‘रानी’ ने रचा इतिहास! राजस्थान में एक साथ पांच बाघ शावकों का जन्म, देश में नया रिकॉर्ड

जयपुर राजस्थान के जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बाघिन ‘रानी’ ने एक साथ पांच शावकों को जन्म देकर देश में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। यह पहली बार है जब किसी बाघिन ने भारत में एक साथ पांच स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है। पार्क प्रशासन ने मंगलवार को शावकों के बाबत जानकारी साझा करते हुए इनके फोटो और वीडियो जारी किए हैं।  पार्क के सीनियर पशु चिकित्सक डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि बाघिन ‘रानी’ ने 27 अप्रैल 2025 को दो मादा और तीन नर शावकों को जन्म दिया था। दो माह के संरक्षण और देखभाल के बाद अब इन्हें मां रानी के साथ कराल (ओपन एनक्लोजर) में छोड़ा गया है, जहां वे मानसून के मौसम का आनंद ले रहे हैं। अब पार्क में आने वाले पर्यटक रानी और उसके नन्हें शावकों का दीदार कर सकेंगे। डॉ. माथुर ने बताया कि सभी शावकों को बीमारियों से बचाव के लिए वैक्सीनेट किया गया है। पहचान के लिए उनका लिंग परीक्षण भी किया गया, जिसमें एक सफेद और दो गोल्डन शावक नर हैं, जबकि शेष दो गोल्डन शावक मादा हैं। उन्होंने बताया कि शावकों को अब नियमित रूप से खुले कराल में मां के साथ रखा जाएगा ताकि वे प्राकृतिक परिवेश में खेलने, मिट्टी से संपर्क और सामाजिक व्यवहार को विकसित कर सकें। इससे उनकी शारीरिक और मानसिक ग्रोथ बेहतर होगी। अगस्त में इन्हें बूस्टर डोज भी दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि रानी ने इससे पहले 10 मई 2024 को तीन शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से एक की मृत्यु हो गई थी। शेष दो शावक आज भी पूरी तरह स्वस्थ हैं और पार्क में दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। बाघिन रानी और उसके शावकों की देखभाल के लिए पार्क प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए। गर्मी से राहत के लिए कलर स्प्रे, टाट की बोरियों, और विशेष आहार की व्यवस्था की गई। पार्क स्टाफ की सतत निगरानी में रानी और उसके सभी शावक स्वस्थ हैं।  

राजस्थान में मूसलाधार बारिश, तेज बारिश के कारण शहर के कई इलाके जलमग्न, जनजीवन अस्त-व्यस्त

धौलपुर/अलवर राजस्थान में मानसून ने इस बार जोरदार दस्तक दी है, जिससे जहां एक ओर किसानों को राहत मिली है, वहीं शहरी इलाकों में भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। धौलपुर, अलवर और कोटपुतली-बहरोड़ में तेज बारिश के चलते सड़कों पर पानी भर गया और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कई जगहों पर घरों, दुकानों और सरकारी भवनों में पानी घुस गया, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। धौलपुर में हुई तेज बारिश के कारण शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए। जगन टॉकीज, हरदेव नगर, कोर्ट परिषद और बाड़ी रोड जैसे प्रमुख क्षेत्र पानी में डूब गए। सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया, जिससे वाहन चालकों और राहगीरों को भारी परेशानी हुई। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल बरसात में यही स्थिति बनती है, लेकिन प्रशासन स्थायी समाधान नहीं कर रहा। दुकानों में पानी घुसने से कारोबार ठप हो गया और स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर ऑफिस जाने वालों तक को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। नालियों की समय पर सफाई नहीं होने से पानी सीधे घरों और दुकानों में घुस गया। अलवर में सुबह 6:30 बजे शुरू हुई मूसलधार बारिश ने 9 बजे तक शहर में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए। होप सर्कस, घंटाघर, सराफा बाजार, अशोक टॉकीज, बस स्टैंड और एसएमडी चौराहे समेत शहर के अधिकांश हिस्से जलमग्न हो गए। दुकानों और घरों में पानी भरने से काफी नुकसान हुआ। चूड़ी मार्केट और अन्य बाजारों में व्यापार पूरी तरह ठप हो गया। कच्ची बस्तियों में झोंपड़ियों की छतें टपकने लगीं और घरों में रखा सामान भीग गया। एसएमडी चौराहे पर नाले के ऊपर लगे जाल में कचरा फंसने से पानी का बहाव रुक गया, जिससे आसपास के घरों में पानी भर गया। इसी तरह कोटपुतली-बहरोड़ क्षेत्र में मंगलवार सुबह से बारिश का दौर जारी है। तेज बारिश के बीच आसमान में घने बादल छाए रहे। किसानों के लिए यह बारिश राहत लेकर आई है क्योंकि इससे खेतों को अच्छी नमी मिलेगी और फसलों को फायदा होगा। हालांकि लगातार बारिश से कुछ निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति भी बनी है, जिससे स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।