एयरक्राफ्ट मेन्टेनेन्स इंजीनियरिंग बन भरें तकनीक की ऊंची उड़ान

एयरक्राफ्ट मेन्टेनेन्स इंजीनियरिंग एविएशन सेक्टर से संबंधित एक प्रमुख क्षेत्र है, जिसे मेन्टेनेन्स ब्रांच में शामिल किया गया है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें प्रोफेशनल्स को पद व पैसा दोनों मिल रहा है। इसमें कमर्शियल एवं मिलिट्री एयरक्राफ्ट, स्पेस क्राफ्ट, सेटेलाइट एवं मिसाइल आदि की डिजाइनिंग, कंस्ट्रक्शन, डेवलपमेंट, टेस्टिंग, ऑपरेशन एवं मेन्टेनेन्स आदि के बारे में विशेषज्ञता हासिल की जाती है। एयरक्राफ्ट मेन्टेनेन्स इंजीनियर का सीधा संबंध एविएशन डिवीजन से होता है। एयरक्राफ्ट के सफलतापूर्वक टेक ऑफ की जिम्मेदारी भी इन्हीं के जिम्मे होती है। ये इंजीनियर पूरी तरह से सुरक्षा पर फोकस करते हैं, ताकि एयरक्राफ्ट को बिना किसी अवरोध के उड़ाया जा सके। क्या कहती है इंडस्ट्री रिपोर्ट नागरिक उड्डयन मंत्रालय की एक घोषणा के अनुसार इस समय भारतीय एविएशन इंडस्ट्री विश्व की नौवीं सबसे बड़ी एविएशन इंडस्ट्री है तथा 2020 तक इसके तीसरे सबसे बड़े एविएशन मार्केट के रूप में बनने की उम्मीद है। इसी तरह से 2030 तक पहुंचते-पहुंचते इसके पहले स्थान पर काबिज होने का अनुमान है। फिक्की-केपीएमजी रिपोर्ट के अनुसार एविएशन इंडस्ट्री में वर्ष 2017 तक देश में रोजगार में दोगुनी वृद्धि होगी और यह बढ़ कर 1.17 लाख के करीब पहुंच जाएगा। आने वाले समय में इसमें एयरक्राफ्ट मेन्टेनेन्स इंजीनियर पदों के लिए भारी संख्या में प्रोफेशनल्स की आवश्यकता पड़ेगी। बारहवीं के बाद रखें कदम एयरक्राफ्ट मेन्टेनेन्स इंजीनियरिंग तीन वर्षीय ट्रेनिंग कोर्स है। इसमें प्रवेश के लिए छात्रों को 10़2 की परीक्षा फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है। छात्र की आयु 23 वर्ष से अधिक न हो। सैलरी इसमें ज्यादातर सैलरी पैकेज एकेडमी करियर एवं काम के बारे में जानकारी पर निर्भर करता है। शुरू शुरू में इसमें प्रोफेशनल्स को करीब तीन से चार लाख रुपए सालाना का पैकेज मिलता है। अनुभव बढ़ने के साथ सैलरी भी बढ़ती जाती है। प्राइवेट सेक्टर में सैलरी अधिक मिलती है। सुविधाओं के मामले में सरकारी क्षेत्र आगे है। फीस इसमें फीस की राशि संस्थान पर निर्भर करती है। अमूमन तीन साल के कोर्स में कुल छह सेमेस्टर होते हैं। इनकी फीस करीब दो से ढाई लाख रुपए होती है। इसके अलावा हॉस्टल, यूनिफार्म, खाने, टूल-किट व अन्य खर्चे भी शामिल हैं। छात्र किस्तों में भी फीस दे सकते हैं। एजुकेशन लोन छात्रों को देश-विदेश में अध्ययन के लिए प्रमुख राष्ट्रीयकृत, प्राइवेट अथवा विदेशी बैंकों द्वारा एजुकेशन लोन प्रदान किया जाता है। यह राशि पांच लाख से लेकर अधिकतम 20 लाख रुपए तक हो सकती है। छात्र को जिस संस्थान में एडमिशन लेना है, वहां से जारी एडमिशन लेटर, हॉस्टल खर्च, ट्यूशन फीस एवं अन्य खर्चों का ब्योरा बैंक को देना होता है। अंतिम निर्णय बैंक को करना होता है। बैंक सभी कागजात जांचता है।  

रुचि पहचानकर बनें प्रोग्रामिंग लैंग्वेज विशेषज्ञ, सवांरे अपना भविष्य

आईटी सेक्टर में प्रोफेशनल्स की मांग बनी हुई है। आज भी यह सेक्टर ट्रेंड प्रोफेशनल्स की कमी से जूझ रहा है। यह जरूरी नहीं कि इस क्षेत्र में प्रवेश लेने के लिए आपके पास बड़ी-बड़ी डिग्रियां हों। वेबसाइट बनाने से लेकर कई अन्य प्रोग्राम्स बनाने में कंप्यूटर लैंग्वेज का हुनर जरूरी है। प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीख कर आप आईटी क्षेत्र में कैसे प्रवेश कर सकते हैं, बता रहे हैं हम…. विभिन्न सर्वेक्षणों से यह बात सामने आई है कि आईटी सेक्टर में जॉब की कोई कमी नहीं है। देश में ही नहीं, ट्रेंड प्रोफेशनल्स के लिए विदेशों में भी नौकरी के अवसर बने हुए हैं। बस जरूरत है तो अपनी रुचि पहचान कर उसका विशेषज्ञ बनने की। अगर आप भी आईटी सेक्टर में करियर का सपना बुन रहे हैं तो आपको कुछ प्रोग्रामिंग लैंग्वेज पर मजबूत पकड़ बनानी होगी। दरअसल ये लैंग्वेज मोबाइल एप और वेबसाइट्स बनाने से लेकर डेटा एनालिसिस जैसे कई कार्यों में मददगार होती हैं। जावास्क्रिप्ट इस समय नए-नए व उपयोगी एप्स बनाने में जावास्क्रिप्ट की बड़ी भूमिका है। जावा और जावास्क्रिप्ट में सिर्फ नाम की ही समानता है। जावास्क्रिप्ट का इस्तेमाल वेब एप्स बनाने में किया जाता है। मॉडर्न वेब को बनाने में जावास्क्रिप्ट का इस्तेमाल बखूबी किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल करने वालों को बस एक शिकायत रहती है कि इसकी वजह से वेबसाइट की ब्राउजिंग धीमी हो जाती है। इसके अलावा आज जावास्क्रिप्ट का इस्तेमाल वेब पेजेज में फॉर्म्स ऑथेंटिकेशन, ब्राउजर डिटेक्शन और डिजाइन इम्प्रूव करने में किया जा रहा है। आपके फेवरेट ब्राउजर क्रोम एक्सटेंशंस, एपल के सफारी एक्सटेंशंस, एडोब एक्रोबैट रीडर और एडोब क्रिएटिव सूट जैसी एप्लिकेशंस जावास्क्रिप्ट कोडिंग के बिना अधूरी हैं। मशहूर एप्स और ब्राउजर को तो आपने कई बार इस्तेमाल किया होगा, क्यों न इनके अपग्रेड हो रहे सफर में शामिल हुआ जाए। पीएचपी आज अधिकतर वेबसाइट्स पीएचपी पर बनाई जाती हैं। याहू, फेसबुक, वर्डप्रेस जैसी कई कंपनियों ने न सिर्फ अपनी वेबसाइट्स इसी लैंग्वेज में बनाईं, बल्कि साइट के रखरखाव में भी इसी लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप भी चाहते हैं कि ऐसी किसी बड़ी कंपनी में बतौर प्रोफेशनल जुड़ें तो लैंग्वेज की जानकारी इन कंपनियों में जॉब पाने का एक माध्यम बन सकती है। वेबसाइट्स बनाने के लिए पीएचपी बहुत ही कॉमन लैंग्वेज है। हालांकि कई प्रोग्रामर्स ऐसे भी हैं, जिन्हें प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के तौर पर पीएचपी पसंद नहीं। हाई-स्पीड स्क्रिप्टिंग और ऑगमेंटेड कंपाइलिंग कोड प्लगिंग्स जैसी खासियतों के चलते इस लैंग्वेज का फ्यूचर ब्राइट है। पीएचपी से जुड़े कोर्स कर लेने के बाद आप वेब डिजाइनर और वेब डेवलपर जैसे पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे। दरअसल पीएचपी सर्वर स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज है, जिसका इस्तेमाल वेब डेवलपमेंट के साथ आम प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में भी होता है। ओपन सोर्स होने की वजह से पीएचपी का आज 24 करोड़ से ज्यादा वेबसाइट्स और 20 लाख वेब सर्वर्स में इस्तेमाल हो रहा है। वेब डिजाइनर के रूप में आप शुरुआत में 15 हजार से 20 हजार रुपए पा सकते हैं। अनुभव के बाद अच्छी सेलरी मिलती है। सी सी सबसे पुरानी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में से एक है। यहां तक कि कंप्यूटर की थोड़ी बहुत जानकारी रखने वाले के लिए भी सी जाना-पहचाना नाम है। आज भी बहुत सी आईटी कंपनियों में सी प्रोग्रामर की बहुत डिमांड है। इस लैंग्वेज को 70 के दशक में विकसित किया गया था। इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि 1978 में द सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज नाम की 800 पन्नों की एक किताब तक छप गई। यह किताब आज भी मशहूर है। सी लैंग्वेज को सीखने और इसमें एक्सपर्ट होने के बाद आपके लिए देश-विदेश में जॉब की कोई कमी नहीं होगी। आप इस क्षेत्र में काफी आगे तक जा सकते हैं। जावा आज इस लैंग्वेज का इस्तेमाल न सिर्फ कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में किया जाता है, बल्कि मोबाइल फोन आदि की एप्लिकेशन में भी इसके बगैर काम नहीं चलता। दरअसल जावा ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज है। इसे क्लाइंट-साइड लैंग्वेज भी कहा जाता है, क्योंकि ईजी कमांड्स, ईजी कोड्स होने की वजह से यह क्लाइंट-साइड वेब ब्राउजर में इस्तेमाल की जाती है। जावा कोर्स करके आप वेब डेवलपर, प्रोग्रामर जैसी जॉब के लिए कोशिश कर सकते हैं। इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की सहायता से एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर बनाना आसान होता है। जावा एक बड़ी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है, इसीलिए कंपनी ने इसे कई भागों में बांटा हुआ है। यानी आप बतौर प्रोग्रामर्स जिस वर्ग से संबंधित सॉफ्टवेयर का विकास करना चाहते हैं, उसी में विशेषज्ञता हासिल करें। जावा की सबसे बड़ी विशेषता इसकी पोर्टेबिलिटी व सुरक्षा है। आज दुनियाभर में यह सबसे लोकप्रिय प्रोग्रामिंग लैंग्वैज है। आज हर दिन नई-नई एप सामने आ रही हैं। इन एप को बनाने में जावा की अहम भूमिका होती है। ऑब्जेक्टिव सी सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज काफी पुरानी और एक सफल लैंग्वेज रही है। इसी से प्रेरित होकर बाद में इससे मिलते-जुलते नाम से अन्य लैंग्वेज भी विकसित की गईं। इन्हीं में से एक है ऑब्जेक्टिव सी। सी से प्रेरित होकर बनी इस लैंग्वेज में कई नए एडवांस फीचर जोड़े गए। अगर आप चाहते हैं कि भविष्य में आईफोन के एप्स बनने में आपकी भी भूमिका हो तो यह लैंग्वेज आपके करियर को ऊंचाइयों तक ले जा सकती है। दरअसल इस लैंग्वेज का इस्तेमाल आमतौर पर आईफोन की एप्स बनाने में किया जा रहा है। वैसे एपल कंपनी ऑब्जेक्टिव सी के साथ अपनी बनाई हुई लैंग्वेज का भी इस्तेमाल करती है। यूं समझें कि ऑब्जेक्टिव सी आपको एक बेहतरीन करियर देने के लिए बनी है।    पर्ल जब भी टेक्स्ट प्रोसेसिंग की बात आती है तो पर्ल लैंग्वेज को ही याद किया जाता है। पर्ल लैंग्वेज को 80 के दशक में नासा के एक इंजीनियर ने बनाया था। बतौर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज यह एक प्रभावशाली भाषा है। इंजीनियर्स इसे द डक्ट टेप ऑफ द वेब टैग नाम से जानते हैं। इस भाषा में प्रोग्रामिंग करना न सिर्फ आसान है, बल्कि काफी फ्लैक्सिबल भी है। पर्ल को मल्टीटास्किंग लैंग्वेज के रूप में जाना जाता है। सिस्टम प्रोग्रामिंग की कितनी ही मुश्कि लें क्यों न हों, पर्ल लैंग्वेज में सभी हल हैं। इस भाषा में लिखी गई प्रोग्रामिंग पर्ल स्क्रिप्ट के रूप में जानी जाती है। पर्ल की कई खूबियां हैं, जो अपनी समकक्ष भाषाओं से … Read more

अम्बिकापुर : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों पर भर्ती हेतु 21 जुलाई तक कर सकते हैं आवेदन

अम्बिकापुर  बाल विकास परियोजना अम्बिकापुर (ग्रामीण) के परियोजना अधिकारी ने बताया कि आंगनबाड़ी केंन्द्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के रिक्त पदों पर आवेदन पत्र 21 जुलाई 2025 तक आमंत्रित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि  ग्राम मानिकप्रकाशपुर के आंगनबाड़ी केंन्द्र मानिकप्रकाशपुर एक में कार्यकर्ता के 01 पद एवं ग्राम लब्जी के आंगनबाड़ी केंन्द्र बैगापारा में 01 सहायिका पद पर भर्ती की जानी है। इस हेतु केवल महिला ही आवेदन कर सकती हैं। इसके लिए आयु सीमा आवेदिका की आयु 18 से 44 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। वे अपना आवेदन पत्र परियोजना कार्यालय अम्बिकापुर (ग्रामीण) से प्राप्त कर निर्धारित अंतिम तिथि तक परियोजना कार्यालय (ग्रामीण) में पंजीकृत डाक अथवा स्वयं उपस्थित होकर आवेदन पत्र जमा कर सकते हैं।

जगदलपुर : शासकीय कन्या पाॅलीटेक्निक जगदलपुर में होगा 13 जुलाई तक प्रवेश

जगदलपुर : शासकीय कन्या पाॅलीटेक्निक जगदलपुर में होगा 13 जुलाई तक प्रवेश जगदलपुर बस्तर अंचल के विद्यार्थियों को पीपीटी परीक्षा से छूट प्रदान कर त्रिवर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम हेतु पाॅलीटेक्निक संस्था में सीधे प्रवेश का अवसर देते हुए शासकीय कन्या पाॅलीटेक्निक जगदलपुर में संचालित पाठ्यक्रमों के रिक्त सीटों को तृतीय चरण की काउंसलिंग के माध्यम से भरा जाना है। इसके लिए ऑनलाइन पंजीयन प्रक्रिया एवं आवेदन के तृतीय चरण की काउंसलिंग 10 जुलाई से 13 जुलाई 2025 तक होना है। आवेदन के लिए ऑनलाइन पोर्टल 13 जुलाई 2025 तक खुला रहेगा। इस हेतु https://cgdteraipur.cgstate.gov.in/   एवं  https://cgdte.admissions.nic.in/   पोर्टल में  ऑनलाइन   आवेदन कर छात्राएं संस्था में सीधे प्रवेश का अवसर प्राप्त कर सकती हैं। इस हेतु संस्था में भी अभ्यर्थी सुविधा केन्द्र बनाया गया है, जिसमें उपस्थित होकर जानकारी ली जा सकती है।

जगदलपुर : प्लेसमेंट केम्प के माध्यम से रिक्त पदों की पूर्ति हेतु जानकारी देने की अपील

जगदलपुर : प्लेसमेंट केम्प के माध्यम से रिक्त पदों की पूर्ति हेतु जानकारी देने की अपील जगदलपुर  जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र जगदलपुर द्वारा निजी क्षेत्र के रिक्त पदों हेतु प्लेसमेंट केम्प का आयोजन जुलाई माह में आयोजित किया जाना प्रस्तावित है। उप संचालक रोजगार जगदलपुर से मिली जानकारी के अनुसार प्लेसमेंट केम्प के माध्यम से रिक्त पदों की पूर्ति करने के इच्छुक नियोजक अपने फर्म (संस्था), कार्यालय और दुकान की रिक्तियों की जानकारी कार्यालय जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र जगदलपुर को पत्र के माध्यम से या कार्यालय के ईमेल  ddirempl@gmail.com अथवा कार्यालयीन समय में उपस्थित होकर जानकारी प्रदाय कर सकते हैं। जिसमें पदवार रिक्तियों की संख्या, वांछित योग्यता, अनुभव एवं प्रतिमाह देय वेतन की जानकारी भी दिया जाना आवश्यक है, ताकि प्लेसमेंट कैम्प हेतु पद अनुरूप युवाओं को आकर्षित किया जा सके।

DAVV में CUET PG के जरिए प्रवेश की प्रक्रिया के पहले चरण में 977 सीटें खाली रह गई, मिलेगा दूसरा मौका

 इंदौर  देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) के अध्ययनशालाओं में CUET PG के जरिए प्रवेश की प्रक्रिया के पहले चरण में कम विद्यार्थियों की भागीदारी के चलते 24 सिलेबस में 977 सीटें खाली रह गई हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब दूसरे चरण की काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसमें 1300 से अधिक विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। दूसरे चरण के लिए 11 जुलाई से चॉइस फिलिंग की जाएगी, जो 15 जुलाई तक चलेगी। पहले चरण में कम रही भागीदारी CUET PG परीक्षा में करीब 86,000 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया था, लेकिन DAVV में काउंसलिंग के पहले चरण में केवल 1450 विद्यार्थियों ने आवेदन किया। इनमें से केवल 465 विद्यार्थियों ने दस्तावेज सत्यापन कराया और 6 जुलाई तक फीस जमा की। यह आंकड़ा विश्वविद्यालय की 1435 सीटों में केवल 45 से 51 प्रतिशत ही भरने में सफल रहा। मेजर कोर्सेस में भी सीटें खाली विशेष रूप से MBA कोर्सेस में कम उपस्थिति ने विभागों की चिंता बढ़ा दी है। MBA ई-कॉमर्स, मीडिया मैनेजमेंट, मार्केटिंग मैनेजमेंट, टूरिज्म, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन जैसे कोर्स में 42 से 69 तक सीटें खाली हैं। विश्वविद्यालय का कहना है कि अब दूसरे चरण से उन्हें सीट भरने की उम्मीद है। कोर्सवार रिक्त सीटें इस प्रकार हैं- सिलेबस खाली सीटें     MBA मीडिया मैनेजमेंट 41 ई-कॉमर्स 42 फाइनेंशियल एडमिनिस्ट्रेशन 44 ह्यूमन रिसोर्स 69 मार्केटिंग मैनेजमेंट 59 एडवरटाइजिंग और PR 37 टूरिज्म 36 फारेन ट्रेड 46 बिजनेस एनालिसिस 30 इंटरनेशनल बिजनेस 50 हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन 48 एमए राजनीति शास्त्र 40 एमए इतिहास 48 एमए भूगोल 50 एमए क्लिनिकल साइकोलॉजी 42 LLM 27 (अन्य कोर्स की सीटें भी रिक्त हैं) दूसरे चरण की जरूरी डेट कंप्लीट रजिस्ट्रेशन: 1300 विद्यार्थी चॉइस फिलिंग शुरू: 11 जुलाई अंतिम तिथि: 15 जुलाई पहले चरण के 1000 विद्यार्थी भी अपनी पसंद के कोर्स दोबारा भर सकेंगे।

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोगआयोजित राज्य सेवा परीक्षा-2023 की अंतिम चरण की प्रक्रियाआज से शुरू

इंदौर  मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा-2023 की अंतिम चरण की प्रक्रिया, यानी साक्षात्कार, सोमवार से शुरू होने जा रही है। इस बार आयोग ने साक्षात्कार प्रक्रिया में अहम बदलाव किए हैं। अब उम्मीदवारों को आवेदन पत्र में अपना उपनाम, मोबाइल नंबर और ई-मेल सहित अन्य व्यक्तिगत जानकारी भरने की आवश्यकता नहीं होगी। रोजाना 60 से 65 उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। चयन प्रक्रिया के तहत उम्मीदवारों को फार्म में विभागों की प्राथमिकता देनी होगी। पहले यह इंटरव्यू 18 से 20 दिन में खत्म होते थे जो इस बार एक से डेढ़ माह तक चलेंगे। 229 पदों के लिए 800 अभ्यर्थी इंटरव्यू देंगे।  परीक्षा की पूरी समयरेखा एमपीपीएससी ने इस परीक्षा की अधिसूचना अक्टूबर 2023 में जारी की थी। इसके बाद जनवरी 2024 में प्रारंभिक परीक्षा और मार्च 2024 में मुख्य परीक्षा आयोजित की गई थी। करीब नौ महीने की लंबी प्रक्रिया के बाद, 30 दिसंबर 2024 को मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया। इस परीक्षा में कुल 800 उम्मीदवार चयनित हुए, जिनमें 659 मुख्य सूची और 141 प्रावधिक सूची में हैं। सात जुलाई से साक्षात्कार शुरू हो चुके हैं और इसके लिए चयनित उम्मीदवारों को एडमिट कार्ड जारी किए जा रहे हैं। रिक्त पदों की संख्या और विभाग राज्य सेवा परीक्षा-2023 के अंतर्गत कुल आठ विभागों के लिए 229 रिक्त पदों पर भर्ती की जा रही है। इन पदों में 27 डिप्टी कलेक्टर, 22 पुलिस उप अधीक्षक, 17 जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, 16 विकासखंड अधिकारी, 122 सहकारी निरीक्षक, 17 मुख्य नगर पालिका अधिकारी, तीन नायब तहसीलदार और तीन आबकारी उप निरीक्षक शामिल हैं। आयोग द्वारा सभी विभागों में नियुक्ति के लिए प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने पर जोर दिया गया है। उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने का अवसर इस बार उम्मीदवारों को विभागों के चयन में प्राथमिकता देने का अवसर मिलेगा, जिससे वे अपनी रुचि और योग्यता के अनुसार सेवा में स्थान प्राप्त कर सकें। अधिकारियों का कहना है कि यह प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष चयन सुनिश्चित करेगी। साक्षात्कार के लिए बुलाए जा रहे उम्मीदवारों की संख्या को देखते हुए आयोग ने पूरी तैयारी कर ली है और साक्षात्कार प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।  

गणित और भौतिकी के प्रश्नपत्रों में त्रुटियों के कारण विद्यार्थियों को मिलेंगे बोनस अंक, कॉपी रिचेकिंग में एक नंबर बढ़ने पर शिक्षक पर 100 रुपये जुर्माना

 भोपाल   माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिम) की 10वीं व 12वीं की द्वितीय परीक्षा समाप्त हो गई है। दो जून से मूल्यांकन भी शुरू कर दिया गया है। 10वीं व 12वीं के गणित और भौतिकी के जिन प्रश्नों में गलती थी, उनमें विद्यार्थियों को आठ अंक बोनस दिए जाएंगे। वहीं जीरो और 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों की कॉपी दोबारा चेक की जाएगी। एक और दो नंबर से किसी विषय में विशेष योग्यता या प्रथम श्रेणी की पात्रता से वंचित होने वाले परीक्षार्थियों पर भी फोकस किया जाएगा। उनकी कॉपी के हर पेज पर मिले अंकों को जोड़ने में भी विशेष सावधानी बरती जाएगी। 100 रुपये जुर्माना इसके अलावा कॉपियों की चेकिंग आदर्श उत्तर के अनुसार होगी। विद्यार्थी को हर स्टेप के नंबर देने होंगे। अगर शिक्षक ने गलत कॉपी जांची तो बाद में विद्यार्थी के कॉपी में नंबर बढ़ने पर शिक्षक पर एक नंबर बढ़ने पर 100 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। राजधानी के एक परीक्षा केंद्र पर 19 जून को 12वीं के विद्यार्थियों से 10वीं का प्रश्नपत्र हल करा लिया गया था। इस संबंध में अभी तक स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से केंद्राध्यक्ष व पर्यवेक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बता दें कि 10वीं व 12वीं की द्वितीय परीक्षा में करीब साढ़े तीन लाख विद्यार्थियों की नौ लाख उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन होना है। इन प्रश्नों में हुई है गड़बड़ी 10वीं उर्दू के प्रश्नपत्र में जिन विद्यार्थियों को उर्दू का सेट बी, सी व डी मिला था, उसके एक प्रश्न में गलती थी। सेट बी के प्रश्न क्रमांक 17 के बाद जो नोट दिया गया है, उसमें प्रश्न क्रमांक 13 एवं प्रश्न क्रमांक 14 का जबाव लिखें अंकित है। इसी प्रकार की गलती सी व डी सेट में है। इन प्रश्न को हल करने के प्रयास में विद्यार्थियों को बोनस के दो-दो अंक दिए जाएंगे। वहीं दसवीं की गणित में चारों सेट में एक प्रश्न गलत है। सेट ए के प्रश्न क्रमांक दो(छह) में गलती है। इसी प्रकार बी, सी व डी सेट है। इस प्रश्न को हल करने के प्रयास में विद्यार्थियों को बोनस के एक-एक अंक दिए जाएंगे। वहीं 12वीं के उर्दू के पेपर में बी, सी व डी सेट में गलती है। बी सेट के प्रश्न क्रमांक छह के बाद जो नोट दिया गया है, उसमें प्रश्न क्रमांक 14 अंकित है। इसी प्रकार सी व डी सेट है। इस प्रश्न को हल करने के प्रयास में बोनस के दो-दो अंक दिए जाएंगे।वहीं 12वीं भौतिकी के चारों सेट में गलती है। सेट ए के क्रमांक सात का अथवा है। इस प्रश्न को हल करने के प्रयास में छात्र को बोनस के दो-दो अंक दिए जाएंगे। गलत पेपर देने वाले केस में कोई निर्णय नहीं हुआ     जिन विषयों के प्रश्नपत्रों में त्रुटि पाई गई है, उन्हें बोनस अंक देना तय किया गया है। अभी गलत प्रश्नपत्र देने वाले मामले में कोई निर्णय नहीं हुआ है। – केडी त्रिपाठी, सचिव, माशिम।  

UPSC भर्ती 2025: 241 पदों पर निकली वैकेंसी, 50 वर्ष तक के उम्मीदवार कर सकते हैं आवेदन

नई दिल्ली  अगर आप सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं और आपके पास साइंस, इंजीनियरिंग, लॉ, मेडिकल या वेटरनरी जैसे क्षेत्रों की डिग्री है, तो संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने आपके लिए सुनहरा मौका पेश किया है। UPSC ने 241 पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें वैज्ञानिक अधिकारी, स्पेशलिस्ट, जूनियर साइंटिफिक ऑफिसर, लीगल ऑफिसर, डिप्टी डायरेक्टर, एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर, ट्यूटर और डेंटल सर्जन जैसे पद शामिल हैं। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 28 जून 2025 से शुरू हो चुकी है और इसकी अंतिम तारीख 17 जुलाई 2025 तय की गई है। आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को UPSC की आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा। क्या है योग्यता इन पदों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता अलग-अलग है, जिसमें बी.एससी, बी.टेक/बी.ई., एलएलबी, बीवीएससी, एम.एससी, पीजी डिप्लोमा, एमएस/एमडी जैसे डिग्रीधारक उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। उम्मीदवारों की आयु सीमा 30 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए, हालांकि हर पद के लिए अलग-अलग आयुसीमा निर्धारित है, जिसे विस्तृत अधिसूचना में देखा जा सकता है। आवेदन शुल्क की बात करें तो, एससी, एसटी, दिव्यांग और पूर्व सैनिकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, जबकि अन्य श्रेणी के उम्मीदवारों को 25 रुपये का आवेदन शुल्क ऑनलाइन माध्यम से देना होगा। इन पदों पर है वैकेंसी वैकेंसी की बात करें तो, 72 पद स्पेशलिस्ट के लिए, 20 सीनियर साइंटिफिक असिस्टेंट, 19 मैनेजर ग्रेड-I/सेक्शन ऑफिसर, 14 असिस्टेंट लेजिस्लेटिव काउंसल, 11 स्पेशलिस्ट ग्रेड II (जूनियर स्केल), 09 असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी, 08 एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर, और अन्य कई पद शामिल हैं। इस भर्ती से संबंधित विस्तृत जानकारी, पात्रता मानदंड, चयन प्रक्रिया और पदों के अनुसार योग्यता की जानकारी के लिए उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे UPSC की आधिकारिक नोटिफिकेशन ध्यानपूर्वक पढ़ें, जिसे upsc.gov.in पर डाउनलोड किया जा सकता है।  

मेकअप आर्टिस्ट बनकर करियर को दें नया लुक

  मेकअप करने का शौक आपको है, तो यह आपके लिए एक शानदार करियर बन सकता है। यह याद रखें कि मेकअप आर्टिस्ट सबसे ज्यादा एक्सपेरिमेंट फेस और हेयर पर करता है। इससे वह किसी को भी नया लुक देने में समर्थ होता है। इसलिए, एक मेकअप आर्टिस्ट को नॉलेज इनहैंस करते रहना होता है, ताकि वह मेकअप के समय सही चीजों का इस्तेमाल कर सके। पर्सनैलिटी एक मेकअप आर्टिस्ट पूरी तरह से क्रिएटिव होता है। यह उसकी पर्सनैलिटी का सबसे मजबूत पक्ष होता है। वह अपनी क्रिएटिविटी से यह जान जाता है कि कौन-सा मेकअप किसपर सही होगा। इसलिए उसे हर स्टाइल और गेटअप के बारे में भी जानकारी रखनी होती है। मेकअप आर्टिस्ट को एक दिन में अनेक लोगों से मिलना होता है, इसलिए उसका कम्यूनिकेशन लेवल भी बढ़िया होना चाहिए। बेटर कम्यूनिकेशन और क्रिएटिविटी के मेल से वह अपने करियर को ऊंचाई दे सकता है। इसके साथ ही एक मेकअप आर्टिस्ट को यूज में आने वाले सभी प्रॉडक्ट्स के बारे में जबरदस्त नॉलेज रखनी होती है। याद रखें कि मेकअप आर्टिस्ट के भीतर पेशंस का होना भी जरूरी है। इसके अभाव में वह अपने काम के बारे में नॉलेज रखते हुए भी सही रिजल्ट नहीं दे सकता है। एक मेकअप आर्टिस्ट को दुनिया में हो रहे नए प्रयोगों के बारे में पूरी जानकारी रखनी होती है। काम का स्वरूप एक मेकअप आर्टिस्ट को टीवी और फिल्म के लिए काम करने को मिलता है। आज के दौर में बहुत सारी ऐड कंपनियां भी मेकअप आर्टिस्ट को हायर करना प्रेफर करती हैं। ऐसे में, आप इन जगहों पर काम करने की इच्छा पाले हुए हैं, तो आपको असीमित समय तक काम करना पड़ सकता है। अगर आप पर्सनल बिजनस के रूप में करियर को स्टार्ट करने जा रहे हैं, तो वहां भी समय की कोई गारंटी नहीं होती है। अगर वह किसी प्रॉजेक्ट का हिस्सा है, तो डेडलाइन के अनुसार उसे काम करना होता है। योग्यता मेकअप आर्टिस्ट बनने के लिए किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास होने से काम बन जाएगा। लेकिन अगर आप इस फील्ड में उम्मीद से बेहतर करना चाहते हैं, तो प्रफेशनल कोर्स करना फायदेमंद रहेगा। मेकअप आर्टिस्ट बनने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है। इस फील्ड को करियर के रूप में ऑप्ट करने वाले लोगों को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहना जरूरी है। हो सकता है कि आपको कम सोकर ज्यादा काम करना पड़े। एक बार इंडस्ट्री का हिस्सा बन जाने के बाद से आप कोई एक्सक्यूज नहीं दे पाते हैं। इसलिए अपने फिटनेस लेवल को चेक करके ही इसे करियर के रूप में अपनाएं। इन कोर्सेज को करना रहेगा फायदेमंद यूं तो अलग-अलग इंस्टिट्यूट्स डिफरेंट कोर्सेज के साथ स्टूडेंट्स को ट्रेन करते हैं। लेकिन आप इस फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं, तो ब्यूटीशन, मैनिक्यूरिस्ट, पैडिक्यूरिस्ट, इलेक्ट्रॉलजिस्ट व अरोमा थेरपी जैसे सब्जेक्ट्स में स्पेशलाइजेशन हासिल कर सकते हैं। यह ऐसा फील्ड है, जहां पर आपको अपने नॉलेज को प्रैक्टिकल वर्क के रूप में शो करना होता है। इसलिए मेकअप के सारे पार्ट के अलावा फेशल, मसाज पर गहरी समझ विकसित करनी होती है। इसलिए इससे जुड़े कोर्स को सही तरीके से करें। आप अडवांस्ड डिप्लोमा इन कॉस्मैटॉलजी, डिप्लोमा इन ब्यूटीकल्चर और सर्टिफिकेट कोर्स इन स्किन केयर जैसे कोर्स प्रचलन में हैं। आप बौका ब्यूटी अकेडमी ऑफ मेकअप, सीएमसी मेकअप स्कूल, मरिनेल्लो स्कूल ऑफ ब्यूटी, चिक स्टूडियोज- स्कूल ऑफ मेकअप से इस कोर्स को कर सकते हैं। क्या होगी सैलरी इस इंडस्ट्री में सैलरी इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस ग्रुप के साथ काम कर रहे हैं और इंडस्ट्री में आपको कितने दिनों का अनुभव है। अगर आप किसी बड़े कलाकार के मेकअप आर्टिस्ट हैं, तो फिर समझ लें कि आपकी सैलरी बहुत ही अच्छी हो सकती है। एक्सपर्ट मानते हैं कि 5 साल के भीतर यहां सैलरी अच्छी हो जाती है। तो फिर देर किस बात की है, अगर आप मेकअप आर्टिस्ट के रूप में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो इन बातों को ध्यान में रखते हुए अपना कदम बढ़ाएं। आपको सफलता जरूर मिलेगी।