CBI कोर्ट का आदेश: इमरान मसूद को करना होगा सरेंडर, जारी हुआ गैर-जमानती वारंट

सहारनपुर उत्तर प्रदेश सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 2007 में हुए 40 लाख रुपये से अधिक के घोटाले के मामले में गाजियाबाद स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया है। यह वारंट तब जारी हुआ जब इमरान मसूद की डिस्चार्ज याचिका अदालत ने खारिज कर दी। यह मामला वर्ष 2007 का है, जब सहारनपुर नगर पालिका परिषद के ईओ (कार्यपालक अधिकारी) की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई थी। आरोप था कि उस समय नगर पालिका के खाते से 40.12 लाख रुपये की हेराफेरी की गई थी, जिसमें इमरान मसूद की भूमिका सामने आई थी। प्रारंभिक जांच में मामला गंभीर पाया गया, जिसके बाद इसे सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई की जांच में मसूद पर लगे आरोपों की पुष्टि हुई। कई बार समन जारी किए जाने के बावजूद इमरान मसूद अदालत में पेश नहीं हुए। इसके बाद विशेष सीबीआई न्यायाधीश अरविंद मिश्रा ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 18 जुलाई 2025 तय की गई है। वहीं, राजनीतिक गलियारों में भी इस घटनाक्रम से हलचल तेज हो गई है, क्योंकि इमरान मसूद वर्तमान में एक सक्रिय और चर्चित राजनीतिक चेहरा माने जाते हैं। सीबीआई की तरफ से कहा गया है कि यदि आरोपी अगली तारीख पर भी उपस्थित नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ और भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, इमरान मसूद की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। ऐश्वर्य कुमार राय

छांगुर बाबा केस में बढ़ा विवाद, सामने आया मुस्लिम धर्म की बढ़ाई और हिंदू धर्म की आलोचना का दावा

बलरामपुर ATS ने छांगुर बाबा के करीबी नवीन रोहरा के सात बैंक खातों की जानकारी ED को शेयर की है. बलरामपुर से गिरफ्तार जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के चार करीबी पूर्वांचल के जिलों में अवैध धर्मांतरण कराते थे. जो त्रिशूल लगाकर मजार पर कव्वाली गाकर अवैध धर्मांतरण के कार्य को आगे बढ़ाते थे. इनके खिलाफ दो वर्ष पूर्व आजमगढ़ में अवैध धर्मांतरण कराने का मुकदमा दर्ज हुआ था. इसी बीच एक और दावा किया गया है. बताया जाता है कि छांगुर गैंग धर्मांतरण के लिए हिंदू धर्म की बुराई करता था. जबकि अन्य की मुस्लिम धर्म की तारीफ करता था. छांगुर की करतूतों का खुलासा करते हुए एसटीएफ को चारों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले थे. इसके बाद एटीएस थाने में एसटीएफ द्वारा दर्ज कराई गई. एफआईआर में इन चारों को नामजद किया गया. आजमगढ़ के देवगांव थाने में 25 मई 2023 को अवैध धर्मांतरण का मुकदमा दर्ज हुआ था. 2023 में भी पुलिस कर रही थी जांच मुकदमे में 18 लोग नामजद हुए थे, जिनमें छांगुर के करीबी बलरामपुर निवासी मोहम्मद सबरोज, रशीद, शहाबुद्दीन और गोंडा निवासी रमजान शामिल थे. इसके अलावा आजमगढ़ निवासी अवधेश सरोज उर्फ वकील, ऊषा देवी, पन्ना लाल गुप्ता, सिकंदर, हसीना, कुंदन बेनवंशी, आकाश सरोज, मऊ निवासी मोहम्मद जावेद, परवेज आलम, इरफान अहमद, साबिर अली, जावेद अहमद और जौनपुर निवासी फैयाज भी नामजद किए गए थे. इस प्रकरण की जांच के दौरान आजमगढ़ पुलिस छांगुर के अवैध धर्मांतरण रैकेट तक नहीं पहुंच सकी थी. बाद में जब छांगुर की जांच एसटीएफ ने शुरू की तो बलरामपुर के चारों युवकों का नाम भी सामने आया. नवंबर 2024 में छांगुर समेत नौ नामजद आरोपियों की सूची में मोहम्मद सबरोज, रशीद, शहाबुद्दीन और रमजान को भी शामिल किया गया. त्रिशूल लगाकर, कव्वाली कराकर कराते थे धर्मांतरण आजमगढ़ के देवगांव क्षेत्र के ग्राम चिरकिहिट में पुलिस को अवैध धर्मांतरण की सूचना मिली थी. पुलिस जब मौके पर पहुंची तो वहां कई गाड़ियों से आए लोग मजारनुमा जगह पर त्रिशूल लगाकर, उस पर फूल-माला चढ़ाकर कव्वाली गा रहे थे और तकरीरें पढ़ रहे थे. वे मुस्लिम धर्म की तारीफ और हिंदू धर्म की मान्यताओं को पाखंड और झूठ बता रहे थे. जांच में पता चला कि वहां प्रलोभन देकर हिंदुओं का मुस्लिम धर्म में धर्मांतरण कराया जा रहा था. पुलिस ने सभी 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन विवेचना के दौरान अवैध धर्मांतरण के मास्टरमाइंड छांगुर तक नहीं पहुंच सकी. जिसके बाद अब गिरफ्तारी हुई है. गैंग के 30 से 40 लोग अब भी फरार छांगुर बाबा मामले में आजतक ने बड़ा खुलासा किया है. पीड़िता का दावा कि छागुर बाबा के अलावा 30-40 लोग अब भी बाहर, जो पुलिस की गिरफ्त से दूर रहकर धर्मांतरण का नेटवर्क चला रहे हैं. बरेली और आजमगढ़ में धर्मांतरण का बड़ा नेटवर्क फैला है. जिसमें कई डॉक्टर और रसूखदार लोग शामिल हैं. बरेली में कई ऐसे डॉक्टर भी इस गैंग में शामिल हैं, जो हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराकर खतना जैसे खतरनाक करते थे. पीड़िता ने आरोप लगाया कि पुलिस पीड़ित महिलाओं की मदद नहीं कर रही, महिलाएं खुद को बचाने में असहाय हैं.

सीएम योगी करेंगे पांच बहुमंजिला भवनों का लोकार्पण—KGMU में स्वास्थ्य संरचना को और मिलेगा बल

लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) पहुंचकर रोगियों को सुविधाओं की साैगात देंगे। इसके तहत दो भवनों का लोकार्पण और तीन का शिलान्यास होना है। केजीएमयू प्रवक्ता प्रो. केके सिंह ने बताया कि सोमवार को शाम 4.00 बजे मुख्यमंत्री ने लोकार्पण और शिलान्यास के लिए समय दिया है। इसके तहत कार्डियोलाॅजी भवन और ऑर्थोपेडिक सुपर स्पेशियलिटी सेंटर का लोकार्पण किया जाएगा। इसके साथ ही जनरल सर्जरी के नए भवन, नए प्रशासनिक भवन और ट्रामा-2 का शिलान्यास किया जाएगा। 300 बेड का होगा जनरल सर्जरी विस्तार भवन केजीएमयू में जनरल सर्जरी विभाग का नया भवन बनाया जाना है। 9.62 एकड़ में 37,128.76 वर्ग मीटर में बनने वाले इस विस्तार भवन के निर्माण में करीब 315 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है। इस भवन में कार पार्किंग के लिए दो मंजिला अंडर ग्राउंड बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर समेत कुल 11 मंजिला भवन बनाया जाएगा। नए भवन में कुल 300 बेड की क्षमता होगी। 12 ऑपरेशन थिएटर होंगे। इसमें एक एडवांस रोबोटिक सर्जरी की ओटी, 11 माड्यूलर ऑपरेशन थिएटर होंगे। इसमें छह ओटी लैप्रोस्कोप सिस्टम से लैस होंगी। भवन में ऑडिटोरियम समेत अन्य सुविधाएं होंगी। दोगुनी हो जाएगी कार्डियोलाॅजी भवन की क्षमता केजीएमयू के लारी कार्डियोलाॅजी विभाग में छह महीने से नया भवन बनकर तैयार है। इसकी शुरुआत होने पर दिल के रोगियों का इलाज करने की क्षमता दोगुने से ज्यादा हो जाएगी। यहां आईसीयू के बेड की क्षमता 84 से बढ़कर 180 हो जाएगी। इस 10 मंजिला भवन के छह मंजिलों पर मरीजों को भर्ती, इलाज की सुविधा मिलेगी। प्रशासनिक भवन भी होंगे। नीचे की चार मंजिलों पर मल्टीलेवल पार्किंग की सुविधा रहेगी। इसकी शुरुआत होने पर कार्डियोलॉजी विभाग की ओपीडी में मचने वाला घमासान कम हो जाएगा। ऑर्थोपेडिक सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में होगे 340 बेड केजीएमयू के ऑर्थोपेडिक सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में हड्डी रोग के तीन विभाग आर्थोपेडिक सर्जरी, स्पोर्ट्स मेडिसिन और पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक शिफ्ट किए जाएंगे। नए भवन में 340 बेड पर मरीज भर्ती करने की क्षमता है। ऑर्थोपेडिक सुपर स्पेशियलिटी सेंटर भवन में सभी जांचों की सुविधा एक ही भवन में मिल जाएगी। यहां एमआरआई, खून की जांच, सीटी स्कैन और एक्सरे जांच की सुविधा एक ही स्थान पर मिलेगी। यहां 24 प्राइवेट रूम, 24 आईसीयू, 340 बेड, आठ ओटी, आठ ओपीडी रूम, एमआरआई, सीटी स्कैन, एक्सरे, खून की जांच, हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड की सस्ती दर की दुकान, डॉक्टरों के कमरे, बेसमेंट में पार्किंग, कैंटीन की सुविधा मिलेगी।   ट्राॅमा-2 के निर्माण से मिलेगी गंभीर मरीजों को राहत केजीएमयू में ट्रॉमा सेंटर फेज-2 का निर्माण होने पर गंभीर मरीजों को काफी राहत मिलेगी। इस पर करीब 296 करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है। नए भवन में पांच सौ बेड पर भर्ती की सुविधा मिलेगी। ट्रॉमा सेंटर फेज-2 के नए भवन में सड़क दुर्घटना वाले मरीजों को भर्ती किया जाएगा, जबकि पुराना भवन गंभीर रोगियों के लिए आरक्षित रहेगा। इस समय ट्रॉमा सेंटर में घायल और अन्य प्रकार के रोगी एक ही साथ भर्ती किए जा रहे हैं। वर्तमान ट्राॅमा सेंटर की क्षमता 466 बेड की है। लखनऊ ही नहीं, यहां पूरे प्रदेश से गंभीर मरीज लाए जाते हैं। क्षमता के मुकाबले ज्यादा मरीज आने से रोजाना 30 से 40 मरीज वापस किए जाते हैं। इसको देखते हुए नया भवन बनाया जा रहा है। नया प्रशासनिक भवन केजीएमयू में माैजूदा कुलसचिव कार्यालय के बगल में नया प्रशासनिक भवन प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को इसकाशिलान्यास करेंगे। इससे यहां कामकाज में आसानी होगी।  

सीएम डैशबोर्ड रिपोर्ट में जालौन जिला फिर पहले स्थान पर आया

लखनऊ  सीएम डैशबोर्ड रिपोर्ट में जालौन जिला फिर पहले स्थान पर आया। टॉप फाइव जिलों में शाहजहांपुर, अंबेडकरनगर, महाराजगंज और श्रावस्ती ने जगह बनाई।    उत्तर प्रदेश में सीएम डैशबोर्ड की जून की रिपोर्ट में जालौन ने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। वहीं शीर्ष पांच जिलों में शाहजहांपुर, अंबेडकरनगर, महाराजगंज और श्रावस्ती को स्थान मिला है। जालौन लगातार छह महीने से मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर पहले स्थान पर बना हुआ है।  सीएम डैशबोर्ड से जनसुनवाई, कानून व्यवस्था, जन कल्याणकारी योजनाओं और राजस्व कार्यों की निगरानी की जाती है, जिससे जिलों को बेहतर प्रशासनिक मानक स्थापित करने में मदद मिलती है। हर महीने जिलों के राजस्व कार्यों, विकास कार्यों और कानून-व्यवस्था पर रिपोर्ट जारी की जाती है। डैशबोर्ड द्वारा सभी जिलों में 49 विभागों के 109 कार्यक्रमों की विभिन्न मानकों पर समीक्षा की जाती है। इसके बाद जिलों की रैंकिंग जारी की जाती है।    पांच जिलों ने प्रशासनिक कसौटियों पर खुद को साबित किया सीएम डैशबोर्ड की जून की रिपोर्ट के अनुसार एक बार फिर जालौन ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। यह रिपोर्ट उन जिलों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करती है, जिन्होंने प्रशासनिक दक्षता, विकास कार्यों, और राजस्व प्रबंधन में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। शीर्ष पांच जिलों ने प्रशासनिक कसौटियों पर खुद को साबित किया है।  

कांवड़ियों पर फूलों की बारिश, बरेली में नमाज के बाद दिखा अनोखा मेल-जोल

बरेली  बरेली के जोगी नवादा में पिछले सप्ताह हिंदू पक्ष के लोगों ने ताजियेदारों का माला पहनाकर स्वागत किया था। अब मुस्लिम पक्ष ने सावन के पहले दिन कांवड़ियों पर फूल बरसाए हैं। दो समुदाय के लोगों ने गले मिलकर सौहार्द की मिसाल पेश की है।  बरेली में मिश्रित आबादी के जिस जोगी नवादा इलाके में दो साल से सांप्रदायिक विवाद और तनातनी का माहौल था, वहां शुक्रवार को अमन के माहौल में सौहार्द के फूलों की बारिश हुई। सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव और इंस्पेक्टर बारादरी धनंजय पांडेय की अगुवाई में जोगी नवादा की उसी शाहनूरी मस्जिद के पास कांवड़ियों के पहले जत्थे पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुष्प वर्षा की, जहां दो साल पहले दोनों समुदाय के लोगों में पथराव के बाद पुलिस को लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी। शिवनंदन शर्मा के इस जत्थे में करीब डेढ़ सौ कांवड़िये नाचते गाते हरिद्वार के लिए रवाना हुए।   कांवड़ियों पर करीब पचास मुस्लिम भाइयों ने पुष्प वर्षा की। साथ ही फूलमालाएं पहनाकर स्वागत किया। सीओ समेत पुलिस टीम को भी फूलमाला पहनाई गईं। इससे पहले मुस्लिम भाइयों ने शाहनूरी मस्जिद में नमाज अदा की थी। इसके थोड़ी देर बाद ही भोले के जयकारे लगाते कांवड़िये पहुंचे तो उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।   कांवड़ जत्थे के साथ पुलिस अधिकारी व मुस्लिम समाज के कई लोग पैदल चलते हुए वनखंडी नाथ मंदिर तक आए और अच्छी यात्रा के लिए कांवड़ियों को शुभकामनाओं के साथ विदाई दी। बता दें कि पिछले सप्ताह हिंदू पक्ष के लोगों ने यहां ताजियेदारों पर फूल बरसाए थे।    दो साल पहले हुआ था बवाल दो साल पहले इसी जगह पर कांवड़ यात्रा के दौरान खासा बवाल हो गया था। तब तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने माहौल बिगड़ता देखकर लाठीचार्ज के आदेश दिए थे। हवाई फायरिंग भी हुई थी।     बवाल के बाद एसएसपी का तबादला कर थानेदार समेत कई को निलंबित कर दिया गया। अब माहौल बेहतर हुआ है। पिछले सप्ताह ताजिया निकलने के दौरान मौर्य गली में हिंदू पक्ष के लोगों ने स्वागत में फूलों की वर्षा की थी। 

स्कूलों के विलय पर हाई कोर्ट की मुहर, जनहित याचिका एक बार फिर खारिज

लखनऊ   इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बेसिक शिक्षा अधिकारी के तहत आने वाले स्कूलों के विलय को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति श्री प्रकाश सिंह की खंडपीठ ने गुरवार को ज्योति राजपूत की याचिका पर यह फैसला दिया है। याचिका पर राज्य सरकार ने भी आपत्ति जताकर अपना पक्ष रखा। न्यायालय ने कहा कि इस विषय पर सात जुलाई को एकल पीठ ने निर्णय दिया था, जिसमें विलय के उक्त आदेश के विरुद्ध दाखिल याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था, वर्तमान जनहित याचिका में एकल पीठ के सात जुलाई के उक्त निर्णय का कोई जिक्र नहीं है लिहाजा इलाहाबाद हाई कोर्ट रुल्स के प्रावधानों के तहत उक्त जनहित याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती है। कोर्ट ने प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों के विलय के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका को शुरुआती सुनवाई के बाद खारिज कर दिया। इस याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर आपत्ति उठाई गई कि मामले में उठाए गए मुद्दे पहले ही सीतापुर के 51 बच्चों की याचिका में एकल पीठ ने निर्णीत कर दिए हैं। ऐसे में समान मुद्दों को लेकर दाखिल यह पीआईएल सुनवाई के योग्य नहीं है। सरकार की आपत्ति पर गौर करने के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। स्थानीय अधिवक्ता ज्योति राजपूत की जनहित याचिका में राज्य सरकार के स्कूलों के विलय या दो स्कूलों को जोड़ने के राज्य सरकार के 16 जून के आदेश को चुनौती देकर रद करने का आग्रह किया गया था। याची ने गांवों के दूरदराज इलाकों में रहने वाले गरीबों के बच्चों को स्कूल जाने के लिए परिवहन व्यवस्था करने का आग्रह किया था। याचिका में आरटीई अधिनियम के तहत राज्य सरकार को बच्चों के परिवहन के दिशानिर्देश तय करने के निर्देश देने का भी आग्रह किया गया था। याची ने स्कूलों के विलय को गरीब बच्चों के हितों के खिलाफ बताया था। राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अनुज कुदेसिया ने मुख्य स्थाई अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह के साथ दलील दी कि इसी सात जुलाई को हाईकोर्ट की एकल पीठ ने स्कूलों के विलय के खिलाफ सीतापुर के 51 बच्चों की दाखिल याचिका समेत एक अन्य याचिका पर विस्तृत फैसला देकर खारिज कर दिया है। ऐसे में समान मामले में यह जनहित याचिका सुनवाई के लायक नहीं है। कोर्ट ने सरकार की ओर से उठाई गई शुरुआती आपत्ति के मद्देनजर जनहित याचिका खारिज कर दी।  

बरेली में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल, मस्जिद के पास से कांवड़ यात्रा की होगी शुरुआत

बरेली  बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा में एक बार फिर सौहार्द बढ़ाने की तैयारी है। कांवड़ियों को पहले जत्था शाहनूरी मस्जिद के पास से निकलेगा। कांवड़ियों पर मुस्लिम समुदाय के लोग फूल बरसाएंगे। दो समुदायों में सौहार्द बढ़ाने में अफसर लगातार कवायद कर रहे हैं। एहतियात के तौर पर इलाके में फोर्स भी तैनात किया गया है।  हरिद्वार के लिए रवाना होंगे कांवड़िये  शुक्रवार को जोगी नवादा में शाहनूरी मस्जिद के पास से कांवड़ियों का पहला जत्था निकलेगा। शिवनंदन शर्मा के इस जत्थे में कांवड़िये गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार को रवाना होंगे। वहां से गंगाजल लाकर सावन के पहले सोमवार को वह शहर के प्रमुख शिवालयों पर जलाभिषेक करेंगे। इसको लेकर कांवड़ियों में उत्साह है।  जोगी नवादा में पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी लगातार नजर बनाए हुए हैं। कोई विवाद न हो, इसलिए पुलिस अलर्ट है। शुक्रवार को जुमा की नमाज के बाद जब नमाजी चले जाएंगे तो दोपहर करीब तीन बजे कांवड़ियों का जत्था गुजरेगा। बताया जा रहा है कि इस बार मुस्लिम पक्ष के लोग कांवड़ियों के जत्थे पर सौहार्द के फूल बरसाएंगे। 32 साल से मिश्रित बस्ती के वाशिंदों में थी अनबन करीब 32 साल से मौर्य गली में पीपल के पेड़ की डाल की वजह से समस्या बनी हुई थी। यहां सड़क पार कर राकेश की छत पर जा रही डाल की वजह से सड़क पर ऊंचाई वाले वाहन या कोई चीज नहीं ले जाई जा सकती थी। चूंकि ताजियेदार अपने ताजियों की ऊंचाई कम नहीं करते थे, इसलिए करीब डेढ़ सौ मीटर सड़क छह फुट गहराई तक खोदकर ताजिया निकाला जाता था। इसकी वजह से कांवड़ यात्रा को लेकर तनातनी होती थी।  दो साल पहले विवाद के दौरान तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी का तबादला कर दिया गया, इंस्पेक्टर बारादरी समेत कई पुलिसकर्मी निलंबित हुए थे। पेड़ की डाल कटने के बाद से ही जोगी नवादा में सकारात्मक माहौल बनने लगा था। एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव ने डेढ़ महीने के अंतराल में दोनों समुदायों की बस्तियों में 18 बैठकें कर लोगों को एकमत किया था। इसके बाद पिछले सप्ताह ताजिया का जुलूस सौहार्द के माहौल में निकाला गया था।    

कांवड़ियों की सुरक्षा को लेकर ट्रैफिक प्लान तैयार, हाईवे की एक लेन उनके लिए आरक्षित

मेरठ आज से सावन का महीना शुरू हो गया है. ऐसे में भारी संख्या में कांवड़िए गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार की ओर जाने लगे है. आने वाले दिनों में इस संख्या में और तेजी आएगी. जिसका सीधा असर कांवड़ मार्ग पर यातायात पर पड़ेगा. जिसे देखते हुए प्रशासन की ओर से भी तैयारियां की गई है. इसी क्रम में गुरुवार से दिल्ली हरिद्वार मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. जबकि कई जगहों पर ट्रैफिक रूट डायवर्ट किया गया है.  इस साल कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से 23 जुलाई तक चलेगी, ऐसे में ट्रैफिक को लेकर पुलिस प्रशासन ने खास इंतजाम किए हैं. ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने अगले 13 दिनों तक दिल्ली से मेरठ हाईवे पर भाई वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई गई है. इसके बाद हल्के वाहनों पर भी रोक लगाने की तैयारी है. 18 जुलाई से इस मार्ग पर हल्के वाहनों की आवाजाही पर भी रोक लगाई जाएगी. इस दौरान भारी और हल्के वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग से भेजा जाएगा.  कांवड़ यात्रा के चलते इन मार्गों पर रूट डायवर्ट दिल्ली से अमरोहा, हरिद्वार और लखनऊ जाने वाले वाहनों यूपी गेट या गाज़ीपुर बॉर्डर से नेशनल हाईवे 9 से डासना इंटरसेक्शन तक जाना होगा. इसके बाद ये वाहन ईस्टर्न पेरिफेरल मार्ग से आगे की ओर जा सकेंगे. दिल्ली से लखनऊ और बरेली के लिए इन दो मार्ग से होकर जा सकेंगे.  – दिल्ली से बरेली और लखनऊ जाने के लिए गाजियाबाद के डासना से होकर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे से आगे बढ़ना होगा. इसके बाद सिकंदराबाद, बुलंदशहर, बहदोई, डिबाई, चंदौसी के रास्ते होते हुए मुरादाबाद और फिर दिल्ली लखनऊ हाईवे से आगे जा सकेंगे.  – दूसरा रास्ता दिल्ली से हापुड़ के छिजारसी से ततारपुर चौराहा से टियाला अंडर पास, किठौर, मेरठ से बिजनौर, धामपुर और नगीना होते मुरादाबाद जा सकेंगे इसके बाद यहां से दिल्ली लखनऊ हाईवे से आगे जा सकेंगे.  बता दें कांवड़ यात्रा को देखते हुए पुलिस प्रशासन के द्वारा ये तैयारियां की गई हैं. इसके साथ ही पूरे कावंड़ मार्ग पर 29454 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. जिसके जरिए तमाम मुख्य मार्गों और चौराहों पर पूरी तरह से नजर रखी जा रही है. यात्रा मार्ग पर 375 ड्रोन के जरिए निगरानी की जाएगी. इस दौरान 66 हजार पुलिसकर्मियों के अलावा 50 कंपनी केंद्रीय सशस्त्र बल/ पीएसी, 1424 होमगार्ड तैनात किए गए हैं.  गौतमबुद्ध नगर से भी बड़ी संख्या में कांवड़िए निकलते हैं। ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित न हो, इसके लिए डायवर्जन प्लान जारी किया गया है। 11 जुलाई से लागू होने वाले प्लान के तहत 25 जुलाई तक नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे से किसी भी प्रकार का कमर्शल वाहन दिल्ली की तरफ नहीं जाएगा। इस रास्ते पर अधिक कांवड़‍ियों के दबाव के कारण पुलिस ने यह फैसला लिया है। डीसीपी ट्रैफिक लखन यादव ने बताया कि डायवर्जन प्लान जारी कर पुलिस की ड्यूटी तय कर दी गई है। इस दौरान सोशल मीडिया और हेल्पलाइन नंबर पर पुलिस लगातार एक्टिव रहेगी। डायवर्जन का प्रभाव बुलंदशहर, हापुड़, मुरादाबाद और इसी रूट के अन्य एरिया में जाने वाले सभी प्रकार कमर्शल वाहनों पर पड़ेगा। आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई में लगे वाहन और प्रशासनिक वाहनों पर यह लागू नहीं होगा। किसी समस्या पर ट्रैफिक पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 9971009001, वॉट्सऐप नंबर 7065100100 पर जानकारी दे सकते हैं। यह रहेगा प्लान     चिल्ला सिग्नल होकर गाजियाबाद, हापुड़ और मुरादाबाद जाने वाले कमर्शल वाहन नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जाएंगे।     दिल्ली से डीएनडी फ्लाईओवर होकर नोएडा से गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़ और मुरादाबाद जाने वाले कमर्शल वाहन नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे होकर जाएंगे।     दिल्ली-बदरपुर बॉर्डर ओखला बैराज से नोएडा-गाजियाबाद होकर बुलंदशहर, हापुड़, मुरादाबाद जाने वाले भारी, मध्यम और हल्के मालवाहक भी नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे होकर ईस्टर्न पेरिफरल से जाएंगे।     एनआईबी, मॉडल टाउन, छिजारसी, ताज हाईवे से होकर गाजियाबाद, हापुड़ और मुरादाबाद जाने वाले सभी कमर्शल वाहन ईस्टर्न पेरिफेरल से निकलेंगे।     एमपी-1 मार्ग की एलिवेटेड रोड से होकर गाजियाबाद, हापुड़ और मुरादाबाद जाने वाले भारी कमर्शल वाहन भी नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का प्रयोग कर आगे जाएंगे।     बुलंदशहर, सिकंदराबाद से दादरी एनएच-91 होकर गाजियाबाद, दिल्ली जाने वाले वाहनों को भी ईपीई से ही भेजा जाएगा।     सिकंदराबाद कासना से परी चौक होकर नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से दिल्ली जाने वाले वाहन वाहन सिरसा गोल चक्कर से ईस्टन पेरिफेरल से होकर निकलेंगे।     चिल्ला पक्षी विहार गेट तक रोड पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।     यमुना एक्सप्रेसवे, बुलंदशहर, सिकंदराबाद, अलीगढ़, हापुड़, गाजियाबाद, मेरठ जाने वाले वाहन ईस्टर्न पेरिफेरल से जाएंगे।.  ऐसे जा सकेंगे ट्रांसपोर्ट नगर व औद्योगिक क्षेत्र में वाहन रात को एक से तीन बजे तक हापुड़ रोड से वाहनों को बिजली बंबा बाइपास से वाहनों को शाप्रिक्स माल लाया जाएगा। यहां से दिल्ली रोड होते हुए ट्रांसपोर्ट नगर गेट से प्रवेश कराया जाएगा। ऐसे ही औद्योगिक क्षेत्र में वाहन जाएंगे।   

गोरखनाथ मंदिर में सीएम योगी ने रुद्राभिषेक कर प्रदेशवासियों के आरोग्यमय, सुखमय जीवन की मंगलकामना की

  गोरखपुर सावन माह के पहले दिन मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार प्रातः काल रुद्राभिषेक व हवन किया। रुद्राभिषेक का अनुष्ठान पूर्ण कर उन्होंने भगवान भोले शंकर से चराचर जगत के कल्याण और सभी नागरिकों के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। शुक्रवार प्रातः गोरखनाथ मंदिर के अपने आवास के प्रथम तल स्थित शक्तिपीठ में सीएम योगी ने भगवान भोलेनाथ को विल्व पत्र, दुर्वा, मदार पत्र, कमल पुष्प समेत अनेकानेक पूजन सामग्री अर्पित करने के बाद जल, दूध और ऋतुफल के रस से रुद्राभिषेक किया। मठ के विद्वत आचार्यगण एवं पुरोहितगण ने शुक्ल यजुर्वेद संहिता के रुद्राष्टाध्यायी के महामंत्रों द्वारा रुद्राभिषेक संपन्न कराया। रुद्राभिषेक के बाद गोरक्षपीठाधीश्वर ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन किया। विधि विधान से पूर्ण हुए रुद्राभिषेक अनुष्ठान के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों के आरोग्यमय, सुखमय, समृद्धमय व शांतिमय जीवन की मंगलकामना की।

लखनऊ में नकली कफ सिरप की 5,000 से अधिक बोतलें बरामद, एक व्यक्ति गिरफ्तार

लखनऊ केंद्रीय स्वापक ब्यूरो (सीबीएन) ने लखनऊ में एक मकान से नकली कफ सिरप की 5,300 से अधिक बोतलें बरामद होने के बाद एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस सिरप में प्रतिबंधित नशीले पदार्थ का मिश्रण पाया गया है और प्रतिष्ठित दवा कंपनियों के असली उत्पादों जैसा दिखाने के लिए बोतलों पर नकली लेबल लगाया गया है। नारकोटिक्स उपायुक्त प्रवीण बाली ने कहा, "मुखबिर से सूचना मिलने के बाद बृहस्पतिवार को एक मकान पर छापा मारा गया और कफ सिरप की 5,353 बोतलें बरामद की गईं। इस सिरप में 'अल्प्राजोलम' और 'क्लोनाजेपाम' जैसी नशीली दवाएं मिलाई गई थीं और प्रतिष्ठित कंपनियों के नकली लेबल लगाए गए थे।" उन्होंने बताया, "आरोपी के पास इस तरह की दवाएं रखने या बेचने के लिए कोई वैधानिक दस्तावेज या लाइसेंस नहीं था। एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत पूरी खेप जब्त कर ली गई और व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया।" अवैध दवा के इस व्यापार में संलिप्त नेटवर्क का पता लगाने के लिए आगे की जांच की जा रही है।