मोदी ने जोर देकर कहा कि रोजगार केवल नौकरी नहीं, बल्कि युवा शक्ति को राष्ट्र निर्माण से जोड़ने की एक कड़ी

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी नई दिल्ली में रोजगार मेले में वर्चुअली हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने वर्चुअली केंद्र सरकार में चयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र जारी किए। पीएम मोदी ने कहा, 'केंद्र सरकार में युवाओं को पक्की नौकरी देने का हमारा अभियान लगातार जारी है। हमारी पहचान भी है बिना पर्ची बिना खर्ची। आज 51000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। ऐसे रोजगार मेलों के माध्यम से अब तक लाखों नौजवानों को भारत सरकार में पक्की नौकरी मिल चुकी है।' नरेंद्र मोदी ने कहा, 'आप सभी के विभाग अलग-अलग हैं लेकिन ध्येय एक है। हमारा एक ही ध्येय है चाहे विभाग कोई भी हो, कार्य कोई भी हो, पद कोई भी हो लेकिन एक ही ध्येय है जो कि राष्ट्र सेवा है। सूत्र एक- नागरिक प्रथम। आपको देश के लोगों की सेवा करने का बहुत बड़ा मंच मिला है। आप सभी को बधाई देता हूं।' प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया मान रही है कि भारत के पास दो असीमित शक्तियां हैं। पहला- जनसांख्यिकी और दूसरी- लोकतंत्र। उन्होंने कहा, 'युवाओं का यह सामर्थ्य हमारे भारत के उज्ज्वल भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी भी है और सबसे बड़ी गारंटी भी है। हमारी सरकार इसी पूंजी को समृद्धि का सूत्र बनाने में दिनरात जुटी है।' रोजगार के लिए नई योजना की शुरुआत पीएम मोदी ने कहा, 'आप सबको पता है कि 2 दिन पहले ही मैं 5 देशों की यात्रा से लौटा हूं। हर देश में भारत की युवाशक्ति की गूंज सुनाई दी। इस दौरान जितने भी समझौते हुए हैं, उनसे देश और विदेश, दोनों जगह भारत के नौजवानों को फायदा होना ही है।' नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत सरकार का जोर प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के नए अवसरों के निर्माण पर भी है। हाल ही में सरकार ने एक नई स्कीम को मंजूरी दी है- रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना। इस योजना के तहत सरकार प्राइवेट सेक्टर में पहली बार रोजगार पाने वाले युवा को 15 हजार रुपए देगी, यानी पहली नौकरी की पहली सैलरी में सरकार अपना योगदान देगी। इसके लिए सरकार ने करीब 1 लाख करोड़ रुपए का बजट बनाया है, इस योजना से लगभग 3.5 करोड़ रोजगार के निर्माण में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देशभर के 51,000 से अधिक नवचयनित युवाओं को सरकारी नौकरियों के नियुक्ति पत्र सौंपे, जो 16वें रोजगार मेले के दौरान आयोजित एक भव्य कार्यक्रम का हिस्सा था. यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुआ, जिससे भारत के विभिन्न हिस्सों के युवाओं को सीधे प्रधानमंत्री से जुड़ने और उनके संदेश को सुनने का अवसर मिला. एक ही ध्येय: राष्ट्र सेवा उन्होंने कहा कि, आपके विभाग अलग-अलग हैं लेकिन ध्येय एक है और वो है राष्ट्र सेवा. हमें बार-बार याद रखना है, एक ही ध्येय है – विभाग कोई भी हो, कार्य कोई भी हो, पद कोई भी हो, इलाका कोई भी हो, एक ही ध्येय राष्ट्र सेवा. सूत्र एक – नागरिक प्रथम. आपको देश के लोगों की सेवा का बहुत बड़ा मंच मिला है. युवाओं को बधाई और शुभकामनाएं उन्होंने कहा कि मैं आप सभी युवाओं को जीवन के महत्वपूर्ण पड़ाव पर इतनी बड़ी सफलता के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ. आपकी इस नई यात्रा के लिए मेरी तरफ से आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं. भारत की असीमित शक्तियां पीएम मोदी ने कहा कि साथियों, आज दुनिया मान रही है कि भारत के पास दो असीमित शक्तियां हैं – एक जनसंख्या और दूसरी लोकतंत्र. यानी सबसे बड़ी युवा आबादी और सबसे बड़ा लोकतंत्र. युवाओं का यह सामर्थ्य हमारे भारत के उज्ज्वल भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी भी है और सबसे बड़ी गारंटी भी. हमारी सरकार इसी पूंजी को समृद्धि का सूत्र बनाने में दिन-रात जुटी है. वैश्विक यात्रा में भारत की गूंज उन्होंने कहा कि आप सबको पता है 2 दिन पहले ही मैं पांच देशों की यात्रा करके लौटा हूं. हर देश में भारत की युवा शक्ति की गूंज सुनाई दी. इस दौरान जितने भी समझौते हुए हैं, उनसे देश और विदेश दोनों जगह भारत के नौजवानों को फायदा होना ही है. विभिन्न क्षेत्रों में समझौते से लाभ पीएम मोदी ने कहा कि रक्षा, फार्मा, डिजिटल तकनीक, ऊर्जा, दुर्लभ खनिज जैसे अनेक क्षेत्रों में हुए समझौतों से भारत को आने वाले दिनों में बहुत बड़ा लाभ होगा. भारत के विनिर्माण और सेवा क्षेत्र को बहुत बल मिलेगा. बदलता जॉब सेक्टर उन्होंने कहा कि बदलते हुए समय के साथ इक्कीसवीं सदी में रोजगार का स्वरूप भी बदल रहा है. नए-नए क्षेत्र भी उभर रहे हैं. इसलिए बीते दशक में भारत का ज़ोर अपने युवाओं को इसके लिए तैयार करने पर है और इसके लिए अहम निर्णय भी लिए गए हैं. स्टार्टअप और नवाचार का इकोसिस्टम पीएम मोदी ने कहा कि आधुनिक जरूरतों को देखते हुए आधुनिक नीतियां बनाई गई हैं. स्टार्टअप, नवाचार और अनुसंधान का जो इकोसिस्टम आज देश में बन रहा है, वह देश के युवाओं का सामर्थ्य बढ़ा रहा है. आज जब मैं नौजवानों को देखता हूँ कि वे अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं तो मेरा भी आत्मविश्वास बढ़ जाता है. रोजगार सृजन की दिशा में सरकार के प्रयास पीएम मोदी ने कहा कि भारत सरकार का जोर निजी क्षेत्र में रोजगार के नए अवसरों के निर्माण पर भी है. हाल ही में सरकार ने एक नई योजना को मंजूरी दी है – रोजगार लिंक प्रोत्साहन योजना. इस योजना के तहत सरकार निजी क्षेत्र में पहली बार रोजगार पाने वाले युवाओं को 15,000 देगी. यानी पहली नौकरी की पहली सैलरी में सरकार अपना योगदान देगी. इसके लिए सरकार ने करीब ₹1,00,000 करोड़ का बजट बनाया है. इस योजना से लगभग 3.5 करोड़ नए रोजगार के निर्माण में मदद मिलेगी. विनिर्माण क्षेत्र की प्रगति उन्होंने कहा कि आज भारत की एक बहुत बड़ी ताकत हमारा विनिर्माण क्षेत्र है. इसमें बड़ी संख्या में नई नौकरियाँ बन रही हैं. इस वर्ष के बजट में 'मिशन विनिर्माण' की घोषणा की गई है. बीते सालों में हमने 'मेक इन इंडिया' अभियान को मजबूती दी है. केवल 'उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना' (पीएलआई) से ही 11 लाख से अधिक रोजगार देश में बने हैं. मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स में उछाल पीएम मोदी ने कहा कि बीते सालों … Read more

PM मोदी को ब्राजील का सर्वोच्च सम्मान, ‘नेशनल ऑर्डर ऑफ सदर्न क्रॉस’ मिला

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक प्रतिष्ठा में एक और तमगा जुड़ गया है। मंगलवार को ब्राजील ने पीएम मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस से सम्मानित किया है। उन्हें ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा द्वारा यह सम्मान प्रदान किया गया है। ब्राजील ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी को द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और प्रमुख वैश्विक प्लेटफार्मों पर भारत-ब्राजील सहयोग को बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है। गौरतलब है कि मई 2014 में पदभार ग्रहण करने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी को यह 26वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिला है। पीएम मोदी ने अपने भव्य स्वागत और सर्वोच्च सम्मान देने के लिए ब्राजील की सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है। पीएम ने कहा है कि यह 140 करोड़ भारतीयों के लिए गर्व की बात है। पीएम मोदी ने कहा, “आज राष्ट्रपति जी द्वारा मुझे ब्राजील के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान से विभूषित किया जाना, मेरे लिए ही नहीं, 140 करोड़ भारतीयों के लिए अत्यंत गर्व और भावुकता का पल है। इसके लिए ब्राजील की सरकार और लोगों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।” प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत इससे पहले ब्राजील में राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता से पहले प्रधानमंत्री मोदी का पारंपरिक तरीके से भव्य स्वागत किया गया। यहां प्रधानमंत्री मोदी के औपचारिक स्वागत कार्यक्रम में 114 घुड़सवारों का दस्ता मौजूद था। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उनके स्वागत की झलकियां साझा करते हुए कहा है कि इस यात्रा से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को गति मिलेगी। उन्होंने पोस्ट में कहा,“ ब्रासीलिया में औपचारिक स्वागत की झलकियां। ब्राजील की यह राजकीय यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों को गति प्रदान करेगी।” बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी पिछले 57 वर्षों में ब्राजील की राजकीय यात्रा पर जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। पीएम मोदी पांच देशों की यात्रा के चौथे चरण में ब्राजील पहुंचे हैं, जहां उन्होंने सोमवार को रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लिया था। PM का हुआ भव्य स्वागत जब पीएम ब्रासीलिया पहुंचे तो वहां एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया. प्रधानमंत्री मोदी ने उन कलाकारों की सराहना की जिन्होंने उनके स्वागत में पारंपरिक ब्राजीलियाई सांबा रेगे नृत्य पेश किया. साथ ही इस दौरान पीएम मोदी के सम्मान में भारतीय संस्कृति को भी पेश किया गया. दरअसल, पीएम मोदी 6-7 जुलाई को रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद ब्रासीलिया पहुंचे. इस यात्रा के दौरान ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला डी सिल्वा ने पीएम मोदी को द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और प्रमुख वैश्विक मंचों पर भारत-ब्राजील सहयोग बढ़ाने में योगदान के लिए देश के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया. कई मुद्दों पर हुई द्विपक्षीय वार्ता विदेश मंत्रालय (MEA) के बयान के अनुसार, अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी, कृषि, स्वास्थ्य और लोगों के बीच आपसी संबंधों सहित आपसी हित के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने पर द्विपक्षीय चर्चा की. PM ब्रिक्स समिट में हुए शामिल इसी के साथ पीएम मोदी ने ब्रिक्स समिट को प्रोडक्टिव बताया. पीएम ने कहा कि उन्होंने और बाकी देश के नेताओं ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में व्यापक विचार-विमर्श किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विश्व नेताओं के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठकें विभिन्न देशों के साथ भारत की दोस्ती को बढ़ावा देंगी. पीएम मोदी अर्जेंटीना की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद शनिवार (स्थानीय समय) को ब्राजील पहुंचे. ब्राजील के बाद, प्रधानमंत्री मोदी 9 जुलाई को नामीबिया पहुंचे हैं. पीएम वहां की संसद को भी संबोधित करेंगे. उन्होंने बुधवार को घाना से पांच देशों की अपनी यात्रा शुरू की थी. घाना से प्रधानमंत्री मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो गए और फिर अर्जेंटीना और ब्राजील का दौरा किया.

पीएम मोदी को मिला त्रिनिदाद एंड टोबैगो का सर्वोच्च सम्मान, 25 देश दे चुके हैं अपना सबसे बड़ा सम्मान

पोर्ट ऑफ स्पेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को त्रिनिदाद एंड टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू ने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो' प्रदान किया. इस सम्मान को पाने वाले वे पहले विदेशी नेता बन गए हैं. यह न केवल त्रिनिदाद-भारत रिश्तों की गहराई का प्रतीक है, बल्कि भारत की वैश्विक कूटनीति के उस विस्तार का भी उदाहरण है, जिसमें सांस्कृतिक रिश्तों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने की क्षमता हो. पीएम मोदी को 25वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी को दुनिया भर से मिले 25 अंतरराष्ट्रीय सम्मानों में शामिल हो गया है. इससे पहले उन्हें घाना, यूएई, रूस, फ्रांस, मिस्र जैसे देशों से भी उनके वैश्विक नेतृत्व के लिए शीर्ष नागरिक पुरस्कार मिल चुके हैं. त्रिनिदाद और टोबैगो में उन्हें यह सम्मान ऐसे समय पर मिला है जब दोनों देश भारतीय मूल के श्रमिकों के आगमन की 180वीं वर्षगांठ मना रहे हैं — एक ऐतिहासिक अवसर, जिसने दोनों देशों को भावनात्मक रूप से जोड़ दिया है. 25वां अंतरराष्ट्रीय नागरिक सम्मान यह पीएम मोदी का 25वां अंतरराष्ट्रीय नागरिक सम्मान है. इससे दो दिन पहले ही घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रमानी महामा ने उन्हें देश का राष्ट्रीय सम्मान ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ प्रदान किया था. विशेषज्ञों का मानना है कि ये सम्मानों की श्रृंखला दर्शाती है कि पीएम मोदी आज विश्व राजनीति में एक प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं.  जून में साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने प्रधानमंत्री मोदी को निकोसिया में राष्ट्रपति भवन में साइप्रस का सम्मान – ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III – प्रदान किया था. इस साल की शुरुआत में मॉरीशस और श्रीलंका ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया था.अप्रैल में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी को 'श्रीलंका मित्र विभूषण' से सम्मानित किया, जो कि द्वीप राष्ट्र के राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. बीजेपी ने कांग्रेस से की तुलना बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख मुखिया अमित मालवीय ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'पीएम मोदी ने फिर रचा इतिहास! उन्हें ‘द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ से सम्मानित किया गया है – जो कि कैरेबियाई राष्ट्र का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. वह इस सम्मान को पाने वाले पहले विदेशी नेता बन गए हैं. यह प्रधानमंत्री मोदी को किसी विदेशी सरकार द्वारा प्रदान किया गया 25वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है. अगर तुलना करें तो: जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह, दशकों तक सत्ता में रहे लेकिन इसके बावजूद सिर्फ 6 अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले. फिर भी कांग्रेस भारत की विदेश नीति पर सवाल उठाने की हिम्मत करती है. मजाक सरकार पर नहीं है, मजाक हम पर है कि हमारे पास इतनी अज्ञानी विपक्षी पार्टी है.' हाल के वर्षों में कुवैत, मॉरिशस, श्रीलंका, साइप्रस, गयाना, डोमिनिका, नाइजीरिया, सऊदी अरब, अफगानिस्तान, यूएई, रूस, मालदीव, बहरीन, अमेरिका, भूटान, फिजी, मिस्र, फ्रांस, ग्रीस, पापुआ न्यू गिनी जैसे देशों ने भी पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा है.इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र, गेट्स फाउंडेशन, सीईआरए, सेओल पीस प्राइज़ फाउंडेशन, फिलिप कोटलर पुरस्कार जैसी वैश्विक संस्थाओं ने भी पीएम मोदी के नेतृत्व को सम्मानित किया है. मॉरीशस और कुवैत में भी मिला था सम्मान मार्च में, पोर्ट लुइस में राष्ट्रीय दिवस समारोह के दौरान, मॉरीशस के राष्ट्रपति धर्मबीर गोखूल ने प्रधानमंत्री मोदी को मॉरीशस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन' (GCSK) से भी सम्मानित किया. यह पहली बार था जब किसी भारतीय नेता को यह सम्मान मिला. दिसंबर 2024 में, कुवैत ने प्रधानमंत्री मोदी को उनकी विशिष्ट उपलब्धियों और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए अपना सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' प्रदान किया था. यह ऑर्डर मित्रता के प्रतीक के रूप में राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी मुखियाओं और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को प्रदान किया जाता है. इससे पहले बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स और जॉर्ज बुश जैसे विदेशी नेताओं के अलावा क्वीन एलिजाबेथ और प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान जैसे अन्य गणमान्य लोगों को भी यह सम्मान दिया जा चुका है. गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने प्रधानमंत्री मोदी को उनकी दूरदर्शी राजनीति, वैश्विक मंच पर विकासशील देशों के अधिकारों की वकालत, वैश्विक समुदाय के लिए असाधारण सेवा और भारत-गुयाना संबंधों को मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता के लिए गुयाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस' से सम्मानित किया था. गुयाना में भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन के दौरान, डोमिनिका ने भी कोविड-19 महामारी के दौरान उनके महत्वपूर्ण समर्थन और भारत-डोमिनिका संबंधों को बढ़ावा देने की उनकी प्रतिबद्धता के लिए पीएम मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान 'डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर' प्रदान किया. नाइजीरिया ने नवंबर 2024 में देश की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को ग्रैंड कमांडर ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ द नाइजर (GCON) का राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया. भारतीय प्रधानमंत्री 1969 के बाद से इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले विदेशी नेता हैं, जब महारानी एलिजाबेथ को नाइजीरिया का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान मिला था. पीएम मोदी को मिल चुके हैं 25 इंटरनेशनल अवॉर्ड ये पुरस्कार प्रधानमंत्री मोदी को मिला 25वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है जो उन्हें अलग-अलग देशों की ओर से दिया गया है। इससे यह भी साबित होता है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत की वैश्विक छवि और नेतृत्व क्षमता को दुनियाभर में सराहा गया है। त्रिनिदाद एंड टोबैगो का है भारत से जुड़ाव त्रिनिदाद एंड टोबैगो एक ऐसा देश है जहां भारतीय मूल के लोगों की आबादी बड़ी संख्या में है। वहां की संस्कृति, उत्सव और परंपराएं आज भी भारत से गहराई से जुड़ी हैं। ऐसे में यह सम्मान दोनों देशों के बीच सहयोग, विश्वास और साझा मूल्यों की झलक देता है। किस पुरस्कार से नवाजे गए पीएम मोदी? ये पुरस्कार त्रिनिदादएंड टोबैगो के सर्वोच्च सम्मान की श्रेणी में आता है और इसे पाने वाले व्यक्ति को उस देश के प्रति विशेष योगदान के लिए पहचाना जाता है। प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उनके नेतृत्व, लोकतांत्रिक मूल्यों की मजबूती और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए दिया गया है। हमारे रिश्तों … Read more

मिडिल ईस्ट में तनाव के बीच भारत के लिए क्यों अहम हो गया है अर्जेंटीना, तेल, गैस और लिथियम

ब्यूनस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  देर शाम अपनी दो दिवसीय दौरे के तहत अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स पहुंचे, जहां उनका भव्य पारंपरिक स्वागत किया गया. एजीजा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उन्हें  गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद जब वह होटल पहुंचे तो भारतीय समुदाय के सदस्यों ने "मोदी-मोदी" और "भारत माता की जय" के नारों से उनका जोरदार स्वागत किया. सांस्कृतिक नृत्य कार्यक्रम के साथ प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया गया. यह यात्रा कई मायनों में अहम है क्योंकि 57 वर्षों बाद पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री द्विपक्षीय यात्रा पर अर्जेंटीना पहुंचा है. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 में G20 शिखर सम्मेलन के लिए अर्जेंटीना की यात्रा की थी लेकिन यह उनकी पहली आधिकारिक द्विपक्षीय यात्रा है.  विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने X (ट्विटर) पर लिखा,“हमारे देशों के बीच स्थायी मित्रता का जश्न मनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आधिकारिक यात्रा पर अर्जेंटीना के जीवंत शहर ब्यूनस आयर्स पहुंचे हैं. हवाई अड्डे पर पहुंचने पर उनका औपचारिक स्वागत किया गया. यह 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा अर्जेंटीना की पहली द्विपक्षीय यात्रा है, जो भारत-अर्जेंटीना संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत है.” राष्ट्रपति जेवियर मिलेई संग होगी बैठक प्रधानमंत्री मोदी की अर्जेंटीना यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जेवियर मिलेई से मुलाकात होगी, जिसमें रक्षा, कृषि, खनिज, तेल-गैस, नवीकरणीय ऊर्जा, व्यापार, पर्यटन और तकनीक जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी. अर्जेंटीना रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा,“अर्जेंटीना लैटिन अमेरिका में भारत का एक महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदार है और G20 में हमारा करीबी सहयोगी भी. राष्ट्रपति मिलेई से बातचीत के दौरान हम द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूती देंगे.” इसके बाद ब्राजील और नामीबिया रवाना होंगे पीएम यह यात्रा प्रधानमंत्री के पांच देशों की यात्रा का तीसरा पड़ाव है. इससे पहले वे त्रिनिदाद एंड टोबैगो पहुंचे थे, जहां उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो' प्रदान किया गया. अपनी यात्रा के चौथे चरण में मोदी 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील जाएंगे, उसके बाद राजकीय यात्रा करेंगे. अपनी यात्रा के अंतिम चरण में मोदी नामीबिया जाएंगे. भारत के लिए क्यों अहम हो गया है अर्जेंटीना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अर्जेंटीना की दो दिवसीय यात्रा पर ब्यूनस ऑयर्स पहुंच चुके हैं। यहां पर पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया। यह 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की अर्जेंटीना की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। प्रधानमंत्री के रूप में यह मोदी की दूसरी यात्रा है। इससे पहले वह 2018 में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए अर्जेंटीना आए थे। पीएम मोदी की अर्जेंटीना यात्रा बेहद खास है। इस दौरान वह अर्जेंटीनी राष्ट्रपति के साथ रक्षा, कृषि, खनन, तेल और गैस, रिन्यूवेबल एनर्जी, व्यापार और निवेश के मामलों पर बातचीत करेंगे। हालांकि माना जा रहा है मुख्य जोर तेल, गैस और लिथियम को लेकर रहेगा। इसलिए अर्जेंटीना है अहम अर्जेंटीना के पास शेल गैस और शेल ऑयल का सबसे बड़ा भंडार है। वह दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा शेल गैस भंडारण वाला देख है। वहीं, शेल ऑयल के मामले में उसका स्थान चौथा है। इसके अलावा पारंपरिक तेल और गैस भंडारण भी उसके पास अच्छा-खासा है। ऐसे में लांग टर्म में भारत के लिए वह अहम एनर्जी पार्टनर साबित हो सकता है। ऐसे वक्त में जबकि मिडिल ईस्ट में हालात ठीक नहीं हैं, भारत के लिए ऊर्जा सप्लाई के लिए दूसरे देशों की तरफ देखना जरूरी हो गया है। अर्जेंटीना के पास इन चीजों का भंडार अर्जेंटीना के पास लिथियम, कॉपर और रेयर अर्थ एलीमेंट का भी भंडार है। भारत के लिए क्लीन एनर्जी और इंडस्ट्रियल ग्रोथ के लिहाज से यह काफी अहम है। बोलीविया और चिली के साथ अर्जेंटीना लिथियम ट्रायंगल का हिस्सा है। इन क्षेत्रों में दुनिया का सबसे ज्यादा लिथियम भंडार है। बता दें कि रीचार्जेबल बैट्रीज के लिए लिथियम काफी अहम है। यह इलेक्ट्रिक वाहनों, मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि की बैट्री के लिए काफी अहम होता है। भारतीय समुदाय ने किया स्वागत उधर अर्जेंटीना में भारतीय समुदाय के लोगों ने होटल पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत ‘मोदी, मोदी’ के नारों और ‘‘भारत माता की जय’’ के उद्घोष के साथ किया। प्रधानमंत्री ने समुदाय के लोगों के साथ कुछ देर बातचीत भी की। उनके स्वागत में एक सांस्कृतिक नृत्य भी पेश किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर कहाकि हमारे देशों के बीच स्थायी मित्रता का जश्न मनाते हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आधिकारिक यात्रा पर अर्जेंटीना के ब्यूनस ऑयर्स पहुंचे।

फिर पीएम मोदी ने त्रिनिदाद-टोबैगो की PM को दिया अयोध्या वाला खास गिफ्ट, स्वागत में खास डिनर, पत्ते पर खाना…

 पोर्ट ऑफ स्पेन  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय कैरिबियाई देश त्रिनिदाद एवं टोबैगो के दो दिवसीय दौरे पर हैं. यह उनकी पांच देशों की यात्रा का दूसरा चरण है. यहां राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन के पियार्को इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया. उन्हें यहां गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. त्रिनिदाद एवं टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर ने अपनी पूरी कैबिनेट के साथ एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत किया. इस दौरान उनकी कैबिनेट के 38 मंत्री और चार सांसद मौजूद थे. खुद पीएम कमला ने पारंपरिक भारतीय परिधान साड़ी पहनी थी. उनके साथ कई मंत्री और सांसद भी भारतीय परिधानों में नजर आए, जो दोनों देशों के सांस्कृतिक जुड़ाव को दर्शाता है. पीएम मोदी के स्वागत समारोह में भारतीय संस्कृति की छठा बखूबी दिखाई दी. वहां के भारतीय समुदाय ने तिरंगा झंडा लहराकर और पारंपरिक लोकगीत गाकर पीएम मोदी का स्वागत किया. यह सांस्कृतिक प्रदर्शन दोनों देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक था. पोर्ट ऑफ स्पेन में भारतीय मूल के लोगों में पीएम मोदी के आगमन को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया. लोगों ने हाथों में तिरंगे लेकर और पारंपरिक नृत्य पेश किए गए. पीएम मोदी ने भी इस गर्मजोशी का जवाब देते हुए भारतीय समुदाय का अभिनंदन किया. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने पोस्ट कर बताया कि पीए मोदी का पोर्ट ऑफ स्पेन में ऐतिहासिक स्वागत किया गया. प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर और त्रिनदाद एवं टोबैगो की पूरी कैबिनेट एयरपोर्ट पर पीएम मोदी के स्वागत के लिए मौजूद थी. 38 मंत्री और चार सांसदों ने पीएम मोदी का स्वागत किया, जो वैश्विक मंच पर पीएम मोदी के नेतृत्व के प्रति सम्मान को दर्शाता है. बता दें कि पीएम मोदी की त्रिनिदाद एवं टोबैगो की यह पहली आधिकारिक द्विपक्षीय यात्रा है. 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है. त्रिनिदाद और टोबैगो की 40 फीसदी से अधिक आबादी भारतीय मूल की है. यहां के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा स्पीकर भी भारतीय मूल के हैं.भी खास बनाता है. पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और महाकुंभ का जिक्र भी किया. उन्होंने कमला प्रसाद बिसेसर को राम मंदिर की रिप्लिका और सरयू नदी का पवित्र जल भी भेंट किया. पीएम मोदी ने त्रिनिदाद-टोबैगो की PM को दिया अयोध्या वाला खास गिफ्ट ग्लोबल साउथ के भारत के साथ संबंध मजबूत करने निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 देशों की यात्रा पर हैं। इस दौरान पीएम मोदी त्रिनिदाद एंड टोबैगो की यात्रा पर भी पहुंचे हैं। यहां भारत के प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया गया। पीएम मोदी के स्वागत में त्रिनिदाद एंड टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर ने रात्रिभोज का आयोजन किया। रात्रिभोज में प्रधानमंत्री मोदी को सोहारी पत्ते पर भोजन परोसा गया। दरअसल, त्रिनिदाद एंड टोबैगो के लोगों में सोहारी के पत्ते पर भोजन करने का बहुत अधिक महत्व है। खासकर भारतीय मूल के लोगों के लिए इस सांस्कृतिक परंपरा के तौर पर देखा जाता है। इस देश में त्यौहारों और विशेष कार्यक्रमों के दौरान अक्सर इस पत्ते पर भोजन परोसा जाता है। सोशल मीडिया पर खुद पोस्ट की तस्वीरें पीएम मोदी ने खुद रात्रिभोज की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर ने रात्रिभोज का आयोजन किया, जिसमें मैंने अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिकृति (स्वरूप) और सरयू नदी के पवित्र जल के साथ-साथ प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ का जल भी भेंट किया। ये भारत और त्रिनिदाद और टोबैगो के बीच गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों का प्रतीक हैं। दोनों देशों के बीच मजबूत होगा संबंध इससे पहले पीएम मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो में रहने वाले भारतीय प्रवासियों की छठी पीढ़ी को भी संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि यहां रह रहे भारतीय मूल के लोगों को ओसीआई कार्ड जारी करने के हमारे निर्णय से भारत के साथ उनका संबंध मजबूत होगा। इसके साथ ही भावी पीढ़ियों के लिए हमारी साझा विरासत सुरक्षित रहेगी।    प्रधानमंत्री मोदी और त्रिनिदाद का रिश्ता, 25 साल पहले विश्व हिंदू सम्मेलन को किया था संबोधित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (शुक्रवार) को कैरिबियाई सागर में स्थित त्रिनिदाद और टोबैगो के दो दिवसीय दौरे पर हैं. यहां उन्होंने भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा है कि इस देश में भारतीय समुदाय की यात्रा साहस और धैर्य की मिसाल है. जिस परिस्थिति में भारतीय लोग यहां आए वो मज़बूत आत्मा को भी तोड़ सकती है. लेकिन, उन्होंने संघर्ष को उम्मीद और हिम्मत से झेला.  नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री के तौर पर त्रिनिदाद और टोबैगो की यह पहली यात्रा है. लेकिन, उनका इस धरती से पुराना संबंध है. उन्होंने 25 साल पहले 1999 में बीजेपी के महासचिव के तौर पर राष्ट्र की यात्रा की थी. इस दौरान उन्होंने अगस्त 2000 में विश्व हिंदू सम्मेलन द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में भाग लिया था.  विश्व हिंदू सम्मेलन द्वारा इसका सम्मेलन का आयोजन राजधानी पोर्ट‑ऑफ‑स्पेन में किया गया था. इस सम्मेलन में दुनिया भर के प्रतिनिधि आए थे. इस सम्मेलन में त्रिनिदाद-टोबैगो के तत्कालीन प्रधानमंत्री बासदेव पांडे, तत्कालीन आरएसएस सरसंघचालक के. सुदर्शन और आरएसएस के वरिष्ठ नेता मौजूद थे. इस सम्मेलन का विषय 'हिंदू धर्म और समकालीन विश्व समस्याएं – विकासशील तकनीक और मनुष्य की चुनौतियां' थी. नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन में भाषण दिया था और ख़ुद को ग्लोबल हिंदू नेतृत्व वाला व्यक्तित्व के रुप में स्थापित किया. इसके बाद ही नवंबर 2000 में उन्हें बीजेपी के संगठन प्रभारी महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया था और अगले साल वह गुजरात के मुख्यमंत्री बने.  सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजे गए प्रधानमंत्री मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ऑर्डर ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ से नवाजा गया है. यह त्रिनिदाद एंड टोबैगो का सबसे सर्वोच्च सम्मान है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यहां के भारतीय समुदाय ने यहां कि इकोनॉमिक, कल्चरल और स्पिरिचुअल प्रगति में अहम योगदान दिया है. त्रिनिदाद एंड टोबैगो और भारत के लोग एक ही परिवार के हैं. हमारी और इनकी मित्रता भूगोल या पीढ़ियों से कहीं आगे की चीज़ है. यहां के भारतीय प्रवासी राष्ट्रदूत हैं, जो भारत के संस्कृति, मूल्यों और विरासत को दुनियाभर में ले जा रहे हैं. त्रिनिदाद एंड टोबैगो के प्रधानमंत्री के साथ नरेंद्र मोदी की रात्रिभोज … Read more

विश्व रिकॉर्ड में दर्ज हुई राज सैनी की पेंटिंग, मूड्स ऑफ नरेन्द्र मोदी थीम पर बनाई

 भोपाल भोपाल के वरिष्ठ चित्रकार राज सैनी का नाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आधारित पेंटिंग वन कैरेक्टर, वन कैनवास, वन आर्टिस्ट के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन में दर्ज हुआ है। राज सैनी को यह सम्मान पिछले दिनों इंदौर में आयोजित हुए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड के समारोह में दिया गया। सैनी को यह सम्मान हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्रा, पूर्व राज्यपाल न्यायमूर्ति विष्णु सदाशिव कोकजे, भजन गायक पद्मश्री अनूप जलोटा, सांसद शंकर लालवानी, स्पेशल डीजी वरुण कपूर ने दिया। उल्लेखनीय है कि राज सैनी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर केंद्रित की गई अब तक की सबसे बड़ी पेंटिंग है। पिछले चार दशकों से भी अधिक समय से कला के क्षेत्र में सक्रिय राज सैनी ने अब तक देश के कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ मुलाकात, कार्यशैली, ऐतिहासिक फैसलों को पोर्ट्रेट के माध्यम से तैयार कर उन्हें भेंट किए हैं। रंग और कूची के माध्यम से कैनवास पर दिया आकार राज सैनी ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2014 में इस पेंटिंग को बनाने का निर्णय लिया। इस पेंटिंग को उन्होंने मूड्स ऑफ नरेन्द्र मोदी थीम पर तैयार किया, जिसमें प्रधानमंत्री के विभिन्न देशों में किए गए दौरे, प्रतिष्ठित व्यक्तियों से मुलाकात, कार्यशैली, ऐतिहासिक फैसलों को शामिल करते हुए उन्हें रंग और कूची के माध्यम से कैनवास पर आकार दिया। राज सैनी कहते हैं कि दो सौ फीट लंबी और पांच फीच चौड़ी इस पेंटिंग को बनाने में उन्हें दो वर्ष का समय लगा था, जिसमें उन्होंने कभी किसी दूसरे कलाकार का सहयोग नहीं लिया और अकेले ही यह पेंटिंग वर्ष 2016 में पूरी की। राज सैनी कहते हैं कि लगभग दो वर्ष पहले वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन की मुझे जानकारी मिली और मैंने इस पेंटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। समय-समय पर टीम के सदस्यों ने मेरे द्वारा भेजी गई तमाम जानकारियों को पुष्टि की और उसके बाद विभिन्न देशों के कुल 100 कलाकारों का चयन किया। मेरा चयन भारत में सबसे लंबी पेंटिंग बनाने की कैटेगरी में हुआ।

PM मोदी ने घाना जाते ही इस दुर्लभ खजाने के लिए कर लिया बड़ा करार

अक्करा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नैचुरल रिसोर्स से भरपूर अफ्रीकी देशों के साथ संबंधों को नई ऊंचाई देने में जुटे हैं. इसके मद्देनजर पीएम मोदी 2 जुलाई 2025 को वेस्‍ट अफ्रीकी देश घाना पहुंचे. उन्‍होंने राष्‍ट्रपति जॉन ड्रमानी महामा के साथ डेलिगेशन स्‍तर की बैठक की और रणनीतिक और सामरिक तौर पर कई महत्‍वपूर्ण करार किए गए. इनमें सबसे महत्‍वपूर्ण रेयर अर्थ मिनरल्‍स की माइनिंग को लेकर बनी सहमति है. बता दें कि रेयर अर्थ मिनरल्‍स से भरपूर चीन ने रेयर मैग्‍नेट के एक्‍सपोर्ट पर लगाम लगाया है, जिससे भारत के इलेक्ट्रिक व्हिकल (EV) प्रोजेक्‍ट को धक्‍का लगा है. ऐसे में पीएम मोदी और घाना के राष्‍ट्रपति महामा के बीच रेयर अर्थ मिनरल्‍स की माइनिंग पर बनी सहमति अपने आप में ऐतिहासिक है. इसके साथ ही भारत ने अफ्रीका से चीन को करारा जवाब देते हुए रेयर अर्थ मिनरल्‍स पर उसके एकाधिकार को तोड़ने के अभियान की शुरुआत भी कर दी है. इसके साथ ही भारत और घाना ने द्विपक्षीय संबंधों को कॉम्प्रिहेंसिव पार्टनरशिप का दर्जा दिया है, जिससे सहयोग के नए दरवाजे खुलने की संभावना बढ़ गई है. भारत और घाना ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए इन्हें समग्र साझेदारी (Comprehensive Partnership) में बदल दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रमानी महामा के बीच विस्तृत वार्ता के बाद यह महत्वपूर्ण घोषणा की गई. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भारत अब केवल एक भागीदार नहीं, बल्कि घाना की राष्ट्र-निर्माण यात्रा में एक सहयात्री है.’ यह बयान न केवल भारत की अफ्रीका नीति को मजबूती देता है, बल्कि घाना के साथ उसके ऐतिहासिक संबंधों को भी नई दिशा देता है. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की तीन दशकों में घाना की पहली आधिकारिक यात्रा थी. राजधानी अकरा पहुंचने पर घाना के राष्ट्रपति महामा ने स्वयं प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत कर विशेष सम्मान दिया. व्यापार और निवेश में बड़ी छलांग की तैयारी दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों में आपसी व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय कंपनियों ने अब तक घाना में लगभग दो अरब डॉलर (17138 करोड़ रुपये) का निवेश किया है और 900 से अधिक प्रोजेक्‍ट ऑपरेट की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि भारत घाना के साथ फिनटेक (FinTech) क्षेत्र में सहयोग को तैयार है और यूपीआई (UPI) डिजिटल भुगतान प्रणाली साझा करने की पेशकश की है. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति महामा की बैठक के बाद दोनों देशों के बीच चार अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. ये समझौते संस्कृति, पारंपरिक चिकित्सा, खनिज संसाधन और रक्षा सहयोग जैसे क्षेत्रों में सहयोग को लेकर हैं. रेयर अर्थ मिनरल्‍स माइनिंग पर करार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि भारत घाना के साथ महत्वपूर्ण खनिजों की खोज (रेयर अर्थ मिनरल्‍स) और खनन में सहयोग करेगा. साथ ही रक्षा और मैरीटाइम सिक्‍योरिटी के क्षेत्र में भी दोनों देश साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे. उन्होंने इसे सुरक्षा के लिए एकजुटता (Security Through Solidarity) का मंत्र बताया. बता दें कि रेयर अर्थ मैटीरियल को लेकर इन दिनों पूरी दुनिया में घमासान मचा हुआ है. चीन के मनमाने रवैये की वजह से कई सेंसिटव इंडस्‍ट्री (खासकर ऑटो और डिफेंस सेक्‍टर) के प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है. इसे देखते हुए भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए वेस्‍ट अफ्रीकी देश से चीन को सीधा संदेश भी दिया है. आतंकवाद पर चिंता, ग्‍लोबल पीस पर जोर प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत और घाना आतंकवाद को मानवता का शत्रु मानते हैं और इस खतरे से निपटने के लिए सहयोग और समन्वय को और मजबूत करने का निर्णय लिया गया है. पहलगाम हमले के बाद घाना ने भारत के साथ एकजुटता दिखाते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई है. वहीं, पश्चिम एशिया और यूरोप में जारी संघर्षों को लेकर दोनों नेताओं ने चिंता जताई और संवाद और कूटनीति के माध्यम से समाधान का आह्वान किया. पीएम मोदी ने दोहराया कि यह युद्ध का युग नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी रेखांकित किया कि भारत और घाना दोनों वैश्विक दक्षिण (Global South) के सदस्य हैं और दक्षिण-दक्षिण सहयोग (South-South Cooperation) को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह भारत के लिए गर्व की बात है कि हमारी G20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को G20 की स्थायी सदस्यता मिली.

पीएम मोदी कोघाना देश के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान से किया गया सम्मानित, दोनों देशों के बीच अहम समझौतों पर हुए हस्ताक्षर

अक्करा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को पश्चिम अफ्रीकी देश घाना के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान 'द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित किया गया। भारतीय प्रधानमंत्री को यह सम्मान उन्हें उनकी 'प्रतिष्ठित राजनीति और प्रभावशाली वैश्विक नेतृत्व' के लिए दिया गया। घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने पीएम मोदी को पुरस्कार प्रदान किया। प्रधानमंत्री मोदी पांच देशों की यात्रा के पहले चरण में घाना पहुंचे हैं। इस दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच बैठक हुई, जिसमें अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घाना के राष्ट्रीय सम्मान मिलने की जानकारी दी और कहा, 'द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द घाना से सम्मानित होने पर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।' अपने स्वीकृति संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि यह पुरस्कार उनके लिए गर्व और सम्मान की बात है। उन्होंने कहा, 'मैं 140 करोड़ भारतीयों की ओर से विनम्रतापूर्वक यह पुरस्कार स्वीकार करता हूं।' उन्होंने पुरस्कार को भारत के युवाओं की आकांक्षाओं और उज्ज्वल भविष्य, इसकी सांस्कृतिक परंपराओं और विविधता तथा घाना और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित किया। पांच वर्षों में व्यापार दोगुना करने का लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई, जिसमें दोनों देशों ने अपने संबंधों को व्यापक साझेदारी के स्तर तक विस्तार दिया। वार्ता के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने अगले पांच वर्षों में दोतरफा व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है और भारत घाना की विकास यात्रा में न केवल भागीदार है, बल्कि सह-यात्री भी है। चार समझौतों पर हुए हस्ताक्षर दोनों पक्षों ने संस्कृति और पारंपरिक चिकित्सा समेत कई क्षेत्रों में चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए। महामा की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'राष्ट्रपति महामा और मैंने द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक साझेदारी का दर्जा देने का फैसला किया है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है तथा इस खतरे से निपटने के लिए आपसी सहयोग को और मजबूत करने का निर्णय लिया गया। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में घाना का साथ मोदी ने कहा, 'हमने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में घाना के सहयोग के लिए आभार जताया।' प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों ने पश्चिम एशिया और यूरोप में संघर्षों पर गंभीर चिंता व्यक्त की और बातचीत एवं कूटनीति के माध्यम से समस्याओं का समाधान तलाशने का आह्वान किया। मोदी ने कहा, 'यह युद्ध का युग नहीं है, समस्याओं का समाधान बातचीत और कूटनीति के माध्यम से किया जाना चाहिए।'  

कपड़ा उद्योग को नई गति देने के लिए धार में 2158 एकड़ भूमि पर विकसित हो रहा पीएम मित्र पार्क

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री मोदी का माना आभार केंद्र सरकार से मिली पीएम मित्र पार्क की सौगात – प्रदेश के विकास और कपड़ा  उद्योग में नए युग का शुभारंभ – मुख्यमंत्री डॉ. यादव पीएम मित्र पार्क के प्रथम चरण में विकास कार्यों की प्रक्रिया प्रारम्भ कपड़ा उद्योग को नई गति देने के लिए धार में 2158 एकड़ भूमि पर विकसित हो रहा पीएम मित्र पार्क भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने धार जिले में निर्माणाधीन प्रधानमंत्री मित्र पार्क के प्रथम चरण में अधोसंरचना विकास की प्रक्रिया आरंभ होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह का हृदय से आभार माना है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा धार की 2158 एकड़ भूमि पर लगभग 2050 करोड़ की लागत से विकसित हो रहे पीएम मित्र पार्क के लिए हाल ही में 773 करोड़ रुपए लागत के टेंडर जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह पहल मध्यप्रदेश में कपड़ा उद्योग (टेक्सटाइल सेक्टर) को नई गति प्रदान करेगी। मध्यप्रदेश लगातार विकसित राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दी गई पीएम मित्र पार्क की सौगात निश्चित रूप से प्रदेश के विकास और कपड़ा उद्योग में नए युग का शुभारंभ करेगी।  

रूस से सस्ता कच्चा तेल मगाया तो पांच सौ फीसदी टैक्स, डोनाल्ड सीनेट में नया बिल लाने की तयारी में

नई दिल्ली  अमेरिका ने रूस के साथ व्यापार करने वाले मुल्कों पर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। रूस की यूक्रेन के खिलाफ जंग के तीन साल बाद भी कुछ देश, खासकर भारत और चीन, रूस से तेल खरीद रहे हैं। इसके बाद अब अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने एक बिल को पेश किया है। इसमें रूस से व्यापार करने वाले मुल्कों पर 500 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही गई है। इस बिल को खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन हासिल है। इस खबर ने भारत जैसे मुल्कों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है, जो रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है। आइए जानते हैं, ये बिल क्या है और भारत पर इसका क्या असर पड़ सकता है। रिपब्लिकन सीनेटर लिंडेस ग्राहम ने एबीसी न्यूज के साथ बातचीत में ये जानकारी दी है.  एबीसी न्यूज के अनुसार ग्राहम ने कहा, "यदि आप रूस से प्रोडक्ट खरीद रहे हैं, और आप यूक्रेन की मदद नहीं कर रहे हैं, तो आपके द्वारा अमेरिका में आने वाले उत्पादों पर 500% टैरिफ लगेगा. भारत और चीन पुतिन के तेल का 70% खरीदते हैं. वे रूस के वॉर सिस्टम को चालू रखते हैं." माना जा रहा है कि इस विधेयक को अगस्त में पेश किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो इसे रूस को आर्थिक रूप से अलग-थलग करने के अमेरिकी प्रयास में बड़ा स्टेप माना जाएगा. अगर यह विधेयक पारित हो जाता है तो इससे भारत और चीन पर गंभीर असर पड़ सकता है. क्योंकि ये दोनों ही देश छूट वाले रूसी कच्चे तेल के सबसे बड़े खरीदार हैं. इस अमेरिकी कदम से भारत के लिए फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल और आईटी सेवाओं जैसे निर्यात पर टैरिफ का भी जोखिम है. भारत रूसी तेल का एक प्रमुख खरीदार है. यूक्रेन पर आक्रमण के तीसरे वर्ष में भारत ने 49 बिलियन यूरो का कच्चा तेल आयात किया. परंपरागत रूप से भारत अपना तेल मध्य पूर्व से प्राप्त करता है, लेकिन फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के तुरंत बाद भारत ने रूस से बड़ी मात्रा में तेल आयात करना शुरू कर दिया. अमेरिका द्वारा इस बिल की चर्चा तब हो रही है जब भारत-अमेरिका व्यापार समझौता (Indo-US Trade deal) होने जा रहा है. अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने मंगलवार को कहा कि व्यापार समझौता "बहुत करीब" है. जबकि भारतीय प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन में अमेरिकी अधिकारियों के साथ लगातार चर्चा कर रहे हैं.  इंडिया टुडे को सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों के बीच कृषि संबंधी प्रमुख मांगों को लेकर ट्रेड डील वार्ता में गतिरोध आ गया था.  ग्राहम और डेमोक्रेटिक सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथल द्वारा सह-प्रायोजित प्रस्तावित विधेयक को कथित तौर पर 84 दूसरे सीनेटर भी सपोर्ट कर रहे हैं.  आपके बिल को आगे बढ़ाने का समय आ गया है इस बिल का उद्देश्य दुनिया के देशों पर रूसी तेल की खरीद को रोकने, "मॉस्को की युद्ध अर्थव्यवस्था" को कमजोर करने और रूस को यूक्रेन के साथ शांति वार्ता करने के लिए दबाव डालना है. ग्राहम ने एबीसी न्यूज को बताया कि जब वो कल ट्रंप के साथ गोल्फ खेल रहे थे तो उन्होंने इस बिल को हरी झंडी दे दी. लिंडसे ग्राहम ने कहा, "कल पहली बार उन्होंने कहा- अब आपके बिल को आगे बढ़ाने का समय आ गया है, तब मैं उनके साथ गोल्फ़ खेल रहा था." मूल रूप से इस बिल को मार्च में ही प्रस्तावित किया गया था. यानी कि इस बिल को तब ही आना था. लेकिन व्हाइट हाउस द्वारा विरोध के संकेत दिए जाने के बाद ये बिल अटक गया.  वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इस बिल पर रिपोर्ट जारी कर कहा था कि तब ट्रंप ने इस बिल की भाषा में बदलाव करने के लिए चुपचाप दबाव डाला था. इसमें 'करेगा' (Shall) की जगह 'हो सकता है' (May) का इस्तेमाल करने को कहा गया था.  बाद में ग्राहम ने कथित तौर पर यूक्रेन का समर्थन करने वाले देशों के लिए एक अलग प्रस्ताव रखा, ताकि संभवतः अमेरिका के यूरोपीय सहयोगियों के बीच चिंता कम हो सके. ग्राहम ने कहा, "हम राष्ट्रपति ट्रम्प को एक उपाय देने जा रहा है." अगर यह विधेयक कानून बन जाता है, तो इससे चीन और भारत दोनों के साथ अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों में व्यापक बदलाव आ सकता है. चूंकि अमेरिका भारत का मुख्य निर्यात बाजार है, इसलिए यह नीति बड़े पैमाने पर कूटनीतिक तनावों को भी जन्म दे सकती है. अमेरिका द्वारा भारत पर 500 फीसदी टैरिफ लगाने से अमेरिकी बाजार में जाने वाले भारत के उत्पादों के दाम बेतहाशा बढ़ जाएंगे. इससे वहां भारतीय प्रोडक्ट की बिक्री कम हो सकती है. इस कदम का फर्मास्यूटिक्ल और ऑटोमोबिल इंडस्ट्री पर व्यापक असर पड़ सकता है. राहत लेकर आया है रूस का तेल रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण रूस ने भारत को रियायती दरों पर कच्चा तेल बेचा. रूस से कच्चे तेल के आयात ने भारत को आर्थिक, रणनीतिक और एनर्जी सिक्योरिटी के लिहाज से कई लाभ पहुंचाए हैं. सस्ते तेल ने आयात बिल को कम किया, रिफाइंड उत्पादों के निर्यात को बढ़ाया और वैश्विक तेल कीमतों को नियंत्रित करने में मदद की. रूस के तेल की वजह से ही भारत मध्य पूर्व संकट, यूक्रेन वॉर के समय अपने देश कच्चे तेल की कीमतों को स्थिर रख सका.  यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से 24 फरवरी 2022 से 2 मार्च 2025 तक भारत ने रूस से लगभग 112.5 अरब यूरो (लगभग 118 अरब डॉलर, 1 यूरो = 1.05 डॉलर के हिसाब से) मूल्य का कच्चा तेल आयात किया है. यह जानकारी सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की एक रिपोर्ट के आधार पर है. रूस से कच्चे तेल की हिस्सेदारी युद्ध से पहले 1% से भी कम थी जो 2023-24 में बढ़कर 35-45% हो गई.  रूस का तेल भारत को सऊदी अरब और इराक जैसे देशों की तुलना में सस्ता मिला. इससे देश का आयात बिल कम हो गया. रूस से कच्चे तेल के आयात से भारत को 25 अरब डॉलर तक की आर्थिक बचत हुई.  CREA और अन्य स्रोतों के अनुसार भारत ने 2022-2025 के बीच रूसी तेल आयात पर 10.5 से 25 अरब डॉलर तक की बचत की.