इजरायल ने सीजफायर की कोशिशों पर फेरा पानी, गिराई मिसाइल, 74 फिलिस्तीनियों की मौत

गाजा "न कोई चेतावनी, न सायरन, अचानक एक विमान ने उस जगह पर हिट किया, फिर वहां कंपन ऐसी हुई जैसे भूकंप आ गया हो." इसके बाद का मंजर और भी भयावह था. सोशल मीडिया पर आ रहे वीडियो में जमीन पर खून से लथपथ और क्षत-विक्षत शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं तथा घायलों को कम्बलों में लपेटकर ले जाया जा रहा है. ये आंखों देखा हाल गाजा में समंदर के किनारे बने अल-बाका कैफे में घटना के समय मौजूद एक चश्मीदद ने बताया. एपी की रिपोर्ट के अनुसार गाजा में फूड कैफे कुछ उन स्थानों में है जहां आज भी हलचल देखी जा सकती है. यहां पर लोगों को खाना तो मिल ही जाता है, वे मोबाइल भी चार्ज कर पाते हैं और उन्हें यहां इंटरनेट का कनेक्शन भी मिल जाता है.  ऐसी ही एक कैफे पर सोमवार को इजरायली हमले में 30 फिलिस्तीनी मारे गए हैं.  सोमवार को इजरायली हमले में फिलिस्तिनियों के हताहत होने की कुल संख्या ज्यादा है. एपी के अनुसार सोमवार को इजरायली हमलों में कम से कम 74 लोग मारे गए हैं.  इनमें 30 तो कैफे में मरे हैं और बाकी दुखद मौतें शहर के दूसरे इलाकों में हुई है.  शिफा अस्पताल के अनुसार गाजा सिटी की सड़क पर हुए दो अन्य हमलों में 15 लोग मारे गए. अल-अक्सा अस्पताल के अनुसार ज़ावैदा शहर के पास एक इमारत पर हुए हमले में छह लोग मारे गए. प्रत्यक्षदर्शियों, अस्पतालों और गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इजरायली सेना ने दक्षिणी गाजा में भोजन की तलाश में जुटे 11 लोगों पर हमला किया और उन्हें मार डाला. दक्षिणी शहर खान यूनिस के नासेर अस्पताल ने कहा कि उन्हें उन लोगों के शव मिले जो मदद लेकर लौट रहे थे.  संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को चेतावनी दी कि गाजा में मानवीय संकट चिंताजनक गति से गहरा रहा है, क्योंकि इजरायली सैन्य अभियान जीवन और बुनियादी ढांचे पर विनाशकारी प्रभाव डाल रहे हैं. 15 दिनों में 1000 लोग मारे गए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में राजदूतों को जानकारी देते हुए मध्य पूर्व के लिए सहायक महासचिव खालिद खैरी ने कहा कि अकेले मध्य जून से अब तक 1,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. इनमें से कई सहायता मांगने के दौरान मारे गए थे. गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि 7 अक्टूबर 2023 से अब तक फिलिस्तीनी मौतों की कुल संख्या 56,500 को पार कर गई है. खालिद खैरी ने कहा कि, "गाजा में पीड़ा और क्रूरता का स्तर असहनीय है." "फिलिस्तीनी लोगों को लगातार सामूहिक रूप से दंडित करना अनुचित है." खियारी ने खाद्य वितरण प्वाइंट के पास आईडीएफ द्वारा गोलीबारी से जुड़ी कई घटनाओं का हवाला दिया.  खियारी ने हमास और अन्य फिलिस्तीनी आतंकी संगठनों द्वारा किए गए हमले के लिए संयुक्त राष्ट्र की कड़ी निंदा को दोहराया. जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया. इस हमले में एक महिला सहित पचास बंधक अभी भी हमास के कैद में हैं. उन्होंने कहा, "आतंक के इन कृत्यों को कोई भी उचित नहीं ठहरा सकता. हम इस बात से स्तब्ध हैं कि बंधकों के साथ लगातार दुर्व्यवहार किया जा रहा है और बंधकों के शवों को जब्त किया जा रहा है." खैरी ने कहा कि, "कब्जे वाले पश्चिमी तट पर बढ़ती हिंसा चिंताजनक है." उन्होंने चेतावनी दी कि सैन्य अभियान और बसने वालों का विस्तार मौत, विस्थापन और विनाश का कारण बन रहा है. 23 लाख लोग कर रहे हैं भुखमरी का सामना गौरतलब है कि गाजा में भोजन की आपूर्ति गंभीर संकट का सामना कर रही है. इजरायली नाकाबंदी के कारण यहां भोजन की सप्लाई नहीं हो पा रही है. मार्च 2025 से इजरायल ने भोजन, ईंधन और सहायता सामग्री की आपूर्ति पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया, जिससे अकाल जैसी स्थिति पैदा हो गई है. एजेंसियों के मुताबिक लोग एक दिन में एक बार खाना खा पा रहे हैं या भूखे रह रहे हैं. आटे और सब्जियों जैसी बुनियादी चीजों की कीमतें 1000% तक बढ़ गई हैं. इजरायली हमलों ने खाद्य वितरण केंद्रों, बेकरियों और सहायता वाहनों को निशाना बनाया, जिससे सैकड़ों लोग मारे गए. गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) द्वारा संचालित वितरण केंद्रों पर भीड़ के दौरान गोलीबारी में कई नागरिक मारे गए. संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों ने इसे युद्ध अपराध बताया है. असुरक्षित मार्गों और लूटपाट ने सहायता वितरण को और जटिल कर दिया है, जिससे 2.3 मिलियन लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं. इजरायल के बिना ढह जाएगा मध्य पूर्व इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार (30 जून) को इजरायली सैन्य नेतृत्व के सदस्यों को संबोधित करते हुए दावा किया कि इजरायल के बिना मध्य पूर्व ध्वस्त हो जाएगा.  अगले सप्ताह ट्रंप से मिलने अमेरिका जा रहे हैं नेतान्याहू इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अगले सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत के लिए वाशिंगटन का दौरा करेंगे.  इस दौरे में इजरायल-हमास के बीच सीजफायर पर अमेरिका से चर्चा हो सकती है.  व्हाइट हाउस गाजा में युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों को तेज कर रहा है. नाम न बताने की शर्त पर बोलते हुए अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आगामी यात्रा की पुष्टि की. इस बैठक का उद्देश्य गाजा में युद्ध विराम समझौते और बंधकों की रिहाई पर चर्चा को आगे बढ़ाना है. गौरतलब है कि इजरायल-ईरान के बीच सीजफायर कराने के बाद ट्रंप ने अपना ध्यान इजरायल और हमास के बीच चल रही लड़ाई पर केंद्रित कर दिया है. अमेरिका इस युद्ध को रुकवाने के लिए काम कर रहा है. ट्रंप ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा था कि, "हमें लगता है कि अगले सप्ताह के भीतर हम युद्ध विराम पर सहमत हो जाएंगे. हालांकि उन्होंने वार्ता या समय-सीमा के बारे में और अधिक जानकारी नहीं दी.   

अमरनाथ यात्रा में मौसम देगा शिवभक्तों का साथ, 6 छह जुलाई तक फेरबदल के आसार नहीं

जम्मू- कश्मीर श्री अमरनाथ यात्रा से पहले मौसम सुहावना बना हुआ है। शिवभक्तों के लिए राहत यह है कि जुलाई के पहले सप्ताह तक मौसम में कोई बड़े फेरबदल के आसार नहीं हैं। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के अनुसार जम्मू संभाग के कुछ हिस्सों में आगामी बारिश के साथ 40-50 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चल सकती है। मगर कश्मीर संभाग में लगभग मौसम साफ रहेगा। यात्रा आगामी तीन जुलाई से शुरू हो रही है। अमरनाथ यात्रियों के लिए मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के अनुसार निरंतर मौसम संबंधी भविष्यवाणी जारी की जाएगी। इसमें अगले सात दिन का मौसम पूर्वानुमान जारी किया जाएगा। इससे यात्री बेहतर योजना से अपनी यात्रा को सुगम और सुरक्षित बना सकेंगे। कश्मीर में छूट रहे पसीने, उमस कर रही बेहाल जून की गर्मी से कश्मीर में पसीने छूट रहे हैं। यहां अधिकांश जिलों में दिन का पारा सामान्य से 3 से 5 डिग्री ऊपर चल रहा है। रविवार को जम्मू से अधिक राजधानी श्रीनगर गर्म रही। जम्मू संभाग के कई हिस्सों में बारिश हुई, मगर उमस भी परेशान कर रही है। धुंध और खराब मौसम से कटड़ा-सांझीछत चापर सेवा बाधित रही। कश्मीर में साफ मौसम के बीच श्रीनगर में दिन का पारा 4.5 डिग्री सेल्सियस चढ़कर 34.5 और न्यूनतम तापमान 22.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जम्मू के आसपास के इलाकों में बारिश हुई। लेकिन आर्द्रता का प्रतिशत 84 तक पहुंच जाने से उमस से पसीने छूट रहे हैं। जम्मू के मुकाबले लगातार श्रीनगर का पारा ऊपर चल रहा है। कश्मीर के काजीगुंड में अधिकतम तापमान सामान्य से 4.4 डिग्री चढ़कर 32.6, कुपवाड़ा में 33.2, कोकरनाग में 31.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रियासी में बारिश हुई। बनिहाल में अधिकतम तापमान 30.1, बटोत में 27.7, कटड़ा में 30.2 और भद्रवाह में 31.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर, अब वेटिंग टिकट के कैंसल पर कैंसिलेशन का यह चार्ज नहीं लगेगा

 नई दिल्ली रेलवे अब कैंसल टिकट पर बड़ी राहत देने की तैयारी में है। फिलहाल यदि कोई टिकट बुक हुआ है और वह वेटिंग लिस्ट में दिखा रहा है तो कैंसल होने के बाद भी पूरा रिफंड नहीं आता। इसकी वजह होती है कि रेलवे कुछ चार्ज क्लर्क फीस के तौर पर काट लेता है। यह चार्ज अलग-अलग क्लास के मुताबिक 30 से 60 रुपये तक होता है। इससे यात्रियों को दोहरा झटका लगता है। एक तरफ उनका टिकट कन्फर्म नहीं हो पाता, दूसरी तरफ रिफंड में भी कटौती हो जाती है। अब ऐसी स्थिति से लोगों को बचाने के लिए रेलवे इस फीस को ही खत्म करने पर विचार कर रहा है। ऐसा हुआ तो फिर वेटिंग लिस्ट वाले टिकटों के कन्फर्म न होने पर लोगों को पूरा रिफंड मिलेगा। कैंसल टिकटों पर भी लगने वाले चार्ज पर लंबे समय से बहस रही है। अलग-अलग क्लास के हिसाब से यह चार्ज 30 से 60 रुपये तक रहा है। इस पर आम लोग कई बार शिकायत करते रहे हैं कि आखिर जिन टिकटों को हम खुद कैंसल नहीं कराते और वेटिंग लिस्ट में होने के चलते रद्द होते हैं, उन पर रेलवे चार्ज क्यों वसूलता है। अब इस चार्ज को खत्म करने का प्रस्ताव रेलवे के समक्ष रखा गया है, जिस पर वह विचार कर रहा है। फिलहाल 2S क्लास के कैंसल टिकट 30 रुपये का चार्ज लगता है। 60 रुपये स्लीपर क्लास का चार्ज है एवं थर्ड एसी समेत अन्य सभी पर 60 रुपये प्लस जीएसटी वसूला जाता है। यह फीस तब भी लगती है, जब टिकट की बुकिंग आईआरसीटीसी के पोर्टल से ही की जाए। वेट लिस्ट वाला टिकट कन्फर्म न होने पर टिकट कैंसलेशन की प्रक्रिया ऑटोमेटेड होती है और क्लर्क चार्ज के अलावा कुछ अन्य शुल्क काटकर रकम वापस कर दी जाती है। बता दें कि फाइनेंशियल ईयर 2025 में रेलवे को रिकॉर्ड 2.7 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई है। यह इजाफा मालवाहक ट्रेनों और यात्री ट्रेनों से हुआ है। इसके अलावा रेलवे के यात्रियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। इसे रेलवे अपनी सेवाओं में भरोसे के तौर पर देखा रहा है। रेलवे को माल ढुलाई से 1.75 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसके अलावा य़ात्रियों की संख्या 735 करोड़ रही है। कैंसलेशन चार्ज से ही रेलवे को हुई 6 हजार करोड़ की इनकम बता दें कि रेलवे को टिकट कैंसलेशन चार्ज से भी बड़ा रेवेन्यू मिलता रहा है। एक आरटीआई के जवाब में दी गई जानकारी से पता चला था कि रेलवे ने 2020 से 2023 के दौरान 4 सालों में अकेले टिकट कैंसलेशन चार्ज से ही 6 हजार करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया था। इस डेटा के सामने आने के बाद से वेटिंग लिस्ट टिकट के कैंसल होने पर कटने वाले चार्ज को लेकर सवाल उठने लगे थे।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर ड्राइवरों के लिए सस्ते AC डॉरमेट्री की सुविधा शुरू, किफायती भोजन, वाईफाई, स्वच्छ शौचालय

नई दिल्ली  दिल्ली से मुंबई के बीच 1350 किलोमीटर लंबा 8-लेन एक्सप्रेसवे अब सिर्फ एक हाइवे नहीं, बल्कि ट्रक चालकों के लिए राहत की पटरी बन चुका है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने पहली बार किसी एक्सप्रेसवे पर ट्रक चालकों की थकान, भूख, नींद और मरम्मत की जरूरतों को गंभीरता से लिया है। इसी सोच के तहत इस हाईवे पर हर 25-30 किलोमीटर पर "वे-साइड अमेनिटी" हब बनाए गए हैं, जो पूरी तरह से ड्राइवर-केंद्रित हैं। एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि बीते वर्षों में सामने आया कि ज्यादातर सड़क हादसे उस समय होते हैं जब ड्राइवर नींद या थकान की स्थिति में होते हैं। खासकर ट्रक और भारी वाहनों से जुड़े हादसों में यह बात बार-बार सामने आई है। दिल्ली एक्सप्रेस-वे से 172 किलोमीटर दूर अपना घर की क्षमता कुल 35 बिस्तर की है। ट्रक ड्राइवरों को इसके लिए अपना घर एप में जाकर ड्राइविंग लाइसेंस अपलोड करना होगा। इसके बाद अपना घर में ठहरने के घंटे, मोबाइल नंबर आदि दर्ज करना होगा। अपना घर के ड्रामेट्री में दो घंटे रुकने के लिए महज 56 रुपये देने होगा। यदि ड्राइवर आठ घंटे रुकते हैं तो उनको 112 रुपये अदा करने होंगे। आठ घंटे से 24 घंटे के लिए 336 रुपये किराया देना होगा। राजस्थान में एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी (आरओ) प्रदीप अत्री ने बताया कि अपना घर में ट्रक ड्राइवरों के हिसाब से सुविधाएं मुहैया करायी गई है। उनके लिए किचन में खुद खाना पकाने की सुविधा होगी। इसके अलावा वह अपना घर के ढाबे में भी खाना खा सकेंगे। थाली के दाम महज 130 रुपये होगी। इसमें एक सब्जी, दाल, रोटी, चावल, सलाद, पापड़ व अचार दिया जाएगा। यह ढाबा पूरी तरह से शाकाहारी होगा। इसके अलावा पूड़ी-सब्जी, छोले-भटूरे, पराठा, दाल, सब्जी, चाट, समोसा, चाय, कोल्ड ड्रिंक आदि उपलब्ध होगी। अत्री ने बताया कि उपरोक्त अपना घर को इंडियन आयल कंपनी संचालित कर रही है। वर्तमान में 50 लीटर पेट्रोल भरवाने पर ठहरना मुफ्त है। हालांकि, यह सेवा कुछ महीनों के लिए है। इसी प्रकार एक्सप्रेस-वे पर अन्य अपना घर सरकारी उपक्रमों व निजी कंपनियों की मदद से बनाए जाएंगे। पर्यटकों के लिए विशेष व्यवस्था आरओ प्रदीप अत्री ने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर पर्यटकों-सड़क यात्रियों के लिए अलग सुविधाएं है। यहां ब्रांडेड खानपान की व्यवस्था है। लेकिन मध्यम वर्ग के ट्रक ड्राइवरों के लिए विशेष रूप से 18 हेक्टेयर में अपना घर विश्राम गृहों को बनाया जा रहा है। वर्तमान में एक्सप्रेस-वे पर चार अपना घर बनाए गए हैं। योजना है कि प्रत्येक 40 किलोमीटर की दूरी पर एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर अपना घर बनाए जाएंगे।  पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग पर नहीं है सुविधा जानकारों का कहना है कि वर्तमान में पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग पर ये सुविधाएं नहीं है। ट्रक ड्राइवर ढाबों अथवा क्षेत्रीय दुकानों में ठहरते व खाते हैं। यहां बेहतर सुविधाएं नहीं हैं। पूरा आराम व नींद नहीं मिलने के कारण ड्राइवर एकाग्रचित होकर ट्रक नहीं चला पाते हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में 70 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं ड्राइवरों के कारण होती हैं। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर एनएचएआई की पहल आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, एक्सप्रेसवे पर लगभग 21 ऐसे स्टेशन बनाए गए हैं। इनमें से चार वर्तमान में चालू हैं। इन स्टेशनों के निर्माण का उद्देश्य उन ड्राइवरों को सुरक्षा, आराम और विश्राम प्रदान करना है जो अक्सर रात में राजमार्गों पर यात्रा करते हैं। राजमार्ग प्राधिकरण ने राजस्थान में दौसा के निकट ऐसी ही एक परिचालन सुविधा विकसित की, जिसका प्रबंधन इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) द्वारा किया गया और इसका उपयुक्त नाम “अपना घर” रखा गया। अपने नाम के अनुरूप, यह स्टेशन कई सुविधाएं प्रदान करता है, जैसे ट्रक पार्किंग, सीसीटीवी निगरानी वाला परिसर, स्वच्छ शौचालय, स्नान क्षेत्र, स्वयं खाना बनाने वाली रसोई, एक ढाबा और मुफ्त वाई-फाई, जो केवल 112 रुपये में उपलब्ध है। एनएचएआई पहल पर बिजनेस मैनेजर एक आधिकारिक मीडिया आउटलेट से बात करते हुए, IOCL के बिजनेस मैनेजर राधा मोहन ने कहा, "पहले हमारे पास राजमार्गों पर 'स्वागत' आउटलेट थे जो शौचालय और भोजन जैसी बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करते थे। अब, हमारे पास उनके उन्नत संस्करण हैं। हम अपने स्टेशन पर लाइव निगरानी के साथ एयर कंडीशनिंग, वाटर कूलर, वॉशिंग मशीन, स्वच्छ खुले स्नान क्षेत्र, स्वच्छ शौचालय, टीवी, मुफ़्त वाई-फाई और पार्किंग क्षेत्र में सीसीटीवी निगरानी की सुविधा दे रहे हैं।" मोहन ने कहा, "अगर कोई ड्राइवर खाना नहीं बनाना चाहता है, तो हम उसे किफ़ायती दामों पर खाना भी देते हैं। 130 रुपये से कम में हमारे ढाबे पर पूरा खाना मिलता है। कोई भी ट्रक ड्राइवर यहाँ आकर आराम कर सकता है। हम जानते हैं कि वे लंबी दूरी तय करते हैं और थकान से पीड़ित होते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए हमारा विचार राजमार्गों पर ऐसी सुविधाएँ प्रदान करना था जहाँ वे आराम कर सकें और सुरक्षित रूप से खुद को तरोताज़ा कर सकें।" बिजनेस मैनेजर ने आगे बताया, "फिलहाल हमारे यहां 35 बेड उपलब्ध हैं और इनका शुल्क 112 रुपये है, जिसमें जीएसटी भी शामिल है। ड्राइवर 'अपना घर' ऐप का इस्तेमाल करके बुकिंग कर सकते हैं। अगर किसी को ऐप के बारे में नहीं पता है, तो हमारे पेट्रोल पंप कर्मचारी मदद करने के लिए प्रशिक्षित हैं। यहां तैनात हमारे मैनेजर भी ड्राइवरों को बुकिंग प्रक्रिया में मदद करते हैं। एक बार ऐप डाउनलोड और इस्तेमाल करने के बाद, ड्राइवरों को भविष्य की बुकिंग करने में कोई समस्या नहीं होती है। औसतन, लगभग 50-60 प्रतिशत बेड रोजाना बुक होते हैं, जिसका मतलब है कि बड़ी संख्या में ड्राइवर पहले से ही हर दिन इस सुविधा का इस्तेमाल कर रहे हैं।" सुविधाजनक सेवाओं की एक श्रृंखला के साथ अच्छी तरह से सुसज्जित आवश्यक सुविधाओं के अतिरिक्त, ये सड़क किनारे स्थित सुविधा स्टेशन ईंधन पंप, रेस्तरां और ढाबे जैसी समग्र यात्रा अनुभव को बढ़ाने के लिए सुविधाजनक सेवाओं की एक श्रृंखला से सुसज्जित हैं।  यह पहल थकान से संबंधित दुर्घटनाओं को कम करने और भारत के गुमनाम राजमार्ग योद्धाओं, ट्रक ड्राइवरों के समग्र सम्मान में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

आज 1 जुलाई से बदल गया तत्काल टिकट बुकिंग का नियम, उससे पहले आपको करना होगा ये जरूरी काम

नई दिल्ली अगर आप ट्रेन में सफर करने के लिए अक्सर तत्काल टिकट बुक करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। IRCTC (भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन) ने आज 1 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब से केवल वही यात्री तत्काल टिकट बुक कर पाएंगे जिनका IRCTC अकाउंट आधार कार्ड से ऑथेंटिकेटेड होगा। नया नियम क्या है? IRCTC (Indian Railways Catering and Tourism Corporation) ने आज 1 जुलाई 2025 से एक अहम बदलाव की घोषणा की है। अब यात्रियों को तत्काल टिकट बुक करने के लिए अपने IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक करना होगा। इसके बिना, वे तत्काल टिकट बुकिंग की सुविधा का उपयोग नहीं कर पाएंगे। यह कदम भारतीय रेलवे द्वारा टिकट बुकिंग प्रणाली में सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इस नए नियम के तहत, जो यात्री तत्काल टिकट बुक करना चाहते हैं, उन्हें अपनी IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक करना अनिवार्य होगा। इससे टिकट बुकिंग के दौरान सुरक्षा का स्तर बढ़ेगा और फर्जी बुकिंग या टिकट के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा। क्यों लिया गया यह फैसला? यह कदम फर्जी टिकट बुकिंग को रोकने के लिए उठाया गया है। साथ ही यह बदलाव यात्रियों की पहचान की पुष्टि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा असली और जरूरतमंद यात्रियों को लाभ मिल सके। यह भी पढ़ें: अब सिर्फ बोलना है और बुक हो जाएगी टिकट, IRCTC लाया कमाल का फीचर, जानिए कैसे करता है काम? IRCTC का आधार से लिंक होने के फायदे आधार से IRCTC अकाउंट को लिंक करने के कई लाभ होंगे:     सुरक्षित और तेज़ टिकट बुकिंग: आधार लिंकिंग से बुकिंग प्रक्रिया और अधिक सुरक्षित हो जाएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि केवल वास्तविक उपयोगकर्ता ही तत्काल टिकट बुक कर पाएंगे, जिससे बुकिंग में धोखाधड़ी कम होगी।     ऑनलाइन बुकिंग की पारदर्शिता: आधार से जुड़ी जानकारी से यह सुनिश्चित होगा कि टिकट बुक करने वाले व्यक्ति का वास्तविक डेटा सत्यापित है, जिससे रेलवे टिकट के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा।     तत्काल टिकट बुकिंग में आसानी: आधार लिंकिंग से बुकिंग प्रक्रिया तेज होगी, और यात्रियों को तत्काल टिकट बुक करने में कोई रुकावट नहीं आएगी।     फर्जी बुकिंग पर नियंत्रण: आधार आधारित सत्यापन प्रणाली से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी गैर अधिकृत व्यक्ति या एजेंट टिकट बुकिंग के लिए गलत जानकारी का इस्तेमाल न कर सके। IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक कैसे करें?     IRCTC अकाउंट में लॉग इन करें:         सबसे पहले, IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट (www.irctc.co.in) पर जाएं या IRCTC मोबाइल ऐप खोलें।         अपनी यूज़रनेम और पासवर्ड डालकर अकाउंट में लॉग इन करें।     प्रोफ़ाइल सेक्शन में जाएं:         लॉग इन करने के बाद, स्क्रीन के ऊपर दिए गए मेनू में “प्रोफ़ाइल” सेक्शन में जाएं।         यहां आपको “आधार लिंकिंग” का ऑप्शन मिलेगा। इसे चुनें।     आधार नंबर डालें:         आधार लिंकिंग सेक्शन में अपना आधार नंबर डालें। ध्यान रखें कि जो जानकारी आपने आधार में दी है, वही जानकारी आपके IRCTC अकाउंट में होनी चाहिए, ताकि लिंकिंग प्रक्रिया में कोई समस्या न हो।     आधार OTP सत्यापन करें:         जब आप आधार नंबर डालेंगे, तो आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक OTP (वन टाइम पासवर्ड) भेजा जाएगा।         उस OTP को सही-सही दर्ज करें और लिंकिंग प्रक्रिया को पूरा करें।     लिंकिंग की पुष्टि:         OTP के सत्यापन के बाद, आपके IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक कर दिया जाएगा।         इसके बाद, आपको एक पुष्टि संदेश मिलेगा कि आधार लिंकिंग सफलतापूर्वक हो गई है। क्या होगा अगर आप आधार से IRCTC अकाउंट लिंक नहीं करते? यदि आप 1 जुलाई 2025 से पहले अपने IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक नहीं करते हैं, तो आपको तत्काल टिकट बुक करने की सुविधा नहीं मिल पाएगी। हालांकि, आप सामान्य टिकट बुकिंग की प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं, लेकिन तत्काल टिकट बुकिंग के लिए आधार लिंकिंग अनिवार्य है। इस नए नियम को लागू करने का मुख्य उद्देश्य टिकट बुकिंग प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाना है। आधार लिंकिंग का महत्व यह बदलाव भारतीय रेलवे द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य बुकिंग प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। आधार आधारित सत्यापन से बुकिंग में धोखाधड़ी को रोका जा सकता है, और टिकट का दुरुपयोग नहीं होगा। इसके अलावा, यह कदम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं में भी आधार को एकीकृत करने में मदद करेगा। आधार लिंकिंग के लिए अन्य फायदे     सरलता और गति: आधार से IRCTC अकाउंट लिंक होने के बाद, टिकट बुकिंग की प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक तेज़ और सरल हो जाएगी।     समानता: यह सुनिश्चित करेगा कि सभी यात्रियों के पास समान और सुरक्षित बुकिंग प्रक्रिया हो।     टिकट की पुनः बिक्री पर रोक: यह कदम फर्जी टिकट बुकिंग को रोकने में भी मदद करेगा, जिससे यात्रियों को ही वास्तविक लाभ मिलेगा। IRCTC का आधार लिंकिंग नियम भारतीय रेलवे की टिकट बुकिंग प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए एक आवश्यक कदम है। इस बदलाव के लागू होने से यात्रियों को तत्काल टिकट बुकिंग के लिए अधिक सुरक्षित और तेज़ प्रक्रिया मिलेगी। अगर आप तत्काल टिकट बुकिंग की सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं, तो 1 जुलाई 2025 से पहले अपने IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक करना जरूरी है। आप IRCTC वेबसाइट पर जाकर अपनी आधार लिंकिंग प्रक्रिया को जल्दी से पूरा कर सकते हैं, ताकि आप इस बदलाव से प्रभावित न हों। इसके साथ ही, आप IRCTC कस्टमर सपोर्ट से भी सहायता प्राप्त कर सकते हैं यदि आपको कोई समस्या आती है। हमेशा याद रखें सावधानी IRCTC अकाउंट को आधार नंबर से ऑथेंटिकेट करने के लिए जरूरी है कि हमेशा ऑफिशियल ऐप और ऑफिशियल पोर्टल का ही सहारा लें. साइबर स्कैमर्स आपको धोखा देने के लिए और बैंक खाते में सेंधमारी करने के लिए फेक पोर्टल या ऐप तैयार कर सकते … Read more

भारत के पास होंगे नए हाईटेक डिफेंस सैटेलाइट्स, तैयारियों में ISRO और प्राइवेट कंपनियां

नई दिल्ली ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुश्मन के इलाके पर लगातार नजर रखने की जरूरत महसूस की जा रही है। इसलिए, भारत अपनी सेना के लिए 52 नए सैटेलाइट (डिफेंस सर्विलांस सैटेलाइट) जल्दी ही लॉन्च करने की योजना बना रहा है। साथ ही एक मजबूत मिलिट्री स्पेस डॉक्ट्रिन ( अंतरिक्ष में युद्ध के नियम) भी तैयार कर रहा है। पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने स्पेस-बेस्ड सर्विलांस (SBS) प्रोग्राम के तीसरे चरण को मंजूरी दी थी। इस पर 26,968 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके तहत, इसरो (ISRO) 21 सैटेलाइट बनाएगा और तीन प्राइवेट कंपनियां 31 सैटेलाइट बनाएंगी। 2026 अप्रैल तक पहला डिफेंस सर्विलांस सैटेलाइट लॉन्च होगा इनमें से पहला डिफेंस सर्विलांस सैटेलाइट 2026 के अप्रैल तक लॉन्च हो जाएगा। 2029 के अंत तक सभी 52 सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना है। यह प्रोजेक्ट डिफेंस स्पेस एजेंसी (DSA) की अगुवाई में चल रहा है। डीएसए रक्षा मंत्रालय के इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (IDS) का हिस्सा है। एक सूत्र ने TOI को बताया, 'सैटेलाइट को जल्दी ही लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) और जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में लॉन्च करने के लिए काम चल रहा है। जिन तीन प्राइवेट कंपनियों को कॉन्ट्रैक्ट मिला है, उन्हें सैटेलाइट बनाने की गति बढ़ाने के लिए कहा गया है।' लो अर्थ ऑर्बिट पृथ्वी के करीब की कक्षा है, जबकि जियोस्टेशनरी ऑर्बिट पृथ्वी से बहुत दूर की कक्षा है। 2026 के अंत तक तैयार हो जाएंगे सैटेलाइट्स भारत सरकार ने तीन प्राइवेट कंपनियों—अनंत टेक्नोलॉजीज, सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स और अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज को सैटेलाइट बनाने के समय को चार साल से घटाकर 12-18 महीनों में पूरा करने को कहा है। अब ये सैटेलाइट्स 2026 के अंत तक तैयार हो सकते हैं, जबकि पहले इनका प्लान 2028 का था। अनंत टेक्नोलॉजीज जिस सैटेलाइट को बना रही है, उस सैटेलाइट के इसी साल तैयार हो जाने की संभावना है। इसे ISRO के भारी रॉकेट LVM-3 या फिर एलन मस्क की कंपनी SpaceX के जरिए लॉन्च किया जा सकता है। 3 बिलियन डॉलर की योजना ये सारी प्रक्रिया 3 बिलियन डॉलर की Space-based Surveillance-3 (SBS-3) योजना के तहत हो रही है, जिसे अक्टूबर में कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने मंजूरी दी थी। इसके तहत कुल 52 निगरानी सैटेलाइट बनाए जा रहे हैं। इनमें से 31 प्राइवेट कंपनियां बना रही हैं और बाकी ISRO धीरे-धीरे बनाएगा। कौन कंपनियां बना रहीं हैं ये सैटेलाइट तीनों कंपनियां—हैदराबाद की अनंत टेक्नोलॉजीज, बेंगलुरु की सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स और अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज ISRO की पुरानी पार्टनर और सप्लायर रही हैं। इन्होंने पहले भी निगरानी सैटेलाइट्स और चंद्रयान-3 जैसे मिशनों में अहम भूमिका निभाई है। अनंत टेक्नोलॉजीज़, जिसे ISRO के पूर्व साइंटिस्ट सुब्बा राव पावुलुरी लीड कर रहे हैं और सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स, जिसके चेयरमैन अप्पाराव मल्लवारपू हैं। इन दोनों कंपलियों ने चंद्रयान-3 में अहम कॉम्पोनेंट्स सप्लाई किए थे। तीसरी कंपनी, अल्फा डिजाइन को अप्रैल 2019 में अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने पूरी तरह खरीद ली थी। ये कंपनी ISRO के लिए NavIC सैटेलाइट्स बनाने में भी शामिल रही है, जो कि भारत का खुद का GPS सिस्टम है। प्राइवेट कंपनियां का संवेदनशील प्रोजेक्ट्स में बड़ी भूमिका सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स प्राइवेट स्पेस कंपनियों के लिए बहुत अहम होते हैं। स्पेस इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि प्राइवेट कंपनियां बड़े और संवेदनशील प्रोजेक्ट्स में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) के स्पेस फेलो चैतन्य गिरी ने बताया कि ये कंपनियां पहले से ही ISRO की सप्लायर हैं, इसलिए इनके लिए सैटेलाइट्स बनाना और लॉन्च करना कोई नई बात नहीं है। भारत के रक्षा मंत्रालय की ओर से इन सैटेलाइट्स निर्माण की प्रक्रिया तेज करने का ‘सॉफ्ट ऑर्डर’ उस वक्त आया, जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' की शुरुआत की थी। चीन-पाकिस्तान से हिंद महासागर क्षेत्र तक पर रहेगी नजर सूत्र ने आगे बताया,'स्पेस-बेस्ड सर्विलांस (SBS)-3 का लक्ष्य चीन और पाकिस्तान के बड़े इलाकों के साथ-साथ हिंद महासागर क्षेत्र को भी कवर करना है। इसके लिए, सैटेलाइट कम समय में एक ही जगह की तस्वीरें ले सकेंगे और उनकी क्वालिटी भी बेहतर होगी। स्पेस डॉक्ट्रिन को भी बेहतर बनाया जा रहा है।'इसका मतलब है कि सैटेलाइट पहले से अधिक तेजी से और बेहतर तरीके से जानकारी जुटा पाएंगे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन की ओर से पाकिस्तान की सक्रिय सपोर्ट की रिपोर्ट आ चुकी हैं। ऐसे में अंतरिक्ष में चीन की बढ़ती ताकत को अब भारत के लिए नजरअंदाज करना नाममुकिन हो चुका है। हाई-एल्टीट्यूड प्लेटफॉर्म सिस्टम खरीदने की भी तैयारी इसके साथ ही भारतीय वायुसेना (IAF) तीन हाई-एल्टीट्यूड प्लेटफॉर्म सिस्टम (HAPS) एयरक्राफ्ट खरीदने की तैयारी कर रही है। HAPS एक तरह के ड्रोन होते हैं, जो बहुत ऊंचाई पर उड़ते हैं और लंबे समय तक खुफिया जानकारी जुटाने, निगरानी करने और टोह लेने (ISR) का काम करते हैं। इन्हें 'स्यूडो-सैटेलाइट'(छद्म सैटेलाइट) भी कहा जाता है। एनबीटी ऑनलाइन पहले भी यह खबर दे चुका है। देखते ही फौरन कार्रवाई करने लायक लूप बनाने पर जोर ऑपरेशन सिंदूर (पाकिस्तान के खिलाफ 7 से 10 मई के बीच) के दौरान भारत ने कार्टोसैट जैसे घरेलू सैटेलाइट और विदेशी कमर्शियल सैटेलाइट का इस्तेमाल करके पाकिस्तानी सेना की हरकतों पर नजर रखी थी। एक और सूत्र ने कहा, 'हमें अपने ऑब्जर्व, ओरिएंट, डिसाइड एंड एक्ट (OODA) लूप को छोटा करना होगा। भारत जितनी जल्दी 52 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में स्थापित करेगा, उतना ही बेहतर होगा।' OODA लूप का मतलब है कि किसी भी स्थिति को देखकर, समझकर, फैसला लेकर तुरंत कार्रवाई करना। अंतरिक्ष में भी चीन की चुनौती से निपटने की तैयारी जरूरी भारत को अपनी सैटेलाइट की सुरक्षा के लिए भी एक शील्ड भी बनानी होगी। क्योंकि, चीन डायरेक्ट एसेंट एंटी-सैटेलाइट मिसाइल, को-ऑर्बिटल सैटेलाइट, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर उपकरण और हाई-पावर्ड लेजर जैसे हथियार बना रहा है। इनका इस्तेमाल करके वह दूसरे देशों को अंतरिक्ष के इस्तेमाल को सीमित कर सकता है। चीन का मिलिट्री स्पेस प्रोग्राम 2010 में सिर्फ 36 सैटेलाइट से बढ़कर 2024 तक 1,000 से ज्यादा सैटेलाइट तक पहुंच गया था। इनमें से 360 सैटेलाइट ISR (खुफिया जानकारी जुटाने, निगरानी करने और टोह लेने) मिशन के लिए हैं। रियल-टाइम सिचुएशनल अवेयरनेस की आवश्यकता अहम इस महीने की शुरुआत में एक सेमिनार में आईडीएस चीफ एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने भारत के 'निगरानी दायरे' को बढ़ाने की … Read more