ऐंड्रॉयड यूजर्स के लिए 10 काम के ट्रिक्स

ऐंड्रॉयड एक ओपन प्लैटफॉर्म है, इसलिए इसमें कस्टमाइजेशन का काफी स्कोप रहता है। अपने फोन को पर्सनलाइज करने के अलावा भी कुछ ऐसे खास ट्रिक्स हैं जिनसे अपने फोन को आप साफ सुथरा रखकर उसकी बैटरी लाइफ का मैक्सिमम फायदा उठा सकते हैं। ये 10 ट्रिक्स हर ऐंड्रॉयड यूजर को मालूम होनी चाहिए। गूगल नाउ सेटअप करना गूगल नाउ को अपने पर्सनल असिस्टेंट की तरह समझें। गूगल ऐप खोलें, गेट गूगल नाउ पर टैप करें और अपने प्रेफरेंस भर दें। अब आप गूगल नाउ को अपने फेवरिट स्टॉक्स, स्पोर्ट्स टीम्स और दूसरी चीजें बताकर उनसे संबंधित नोटिफिकेशन्स पा सकते हैं। आप गूगलल मैप्स के लिए गूगल नाउ को यह भी बता सकते हैं कि आप किस वाहन से सफर करना पसंद करते हैं, मसलन कार, बस, मेट्रो इत्यादि। लॉन्चर और लॉक स्क्रीन रिप्लेसमेंट्स का इस्तेमाल करें एक ही तरह का वेदर विजेट देखते-देखते परेशान हो गए हैं? आपको बता दें कि आप गूगल प्ले स्टोर से ऐसे फ्री ऐप्स डाउनलोड कर सकते हैं जिनसे आप अपने ऐंड्रॉयड फोन का पूरा इंटरफेस बदल सकते हैं। पावर सेंविग मोड सेटिंग्स मेन्यू पर जाएंग और पावर सेविंग मोड को ऑन कर लें। इससे बैटरी काफी हद तक बचती है। कुछ फोन्स में हाई लेवल, बैटरी सेविंग मोड भी होता है। उदाहरण के लिए, सैमसंग गैलक्सी ै6 के अल्ट्रा पावर सेविंग मोड से आप कॉल और मेसेज कर सकते हैं, इंटरनेट ब्राउज कर सकते हैं। सभी ऐंड्रॉयड फोन्स में बैटरी-सेवर हो, यह जरूरी नहीं। लेकिन अधिकतर में होता है। एक एक्स्ट्रा बैटरी रखें गौर कीजिएगा अकसर फोन्स की बैटरी गलत टाइम पर बंद हो जाती है। वहीं जाकर जहां चार्ज करने की सुविधा हो ही न। कई ऐंड्रॉयड फोन्स की बैटरी रिमूवेबल होती है। ऐसे में आप एक अलग बैटरी खरीदकर मुश्किल वक्त के लिए रख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर बैटरी रिप्लेस कर सकते हैं। अब तो खैर पावर बैंक्स भी ऐसी मुश्किल घड़ी से आपको उबार सकते हैं। गूगल क्रोम साइन इन करें अगर आप अपने फोन में मौजूद गूगल क्रोम ब्राउजर पर अपने गूगल अकाउंट में साइन-इन कर लेते हैं तो आपके बुकमार्क्स और प्रेफरेंस खुद-ब-खुद सेव होने लगेंगे। ऐप्स को फोल्डर्स में ऑर्गनाइज कर लें आप अपने ऐप्स को अलग-अलग कैटिगरी मे रखने के लिए फोल्डर्स क्रिएट कर सकते हैं। इससे बिखराव कम होता है और जल्दबाजी में ढूंढने पर ऐप जल्दी मिल जाता है। फोल्डर क्रिएट करने के लिए एक ऐप को प्रेस कर होल्ड करें और उसे खींचकर ऊपर बाईं तरफ क्रिएट फोल्डर ऑप्शन पर ले जाएं। कुछ फोन्स में आप आईओएस की तरह एक ऐप पर दूसरे ऐप को ड्रैग कर ड्रॉप कर सकते हैं। फोल्डर खुद-ब-खुद बन जाएगा। थर्ड पार्टी कीबोर्ड यूज करें कई बार स्वाइप करना टाइप करने से आसान लगता है। जरूरी नहीं कि आप सिर्फ गूगल के कीबोर्ड का ही इस्तेमाल करें, कई सारे कीबोर्ड ऐप्स हैं जिन्हें गूगल प्ले स्टोर से चुना जा सकता है। मसलन, स्वायप के जरिये आप टाइप करने की जगह लेटर्स को स्वाइप कर लिख सकते हैं। क्रोम में बैंडविड्थ मैनेजमेंट अजस्ट करें आप क्रोम में रिड्यूस डेटा यूजेज ऑप्शन ऑन कर सकते हैं जिससे बेकार का वाइटस्पेस हटाकर क्रोम छोटे फॉर्मैट में तस्वीरें ट्रांसलेट कर देता है। इससे ब्राउजिंग के वक्त काफी डेटा बचता है। डेटा सेफ रखने के लिए गूगल ऑथेंटिकेटर गूगल ऑथेंटिकेटर आपको आपके गूगल अकाउंट के लिए टू-स्टेप वेरिफिकेशन सिक्यॉरिटी देताहै। ताकि, जब भी आप लॉग इन करें, आपको ऐप द्वारा जेनरेट किया हुआ एक कोड आपके पासवर्ड के साथ नजर आए। इससे अजनबी आपके अकाउंट में लॉग इन नहीं कर सकेंगे। डिफॉल्ट ऐप्स बदलें सेटिंग्स में नेविगेट कर ऑल पर जाएं और क्लियर डिफॉल्ट्स को प्रेस करें। सभी डिफॉल्ट सेटिंग्स और ऐप्स हट जाएंगे। इसके बाद आप अपने फेवरिट ऐप्स को अपनी सहूलियत के हिसाब से सेटअप कर सकते हैं।  

बचत के साथ खरीदारी में ही है समझदारी

शॉपिंग करने का क्रेज है, तो थोड़ा प्लान करके चलने से इसका मजा और भी बढ़ जाएगा। आखिर इस तरह कुछ बचत होगी और आपकी पसंद का सामान भी आएगा। जानते हैं इसी से जुड़े कुछ टिप्स… अगर आपको शॉपिंग करने का क्रेज है, तो आपका मन सेल सीजन में और भी उतावला हो जाता होगा। लेकिन शॉपिंग पर जाने से पहले उन बातों का जरूर ध्यान रखें, जिनसे सेविंग भी हो जाए और खरीदारी भी बढ़िया हो। सेल का इंतजार करें अगर आपको एक साथ ज्यादा चीजें खरीदने की आदत है, तो बेहतर होगा कि सेल सीजन का वेट करें। जब तक सेल ना लगे, तब तक मॉल में शॉपिंग करना बिल्कुल अवॉयड करें। यहां आपको ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। शॉपिंग का अलग अकाउंट जब भी आपको पे चेक मिले, तो इसे दो अकाउंट्स में डिवाइड करें। एक को अपने बिल्स और जरूरतों के लिए रखें और दूसरे को शॉपिंग के लिए। दूसरे अकाउंट से शॉपिंग वाला दिन आने तक कोई ट्रांजैक्शन ना करें। फिजूल शॉपिंग से बचें ऐसा कुछ भी नहीं खरीदें, जिसकी जरूरत आपको तुरंत न हो। कभी तो इसकी जरूरत होगी वाली सोच रखेंगे, तो फालतू की शॉपिंग ज्यादा होगी। इस पैसे को बचाएं और अपनी जरूरत की चीजों पर खर्च करें। खर्चों का हिसाब-किताब अपने खर्चों का ट्रैक रखना बेहद जरूरी है। बेहतर है कि अपनी डिजिटल डायरी या मोबाइल फोन में नोट बनाकर आप रोजाना होने वाले खर्च का ध्यान रखें। हर महीने के अंत में चेक करें कि कहां सेविंग हो सकती थी। अगर हो सके, तो महीने की बजाय हफ्ते का हिसाब रखें। सेविंग कर दें शुरू आमतौर पर सेल जनवरी और अगस्त के आसपास लगती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए एक-दो महीने पहले ही सेविंग्स करना शुरू कर दें। मॉनसून में भी बड़ी-बड़ी सेल लगा करती हैं। ऐसे में आप सेल शुरू होने से एक महीने पहले ही सेविंग शुरू कर दें। एक बार करेंगे, तो आपको खुद ही इसमें मजा आने लगेगा। तो मॉनसून सेल एन्जॉय करने की तैयारी अभी से शुरू कर दें!  

दमे की बीमारी में एलर्जी से बचना जरुरी

महानगरों में बढ़ते प्रदूषण ने स्वच्छ हवा, पानी, रोशनी और हरियाली को किताबी बातें बना दिया है। प्रदूषण के कारण ही सांस की बीमारी एक आम समस्या बन चुकी है। बड़ी संख्या में पेड़-पौधों के कटाव से वातावरण दूषित होता है। सांसों की एलर्जी अर्थात दमा भी इसी दूषित वातावरण की ही देन है। आज न केवल बड़े बल्कि छोटे-छोटे बच्चे और नवजात शिशु भी सांस की घुटन से राहत पाने के लिए अपने साथ नेबुलाइजर रखने को विवश हैं। दमा के बारे में अलग-अलग डॉक्टर अलग-अलग राय रखते हैं। कुछ डॉक्टरों के अनुसार यह श्वास का स्नायुविक रोग रेसपीरेटरी न्यूरोसिस है तो कुछ कहते हैं कि यह रोग रक्त में एलर्जी और टॉक्सिन्स उत्पन्न हो जाने से होता है। जो वायु हम ग्रहण करते हैं वह नाक, गला, फैंरिक्स और वायुनली से होते हुए श्वासनली के द्वारा फेफड़ों में पहुंचती है और जब हम सांस छोड़ते हैं तो इसी प्रकार वायु शरीर से बाहर निकल जाती है। वायु का यह स्वतंत्र ग्रहण और निष्कासन ही हमारी श्वसन क्रिया का आधार है। दमा को एलर्जी का ही एक प्रकार माना जाता है। कोई भी ऐसा पदार्थ जो शरीर के लिए हानिकारक हो, एलर्जी कहलाता है। जब यह पदार्थ हमारे शरीर में प्रवेश करता है तो शरीर इसका विरोध करता है। जब एलर्जीकारक हमारी श्वसन नली में प्रवेश करता है तो फेफड़ों के बचाव के लिए हमारी श्वसन व्यवस्था उसे बीच में ही रोकने का प्रयास करती है, इससे सांस लेने में कष्ट होता है। जो एलर्जी पहले से ही सिस्टम में प्रवेश कर चुकी होती है उससे बलगम और खांसी होती है और गले में सूजन आ जाती है और उसी से श्वास नली में रुकावट आ जाती है और सांस लेने में कठिनाई होती है। इस स्थिति के बार-बार उत्पन्न होने की दशा में इसे दमा की संज्ञा दी जाती है। दमा कोई बीमारी नहीं अपितु एक एलर्जी तथा वंशानुगत रोग है। सांस लेने में तकलीफ होना, दम घुटना, श्वास लेते समय सीटी जैसी आवाज होना, अक्सर छाती का दबाव या भारीपन महसूस होना, खांसते समय पसीना आना, चेहरे पर पीलापन, हाथ-पैर ठंडे रहना व्यायाम आदि करने से सांस फूल जाना, आदि कुछ ऐसे लक्षण हैं जिसके द्वारा दमा की पहचान संभव है। लगातार या बार-बार खांसी हो या दो सप्ताह से भी अधिक समय से खांसी ठीक न हो रही हो तो भी तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना उचित होता है अन्यथा आगे चलकर आपको दमे का सामना करना पड़ सकता है। दमे का दौरा अचानक और वह भी प्रायः मध्यरात्रि के बाद ही होता है। रक्त के प्लाज्मा कोर्टिसोल लेवल में प्रतिकूल परिवर्तन आने से फेफड़ों की नलिकाओं में ऐंठन पैदा हो जाती है और रोगी को दमे का दौरा पड़ जाता है। दौरे के समय रोगी को लेटने में कठिनाई होती है इसलिए वह बैठकर ही अपना समय व्यतीत करता है। दमा के उपचार के लिए ज्यादातर इन्हेलर दवाएं दी जाती हैं। दवा देने की अन्य विधियां भी हैं जैसे पंप के पाउडर सूंघने देना और सोल्यूशन नेबुलाइजर में दवा का धुआं बनाकर उस धुएं को इनहेल करने देना। इसके अतिरिक्त गोलियों व इंजेक्शन के रूप में भी दवा दी जाती है। दवाइयों के अतिरिक्त कुछ छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर भी दमे को सुरक्षित व प्रभावशाली ढंग से नियंत्रण में रखा जा सकता है। जिन्हें धूल से एलर्जी है उनके लिए आवश्यक है कि वे इससे बचें इसके लिए घर के वातावरण को साफ-सुथरा रखें। घरों में मोटे पर्दे, गलीचे आदि न लगाएं। ऐसे में सफाई के लिए झाडू के स्थान पर वैक्यूम क्लीनर का प्रयोग करें क्योंकि यह धूल के महीन से महीन कण खींच लेता है। फर्श की सफाई गीले कपड़े से करें। पालतू जानवर न पालें और तेज सुंगध से बचें आदि। विभिन्न रोगियों में एलर्जीकारक तत्व अलग अलग होते हैं। जो विभिन्न क्रियाओं से उनके भीतर प्रवेश कर सकते हैं जैसे धारा के पास रहना, आटा छानना गेहूं साफ करना आदि। इनसे भी दमे का दौरा पड़ सकता है। इसी प्रकार फूड एलर्जी का ध्यान रखना जरूरी है। खट्टी चीजें, तले हुए पदार्थ व दही न लें। जिन खाद्य पदार्थों में रंग का प्रयोग किया गया हो उनसे बचें। किसी भी दवा का लंबे समय तक सेवन करते रहना भी नुकसानदायक हो सकता है। विभिन्न रोगियों पर किए परीक्षणों से डॉक्टरों ने यह निष्कर्ष भी निकाला है कि कई बार क्रोध, चिन्ता, डर, उत्तेजना या अधिक मेहनत करने के कारण हुई थकावट भी इस रोग को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में आवश्यक है कि ऐसी स्थिति से बचा जाए। प्राकृतिक चिकित्सा के पक्षधरों का मानना है कि दोषपूर्ण खान-पान रहन-सहन, बढ़ती भौतिक सुख-सुविधाएं और घटता हुआ शारीरिक श्रम और व्यायाम से जी चुराने की प्रवृत्ति ही दमे के लिए उत्तरदायी है। जलनेति, सुत्रनेति और कुंजल आदि क्रियाओं का दमे के उपचार में महत्वपूर्ण स्थान है। जलनेति और सूत्रनेति करने से नासामार्ग के अवरोध दूर हो जाते हैं और रोगी को सांस लेने में सुविधा होती है। ऊपरी श्वसन मार्ग को साफ करने के लिए ये क्रियाएं बहुत उपयोग होती हैं। ये क्रियाएं श्वसन मार्ग के संक्रमण को न्यूनतम करने का प्रयास करती हैं। दूसरी क्रिया कुंजल है। इस क्रिया द्वारा सभी अनपचे खाद्य पदार्थों को रोगी के शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। प्रायः इस क्रिया के बाद अम्लीय गंध लिए हरा-पीला सा म्यूक्स जैसा स्राव निकलता है। इस क्रिया से भी रोगी को आराम मिलता है। इनके अतिरिक्त गहरी सांस लेना और प्राणायाम ऐसी क्रियाएं हैं जो दमा के रोगियों के लिए बहुत लाभकारी होती हैं। दमा के रोगियों को अपने आहार तथा सांस में कठिनाई का रिकार्ड रखना चाहिए। एक या दो मास इस तरह का रिकार्ड रखने पर रोगी की यह ज्ञात हो जाता है कि कौन सी चीजें खाने पर उसकी तकलीफ बढ़ती है। इससे रोगी के आहार से आसानी से एलर्जीकारक चीजों को निकाला जा सकता है। दमा के रोगी को तरोताजा अहसास व शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित व्यायाम जैसे जॉगिंग, स्वीमिंग तथा योगासन आदि करने चाहिए। तैरने से श्वसन क्षमता में वृद्धि होती है। खुली हवा में घूमना-फिरना भी लाभकारी है इससे ताजी हवा फेफड़ों में पहुंचती है। हालांकि … Read more

कम बजट में फ्रेंडली Dreame रोबोट वैक्यूम क्लीनर, घर में खुद लगाएगा झाड़ू और पोंछा

Dreame Technology ने भारत में न्यू Robot Vacuume Cleaner लॉन्च कर दिया है, जिसका नाम Dreame F10 है. इस रोबोट को खासतौर से भारतीय घरों के लिए तैयार किया गया है. कंपनी का दावा है कि यह घर को बड़े ही शानदार तरीके क्लीन कर सकता है, जिसके लिए इसमें पावरफुल सक्शन, स्मार्ट मैपिंग और मोपिंग का फीचर मिलता है. इसमें इंटेलीजेंट नेविगेशन फीचर भी प्रोवाइड कराया है.   Dreame F10 की कीमत 21,999 रुपये है और यह Amazon India पर उपलब्ध होगा. Amazon Prime Day ऑफर के तहत इसको डिस्काउंट के साथ खरीदा जा सकता है, जिसकी कीमत 19,999 रुपये हो जाएगी. Amazon Prime Day Sale 12 से 14 जुलाई 2025 तक चलेगी.   Dreame F10 Robot Vacuum Cleaner के फीचर  Dreame F10 Robot Vacuum Cleaner को ब्रांड ने 2 इन-1 मोड में लॉन्च किया है. इसमें वैक्यूम और मोप का फीचर मिलता है, जिसे सिंपल शब्दों में झाड़ू और पोंछा के रूप में समझ सकते हैं. यह डिवाइस 570ml के डस्टबिन के साथ आता है, जो डस्ट, बाल आदि को कलेक्ट करता है. इसके अंदर 235ml का वॉटर टैंक भी मिलेगा.  Dreame F10 Robot Vacuum Cleaner के अंदर कंपनी का Vormax Standard सिस्टम दिया है और यह 13,000Pa सक्शन के साथ आता है. इसमें इंटेलीजेंट कारपेट बूस्ट फंक्शन दिया गया है, जो कारपेट के मुताबिक अपने सक्शन को एडजेस्ट करता है.  Dreame F10 घरों में 20mm तक की क्लाइंबिंग कर सकता है   Dreame F10 रोबो वैक्यूम क्लीन घरों में 20mm तक की क्लाइंबिंग कर सकता है. आमतौर पर लिविंग रूम और बालकनी के फ्लोरिंग में थोड़ा अंतर होता है, जिसकी वजह से कई रोबोट वैक्यूम क्लीनर उसपर चढ़ नहीं पाते हैं लेकिन Dreame F10 के साथ ये प्रोब्लम नहीं होगी.  Dreame F10 Robot Vacuum Cleaner में है खास टेक्नोलॉजी  Dreame F10 के साथ Smart Pathfinder Technology का यूज किया गया है, जो घर की क्लीनिंग के लिए बेहतर तरीके से मैपिंग करता है. साथ ही यह खुद को ऑब्स्टेकल और सीढ़ियों पर गिरने से बचाता है. मल्टीमैपिंग का भी फीचर दिया गया है  कस्टमाइज क्लीनिंग के लिए आप खुद की पर्सनालाइज मैपिंग कर सकते हैं. इसके अंदर आपको मल्टी फ्लोर मैपिंग, No-Mob Zones और वर्चुअल बाउंड्रीज का फीचर मिलता है. यह Alexa, Google Assistant और Siri के सपोर्ट के साथ आता है.  Dreame F10 में है इतनी बड़ी बैटरी  रोबोट वैक्यूम क्लीन के अंदर 5200mAh की बैटरी दी गई है. सिंगल चार्ज में जो 300 मिनट्स तक का क्लीनिंग टाइम प्रोवाइड कराता है. बैटरी लो होने पर यह रोबो वैक्यूम ऑटोमैटिक डॉक पर वापस आ जाता है.  पिक और ड्रॉप की सर्विस  Dreame F10 की आफ्टर सेल्स सर्विस की बात करें तो कंपनी ने 1 साल की वारंटी का ऐलान कर चुका है. इसके साथ कस्टमर हेल्पलाइन नंबर भी दिया है. साथ ही कंपनी ने 165 शहरों में सर्विसिंग और रिपेयरिंग के लिए पिक और ड्रॉप की सर्विस प्रोवाइड कराई है, जहां प्रोडक्ट खराब होने की कंडिशन में कंपनी का कर्मचारी कस्टमर के घर पहुंचेगा और प्रोडक्ट को कलेक्ट करेगा. फिर प्रोडक्ट ठीक होने के बाद कंपनी का कर्मचारी या पार्टनर उसे घर पर वापस कर जाएगा. 

बहुत ज्यादा टेंशन होने पर ऐसे करें मन शांत

रोजाना के बिजी शेड्यूल की वजह से ज्यादा तर लोग खुद के लिए समय नहीं निकाल पाते। भागदौड़ भरी जिंदगी में बहुत से लोग तनावग्रस्त हैं। तनाव की वजह से मन अशांत रहता है और बड़े फैसले लेना मुश्किल होता है। टेंशन के बीच मन को शांत रखना सरल काम नहीं है, लेकिन नामुमकिन भी नहीं है। छोटे-छोटे तरीकों को अपनाकर आप टेंशन में भी मन को शांत रख सकते हैं। जानें, मन शांत करने के 5 तरीके- गहरी सांस लेना अपनी नाक से गहरी सांस लें और फिर कुछ सेकंड के लिए रोककर रखें बाद में अपने मुंह से धीरे-धीरे सांस छोड़ें। ऐसा करते समय अपनी सांस की अनुभूति पर ध्यान केंद्रित करें। माइंडफुलनेस प्रेक्टिस आएगी काम अपने आस-पास के माहौल और शरीर की संवेदनाओं पर ध्यान दें। आप 5-4-3-2-1 तकनीक को आजमा सकते हैं। इसके लिए 5 ऐसी चीजें पहचानें जिन्हें आप देख सकते हैं, 4 ऐसी चीजें जिन्हें आप छू सकते हैं, 3 ऐसी चीजें जिन्हें आप सुन सकते हैं, 2 ऐसी चीजें जिन्हें आप सूंघ सकते हैं और 1 ऐसी चीज जिसे आप चख सकते हैं। टहलने से मिलेगी मदद टेंशन के बीच मन को शांत रखने का सबसे अच्छा तरीका है कुछ मिनटों के लिए बाहर निकलें और वॉक करें। इस दौरान अपने आस-पास के वातावरण पर ध्यान केंद्रित करें। शांत करने वाले म्यूजिक को सुनें बहुत ज्यादा टेंशन के बीच ऐसा करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन अगर आप गलत फैसले लेने से बचना चाहते हैं तो मन शांत करने के लिए शांत करने वाले म्यूजिक को सुनें। म्यूजिक हृदय गति और ब्लडप्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है। च्युइंग गम आएगी काम बहुत से लोग इसे खाना पसंद नहीं करते हैं लेकिन स्ट्रेस के बीच मन शांत करने में ये आपकी मदद कर सकती है। जब भी आपको तनाव महसूस हो तो च्युइंग गम चबाना शुरू कर दें। दरअसल च्युइंग गम चबाने से तनाव से जुड़े हार्मोन कोर्टिसोल के लेवल को कम करने में मदद मिलती है , जिससे यह तनाव को जल्दी से मैनेज करने में मदद करता है। डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। किसी चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी सवाल के लिए हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लें।  

सलामत रहें फोन के कंटैक्ट्स

आपके सामने भी कभी इस तरह की स्थिति आई होगी कि आपको अपने जानने वालों से कहना पड़ा हो, मेरा फोन खो गया है… या फिर चोरी हो गया है, आपके पास फलां व्यक्ति का नंबर है क्या… या फिर सोशल साइट्स पर भी इस तरह के पोस्ट देखे जा सकते हैं कि मेरा कंटैक्ट खो गया है आप अपना नंबर शेयर कीजिए…। ऐसे में कई बार लगता है कि अगर कंटैक्ट्स का बैकअप होता, तो इस तरह की समस्या से दो-चार नहीं होना पड़ता। अपने स्मार्टफोन के कंटैक्टस का आप इन तरीकों से बैकअप ले सकते हैं… एंड्रायड फोन सुपर बैकअप: अगर आपके पास एंड्रायड फोन है, तो कंटैक्ट्स बैकअप के लिए सुपर बैकअप एप्लीकेशन का उपयोग कर सकते हैं। इसे यूज करना काफी आसान है। यह कंटैक्ट्स के साथ एसएमएस बैकअप की भी सुविधा देता है। कंटैक्ट्स फोन के इंटरनल स्टोरेज में बैकअप बनता रहता है। आप इसे गूगल ड्राइव में सेव करने के लिए ऑटोमैटिकक अपडेट के ऑप्शन को चुन सकते हैं। अगर आप गूगल कंटैक्ट अपडेट के ऑप्शन को चुनते हैं तो नियमित तौर पर बैकअप बनता रहेगा। हालांकि एप का फ्री वर्जन एड सर्पोटेड है, लेकिन अगर आप एड नहीं चाहते हैं, तो सुपर बैकअप प्रो को परचेज कर सकते हैं। आइओएस माइ कंटैक्ट्स बैकअप प्रो: यह एप्लिकेशन आइओएस डिवाइस यूजर्स के लिए है। इसमें बैकअप व री-स्टोरेशन की आसान सुविधाएं हैं। साथ ही, यह आपके कंटैक्ट्स बैकअप को इमेल एड्रेस पर भी भेजने की सुविधा देता है। फिर आप चाहें, तो उसे ड्रॉपबॉक्स पर भी सेव कर सकते हैं। यहां आप कंटैक्ट्स को वाइ-फाइ के जरिए ब्राउजर पर मैनेज करने के अलावा, रेग्युलर बैकअप और रिमूव का रिमाइंडर भी सेट कर सकते हैं। इस एप्लिकेशन को एपल के एप स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। विंडोज फोन कंटैक्ट्स व मैसेज बैकअप: इस एप्लिकेशन के जरिए विंडोज 8.1 यूजर्स अपने कंटैक्ट्स बैकअप के साथ एसएमएस और एसएमएस का बैकअप एसडी कार्ड में ले सकते हैं। हालांकि विंडोज फोन में क्लाउड-बेस्ड बैकअप फंक्शैनलिटी इन-बिल्ट होता है, लेकिन लोकल बैकअप से फायदा यह है कि आप फोन को तेजी से रिस्टोर कर सते हैं। अगर फोन में कंटैक्ट्स और मैसेज का बड़ा डाटाबेस है और नये फोन में बैकअप लेना चाहतें हैं, तो इस एप्लिकेशन के जरिए क्लाउड स्टोरेज की तुलना में ज्यादा तेजी से फोन में कंटैक्ट बैकअप और मैसेज को रिस्टोर किया जा सकता है। हालांकि इस एप्लिकेशन के लिए आपको माइक्रोएसडी कार्ड की जरूरत पड़ेगी। यह आपके एसडी कार्ड में बैकअप रिस्टोर का फोल्डर बना देगा। यहां कंटैक्ट्स वीसीएफ फॉर्मेट में स्टोर होता है और मैसेज एक्सएमएल फॉर्मेट में। ब्लैकबेरी फ्री कंटैक्ट बैकअप:- ब्लैकबेरी 10 यूजर के लिए फ्री कंटैक्ट बैबअप यूजफूल एप्लिकेशन है। आप सिंगल टैप के जरिए कंटैक्ट का बैकअप ले सकते हैं। इस एप्लिकेशन की खासियत है कि आप चाहें तो पूरे फोन का बैकअप ले सकते हैं। इसके अलावा यह डुप्लिकेट कंटैक्ट्स को मर्ज करने का ऑप्शन भी देता है। आप बैकअप को मेल के जरिए भी भेज सकते हैं। पुराने ब्लैकबेरी फोन यूजर फ्री बैकअप कंटैक्ट एप बाइ अमैरा सॉफ्ट ट्राइ कर सकते हैं। कंटैक्ट्स होंगे ऑटोमैटिक अपडेट 6 डिग्री:- ऑटोमैटिक कंटैक्ट बैकअप के लिए इस एप्लिकेशन का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर आप अपने फोनबुक में कोइ नया कंटैक्ट अपडेट करते हैं, तो यह खुद ही उसे अपडेर कर देगा। इसके अलावा, अगर आपके फ्रेंड्स अलाउ करें, तो यह फ्रेंड्स के फोन में भी कंटैक्ट को सर्च करने का ऑप्शन देता है। आप इस एप की मदद से डुप्लिकेट कंटैक्अ को रिमूव करने के अलावा दूसरे डिवाइस में भी रिस्टोर कर सकते हैं। यह एप आइओएस के साथ एंड्रायड डिवाइस को भी सपोर्ट करता है। एडाप्पट:- यह एप्लिकेशन भी आपके एड्रेस बुक को हमेशा अपटूडेट रखेगा। जब भी कोई फ्रेंड या फिर फैमिली मेंबर कंटैक्ट को अपडेट करता है, तो यह खुद ही एड्रेस बुक को अपडेट कर देगा। यह यूजर को आइडेंटीफाइ करने के लिए इमेल आइडी का इस्तेमाल करता है। एप्लिकेशन डाउनलोड करने के बाद कुछ स्टेप के जरिए आप लोगों को इनवाइट भी कर सकते हैं। इसे डिवाइस के साथ भी आसानी से सिंक किया जा सकता है।  

हाथों की खूबसूरती बनाए रखने के ये 6 नुस्खे

त्वचा को जवां बनाने और निखारने की बात करते हैं तो अपने हाथों को भूल जाते हैं। जबकि देखभाल की सबसे ज्यादा जरूरत हमारे हाथों को होती है, क्योंकि इन पर धूप का प्रभाव सबसे ज्यादा पडता है। इसके अलावा घरेलू कामकाज के दौरान भी हार्ड केमिकल्स का इन पर बहुत प्रभाव पडता है। अगर इनकी ठीक प्रकार से देखभाल की जाए, तो आपके हाथ लम्बे समय तक जवां और खूबसूरत बने रहेंगे। -बढती एज की निशनियां -अपने हाथों पर गौर करें। -हाथों की स्किन का ढीला हा कर लडक जाना। -हाथों की नसों का दिखायी देना। -हथेलियों का हर समय रूखा-सूखा रहना। हाथों की खूबसूरती बनाएं रखें:- 1. दिनभर घर का काम करने से हाथों का मॉइश्चर खत्म हो जाता है और वे खुरदरे हो जाते हैं। बदलते मौसम में शुष्क हवाओं के असर भी हाथ रूखे हो जाते हैं। पानी में काम करने के बाद और सुबह नहाने के बाद अच्छा अब्जॉर्बिग लोशन लगाएं। रात में थोडा हेवी और क्रीम बेस्ड मॉइश्चराइजर लगाएं, ताकि क्रीम हाथों में अच्छी तरह से जज्ब हो आए। 2. धूप और धूल के प्रभाव से हाथों में पिगमेंटेशन और टैनिंग भी हो जाती है। इन्हें दूर करने के लिए स्क्रब करके पैक लगाएं। हाथों की ब्लीचिंग भी की जा सकती है। 3. स्क्रबिंग के लिए होममेड स्क्रब जैसे चीनी और बेसन का यूज करें और ताजे फलों का पैक लगाएं। चीनी से सक्रब करने के लिए हथेलियों को गीला करके थोडी सी चीनी लें और तब तक हाथों की मसाज करें जब तक चीनी घुल ना जाए। फिर साफ पानी से हाथ धो लें। इसी तरह 1 चम्मच बेसन में थोडा नींबू का रस, हल्दी और कच्चाा दूध या मलाई मिलाएं। इसे हाथों पर लगा कर स्क्रब करें। 4. सनस्क्रीन ना सिर्फ आपके चेहरे के लिए, बल्कि बॉडी के उन सभी पाट्र्स के लिए जरूरी है, जो सीधे धूप के सम्पर्क में आते हैं। घर से बाहर निकलते समय 15 मिनट पहले चेहरे के साथ-साथ हाथों पर भी सनस्क्रीन लगाएं। 5. नाखूनों के क्यूटिकल्स की भी देखभाल करें। हाथ रूखें हो जाने पर क्यूटिकल्स निकल आते हैं, जिनसे हो कर गंदगी और बैक्टीरिया हमारे शरीर में घुस जाते हैं। हाथ धोने के बाद शिया बटर युक्त मॉइश्चराइजर लगाएं। चाहें, तो नाखूनौं के बेस पर थोडा सा लिप बाम भी लगा सकती हंै। 6. हटाए झुर्रियां हाथों में आयी झुर्रियां आपको अपने हाथ छिपाने के लिए मजबूर ना करें इाके लिए जरूरी है कि हैंड रिजूविनेशन ट्रीटमेंट अपनाया जाए। डर्मा फिल्र्स जैसे ज्यूवडर्म इसके लिए बेहद करागर उपचार है। इस ट्रीटमेंट में हाइएल्यूरोनिक एसिड जैल का इस्तेमाल किया जाता है। यह हमारी स्किन का एक कुरती तत्व है, जो स्किन को वॉल्यूम देता है। इस ट्रीटमेंट के बाद हाथ भरे-भरे दिखते हैं, स्किन का टेक्सचर बेहतर होता है और स्किन में कोलेजन बन कर स्किन में कसाव आता है। हाथों की झुर्रियां हटाने के लिए भी यह अच्छा ट्रीटमेंट है।  

फूल भी करते हैं दवा का काम, इन रोगों में ये हैं रामबाण

फूलों की खूशबू और उनकी सुंदरता तो हम सभी का मन मोह लेती है, लेकिन क्या आप जानते है कि हम फूलों को भी खा सकते हैं। खाने में फूलों का उपयोग भले ही हम सीधे न कर पाएं, लेकिन सही पर फूलों का इस्तेमाल हम कई चीजें में करते हैं, फिर चाहे वह खाना हो या सलाद। हजारो सालों से हम फूलों कि सुंदरता को देखते और महक का आनंद लेते आए हैं। उनके इन्हीं रंगों में उनकी बहुत सारी खूबियां छिपी हुई हैं। अभी तक अधिकांश लोग यही जानते थे कि फूलों का उपयोग सिर्फ इत्र बनाने में होता है,तो आइए जाने कुछ ऐसे ही फूलों को जो हमारे भोजन को स्वादिष्ट बनाते हैं। लैवेंडर फूल-इन खुशबूदार फूलों का इस्तेमाल आइस्क्रीम और दही में किया जाता है। इसका इस्तेमाल एंटीसेप्टिक और बालों की रूसी को रोकने में भी होता है। गुलदाउदी-कैमोमाइल की तरह ही गुलदाउदी का चाय में इस्तेमाल होता है। गुलदाउदी में एंटी ऑक्सीडेंट और मिनरल्स के अलावा एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटी-कार्सनोजेनिक गुण भी पाए जाते हैं। बबूने का फूल (कैमोमाइल)-यह फूल आपको शान्त रखने में मदद करता है, इसीलिए इसका इस्तेमाल चाय में किया जाते है। इसमें एंटीइनफ्लेमेटरी, एंटी-कार्सनोजेनिक और घाव भरने के गुण पाए जाते हैं। गुडहल के फूल-इन फूलों का इस्तेमाल सलाद को गार्निश करने के लिए होता है, इसके अलावा चाय में भी गुड़हल के फूलों का इस्तेमाल होता है। इनमें भरपूर मात्रा में एंटी-आक्सीडेंट पाए जाते हैं जो लो-ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करते हैं। एप्पल और ऑरेंज के फूल-ये दोनों फूल सबसे ज्यादा खाए जाते हैं, इन्हें खाने से कई रोग दूर होते हैं। इसके बारे में कुछ ही लोग जानते हैं, लेकिन इनका उपयोग कम मात्रा में करना चाहिए।  

Amazon Sale की बड़ी डील, 10 हजार से कम में मिल रहे ये पांच नए 5G फोन, सबसे सस्ता ₹7199 का

नए स्मार्टफोन का प्लान कर रहे हैं, तो Amazon Prime Day Sale में आपकी तलाश खत्म हो सकती है। यह सेल 12 जुलाई से शुरू होगी और 14 जुलाई तक चलेगी। सेल में स्मार्टफोन्स भारी डिस्काउंट के साथ हजारों रुपये सस्ते मिलेंगे। अमेजन ने कुछ डील्स का खुलासा कर दिया है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि अगर आप 10 हजार रुपये से कम में नया 5G Smartphone खरीदना चाहते हैं, तो आपके पास कौन-कौन से ऑप्शन हैं। लिस्ट में देखें आपको कौन सा फोन पसंद आ रहा है… सेल में यह फोन ऑफर्स के बाद केवल 9,499 रुपये की शुरुआती प्रभावी कीमत पर मिलेगा। इसमें 6000mAh की बड़ी बैटरी है। फोन में 6.74 इंच का डिस्प्ले है। इसमें 50 मेगापिक्सेल का एआई मेन रियर कैमरा है। धूल और पानी से सुरक्षित रहने के लिए यह IP64 रेटिंग के साथ आता है। फोन मीडियाटेक डाइमेंसिटी 6300 चिपसेट से लैस है। सेल में यह फोन ऑफर्स के बाद केवल 7,199 रुपये की शुरुआती प्रभावी कीमत पर मिलेगा। इसमें 5000mAh की बड़ी बैटरी है। फोन में 6.75 इंच का डिस्प्ले है। इसमें 50 मेगापिक्सेल का मेन रियर कैमरा है। धूल और पानी से सुरक्षित रहने के लिए यह IP64 रेटिंग के साथ आता है। फोन मीडियाटेक डाइमेंसिटी 6400 चिपसेट से लैस है। सेल में यह फोन ऑफर्स के बाद केवल 7,999 रुपये की शुरुआती प्रभावी कीमत पर मिलेगा। इसमें 5160mAh की बड़ी बैटरी है। फोन में 6.88 इंच का डिस्प्ले है। इसमें 50 मेगापिक्सेल का मेन रियर कैमरा है। धूल और पानी से सुरक्षित रहने के लिए यह IP52 रेटिंग के साथ आता है। फोन स्नैपड्रैगन 4s जेन 2 प्रोसेसर से लैस है। सेल में यह फोन ऑफर्स के बाद केवल 8,999 रुपये की शुरुआती प्रभावी कीमत पर मिलेगा। इसमें 5000mAh की बड़ी बैटरी है। फोन में 6.75 इंच का डिस्प्ले है। इसमें 50 मेगापिक्सेल का मेन रियर कैमरा है। धूल और पानी से सुरक्षित रहने के लिए यह IP64 रेटिंग के साथ आता है। फोन डाइमेंसिटी 7060 प्रोसेसर से लैस है। सेल में यह फोन ऑफर्स के बाद केवल 8,499 रुपये की शुरुआती प्रभावी कीमत पर मिलेगा। इसमें 5000mAh की बड़ी बैटरी है। फोन में 6.78 इंच का डिस्प्ले है। इसमें 64 मेगापिक्सेल का मेन रियर कैमरा है। फोन डाइमेंसिटी 6300 प्रोसेसर से लैस है।

डॉक्टर की चेतावनी: हार्ट अटैक सिर्फ कोलेस्ट्रॉल से नहीं, यह सस्ता टेस्ट जरूर कराएं

नई दिल्ली  हार्ट अटैक से बचने के लिए डॉक्टर अच्छी लाइफस्टाइल के साथ अक्सर स्क्रीनिंग की भी सलाह देते हैं। अब रशिया के एक कार्डियोलॉजिस्ट का पोस्ट वायरल है। इसमें उन्होंने बताया है कि कोलेस्ट्रॉल नहीं बल्कि दिल की सेहत का हाल जानने के लिए एक और ब्लड टेस्ट इम्पॉर्टेंट है। डॉक्टर डिमीट्री वह इंस्टाग्राम पर हार्ट ट्रांसप्लांट डॉक्टर के नाम से हैं साथ ही हार्ट फेलियर में स्पेशलाइजेशन है। ये है साइलंट इन्फ्लेमेशन मार्कर इंस्टाग्राम पर हार्ट ट्रांसप्लांट के नाम से फेमस डॉक्टर डिमीट्री का जून का एक पोस्ट वायरल है। इसमें उन्होंने लिखा है, यह ब्लड टेस्ट हार्ट अटैक की भविष्यवाणी करता है लेकिन यह कोलेस्ट्रॉल नहीं है। इस टेस्ट का नाम है सीआरपी। यह एक साइलेंट इन्फ्लेमेशन मार्कर है जो कि आपकी लाइफ बचा सकता है। सीआरपी यानी सी रिऐक्टिव प्रोटीन आपके लिवर में तब बनता है जब कोई इन्फ्लेमेशन होता है। जब इन्फ्लेमेशन बहुत ज्यादा होता है तो यह आपकी ब्लड वसेल्स को डैमेज करता है और हार्ट अटैक और स्ट्रोक के रिस्क को बढ़ा देता है। कोलेस्ट्रॉल नॉर्मल होने के बाद भी रिस्क डॉक्टर ने बताया कि सीआरपी टेस्ट इसलिए इम्पॉर्टेंट है क्योंकि ये हार्ट अटैक, स्ट्रोक, धमनियों के सकरे होने और पेरिफेरल आर्टरी डिसीज से जुड़ा है। अगर आपका कोलेस्ट्रॉल नॉर्मल है और सीआरपी ज्यादा है तो आप रिस्क जोन में हैं। कितना होना चाहिए सीआरपी सीआरपी का ये टेस्ट Hs-CRP यानी हाई सेंसिटिव सीआरपी के नाम से होता है। अगर इसका नतीजा 3.0mg/L है तो आपको हाई रिस्क है। अगर 1.0 से 3.0 तक है तो मॉडरेट रिस्क है। अगर आपका Hs-CRP 1 से कम है तो आपको रिस्क भी कम है। कैसे कम करें सीआरपी टेस्ट के बाद अगर आपका सीआरपी ज्यादा आए तो आप इसे कम करने की कोशिश करें। इसके लिए ऐसी डायट लें जो दिल के लिए अच्छी और ऐंटी-इनफ्लेमेटरी हो। फिजिकली ऐक्टिव रहें। वजन ज्यादा है तो इसे कम करें। सिगरेट छोड़ दें। अपने डॉक्टर से बात करें। बता दें कि सीआरपी और Hs-CRP टेस्ट बहुत महंगे नहीं बल्कि 400 से 900 रुपये के बीच हो जाते हैं। इनका रेट शहर और पैथोलॉजी के हिसाब से बदल सकता है।