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कलेक्टर नेहा ने मारव्या पत्रकारों के बिना अनुमति कलेक्ट्रेट में प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया था, अब लिया यू-टर्न

डिंडौरी कलेक्टर नेहा मारव्या ने सोमवार की देर रात एक आदेश जारी किया जिसमें पत्रकारों के बिना अनुमति कलेक्ट्रेट में प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया था। यह आदेश इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हो गया और पत्रकारों समेत तमाम लोग विरोध करने लगे। कांग्रेस ने तो इसे अघोषित आपातकाल बता दिया। इसके बाद कलेक्टर को 12 घंटे के अंदर ही यू टर्न तो लेना पड़ा। लेकिन जो संशोधित आदेश जारी हुआ है, उस पर भी राजनीतिक दल के पदाधिकारी सवाल उठा रहे हैं।   आदेश के बाद भारी विरोध का शुरू हुआ कलेक्टर द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत कलेक्ट्रेट परिसर में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है। आदेश में यह स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि परिसर में चार या उससे अधिक व्यक्तियों का एक साथ प्रवेश नहीं हो पाएगा। एक साथ एकत्रित होने, सभा, धरना, घेराव, नारेबाजी करने के साथ पत्रकारों द्वारा आगंतुक से साक्षात्कार भी नहीं लिया जा सकेगा। बिना अनुमति पत्रकारों का कार्यालय में प्रवेश के साथ साक्षात्कार भी प्रतिबंधित रहेगा। इस आदेश के बाद भारी विरोध का शुरू हुआ।   कांग्रेसी विधायक ने इसे आपात कालीन स्थिति बताई डिंडौरी से कांग्रेसी विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने इसे आपातकालीन स्थिति बताई। उन्होंने कहा कि यह तुगलकी फरमान है। इससे प्रदेश सरकार की मंशा जाहिर होती है। इस आदेश को लेकर लोगों ने इंटरनेट मीडिया में जमकर भड़ास निकाली। कलेक्टर को तुरंत बैकफुट में आना पड़ा और उन्होंने मंगलवार की सुबह 10 बजे से पहले ही दूसरा संशोधित आदेश जारी कर दिया। लेकिन पत्रकार संगठनों में अभी भी नाराजगी देखी जा रही है। वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल हुआ बताया गया कि डिप्टी कलेक्टर वैद्यनाथ वासनिक द्वारा पिछले मंगलवार को जन सुनवाई के दौरान आदिवासी महिलाओं के साथ अभद्रता की गई थी। उसका वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल हुआ। इससे प्रशासन की जमकर फजीहत हुई थी। इसी के चलते इस तरह का आदेश कलेक्टर ने जारी किया। इस आदेश को लेकर जिला प्रशासन ने भोपाल स्तर से निर्देश मिलने की बात जारी करना बताया, लेकिन जिले में विरोध का क्रम जारी है। इंडियन नेशनल कांग्रेस सहित कांग्रेस के बड़े नेताओं ने भी संबंधित आदेश को बहु प्रसारित कर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

‘जनता चाहती है नया नाम’ – पुरानी दिल्ली स्टेशन को लेकर सीएम रेखा गुप्ता ने दी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली  दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग की है। उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर कहा है कि पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम 'महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन' किया जाए। डॉक्टर्स डे के अवसर पर दिल्ली मेडिकल फोरम के डॉक्टर्स ने मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से दिल्ली सचिवालय में मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग पर बयान दिया। दिल्ली के सीएम ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, "समाज के लोगों ने गुजारिश की थी, जिसके बाद हमने उनकी मांग के मद्देनजर पत्र रेल मंत्री को भेजा है, बाकी ये निर्णय उनका होगा।" साथ ही, रेखा गुप्ता ने डॉक्टर्स डे की बधाई दी। उन्होंने कहा, "मैं डॉक्टर्स डे पर देश और दुनिया भर के सभी डॉक्टरों को तहे दिल से बधाई देती हूं। सभी को मिलकर उत्कृष्ट चिकित्सा बुनियादी ढांचा और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं विकसित करनी चाहिए और दिल्ली को मेडिकल हब बनाना चाहिए।" बता दें कि सीएम रेखा गुप्ता ने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग को लेकर ये पत्र बीते महीने जून में लिखा था। उन्होंने रेल मंत्री को लिखे इस पत्र में कहा था, "मैं आपसे विनम्र अनुरोध करती हूं कि पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम महाराजा अग्रसेन के सम्मान में बदलने पर विचार करें। महाराजा अग्रसेन सामाजिक न्याय, आर्थिक दूरदर्शिता और सामुदायिक कल्याण के प्रतीक हैं। उनके अनुयायी और वंशज दिल्ली के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन करने से उनके अमर योगदानों को सम्मान मिलेगा और यह दिल्ली के लाखों निवासियों की भावनाओं को गहराई से छुएगा। इस प्रस्ताव पर अपने मंत्रालय द्वारा शीघ्र और सकारात्मक विचार के लिए आपका व्यक्तिगत हस्तक्षेप अत्यंत सराहनीय होगा।"

भारत की समुद्री विरासत अमिट है, नौसेना प्रमुख ने कहा, समुद्र हमारी ताकत है

नई दिल्ली  भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने भारत की प्राचीन समुद्री विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत की पहचान एक समुद्री राष्ट्र की रही है। उन्होंने कहा कि लगभग 6000 वर्ष पूर्व हड़प्पा कालीन लोथल जैसे बंदरगाह शहरों से लेकर आज तक, भारत की पहचान एक समुद्री राष्ट्र की रही है। गौरतलब है कि हड़प्पा कालीन लोथल एक प्रमुख बंदरगाह शहर था, जो सिंधु घाटी सभ्यता का हिस्सा था। यह गुजरात में स्थित है और इसे दुनिया का सबसे पुराना ज्ञात डॉकयार्ड माना जाता है। नौसेना प्रमुख, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रोहतक के पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम के इंडक्शन और ओरिएंटेशन समारोह को संबोधित कर रहे थे। यहां उन्होंने गर्व के साथ कहा, “भारत समुद्री राष्ट्र था, है और रहेगा।” उन्होंने बताया कि भारत का 95 प्रतिशत व्यापार समुद्री मार्गों से होता है और 99 प्रतिशत वैश्विक इंटरनेट डेटा समुद्र के नीचे बिछाए गए केबल्स से गुजरता है। ऐसे में ‘विकसित भारत 2047’ के सपने को साकार करने में समुद्री शक्ति की अहम भूमिका होगी। उन्होंने भारत के अतीत, वर्तमान और भविष्य में समुद्र के सामरिक महत्व को रेखांकित किया। नौसेना द्वारा हाल में किए गए राहत अभियानों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे पश्चिम एशिया के संकट में भारतीय नौसेना ने 400 से अधिक जानें बचाईं और 5.3 अरब डॉलर से अधिक के माल को सुरक्षित किया। उन्होंने डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के शब्दों “सपना देखो, साहस करो और उसे साकार करो” के साथ यहां छात्रों को प्रेरित किया। आईआईएम रोहतक के इस इंडक्शन और ओरिएंटेशन समारोह में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी मुख्य अतिथि थे। इस कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा समेत फैकल्टी सदस्य भी मौजूद रहे। इस वर्ष 1 जुलाई से पीजी बैच के 329 छात्रों और 8 शोधार्थियों ने नया शैक्षणिक सफर आरंभ किया है। इस अवसर पर छात्रों से किताबों से बाहर निकलकर व्यवहारिक ज्ञान अर्जित करने की अपील की गई। छात्रों को अनुशासन, दृढ़ता, फोकस, आत्मप्रेरणा जैसी गुणों को अपनाने पर कहा गया। आईआईएम रोहतक के निदेशक प्रोफेसर धीरज शर्मा ने संस्थान के विजन को स्पष्ट करते हुए कहा कि यहां प्रबंधन की शिक्षा को अनुशासन, उद्देश्य और राष्ट्रीय सेवा से जोड़ा जाता है। उन्होंने केस-आधारित शिक्षण पद्धति, ग्रामीण सहभागिता कार्यक्रम, इंडस्ट्री इंटरफेस और योग व समग्र स्वास्थ्य पर बल दिया। इस मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल बलबीर सिंह संधू (सेवानिवृत्त) भी मौजूद रहे। उन्होंने नेतृत्व के मूलभूत गुणों – साहस, अनुशासन और चरित्र – पर जोर दिया। उन्होंने सेना के अनुभवों से उदाहरण देते हुए छात्रों को बताया कि विपरीत परिस्थितियों में नेतृत्व कैसे निभाया जाता है। नेतृत्व केवल पद से नहीं बल्कि कर्म और उदाहरण से परिभाषित होता है। कार्यक्रम में दो पैनल चर्चाएं भी हुईं – “वर्तमान व्यापार परिदृश्य में प्रबंधन स्नातकों से अपेक्षित क्षमताएं” और “एआई युग में नेतृत्व”, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। इसके अलावा, “भारतीय सशस्त्र बलों का योगदान: राष्ट्रीय सुरक्षा और गौरव के स्तंभ” विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में देश भर के शोधार्थियों ने भाग लिया। चार विजेताओं को 10,000 रुपए से 25,000 रुपये तक के नकद पुरस्कार प्रदान किए गए। यहां निदेशक प्रोफेसर धीरज शर्मा की नवीनतम पुस्तक “पावर ऑफ मूवीज” का विमोचन भी किया गया। प्रोफेसर शर्मा ने बताया कि कैसे सिनेमा जीवन की विविधताओं और सामाजिक बदलावों को दर्शाता है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे फिल्मों के माध्यम से मानवीय भावनाओं और सामाजिक संरचनाओं को समझने का प्रयास करें।

ईको पर्यटन विकास बोर्ड द्वारा 5 दिवसीय खानसामा एवं आतिथ्य सत्कार प्रशिक्षण संपन्न

भोपाल  मध्यप्रदेश ईको पर्यटन विकास बोर्ड द्वारा 5 दिवसीय खानसामा एवं आतिथ्य सत्कार प्रशिक्षण कार्यक्रम होटल प्रबंधन संस्थान भोपाल में सम्पन्न हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम में ईको पर्यटन गंतव्य स्थलों पर कार्यरत समिति के सदस्यों ने भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कठौतिया, समरधा, सतधारा, मगरपाठ, बोदाखो, कुकरू, चारखेड़ा, रानेहफाल, खिवनी और उमरियाखेड़ा ईको पर्यटन स्थलों से आये कुल 22 समिति सदस्यों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक ईको पर्यटन विकास बोर्ड डॉ. श्रीमती समिता राजौरा ने बताया कि आईएचएम के अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को लाइव खाना बनाकर सिखाया गया एवं आतिथ्य सत्कार के बारे में भी जानकारी दी गयी। साफ-सफाई, हाउस क्लीनिंग, सर्विंग और एटीकेट्स के बारे में भी बताया गया। प्रशिक्षण के बाद मुख्य कार्यपालन अधिकारी ईको पर्यटन विकास बोर्ड डॉ. श्रीमती राजौरा, प्राचार्य आईएचएम भोपाल डॉ. रोहित सरीन द्वारा समस्त प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र भी प्रदान किये गये।  

SBI की ताकत बढ़ी, बैलेंस शीट ने पीछे छोड़े 175 देश, जानें कितना पहुंचा आंकड़ा

नई दिल्ली देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मंगलवार को कहा कि वर्तमान में उसका वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 1.1 प्रतिशत और भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 16 प्रतिशत योगदान है। साथ ही, बैंक ने बताया कि सभी सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के कार्यान्वयन में अब बैंक की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से अधिक हो गई है। बैंक ने बताया कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) में एसबीआई ने 15 करोड़ खाते खोले हैं, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के तहत 14.6 करोड़ लोगों का पंजीकरण किया है। वहीं, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के तहत 6.7 करोड़ और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) में 1.73 करोड़ लोगों को नामांकित किया है। एसबीआई के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में बैंक का सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के लाभ में 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। वहीं, कॉर्पोरेट आयकर (वित्त वर्ष 2026) में 2.53 प्रतिशत का योगदान था। बैंक ने कहा कि अगर एसबीआई देश होता तो 52 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों के साथ अमेरिका की आबादी से भी बड़ा और पृथ्वी पर तीसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश होता। वहीं, एसबीआई की बैलेंस शीट का आकार 175 देशों की जीडीपी से भी अधिक है। देश के सबसे बड़े वित्तीय संस्थान की बैलेंस शीट अपने संचालन के 70वें वर्ष में 66 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। बैंक के अनुसार, एसबीआई योनो ऐप पर ग्राहकों के पंजीकरण की संख्या 8.8 करोड़ तक पहुंच गई है और यह संख्या बढ़ती जा रही है। एसबीआई के 70 साल पूरा होने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंक को बधाई देते हुए कहा, "23,000 से अधिक ब्रांच, 78,000 कस्टमर सर्विस पॉइंट्स (सीएसपी) और 64,000 एटीएम के साथ आज एसबीआई की स्थिति बहुत अच्छी है और यह वास्तव में हर भारतीय का बैंक है।" वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दशक में बैंक द्वारा डिजिटल परिवर्तन ग्राहकों के लिए बेहद फायदेमंद रहा है। बैंक ने 1.5 करोड़ किसानों, महिलाओं द्वारा संचालित 1.3 करोड़ स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), पीएम स्वनिधि योजना के तहत 32 लाख स्ट्रीट वेंडर्स, 23 लाख एमएसएमई और विभिन्न योजनाओं के तहत लाखों कारीगरों को सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बैंक के पास 15 करोड़ से अधिक जन धन खाते, 14.65 करोड़ पीएम सुरक्षा बीमा योजना, 1.73 करोड़ अटल पेंशन योजना और 7 करोड़ पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना के लाभार्थी हैं।"

प्रबंध संचालक ने भोपाल शहर की विद्युत व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर दिए जरूरी निर्देश

भोपाल  मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने भोपाल शहर अंतर्गत विद्युत संबंधी प्रबंध संचालक श्री क्षितिज सिंघल ने मंगलवार को राजधानी भोपाल के साकेत नगर तथा बरखेड़ा पठानी क्षेत्रों में निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने उपभोक्ता हितों में किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली तथा रखरखाव कार्य को समय पर करने के निर्देश दिए। प्रबंध संचालक श्री सिंघल ने विद्युत हानि कम करने तथा बारिश के दौरान होने वाले विद्युत व्यवधान को लेकर अधिकारियों से चर्चा की तथा उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने उपभोक्ताओं की सुविधा को देखते हुए फ्यूज ऑफ कॉल (विद्युत अवरोध को दूर करना) समय पर अटेण्ड करने के निर्देश दिए हैं। प्रबंध संचालक ने कहा है कि कंपनी के समस्त मैदानी अधिकारी अथवा कार्मिक अपने मोबाईल फोन को 24 घंटे चालू रखें और उपभोक्ताओं के आने वाले फोन अटेंड करें। बिजली उपभोक्ताओं को किसी तरह की परेशानी न हो। प्रबंध संचालक ने कॉल सेन्टर 1912, व्हाट्सएप चैटबोट तथा स्थानीय वाट्सएप ग्रुप एवं अन्य माध्यम से प्राप्त होने वाली विद्युत संबंधी शिकायतों का तत्काल समाधान करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर के फायदे बताते हुए उनकी शंकाओं का समाधान करने के भी  निर्देश दिए।  

पिछले दस साल में पीएम मोदी की सबसे लंबी राजनयिक यात्रा, आठ दिन में पांच देशों की यात्रा करेंगे

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ दिनों के डिप्लोमैटिक दौरे पर रवाना हो रहे हैं। इस दौरान वह पांच देशों की यात्रा करेंगे। पीएम मोदी का यह दौरा दो जुलाई से नौ जुलाई तक चलेगा। पिछले दस साल में यह पीएम मोदी की सबसे लंबी राजनयिक यात्रा होने जा रही है। इसकी शुरुआत घाना से होगी, जिसमें दक्षिण अमेरिकी, कैरेबियाई और अफ्रीकी देशों पर पर फोकस रहेगा। विदेश मंत्रालय के मुताबिक घाना के बाद प्रधानमंत्री मोदी कैरेबियाई देश त्रिनिनाद और टोबैगो और वहां से अर्जेंटीना जाएंगे। अर्जेंटीना के बाद नरेंद्र मोदी ब्राजील जाएंगे, जहां वो 17वें ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस यात्रा का आखिरी पड़ाव नामीबिया होगा। देश के हिसाब से पीएम मोदी की यात्रा का ऐसा है एजेंडा घाना प्रधानमंत्री बनने के बाद 10 साल में यह पहली बार होगा जब नरेंद्र मोदी घाना जा रहे हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि पिछले 30 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली घाना यात्रा होगी। यहां पर पीएम मोदी वैक्सीन हब जाएंगे। इसके बाद वह घाना की संसद को संबोधित करेंगे। त्रिनिदाद और टोबैगो त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा पर पीएम मोदी विशेष आमंत्रण पर जा रहे हैं। पिछले 25 साल में यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यहां की यात्रा पर जा रहा है। उम्मीद है कि यहां पर भी वह संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। अर्जेंटीना अपने राजनयिक दौरे के तीसरे देश के रूप में पीएम मोदी अर्जेंटीना जाएंगे। यहां पर भी वह अर्जेंटीनी राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के आमंत्रण पर जा रहे हैं। इस दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा लेंगे। दोनों के बीच रक्षा, कृषि, खनन, तेल और गैस, व्यापार व निवेश पर बातचीत होगी। ब्राजील अर्जेंटीना के बाद पीएम मोदी ब्रिक्स 2025 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्राजील जाएंगे। पीएम मोदी की यह चौथी ब्राजील यात्रा होगी। इस दौरान पीएम मोदी आतंकवाद को लेकर अपनी चिंता जाहिर करेंगे। साथ ही वह पाकिस्तान प्रायोजित पहलगाम हमले पर भी बात करेंगे, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। नामीबिया यात्रा का अंतिम चरण नामीबिया में होगा, जो 27 वर्षों में एक भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा भी होगी। अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी राष्ट्रपति से मिलेंगे और नामीबिया की संसद को संबोधित करेंगे। इस यात्रा का एक मेन फोकस यहां पर भारत के यूपीआई को नामीबिया में लागू करने के लिए एक समझौता होगा। यह निर्णय भारत की डिजिटल भुगतान पहल का हिस्सा है। यूपीआई भूटान, मॉरिशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका, फ्रांस और यूएई में पहले से ही सक्रिय है।  

विरुधुनगर में बड़ा हादसा! पटाखा फैक्ट्री विस्फोट में 5 लोगों की मौत

विरुधुनगर  तमिलनाडु के विरुधुनगर में एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ है। इस घटना में अब तक 5 लोगों की मौत होने की जानकारी है, जबकि 3 अन्य की हालत गंभीर बताई जा रही है। विरुधुनगर जिले के शिवकाशी के पास चिन्नाकमपट्टी में गोकुलेश पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार को ये धमाका हुआ। धमाका इतना भयंकर था कि पूरा मकान ध्वस्त हो गया। इस घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस और रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंचीं और घायलों को बाहर निकाला। घटनास्थल से आई तस्वीरों में चारों ओर बिखरा मलबा बिखरा दिखा। शिवकाशी और सत्तूर से अग्निशमन और बचाव दल घटनास्थल पर बचाव कार्य में लगे हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए शिवकाशी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल 5 लोगों के मरने की जानकारी सामने आ चुकी है। फैक्ट्री के कर्मचारी गोकुलेश पटाखा फैक्ट्री में नियमित काम कर रहे थे, तभी फैक्ट्री में शक्तिशाली विस्फोट हुआ। विस्फोट से परिसर के कई कमरे जलकर राख हो गए। अधिकारियों ने बताया कि पटाखा बनाते समय विस्फोट हुआ, कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। हालांकि सटीक कारण का अभी पता नहीं चल पाया है। मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है। तमिलनाडु में शिवकाशी को भारत में पटाखा उद्योग के केंद्र के रूप में जाना जाता है। पटाखों का 90 प्रतिशत उत्पादन यहीं से होता है। शिवकाशी में लगभग 8 हजार कारखाने चल रहे हैं, जिनमें लाखों लोग काम करते हैं। भले ही यहां सुरक्षा प्रोटोकॉल अच्छी तरह से स्थापित हैं, लेकिन अक्सर लाइसेंस प्राप्त कारखानों की ओर से इनका उल्लंघन किया जाता है। शिवकाशी में पहले भी कई ऐसी दुखद घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे क्षेत्र की सुरक्षा मानकों और विनियामक निगरानी पर सवाल उठते रहे हैं। पिछले साल शिवकाशी में ही इसी तरह का विस्फोट हुआ था, जिसमें 10 लोग मारे गए थे।

आयुक्त जनसम्पर्क ने संचालनालय में किया पौध-रोपण

भोपाल  आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. सुदाम खाड़े ने मंगलवार को जनसम्पर्क संचालनालय परिसर में 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत पौधरोपण किया। उन्होंने अशोक और गुलमोहर का पौधा लगाया। इस अवसर पर जनसम्पर्क के स्टाफ ने आयुक्त जनसम्पर्क को उनके जन्मदिवस के अवसर पर बधाई दी। इस दौरान अपर संचालक श्री जी.एस. वाधवा, अपर संचालक श्री संजय जैन एवं विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।  

मंत्री राकेश सिंह की अगुवाई में ऐतिहासिक पौधरोपण महाअभियान का शुभारंभ किया

लोक निर्माण विभाग ने एक दिन में लगाए 2 लाख से अधिक पौधे पौधारोपण स्थल की जियोमैपिंग कर सैटेलाइट से की जायेगी मॉनिटरिंग पौधों के विकास की निगरानी का अभिनव प्रयोग भोपाल  हरित मध्यप्रदेश की परिकल्पना को साकार करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने मंत्री श्री राकेश सिंह की अगुवाई में ऐतिहासिक पौधरोपण महाअभियान का शुभारंभ किया। इस एक दिन में विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में 2 लाख से अधिक पौधों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक कीर्तिमान स्थापित किया है, जो सतत विकास और हरियाली के प्रति विभाग की सशक्त प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भोपाल में आयोजित मुख्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने कहा की “पौधरोपण सिर्फ औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ, सुरक्षित और समृद्ध भविष्य देने का हमारा दृढ़ संकल्प है।” उन्होंने कहा कि प्रारंभ में जहाँ 1 लाख पौधों का लक्ष्य रखा गया था, वहीं विभाग के अधिकारियों और इंजीनियरों की प्रतिबद्धता, समर्पण और उत्साह के चलते यह संख्या बढ़कर 2 लाख से अधिक पौधों तक पहुँच गई। यह केवल एक आंकड़ा नहीं बल्कि हरित मध्यप्रदेश की दिशा में एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक उपलब्धि है जो सामूहिक प्रयासों की शक्ति को दर्शाती है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि इस पौधारोपण को वैज्ञानिक पद्धति से जोड़ा गया है। प्रत्येक पौधे की सैटेलाइट मॉनिटरिंग की योजना बनाई गई है, जिसमें अहमदाबाद स्थित भास्कराचार्य संस्थान का सहयोग प्राप्त हो रहा है। इसके माध्यम से पौधों की वृद्धि और संरक्षण की डिजिटल निगरानी सुनिश्चित की जा सकेगी। यह वृक्षारोपण सड़क किनारे, विभागीय भवन परिसरों, तालाबों एवं सार्वजनिक स्थलों पर किया गया है, जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में हरियाली को बढ़ावा मिलेगा। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘हरित भारत’ के संकल्प और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पर्यावरण-अनुकूल विकास के विजन ने मध्यप्रदेश में वृक्षारोपण और प्रकृति संरक्षण को एक जनआंदोलन का रूप दिया है। उन्होंने कहा कि आज जब पूरी दुनिया पर्यावरण संकट से जूझ रही है, ऐसे समय में यह पहल प्रेरक उदाहरण बनेगी। उन्होंने आमजन, विभागीय अधिकारियों, अभियंताओं और उनके परिवारों से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करने का आह्वान किया। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि लोक निर्माण विभाग अब केवल भौतिक संरचनाओं के निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि जल संरक्षण, हरित तकनीकों के उपयोग और पारिस्थितिकी संतुलन को अपनी कार्यशैली में प्राथमिकता दे रहा है। उन्होंने कहा कि “लोक निर्माण से लोक कल्याण” केवल एक नारा नहीं है, बल्कि विभाग की मूल कार्यनीति है, जिसमें अब पर्यावरणीय संतुलन को अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि विकास की तेज़ रफ्तार के साथ प्रकृति का संरक्षण अब प्रत्येक अभियंता और अधिकारी की सामूहिक जिम्मेदारी है। इसी दृष्टिकोण से विभाग ने ‘लोक कल्याण सरोवर’ योजना की शुरुआत की है, जिसके अंतर्गत सड़क निर्माण में उपयोग हुई मिट्टी का युक्तियुक्त उपयोग करते हुए स्थायी जल संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इन सरोवरों को विज्ञानसम्मत ढंग से डिज़ाइन किया गया है तथा उनका सौंदर्यीकरण, वृक्षारोपण, सूचना पटल और जियो-टैगिंग की जा रही है। इस योजना के तहत 500 लोक कल्याण सरोवर बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि विभाग ने सड़क किनारे रिचार्ज बोर निर्माण की पहल भी शुरू की है, जिससे वर्षा जल को भूगर्भ तक पहुँचाकर ग्राउंडवाटर रिचार्ज किया जा सकेगा।वर्तमान और निर्माणाधीन फ्लाईओवर और आरओबी में वर्षा जल संचयन के लिए आवश्यक निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि आने वाले वर्षों में इस अभियान को और अधिक व्यापक बनाया जाएगा तथा हर परियोजना में प्रकृति का समावेश सुनिश्चित किया जाएगा। विधायक श्री भगवानदास सबनानी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में शिक्षाविद एवं सलाहकार समिति सदस्य श्री विक्रांत सिंह तोमर, सलाहकार समिति सदस्य श्री अजय के जैन सहित प्रमुख अभियंता शामिल थे। प्रदेशभर से लोक निर्माण विभाग के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।