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रायसेन रोड स्थिति पटेल नगर कालोनी के कॉलोनाईजर के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होगा

राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने पटेल नगर कॉलोनाईजर के विरूद्ध एफआईआर कराने के निर्देश सर्वोदय गृह निर्माण समिति के आवंटियों की समस्या का करें निराकरण :राज्यमंत्री श्रीमती गौर रायसेन रोड स्थिति पटेल नगर कालोनी के कॉलोनाईजर के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होगा भोपाल  रायसेन रोड स्थिति पटेल नगर कालोनी के कॉलोनाईजर के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होगा। प्रकरण दर्ज कराने के लिए पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए। राज्यमंत्री श्रीमती गौर मंगलवार को मंत्रालय में गोविंदपुरा क्षेत्र की सर्वोदय गृह निर्माण सहकारी संस्था, अग्रोहा गृह निर्माण समिति, कुंजन गृह निर्माण समिति, पटेल नगर कॉलोनी और रहवासियों की समस्याओं के निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर रहीं थी। राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने पटेल नगर कॉलोनी में स्कूल, खेल मैदान, पार्क आदि के लिए छोड़े गए भू-खंडों को नगर निगम के लिए सौपने के स्थान पर कॉलोनाईजर ने इस कॉलोनी के प्राईमरी स्कूल के एक भू-खंड को निजी तौर पर विक्रय कर दिया। नगर निगम के स्वामित्व के इन भू-खंड को विक्रय करने का अधिकार कॉलोनाईजर को नहीं है। कॉलोनाईजर द्वारा किया गया यह कृत्य आपराधिक है। इसको ध्यान में रखते हुए राज्यमंत्री गौर ने नगर निगम के अधिकारियों को कॉलोनाईजर के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कॉलोनाईजर द्वारा विक्रय किए गए भू-खंड की रजिस्ट्री को शून्य कराने की प्रक्रिया भी शुरू करें। इसके साथ ही कॉलोनाईजर अन्य ओपन एरिया को विक्रय नहीं कर सके इसकी व्यवस्था भी सुनिश्चित करें। बैठक में बताया गया कि पटेल नगर कॉलोनी 1960 के दशक में विकसित की गई थी। इसमें 700 से अधिक प्लाट हैं। राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने सर्वोदय गृह निर्माण सहकारी संस्था खजूरी भोपाल में आवंटियों और सहकारी संस्था के पदाधिकारियों के बीच कॉलोनी के विकास कार्यो को लेकर आ रही समस्या के निराकरण के लिए और समिति में पिछले वर्षों में हुई कार्यवाही से आवंटियों को उनका वास्तविक हक दिलाने के लिए संयुक्त आयुक्त, सहकारिता भोपाल को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने उप आयुक्त सहकारिता से कहा कि वह आवंटियों और सहकारी संस्था के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर समस्या का निराकरण कराना सुनिश्चित करें। बैठक में अग्रोहा गृह निर्माण समिति नर्मदापुरम रोड की सीवेज और सड़क निर्माण के लिए रहवासियों के साथ समन्वय कर अधिकारियों को कार्य करने के लिए कहा। इसी प्रकार कुंजन गृह निर्माण संस्था नर्मदापुरम रोड में फेस-1 और फेस-2 में सीवेज और रोड के विकास के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी, कॉलोनियों के रहवासी और सहकारी समितियों के पदाधिकारी मौजूद थे।  

अभिनेता विक्रांत मैसी ने बेटे के बर्थ सर्टिफिकेट में धर्म कॉलम को छोड़ा खाली, बोले- काफी दुख होगा अगर कभी…

विक्रांत मैसी ने कुछ दिनों पहले ही बताया था कि उनका परिवार किसी एक धर्म को फॉलो नहीं करता है। अब विक्रांत ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे के बर्थ सर्टिफिकेट में भी रिलिजन(धर्म) कॉलम को खाली छोड़ा है। जी हां, विक्रांत जिनका बेटा 1 साल का हो गया है, उन्होंने अब हाल ही में बताया कि वह चाहते हैं ति उनका बेटे धर्म या कास्ट को लेकर भेदभाव ना करे या हेट ना करे। धर्म पर्सनल च्वाइस है विक्रांत ने रिया चक्रवर्ती को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मुझे लगता है धर्म एक पर्सनल च्वाइस है। मुझे लगता है कि सबको हक है अपना धर्म चुनने का। मेरे घर पर हर प्रकार के धर्म आपको मिलेंगे। मुझे लगता है धर्म तो इंसान ने बनाया है। मैं पूजा करता हूं, गुरुद्वारे भी जाता हूं, दरगाह भी जाता हूं। मुझे इन सब जगह शांति मिलती है।' भगवान को बोलते हैं शुक्रिया विक्रांत का कहना है कि उन्हें विश्वास है कि कोई उन्हें देख रहा है और वह भगवान का शुक्र भी मानते हैं जो उन्हें काम मिलता है उसके लिए और उन्हें सेफ रखने के लिए। विक्रांत ने यह भी बताया कि पहले जब उन्होंने इस बारे में बात की थी तो लोगों ने सोशल मीडिया पर खूब सवाल खड़े किए लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। बेटे के बर्थ सर्टिफिकेट में खाली छोड़ा धर्म सेक्शन विक्रांत ने आगे कहा कि वह नहीं चाहते कि उनके बेटा कभी धर्म या कास्ट को लेकर भेदभाव करे या उसके मन में कोई नफरत आए। उन्होंने कहा, 'अपने बेबी बॉय के बर्थ सर्टिफिकेट में मैंने धर्म वाला जो कॉलम है उसे मैंने खाली छोड़ दिया। तो जब उसका बर्थ सर्टिफिकेट आया सरकार से तो उसमें धर्म नहीं था। ऐसा नहीं है कि सरकार आपको बोलती है कि लिखना पड़ेगा। ये आप पर निर्भर करता है। मुझे काफी दुख होगा अगर कभी मेरा बेटा धर्म को लेकर कुछ भेदभाव करे तो मैं अपने बेटे की परवरिश ऐसा नहीं चाहता।' इससे पहले विक्रांत ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके पिता क्रिश्चियन हैं, उनकी मां सिख और उनके भाई ने 17 साल की उम्र में इस्लाम धर्म अपना लिया था। वहीं विक्रांत जिन्होंने शीतल से शादी की है वह राजपूत ठाकुर परिवार से हैं। वह खुद किसी एक धर्म को फॉलो नहीं करते हैं, लेकिन वह भगवान पर विश्वास करते हैं। उन्होंने यह भी बताया था कि बेटे के नाम रखने के लिए उन्होंने नामकरण सेरेमनी रखी थी। प्रोफेशनल लाइफ विक्रांत की प्रोफेशनल लाइफ की बात करें तो वह लास्ट फिल्म द साबरमती रिपोर्ट में नजर आए थे। अब वह फिल्म आंखों की गुस्ताखियां में नजर आएंगे जिसमें उनके साथ शनाया कपूर नजर आएंगी।

हर गांव में उगेगा औषधीय पौधा! आनंदी बेन पटेल ने दी किसानों को नई दिशा

गोरखपुर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को किसानों से 'एक गांव-एक औषधीय पौधा' अभियान की शुरुआत करने की अपील की। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह में अपने संबोधन में राज्यपाल पटेल ने किसानों से अपील की कि वे 'एक गांव-एक औषधीय पौधा' अभियान की शुरुआत करें। उन्होंने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय के रूप में पूर्वांचल में आयुर्वेद का एक बड़ा केंद्र शुरू हो रहा है और इसके माध्यम से औषधीय खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह की मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिवादन करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय के आस-पास के गांवों के किसान औषधीय पौधों की खेती कर अधिक धनराशि कमा सकते हैं। इससे बिना हानि वाली दवाएं बनेंगी और जनता का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि एक गांव में एक तरह के औषधीय पौधे लगाए जाएं तो दूसरे गांव में दूसरे तरह के पौधे लगाए जाने चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि चिकित्सा की सारी पद्धतियों के होते हुए भी यह विचार करना आवश्यक है कि क्या हम (सेवाभाव से) हर जगह पहुंच पाए हैं। उन्होंने अपील की कि आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिये होम्योपैथ और आयुर्वेद की हानिरहित दवाएं लोगों तक पहुंचाई जाए। इसमें चिकित्सकों, समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों को भी बड़ी भूमिका निभानी होगी। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जन आरोग्यता के लिए सदैव चिंता करते हैं। आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह को आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र दयालु ने भी संबोधित किया। स्वागत संबोधन आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो के. रामचंद्र रेड्डी ने किया। इस अवसर पर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, मत्स्य मंत्री संजय निषाद, गोरखपुर के सांसद रविकिशन शुक्ल सहित कई जनप्रतिनिधि, गणमान्य लोग और बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।  

प्रवासी भारतीयों ने रचा इतिहास, भारत को मिला सबसे ज्यादा रेमिटेंस दुनिया में

नई दिल्ली  भारत के प्रवासी नागरिकों ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 (जो 31 मार्च को समाप्त हुआ) में विदेशों में रह रहे भारतीयों ने अपने परिवारों को 135.46 अरब डॉलर (यानी करीब 11.63 लाख करोड़ रुपए) भेजे। यह अब तक किसी एक साल में भेजी गई सबसे बड़ी रेमिटेंस राशि  है। रेमिटेंस में सालाना 14% की बढ़ोतरी इस रकम में साल-दर-साल 14.24% की वृद्धि देखी गई। यह आंकड़ा 8 साल पहले यानी  2016-17 में भेजे गए 61 अरब डॉलर  की तुलना में  दोगुने से भी ज्यादा  है। इसका मतलब साफ है कि विदेशों में बसे भारतीयों की आमदनी और समृद्धि बढ़ी है और भारतीय वर्कफोर्स की अंतरराष्ट्रीय मांग भी मजबूत हुई है।  अमेरिका, सिंगापुर, ब्रिटेन से आया 45% पैसा  रिज़र्व बैंक (RBI)  की रिपोर्ट के अनुसार, कुल रेमिटेंस का 45% हिस्सा अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर से आया है। वहीं खाड़ी देशों से रेमिटेंस में गिरावट देखी गई है।  तेल की कीमतों में गिरावट  के कारण वहां से कम पैसा भेजा जा रहा है, जिसकी भरपाई पश्चिमी देशों से हो रही है। विश्व बैंक  के मुताबिक, भारत पिछले 10 वर्षों से सबसे अधिक रेमिटेंस प्राप्त करने वाला देश बना हुआ है। 2024 में भारत पहले स्थान पर रहा, जबकि मेक्सिको (5.8 लाख करोड़) और चीन (4.1 लाख करोड़ रुपए) दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।  व्यापार घाटे की भरपाई में मददगार RBI की रिपोर्ट बताती है कि रेमिटेंस सिर्फ आमदनी का जरिया नहीं बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था का  एक मजबूत स्तंभ  है।  यह विदेशी निवेश (FDI) से भी बड़ा स्रोत  बन गया है। वित्त वर्ष 2025 में भारत का 287 अरब डॉलर का व्यापार घाटा  रहा, जिसमें से 47% की भरपाई  रेमिटेंस से हुई। यह साफ करता है कि  प्रवासी भारतीयों का योगदान भारत की वित्तीय सेहत के लिए अत्यंत अहम  है। भारत के प्रवासी नागरिक सिर्फ विदेशी धरती पर काम नहीं कर रहे, वे भारत के आर्थिक भविष्य की नींव भी मजबूत कर रहे हैं। रेमिटेंस अब न केवल पारिवारिक मदद बल्कि राष्ट्रीय आर्थिक रणनीति का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।

अमेठी में पिकअप वाहन के नहर में गिरने से 18 श्रद्धालु घायल

अमेठी उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक गांव के पास पिकअप वाहन के नहर में गिरने से 12 महिलाओं समेत 18 श्रद्धालु घायल हो गए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, मोहनगंज थानाक्षेत्र के बारकोट गांव से 18 श्रद्धालु एक पिकअप वाहन में सवार होकर अहोरवन भवानी दर्शन के लिए जा रहे थे कि तभी पन्हौना गांव के पास एक मोड़ पर पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर नहर में गिर गया। पुलिस ने बताया कि वाहन में सवार 18 श्रद्धालु घायल हो गए, जिनमें 12 महिलाएं भी शामिल हैं। शिवरतनगंज थाना प्रभारी विवेक सिंह ने बताया, "श्रद्धालुओं को मामूली चोटें आई हैं और वे खतरे से बाहर हैं।" उन्होंने बताया कि घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए शिवरतनगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।   

कांग्रेस नेता के बेटे का बयान: केंद्र में आए तो आरएसएस पर लगाएंगे बैन, मचा बवाल

बेंगलूरु  कर्नाटक में कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रही जुबानी जंग और तेज हो गई है। राज्य सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंधित लगाने का बयान देकर विवाद को हवा दे दी है। खरगे ने कहा, 'अगर केंद्र में हमारी सरकार बनती है, तो हम आरएसएस पर पाबंदी लगा देंगे।' इस बयान को लेकर दोनों दलों के बीच राजनीतिक बहस गरमा गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने आरएसएस पर धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के खिलाफ होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले भी दो बार आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे हटाने का उन्हें अफसोस है। प्रियांक खड़गे ने आरएसएस की विचारधारा को समानता और आर्थिक समता के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही आरएसएस के सिद्धांतों का विरोध करती रही है और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगी। खरगे ने दावा किया कि आरएसएस को पहले भी प्रतिबंधित किया गया था, तब संगठन ने राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों से इनकार करते हुए माफी मांगी थी। उन्होंने कहा, 'हमारे पास इन घटनाओं के रिकॉर्ड मौजूद हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि कांग्रेस सत्ता में आने पर कठोर कदम उठा सकती है।' भाजपा ने खरगे के बयान पर किया पलटवार दूसरी ओर, भाजपा ने प्रियांक खरगे के बयान पर करारा जवाब दिया है। कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने आरएसएस को लाखों स्वयंसेवकों वाला देशभक्ति संगठन बताया। उन्होंने खरगे के बयान को खाली बर्तन की आवाज करार दिया। उन्होंने कहा कि आरएसएस एक विशाल वृक्ष है, जिसे कोई भी राजनीतिक शक्ति उखाड़ नहीं सकती। विजयेंद्र ने कांग्रेस से अपनी पार्टी के भविष्य पर ध्यान देने की सलाह दी और सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस का अस्तित्व भी भविष्य में बरकरार रहेगा। इस तरह कर्नाटक में आरएसएस को प्रतिबंधित करने की बहस ने राजनीतिक माहौल को और गर्म कर दिया है।  

बॉलीवुड में छिड़ी नई चर्चा, सुंदर दिखने को लिए हर हफ्ते Injection लगवाती थी Actress

पंजाब बॉलीवुड एक्ट्रेस Shefali Jariwala की शुक्रवार को अचानक मौत हो गई। कहा जा रहा है कि उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) से हुई है, लेकिन  पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही खुलासा होगा कि आखिर मौत किन कारणों के कारण हुई है। बताया जा रहा है कि शेफाली कई वर्षों से एंटी-एजिंग दवाइयां ले रही थीं। 27 जून को परिवार ने घर में धार्मिक पूजा रखी थी, जिसके चलते पूरा दिन उसने व्रत रखा था। इसके बावजूद दोपहर में उन्होंने कथित तौर पर एंटी-एजिंग दवा का इंजेक्शन ले लिया, जिस कारण इसका गंभीर असर हुआ। वहीं इसके बाद ही हर तरफ एंटी एजिंग ट्रीटमेंट्स और ब्यूटी करेक्शन सर्जरी को लेकर चर्चा शुरू हो रही है।    हाल में अभिनेत्री करीना कपूर ने कहा कि वो बोटोक्स के खिलाफ हैं, तो वहीं मल्लिका शेरावत ने वीडियो शेयर कर कहा कि नैचुरल ब्यूटी को अपनाएं जबकि सर्जरी और दवाओं जैसे दूसरे तरीकों से बचें। इसी बीच एक्ट्रेस रोजलिन खान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वो भी गोरी और चमकती त्वचा के लिए एक महीने में 4 इंजेक्शन लेती थी, लेकिन जब मैंने देखा फेयरनेस आ गई तो मैंने महीने में 2 इंजेक्शन और उसके बाद एक इंजेक्शन लिया। रोजलिन का कहना है कि इसकी एक लिमिट होती है, अगर आप  ओवरडोज करते हैं तो आपकी बॉडी इसे झेल नहीं सकेगी। 

CM पद की लॉबिंग बेकार गई! सुरजेवाला ने शिवकुमार के सामने ही कर दी घोषणा

बेंगलुरु कर्नाटक में बीते कई दिनों से डीके शिवकुमार के समर्थक मांग कर रहे थे कि अब नेतृत्व परिवर्तन होना चाहिए। सिद्धारमैया की जगह पर उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग थी, लेकिन कांग्रेस हाईकमान की ओर से भेजे गए रणदीप सुरजेवाला ने उन्हें बगल में बिठाकर दावा खारिज कर दिया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि यदि आपका सवाल है कि क्या कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन होने जा रहा है तो मेरा जवाब ना में है। सुरजेवाला ने कहा, 'आप मुझसे पूछ रहे हैं कि क्या कर्नाटक में नेतृत्व बदल रहा है। इस पर मेरी एक ही जवाब है कि नहीं।' रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'कई विधायकों की ओर से लीडरशिप चेंज की मांग की गई है। इस पर रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मैं अपने विधायकों को सलाह देता हूं कि यदि उन्हें कोई परेशानी है तो फिर मसले को मीडिया में उठाने की बजाय पार्टी फोरम पर बात करें। यदि राज्य के संगठन में कोई दिक्कत है तो फिर प्रदेश अध्यक्ष से बात कर सकते हैं। सरकार में कोई समस्या हो तो फिर मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए।' इस दौरान डीके शिवकुमार उनके बगल में एकदम शांत बैठे दिखे। उनके चेहरे पर उदासी का भाव दिख रहा था, जिसे वह संभालने की कोशिश कर रहे थे।  

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा- सीएम योगी बिना थके, बिना रुके कार्य कर रहे हैं, डॉक्टर व नर्स को भी ऐसा ही बनना होगा

गोरखपुर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को गोरखपुर में उत्तर प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया। यह आयुष विश्वविद्यालय भटहट क्षेत्र के पिपरी में 52 एकड़ क्षेत्रफल में बना है। इस विश्वविद्यालय के निर्माण में 267.50 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। राष्ट्रपति सोमवार से उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर हैं। आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण के अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि तपस्या साधना की धरती गोरखपुर राष्ट्रप्रेम की भी भूमि है। गोरखपुर धरती से जुड़ी महानविभूतियों को नमन करते हुए राष्ट्रपति ने गीता प्रेस का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मंदिर में पूजा-अर्चना करने के मौके पर कल गीता प्रेस की ओडिया भाषा में मुझे शिव पुराण और भगवद्गीता पुस्तक भेंट की गयी। गीता प्रेस का योगदान बहुत अच्छा है। उन्होंने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण करके हमें प्रसन्नता हो रही है। मुझे खुशी हो रही है कि यहां उच्चस्तरीय सुविधाओं की व्यवस्था की गयी है। यहां आयुष पद्धतियों में स्नातक से लेकर उच्च स्तर का शिक्षण किया जाएगा। आयुष पद्धतियों से जुड़ी शिक्षा, पारम्परिक पद्धतियों के शोध कार्य पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को धन्यवाद देना चाहती हूं। उन्होंने अथक और निद्राजीत का उल्लेख करते हुए कहा कि योगी बिना थके, बिना रुके कार्य कर रहे हैं। डाक्टर और नर्स को भी अथक और निद्राजीत बनना होगा। आप सब जीवनदायिनी हैं। आपको आत्मावलोकन करना चाहिए कि क्या हम बेहतर कर पा रहे हैं। भारत योगी और ऋषियों की भूमि है। राष्ट्रपति ने कहा कि जल, थल, आकाश, वायु और अग्नि से मिलकर बना यह शरीर है। हमारे पास आज सारी सुविधाएं हैं। क्या यह सारी सुविधाओं का हमे उपयोग करना ठीक है। हम आभारी हैं प्रधानमंत्री मोदी के, उन्होंने योग का बढ़ावा दिया। आज भारत का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। हम कहते हैं कि स्वास्थ्य ही संपदा है। भारत को विश्व गुरु बनने के लिए हमें आज से ही प्रयास करना होगा। राष्ट्रपति ने आहार, विहार पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि हमे स्वथ रहना है तो इलाज के साथ इसे भी अपनाना होगा। आयुर्वेद दवाओं की एक्सपायरी नहीं है। देश-विदेश की उपयोगी चिकित्सा पद्धतियों को 2014 के बाद देश और 2017 के बाद उप्र ने आयुष विभाग स्थापित कर अपनाया है। आयुष पद्धतियों की लोकप्रियता बढ़ रही है। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विवि इसमें बहुत ही उपयोगी साबित होगा। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि आयुष विवि खुलने से इलाज बेहतर होगा। साथ ही किसानों को भी फायदा होने वाला है। आयुर्वेद की दवाएं बनाने के लिए कई विशेष प्लांट चाहिए। वह खेत में ही होगा। इन दवाओं में केमिकल नहीं उपयोग किया जाएगा। हमारे पास एलोपैथी, आयुर्वेद और होम्योपैथी भी है। हमें अपनी पद्धति का प्रचार करना होगा। हमारे डाक्टरों, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों की कमी की वजह से प्रचार नहीं हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का यह दिन अत्यंत गौरवशाली क्षण है। राष्ट्रपति के कर कमलों से आयुष विवि का लोकार्पण हो रहा है। हम सब जानते हैं कि 2014 के पहले हमारी पारम्परिक चिकित्सा को स्थान मिलना चाहिए, वह नहीं मिल पाया था। केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद से योग, नेचुरोपैथी, आयुर्वेद, युनानी जैसी अन्य परम्परागत पद्धतियों को नई पहचान मिल रही है। अब इस विवि में पढ़ाई के लिए प्रवेश शुरू हो जाएगा।इस माैके पर उप्र के मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, संजय निषाद, दयाशंकर मिश्र दयालु, सांसद रविकिशन शुक्ल समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।  

क्या है इकनॉमिक वारफेयर? एस. जयशंकर ने आतंकी हमले से जोड़ा गंभीर रिश्ता

नई दिल्ली विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पहलगाम आतंकवादी हमले को इकनॉमिक वारफेयर बताया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने यह हमला इसलिए कराया ताकि कश्मीर में पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाया जा सके, जिसके चलते वहां आर्थिक समृद्धि आ रही थी और हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम किसी भी देश की न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि कश्मीर में आर्थिक संपन्ना का एक ही माध्यम लेगों के पास है और वह है पर्यटन। ऐसे में पाकिस्तानी आतंकियों ने उसे ही टारगेट किया। इसके अलावा धर्म पूछकर लोगों को इसलिए मार डाला गया ताकि सांप्रदायिक सौहार्द देश का बिगड़ जाए। इकनॉमिक वारफेयर युद्ध की ऐसी पद्धति है, जिसमें प्रतिद्वंद्वी देश की अर्थव्यवस्था को टारगेट करने की कोशिश होती है। आर्थिक युद्ध का अर्थ है- किसी देश या समूह को आर्थिक रूप से कमजोर करने, अस्थिर करने या दंडित करने के लिए आर्थिक साधनों का प्रयोग करना। यह एक गैर-सैन्य रणनीति है, जिसमें दुश्मन पर बंदूक या बम से हमला नहीं किया जाता, बल्कि उसकी आर्थिक प्रणाली को निशाना बनाकर कमजोर किया जाता है। ऐसी रणनीति अकसर अमेरिका अपनाता रहा है, जैसे रूस, ईरान, क्यूब, वेनेजुएला जैसे देशों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाना। इसके अलावा ऐसे हमलों को भी इस श्रेणी में शामिल किया जाता है, जिससे आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हों और लोगों में डर का संचार हो। क्या हैं इकनॉमिक वारफेयर के पैंतरे किसी देश के व्यापार, निवेश या वित्तीय लेन-देन पर रोक लगाना इसका सबसे प्रमुख तरीका है। जैसे रूस पर अमेरिका और यूरोप द्वारा लगाए गए प्रतिबंध। इसके अलावा किसी देश से आयात-निर्यात पर पूर्ण या आंशिक रोक। यही नहीं अपनी मुद्रा को जानबूझकर सस्ता करके दूसरे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना भी इसमें शामिल है। किसी देश या उसके नेताओं की विदेशी संपत्तियों को फ्रीज करना भी इस रणनीति में शामिल है। कई बार बैंक, शेयर बाजार और फाइनेंशियल नेटवर्क पर हमला करने की कोशिश भी इसमें शामिल है। इसके अलावा सप्लाई चेन तोड़ने की कोशिश भी इसमें शामिल है, जैसे- तेल, गैस या अन्य महत्वपूर्ण संसाधनों की आपूर्ति को बाधित करना। एक और चीज इसमें अहम है, जैसे आर्थिक प्रोपेगेंडा। यानी किसी देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर बताना या फिर शेयर बाजार को लेकर अफवाह फैलाना ताकि निवेशकों में डर का संचार हो। लगभग ऐसी ही रणनीति पाकिस्तान ने भी पहलगाम में अपनाई, जो एक टूरिस्ट हॉटस्पॉट है। ऐसे में पहलगाम में ही हमला करके पर्यटकों में डर का संचार करने की कोशिश की गई।