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ट्रंप के फैसले से वैश्विक संकट? रिपोर्ट में दावा– 2030 तक करोड़ों की जान जा सकती है

वॉशिंगटन/न्यूयॉर्क अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में विदेशी मानवीय सहायता में की गई जबरदस्त कटौती ने पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल The Lancet में प्रकाशित एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर अमेरिका ने विदेशी सहायता में मौजूदा स्तर की कटौती जारी रखी, तो साल 2030 तक दुनियाभर में 1.4 करोड़ अतिरिक्त मौतें हो सकती हैं। हर साल लाखों बच्चों की जान पर संकट रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इस अनुमानित मौतों में से करीब 45 लाख मौतें 5 साल से कम उम्र के बच्चों की हो सकती हैं। यानी हर साल औसतन 7 लाख मासूमों की जान जा सकती है – वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि दुनिया की सबसे बड़ी ताकत ने अपना मानवीय समर्थन पीछे खींच लिया है। USAID की योजनाएं 80% तक रद्द, सबसे ज्यादा असर गरीब देशों पर ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका की विकास सहायता एजेंसी USAID की 80% से अधिक योजनाएं रद्द कर दी हैं, जिससे अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के गरीब व मध्यम आय वर्ग के देशों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस कटौती की पुष्टि की थी। रिपोर्ट की बड़ी चेतावनी   The Lancet की रिपोर्ट के सह-लेखक और ग्लोबल हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. डेविड रासेला ने कहा, “इतने बड़े पैमाने पर सहायता में कटौती का असर किसी महामारी या युद्ध जैसा विनाशकारी हो सकता है। इससे दो दशकों की प्रगति एक झटके में रुक सकती है।”   भूख और कुपोषण से हाहाकार कटौती का सीधा असर उन देशों पर पड़ा है, जहां पहले से ही संसाधनों की भारी कमी है। केन्या के काकुमा शरणार्थी कैंप में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि बच्चे भूख से तड़प रहे हैं। एक रिपोर्ट में एक बच्ची का ज़िक्र किया गया है जिसकी हालत इतनी गंभीर थी कि वह हिल भी नहीं पा रही थी, और उसकी त्वचा गिरने लगी थी। UN की चेतावनी  संयुक्त राष्ट्र (UN) ने भी ट्रंप प्रशासन की इस नीति को लेकर गहरी चिंता जताई है। अधिकारियों का कहना है कि यह स्थिति एक "गंभीर मानवीय आपदा" जैसी है, जिसमें लाखों लोगों की जानें जोखिम में हैं।  

कलेक्टर ने आमजनों की सुनी समस्याएं, गंभीरतापूर्वक निराकरण के दिए निर्देश

एमसीबी कलेक्टर डी. राहुल वेंकट ने आज कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनदर्शन के माध्यम से आम नागरिकों की समस्याओं को सुना। जिले के ग्रामीण जन और नागरिकों ने जनदर्शन में अपनी छोटी-बड़ी समस्याओं को सीधे कलेक्टर के समक्ष रखा। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को प्राप्त सभी आवेदनों को प्राथमिकता के साथ शीघ्रता से समय-सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। जनदर्शन में कुल 29 आवेदन प्राप्त हुए। आवेदक सरिता निवासी मंगोरा आंगनबाड़ी सहायिका में नियमों के विपरित नियुक्ति करने के संबंध में, देवकली निवासी नागपुर स्वत्व भुगतान के संबंध में, मुख्तार निवासी डोमनापारा भूमि के संबंध में, कमलेश्वर सारथी निवासी चिरमिरी आत्मादाह के लिए बाध्य होने के संबंध में, विजेन्द्र सिंह, मुन्नी बाई, केवल सिंह निवासी बाही सचिव को अविलम्ब हटाये जाने के संबंध में, रघुनाथ निवासी बोरीडांड भूमि के संबंध में, धरम दास निवासी पोड़ी आगे की शिक्षा प्राप्त करने हेतु अनुमति के संबंध में, राहुल गायकवाड़ निवासी कमलडांड शासकीय आवागमन रास्ते को क्षतिग्रस्त करने के संबंध में, हिरदन सिंह निवासी धवलपुर पट्टा निरस्त करने के संबंध में, रामनरेश तिवारी वेतन वृद्धि स्वीकृत करने के संबंध में, तारामणी निवासी उजियारपुर पीएम आवास का अंतिम किस्त प्रदान करने के संबंध में, रामबाई निवासी जामपारा पीएम आवास की राशि में गड़बड़ी करने के संबंध में, अर्चना निवासी साल्ही नामांतरण के संबंध में, सीताशरण निवासी उजियारपुर आवारा पशुओं को सुरक्षित करने के संबंध में, उदय सिंह निवासी महाई भूमि के संबंध में, यशोदा निवासी फुनगा भूमि के संबंध में, अदिति यादव निवासी मनेन्द्रगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियुक्ति के देरी के संबंध में, अंजु उर्मलिया निवासी खोंगापानी स्वच्छता व्यव्स्था की घोर उपेक्षा के संबंध में, गौरी निवासी चनवारीडांड भूमि के संबंध में, अजीजा खातून निवासी मनेन्द्रगढ़ भूमि के संबंध में, बुद्धिराम नाहक, भगवान निवासी चिरमिरी राशन दुकानों में हो रही अनिमिततों के संबंध में, पवन निवासी मनेन्द्रगढ़ नौकरी वापस दिलाने के संबंध में, सुखराम निवासी भुकभुकी भूमि के संबंध में, शुभम फ्लाई एस आबंटित प्लाट में अतिक्रमण कर्ता के विरूद्ध कार्यवाही न करते हुए अभिन्यास पुनरीक्षण के संबंध में, दिप्ति अग्रवाल निवासी मनेन्द्रगढ़ शिकायत दर्ज कर उचित कार्यवाही किये जाने के संबंध में, अनुपा राय निवासी पेन्ड्री भूमि के संबंध में, द्वारिका सिंह निवासी धवलपुर भूमि के संबंध में, समस्त वार्ड पंच निवासी साल्ही सचिव को अविलम्ब हटाये जाने के संबंध में, दूजेराम कुर्रे निवासी मनवारी राशन वितरण में गड़बड़ी करने के संबध में अपना शिकायत लेकर आये थे। कलेक्टर ने प्राप्त सभी आवेदनों को पूरी गंभीरता से सुनते हुए संबंधित विभागों को उचित कार्यवाही करते हुए त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए।

लोकार्पण: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का काफिला जनता के उत्साह ने रोका, पैदल चलकर स्वीकार किया अभिवादन

गोरखपुर आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण कार्यक्रम से लौटते समय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का काफिला उस समय रुक गया। जब असुरन चौक पर भारी संख्या में लोग उनका स्वागत करने के लिए जुट गए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जब वापस लौट रही थीं, तभी लोगों का उत्साह देख वह खुद को रोक नहीं पाईं। उन्होंने गाड़ी से उतरकर जनता का अभिवादन स्वीकार किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ थे। राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को अचानक अपने बीच देखकर लोग और ज्यादा उत्साहित हो गए। राष्ट्रपति ने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया और कुछ कदम पैदल भी चलीं। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे, लेकिन लोगों का जोश देखते ही बन रहा था। दरअसल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को यूपी को पहले आयुष विश्वविद्यालय की सौगात दी। गोरखपुर में 52 एकड़ में स्थापित गुरु गोरक्षनाथ आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण करने के बाद उन्होंने कहा कि आयुष विश्व में भारत का डंका बजा रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य को संपदा बताते हुए इसे ठीक रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत 2047 तक विकसित हो, इसके लिए हमें भी आज से ही प्रयास करना होगा। शैक्षणिक, चिकित्सा समेत यह संस्था भी इसका माध्यम बनेगी। राष्ट्रपति ने महायोगी गुरु गोरखनाथ की पवित्र धरती को नमन करते हुए अपनी बात शुरू की। उन्होंने कहा कि गुरु गोरखनाथ के बारे में कहा गया है कि आदि गुरु शंकराचार्य के बाद इतना प्रभावशाली महापुरुष भारत में दोबारा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर स्थापित यह विश्वविद्यालय समृद्ध, प्राचीन परंपराओं का नवनिर्मित व प्रभावशाली आधुनिक केंद्र है। यह उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में मेडिकल एजुकेशन व चिकित्सा सेवा के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। इस विश्वविद्यालय से संबद्ध लगभग 100 आयुष कॉलेज उत्कृष्टता से लाभान्वित हो रहे हैं। आयुष पद्धतियों में स्नातक से लेकर उच्चतम उपाधियों के स्तर पर भी शिक्षण एवं शोध कार्य किया जाएगा। यहां आयुष पद्धति से जुड़े रोजगारपरक पाठ्यक्रमों की शिक्षा दी जाएगी। पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विश्वस्तरीय व स्वीकार्य बनाने के लिए शोध कार्य पर विशेष बल दिया जाएगा। राष्ट्रपति ने की योगी के परिश्रम को सराहा राष्ट्रपति ने यूपी के प्रथम आयुष विश्वविद्यालय की उत्कृष्ट परिकल्पना व निर्माण को दिशा-गति प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति ने अथक शब्द की चर्चा की, उन्होंने बताया कि अथक मतलब थकना मना है। दिन रात परिश्रम करना पड़ेगा। निद्राजीत बनना है। डॉक्टर कहते हैं कि छह से आठ घंटे सोना पड़ेगा, वरना शरीर साथ नहीं देगा, लेकिन सीएम आदित्यनाथ जैसे योगी कहते हैं कि निद्रा पर जय करने और खुद को शारीरिक व मानसिक सशक्त बनाने के लिए योग करना होगा। योग करने से आठ घंटे की नींद तीन घंटे में पूरी होगी। सीएम योगी का अथक परिश्रम और जनता के प्रति समर्पण भाव है। इस एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सुविधाएं जनता को समर्पित हैं।  

केंद्रीय मंत्री अठावले ने कहा- कक्षा पहली से छठवीं तक क्षेत्रीय भाषा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए

रायपुर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने मंगलवार सुबह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे। केंद्रीय मंत्री अठावले ने रायपुर के माना में स्थित स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत की। इस दौरान महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद को लेकर पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री अठावले ने कहा कि महाराष्ट्र में थ्री-लैंग्वेज पॉलिसी फॉर्मूले को लेकर विवाद था। हिंदी हमेशा से हमारी राष्ट्रीय भाषा रही है और हम इसका सम्मान करते हैं, लेकिन कुछ लोगों ने तर्क दिया कि मराठी स्कूलों में किसी अन्य भाषा को पढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है। मराठी लोगों ने इसका विरोध किया। हालांकि, देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने किसी भी आंदोलन से पहले ही हिंदी भाषा के अनिवार्य उपयोग के फैसले को रद्द कर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूलों में हिंदी को लागू करना चाहिए, लेकिन कक्षा पहली से छठवीं तक क्षेत्रीय भाषा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भी प्रतिक्रिया दी और कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का काम है तंज कसना, उनका मन सही नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक निर्णय जातिगत जनगणना को लेकर लिया गया है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि लंबे समय से इसकी मांग उठ रही थी, लेकिन जब उनकी सरकार थी, तब उन्होंने इस पर कोई निर्णय क्यों नहीं लिया? धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर मंत्री आठवले ने कहा कि प्रलोभन देकर और दबाव में धर्मांतरण सही नहीं है। अगर कोई अपनी स्वेच्छा से करना चाहे तो उन्हें अधिकार है लेकिन अगर दबाव में हो रहा है तो इस पर रोक लगनी चाहिए और इसकी पूरी जांच होनी चाहिए। पश्चिम बंगाल में भाजपा की फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी के दौरे के संदर्भ में आठवले ने कहा कि वहां अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि आगामी चुनाव में बंगाल में ममता बनर्जी की छुट्टी हो जाएगी और भाजपा की सरकार बनेगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के 7 जुलाई को प्रस्तावित छत्तीसगढ़ दौरे पर आठवले ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि लोकतंत्र में सभी को सभा करने का अधिकार है। खड़गे हमारे समाज से हैं और उनका स्वागत है।  

‘रानी’ ने रचा इतिहास! राजस्थान में एक साथ पांच बाघ शावकों का जन्म, देश में नया रिकॉर्ड

जयपुर राजस्थान के जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बाघिन ‘रानी’ ने एक साथ पांच शावकों को जन्म देकर देश में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। यह पहली बार है जब किसी बाघिन ने भारत में एक साथ पांच स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है। पार्क प्रशासन ने मंगलवार को शावकों के बाबत जानकारी साझा करते हुए इनके फोटो और वीडियो जारी किए हैं।  पार्क के सीनियर पशु चिकित्सक डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि बाघिन ‘रानी’ ने 27 अप्रैल 2025 को दो मादा और तीन नर शावकों को जन्म दिया था। दो माह के संरक्षण और देखभाल के बाद अब इन्हें मां रानी के साथ कराल (ओपन एनक्लोजर) में छोड़ा गया है, जहां वे मानसून के मौसम का आनंद ले रहे हैं। अब पार्क में आने वाले पर्यटक रानी और उसके नन्हें शावकों का दीदार कर सकेंगे। डॉ. माथुर ने बताया कि सभी शावकों को बीमारियों से बचाव के लिए वैक्सीनेट किया गया है। पहचान के लिए उनका लिंग परीक्षण भी किया गया, जिसमें एक सफेद और दो गोल्डन शावक नर हैं, जबकि शेष दो गोल्डन शावक मादा हैं। उन्होंने बताया कि शावकों को अब नियमित रूप से खुले कराल में मां के साथ रखा जाएगा ताकि वे प्राकृतिक परिवेश में खेलने, मिट्टी से संपर्क और सामाजिक व्यवहार को विकसित कर सकें। इससे उनकी शारीरिक और मानसिक ग्रोथ बेहतर होगी। अगस्त में इन्हें बूस्टर डोज भी दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि रानी ने इससे पहले 10 मई 2024 को तीन शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से एक की मृत्यु हो गई थी। शेष दो शावक आज भी पूरी तरह स्वस्थ हैं और पार्क में दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। बाघिन रानी और उसके शावकों की देखभाल के लिए पार्क प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए। गर्मी से राहत के लिए कलर स्प्रे, टाट की बोरियों, और विशेष आहार की व्यवस्था की गई। पार्क स्टाफ की सतत निगरानी में रानी और उसके सभी शावक स्वस्थ हैं।  

राजस्थान में मूसलाधार बारिश, तेज बारिश के कारण शहर के कई इलाके जलमग्न, जनजीवन अस्त-व्यस्त

धौलपुर/अलवर राजस्थान में मानसून ने इस बार जोरदार दस्तक दी है, जिससे जहां एक ओर किसानों को राहत मिली है, वहीं शहरी इलाकों में भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। धौलपुर, अलवर और कोटपुतली-बहरोड़ में तेज बारिश के चलते सड़कों पर पानी भर गया और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कई जगहों पर घरों, दुकानों और सरकारी भवनों में पानी घुस गया, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। धौलपुर में हुई तेज बारिश के कारण शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए। जगन टॉकीज, हरदेव नगर, कोर्ट परिषद और बाड़ी रोड जैसे प्रमुख क्षेत्र पानी में डूब गए। सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया, जिससे वाहन चालकों और राहगीरों को भारी परेशानी हुई। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल बरसात में यही स्थिति बनती है, लेकिन प्रशासन स्थायी समाधान नहीं कर रहा। दुकानों में पानी घुसने से कारोबार ठप हो गया और स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर ऑफिस जाने वालों तक को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। नालियों की समय पर सफाई नहीं होने से पानी सीधे घरों और दुकानों में घुस गया। अलवर में सुबह 6:30 बजे शुरू हुई मूसलधार बारिश ने 9 बजे तक शहर में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए। होप सर्कस, घंटाघर, सराफा बाजार, अशोक टॉकीज, बस स्टैंड और एसएमडी चौराहे समेत शहर के अधिकांश हिस्से जलमग्न हो गए। दुकानों और घरों में पानी भरने से काफी नुकसान हुआ। चूड़ी मार्केट और अन्य बाजारों में व्यापार पूरी तरह ठप हो गया। कच्ची बस्तियों में झोंपड़ियों की छतें टपकने लगीं और घरों में रखा सामान भीग गया। एसएमडी चौराहे पर नाले के ऊपर लगे जाल में कचरा फंसने से पानी का बहाव रुक गया, जिससे आसपास के घरों में पानी भर गया। इसी तरह कोटपुतली-बहरोड़ क्षेत्र में मंगलवार सुबह से बारिश का दौर जारी है। तेज बारिश के बीच आसमान में घने बादल छाए रहे। किसानों के लिए यह बारिश राहत लेकर आई है क्योंकि इससे खेतों को अच्छी नमी मिलेगी और फसलों को फायदा होगा। हालांकि लगातार बारिश से कुछ निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति भी बनी है, जिससे स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।  

दक्षिण अफ्रीका ने आज पहले टेस्ट में मेजबान जिम्बाब्वे को ‘जमींदोज’ कर दिया, कॉर्बिन बॉश ने मारा ‘घातक पंजा’

क्वींस  दक्षिण अफ्रीका ने जिम्बाब्वे के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है। दक्षिण अफ्रीका ने मंगलवार को पहले टेस्ट में मेजबान जिम्बाब्वे को 'जमींदोज' कर दिया। दक्षिण अफ्रीका ने मैच के चौथे दिन बुलावायो के क्वींस स्पोर्ट्स क्लब में 328 रनों से धमाकेदार जीत हासिल की। 537 रनों के लक्ष्य पीछा करते हुए जिम्बाब्वे की टीम 208 पर ऑलआउट हो गई। जिम्बाब्वे ने दिन का खेल 32/3 के स्कोर से शुरू किया और 176 रन ही जोड़े। दक्षिण अफ्रीका के 30 वर्षीय ऑलराउंडर कॉर्बिन बॉश ने 'घातक पंजा' मारा। उन्होंने जिम्बाब्वे की दूसरी पारी में 12 ओवर में 43 रन देकर पांच विकेट चटकाए। बॉश ने मैच में शतक भी जमाया था। वह पिछले 23 वर्षों में एक ही टेस्ट में शतक बनाने और पांच विकेट लेने वाले दक्षिण अफ्रीका के पहले क्रिकेटर हैं। जिम्बाब्वे की लक्ष्य का पीछा करते हुए शुरुआत खराब रही। ताकुदज्वानाशे कैतानो और प्रिंस मसवौरे 12 के निजी स्कोर पर आउट हो गए। निक वेल्च का खाता नहीं खुला। पहली पारी में शतक लगाने वाले सीन विलियम्स (26) ज्यादा देर नहीं टिके। कप्तान क्रेग एर्विन (49) अर्धशतक से चूक गए। उन्होंने वेलिंगटन मसाकाद्जा (57) के साथ सातवेंट के लिए 83 रनों की साझेदारी की। वेस्ली मधेवेरे और विकेटकीपर तफदजवा त्सिगा शून्य पर लौटे। ब्लेसिंग मुजरबानी नाबाद 32 रन बनाकर नाबाद रहे। दक्षिण अफ्रीका के लिए कोडी यूसुफ ने तीन, कार्यवाहक कप्तान केशव महराज और डेवाल्ड ब्रेविस ने एक-एक विकेट लिया। वियान मुल्डर के करियर की सर्वश्रेष्ठ 147 रन की पारी के दम पर दक्षिण अफ्रीका तीसरे दिन अपनी दूसरी पारी में 369 रन बनाकर जिम्बाब्वे को असंभव जैसा लक्ष्य दिया था। इससे पहले, दक्षिण अफ्रीका के 418/9 के स्कोर के जवाब में जिम्बाब्वे की पहली पारी 251 रनों पर ढेर हुई थी। दक्षिण अफ्रीका के लिए पहली पारी में बॉश (नाबाद 100) के अलावा लुआन-ड्रे प्रीटोरियस ने शतक बनाया। बॉश ने डेब्यू टेस्ट में 160 गेंदों में 11 चौकों और चार छक्कों की मदद से 153 रन बनाए। प्रिटोरियस 150 प्लस रन बनाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन चुके हैं। उन्होंने 19 साल 93 दिन की उम्र में यह कमाल किया। उन्होंने पाकिस्तान के जावेद मियांदाद का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने 1976 में लाहौर में न्यूजीलैंड के खिलाफ 163 रन बनाए थे। मियांदाद तब 19 साल और 119 दिन के थे। प्रिटोरियस टेस्ट इतिहास में डेब्यू में शतक बनाने वाले पांचवें सबसे युवा और दक्षिण अफ्रीका के सबसे युवा खिलाड़ी हैं। हालांकि, प्रीटोरियस का दूसरी पारी में बल्ला नहीं चला। वह चार ही बना पाए। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।  

अदाणी ग्रुप के अशोक परमार ने गोल्ड मेडल जीतकर कहा– ‘हम करके दिखाते हैं!’

नई दिल्ली गुजरात स्टेट बेंच प्रेस एंड डेडलिफ्ट चैंपियनशिप में अदाणी समूह के अशोक परमार ने अपनी असाधारण दृढ़ता और कौशल का प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता। परमार ने दिव्यांग होने के बावजूद, सामान्य श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करते हुए इस उपलब्धि को हासिल किया, जो उनकी प्रेरणादायक यात्रा का प्रतीक है। पॉवरलिफ्टिंग स्पोर्ट्स एसोसिएशन गुजरात द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में जूनियर, सीनियर और मास्टर्स स्तर पर पुरुष और महिला श्रेणियां शामिल थीं। अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने एक्स पोस्ट के जरिए कहा, “अशोक परमार को किसी अलग श्रेणी की जरूरत नहीं थी। उन्होंने हर प्रतियोगी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होकर गोल्ड मेडल जीता। हां, अशोक एक दिव्यांग हैं, लेकिन हम अपवाद नहीं मांगते, हम संभव को फिर से परिभाषित करते हैं।”  इसके बाद गौतम अदाणी ने ‘हम करके दिखाते हैं’ हैशटैग भी दिया। यह अदाणी समूह की उस विचारधारा के अनुरूप है, जहां चुनौतियों को अवसर में बदलने पर जोर दिया जाता है। इस पोस्ट के साथ, गौतम अदाणी ने एक वीडियो भी शेयर की, जिसमें अशोक के दृढ़ संकल्प की झलक दिखाई गई, जिसने उन्हें प्रतियोगिता में टॉप अवार्ड दिलाया। बता दें, 29 जून को अशोक ने जबदस्त प्रदर्शन करते हुए वह किया,जिसकी आमतौर पर कल्पना नहीं की जा सकती थी। उन्होंने गुजरात राज्य बेंच प्रेस एवं डेडलिफ्ट चैम्पियनशिप में सामान्य वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हुए गोल्ड मेडल जीता। अशोक अदाणी ग्रुप के एक कर्मचारी हैं। उन्होंने इस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतन के लिए जिम में कड़ी मेहनत की। यह प्रतियोगिता गुजरात स्टेट सब-जूनियर जूनियर सीनियर एवं मास्टर्स पुरुष एवं महिला क्लासिक बेंचप्रेस एवं डेडलिफ्ट चैम्पियनशिप के तहत आयोजित की गई। अशोक की सफलता न केवल व्यक्तिगत स्तर पर प्रेरणादायक है, बल्कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत के साथ किसी भी बाधा को पार करने को भी दिखाती है। यह अदाणी समूह की समावेशी और प्रेरणादायक कार्य संस्कृति को भी दर्शाता है।  

राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय भोपाल में स्थापित किए जाने पर सैंद्धातिक स्वीकृति

ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना का अनुमोदन क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण योजना के क्रियान्वयन के लिए 4 हजार 572 करोड़ रूपये की सैद्धांतिक स्वीकृति राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय भोपाल में स्थापित किए जाने पर सैंद्धातिक स्वीकृति मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना का अनुमोदन किया गया। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले में एक ऐसे ग्राम का चयन किया जाएगा जिसकी वर्तमान जनसंख्या न्यूनतम 2000 हो एवं गौ-वंश की न्यूनतम संख्या 500 हो। ऐसे ग्रामों को मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम के रूप में विकसित कर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। ये ग्राम आत्मनिर्भर होकर प्रदेश के अन्य ग्रामों के समक्ष विकास का आदर्श प्रस्तुत करेंगे। इस योजना के अंतर्गत गौ-पालन एवं डेयरी विकास, पर्यावरण संरक्षण, जैविक कृषि, जल संरक्षण, सौर ऊर्जा, चारागाह विकास, अधोसंरचना विकास, स्वरोजगार सहित ग्रामीण विकास के विषयगत दृष्टिकोणों से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किये जाने का निर्णय लिया गया। राज्य शासन की अवधारणा है कि प्रदेश में कुछ ग्राम इस प्रकार विकसित किये जायें ताकि वे आत्मनिर्भर होकर प्रदेश के समस्त ग्रामों के लिए उदाहरण बनें तथा अन्य ग्राम इन चयनित ग्रामों से प्रेरित होकर स्वयं भी आत्मनिर्भरता और चहुँमुखी विकास की ओर अग्रसर हों। इन चयनित ग्रामों में विभिन्न विभागों के अन्य विकास कार्यों के साथ मुख्य रूप से गौवंशीय एवं अन्य दुधारू पशुओं के पालन, दुग्ध-उत्पादन एवं डेयरी विकास पर ध्यान केन्द्रित किया जायेगा। जहां स्वच्छता एवं हरियाली के साथ-साथ गौसेवा और आध्यात्मिकता से समन्वित आर्थिक आत्मनिर्भरता प्रत्यक्षतः दृष्टिगोचर हो और ग्राम "वृन्दावन" के रूप में साकार हो सके। मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना के उद्देश्यों में गौपालन एवं डेयरी विकास को बढ़ावा देना। ग्राम को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के साथ सहकारिता के माध्यम से दुग्ध व्यवसाय का प्रसार करना, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हो सके। पर्यावरण संरक्षण, जैविक कृषि, जल संरक्षण तथा सौर ऊर्जा संबंधी गतिविधियों को जनभागीदारी से क्रियान्वित करना, चारागाह विकास, ग्राम में अधोसंरचना विकास, ग्रामीण परिवारों का रोजगार/स्वरोजगार आधारित आर्थिक सुदृढ़ीकरण और ग्रामीण विकास के विषयगत दृष्टिकोणों को अपनाते हुए सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करना है। चयनित वृन्दावन ग्राम में विभिन्न विभागों के माध्यम से जो सुविधाएं उपलब्ध करायी जाना है, वे 6 श्रेणियों में होगी। चयनित वृन्दावन ग्राम में अधोसरंचना के लिए गौशाला, ग्राम पंचायत भवन, सामुदायिक भवन, आँगनबाड़ी भवन, स्वास्थ्य केन्द्र, स्कूल भवन, यात्री प्रतीक्षालय, सोलर स्ट्रीट लाइट, पुस्तकालय, सर्वसुविधायुक्त आजिविका भवन/ग्रामीण आजीविका के लिए वर्कशेड, पशु चिकित्सालय, ग्राम तक कनेक्टिविटी, ग्राम के अंतर्गत आंतरिक सड़कें/नाली, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान एवं गोडाउन, हर घर जल (सोलर उर्जा आधारित पम्प के माध्यम से), ग्रामीण उद्योग आधारित आर्ट एण्ड क्राफ्ट सेंटर, बायोगैस सयंत्र, शांतिधाम निर्माण, गौ-समाधि स्थल, सेग्रीगेशन शेड, जल निकासी के लिए नाली, कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र, ग्राम में विद्युत प्रवाह के लिए सौर उर्जा एवं गैर परम्परागत उर्जा क्षेत्र में विकास, पात्र परिवारों के लिये जलवायु अनुकूल आवास तथा (व्यक्तिगत शौचालय), सार्वजनिक उद्यान (पार्क), सार्वजनिक शौचालय, सिंचाई स्रोत विकास एवं ड्रिप एरीगेशन की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। आजीविका संबंधी गतिविधियों में नंदन फलोद्यान, पोषण वाटिका, दुग्ध कलेक्शन सेंटर, लघु वनोपज आधारित लघु उद्योग, कृषि/फल उपज आधारित उद्योग, ग्राम में उपलब्ध कौशल आधारित सेवाओं के विकास की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। वाटर कनजर्वेशन संबंधी जल संचयन संरचनाएं, रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग, नलकूप रिचार्ज, डगवेल रिचार्ज, स्टॉप डेम/चेकडेम, तालाबों का संरक्षण इसी प्रकार पंचायत सशक्तिकरण संबंधी में स्वयं की आय के स्रोत का विकास तथा ई-पंचायत /CSCकी सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। विशेष लक्ष्य में प्राकृतिक कृषि, धार्मिक स्थलों / भूमियों का संरक्षण, घर से कचरा उठाने स्वच्छता वाहन, ग्रे वाटर मैनेजमेंट, मल-कीचड प्रबंधन, राजस्व अभिलेखों को अद्यतन करना, शत प्रतिशत समग्र ईकेवाइसी, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम-स्टे, ग्राम के आर्ट एवं क्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए हस्तशिल्प कला केन्द्र, ग्राम की शालाओं/आंगनबाडियों में अध्यनरत बच्चों के लिये पौष्टिक भोजन, अतिक्रमण मुक्त ग्राम तथा ग्राम की स्थानिक योजना की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण योजना के क्रियान्वयन की सैद्धांतिक स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य मद अंतर्गत क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण की योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक 1766 पुलों के पुनर्निर्माण के लिए 4 हजार 572 करोड़ रूपये की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गयी। स्वीकृति अनुसार क्षतिग्रस्त पुलों का पुनर्निर्माण किया जाकर बारहमासी संपर्क सुविधा प्रदान की जायेगी। योजना के क्रियान्वयन एवं मॉनीटिरिंग के लिए मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की साधिकार समिति को समुचित निर्णय लिये जाने के लिए अधिकृत किये जाने की स्वीकृति दी गयी। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, की स्थापना भोपाल में किए जाने की सैंद्धातिक स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, गाँधीनगर के परिसर (Campus) की स्थापना भोपाल में किए जाने के लिए सैंद्धातिक स्वीकृति प्रदान की गई है। स्वीकृति अनुसार भोपाल में राष्ट्रीय रक्षा विश्ववि‌द्यालय (आरआरयू) की स्थापना के लिए तीन वर्षों के लिए प्रति वर्ष एक करोड़ 5 लाख रूपये की राशि प्रदान की जायेगी। भोपाल में राष्ट्रीय रक्षा विश्ववि‌द्यालय के स्थायी परिसर के लिए राजीव गांधी प्रौ‌द्योगिकी विश्ववि‌द्यालय (आरजीपीवी), भोपाल परिसर में उपलब्ध भूमि में से 10 एकड़ भूमि को विभाग स्तर से हस्तांतरित किया जायेगा। भोपाल में राष्ट्रीय रक्षा विश्ववि‌द्यालय के स्थाई भवन का निर्माण पूर्ण होने तक राजीव गांधी प्रौ‌द्योगिकी विश्ववि‌द्यालय में उपलब्ध भवन को अस्थायी रूप से राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के संचालन के लिए उपलब्ध कराये जाने का अनुमोदन किया गया। इसके स्थापित होने से राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में रोजगार एवं कौशल, विशिष्ट उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप में मध्यप्रदेश की प्रतिष्ठा में वृद्धि, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं के मध्य सहयोग में वृद्धि होगी। विभागीय छात्रावासों में निवासरत विद्यार्थियों के लिए मेस संचालन की सैद्धांतिक स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के विभागीय छात्रावासों में निवासरत विद्यार्थियों के लिए मेस संचालन की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। विभाग के छात्रावास की संख्या 108, विद्यार्थियों की संख्या 9050 है। इसके लिए 14 करोड़ अनावर्ती तथा 17 करोड़ आवर्ती व्यय कुल 31 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई। नवीन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कुल 1266 नवीन पदों की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा नवीन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए … Read more

अगर कांग्रेस केंद्र की सत्ता में आती है तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को देशभर में बैन किया जाएगा

बेंगलुरु कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने ऐलान किया है कि अगर कांग्रेस फिर से केंद्र की सत्ता में आती है तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS को देशभर में बैन किया जाएगा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार RSS की आलोचना करते रहे हैं और संगठन पर देश को बांटने के आरोप लगा चुके हैं. लेकिन प्रियांक खड़गे ने RSS पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध की बात कहकर एक नई बहस शुरू कर दी है. 'RSS समाज में नफरत फैला रही' उन्होंने कहा कि देश में नफरत कौन फैला रहा है, कौन सांप्रदायिक हिंसा के लिए जिम्मेदार है, कौन है जो संविधान बदलने की बात कर रहा है? प्रियांक खड़गे ने कहा कि RSS अपनी राजनीतिक शाखा बीजेपी से जरूरी सवाल क्यों नहीं पूछती कि देश में बेरोजगारी क्यों बढ़ रही है, पहलगाम में आतंकी हमला कैसे हुआ? यह न पूछकर संघ के लोग समाज में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत RSS को देश में बैन किया जाएगा.  कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक ने कहा कि ईडी, आईटी सभी जांच एजेंसियां क्या सिर्फ विपक्ष के लिए हैं, सरकार आरएसएस की जांच क्यों नहीं करती, आखिर उनके पास पैसा कहां से आ रहा है, उनकी इनकम का सोर्स क्या है. प्रियांक खड़गे ने कहा कि हर बार संघ के लोग हेटस्पीच और संविधान बदलने की बात कहकर बचकर कैसे निकल जाते हैं, आर्थिक अपराध करके कैसे बच जाते हैं, इन सभी विषयों की जांच होनी चाहिए.  प्रियांक ने एक्स पर किया पोस्ट  दरअसल, प्रियांक खड़गे ने बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या को जवाब देते हुए एक्स पर एक पोस्ट किया था, जिसमें सूर्या ने कांग्रेस के हाईकमान को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे पर सवाल उठाए थे. प्रियांक ने पूछा, 'बीजेपी का हाईकमान कौन है? आपके ज़्यादातर कार्यकर्ता आपकी राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष का नाम तक नहीं बता सकते, उनके लिए मोदी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और शायद पंचायत सचिव तीनों ही हैं.' प्रियांक खड़गे ने कहा, 'जब हालात कठिन हो जाते हैं, तो प्रधानमंत्री संसद नहीं जाते, बल्कि आरएसएस को रिपोर्ट करने के लिए नागपुर चले जाते हैं.' उन्होंने तेजस्वी सूर्या को चुनौती देते हुए कहा, 'मैं तुम्हें चुनौती देता हूं कि तुम इसे ऊंची आवाज में कहो- मुझे आरएसएस की ज़रूरत नहीं है, मैं चुनाव जीत सकता हूं क्योंकि मोदीजी और नड्डाजी ही मेरे एकमात्र हाईकमान हैं, अभी और हमेशा.' पहले भी कही थी बैन लगाने की बात यह पहली बार नहीं है जब प्रियांक खड़गे ने ऐसा बयान दिया है. दो साल पहले भी कर्नाटक के संदर्भ में उन्होंने कहा था कि अगर कोई संगठन राज्य में शांति भंग करने या सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश करेगा तो सरकार उसपर बैन लगाने में बिल्कुल भी संकोच नहीं करेगी. कांग्रेस ने तो कर्नाटक में  अपने घोषणा पत्र में कहा था, राज्य में सरकार में आते ही वह बजरंग दल, पीएफआई समेत जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले सभी संगठनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए बैन लगाएगी.  प्रियांक खड़गे ने इसी घोषणापत्र पर कहा था कि हम सिर्फ कानून के मुताबिक और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहे हैं जो कानून तोड़ेंगे. जब प्रियांक से पूछा गया कि क्या सरकार RSS और बजरंग दल को भी बैन करेगी? तो इस पर उन्होंने कहा, 'शांति भंग करने की कोशिश करने वाले किसी भी संगठन या व्यक्ति पर कार्रवाई होगी. चाहे वह मैं ही क्यों न रहूं?' केशव बलराम हेडगेवार ने 27 सितंबर 1925 को विजयदशमी के दिन RSS की स्थापना की थी. लेकिन अब तक अलग-अलग वजहों से तीन बार इस संगठन पर बैन लग चुका है. साल 1948 में महात्मा गांधी की हत्या के बाद संघ पर 18 महीने तक प्रतिबंध लगाया गया था क्योंकि बापू की हत्या को RSS से जोड़कर देखा गया. इसके बाद साल 1975 में इमरजेंसी का विरोध करने पर इंदिरा गांधी की सरकार ने RSS को बैन कर दिया, जो दो साल तक जारी रहा. तीसरी बार RSS पर पाबंदी 1992 में लगाई गई, क्योंकि अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाने में संघ की भूमिका थी. लेकिन 6 महीने बाद इस बैन को हटा दिया गया था.