विकसित मध्यप्रदेश 2047 की दिशा में वित्तीय अनुशासन की मजबूत नींव

भोपाल  मध्यप्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के पुनरीक्षित बजट अनुमान और वर्ष 2026-27 के बजट निर्माण की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। इसके लिये वित्त विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। इस बार भी राज्य सरकार द्वारा शून्य आधार बजटिंग (Zero Base Budgeting) की प्रक्रिया को जारी रखते हुए वित्तीय अनुशासन और परिणाम आधारित बजट निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके साथ ही सरकार ने पहली बार वर्ष 2027-28 एवं वर्ष 2028-29 के लिए “त्रिवर्षीय रोलिंग बजट” तैयार करने का निर्णय लिया गया है, जो प्रदेश की दीर्घकालिक विकास रणनीति ‘विकसित मध्यप्रदेश 2047’ पर केन्द्रित है। बजट स्वीकृति के पहले हर योजना का होगा मूल्यांकन वित्त विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार अब प्रत्येक योजना के लिए यह स्पष्ट करना आवश्यक होगा कि उस पर खर्च क्यों किया जा रहा है, उसका लाभ किसे होगा और उसका सामाजिक व आर्थिक असर क्या होगा। इस प्रक्रिया में गैर-प्रभावी योजनाओं को समाप्त करने और समान प्रकृति की योजनाओं को एकीकृत करने पर भी विचार किया जाएगा। बजट निर्माण की प्रमुख तिथियां     28–31 जुलाई 2025: विभागीय प्रशिक्षण और प्रारंभिक चर्चा।     10 सितम्बर 2025: IFMIS में आंकड़े भरने की अंतिम तिथि।     15–30 सितम्बर 2025 : प्रथम चरण चर्चा।     31 अक्टूबर: नवीन योजनाओं के प्रस्ताव की अंतिम तिथि।     1 अक्टूबर – 15 नवम्बर: द्वितीय चरण चर्चा।     दिसम्बर–जनवरी: मंत्री स्तरीय बैठकें।     31 मार्च 2026: समायोजन प्रस्तावों की अंतिम तिथि। वेतन, भत्ते और स्थायी व्यय की भी अलग होगी गणना     विभागों को अपने स्थायी खर्चों जैसे वेतन, पेंशन, भत्तों की गणना करते समय विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है।     प्रत्येक वित्तीय वर्ष के वेतन में 3% वार्षिक वृद्धि जोड़ी जाएगी।     महंगाई भत्ते की गणना क्रमशः 74%, 84% और 94% के हिसाब से होगी।     संविदा कर्मचारियों के वेतन में 4% वार्षिक वृद्धि का भी प्रावधान रहेगा। अजा-अजजा उपयोजना के लिए न्यूनतम बजट सुनिश्चित करना होगा अनिवार्य वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए न्यूनतम 16% और अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए न्यूनतम 23% बजट सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य रहेगा। इसके लिए सेगमेंट कोडिंग व्यवस्था लागू की जाएगी, जिससे योजनाओं में पारदर्शिता आएगी। ऑफ-बजट व्यय और केंद्रीय योजनाओं पर भी निगरानी जिन विभागों को भारत सरकार से सीधे फंड प्राप्त होता है, उन्हें वह राशि भी बजट प्रस्ताव में दर्शानी होगी। इसके अलावा, ऑफ-बजट ऋण, प्रोत्साहन योजनाओं का वित्तीय असर, और नवीन योजनाओं की स्वीकृति की प्रक्रिया को भी स्पष्ट किया गया है। सभी प्रस्ताव तय समय पर IFMIS में हों दर्ज सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि बजट की तैयारी के लिए जो आई.एफ.एम.आई.एस. (IFMIS) प्रणाली अपनाई गई है, उसमें तय समय के बाद प्रविष्टि की अनुमति नहीं दी जाएगी। विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे सभी प्रस्ताव निर्धारित समयसीमा में दर्ज करें और विभागीय बैठक के पूर्व पूरी जानकारी तैयार रखें। जनहित में होगा व्यय शून्य आधार बजटिंग प्रणाली से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि हर योजना के पीछे ठोस उद्देश्य हो, उसका समाज पर प्रभाव दिखे और प्रत्येक व्यय राज्य की विकास प्राथमिकताओं से मेल खाता हो। राज्य सरकार का यह प्रयास केवल राजकोषीय अनुशासन की दृष्टि से ही नहीं, बल्कि प्रभावी शासन और नागरिक सेवा सुधार के लिए भी सराहनीय कदम साबित होगा।  

मंत्री सारंग ने नरेला विधानसभा अंतर्गत निर्माणाधीन गोविंदपुरा शासकीय सांदीपनि विद्यालय का निरीक्षण किया

भोपाल   सहकारिता मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने शनिवार को नरेला विधानसभा अंतर्गत निर्माणाधीन गोविंदपुरा शासकीय सांदीपनि विद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने विद्यालय परिसर के प्रत्येक खंड का बारीकी से अवलोकन किया और निर्माण की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान मंत्री श्री सारंग ने निर्माण कार्य में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों और निर्माण एजेंसी को निर्देश दिये कि निर्माण कार्य को गुणवत्तापूर्ण ढंग से और निर्धारित समय-सीमा में पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में अधोसंरचना विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और शासकीय सांदीपनि विद्यालय इसी प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। शासकीय सांदीपनि विद्यालय इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो न केवल सरकारी शिक्षा को मजबूती देगा, बल्कि निजी विद्यालयों की तुलना में कहीं अधिक सुव्यवस्थित और उन्नत सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। उन्होंने यह भी कहा कि गोविंदपुरा में बन रहा यह विद्यालय क्षेत्र के बच्चों के लिए एक बड़ी सौगात साबित होगा। गाइडलाइन के अनुरूप हो बैठक व्यवस्था मंत्री श्री सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप सांदीपनि विद्यालयों को विकसित किया जा रहा है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता, नवाचार, समावेश और आधुनिकता सुनिश्चित हो सके। मंत्री श्री सारंग ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्यालय भवन में शाला कक्षों की बैठने की व्यवस्था का पुन: परीक्षण किया जाए और निर्माण कार्य पूरी तरह गाइडलाइन के अनुरूप हो। सांदिपनी विद्यालय में विद्यार्थियों को मिलेगी बेहतर शिक्षा मंत्री श्री सारंग ने कहा कि गोविंदपुरा शासकीय सांदीपनि विद्यालय को मॉडल स्कूल एवं स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की वरीयता के अनुरूप विकसित किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आधुनिक सुविधाएं और समग्र विकास के अवसर मिल सकें। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय में आधुनिक क्लासरूम के साथ विज्ञान, गणित, कम्प्यूटर जैसे विषयों की प्रयोगशालाएं भी स्थापित की जा रही हैं। इसके अलावा बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए खेल मैदान, बास्केटबॉल कोर्ट, पुस्तकालय, डिजिटल शिक्षण कक्ष, और स्वच्छता की दृष्टि से पर्याप्त संख्या में शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान संबंधित विभागों के अधिकारी और निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। 

मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा- सुपोषित मध्यप्रदेश’ की दिशा में मजबूत क़दम

भोपाल गुजरात के केवड़िया में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, केन्द्र सरकार द्वारा आयोजित जोनल सम्मेलन में महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने राज्य में चल रहे योजनाओं, नवाचारों और ज़मीनी पहल का प्रभावशाली विवरण प्रस्तुत किया। मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि “मध्यप्रदेश, अपनी जनजातीय बहुलता और भौगोलिक विविधता के बावजूद, महिलाओं और बच्चों के संपूर्ण सशक्तिकरण के लिये निरंतर प्रयासरत है। डिजिटल पारदर्शिता और नियुक्ति प्रणाली में सुधार मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की ऑनलाइन नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे लगभग 19,500 पदों की पारदर्शी तरीके से पूर्ति हो रही है। यह प्रक्रिया हर छह माह में रिक्तियों के अनुसार नियमित रूप से संचालित की जाएगी। पोषण सुधार और तकनीकी नवाचार महिला बाल विकास मंत्री सुश्री भूरिया ने बताया कि AIIMS भोपाल के सहयोग से पोषण ट्रैकर डेटा की गुणवत्ता में सुधार किया गया है।कार्यकर्ताओं के लिए नेत्र परीक्षण अभियान भी चलाया जा रहा है जिससे स्मार्टफोन आधारित ऐप संचालन में उन्हें सुविधा मिले।उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि झाबुआ जिले में “मोटी आई कार्यक्रम” और डिण्डौरी जिले में “रेवा प्रोजेक्ट” जैसे नवाचारों के माध्यम से कुपोषण उन्मूलन में अद्भुत परिणाम मिल रहे हैं। बालिकाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु प्रशिक्षण “ सशक्त वाहिनी कार्यक्रम” के तहत अब तक 11,000 से अधिक बालिकाओं को निःशुल्क शारीरिक और शैक्षणिक प्रशिक्षण दिया गया है। कई बालिकाएं आज पुलिस, चिकित्सा एवं अन्य सेवाओं में चयनित होकर सेवा दे रही हैं। महिला सुरक्षा और सहायता सेवाओं का विस्तार हेल्पलाइन 181 और 1098 का ERSS-112 से तकनीकी एकीकरण जुलाई 2024 में सफलतापूर्वक किया गया।विगत छह महीनों में 86,000 से अधिक मामलों में 91% से अधिक का समाधान हुआ है।शक्ति निवास” के माध्यम से कार्यरत महिलाओं को सुरक्षित आवास की सुविधा दी जा रही है। इंदौर में 100-बेड का नया शक्ति निवास तैयार है, प्रदेश के चार और शहरों में निर्माण जारी है। महिलाओं की आर्थिक उन्नति के लिये योजनाएं “ मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना” के अंतर्गत हर माह 1.27 करोड़ महिलाओं को ₹1250 की आर्थिक सहायता दी जा रही है। अब तक ₹38,000 करोड़ से अधिक राशि वितरित की जा चुकी है। अटल पेंशन योजना से जोड़ने के लिए राज्य स्तर पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। बाल संरक्षण की दिशा में ठोस कदम “ मिशन वात्सल्य” के अंतर्गत चार बड़े जिलों में कंपोजिट शेल्टर होम का निर्माण कार्य प्रगति पर है। “ मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना” के तहत गरीब परिवारों के बच्चों को ₹4000 प्रति माह की सहायता और आफ्टर केयर बच्चों को ₹5000 की अतिरिक्त सहायता दी जा रही है। केंद्रीय योजनाओं को मजबूत बनाने के लिये सुझाव मंत्री सुश्री भूरिया ने केन्द्र सरकार के समक्ष योजनाओं को और प्रभावशाली बनाने के लिये सुझाव भी रखे। उन्होंने कहा की  दरों को CPI के अनुसार संशोधित करने, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि, 2019-20 से लंबित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की बहाली, प्री-स्कूल शिक्षा सामग्री में वृद्धि और ‘जादुई पिटारा’ जैसी पहल, PMMVY योजना में द्वितीय गर्भावस्था पर भी मातृत्व सहायता, शक्ति सदन एवं सखी केंद्रों के कर्मचारियों के वेतन में संशोधन, स्पॉन्सरशिप योजना में बजट वृद्धि, आफ्टर केयर लाभार्थियों की सहायता राशि में बढ़ोतरी आदि प्रमुख मुद्दे शामिल थे। 

मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा- विकास सतत प्रक्रिया है

भोपाल सहकारिता मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि विकास सतत प्रक्रिया है, जो समय और नागरिकों की आवश्यकताओं के अनुरूप निरंतर चलती रहती है। यही कारण है कि नरेला विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड, कॉलोनी और मोहल्ले में निरंतर विकास कार्य किए जा रहे हैं, जिससे यहाँ के नागरिकों को बेहतर जीवन, आधारभूत सुविधाएँ और स्वच्छ पर्यावरण मिल सके। मंत्री श्री सारंग ने शनिवार को नरेला विधानसभा अंतर्गत वार्ड-39 के ऐशबाग स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में विभिन्न विकास कार्यों का भूमि-पूजन किया। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि वर्ष 2008 के पहले नरेला विधानसभा में पक्की सड़कों का अभाव था, नालियां नहीं थीं और पीने के पानी के लिए नागरिकों को टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ता था। उन्होंने कहा कि वर्तमान में नरेला क्षेत्र की हर सड़क पक्की हो चुकी है। कॉलोनियों का समुचित ड्रेनेज सिस्टम विकसित किया गया है और नालों का व्यवस्थित चैनलाइजेशन कर जल-भराव की समस्या को पूरी तरह समाप्त किया गया है। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में ‘विकास’ ही हमारा ध्येय है। चाहे वह सड़क हो, सीवेज हो, जल-प्रबंधन हो या सामुदायिक सुविधाएँ, हर क्षेत्र में समर्पित भाव से कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, वरिष्ठजन, समाजसेवी एवं पार्षद उपस्थित रहे।  

अनुभवी बल्लेबाज केएल राहुल ने लॉर्ड्स टेस्ट में लगाई स्पेशल सेंचुरी, गांगुली और द्रविड़ भी नहीं कर पाए ऐसा

लॉर्ड्स  अनुभवी बल्लेबाज केएल राहुल ने शनिवार को इंडिया वर्सेस इंग्लैंड लॉर्ड्स टेस्ट में स्पेशल सेंचुरी लगाई। उन्होंने बतौर ओपनर उतरने के बाद पहली पारी में 177 गेंदों में 100 रन बनाए। उन्होंने 13 चौके जड़े। उन्होंने जारी सीरीज में दूसरा शतक ठोका। वहीं, राहुल ने टेस्ट करियर का 10वां शतक जमाया है। उन्होंने एक जबर्दस्त कारनामा अंजाम दिया है, जो सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ समेत कई दिग्गज अपने करियर में नहीं कर पाए।   दरअसल, 33 वर्षीय राहुल ने लॉड्स में दूसरा टेस्ट शतक मारा है। उन्होंने 2021 में इंग्लैंड दौरे पर लॉर्ड्स में 250 गेंदों में 129 रनों की पारी खेली थी। राहुल एक से अधिक सेंचुरी लगाने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय हैं। लॉर्ड्स में कुल 10 भारतीयों ने टेस्ट शतक ठोका है, जिसमें से आठ ने केवल एक बार शतक लगाया। ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर सर्वाधिक सेंचुरी का भारतीय रिकॉर्ड दिलीप वेंगसकर के नाम है। उन्होंने यहां तीन शतक जड़े। लॉर्ड्स में टेस्ट सेंचुरी जड़ने वाले भारतीय क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर- 3 केएल राहुल- 2 वीनू मांकड़- 1 गुंडप्पा विश्वनाथ- 1 रवि शास्त्री- 1 मोहम्मद अजहरुद्दीन- 1 सौरव गांगुली- 1 राहुल द्रविड़- 1 अजीत अगरकर- 1 अजिंक्य रहाणे- 1 राहुल एक धाकड़ क्लब में शामिल हो गए हैं। वह लॉर्ड्स में दो शतक लगाने वाले चौथे मेहमान सलामी बल्लेबाज बन गए। उनके अलावा यहां बिल ब्राउन, गॉर्डन ग्रीनिज और ग्रीम स्मिथ ने दो सेंचुरी ठोकीं। राहुल का इंग्लैंड में यह चौथा टेस्ट शतक है। यह साल 2000 के बाद से इंग्लैंड में किसी मेहमान सलामी बल्लेबाज द्वारा लगाए गए दूसरा सबसे अधिक शतक हैं। उनसे आगे साउथ अफ्रीका के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज ग्रीम स्मिथ (5) हैं। मैच की बात करें तो राहुल ने जोफ्रा आर्चर द्वारा डाले गए 67वें ओवर की चौथी गेंद पर सिंगल लेकर शतक कंप्लीट किया। हालांकि, वह उसके बाद जब स्ट्राइक पर आए तो विकेट गंवा बैठे। उन्हें स्पिनर शोएब बशीर ने 68वें ओवर की पहली गेंद पर हैरी ब्रूक के हाथों कैच कराया। राहुल ने करुण नायर (40) के साथ 61, कप्तान शुभमन गिल (16) के संग 33 और विकेटकीपर ऋषभ पंत (74) के साथ 141 रनों की साझेदारी की।  

उच्च शिक्षा मंत्री परमार की अध्यक्षता में भारतीय ज्ञान परंपरा शीर्ष समिति की बैठक हुई

भोपाल  उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार की अध्यक्षता में शनिवार को, सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर (स्वशासी) महाविद्यालय भोपाल के सभाकक्ष में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत "भारतीय ज्ञान परंपरा शीर्ष समिति" की बैठक हुई। उच्च शिक्षा मंत्री श्री परमार ने विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा कर, अध्यादेश 14(1) एवं अध्यादेश 14(2) के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश के 10 संभागों में समयपूर्वक कार्यशालाओं के आयोजन कर व्यापक रूप से विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों तक लागू अध्यादेशों से अवगत कराने के निर्देश दिए। श्री परमार ने विश्वविद्यालय स्तर पर पाठ्यक्रमों के लिए कार्यशालाओं के आयोजन भी समयपूर्वक सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। श्री परमार ने प्रदेश के समस्त भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ प्रभारियों को लेकर भी कार्यशाला आयोजित करने को कहा। श्री परमार ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में भारतीय भाषाओं में अध्यापन के लिए कार्ययोजना बनाई जाए और इसे विद्यार्थियों के मूल्यांकन क्रेडिट से भी जोड़ा जाए। श्री परमार ने कहा कि विश्वविद्यालयों को भारतीय भाषा में अध्यापन का केंद्र बनाने के लिए कार्य करें। मंत्री श्री परमार ने कहा कि "ज्ञान बोध प्रतियोगिता" में पाठ्यक्रम के अतिरिक्त पारंपरिक विषयों में भारतीय वैज्ञानिक दृष्टिकोण आधारित प्रश्नावली का समावेश करें ताकि विद्यार्थियों को भारतीय दृष्टि के साथ समाज में विद्यमान परंपरागत ज्ञान के अध्ययन एवं शोध का अवसर मिले। श्री परमार ने कहा कि विश्व शांति दिवस पर भारतीय दृष्टिकोण वसुधैव कुटुंबकम् – विश्व एक परिवार का भाव, को मूल में रखकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। हिंदी पखवाड़े के अवसर पर होने वाले कार्यक्रमों में विशुद्ध हिंदी भाषा के उपयोग के साथ पूर्णता प्रदान की जाए। श्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में, मप्र हिंदी ग्रन्थ अकादमी द्वारा प्रकाशित कला, वाणिज्य एवं विज्ञान विषयों में उत्कृष्ट पुस्तक लेखन के लिए, "श्रेष्ठ लेखक पुरस्कार" प्रदान किया जाए। बैठक के आरंभ में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी उच्च शिक्षा डॉ धीरेंद्र शुक्ल ने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में स्नातक प्रथम वर्ष के लिए चिन्हित विषयों की पांडुलिपियों में अकादमिक गुणवत्ता परीक्षण के लिए आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला से प्राप्त निष्कर्ष पर प्रकाश डाला। उक्त कार्यशाला में प्रदेश एवं देश भर के 200 से अधिक शिक्षाविदों ने सहभागिता की। बैठक में स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के पाठ्यक्रमों में भारतीय ज्ञान परम्परा को समाहित करने के लिए, प्रदेश के 27 विश्वविद्यालयों में कार्यशालाओं के आयोजन करने को लेकर चर्चा हुई। अध्यादेश 14(1) एवं अध्यादेश 14(2) के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश के 10 संभागों में कार्यशालाओं के आयोजन करने को लेकर भी विमर्श हुआ। भारतीय ज्ञान परम्परा के परिप्रेक्ष्य में महाविद्यालयों में किए जाने वाले आयोजन संबंधी त्रैमासिक कैलेंडर को लेकर व्यापक विचार मंथन हुआ। साथ ही भारतीय ज्ञान परम्परा आधारित पाठ्यक्रम निर्माण, पुस्तक लेखन, पांडुलिपि परीक्षण, दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला, अकादमिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई। उच्च शिक्षा विभाग एवं मप्र हिंदी ग्रन्थ अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में सामान्य ज्ञान एवं भारतीय ज्ञान परम्परा पर आधारित "ज्ञान बोध प्रतियोगिता" के आयोजन, भारतीय ज्ञान परम्परा के जानकार शिक्षकों की बैठक का आयोजन एवं प्रतिवर्ष प्रत्येक वर्ष की समाप्ति के पश्चात् वृहद संगोष्ठी के आयोजन को लेकर भी व्यापक विमर्श हुआ। समस्त सम्बंधित विषयों में संदर्भ पुस्तकों के लेखन को लेकर भी चर्चा हुई, जिसमें भारतीय ज्ञान परम्परा पर शोध की दृष्टि से कार्य किया गया है। राज्यस्तरीय भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ स्थापित करने को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में शीर्ष समिति के उपाध्यक्ष एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के सचिव डॉ अतुल कोठारी, मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी के निदेशक श्री अशोक कड़ेल और प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति के अध्यक्ष डॉ. रवीन्द्र कान्हेरे सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलगुरुगण, शीर्ष समिति के सदस्यगण, शिक्षाविद् तथा उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।  

दिल्ली में चार मंजिला इमारत गिरने से दर्दनाक हादसा, छह लोगों की मौत

नई दिल्ली  दिल्ली के सीलमपुर इलाके में एक चार मंजिला इमारत जमींदोज हो गई। मलबे में दबने से छह लोगों की मौत हो गई। वहीं, अब किसी और के मलबे में दबे होने की आशंका न के बराबर है। दिल्ली के सीलमपुर इलाके में दिल दहला देने वाला हादसा हुआ है। यहां अचानक चार मंजिला इमारत भरभराकर ढह गई। मलबे में आठ लोगों को बाहर निकाल लिया गया है। मलबे में दबने से छह लोगों की मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल की टीम मौके पर पहुंची। फिलहाल पुलिस, दमकल और एनडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं। स्थानीय लोग मलबा हटाने में मदद कर रहे हैं। छह लोगों की मौत की बात सामने आई है, पुलिस की ओर से आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, एक महिला और एक पुरुष का शव थोड़ी देर पहले मलबे से निकली गई है।पुलिस की ओर से अभी दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। दिल्ली पुलिस, दमकल विभाग एनडीआरएफ, नगर निगम समेत तमाम बचाव दल मौके पर मौजूद है, स्थानीय लोगों की भारी भीड़ मौके पर जुटी हुई है। इलाका बेहद घनी आबादी और संकरी गलियों वाला होने के कारण रेस्क्यू में कठिनाई हो रही है। पुलिस के मुताबिक, आज सुबह करीब 7.04 मिनट पर वेलकम के पास एक चार मंजिला इमारत के ढहने की सूचना प्राप्त हुई। ए-ब्लॉक, गली नंबर 5, जनता कॉलोनी में घटनास्थल पर पहुंचने पर पुलिस टीम ने पाया कि इमारत की तीन मंजिलें ढह गई थीं। अग्निशमन विभाग और अन्य एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं और बचाव अभियान जारी है। अब तक आठ लोगों को निकाला जा चुका है। सात को जेपीसी अस्पताल और एक को जीटीबी अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया। उत्तर-पूर्वी जिले के एडिशनल डीसीपी संदीप लांबा ने बताया, "हमें सुबह सूचना मिली कि वेलकम इलाके की जनता कॉलोनी की गली नंबर 5 में एक तीन मंजिला इमारत गिर गई है। यह इमारत मतलूफ नाम के व्यक्ति की थी। इसके सामने वाली इमारत को भी नुकसान पहुंचा है। पुलिस, एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस और स्थानीय लोग मौके पर काम कर रहे हैं।" अनीस अहमद अंसारी, जिनका घर इमारत गिरने से क्षतिग्रस्त हुआ, ने बताया, "सब लोग सो रहे थे, तभी सुबह करीब 7 बजे मेरे घर के एक तरफ की इमारत गिर गई और उसका मलबा मेरे घर पर आ गिरा। अचानक बिजली गुल हो गई। सभी लोग बचाव कार्य में लगे हुए हैं।" बिल्डिंग के मलबे से निकाले गए लोग 1. परवेज (32) पुत्र अब्दुल 2. नावेद, (19) पुत्र अब्दुल 3. सिजा (21) पत्नी परवेज़ 4. दीपा (56) पत्नी गोविंद 5. गोविंद (60) पुत्र राम चरण 6. रवि कश्यप (27) पुत्र राम चरण 7. ज्योति (27) पत्नी रवि कश्यप 8. अहमद (14 महीने) पुत्र परवेज घटनास्थल पर पहुंचे मंत्री कपिल मिश्रा दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, "यहां एनडीआरएफ की टीम भी मौजूद है लेकिन यह इतनी पतली गली है कि यहां हाथों से मलबा निकालने के अलावा कोई और दूसरा उपाय नहीं है। यहां राहत कार्य करना बहुत मुश्किल है लेकिन हम सभी चाहते हैं कि यहां से जल्द से जल्द मलबा निकल जाए। आशंका है कि मलबे में कुछ लोग फंसे हुए हैं तो हम प्रयास कर रहे हैं कि उन्हें सकुशल निकाला जा सके। यह बहुत दुखद घटना है और यहां अभी तक 2 लोगों की मौत की सूचना है।" कल आजाद मार्केट इलाके में गिरी थी बिल्डिंग, एक की मौत आजाद मार्केट इलाके में मेट्रो के जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर के लिए टनल निर्माण क्षेत्र में जर्जर इमारत ढह गई। हादसे में मनोज शर्मा (45) की मौत हो गई। इस मामले में बाड़ा हिंदूराव थाना पुलिस ने लापरवाही से मौत की धारा में प्राथमिकी दर्ज की है। वहीं दिल्ली मेट्रो की ओर से मनोज के परिजनों को पांच लाख की आर्थिक सहायता की बात कही गई है। मेट्रो प्रबंधन ने भी मामले में जांच शुरू कर दी है। 

अगले हफ्ते भी नहीं मिलेगी राहत, दिल्ली-NCR में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी

नई दिल्ली  दिल्ली-एनसीआर में मानसून ने अब अपनी रफ्तार पकड़ ली है, भले ही इस बार यह तय समय से थोड़ी देरी से आया है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, आने वाले दिनों में भी दिल्ली और आसपास के इलाकों के लोगों को बारिश, तेज़ हवाओं के साथ उमस का सामना करना पड़ सकता है। इस सप्ताहांत तक हल्की बारिश की संभावना है, जबकि अगले सप्ताह रुक-रुककर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। आज और कल के लिए भारी बारिश का अलर्ट IMD की मानें तो आज (12 जुलाई) हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है, और 13 जुलाई की रात से बारिश की तीव्रता में इज़ाफ़ा हो सकता है। यह स्थिति 17 जुलाई तक बनी रह सकती है, जिससे दिल्ली-एनसीआर में मौसम सुहाना बना रहेगा। तापमान भी मौसम के साथ खेल रहा इस समय दिल्ली का तापमान भी मौसम के साथ आँख-मिचोली खेल रहा है। 13 जुलाई तक तापमान में हल्का इज़ाफ़ा हो सकता है, लेकिन 17 जुलाई तक अधिकतम तापमान 32 से 34 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। फिलहाल, दिल्ली में जुलाई महीने में केवल 57 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य औसत 195.8 मिमी होता है। बीते दिन भी बादलों और धूप की लुकाछिपी के बीच कुछ इलाकों में हल्की और कुछ जगहों पर तेज़ बारिश दर्ज की गई। सप्ताह के अंत तक सक्रिय रहेगा मानसून ट्रफ मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली के आसपास मानसून ट्रफ सक्रिय है, जिससे वीकेंड तक हल्की बारिश होती रहेगी। इसके बाद यह ट्रफ उत्तर की ओर बढ़ेगा, जिससे अगले सप्ताह बारिश की गतिविधि बढ़ सकती है। राजधानी से सटे फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाज़ियाबाद और नोएडा जैसे इलाकों में भी मौसम का मिज़ाज कुछ ऐसा ही बना हुआ है। इन इलाकों में आज के लिए भी येलो अलर्ट जारी किया गया है। शुक्रवार (11 जुलाई) सुबह 8:30 बजे तक 17.1 मिमी और शाम 5:30 बजे तक 1.0 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से थोड़ा कम है। मौसम विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि दिल्ली-एनसीआर में 25 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से तेज़ हवाएँ चल सकती हैं। इस बीच, लोग मौसम के ट्रिपल अटैक यानी बारिश, तेज़ धूप और उमस से जूझते नज़र आ रहे हैं।

हादसे की रिपोर्ट आने तक इंतज़ार करें: एयर इंडिया मामले पर बोले केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली केंद्रीय नागर विमानन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने शनिवार को कहा कि अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया फ्लाइट 171 की दुर्घटना पर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की रिपोर्ट अभी प्राथमिक जांच पर आधारित है। उन्होंने कहा कि जब तक अंतिम रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “मुझे नहीं लगता कि हमें किसी नतीजे पर कूदना चाहिए। हमारे पास दुनिया के सबसे बेहतरीन पायलट और क्रू हैं। मुझे उनके प्रयासों की सराहना करनी चाहिए। वे हमारे नागर विमानन क्षेत्र की रीढ़ हैं। हम उनके कल्याण की चिंता करते हैं। इसलिए इस वक्त निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी, हमें अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।” मंत्री नायडू ने दोहराया, “तकनीकी पहलू जुड़े होते हैं। इसलिए किसी भी टिप्पणी के लिए यह समय बहुत जल्दबाजी भरा है। अभी प्राथमिक रिपोर्ट आई है, अंतिम और ठोस निष्कर्ष का इंतजार करना चाहिए।” यह बयान उस वक्त आया जब AAIB ने शनिवार को इस भीषण दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी की, जिसमें ईंधन फीडिंग स्विच बंद होने और उसके बाद कॉकपिट में पायलटों के बीच भ्रम की स्थिति को संभावित कारण बताया गया है। क्या कहती है AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट? AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, 12 जून को टेक-ऑफ के कुछ ही सेकंड बाद विमान के दोनों इंजनों में ईंधन की सप्लाई देने वाले स्विच एक-एक सेकंड के अंतराल पर बंद हो गए। इसके कारण इंजन 1 और इंजन 2 की स्पीड तेजी से घटने लगी। रिपोर्ट में कहा गया, “विमान ने 08:08:42 UTC पर अधिकतम गति 180 नॉट्स IAS हासिल की, और इसके तुरंत बाद, दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच RUN से CUTOFF में बदल गए।” कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग के अनुसार, एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन कट क्यों किया, तो उत्तर मिला कि उसने ऐसा नहीं किया। इससे पायलटों के बीच भ्रम की स्थिति का संकेत मिलता है। रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि विमान में इस्तेमाल हुए ईंधन के नमूने नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) की लैब्स में जांचे गए और उन्हें संतोषजनक पाया गया। मंत्री ने दी पारदर्शिता की गारंटी नागर विमानन मंत्री नायडू ने कहा कि पीड़ितों के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए मंत्रालय हर संभव सहायता कर रहा है। उन्होंने AAIB की जांच प्रक्रिया की भी सराहना करते हुए कहा, “ब्लैक बॉक्स को सुरक्षित निकालने और उसका डेटा डिकोड करने का कार्य पहली बार पूरी तरह भारत में किया जा रहा है। यह एक पारदर्शी जांच है।” उन्होंने यह भी कहा कि जांच में सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन किया गया है। इससे पहले नागर विमानन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने विमान दुर्घटना पर एएआईबी की रिपोर्ट को लेकर कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट से निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता क्योंकि पायलटों की बातचीत बहुत संक्षिप्त थी। हादसे में भारी जनहानि यह भीषण दुर्घटना अहमदाबाद के मेघानीनगर इलाके में हुई जहां विमान BJ मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स क्वार्टर्स पर गिरा। विमान में सवार 242 यात्रियों और क्रू में से केवल एक व्यक्ति जीवित बचा। जमीन पर कॉलेज से जुड़े नौ छात्रों और उनके परिजनों समेत कई लोगों की जान गई।  

सीएम योगी ने कहा- बलरामपुर में धर्मांतरण की साजिश की गई, धर्मांतरण कराने वालों को बख्शा नहीं जाएगा

बलरामपुर  उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण के एक बड़े मामले का खुलासा हुआ है, जिसमें जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को गिरफ्तार किया गया है। छांगुर बाबा पर अलग-अलग वर्गों और जातियों के लोगों का अवैध तरीके से धर्म परिवर्तन कराने के आरोप लगे हैं। इस मामले में अब एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बलरामपुर में सुनियोजित ढंग से धर्मांतरण की साजिश रची गई थी, लेकिन सरकार ने इस पर तत्काल और सख्त कार्रवाई की है। धर्मांतरण कराने वालों को बख्शा नहीं जाएगा– सीएम योगी सीएम योगी ने कहा, “बलरामपुर में धर्मांतरण की साजिश की गई। आरोपी ने धर्मांतरण के लिए अलग-अलग रेट तय किए थे। धर्मांतरण कराने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इन लोगों का मकसद देश के सामाजिक और सांस्कृतिक स्वरूप को बिगाड़ना है। सरकार ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है।” मुख्यमंत्री ने बताया कि छांगुर बाबा ने हिंदू, ब्राह्मण, क्षत्रिय, सिख, ओबीसी, अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों के धर्मांतरण के लिए अलग-अलग दरें तय कर रखी थीं। इस काम के लिए विदेशों से बड़ी मात्रा में फंडिंग भी की जा रही थी। 100 करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन और 40 बैंक अकाउंट  सीएम योगी ने आगे कहा कि “आप सोचिए, अब तक उसके 40 बैंक खातों में 100 करोड़ रुपये से अधिक का ट्रांजेक्शन सामने आया है। वह लगातार इस धर्मांतरण अभियान को बढ़ावा दे रहा था। ये देश के स्वरूप को बिगाड़ने की कोशिश है।” सीएम योगी ने यह भी कहा कि समय भले बदल गया हो, लेकिन ऐसे लोगों का उद्देश्य वही है – भारत की सामाजिक एकता और संस्कृति को नुकसान पहुंचाना। हालांकि, अब सरकार पूरी तरह सतर्क है और ऐसी किसी भी साजिश को कामयाब नहीं होने देगी। सरकार की सख्त चेतावनी उत्तर प्रदेश सरकार ने साफ संकेत दिया है कि अवैध धर्मांतरण कराने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।