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मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का जिले में आगमन 4 जुलाई को

मुख्यमंत्री सरई में आयोजित शसक्त महिला एवं जन जाति गौरव सम्मेलन में होगे शामिल सिंगरौली मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव  का 4 जुलाई को  जिले के  सरई अंचल में आगमन होगा  मुख्यमंत्री सरई में आयोजित शसक्त महिला  एवं जन जाति गौरव सम्मेलन में शामिल होगे। मुख्यमंत्री के आगमन को मद्देनजर रखते हुये देवसर विधानसभा के विधायक श्री राजेन्द्र मेश्राम,  कलेक्टर चन्द्र शेखर शुक्ला, पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री, एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री गजेन्द्र सिंह नागेश के द्वारा मुख्यमंत्री जी के लिए कार्यक्रम हेतु चयनित सभा स्थल सीएम राईज विद्यालय सरई के परिसर में की जा रही व्यवस्थाओ का निरीक्षण किया गया। एवं तैयारियो में सलग्न अधिकारी कर्मचारियो को समय पर सभी तैयारियो को पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया।  कलेक्टर ने विंदुवार कार्यक्रम हेतु की जा रही तैयारियो का गहनता पूर्वक निरीक्षण करते हुयें सभा स्थल पर बैठक व्यवस्था, बैरिकेंटिग, पेयजल, वाहनो के पार्किग व्यवस्था, हेलीपैड सहित सभा स्थल तक पहुच मार्ग व्यवस्था आदि का अवलोकन करते हुयें निर्देश दिया गया कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होने के आने वाले नागरिको के लिए सेक्टरवार बैठक व्यवस्था सुनिश्चित कराये। साथ सभा स्थल तक नागरिको लाने एवं ले जाने वाले वाहनो के लिए उचित पर्किग व्यवस्था सुनिश्चित करे।  कलेक्टर ने सभा स्थल पर निर्बध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही पेयजल, शौचालय, अग्निशमक आदि का उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए। साथ ही निर्देश दिया गया। कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के द्वारा जिले के जिन विकास कार्यो का लोकापर्ण भूमिपूजन कराया जाना है उनकी सूची तैयार कर विकास कार्यो की शिलापट्टीका तैयार कराकर व्यवस्थित करले। इसके अलावा भी कार्यक्रम के तैयारियो के संबंध मे कलेक्टर द्वारा महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। इस दौरान संयुक्त कलेक्टर संजीव पाण्डेय,  एसडीएम देवसर अखिलेश सिंह, एसडीएम माड़ा राजेश शुक्ला, नगर निगम आयुक्त डी.के शर्मा,  डिप्टी कलेक्टर माइकेल तिर्की, देवेन्द्र द्विवेदी, तहसीलदार सरई चन्द्र शेखर मिश्रा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

संसद सुरक्षा में सेंध के आरोपी दो युवकों को मिली जमानत, दिल्ली पुलिस ने किया विरोध

नई दिल्ली  संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में बड़ी अपडेट सामने आई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को आरोपियों नीलम आजाद और महेश कुमावत को जमानत मंजूर कर दी है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने इन दोनों की जमानत अर्जी का विरोध किया था, लेकिन कोर्ट ने उनकी रिहाई का आदेश दिया। याद दिला दें कि वर्ष 2023 में संसद सत्र के दौरान लोकसभा में घुसकर पीली गैस छोड़ी गई थी और नारेबाजी की गई थी, जिससे संसद की सुरक्षा पर सवाल उठे थे। कोर्ट ने लगाई कुछ शर्ते दिल्ली हाई कोर्ट ने संसद सुरक्षा में चूक के मामले में आरोपी नीलम आजाद और महेश कुमावत को जमानत प्रदान की है, लेकिन इसके साथ कुछ सख्त शर्तें भी लागू की हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि दोनों आरोपी जमानत अवधि के दौरान मीडिया से कोई बातचीत नहीं करेंगे और सोशल मीडिया पर भी कोई पोस्ट नहीं करेंगे। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की बेंच ने दोनों को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और दो समान राशि की जमानत के आधार पर राहत दी है। पुलिस ने कोर्ट को क्या बताया? इससे पहले निचली अदालत ने संसद में सुरक्षा व्यवस्था की चूक से जुड़े मामले में आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ आरोपियों ने उच्च न्यायालय का रुख किया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने नीलम आजाद और महेश कुमावत की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद 21 मई को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। पुलिस ने अदालत में यह तर्क दिया था कि आरोपियों का मकसद 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले की भयावह घटनाओं को दोबारा याद दिलाना था।

शहडोल सांसद ने अपनी बेटी का एडमिशन शासकीय विद्यालय में कराया

भोपाल  शहडोल सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह ने अपनी बेटी गिरीश नंदिनी सिंह का एडमिशन अनूपपुर जिले के ग्राम राजेंद्र के शासकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय में कराया है। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह के इस निर्णय की सराहना की। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री सिंह ने कहा कि इस सकारात्मक संदेश से अन्य जन-प्रतिनिधियों एवं नागरिकों को प्रेरणा मिलेगी। जन-सामान्य में सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता के प्रति उनका विश्वास और अधिक मजबूत होगा। 

सांसद बृजमोहन अग्रवाल को नई जिम्मेदारी की प्रदान, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की हिन्दी सलाहकार समिति के बने सदस्य

रायपुर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल को भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की हिन्दी सलाहकार समिति में सदस्य के रूप में नई जिम्मेदारी प्रदान की गई है. नई जिम्मेदारी मिलने के पश्चात सांसद अग्रवाल ने कहा कि, हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा है. हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार, संवर्धन और राजकीय कार्यों में अधिकाधिक उपयोग को लेकर मैं प्रतिबद्ध हूं. अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभाग की हिन्दी सलाहकार समिति में सदस्य के रूप में जुड़ना मेरे लिए गौरव का विषय है. उन्होंने आगे कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, गृहमंत्री अमित शाह एवं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मुझे यह दायित्व सौंपा. उल्लेखनीय है कि हिन्दी सलाहकार समिति का कार्य मंत्रालय की योजनाओं, कार्यक्रमों और दस्तावेजों में राजभाषा हिन्दी के अधिकाधिक प्रयोग को सुनिश्चित करना तथा भाषा से संबंधित सुझाव देना होता है.

मानसून के मौसम में अपने बैग में जरूर रखें ये चीजें

यूं तो मानसून में होने वाली बारिश सभी को पसंद होती है लेकिन यही बारिश तब आफत बन जाती है जब आपको कहीं बाहर जाना पड़े। इसीलिए हम आपको यहां बता रहे हैं कि मानसून के मौसम में कहीं भी बाहर जाते हुए अपने बैग में क्या चीजें जरूर रखें? मानसून में हवा बहुत ज्यादा चलती है जिसके कारण होठ सूख जाते हैं। ड्राय और चैप्ड लिप्स किसी को पसंद नहीं आते। ऐसे में हैंडबैग में अपना फेवरेट लिप ग्लॉस जरूर रखें। जब भी आपको लगे कि लिप्स ड्राय हो रहे हैं तुरंत इसे लगाएं। नहाने के बाद आप मॉइस्चराइजर लगाते ही हैं। इसी तरह जब आप हाथ धोते हैं या बारिश में कहीं फंस जाते हैं तब भी मॉइस्चराइजर लगाना जरूरी है। जैसे ही पानी आपकी स्किन के सपर्क में आता है और जब वह सूखने लगता है तब वह स्किन का मॉइस्चर भी ले उड़ता है, इसलिए अपने बैग में एक मॉइस्चराइजर जरूर रखें। मानसून अपने साथ बैक्टीरिया की भरमार लेकर आता है। बारिश, कीचड़ और धूल हर जगह होती है। इसके लिए बाहर कम खाएं और अगर खाना पड़े तो हाथ सैनिटाइज किए बिना कभी ना खाएं। अपने बैग में एक छोटी सैनिटाइजर की बॉटल जरूर रखें। अगर आपकी हेल्थ अच्छी है तो सब अच्छा है। मानसून में हमारी प्यास कम हो जाती है इसलिए अपने बैग में एक छोटी पानी की बॉटल जरूर रखें। ये आपको ज्यादा पानी पिने की याद दिलाती रहेगी। मानसून का मतलब है बैक्टीरिया, तो ये आपको हेल्दी रखेगी। आप घर से बाहर जा रहे हैं तो हो सकता है मेकअप करके जाएं, स्टाइलिश हेयरस्टाइल बनाकर जाएं, या अपना सबसे अच्छा आउटफिट पहनकर जाएं। ऐसे में अगर बारिश की संभावना बन जाती है तो आप रेन डांस के मूड में तो बिलकुल नहीं आएंगे। इसलिए अपने बैग में एक फोल्डिंग छतरी जरूर रखें। न जाने कब इसकी जरूरत पड़ जाए।  

रणवीर सिंह का अगला धमाका, महबूब स्टूडियो में शूटिंग पर दिखी हाई सिक्योरिटी!

  मुंबई, बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह को हाल ही में महबूब स्टूडियो में हाई सिक्योरिटी में शूटिंग करते हुए देखा गया। रणवीर सिंह बॉलीवुड के सबसे जबरदस्त अभिनेता में से एक हैं। उन्होंने अब तक कई हिट फिल्में दी हैं। अब फैंस को यह जानने की बड़ी दिलचस्पी है कि रणवीर अगली बार क्या नया करने वाले हैं। रणवीर सिंह को हाल ही में महबूब स्टूडियो में शूटिंग करते हुए देखा गया। बताया जा रहा है कि महबूब स्टूडियो में जहां रणवीर सिंह शूटिंग कर रहे हैं, वहां हाई सिक्योरिटी देखी गई है। इस प्रोजेक्ट को लेकर अभी तक ज़्यादा जानकारी सामने नहीं आई है, क्योंकि सब कुछ सीक्रेट रखा जा रहा है जब तक कोई ऑफिशियल अनाउंसमेंट ना हो। हालांकि प्रोजेक्ट से जुड़ी डिटेल्स अभी तक सामने नहीं आई हैं, लेकिन ये अपडेट लोगों की उत्सुकता जरूर बढ़ा रहा है। ऐसा लग रहा है कि रणवीर सिंह महबूब स्टूडियो में किसी बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। इस वक्त रणवीर अपनी आने वाली फिल्म धुरंधर में बिजी हैं, जो उनके सबसे चर्चित प्रोजेक्ट्स में से एक है। हाल ही में यह भी खबर आई थी कि रणवीर मैडॉक फिल्म्स के साथ उनके बढ़ते हुए हॉरर-कॉमेडी यूनिवर्स का हिस्सा बनने जा रहे हैं।  

₹2 लाख की FD पर 2 साल में मिलेगा ₹2.29 लाख से ज्यादा, पोस्ट ऑफिस की स्कीम में जबरदस्त फायदा

नई दिल्ली  बाजार में भले ही बैंकों की एफडी (Fixed Deposit) पर ब्याज दरें घट रही हों, लेकिन पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीम्स आज भी छोटे निवेशकों को स्थिर और भरोसेमंद रिटर्न दे रही हैं। खास बात ये है कि जहां बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद एफडी की ब्याज दरों में कमी कर दी है, वहीं पोस्ट ऑफिस की टाइम डिपॉजिट (TD) स्कीम पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। RBI ने रेपो रेट घटाया, लेकिन पोस्ट ऑफिस ब्याज दरों पर टस से मस नहीं इस साल फरवरी से जून तक RBI ने रेपो रेट में 1.00% तक की कटौती की है। इसका असर बैंकों की लोन और एफडी स्कीम्स पर साफ दिखा – लोन सस्ते हुए और FD पर ब्याज दरें गिरीं। मगर पोस्ट ऑफिस की टाइम डिपॉजिट स्कीम अभी भी वही आकर्षक रिटर्न दे रही है, जो पहले मिल रहा था। पोस्ट ऑफिस TD पर कितना ब्याज? पोस्ट ऑफिस TD स्कीम को आप बैंक की एफडी जैसा समझ सकते हैं, लेकिन एक बड़ा फर्क है – यहां ब्याज सरकारी गारंटी के साथ तय होता है और बाजार में उतार-चढ़ाव का इस पर असर नहीं होता। ब्याज दरें इस प्रकार हैं: – 1 साल की TD: 6.9% – 2 साल की TD: 7.0% – 3 साल की TD: 7.1% – 5 साल की TD: 7.5% वाइफ के नाम 2 लाख रुपये की TD करें, जानिए 2 साल में क्या मिलेगा? अगर आप अपनी पत्नी के नाम पर पोस्ट ऑफिस की 2 साल की टाइम डिपॉजिट स्कीम में ₹2,00,000 जमा करते हैं, तो मैच्योरिटी पर कुल ₹2,29,776 मिलेंगे। -इसमें ₹29,776 की कमाई सिर्फ ब्याज से होगी। -निवेश राशि: ₹2,00,000 -अवधि: 2 साल -ब्याज दर: 7.0% प्रति वर्ष (कंपाउंडिंग के साथ) -मैच्योरिटी अमाउंट: ₹2,29,776    क्यों बेहतर है पोस्ट ऑफिस TD? -फिक्स और गारंटीड रिटर्न -सरकारी योजना, मतलब जोखिम नहीं -किसी भी उम्र और वर्ग के निवेशकों को एक जैसा ब्याज -न्यूनतम ₹1000 से शुरू कर सकते हैं -कोई अधिकतम सीमा नहीं  

एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24 में मध्यप्रदेश को फ्रंट रनर स्टेट का दर्जा

भारत-जर्मनी सहयोग से सतत विकास लक्ष्य स्थानीयकरण पर नीति आयोग की 3 जुलाई को राज्य स्तरीय वर्कशॉप भोपाल  सतत विकास के लक्ष्यों को स्थानीय स्तर पर क्रियान्वित करने में मध्यप्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। इसी क्रम में सतत विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन में निजी उद्योग की भूमिका और सहभागिता को बढ़ाने के लिए भारत जर्मन सहयोग परियोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य नीति आयोग द्वारा विशेषज्ञों की राष्ट्रीय कार्यशाला भोपाल के कोर्टयार्ड बाय मैरियट भोपाल में 3 जुलाई को सुबह दस बजे से आयोजित की गई है। कार्यशाला में मध्यप्रदेश के विभिन्न विभाग, जिलों के प्रतिनिधियों, नीति आयोग, जर्मनी की संस्था जीआईजेड के प्रतिनिधियों से सतत विकास के लक्ष्यों और उनके स्थानीयकरण के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। मध्यप्रदेश उन राज्यों में से एक है जहां सतत विकास के लक्ष्यों के स्थानीयकरण में तेजी आई है और एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24 में मध्यप्रदेश को फ्रंट रनर स्टेट का दर्जा मिला। प्रदेश में उत्पादन और जिम्मेदार पूर्ण उपभोग, स्वच्छ ऊर्जा, टिकाऊ स्वच्छता, शहरीकरण, गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में मध्यप्रदेश में उल्लेखनीय काम हुआ है। मध्यप्रदेश के प्रयासों से 2.30 करोड़ व्यक्ति बहुआयामी गरीबी से बाहर आए हैं। सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करते हुए मध्यप्रदेश में खाद्य सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना, स्वास्थ्य सुरक्षा हासिल करने के लिए आयुष्मान भारत और स्वच्छ भारत के प्रावधान के लिए जल जीवन मिशन में उल्लेखनीय काम हुआ है। मध्यप्रदेश देश के उन पहले राज्यों में से एक है जिसने भोपाल शहर के लिए स्वैच्छ‍िक स्थानीय समीक्षा की और इंदौर नगर निगम में ग्रीन म्युनिसिपल बांड के माध्यम से वित्त जुटाने में अग्रणी भूमिका निभाई। कार्यशाला में जर्मन दूतावास और यूएनडीपी के प्रतिनिधि, भारत जर्मन सहयोग परियोजना की प्रमुख श्रीमती हेनरी पेईचर्ट, नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार श्री राजीव कुमार सेन और सतत विकास लक्षण के क्रियान्वयन से जुड़े विषय विशेषज्ञ, आर्थिक सलाहकार, कॉर्पोरेट भागीदारी से जुड़े विशेषज्ञ शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि मई 2022 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने भारत और जर्मनी के बीच हरित और सतत विकास के लिए एक नई साझेदारी के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह साझेदारी भारत-जर्मनी विकास सहयोग को 2030 एजेंडा और पेरिस समझौते के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए था। इस प्रक्रिया में भारत जर्मनी सहयोग का समर्थन करने के लिए जर्मन संघीय आर्थिक सहयोग और विकास मंत्रालय बीएमजेड ने जीआईजेड संस्था के साथ साझेदारी की। जीआईजेड और नीति आयोग राष्ट्रीय राज्य और जिला स्तर पर सतत विकास लक्ष्य के क्रियान्वयन और निगरानी में सहायता के लिए संस्थागत क्षमताओं को मजबूत करने के करने में सहयोग दे रहे हैं। इसका उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मध्य पारस्परिक ज्ञान साझा करने को सुलभ बनाना और राज्य नीति आयोग और अन्य संस्थाओं के सहयोग के लिए मार्ग प्रशस्त करना है।  

पहचान बनाने के लिए करें बाकियों से कुछ अलग

देश के अलग-अलग इलाकों के विद्यार्थियों में एक जैसी छटपटाहट दिखती है। वह यह कि 11वीं, 12वीं या ग्रेजुएशन में पढ़ते हुए वे अपने भविष्य के करियर को लेकर दुविधा में हैं। उन्हें समझ नहीं आता कि आगे वे क्या करें। इस तरह की व्याकुलता ऐसे अभिभावकों में भी देखी जाती है, जिनके बच्चे अभी छोटी कक्षाओं में पढ़ रहे हैं लेकिन वे अभी से जानना चाहते हैं कि वे अपने बच्चों के बेहतर करियर के लिए क्या करें। पहचान की बेचैनी आपमें से कइयों को लगता होगा कि आप कुछ नहीं जानते, आपको कुछ नहीं आता। ऐसे में जो हीन भावना आपके मन में भर जाती है, उसी के कारण आपको अक्सर ऐसा लगता होगा कि आपकी आगे की राह पूरी तरह अंधकारमय है। इससे निकलने का रास्ता आपको नहीं सूझता। मगर इसका हल आपके पास ही है। जरा सोचें, आप अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं, इसीलिए तो परेशान हैं। पहचान बनाने की यह व्याकुलता ही आपकी शक्ति है। आप इसी के सहारे आगे बढ़ सकते हैं क्योंकि इसी में असली ताकत है। सामर्थ्य पहचानें आप अपने मन से यह बात पूरी तरह निकाल दें कि आपको कुछ नहीं आता। ध्यान रखें कि हर व्यक्ति में कोई-न-कोई गुण होता है। यह बात अलग है कि हममें से तमाम को अपने भीतर छिपे इन गुणों के बारे में पता ही नहीं होता। जिस दिन आपको अपनी छिपी प्रतिभा का पता चल जाएगा, उस दिन से आपकी सोच सकारात्मक हो जाएगी। इसलिए सबसे पहले अपनी इस खासियत को ढूंढें। जरूरी नहीं कि एक दिन में यह तलाश पूरी हो जाए। कुछ देर से ही सही, आपको अपनी खासियत का पता चल ही जाएगा। अब इसे निखारें जब आपको अपने गुणों के बारे में पता चल जाए, तो उस पर आत्ममुग्ध होने के बजाय उसे तराशने की योजना बनाकर आगे बढ़ें। अगर इसके लिए आज के वक्त के हिसाब से कोई अपडेटेड कोर्स करने की जरूरत हो, तो उससे भी पीछे न हटें। इससे आपको अपनी खासियत निखारने-चमकाने का अवसर मिलेगा। अगर कोर्स करने की जरूरत न हो, तो स्वाध्याय या सेल्फ-ट्रेनिंग से भी खुद को तराश सकते हैं। प्रेक्टिकल पर जोर कोर्स जॉइन कर लेने के बाद बारीकियों को अच्छी तरह से जानने के लिए थ्योरी तो जरूर पढ़ें, पर प्रेक्टिकल नॉलेज पर ज्यादा जोर दें। इससे आपको व्यवहारिक बातें सीखने को मिलेंगीं, जो सिर्फ किताबें पढ़ने से नहीं सीखी जा सकतीं। अगर तकनीकी कोर्स कर रहे हैं, तब तो प्रेक्टिकल ट्रेनिंग और भी जरूरी है। जिज्ञासा जरूरी अपनी पहचान बनाने के लिए अपने स्वभाव में ही चीज सीखने की उत्सुकता शामिल करनी होगी। जानने की जिज्ञासा को अपनी दिनचर्या में शुमार करके ही आप अपने ज्ञान में लगातार इजाफा कर सकते हैं। आज के प्रतिस्पर्धी समय में इस तरह की जिज्ञासा बेहद आवश्यक है। इससे आप उस फील्ड से संबंधित नई-नई बातों और टेक्नोलॉजी को समझकर उसे अपने काम में शुमार करके अपनी काबिलियत बढ़ा सकते हैं। इससे आपके काम का परिणाम और सटीक तथा प्रभावशाली हो सकता है। विनम्रता न छोड़ें आप किसी भी फील्ड से जुड़े हों, नौकरी कर रहे हों या फिर स्वरोजगार, क्लाइंट के सामने हों या फिर मालिक के या अपने सहयोगियों के साथ मीटिंग में हों, विनम्र बने रहकर आप अपनी अहमियत बढ़ा सकते हैं। ज्ञान, पद, पैसा, पहचान आदि हासिल करने के दौरान अहंकार से तनने के बजाय खुद को अधिक से अधिक विनम्र बनाए रखने का प्रयास करें। दूसरों की मदद को तत्पर रहें। आप देखेंगे कि समय आने पर दूसरे लोग भी आपकी मदद को तैयार रहेंगे। हार में जीत जीत आपको ज्यादा कुछ नहीं सिखाती। जीत की खुशी में आप बहुत कुछ भूल जाते हैं। मगर हार आपको बहुत कुछ सिखा सकती है। इसलिए कभी भी नाकामी या हार से हताश न हों। इस हार में कोई-न-कोई सीख जरूर होगी, जो आपकी जीत की सीढ़ी बन सकती है। अपनी कमी को तलाशें और उसे दूर करने की कोशिश करें। अगर कई बार असफलता मिलती है, तो भी परेशान न हों। उससे भी सबक लें। अगर आप सच्चे मन से सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, तो एक-न-एक दिन कामयाबी जरूर मिलेगी।  

JP Nadda का बड़ा हमला: हेल्थ फंड का उपयोग नहीं हुआ तो सरकार को जनता से पड़ेगा सामना

बिलासपुर  भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने प्रदेश सरकार को चेताते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए प्रदान की गई आर्थिक सहायता का उपयोग युद्धस्तर पर किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार के पास अब केवल एक वित्तीय वर्ष का समय शेष बचा है, ऐसे में इस राशि का समुचित व त्वरित उपयोग सुनिश्चित होना चाहिए। परिधि गृह बिलासपुर में आयोजित प्रैस वार्ता में जेपी नड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार केवल शाब्दिक नहीं, बल्कि आर्थिक रूप से भी प्रदेश की मदद कर रही है। हमने स्वास्थ्य ढांचे को सशक्त बनाने के लिए दिल खोलकर सहायता दी है, अब राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उस पैसे को जमीनी स्तर पर खर्च करे। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए समय रहते आवश्यक कदम उठाने होंगे, ताकि आम जनता को लाभ मिल सके।  जेपी नड्डा ने राज्य सरकार से पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की अपील भी की। उन्होंने केंद्र के बजटीय सहयोग का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश को प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए पिछले 3 वर्षाें के अंदर एसडीआरएफ के तहत 1736 करोड़, एनडीआरएफ के तहत 1071 करोड़ और एसडीएमएफ के तहत 339 करोड़ प्रदान किए हैं और हाल ही में गृह मंत्री ने पीडीआरआरएफ के तहत 2006 करोड़ रुपए प्रदान किए हैं। वर्ष 2021 से 2025 तक स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ही आयुष्मान भारत हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत 360 करोड़ 11 लाख रुपए प्रदान किए हैं, जिसमें से केवल प्रदेश सरकार केवल 78 करोड़ ही खर्च कर पाई है। इस योजना के तहत प्रदेश में 73 ब्लॉक लेबल पब्लिक हैल्थ यूनिट बनाए जाने प्रस्तावित हैं, जिनमें से मौजूदा समय में 6 ही बन पाए हैं, जबकि 14 के टैंडर हुए हैं। उन्हाेंने बताया कि इसी प्रकार प्रदेश में 8 क्रिटिकल केयर यूनिट स्थापित होने हैं, जिसमें रोहड़ू, रिकांगपिओ, घवांडल, टांडा, मंडी अस्पताल व पांवटा सहिब शामिल हैं।  जेपी नड्डा ने कहा कि प्रदेश को 15वें वित्तायोग से 521 करोड़ रुपए दिए गए हैं, जिसमें से केवल 128 करोड़ 62 लाख ही खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि गत 25 मई को मुख्यमंत्री उनसे मिलने गए थे। इस दौरान उन्होंने जायका से पैसा दिलवाने का आग्रह किया था, जिस पर गत 30 जून को 1138 करोड़ रुपए केंद्र ने मंजूर किए। इसमें से प्रदेश सरकार को 1024 करोड़ रुपए ग्रांट इन एड दिए गए हैं, जबकि शेष राशि सस्ते लोन पर उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने बताया कि यदि प्रदेश सरकार ने केंद्रीय योजनाएं समय पर लागू नहीं कीं, तो इसका खमियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा। इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल, नयनादेवी के विधायक रणधीर शर्मा, झंडूता के जीत राम कटवाल, सदर के त्रिलोक जम्वाल व पूर्व मंत्री राजेंद्र गर्ग भी मौजूद रहे।