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भारत बनाम इंग्लैंड: विजय अभियान को जारी रखना चाहेगी भारतीय टीम, हरमनप्रीत की वापसी संभव

नई दिल्ली इंग्लैंड को पहले टी20 मैच में 97 रन से करारी शिकस्त देने के बाद भारतीय महिला टीम अब अगले मुकाबले के लिए तैयार है। मंगलवार को ब्रिस्टल में दोनों टीमें पांच मुकाबलों की सीरीज का दूसरा मुकाबला खेलेंगी। भारतीय महिला टीम ने 28 जून को खेले गए सीरीज के शुरुआती मुकाबले में 210 रन बनाए थे। भारत की ओर से स्मृति मंधाना ने 112 रन की शतकीय पारी खेली थी। इसके जवाब में इंग्लैंड 14.5 ओवरों में महज 113 रन पर सिमट गई। मेजबान टीम पर शानदार जीत के बाद भारतीय टीम के हौसले बुलंद हैं। कप्तान हरमनप्रीत कौर टी20 सीरीज की शुरुआत से ठीक पहले प्रैक्टिस मैच के दौरान चोटिल हो गई थीं, जिसके चलते उन्हें पहले मुकाबले से आराम दिया गया। हालांकि, अब दूसरे टी20 मुकाबले में हरमनप्रीत कौर के उतरने की संभावना नजर आ रही है, जिससे भारत को बड़ा फायदा मिलने वाला है। भारत को इस मुकाबले में हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना और हरलीन देओल से काफी उम्मीदें होंगी। वहीं, डेब्यू टी20 मैच में 12 रन देकर चार विकेट लेने वाली श्री चरणी एक बार फिर मेजबान टीम को परेशान कर सकती हैं। इनके अलावा राधा यादव और दीप्ति शर्मा को भी फैंस की उम्मीदों पर फिर से खरा उतरना होगा। यह सीरीज अगले साल इंग्लैंड में होने जा रहे टी20 वर्ल्ड कप की तैयारियों के तौर पर देखी जा रही है, जिसमें भारत का स्पिन आक्रमण इंग्लैंड पर हावी नजर आ रहा है। भारत-इंग्लैंड की महिला टीमों के बीच दूसरा टी20 मैच भारतीय समय के अनुसार रात 11 बजे से शुरू होगा। टॉस इससे आधा घंटे पहले होगा। फैंस इस मुकाबले का लाइव टेलीकास्ट ‘सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क’ पर देख सकेंगे, जबकि लाइव स्ट्रीमिंग ‘सोनी लिव एप’ पर उपलब्ध होगी। भारतीय महिला टीम: शेफाली वर्मा, स्मृति मंधाना, हरलीन देओल, ऋचा घोष (विकेट कीपर), जेमिमा रोड्रिग्स, अमनजोत कौर, दीप्ति शर्मा, स्नेह राणा, राधा यादव, अरुंधति रेड्डी, श्री चरणी, हरमनप्रीत कौर (कप्तान), यास्तिका भाटिया, सायाली सतघरे, क्रांति गौड़। इंग्लैंड महिला टीम: सोफिया डंकले, डेनिएल वैट-हॉज, नैट साइवर-ब्रंट (कप्तान), टैमी ब्यूमोंट, एमी जोंस (विकेट कीपर), एलिस कैप्सी, एम अर्लट, सोफी एक्लेस्टोन, लॉरेन फाइलर, लिन्सी स्मिथ, लॉरेन बेल, चार्लोट डीन, इस्सी वोंग, पैगे स्कोल्फील्ड।  

GST : पिछले 5 साल में डबल हो गया कलेक्शन, 2024-25 में रिकॉर्ड ₹22.08 लाख करोड़ आया टैक्स

नई दिल्ली देश में 1 जुलाई 2025 को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को लागू हुए 8 साल हो जाएंगे। यह 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 5 साल में GST कलेक्शन दोगुना हो चुका है। वित्त वर्ष 2024-25 में ग्रॉस GST कलेक्शन 22.08 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। यह एक साल पहले के कलेक्शन के मुकाबले 9.4 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2020-21 में GST कलेक्शन का आंकड़ा 11.37 लाख करोड़ रुपये था। आंकड़ों की मानें तो वित्त वर्ष 2024-25 में GST का एवरेज मंथली कलेक्शन 1.84 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया। वित्त वर्ष 2023-24 में यह 1.68 लाख करोड़ रुपये और 2021-22 में 1.51 लाख करोड़ रुपये था। 5 सालों के आंकड़ों की बात करें तो वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कुल GST कलेक्शन 11.37 लाख करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान GST कलेक्शन बढ़कर 14.83 लाख करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2022-23 में यह 18.08 लाख करोड़ रुपये, 2023-24 में 20.18 लाख करोड़ रुपये और 2024-25 में 22.08 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। GST ने देश में इनडायरेक्ट टैक्सेज के मकड़जाल को हटाकर उसकी जगह एक सिंगल इंटीग्रेटेड सिस्टम को स्थापित किया। हाल ही में आई डेलॉइट की ‘GST@8’ टाइटल वाली रिपोर्ट में GST के लिहाज से पिछले वर्ष को बेहद ही सफल करार दिया गया है। GST के तहत रजिस्टर्ड टैक्सपेयर बढ़कर 1.51 करोड़ GST के तहत रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स की संख्या 2017 में 65 लाख थी। 8 साल में यह बढ़कर 1.51 करोड़ से अधिक हो गई है। एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘‘लागू होने के बाद से, जीएसटी ने रेवेन्यू कलेक्शन और टैक्स बेस को बढ़ाने में मजबूत वृद्धि दिखाई है। इसने भारत की राजकोषीय स्थिति को लगातार मजबूत किया है और इनडायरेक्ट टैक्सेशन को अधिक एफिशिएंट और पारदर्शी बनाया है।’’ GST परिषद तय करती है दरें भारत में GST की दरें GST परिषद तय करती है। इस परिषद में केंद्र और राज्य या केंद्र-शासित प्रदेश की सरकारों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। GST में रेट के वर्तमान में 4 स्लैब हैं- 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत। ये दरें देशभर में ज्यादातर सामान और सेवाओं पर लागू होती हैं। इन स्लैब्स के अलावा 3 विशेष दरें भी हैं- – सोना, चांदी, हीरे और ज्वैलरी पर 3 प्रतिशत – कटे और पॉलिश किए गए हीरे पर 1.5 प्रतिशत – कच्चे हीरे पर 0.25 प्रतिशत। तंबाकू प्रोडक्ट्स, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और मोटर व्हीकल जैसे चुनिंदा सामानों पर GST की अलग-अलग दरों के साथ GST कंपंजेशन सेस भी लगाया जाता है। इस सेस का इस्तेमाल राज्यों को GST सिस्टम को अपनाने के चलते रेवेन्यू में होने वाले किसी भी नुकसान की भरपाई के लिए किया जाता है। खर्च में 4% बचत सरकारी बयान में कहा गया, 'GST कंस्यूमर फ्रेडली रिफॉर्म है। कई टैक्सेज को हटाने और नियमों का पालन आसान बनाए जाने से ऐवरेज टैक्स रेट घटे हैं। इससे टैक्स बेस बढ़ा है और सरकार को कई जरूरी चीजों पर रेट घटाने में मदद मिली है।' इसके मुताबिक, 'अनाज, खाद्य तेल, चीनी, स्नैक्स और मिठाइयों पर अब कम टैक्स रेट लग रहा है। फाइनैंस मिनिस्ट्री की एक स्टडी के मुताबिक, जीएसटी से परिवारों को अपने नासिक खर्च में कम से कम 4% बचत करने में मदद मिली है। उपभोक्ता अब दैनिक जरूरतों पर कम खर्च करते हैं।" लगातार सेंटिमेंट में सुधार सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'डेलॉयट की हाल में आई GST@8 रिपोर्ट में पिछले साल को जीएसटी के लिए ब्लॉकबस्टर बताया गया। इसमें कहा गया कि सरकार के समय पर किए गए सुधारों, टैक्सपेयर्स के लिए स्पष्ट दिशानिर्देशों और जीएसटी पोर्टल को अपग्रेड किए जाने से यह सफलता मिली।' डेलॉयट के इसी सर्वे का हवाला देते हुए कहा गया कि उद्योग जगत के 85% लोगों ने अपने सकारात्मक अनुभव की जानकारी दी है। बयान में कहा गया, 'लगातार चौथे साल सेंटिमेंट में सुधार हुआ है। जीएसटी के 8 साल पूरे जीएसटी लागू होने के 8 साल पूरे हो गए हैं. 1 जुलाई 2017 को इसे लॉन्च किया गया था. इसके तहत 17 अलग-अलग स्थानीय टैक्स और 13 उपकरों (cesses) को मिलाकर पांच टैक्स स्लैब बनाए गए, जिससे टैक्स सिस्टम सरल हुआ और व्यापारियों को भी राहत मिली. अप्रैल 2025 में जीएसटी वसूली ₹2.37 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी, जो किसी भी महीने में अब तक की सबसे अधिक वसूली थी. मई 2025 में यह आंकड़ा ₹2.01 लाख करोड़ रहा. जून के आंकड़े 1 जुलाई को जारी किए जाएंगे. सरकार का कहना है कि जीएसटी ने भारत की वित्तीय स्थिति को मजबूत किया है और अब यह एक आधुनिक, डिजिटल और पारदर्शी टैक्स सिस्टम का उदाहरण बन चुका है.

भाजपा ने हिमाचल में भी चुन लिया अध्यक्ष, राजीव बिंदल को क्यों मिला फिर से मौका?

नई दिल्ली हिमाचल प्रदेश में डॉ राजीव बिंदल को एक बार फिर बीजेपी का अध्यक्ष चुना गया है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसकी घोषणा की है. ये तीसरी बार है जब बिंदल को ये बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. चुनाव अधिकारी राजीव भारद्वाज के मुताबिक विपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक दल के नेता जयराम ठाकुर, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और सभी भाजपा सांसदों और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री गोविंद ठाकुर और अन्य प्रदेश पदाधिकारियों की ओर से बिंदल के नाम के तीन नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तेलंगाना, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में अपने प्रदेश अध्यक्षों के नाम की घोषणा कर दी है. उत्तराखंड में महेंद्र भट्ट को लगातार दूसरी बार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है, जबकि हिमाचल प्रदेश में राजीव बिंदल को पार्टी की कमान सौंपी गई है तो एन. रामचंद्र राव को तेलंगाना बीजेपी प्रमुख घोषित किया गया है. वहीं, आज शाम तक मध्य प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी तो पश्चिम बंगाल में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए 3 जुलाई को चुनाव होगा. राजीव बिंदल 2002 से 2022 के बीच सोलन से तीन और नाहन से दो विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक रहे. उन्होंने 2007 से 2012 तक प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली सरकार में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के रूप में भी कार्य किया. उन्हें 10 जनवरी 2018 को सर्वसम्मति से 13वीं विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया था और वे जनवरी 2020 तक इस पद पर रहे और कुछ समय के लिए राज्य भाजपा प्रमुख का पदभार संभाला और अप्रैल 2023 में उन्हें फिर से पार्टी की राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. हिमाचल बीजेपी प्रमुख के रूप में उनका नया कार्यकाल मंगलवार (1 जुलाई) से शुरू होगा राजीव बिंदल को क्यों मिला फिर से मौका? राजनीतिक विशेषज्ञों ने इसके पीछे की बड़ी वजह सामाजिक समीकरण साधना बताया है। राजीव बिंदल वैश्य समुदाय से आते हैं। उन्हें भाजपा ने सामाजिक समीकरण साधने के लिए फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। दरअसल नेता विपक्ष जयराम ठाकुर राजपूत बिरादरी के हैं। इसके अलावा ब्राह्मण समाज के जेपी नड्डा केंद्र में मंत्री हैं। ऐसे में संतुलन बनाने के लिए बिंदल को मौका दिया गया है। जानिए बिंदल का राजनीतिक सफर राजीव बिंदल 2002 से 2022 तक पांच बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने सोलन से तीन और नाहन से दो विधानसभा चुनाव जीते हैं। उन्होंने 2007 से 2012 तक प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री के रूप में भी काम किया। उन्हें 10 जनवरी, 2018 को सर्वसम्मति से 13वीं विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया और वे जनवरी 2020 तक इस पद पर रहे। अप्रैल 2023 में फिर से नियुक्त होने से पहले उन्होंने राज्य भाजपा प्रमुख के रूप में एक संक्षिप्त कार्यकाल पूरा किया। राष्ट्रीय परिषद के सदस्य और पदेन सदस्य पूर्व मंत्री गोविंद ठाकुर और पार्टी महासचिव बिहारी लाल शर्मा, त्रिलोक कपूर, पवन काजल, रश्मि धर सूद, पायल वैद्य, राजीव सैजल और संजीव कटवाल को राष्ट्रीय परिषद का सदस्य चुना गया। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, लोकसभा सदस्य सुरेश कश्यप, कंगना रनौत और राजीव भारद्वाज और राज्यसभा सदस्य इंदु गोस्वामी, सिकंदर कुमार और हर्ष महाजन को राष्ट्रीय परिषद का पदेन सदस्य चुना गया।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर राज्य के सभी चिकित्सकों को अपनी शुभकामनाएं दी

रायपुर : स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर दी शुभकामनाएं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डॉक्टर्स की मेहनत के कारण छत्तीसगढ़ का नाम आज चिकित्सा क्षेत्र के लिए एक जाना पहचाना नाम  स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर राज्य के सभी चिकित्सकों को अपनी शुभकामनाएं दी रायपुर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर राज्य के सभी चिकित्सकों को  अपनी शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि देश के प्रसिद्ध चिकित्सक और राजनेता डॉ विधान चंद्र रॉय के नाम पर हम राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाते हैं। छत्तीसगढ़ के चिकित्सक सुदूर इलाकों में, जंगलों में, नक्सली क्षेत्रों में बहुत ही मुश्किल रास्तों को पार करके, कठिन परिस्थिति में कड़ी मेहनत करके लोगों की सेवा कर रहे हैं। कोरोना महामारी के समय चिकित्सकों ने जो काम किया उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।  मै उनके जज्बे, हौसले को सलाम करता हूं। साथ ही ये उम्मीद करता हूं कि वो ऐसे हे जनता की सेवा करते रहेंगे।  स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डॉक्टर्स की मेहनत के कारण छत्तीसगढ़ का नाम आज चिकित्सा क्षेत्र के लिए एक जाना पहचाना नाम है। उनके इस योगदान के लिए पूरा राज्य उनका आभारी है। मै सभी चिकित्सकों को , सपोर्टिंग स्टाफ को डॉक्टर्स डे की बधाई देता हूं।

किशोर जेना नीरज चोपड़ा क्लासिक 2025 से बाहर, यशवीर सिंह को मिला मौका

बेंगलुरु भारतीय भाला फेंक एथलीट किशोर जेना टखने की चोट के चलते नीरज चोपड़ा क्लासिक 2025 से बाहर हो गए हैं। उनकी जगह अब यशवीर सिंह को प्रतियोगिता में शामिल किया गया है। आयोजकों ने सोमवार को उक्त जानकारी दी। किशोर जेना ने पिछले साल हांगझो एशियन गेम्स में नीरज चोपड़ा के पीछे दूसरा स्थान हासिल किया था, जहां उन्होंने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 87.54 मीटर भाला फेंका था। वे शुरूआती पांच भारतीय प्रतिभागियों में शामिल थे, जिनमें सचिन यादव, रोहित यादव और साहिल सिलवाल भी शामिल हैं। जेना की गैरमौजूदगी में अब यशवीर सिंह को टीम में जगह दी गई है। यशवीर इस समय पुरुषों की भाला फेंक रैंकिंग में 41वें स्थान पर हैं और उन्होंने 2025 एशियन चैंपियनशिप (गुमी, कोरिया) में 82.57 मीटर की थ्रो कर अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। नीरज चोपड़ा क्लासिक को भारत की पहली अंतरराष्ट्रीय भाला फेंक प्रतियोगिता के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता का आयोजन नीरज चोपड़ा, जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स, एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) और वर्ल्ड एथलेटिक्स (डब्ल्यूए) के सहयोग से किया जा रहा है। यह भारत में अब तक का सबसे उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स आयोजन होगा। प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा के साथ दुनिया के कई शीर्ष भाला फेंक एथलीट भी हिस्सा लेंगे, जिनमें ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स, जर्मनी के दो बार के वर्ल्ड चैंपियन थॉमस रोहलर और केन्या के रियो 2016 ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता जूलियस येगो शामिल हैं। पहले यह प्रतियोगिता 24 मई को होनी थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से इसकी तारीख बदलकर अब 5 जुलाई कर दी गई है। यह मुकाबला बेंगलुरु के श्री कांतिरवा स्टेडियम में आयोजित होगा।  

अब तक जिले में आयोजित शिविरों के माध्यम से 2340 से अधिक जनजातीय नागरिकों को आधार कार्ड बनाया

 रायपुर मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान जनजातीय समुदाय के जीवन में आशा की नई किरण बनकर उभरी है। इस योजना के अंतर्गत लगाए जा रहे शिविरों के माध्यम से दूरस्थ अंचलों तक आधार से संबंधित सेवाएं पहुँचाई जा रही हैं, जिससे हजारों नागरिकों को घर के पास ही राहत मिल रही है।          अब तक जिले में आयोजित शिविरों के माध्यम से 2340 से अधिक जनजातीय नागरिकों को आधार कार्ड बनाया, अद्यतन एवं समस्याओं का समाधान सफलतापूर्वक किया जा चुका है। इससे यह स्पष्ट होता है कि धरती आबा योजना केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि जनजातीय समाज के लिए एक डिजिटल सशक्तिकरण अभियान बन गई है।          जिले के आधार सेवा संचालक श्री लखन लाल साहू को जिला अंतर्गत राज्य में Best performing Operator in Aadhaar Enrolment &Update services in LWE Districts of Chhattisgarh State यह पुरस्कार  UIDAI REGIONAL OFFICE HYDERABAD द्वारा 20 जून 2025 को रायपुर में आयोजित सम्मान समारोह में प्रदान किया गया।                          धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत नागरिकों को डिजिटल सेवा आधार, आय, जाति, निवास, बिजली की बिल भुगतान, गैस रिफिलिंग, ट्रेन टिकट, बैंकिग, किसानों का फसल बीमा, किसान पंजीयन, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पेन कार्ड, आदि सेवाएं जनजातीय समुदाय के नागरिकों को धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान शिविर में ग्राम स्तर पर ही मुहैया हो रहा है।          धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान आज ग्राम विकास, जन सुविधा और डिजिटल समावेश का प्रतीक बन चुकी है। यह पहल न केवल आधार जैसी महत्वपूर्ण सेवा को सुलभ बना रही है, बल्कि जनजातीय अंचलों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रही है।

विस अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के प्रयासों से 242.80 करोड़ की लमती फीडर डैम परियोजना को मिली स्वीकृति, 41 गांवों की खेती को मिलेगा नया जीवन

राजनांदगांव  राजनांदगांव जिले के किसानों के लिए आज का दिन अत्यंत गर्व और उम्मीद से भरा है। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष एवं राजनांदगांव विधायक डॉ. रमन सिंह के सतत प्रयासों और पहल से 242.80 करोड़ रुपए की लागत से लमती फीडर डैम के माध्यम से कुल 41 गांवों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे हजारों किसान परिवारों की वर्षों पुरानी मांग पूरी होने जा रही है। इस महत्वाकांक्षी योजना से खैरागढ़, छुईखदान और गंडई क्षेत्र के 2 गांवों के साथ-साथ राजनांदगांव जिले के 39 गांवों को सीधे लाभ मिलेगा। इन 39 गांवों में से 10 गांव अत्यंत सूखाग्रस्त घोषित हैं, जहां किसानों को लंबे समय से जल संकट का सामना करना पड़ रहा था। इन सूखाग्रस्त गांवों में बम्हनी, धनगांव, सुकुलदैहान, गातापार, बागतराई, डिलापहरी, धर्मापुर, ढाबा, बरगाही और लिटिया शामिल हैं। डॉ. रमन सिंह जी ने इस योजना के स्वीकृति को राजनांदगांव जिले सहित समूचे अंचल के किसानों के लिए महत्वपूर्ण फैसला बताया और कहा कि "यह सिर्फ सिंचाई योजना नहीं, बल्कि किसानों के भविष्य को सुरक्षित करने की एक ठोस पहल है। मेरा सदैव प्रयास रहा है कि प्रत्येक गांव, प्रत्येक खेत तक पानी पहुंचे और हर किसान के चेहरे पर संतोष की मुस्कान लौटे। इस डैम के निर्माण से 1840 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी। इससे जहां धान, गेहूं, दलहन और सब्जियों की खेती को बढ़ावा मिलेगा, वहीं कृषि आधारित आजीविका पर आश्रित परिवारों को आर्थिक मजबूती भी मिलेगी। यह परियोजना न केवल जल संसाधन प्रबंधन में एक बड़ा कदम है, बल्कि “समृद्ध गांव – सशक्त किसान” के संकल्प की दिशा में एक मजबूत आधारशिला है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह जी ने इस स्वीकृति के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है और विश्वास जताया है कि जल्द ही इस पर निर्माण कार्य प्रारंभ होगा। इस परियोजना के संबंध में जल संसाधन विभाग द्वारा विस्तृत प्रस्तुतीकरण परियोजना समिति के समक्ष किया गया। विभाग द्वारा समिति को यह अवगत कराया गया कि यह डैम परियोजना खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के खैरागढ़ तहसील एवं विकासखण्ड के ग्राम लछनाटोला के समीप, आमनेर नदी पर प्रस्तावित है।

मंत्रालय में राष्ट्र-गीत एवं राष्ट्र-गान का हुआ सामूहिक गायन

भोपाल जुलाई माह के प्रथम शासकीय कार्य दिवस पर मंत्रालय के समक्ष सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में राष्ट्र-गीत "वंदे-मातरम" एवं राष्ट्र-गान "जन-गण-मन" का सामूहिक गायन हुआ। इस अवसर पर पुलिस बैंड ने मधुर धुनें प्रस्तुत की। वंदेमातरम गायन में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा  गौर, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव, श्री संजय दुबे, सचिव श्री अनिल सुचारी सहित सतपुड़ा-विंध्याचल भवन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।  

युक्तियुक्तकरण के तहत अब पाकरगांव प्राथमिक शाला को दो शिक्षक उपलब्ध कराए गए

: युक्तियुक्तकरण से लौटी स्कूलों की रौनक, स्कूलों में फिर सुनाई दे रहे हिंदी अंग्रेजी के पाठ और गणित के सवालों की गूंज चार साल तक एकल, फिर शिक्षकविहीन रहा स्कूल अब बन गया शिक्षा का केंद्र युक्तियुक्तकरण के तहत अब पाकरगांव प्राथमिक शाला को दो शिक्षक उपलब्ध कराए गए  रायपुर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शुरू की गई युक्तियुक्तकरण नीति अब राज्य के दूरस्थ अंचलों के गांवों के विद्यालयों में नए उत्साह का संचार कर रही है। रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड के पाकरगांव स्थित प्राथमिक शाला इसका जीवंत उदाहरण बन चुकी है। लंबे समय तक शिक्षकविहीन रह चुकी यह शाला अब शिक्षा की आवाज़ से गूंज रही है। पाकरगांव का यह स्कूल पहले चार वर्षों तक एकल शिक्षक के भरोसे संचालित होता रहा। बाद में शिक्षक के अन्यत्र तबादले के कारण स्कूल पूरी तरह शिक्षकविहीन हो गया। परिणामस्वरूप बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई और पालकों में भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ने लगी थी। कई बच्चों ने स्कूल आना तक बंद कर दिया था। सरकार द्वारा लागू युक्तियुक्तकरण के तहत अब पाकरगांव प्राथमिक शाला को दो शिक्षक उपलब्ध कराए गए हैं। इनकी नियमित उपस्थिति से विद्यालय की गतिविधियाँ फिर से सुचारू रूप से शुरू हो गई हैं। बच्चों को अब न केवल अक्षरज्ञान मिल रहा है, बल्कि हिंदी, अंग्रेजी और गणित जैसे विषयों की व्यवस्थित शिक्षा भी मिल रही है। अंग्रेजी शब्दों का उच्चारण, हिंदी के पाठ, पहाड़े और गणित के सवालों के साथ कक्षा में फिर से रौनक लौट आई है। बच्चों के साथ-साथ पालकों और ग्रामवासियों में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है। विद्यालय में नियमित कक्षाएं लगने से अब पालक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए उत्साहित हैं। ग्रामवासी इस बदलाव को एक नई शुरुआत के रूप में देख रहे हैं। पाकरगांव प्राथमिक शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष त्रिनाथ सतपथी ने इस पहल को सराहते हुए कहा कि युक्तियुक्तकरण के चलते हमारे गांव के बच्चों को अब फिर से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा दो शिक्षकों की पदस्थापना से शाला में शिक्षा का माहौल सशक्त हुआ है और यह विद्यालय अब वास्तव में ज्ञान का केंद्र बन चुका है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और शासन प्रशासन के प्रति गांववासियों की ओर से आभार व्यक्त किया। युक्तियुक्तकरण के माध्यम से न केवल शिक्षकविहीन स्कूलों को संबल मिला है, बल्कि यह नीति ग्रामीण अंचलों में शिक्षा की पहुँच और गुणवत्ता को भी नई ऊंचाई दे रही है।

नाथन लियोन ने बताया है कि रिटायरमेंट से पहले उनकी आखिरी इच्छा इंटरनेशनल क्रिकेट में क्या है?

नई दिल्ली ऑस्ट्रेलिया के महान स्पिनर नाथन लियोन ने बताया है कि रिटायरमेंट से पहले उनकी आखिरी इच्छा इंटरनेशनल क्रिकेट में क्या है? नाथन लियोन की टेस्ट क्रिकेट से हाल-फिलहाल में संन्यास लेने की कोई योजना नहीं है। लियोन ने बताया है कि वह अपने शानदार करियर को विराम देने से पहले भारत में एक टेस्ट सीरीज जीतना चाहते हैं। ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी बार भारत ने साल 2004 में टेस्ट सीरीज जीती थी। इसके बाद से टीम ने कुछ मैच जरूर जीते हैं, लेकिन टेस्ट सीरीज भारत की मेजबानी में कभी नहीं जीती। 138 टेस्ट मैचों में 556 विकेट ले चुके 37 वर्षीय नाथन लियोन ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल ऑफ स्पिनर हैं। वे भारत के खिलाफ 32 टेस्ट मैच खेल चुके हैं। इन मैचों में उनको 130 विकेट भी मिले हैं, लेकिन वे कभी भी भारत में टेस्ट सीरीज जीतने का हिस्सा नहीं रहे। ऑस्ट्रेलिया ने 2004-05 में आखिरी बार भारत में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा किया था। इसके बाद से भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में घर पर हार नहीं मिली। जब भारत आखिरी बार अपनी सरजमीं पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज हारा था तो उस समय नाथन लियोन प्रोफेशनल क्रिकेट भी नहीं खेलते थे। क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू ने नाथन लियोन के हवाले से कहा, "मैंने हमेशा कहा है कि मैं भारत में टेस्ट सीरीज जीतना चाहता हूं। मैं इंग्लैंड में भी टेस्ट सीरीज जीतना चाहता हूं। हमें कुछ सालों में यह मौका मिलेगा, लेकिन हमें टेस्ट दर टेस्ट खेलना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि हम वेस्टइंडीज में सब कुछ सही कर रहे हैं। फिर हमें एशेज के साथ घर पर एक शानदार समर सीजन मिलेगा, लेकिन एक और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल निश्चित रूप से मेरे कार्ड पर होगा।" अगला वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल 2027 में खेला जाना है, जो अब से दो साल दूर है।