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सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी आदेश में चार वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के तबादले किए गए

भोपाल  सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से जारी आदेश में चार वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। 1996 बैंच के आईएएस संजीव कुमार झा वर्तमान में राजस्व मंडल ग्वालियर में सदस्य के रूप में पदस्थ है, उनको मध्य प्रदेश का नया मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही वे विधि एवं विधायी कार्य विभाग के पदेन प्रमुख सचिव (केवल निर्वाचन कार्य के लिए) होंगे। वहीं, 1997 बैंच के आईएएस अधिकारी और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुखबीर सिंह को लोक निर्माण विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया है। ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई को लोक निर्माण विभाग (PWD) के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। इसके अलावा 2004 बैंच के आईएएस रघुराज एम आर को तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग से हटाकर अब सचिव, श्रम विभाग नियुक्त किया गया है।  खनिज साधन एवं पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव श्रम विभाग के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। 2006 बैंच के आईएएस अनिल सुचारी को सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग को स्थानांतरित कर अब आयुक्त, सागर संभाग बनाया गया है। वहीं, मुकेश चंद्र गुप्ता  वर्तमान में सचिव, मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के सचिव मुकेश चंद्र गुप्ता को सदस्य, राजस्व मंडल, ग्वालियर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव तथा राहत एवं पुनर्वास आयुक्त विवेक कुमार पोरवाल को प्रमुख सचिव, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। 

नया आधार बनवाने व संशोधन में अब नहीं समय लगेगा का समय, UIDAI खोलेगा नया सेंटर

ग्वालियर ग्वालियर शहर में भोपाल-इंदौर की तर्ज पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) का आधार सेंटर खुलने जा रहा है। इसके खुलने से लोगों को दिल्ली के भरोसे नहीं रहना होगा। न आधार में छोटी-छोटी कमियां निकालकर निरस्त किया जा सकेगा। वर्तमान में सेंटर पर जो भीड़ हो रही है और नया आधार बनवाने व संशोधन में जो समय लग रहा है, उसमें राहत मिलेगी। वर्तमान में जो आधार बन रहे हैं, उसमें 35 से 40 फीसदी आधार निरस्त हो जाते हैं। इस कारण भीड़ कम नहीं हो रही।  वहीं तीन से अधिक अपडेट में दिल्ली के चक्कर काटने पड़ते हैं। जिला प्रशासन के अफसरों ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जल्द ही जगह भी तय होगी। दरअसल स्कूल में प्रवेश, सरकारी राशन व अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए आधार जरूरी है। एक सेंटर पर दिनभर में औसतन 25 से 30 आधार बन रहे हैं। पोस्ट ऑफिस के बाहर ज्यादा भीड़ हो रही है। दिल्ली करना पड़ रहा संपर्क आधार की जानकारी अपलोड होने के बाद व्यक्ति नंबर जनरेट होने का इंतजार करता है। न होने की स्थिति में कलेक्ट्रेट पहुंचता है और किस वजह से आधार निरस्त हुआ है, उसकी जानकारी लेने के लिए दिल्ली में संपर्क करना पड़ता है। इसके लिए मेल भेजना पड़ता है। सेंटर में यूआईडीएआई का कर्मचारी बैठता है। इसका सीधा संपर्क दिल्ली में रहता है। यदि कोई कमी है तो वह स्थानीय स्तर पर सुधार देता है। ग्वालियर में स्थानीय स्तर पर कमी सुधारने की व्यवस्था नहीं है। बैंक में नहीं जा रहे लोग शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में 56 आधार केंद्र हैं। पोस्ट ऑफिस व कलेक्ट्रेट के सेंटर पर सबसे ज्यादा भीड़ रहती है, बैंक में लोग आधार बनवाने नहीं जा रहे। यदि बैंक में लोग जाना शुरू हो गए तो पोस्ट ऑफिस का लोड कम हो जाएगा। एक केंद्र पर दिन में औसतन 25 से 30 आधार बनते हैं। इन कारणों से हो रहे हैं निरस्त -कागजों की स्कैनिंग ठीक से नहीं हुई। -नाम में अंतर होने पर। जन्म तिथि के दस्तावेज नहीं होने पर भी निरस्त हो रहे हैं। -व्यक्ति के पते में अंतर होने पर। -सबसे ज्यादा दिक्कत उन बच्चों को आ रही है, जिनके आधार जन्म के तुरंत बाद बन गए हैं। उस वक्त आधार में नाम नहीं लिखा गया है। रुचिका चौहान, कलेक्टर का कहना है कि आधार निरस्त होने की संख्या अधिक है, इसलिए इंदौर भोपाल के आधार सेंटर का फीडबैक लिया था। नया सेंटर बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके शुरू होने पर आधार निरस्त कम होंगे, आसानी से भी बन सकेंगे।

राजा रघुवंशी हत्याकांड में नया मोड़, पुलिस अब जल्द पेश करेगी चार्जशीट

इंदौर  इंदौर से शिलांग ले जाकर अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या करने वाली सोनम और उसके प्रेमी सहित पांचों आरोपियों के खिलाफ पुलिस चार्जशीट कोर्ट में पेश करने में ज्यादा देर नहीं लगाएगी। वैसे तीन माह के भीतर चार्जशीट पेश करना होती है, लेकिन पुलिस ने पर्याप्त सबूत जुटा लिए है। इंदौर से बाद में प्राॅपर्टी ब्रोकर और गार्ड की पुलिस ने हिरासत में लिया है। उनकी गवाही भी इस हत्याकांड में अहम होगी, क्योकि उन्होंने सोनम व राज के कहने पर सबूत मिटाए थे। पुलिस ने राजा के शव के पास से जो टी शर्ट और हथियार जब्त किए है। वे आरोपियों के खिलाफ अहम सबूत साबित होंगे। पुलिस ने उसकी फोरेंसिक जांच भी कराई है। उसकी रिपोर्ट भी पुलिस को मिल चुकी है। सोनम और तीनों आयोपियों ने जो दोपहिया वाहन किराए पर लिए थे। उनकी जीपीएस लोकेशन भी पुलिस के लिए एक अहम सबूत है,क्योकि हत्या के समय दोनो वाहनों की लोकेशन एक ही थी। अब तक यह सबूत जुटाए शिलांग पुलिस ने अब तक राजा हत्याकांड को लेकर रिवाल्वर, गहरे, जलाए गए बैग के अवशेष, हत्या में प्रयुक्त हथियार, आरोपियों के कपड़े सहित अन्य सबूत जुटाए है। आरोपी विशाल ने हत्या के समय जो शर्ट पहनी थी। उसे भी पुलिस ने उसके घर से जब्त किया है। विशाल ने ही राजा के सिर पर पहला वार किया था। आपको बता दें कि 23 मई को राजा रघुवंशी की सोनम सहित चार आरोपियों ने हत्या कर दी थी। शव को खाई में फेंक कर सोनम इंदौर आ गई थी। राज ने ही हत्या की साजिश रची थी, लेकिन वह शिलांग नहीं गया था।  

‘कोरोना वैक्सीन और अचानक होने वाली मौतों के बीच कोई संबंध नहीं’, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया जवाब, सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट

नई दिल्ली कोविड-19 वैक्सीन और अचानक हो रही मौतों को लेकर जो डर और सवाल थे, अब उन पर जवाब मिल गया है. ICMR और AIIMS की नई स्टडी में साफ कहा गया है कि भारत में वैक्सीन और अचानक मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक, इन मौतों की वजह वैक्सीन नहीं, बल्कि पहले से मौजूद बीमारियां, खराब जीवनशैली और शरीर की बनावट (आनुवांशिक कारण) हैं. यानी अगर किसी को दिल की बीमारी, शुगर या हाई ब्लड प्रेशर पहले से है और इलाज सही नहीं हुआ तो मौत का खतरा बढ़ सकता है. इसका वैक्सीन से कोई लेना-देना नहीं है. स्टडी से ये भी साफ हुआ है कि कोविड वैक्सीन सुरक्षित है और लोगों को इसे लेकर डरने की जरूरत नहीं है. स्टडी से क्या चला पता? स्टडी में पता चला है कि वैक्सीन और अचानक मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है. ज्यादातर मामलों में मौत की वजह पहले से मौजूद बीमारियां, आनुवांशिक कारण और अस्वस्थ जीवनशैली रही. साथ ही वैक्सीन से होने वाले गंभीर दुष्प्रभाव बेहद दुर्लभ हैं. विशेष रूप से 18 से 45 वर्ष के युवाओं में अचानक हुई मौतों की जांच के लिए दो अहम रिसर्च स्टडीज की गई हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया है कि युवाओं में हो रहे हार्ट अटैक और कोरोना वैक्सीन के बीच कोई लिंक नहीं है. मंत्रालय का कहना है कि आईसीएमआर की ओर से की गई स्टडीज में कोरोना वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच किसी लिंक का पता नहीं चला है.  यह स्टडी देश के 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में मई से अगस्त 2023 के बीच की गई थी. यह स्टडी ऐसे लोगों पर की गई, जो पूरी तरह से स्वस्थ थे लेकिन अक्टूबर 2021 से मार्च 2023 के बीच उनकी अचानक मौत हो गई. स्टडी से पता चला कि कोरोना वैक्सीन की वजह से युवाओं में हार्ट अटैक का जोखिम नहीं बढ़ा है. युवाओं की अचानक हो रही मौतों का इससे कोई कनेक्शन नहीं है. यह स्टडी ऐसे समय में सामने आई है जब देशभर में युवाओं में हार्ट अटैक से हो रही मौतों के मामले बढ़े है. आईसीएमआर और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल अचानक हो रही इन मौतों के पीछे का कारण समझने की दिशा में काम कर रही है. इस स्टडी में जीवनशैली और पूर्व की स्थितियों को अचानक हो रही मौतों का प्रमुख कारण माना गया है. सिद्धारमैया के बयान के एक दिन बाद स्टडी हुई सार्वजनिक आईसीएमआर और एम्स की इस स्टडी को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के उस बयान के एक दिन बाद सार्वजनिक किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना वैक्सीन को जल्दबाजी में दी गई मंजूरी  और उसका डिस्ट्रीब्यूशन राज्य में युवाओं की अचानक हो रही मौतों का कारण हो सकता है. उन्होंने कोरोना वैक्सीन के संभावित साइट इफैक्ट की स्टडी के लिए एक पैनल के गठन करने का भी ऐलान किया था.  कर्नाटक के सीएम के बयान पर सरकार की सफाई दरअसल कर्नाटक के हासन जिले में दिल का दौरा पड़ने से कई युवाओं की मौत हुई है, जिसके बाद कर्नाट के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने एक बयान में दिल का दौरा पड़ने के लिए कोरोना वैक्सीन को जिम्मेदार बताया था, लेकिन केंद्र सरकार ने उनके दावे को खारिज कर दिया है। सिद्धारमैया ने मंगलवार को कहा कि जल्दबाजी में कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी गई और फिर तेजी से वैक्सीन का वितरण किया गया, ऐसे में हो सकता है कि अचानक हो रही मौतों की वजह कोरोना वैक्सीन भी हो सकती है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि 'अगर किसी को भी सीने में दर्द, या सांस लेने में तकलीफ की समस्या हो तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में अपना चेकअप कराएं और लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।' सरकार ने कहा- अचानक मौत होने के कई कारण स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अचानक हो रहीं मौतों की देश की विभिन्न एजेंसियों ने जांच की है और जांच में पाया गया है कि इनका कोरोना वैक्सीन से कोई सीधा संबंध नहीं हैं। आईसीएमआर और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने भी अपने अध्ययन में इसकी पुष्टि की है। सरकार ने कहा कि कोरोना वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावकारी है और इसके दुर्लभ ही किसी पर गंभीर परिणाम दिखे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अचानक हो रही मौतों के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें जेनेटिक्स, हमारा रहन-सहन और दिनचर्या, पहले से कोई बीमारी और कोरोना संक्रमित होने के बाद की दिक्कतें शामिल हैं।  आईसीएमआर और एनसीडीसी ने 18 से 45 साल के लोगों के बीच अध्ययन किया। यह अध्ययन मई 2023 से लेकर अगस्त 2023 तक 47 क्षेत्रीय अस्पतालों और 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किया गया। इस अध्ययन में उन लोगों की जांच की गई जो अक्तूबर 2021 से लेकर मार्च 2023 के बीच अचानक मौत का शिकार हुए। अध्ययन में पता चला कि इन अचानक मौतों का कोरोना वैक्सीन से संबंध नहीं है। अब एम्स द्वारा भी ऐसा ही एक अध्ययन किया जा रहा है, जिसकी फंडिंग आईसीएमआर द्वारा की गई है।   अध्ययन में पाया गया है कि जेनेटिक म्यूटेशन के चलते दिल का दौरा पड़ने जैसी घटनाएं बढ़ी हैं। अभी अध्ययन चल रहा है और इसके पूरा होने के बाद ही रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी। सरकार ने चेताया कि जो दावे किए जा रहे हैं, वे आधारहीन हैं और इनसे आम जनता का कोरोना वैक्सीन में विश्वास कमजोर होगा, जबकि कोरोना वैक्सीन की वजह से ही कोरोना महामारी के दौरान लाखों लोगों की जान बची थी। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक सीएम ने दावा किया कि बीते महीने में हासन जिले में 20 से ज्यादा लोगों की मौत अचानक हुई है।   

एजबेस्टन स्टेडियम में इंडिया और इंग्लैंड के बीच दूसरा मुकाबला, पिच का कैसा रहेगा मिजाज, जाने

नई दिल्ली बर्मिंघम के एजबेस्टन स्टेडियम में इंडिया और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला खेला जाएगा। एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का पहला मुकाबला हारने के बाद टीम इंडिया सीरीज में 0-1 से पीछे है। वहीं, अब दूसरा मुकाबला जहां खेला जाएगा, उस मैदान पर टीम इंडिया का रिकॉर्ड बहुत ही ज्यादा खराब है। उस रिकॉर्ड के अलावा आप ये भी इस स्टोरी में जान लीजिए कि बर्मिंघम के इस खूबसूरत स्टेडियम की पिच का मिजाज इस मुकाबले में कैसा रहने वाला है। बर्मिंघम में टीम इंडिया ने 8 मुकाबले खेले हैं, जिनमें से सात मैचों में टीम को हार मिली है और एक मैच ड्रॉ रहा है, जो 1980 के दशक में खेला गया था। भारत को यहां कई दशकों से जीत नहीं मिल पाई है। टीम पहले से ही पिछड़ चुकी है और अब ऐसे स्टेडियम में मैच खेलेगी, जहां जीत नहीं मिली तो यह बहुत मुश्किल भरा रहने वाला है। एजबेस्टन की बात करें तो यहां अब तक 56 टेस्ट मैच खेले गए हैं। इनमें से 29 मैचों में उन टीमों ने जीत दर्ज की है, जिन्होंने पहले बल्लेबाजी की है। वहीं, पहले गेंदबाजी करने वाली टीम इन 56 मैचों में से सिर्फ 12 मैचों में जीत दर्ज कर पाई है। 15 मुकाबले यहां ड्रॉ भी रहे हैं। टॉस की भूमिका यहां अहम रहती है, लेकिन जीत प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो टॉस जीतकर गेंदबाजी करने पर आपके 50 फीसदी के करीब चांस मुकाबले जीतने के हो जाते हैं। पिछले 10 टेस्ट मैचों में एजबेस्टन में पहली पारी का औसत स्कोर 334 रहा है। पिछली बार जब भारत ने इस मैदान पर खेला था, तो इंग्लैंड ने 378 रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक हासिल कर लिया था। इस मैदान पर पिछले चार टेस्ट मैचों में लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम को जीत मिली है, जो दर्शाता है कि पिच बल्लेबाजों को मदद करती है। इंग्लैंड के इस मैदान पर भी बाकी के मैदानों की तरह पेसर्स को मदद मिलती है। साल 2000 के बाद से तेज गेंदबाजों ने 31 की औसत से 490 विकेट लिए हैं। स्पिनर भी यहां फायदे में रहे हैं। उनका औसत 34 का है और विकेट उनको 153 मिले हैं।  

स्कूल में शराब पीने वाला शिक्षक निलंबित, सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ था वायरल

टीकमगढ़  शराब पीकर स्कूल आना और शराबखोरी करने जैसे मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला टीकमगढ़ जिले से भी सामने आया है। खास बात यह है कि यहां शिक्षक ने शिक्षक ने स्वयं ही शराब पीना स्वीकार कर लिया और वह भी लिखित में जांच टीम को दिया है। आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए शराबखोरी करने वाले प्राथमिक शिक्षक को कलेक्टर ने निलंबित कर दिया है। कलेक्टर विवेक श्रोतिय ने प्राथमिक शिक्षक सुम्मनलाल वंशकार को निलंबित करते हुए विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उनका मुख्यालय नियत कर दिया। उन्हें अब जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। दरअसल, यह पूरा मामला मोहनगढ़ संकुल केंद्र के पड़वार गांव की हरिजन बस्ती में स्थित प्राथमिक शाला से जुड़ा है। इस विद्यालय में प्राथमिक शिक्षक सुम्मनलाल वंशकार पदस्थ थे। जो स्कूल में शराब पीकर जाते थे। यहां तक कि क्लासरूम में बैठकर भी शराब पीते थे। स्कूल परिसर में शराब की खाली बोतलें भी मिलीं थी। शिक्षक ने लिखित में स्वीकारा इसी बीच बीते दिनों स्कूल की कुर्सी पर शराब पीकर सोते हुए शिक्षक का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। जिसमें ग्रामीण बोलते हुए दिखे कि शिक्षक शराब पीकर सो रहे हैं। कलेक्टर विवेक श्रोतिय ने मामले में जांच टीम गठित की और मोहनगढ़ औ वर्माडांग के प्राचार्य ने जांच की जांच में स्कूल के शिक्षक सुम्मनलाल ने शराब पीकर स्कूल आने की बात लिखित में स्वीकार की। जांच प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचने के बाद कलेक्टर विवेक श्रोतिय ने प्राथमिक शिक्षक को निलंबित कर दिया। अब इस मामले से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। हालांकि यह प्रदेश में पहला मामला नहीं है। एक महिला शिक्षक का वीडियो वायरल गौरतलब है कि ऐसा ही एक वीडियो कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के धार जिले से भी सामने आया था। जहां एक महिला टीचर स्कूल में शराब के नशे में झूमती नजर आ रही थी। साथ ही वीडियो में वह वीडियो बनाने वाले को धमकाते भी दिख रही थी, कि यह मेरा स्कूल है-कुछ बोला तो 12 बजा दूंगी। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वारयल हुआ था, जिसके आधार पर महिला शिक्षक पर कार्रवाई की गई है।

ऋषभ पंत को क्यों भाता है इंग्लैंड? एजबेस्टन में बने हैं रन मशीन!

नई दिल्ली  भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला एजबेस्टन में है। इस मैदान पर ऋषभ पंत ने एक ऐसा रिकॉर्ड कायम कर रखा है जो दुनिया के किसी बल्लेबाज ने नहीं किया है। इंग्लैंड तो उन्हें कुछ खास ही रास आता है। आंकड़े देखेंगे तो यकीन हो जाएगा। एजबेस्टन में सबसे ज्यादा स्ट्राइक रेट से शतक भारतीय क्रिकेट टीम को इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन टेस्ट में ऋषभ पंत से खास उम्मीद रहेगी। एक तो इंग्लैंड उन्हें रास आता है और दूसरा इस ग्राउंड पर उनके नाम एक खास रिकॉर्ड है। पंत ने 2022 में एजबेस्ट में 111 गेंद में 146 रन ठोके थे। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 131.53 का रहा। यह एजबेस्टन में शतक जड़ने वाले किसी भी बल्लेबाज का सबसे ज्यादा स्ट्राइक रेट है। इस मामले में तो वह एजबेस्टन के सुल्तान हैं। दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट हैं जिन्होंने 2001 में 106.29 के औसत से 143 गेंद में 152 रन बनाए थे। पंत को खूब रास आता है इंग्लैंड ऋषभ पंत को इंग्लैंड में उसके खिलाफ खेलना काफी रास आता है। उन्होंने 2018 के इंग्लैंड दौरे पर ही टेस्ट डेब्यू किया था। डेब्यू सीरीज में ही उन्होंने पहला शतक भी ठोका था। 2018 के ओवल टेस्ट में उन्होंने अपने जीवन की पहली टेस्ट सेंचुरी जड़ी थी। इस बार के दौरे में लीड्स टेस्ट की दोनों पारियों में उन्होंने शतक जड़ा। एजबेस्टन में शतक जड़ने वाले भारतीय ऋषभ पंत भारत के उन चुनिंदा 4 बल्लेबाजों में हैं जिन्होंने एजबेस्टन में टेस्ट शतक जड़ा है। सचिन तेंदुलकर ने 1996 में यहां 122 रन बनाकर शतक ठोका था। पंत और राहुल द्रविड़ ने 2018 में यहां शतक जड़े थे। रविंद्र जडेजा ने 2022 में एजबेस्टन में सेंचुरी जड़ी थी। इंग्लैंड के खिलाफ ऐसा करने वाले इकलौते बल्लेबाज ऋषभ पंत इंग्लैंड के खिलाफ लगातार 5 टेस्ट पारियों में 50 -प्लस बनाने वाले इकलौते भारतीय बल्लेबाज हैं। उन्होने 5 पारियों में 101 के औसत से 505 रन बनाए हैं। इंग्लैंड के खिलाफ पंत का प्रदर्शन ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज के पहले मुकाबले तक कुल 13 टेस्ट मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने 46.95 के औसत से 1033 रन बनाए हैं। अब तक उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ 5 टेस्ट शतक जड़े हैं। इंग्लैंड में पंत का प्रदर्शन अगर इंग्लैंड के खिलाफ उसी के घर में पंत के प्रदर्शन की बात करें तो वह अब तक 10 टेस्ट में 42.52 के औसत से 808 रन बना चुके हैं। इस दौरान उन्होंने 4 शतक भी जड़े हैं।

दूसरा टेस्ट मुकाबला: मोहम्मद सिराज पर गिरी गाज? पूर्व क्रिकेटर ने उठाई बाहर करने की मांग

नई दिल्ली भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट शुरू होने से पहले पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने प्लेइंग इलेवन को लेकर टीम मैनेजमेंट से खास अपील की है। उन्होंने कहा कि एजबेस्टन टेस्ट में प्रसिद्ध कृष्ण और मोहम्मद सिराज में से किसी एक को खिलाया जाना चाहिए। उन्होंने कैप्टन शुभमन गिल और कोच गौतम गंभीर से प्लेइंग इलेवन चुनते वक्त कड़े फैसले लेने की अपील की है। साथ में उन्होंने सुझाव भी दिया है कि प्रसिद्ध कृष्णा थोड़े अच्छे दिख रहे लिहाजा मोहम्मद सिराज को दूसरे टेस्ट में बेंच पर बिठाया जाए। मांजरेकर ने क्रिकइन्फो से बातचीत में कहा, '(सिराज या कृष्ण?) यहां आपको कड़े फैसले लेने होंगे। मेरे लिए यह आसान है क्योंकि सिराज आपके सीनियर बोलर हैं। वह पूरे जोश से गेंदबाजी करते हैं और हेडिंग्ले में उनका एक बढ़िया स्पेल भी रहा था…लेकिन आपको मौजूदा हकीकत की तरफ देखना होगा।' मांजरेकर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि टेस्ट मैच खत्म होने तक प्रसिद्ध कृ्ष्ण शुभमन गिल के लिए एक ऐसे गेंदबाज जैसे लगे जिनके पास विकेट लेने के लिए गेंद थमाई जा सकती है। इसलिए उस लिहाज से मैं प्रसिद्ध कृष्ण के साथ जाऊंगा। यह भले ही कठिन फैसला होगा लेकिन प्रसिद्ध की तुलना में मोहम्मद सिराज के मौजूदा फॉर्म को देखते हुए जरूरी है।’ मांजरेकर ने कहा कि शार्दुल ठाकुर की जगह पर नीतीश कुमार रेड्डी को खिलाया जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने एक तेज गेंदबाज को बैठाकर उसकी जगह कुलदीप यादव को खिलाने की सलाह दी है। भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैच की सीरीज का पहला मुकाबला लीड्स में खेला गया था। उस मैच में भारत की तरफ से दोनों पारियों को मिलाकर रिकॉर्ड 5 शतक लगे थे, उसके बाद भी उसे हार का सामना करना पड़ा था। लीड्स टेस्ट जीतने के बाद इंग्लैंड को सीरीज में 1-0 की बढ़त मिल चुकी है और एजबेस्टन टेस्ट के लिए उसके हौसले बुलंदी पर हैं। खास बात यह है कि ये मैदान भारत के खिलाफ इंग्लैंड का अभेद्य किला रहा है। यहां टेस्ट में भारत एक बार भी जीत नहीं पाया है।  

पीथमपुर में जलाया गया था यूका का 337 टन कचरा, लैंडफिल में दिसंबर तक राख का निपटान होगा

 इंदौर/ भोपाल   पीथमपुर के भस्मक संयंत्र में भोपाल गैस त्रासदी का 337 टन कचरा जलकर राख बन चुका है। अब पीथमपुर में ही ट्रीटमेंट, स्टोरेज, डिस्पोज फेसिलिटी (टीएसडीएफ) परिसर के लैंडफिल में दिसंबर तक इस राख का निपटान (डिस्पोज) किया जाएगा। यह प्रक्रिया कोर्ट द्वारा निर्धारित एक्सपर्ट कमेटी के मार्गदर्शन में होगी। उक्त कमेटी में मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (नीरी) के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यूनियन कार्बाइड के कचरे को पीथमपुर में भस्मक संयंत्र में नष्ट करने के दौरान उसके चिमनी से निकलने वाले धुएं में हानिकारक तत्वों की जांच की गई। इसमें मर्करी, सल्फर डाइ आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड जैसी जहरीली गैसों के अलावा डायक्सीन फ्यूरान गैस की भी जांच की गई। डायक्सीन फ्यूरान गैस की निर्धारित से अधिक मात्रा मनुष्य के लिए नुकसानदायक होती है। बायो मेडिकल वेस्ट प्लांट, भस्मक संयंत्रों में वर्ष में एक बार अपने प्लांट की चिमनी से निकलने वाली गैसों में डायक्सीन फ्यूरान की जांच की जाती है। पीथमपुर के भस्मक संयंत्र का संचालन करने वाली एनर्जी एन्वायरो कंपनी ने यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने के दौरान 55 दिन में 14 बार (प्रत्येक सप्ताह में दो बार) डायक्सीन फ्यूरान गैस का सैंपल किया और इसे जांच के लिए गुरुग्राम की फेयर लैब में अलग-अलग समय के अंतराल पर भेजा गया। वहीं मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा भी डायक्सीन फ्यूरान की अलग से जांच की गई और 55 दिन में चार बार सैंपल कोलकाता की इफरैक लैब में जांच के लिए भेजे गए। गौरतलब है कि भस्मक संयंत्र की चिमनी से स्टैक मानीटरिंग किट के माध्यम से इस गैस के लिए सैंपल लेने की प्रक्रिया में आठ घंटे का समय लगता है। विज्ञानी व विशेषज्ञ खास हेलमेट व दस्ताने पहनकर किट के माध्यम से बोतलों में इसके सैंपल एकत्र करते हैं। देश में दो प्रमुख लैब में ही इसकी जांच की सुविधा है।

प्रयागराज के प्रसिद्ध मंदिर में पान, गुटखा, तंबाकू खाने वाले पुजारी नहीं करा सकेंगे पूजा

प्रयागराज सावन का महीना शुरू होने वाला है. इससे पहले मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं. इसी के तहत प्रयागराज के प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर में अब ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है. अब कोई भी श्रद्धालु बिना पारंपरिक परिधान के मंदिर में पूजा-अर्चना नहीं कर सकेगा. इतना ही नहीं पान, गुटखा, तंबाकू खाने वाले पुजारी भी मंदिर में पूजा नहीं करा सकेंगे. मंदिर समिति के अनुसार पुरुषों के लिए धोती-कुर्ता महिलाओं के लिए साड़ी या सलवार सूट निर्धारित किया गया है. विशेषकर रुद्राभिषेक के लिए ये परिधान होना अनिवार्य होगा. बिना इन कपड़ों के पूजा करने की अनुमति नहीं होगी. यहां तक कि जिन श्रद्धालुओं के पास ये कपड़े ना हों उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. मंदिर प्रशासन की ओर से कपड़े उपलब्ध कराए जाएंगे. इस व्यवस्था के पीछे एकमात्र उद्देश्य है मंदिरों की मर्यादा बनाए रखना. मंदिर प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय श्रद्धा, गरिमा और धार्मिक परंपराओं की मर्यादा बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है. मंदिर में कई बार श्रद्धालु आधुनिक या अनुचित परिधान में आ जाते हैं, जिससे पूजा स्थल की पवित्रता प्रभावित होती है.