राज्य के महत्वपूर्ण स्थलों को आरसीएस योजना में शामिल करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा : नागरिक उड्डयन मंत्री

जयपुर, नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  गौतम कुमार दक ने कहा कि राज्य सरकार ने नागरिक उड्डयन के समग्र विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। क्षेत्रीय हवाई संपर्क (आरसीएस) उड़ानों के लिए विमान ईंधन पर वैट को 26 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण तथा किशनगढ़ हवाई अड्डे के विकास एवं विस्तार के लिए नि:शुल्क एवं बाधामुक्त भूमि उपलब्ध करवाई गई है। साथ ही, उदयपुर हवाई अड्डे के विकास एवं विस्तार तथा उत्तरलाई (बाड़मेर) में सिविल एन्क्लेव के निर्माण के लिए भी नि:शुल्क एवं बाधामुक्त भूमि आवंटन प्रक्रियाधीन है। श्री दक ने शुक्रवार को देहरादून में आयोजित उत्तरी क्षेत्र नागरिक उड्डयन मंत्रियों के सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल, औद्योगिक क्षेत्र और शैक्षिक संस्थान बड़ी संख्या में हैं, जिसके दृष्टिगत क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना राज्य के लिए अत्यंत महत्पूर्ण है। नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया कि वर्तमान में राज्य में तीन हवाई अड्डों से आरसीएस उड़ाने संचालित हैं। राज्य सरकार ने माउंट आबू, सीकर, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा और श्रीगंगानगर जैसे महत्वपूर्ण स्थलों को भी इस योजना में शामिल करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा है। इससे प्रदेश में पर्यटन और रोजगार के नये द्वार खुलेंगे। साथ ही, बीकानेर, जोधपुर और किशनगढ़ से मुम्बई, कोलकाता, सूरत और बेंगलुरू जैसे महानगरों के लिए नियमित उड़ानें शुरु किए जाने का भी केन्द्र सरकार से आग्रह किया गया है।   नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की 19 हवाई पट्टियां हैं, जिनकी लम्बाई 3,300 फीट से लेकर 9,800 फीट तक है। इन हवाई पट्टियों को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों जैसे- फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन, एयर स्पोर्ट्स एवं एमआरओ संचालन आदि के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है। निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का सफल आयोजन किया गया है। साथ ही, राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम (रिप्स) में भी विशेष प्रावधान किये गए हैं। श्री दक ने बताया कि किशनगढ़ में एक एफटीओ कार्यरत है, भीलवाड़ा में अगस्त, 2025 से नया एफटीओ शुरू होगा। निवेशकों से अब तक 10 से अधिक एमओयू किए जा चुके हैं, जिनसे लगभग 1500 करोड़ रुपये का निवेश संभावित है। नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि हेलीकॉप्टर सेवाओं के क्षेत्र में भी राजस्थान में अपार संभावनाएं हैं। राज्य में लगभग 118 हैलीपेड हैं। राज्य सरकार द्वारा सभी जिला मुख्यालयों सहित प्रमुख पर्यटन स्थलों तथा चिकित्सा सहायता एवं इमरजेंसी रेस्पॉंंन्स के लिए भी अतिरिक्त हैलीपेड का निर्माण प्रक्रियाधीन है। उन्होंने कहा कि राज्य में हेलीकॉप्टर पर्यटन, धार्मिक यात्रा, जॉय राइड जैसी सेवाओं की योजना प्रस्तावित है। साथ ही, हेलीकॉप्टर आपात चिकित्सा सेवा की व्यवस्था पर भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए व्यावहारिक ऑपरेशनल मॉडल के विकास एवं मानक प्रक्रियाओं के निर्धारण में केन्द्र सरकार से सहयोग अपेक्षित है। श्री दक ने कहा कि राज्य के कुछ जिले जैसे उदयपुर, कोटा (चम्बल), बांसवाड़ा, टोंक (बीसलपुर) आदि सी-प्लेन सेवाओं के लिए संभावनाशील हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार से इन स्थलों की व्यवहार्यता का अध्ययन करवाये जाने तथा सी-प्लेन संचालन के लिए इन स्थलों को आरसीएस योजना के अंतर्गत शामिल किए जाने का अनुरोध किया। नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2024 में नागरिक उड्डयन नीति लागू की है, जिसके अंतर्गत हम पूरे क्षेत्र का सुनियोजित और सतत विकास करना चाहते हैं। उन्होंने इस कार्य में केन्द्र सरकार से वित्तीय सहायता, तकनीकी मार्गदर्शन और नीतिगत सहयोग की अपेक्षा की।

संसदीय कार्य मंत्री ने आमजन के सुने परिवाद और अधिकारियों को दिए निर्देश

जयपुर, संसदीय कार्य, विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा है कि प्रदेश सरकार आमजन की समस्याओं के निराकरण के साथ ही समग्र जन कल्याण और सामुदायिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इन प्रयासों में कहीं कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। पटेल ने यह बात सोमवार को जोधपुर सर्किट हाऊस में जनसुनवाई के दौरान कही। उन्होंने आमजन की समस्याओं को सुना तथा इनके बारे में संबंधित अधिकारियों से वस्तुस्थिति की जानकारी लेते हुए उनके संतोषपूर्ण एवं त्वरित समाधान के लिए व्यापक दिशा-निर्देश प्रदान किए। श्री पटेल ने कहा कि जनता तथा क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण के प्रति अधिकारी गंभीरता बरतें तथा जनसेवा की भावना के साथ कार्य करते हुए सुशासन से परिपूर्ण राज-काज का आदर्श प्रस्तुत करें। इसके लिए विभागीय स्तर पर जन समस्याओं के निस्तारण की पहल करें ताकि क्षेत्रवासियों की समस्याओं का निराकरण जल्द से जल्द हो सकें और इसके लिए उन्हें किसी प्रकार की देरी का सामना न करना पड़े। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि बुनियादी लोक सेवाओं तथा जन सुविधाओं की नियमित एवं निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करना विभागीय अधिकारियों का सर्वोपरि दायित्व है, जिसे उन्हे पूरी संवेदनशीलता के साथ निर्वहन करना चाहिए ताकि सुशासन के संकल्पों को साकार किया जा सकें। आमजन की समस्याओं को तसल्ली से सुनते हुए उन्होंने विश्वास दिलाया कि समस्याओं का यथोचित समाधान प्राथमिकता से किया जाएगा। जनसुनवाई में राजस्व, डिस्कॉम, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सार्वजनिक निर्माण, नगर निगम, जोधपुर विकास प्राधिकरण तथा जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग से जुड़ी शिकायतों पर चर्चा कर अधिकारियों को समयबद्ध और प्रभावी समाधान करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए।

राजस्थान के विकास से जुड़े मुद्दों पर की चर्चा , मुख्यमंत्री शर्मा ने राज्यपाल से की मुलाकात

  जयपुर,  मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपालहरिभाऊ बागडे से मुलाकात की। राज्यपाल बागडे से उन्होंने राजस्थान के  विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। राज्यपाल बागडे से मुख्यमंत्री शर्मा की यह शिष्टाचार भेंट थी।

डोडा चूरा तस्करी का भंडाफोड़, पुलिस ने संदिग्ध पिकअप से 1 करोड़ रुपए से अधिक कीमत का डोडा चूरा और हथियार किए जब्त

उदयपुर शहर की प्रतापनगर थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 1 करोड़ रुपए से अधिक कीमत का डोडा चूरा जब्त किया है। यह कार्रवाई बीती रात देबारी टी-प्वाइंट पर की गई, जहां नाकाबंदी के दौरान पुलिस ने एक संदिग्ध पिकअप वाहन को रोकने की कोशिश की। थानाधिकारी राजेन्द्र सिंह के अनुसार चित्तौड़गढ़ की ओर से आती एक पिकअप जैसे ही पुलिस के नाकाबंदी पॉइंट के पास पहुंची, तो ड्राइवर ने वाहन की रफ्तार बढ़ा दी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पीछा किया लेकिन आरोपी ड्राइवर और उसका साथी वाहन को सड़क किनारे छोड़कर अंधेरे का फायदा उठाकर पहाड़ियों की ओर भाग निकले। पुलिस टीम ने जब पिकअप की तलाशी ली तो खलासी की सीट के पास से एक पिस्टल और चार जिंदा कारतूस बरामद किए गए। वाहन के पिछले हिस्से में रखे गए 68 प्लास्टिक के कट्टों में कुल 1395 किलोग्राम अवैध डोडा चूरा पाया गया। बरामद डोडा चूरा की अनुमानित बाजार कीमत करीब 1 करोड़ रुपये है। पुलिस ने पिकअप वाहन, अवैध मादक पदार्थ और हथियार को जब्त कर लिया है। इस मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें जंगलों और आसपास के पहाड़ी इलाकों में लगातार तलाशी अभियान चला रही हैं। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि यह मादक पदार्थ कहां से लाया गया था और इसे कहां सप्लाई किया जाना था।

एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को लेकर अंतिम फैसला आज, हाईकोर्ट में सुनवाई

जयपुर राजस्थान की बहुचर्चित एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को लेकर आज का दिन बेहद अहम है। राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच इस मामले में आज यानी 7 जुलाई को अपना फैसला सुनाने वाली है। यह फैसला तय करेगा कि क्या यह भर्ती प्रक्रिया रद्द होगी या फिर बहाल रहेगी। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में स्पष्ट किया था कि अगली सुनवाई में वह अंतिम निर्णय देगा। क्या है पूरा मामला? साल 2021 में राजस्थान पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के 859 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। इस भर्ती में पेपर लीक, डमी कैंडिडेट की भागीदारी और संगठित तरीके से घोटाले की शिकायतें सामने आई थीं। परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र लीक हो गया था और कुछ अभ्यर्थियों की जगह डमी कैंडिडेट परीक्षा में बैठाए गए थे। इन गड़बड़ियों के बाद मामला तूल पकड़ गया और राजस्थान सरकार ने विशेष अभियान दल को इसकी जांच सौंपी। घोटाले में अब तक की कार्रवाई में 50 ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर और राजस्थान लोक सेवा आयोग के दो सदस्यों समेत कुल 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके कारण न केवल अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है, बल्कि राज्य की चयन प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। राजस्थान सरकार ने हाल ही में कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि सरकार की इस भर्ती को रद्द करने की कोई मंशा नहीं है। सरकार का कहना है कि वह दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के पक्ष में है, लेकिन निर्दोष अभ्यर्थियों को सजा नहीं देना चाहती। आज कोर्ट में तीन मुख्य बिंदुओं पर फैसला संभावित होगा। पहला भर्ती प्रक्रिया की वैधता को लेकर विचार किया जाएगा कि क्या पेपर लीक की वजह से पूरी भर्ती रद्द होनी चाहिए? दूसरा दोषी ट्रेनी एसआई को सेवा में बनाए रखा जाएगा या नहीं? और तीसरा- क्या चयन की पूरी प्रक्रिया दोबारा होगी या केवल दोषियों को हटाया जाएगा? भर्ती को लेकर पिछले तीन वर्षों से लड़ रहे हजारों अभ्यर्थी आज कोर्ट के फैसले पर निगाहें टिकाए बैठे हैं। कई अभ्यर्थी ट्रेनिंग पूरी कर चुके हैं और ड्यूटी पर हैं, वहीं कुछ की नियुक्ति अब भी रुकी हुई है। आज आने वाला फैसला न केवल एसआई भर्ती 2021 के भविष्य को तय करेगा, बल्कि राजस्थान में अन्य लंबित या विवादित भर्तियों के लिए भी एक मॉडल निर्णय बन सकता है।

डीजीपी नियुक्ति के बाद प्रशासनिक हलचल तेज, पुलिस विभाग में बड़े फेरबदल की तैयारी

जयपुर राजस्थान में डीजीपी पद पर आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार शर्मा की नियुक्ति के बाद अब पुलिस महकमे में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार जल्द ही वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की नई पदस्थापनाएं और तबादलों की सूची को अंतिम रूप दे सकती है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और नव नियुक्त डीजीपी राजीव कुमार शर्मा के बीच संभावित बैठक के बाद इस प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है। फिलहाल राज्य में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के महानिदेशक सहित कई शीर्ष पद खाली हैं। एसीबी प्रमुख का पद लंबे समय से रिक्त है। इसके अलावा आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अन्य पदों का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं, जबकि 12 नवआरक्षित आईपीएस अधिकारी हैदराबाद में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं और पांच अधिकारी अवकाश पर हैं। ऐसे में विभाग में कार्यभार संतुलन एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। सरकार तैयार कर रही तबादला सूची राज्य सरकार रिक्त पदों को भरने और कार्यकुशलता बढ़ाने के उद्देश्य से वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की सूची तैयार कर रही है। बताया जा रहा है कि सूची में अधिकारियों की विशेषज्ञता और अनुभव के आधार पर नई जिम्मेदारियों का निर्धारण किया जाएगा। इस फेरबदल के जरिए प्रशासनिक स्थायित्व और दक्षता को मजबूती देने की योजना बनाई गई है। नए डीजीपी से नई उम्मीदें डीजीपी राजीव कुमार शर्मा के नेतृत्व में पुलिस महकमे में बदलाव को लेकर सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। उनके कार्यशैली को लेकर पुलिस विभाग सहित राजनीतिक गलियारों में भी उत्सुकता है। माना जा रहा है कि यह फेरबदल विभाग को नई दिशा देगा और कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने में मददगार साबित होगा। विभाग के भीतर पारदर्शी और योग्यता आधारित तबादले की मांग भी उठ रही है। ऐसे में सरकार से तेज़ और सटीक निर्णय की अपेक्षा की जा रही है। संभावित तबादला सूची पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हुई हैं, जो राजस्थान पुलिस के भविष्य की दिशा और दशा तय कर सकती है।  

राजस्थान में बारिश का कहर जारी, सवाई माधोपुर में बाढ़ जैसे हालात

जयपुर राजस्थान में मानसून का दौर लगातार जारी है। सोमवार को भी प्रदेश के 29 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। बीते 24 घंटे में सवाई माधोपुर, टोंक, सीकर, नागौर, जयपुर, अजमेर समेत कई जिलों में जोरदार बारिश दर्ज की गई, जिससे कई इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सबसे ज्यादा बारिश सवाई माधोपुर में प्रदेश में सबसे अधिक वर्षा सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा में दर्ज की गई, जहां 214 मिमी बारिश हुई। इसके अलावा सवाई माधोपुर शहर में 124 मिमी, बौंली में 130 मिमी, मित्रपुरा में 50 मिमी, खंडार और मलारना डूंगर क्षेत्र में 44 मिमी बारिश दर्ज की गई। चौथ का बरवाड़ा में जलभराव के कारण कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। यहां तक कि कलेक्ट्रेट ऑफिस में भी पानी भर गया। राजधानी जयपुर सहित अन्य जिलों में भी तेज बारिश जयपुर, सीकर, टोंक, भीलवाड़ा, बूंदी, झुंझुनूं सहित अन्य जिलों में 1 से 2 इंच तक वर्षा हुई। बीसलपुर बांध, जो जयपुर को पानी सप्लाई करता है, उसका जलस्तर बढ़कर 313.74 मीटर हो गया है और त्रिवेणी नदी से लगातार पानी की आवक हो रही है। राज्य में अब तक सामान्य से 137 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। 1 जून से 4 जुलाई तक प्रदेश में औसतन 70.5 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार अब तक 167.1 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की जा चुकी है। मौसम विभाग की चेतावनी मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में भी कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। लोगों को सतर्क रहने और जलभराव वाले इलाकों से दूरी बनाए रखने की अपील की गई है।

राजस्थान में प्रशासनिक प्रक्रियाओं में राहत, टेंडर के बाद वित्तीय स्वीकृति के लिए नहीं भेजना होगा प्रस्ताव

जयपुर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार आमजन को भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी सुशासन देने के लिए कृत संकल्पित है। विकास कार्यों एवं जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक त्वरित रूप से पहुंचे, इसके लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही हैं। इसी नीति के तहत मुख्यमंत्री के निर्देश पर विकास कार्यों में तेजी लाने तथा प्रक्रिया में लगने वाले समय को न्यूनतम करने के लिए राज्य में अब नई व्यवस्था लागू की गई है। टेंडर के बाद प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति के लिए कार्यकारी विभाग द्वारा वित्त विभाग को फाइल भेजने की व्यवस्था अब समाप्त कर दी गई है। गत सरकार के समय शुरू हुई इस प्रक्रिया के कारण विकास कार्यों के शुरू होने में अनावश्यक विलंब हो रहा था। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल पर राज्य में यह नई व्यवस्था लागू की गई है। विकास कार्यों की घोषणा कर धरातल पर निर्माण कार्य शुरू करने में जानबूझ कर देरी करने की नीयत से गत सरकार के समय व्यवस्था की गई कि कार्यकारी विभाग जब कार्य की स्वीकृति के प्रस्ताव के साथ वित्त विभाग को भिजवाता था, तब वित्त विभाग इस स्वीकृति के बजाय कार्य की केवल सैद्धांतिक स्वीकृति देता था। इसके बाद प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति के लिए संबंधित कार्यकारी विभाग को प्रस्ताव पुनः वित्त विभाग को भेजना पड़ता था। इस दोहरी प्रक्रिया में 15 से 30 दिन का अतिरिक्त समय लग रहा था। इससे एक ओर विकास कार्य की लागत बढ़ रही थी, वहीं दूसरी ओर आमजन को इनका समय पर लाभ नहीं मिल पा रहा था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा इस व्यवस्था में सुधार के निर्देशानुसार प्रक्रिया में संशोधन कर इसे प्रभावी बना दिया गया है। अब कार्यकारी विभाग से प्राप्त प्रस्ताव वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत होते ही निविदा उपरान्त कार्यादेश जारी करने के लिए कार्यकारी विभाग को ही सक्षम बना दिया गया है। कार्यकारी विभाग निविदा के उपरांत कार्यादेश राशि के आधार पर प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृत राशि को स्वयं ही पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे। अतः प्रक्रिया के दूसरे चरण में पत्रावली वित्त विभाग को प्रेषित करने की आवश्यकता नही रहेगी। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से विकास कार्यों में तेजी आएगी और निर्धारित समय सीमा में पूर्ण गुणवत्ता के साथ विकास कार्य करवाने का राज्य सरकार का संकल्प धरातल पर साकार हो सकेगा।

उदयपुर में दो घंटे की मूसलाधार बारिश, ओल्ड सिटी में 3 से 4 फीट पानी, वाहन बंद पड़े

उदयपुर उदयपुर में शनिवार रात हुई करीब दो घंटे की मूसलाधार बारिश ने उदयपुर की ड्रेनेज व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। रात 9 बजकर 7 मिनट पर बारिश की शुरुआत हुई, और 10 बजकर 23 मिनट के बाद तेज बारिश ने रफ्तार पकड़ ली। लगातार बारिश से शहर के कई इलाकों में सड़कों पर नदी जैसी धाराएं बहने लगीं और आम जनजीवन प्रभावित हो गया। बारिश का सबसे ज्यादा असर ओल्ड सिटी के क्षेत्रों में देखा गया, जहां सड़कों पर 3 से 4 फीट तक पानी भर गया। तेज बहाव के कारण कई वाहन बीच रास्ते में बंद हो गए। सबसे ज्यादा नुकसान सवीना सब्जी मंडी में हुआ, जहां मंडी के अंदर और बाहर पानी भर गया। दुकानों में पानी घुसने से व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। नगर निगम की व्यवस्थाओं पर उठे सवाल हर साल की तरह इस बार भी कुछ घंटों की तेज बारिश ने नगर निगम की तैयारियों की कलई खोल दी। देहलीगेट, सूरजपोल, अस्ती अस्पताल रोड और हाथीपोल जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भी जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। अगर शहर के कैचमेंट क्षेत्रों में इसी तरह की बारिश जारी रही, तो सीसारमा नदी का बहाव अगले कुछ घंटों में तेज हो सकता है। रविवार सुबह तक पिछोला झील का जलस्तर 7 फीट 4 इंच तक पहुंच गया है। झील की कुल क्षमता 11 फीट है, जिससे अब भी करीब 3 फीट 8 इंच की गुंजाइश बाकी है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में फिर से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। ऐसे में प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

सेना अधिकारी की कार ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को मारी टक्कर, दो किसानों की मौत

जैसलमेर जैसलमेर के सांगड़ थाना क्षेत्र में भेलानी टोल नाके के पास रविवार को एक दर्दनाक सड़क हादसे में दो किसानों की मौत हो गई। पचपदरा (बालोतरा) निवासी दोनों किसान खेत के काम से ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर मोहनगढ़ जा रहे थे। रास्ते में ट्रैक्टर का टायर पंचर हो गया, और वे सड़क किनारे पंचर निकाल रहे थे, तभी पीछे से आई तेज रफ्तार कार ने ट्रैक्टर को टक्कर मार दी। हादसे में किसान भूराराम (42) पुत्र सुखराम व सुरताराम (51) पुत्र अनाराम गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों को एनएचएआई की एंबुलेंस से जवाहर अस्पताल भिजवाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। टक्कर मारने वाली कार में आंध्र प्रदेश निवासी सेना अधिकारी एम. उमाशंकर अपने परिवार के साथ जैसलमेर आ रहे थे। हादसे में कार के एयरबैग खुलने से अधिकारी व उनके परिजन सुरक्षित रहे, उन्हें मामूली चोटें आईं हैं। मृतक भूराराम के चाचा बाबूराम ने सांगड़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घटना के बाद मृतक किसानों के गांव में शोक की लहर है।