बरेली में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल, मस्जिद के पास से कांवड़ यात्रा की होगी शुरुआत

बरेली  बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा में एक बार फिर सौहार्द बढ़ाने की तैयारी है। कांवड़ियों को पहले जत्था शाहनूरी मस्जिद के पास से निकलेगा। कांवड़ियों पर मुस्लिम समुदाय के लोग फूल बरसाएंगे। दो समुदायों में सौहार्द बढ़ाने में अफसर लगातार कवायद कर रहे हैं। एहतियात के तौर पर इलाके में फोर्स भी तैनात किया गया है।  हरिद्वार के लिए रवाना होंगे कांवड़िये  शुक्रवार को जोगी नवादा में शाहनूरी मस्जिद के पास से कांवड़ियों का पहला जत्था निकलेगा। शिवनंदन शर्मा के इस जत्थे में कांवड़िये गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार को रवाना होंगे। वहां से गंगाजल लाकर सावन के पहले सोमवार को वह शहर के प्रमुख शिवालयों पर जलाभिषेक करेंगे। इसको लेकर कांवड़ियों में उत्साह है।  जोगी नवादा में पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी लगातार नजर बनाए हुए हैं। कोई विवाद न हो, इसलिए पुलिस अलर्ट है। शुक्रवार को जुमा की नमाज के बाद जब नमाजी चले जाएंगे तो दोपहर करीब तीन बजे कांवड़ियों का जत्था गुजरेगा। बताया जा रहा है कि इस बार मुस्लिम पक्ष के लोग कांवड़ियों के जत्थे पर सौहार्द के फूल बरसाएंगे। 32 साल से मिश्रित बस्ती के वाशिंदों में थी अनबन करीब 32 साल से मौर्य गली में पीपल के पेड़ की डाल की वजह से समस्या बनी हुई थी। यहां सड़क पार कर राकेश की छत पर जा रही डाल की वजह से सड़क पर ऊंचाई वाले वाहन या कोई चीज नहीं ले जाई जा सकती थी। चूंकि ताजियेदार अपने ताजियों की ऊंचाई कम नहीं करते थे, इसलिए करीब डेढ़ सौ मीटर सड़क छह फुट गहराई तक खोदकर ताजिया निकाला जाता था। इसकी वजह से कांवड़ यात्रा को लेकर तनातनी होती थी।  दो साल पहले विवाद के दौरान तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी का तबादला कर दिया गया, इंस्पेक्टर बारादरी समेत कई पुलिसकर्मी निलंबित हुए थे। पेड़ की डाल कटने के बाद से ही जोगी नवादा में सकारात्मक माहौल बनने लगा था। एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव ने डेढ़ महीने के अंतराल में दोनों समुदायों की बस्तियों में 18 बैठकें कर लोगों को एकमत किया था। इसके बाद पिछले सप्ताह ताजिया का जुलूस सौहार्द के माहौल में निकाला गया था।    

कांवड़ यात्रा को लेकर गाजियाबाद में ट्रैफिक प्लान तैयार, कई रूट होंगे डायवर्ट, यात्रा को लेकर तैयारी तेज

 गाजियाबाद सावन महीने की शुरुआत के साथ ही कांवड़ यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं. हर साल लाखों श्रद्धालु शिवभक्ति में लीन होकर कांवड़ लेकर हरिद्वार से अपने-अपने शहरों की ओर निकलते हैं. इस दौरान सड़क पर भारी भीड़ होती है, जिसे देखते हुए ट्रैफिक और सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने सख्ती शुरू कर दी है. खासकर दिल्ली-मेरठ रोड पर नियम और कड़े किए जा रहे हैं. वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से जाना होगा अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के अनुसार, रूट डायवर्जन प्लान लागू होने के बाद दिल्ली से आने वाले वाहन चौधरी चरण सिंह मार्ग (रोड नंबर 58) का प्रयोग कर यूपी गेट (गाजीपुर बॉर्डर) होते हुए एनएच-9 से जा सकेंगे। वहीं, दिल्ली से जिन्हें हरिद्वार, अमरोहा, मुरादाबाद और लखनऊ आदि स्थानों पर जाना है, वे यूपी गेट से प्रवेश कर एनएच-9 का प्रयोग करते हुए डासना से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे होते हुए जा सकेंगे। इसके अलावा एनएच नौ के जरिये हापुड़ होते हुए मेरठ भी जा सकेंगे। वहीं, बुलंदशहर और हापुड़ की ओर से आने वाले वाहन लालकुआं से सीधे गाजियाबाद शहर की ओर न आकर एनएच-9 का प्रयोग करते हुए दिल्ली जा सकेंगे। जीटी रोड भी बंद होगा अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के मुताबिक, सावन के पहले सोमवार से जीटी रोड स्थित दूधेश्वरनाथ मंदिर के आसपास का मार्ग बंद करने की योजना है। अभी बनी योजना के अनुसार, चौधरी मोड़ से हापुड़ तिराहा या मेरठ तिराहा की ओर जाने वाले वाहन घंटाघर फ्लाईओवर से होकर भेजे जा सकते हैं।फ्लाईओवर के नीचे से किसी भी वाहन को जाने नहीं देने की योजना है। विजयनगर की तरफ से भी वाहन को गोशाला बैरियर से आगे दूधेश्वरनाथ की ओर नहीं भेजने की योजना है। हालांकि, यह व्यवस्था श्रद्धालुओं की भीड़ देखते हुए लागू की जाएगी। मेरठ तिराहे पर कंट्रोल रूम बनाया गया नगर निगम ने कांवड़ यात्रा की तैयारी शुरू कर दी है। मेरठ तिराहे पर कांवड़ यात्रा पर नजर रखने के लिए कंट्रोल रूम बना दिया है। 200 से ज्यादा स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। कैमरों को कंट्रोल रूम से जोड़कर कांवड़ यात्रा पर नजर रखी जाएगी। दस जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है। नगर आयुक्त ने तीन दिन पहले बैठक कर अधिकारियों को कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए। इसी क्रम में निगम के निर्माण विभाग ने मेरठ तिराहे पर कंट्रोल रूम बना दिया है। यह मुख्य कंट्रोल रूम है। कंट्रोल रूम से मेरठ रोड और जीटी रोड पर नजर रखी जाएगी। कैमरों को कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। नगर आयुक्त ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ मार्ग पर 24 घंटे सफाई व्यवस्था रहेगी। मेरठ रोड पर दस किलोमीटर तक अस्थाई प्रकाश व्यवस्था की जाएगी। पड़ोसी राज्यों और जनपदों के अधिकारी मौजूद रहे पुलिस लाइन में हुई समन्वयक बैठक में बताया गया कि तीन मुख्य कंट्रोल रूम, एक यातायात कंट्रोल रूम के अलावा 12 सब कंट्रोल रूम के जरिए पूरे कांवड़ मार्ग और यात्रा पर नजर रखी जाएगी। बैठक में पड़ोसी राज्यों और जनपदों के अधिकारी मौजूद रहे। 11 जुलाई से भारी वाहनों पर रोक प्रशासन ने फैसला लिया है कि 11 जुलाई से दिल्ली-मेरठ रोड पर भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी जाएगी. इस दौरान ट्रक, बड़े मालवाहक और दूसरे भारी वाहन इस रास्ते पर नहीं चल सकेंगे. ये कदम कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा और ट्रैफिक जाम से बचने के लिए उठाया गया है. वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू करने की तैयारी यात्रा के दौरान ट्रैफिक को सुचारु रखने के लिए वन-वे सिस्टम भी लागू किया जा सकता है. जानकारी के मुताबिक 22 जुलाई से लेकर 26 जुलाई के बीच किसी भी दिन यह व्यवस्था लागू की जा सकती है. इससे रास्ते में होने वाले जाम और टकराव की स्थिति से बचा जा सकेगा. इन रास्तों पर होगा डायवर्जन दिल्ली से मेरठ, गाजियाबाद होते हुए हरिद्वार जाने वाले रास्तों पर खास ध्यान दिया जा रहा है. जहां जरूरत होगी, वहां डायवर्जन लगाया जाएगा ताकि कांवड़ियों को बिना किसी रुकावट के रास्ता मिल सके. खबर है कि चौधरी मोड़ से हापुड़ तिराहा और मेरठ तिराहा जाने वाले वाहन घंटाघर फ्लाईओवर से होकर भेजे जाएंगे. साथ ही फ्लाइओवर के नीचे से किसी भी वाहन को जाने देने की अनुमति नहीं होगी. यात्रा के बीच में पड़ने वाली टूटी सड़को की मरम्मत शुरू कर दी गई है. पुलिस और ट्रैफिक विभाग के अधिकारी लगातार रूट प्लानिंग कर रहे हैं. कांवड़ियों की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम सुरक्षा के साथ-साथ प्रशासन ने जगह-जगह आराम करने के लिए शिविर, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं की भी व्यवस्था की है. साथ ही मेडिकल टीम और वॉलंटियर्स को भी मुस्तैद रखा गया है ताकि किसी भी इमरजेंसी में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके. बता दें कि यह सारी तैयारी इस बार की कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए की जा रही है.