमान में सवार 241 यात्रियों सहित कुल 260 लोगों की मौत हो गई। एक यात्री इस हादसे में बच गया।  मंत्री नायडू से जब पूछा गया कि इस हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट कब तक आने की संभावना है, तो उन्होंने कहा, बहुत जल्द… एएआईबी इस पर काम कर रहा है। यह उनकी जिम्मेदारी है, उन्हें अपना काम करने दीजिए। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रालय यह सुनिश्चित कर रहा है कि जांच प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और जिम्मेदार हो। अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के नियमों के अनुसार, एएआईबी किसी भी विमान दुर्घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट 30 दिनों के भीतर सौंप सकता है। यह पहली बार था, जब बोइंग 787 ड्रीमलाइनर जैसे दुनिया के सबसे ज्यादा बिकने वाले चौड़े आकार वाले विमान की किसी हादसे में पूरी तरह क्षति और जनहानि हुई। 26 जून को इस हादसे को लेकर मंत्रालय ने एक स्थिति रिपोर्ट जारी की थी। 

मुस्लिम देशों की बदलती रणनीति: अब्राहम अकॉर्ड से जुड़ने की होड़ शुरू

वॉशिंगटन अब्राहम अकॉर्ड में एक और इस्लामिक देश शामिल हो सकता है। इसके साथ ही इसमें शामिल होने वाले देशों की संख्या 5 हो जाएगी। 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में यह अग्रीमेंट कराया था, जिसमें इजरायल के साथ यूएई, मोरक्को, बहरीन और सूडान ने करार किया था। यह पहला मौका था, जब किसी इस्लामिक देश ने इजरायल के साथ रिश्ते सामान्य करने की पहल की थी। फिलिस्तीन से जंग के चलते इजरायल हमेशा ही इस्लामिक मुल्कों के टारगेट पर रहा है। यही कारण है कि इजरायल और अमेरिका चाहते हैं कि अब्राहम अकॉर्ड के बहाने तस्वीर को बदल दिया जाए। इसी के तहत अब एक और इस्लामिक देश मॉरिटानिया को साथ लाने की तैयारी है। मॉरिटानिया अरब लीग का सदस्य है और उसकी अब्राहम अकॉर्ड में एंट्री इस्लामिक दुनिया में बड़ी हलचल पैदा कर देगी। यदि उसकी एंट्री हुई तो अब्राहम अकॉर्ड में आने वाला वह 5वां मुस्लिम मुल्क होगा। इसका ऐलान कभी भी हो सकता है। हालांकि इस बारे में अब तक अमेरिका या इजरायल की ओर से पुष्टि नहीं की गई है। Semafar की न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी अफ्रीकी देश के नेता की मुलाकात वाइट हाउस में बेंजामिन नेतन्याहू से होगी। यह मुलाकात अमेरिका-अफ्रीका समिट से इतर होगी। इस मीटिंग में फैसला हो सकता है कि मॉरिटानिया कब अब्राहम अकॉर्ड में शामिल होगा। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि सीरिया को लेकर भी चर्चा है कि वह अब्राहम अकॉर्ड का हिस्सा हो सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया से सभी आर्थिक प्रतिबंध हटा दिए हैं। इससे पहले सीरियाई लीडर अहमद अल शारा से सऊदी अरब में मुलाकात भी की थी। माना जाता है कि सीरिया को अब्राहम अकॉर्ड में लाने के लिए ही ट्रंप ने यह उदारता दिखाई है। यही नहीं लेबनान को लेकर भी कहा जा रहा है कि वह इजरायल के साथ संबंध बेहतर करने की दिशा में कदम उठा सकता है। मॉरिटानिया ने 2010 में तोड़ लिए थे इजरायल से सारे रिश्ते मॉरिटानिया ने 2010 में इजरायल के साथ अपने सभी संबंध समाप्त कर लिए थे। उत्तर पश्चिम अफ्रीका के मुस्लिम देश मॉरिटानिया का क्षेत्रफल 10 लाख वर्ग किलोमीटर है। ऐसे में एक बड़े देश के आने से इजरायल और अमेरिका को ताकत मिलेगी। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप भी बीते कुछ दिनों में कई बार दोहरा चुके हैं कि अब्राहम अकॉर्ड का विस्तार होने वाला है। नेतन्याहू का भी कहना है कि अब अब्राहम अकॉर्ड का विस्तार करने के लिए तैयार हैं। इससे मिडल ईस्ट के देशों में शांति और स्थिरता आएगी।  

पाकिस्तान के झूठ की खुली पोल, डोभाल ने कहा– आरोप नहीं, सबूत दिखाओ

नई दिल्ली  एनएसए अजीत डोभाल ने दो टूक कहा कि विदेशी मीडिया या जो भी लोग भारत के नुकसान को लेकर सवाल उठा रहे, वो हमें एक तस्वीर-वीडियो दिखाएं। हमने अब तक जो भी फोटो या सैटेलाइट इमेज सामने आए हैं उनमें पाकिस्तान के 13 एयरबेस और दूसरे ठिकानों पर एक्शन का पता चलता है।  एनएसए डोभाल ने कहा कि विदेशी प्रेस ने कहा कि पाकिस्तान ने यह किया, वो किया… आप मुझे एक भी फोटो या सबूत दिखाइए जिसमें भारत में किसी इमारत को नुकसान हुआ हो, एक कांच तक टूटा हो… उन्होंने बातें लिख दीं और छाप दीं।  उन्होंने आगे कहा कि विदेशी मीडिया द्वारा जारी की गईं सैटेलाइट तस्वीरों में 10 मई से पहले और बाद में पाकिस्तान के 13 एयरबेस दिखाए गए, चाहे वह सरगोधा हो, रहीम यार खान हो या चकलाला। मैं सिर्फ वही बता रहा हूं जो उन्होंने अपनी रिपोर्टिंग में छापा। हममें यह क्षमता है कि अगर हम चाहें तो पाकिस्तान के एयरबेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि हमें अपनी स्वदेशी तकनीक विकसित करनी होगी।  ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र यहां किया गया था। हमें इस बात पर गर्व है कि इसमें कितनी स्वदेशी सामग्री थी… हमने पाकिस्तान के आर-पार नौ आतंकवादी ठिकानों पर निशाना साधने का फैसला किया, ये सीमावर्ती इलाकों में नहीं थे। हम कोई भी निशाना नहीं चूके। हमने इसके अलावा कहीं और निशाना नहीं साधा। यह उस बिंदु तक सटीक था जहां हमें पता था कि कौन कहां है? पूरे ऑपरेशन में 23 मिनट लगे। आप मुझे एक भी तस्वीर बताइए जिसमें भारत की तरफ से हुआ कोई नुकसान दिखाई दे रहा हो।

मानसून के मौसम में भी गोवा में पर्यटकों की तादाद में कमी नहीं आई है: मुख्यमंत्री सावंत

पणजी गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि सरकार राज्य में बैठकें, प्रोत्साहन यात्राएं, सम्मेलन और प्रदर्शनी (एमआईसीई) के साथ-साथ आध्यात्मिक, स्वास्थ्य और खेल आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करेगी। बृहस्पतिवार को यहां सचिवालय में क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों और प्रतिनिधियों के साथ हुई अंतर-विभागीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटन उद्योग द्वारा उठाई गई समस्याओं को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा, ''मानसून के मौसम में भी गोवा में पर्यटकों की अच्छी संख्या आ रही है। हमने सभी हितधारकों से उनकी समस्याओं को सुना है।'' उन्होंने कहा, ''इस समय मानसून के मौसम में भी गोवा में पर्यटकों की तादाद में कमी नहीं आई है। हमने सभी हितधारकों से उनकी समस्याओं को सुना है।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापार लाइसेंस के नवीनीकरण, संचालन के समय में वृद्धि, बुनियादी ढांचे की समस्याओं और हवाई संपर्क से जुड़े प्रमुख मुद्दों का समाधान अगले महीने के भीतर कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा, ''हम कुछ देशों के लिए आगमन पर वीजा और राज्य के लिए अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा के हवाई संपर्क जैसे मुद्दों को भारत सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय के माध्यम से तेजी से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'' सावंत ने कहा कि विभागों के बीच बिना किसी बाधा के समन्वय से गोवा की पर्यटन क्षमता का पूरा लाभ उठाया जाएगा, जिससे राज्य के लोगों को रोजगार के अवसर, कौशल विकास और डिजिटल कौशल विकास पोर्टल का उपयोग करने की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ''राज्य सरकार बैठक, प्रोत्साहन यात्रा, सम्मेलन और प्रदर्शनी (एमआईसीई) के साथ-साथ आध्यात्मिक, स्वास्थ्य और खेल आधारित पर्यटन को विशेष रूप से बढ़ावा देगी ताकि पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित की जा सके।'' सावंत ने कहा कि बैठक में 'हाई स्पीड इंटरनेट' सुविधा को बढ़ावा देने, परिवहन व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने और स्वच्छ एवं हरित गोवा पहल के माध्यम से आगंतुकों के अनुभव को बेहतर बनाने की योजनाएं भी साझा की गईं। बैठक में शामिल हुए राज्य के पर्यटन मंत्री रोहन खुंटे ने उद्योग के विकास को सुनिश्चित करने के लिए अंतर-विभागीय सहयोग और हितधारकों के बीच तालमेल की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटन एक ऐसा उद्योग है जिसे पंचायतों से लेकर पुलिस, वन और अन्य विभागों के साथ निरंतर समर्थन और सुव्यवस्थित समन्वय की आवश्यकता होती है।  

तृणमूल नेता को मारी गोली, पश्चिम बंगाल में मचा हड़कंप

कोलकाता पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में तृणमूल कांग्रेस के 38 वर्षीय एक नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह घटना बृहस्पतिवार रात भांगर इलाके में हुई। उन्होंने बताया कि मृतक की पहचान कैनिंग पूर्व के विधायक शौकत मोल्ला के करीबी सहयोगी रज्जाक खान के रूप में हुई। उन्होंने कहा कि तृणमूल पदाधिकारी की हत्या के मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। अधिकारी ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस की चालताबेरिया इकाई के अध्यक्ष खान पार्टी की एक बैठक में भाग लेने के बाद घर लौट रहे थे, तभी कुछ बंदूकधारियों ने उन्हें गोली मार दी। काशीपुर पुलिस थाने के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘प्रारंभिक जांच से पता चला है कि मृतक को तीन गोलियां लगीं। हमलावरों ने खान पर कई बार चाकू से वार भी किया।’ उन्होंने बताया कि इलाके में पुलिस की एक टीम तैनात कर दी गई है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मोल्ला ने स्थानीय तृणमूल नेता की हत्या के लिए इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) को जिम्मेदार ठहराया। तृणमूल विधायक ने दावा किया, ‘रज्जाक पार्टी की दो बैठकों में शामिल होने के बाद घर लौट रहे थे। उन्हें गोली मारी गई और फिर कई बार चाकू मारा गया। इस हत्या के पीछे वह लोग हैं जो भांगर में अपनी पकड़ खोते जा रहे हैं। जिन अपराधियों को इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) ने पनाह दी थी, उन्हीं लोगों ने रज्जाक की हत्या की है। वे हर दिन अपनी राजनीतिक ज़मीन खो रहे हैं और इसी वजह से अब आपराधिक रास्ता अपना रहे हैं।’ आईएसएफ विधायक नवसाद सिद्दीकी ने आरोप को खारिज कर दिया और हत्या को तृणमूल कांग्रेस के आंतरिक झगड़े का नतीजा बताया। भांगर में अक्सर इलाके पर नियंत्रण को लेकर आईएसएफ और तृणमूल समूहों के बीच राजनीतिक झड़पें होती हैं।