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बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर ‘सुपर कूल’ सुपरमैन

अपनी फिल्मों के प्रमोशन के लिए मेकर्स क्या नहीं करते और ऐसा हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड और साउथ फिल्मों के सभी लोग करते हैं। जहां हाल ही में 'मेट्रो इन दिनों' के प्रमोशन के लिए सारा अली खान और आदित्य रॉय कपूर मुंबई मेट्रो में ट्रैवल करते दिखे, वहीं वार्नर ब्रदर्स 11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली जेम्स गन के डायरेक्‍शन में बनी 'सुपरमैन' ने सीधे मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर लैंडिंग कर डाली है। दरअसल सोमवार की रात बांद्रा-वर्ली सी लिंक का नजारा दूर से ही बेहद अलग नजर आ रहा था। 11 जुलाई को वार्नर ब्रदर्स की फिल्म की रिलीज से लोगों में उत्साह बढ़ाने के लिए मेकर्स ने सुपरमैन को सीधे समंदर के बीच उतारा। अब ट्विटर पर लोग बांद्रा-वर्ली सी लिंक के वीडियो और तस्वीरें लगातार शेयर कर रहे हैं। इन झलकियों में निर्देशक जेम्स गन की आने वाली डीसी फिल्म 'सुपरमैन' की तस्वीरें नजर आ रही हैं । बांद्रा सी लिंक के सस्पेंशन केबल्स पर सुपरमैन की लैंडिंग बांद्रा सी लिंक के खूबसूरत लैंडमार्क के सस्पेंशन केबल्स पर सुपरमैन को उसके खास अवतार में उड़ान भरते देख लोगों का एक्साइटमेंट काफी हाई नजर आया। इस शानदार 'आर्ट' को लोग सुपरकूल बता रहे हैं। एक ने कहा- सुपरमैन ने मुंबई में बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर कब्ज़ा कर लिया है। एक और ने ट्वीट में लिखा – मुंबई में बांद्रा-वर्ली सी-लिंक पर सुपरमैनमूवी का प्रमोशन लाजवाब है @WarnerBrosIndia को बधाई। एक फैन ने कहा- सीलिंक नीले रंग में जगमगा रहा है, जिस पर सुपरमैन नजर आ रहा, क्या चल रहा है, मुंबई? सुपरमैन इसी महीने 11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही बताते चलें कि वार्नर ब्रदर्स की ये फिल्म सुपरमैन इसी महीने 11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। यह फिल्म 9 जुलाई से ग्लोबली और 11 जुलाई को संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन में रिलीज होगी। यहां ये भी बताना चाहेंगे कि ये फिल्म आईमैक्स, रियलडी 3डी, डॉल्बी सिनेमा, स्क्रीनएक्स और 4डीएक्स पर रिलीज होगी। 'सुपरमैन' में कौन-कौन से कलाकार जेम्स गन की इस फिल्‍म में कलाकारों की बात की जाए तो लोइस लेन के रोल में रेचल ब्रोसनाहन और विलेन लेक्स लूथर की भूमिका में निकोलस हॉल्ट हैं। वहीं सर्पोटिंग कास्‍ट की बात करें तो स्काईलर गिसोंडो का रोल जिमी ओल्सन ने निभाया है। सारा सैमपियो ने ईव टेस्चमाकर का रोल निभाया है और मिस्टर टेरिफिक की भूम‍िका में एडी गैथेगी हैं। हॉकगर्ल के रोल में इसाबेला मर्सेड के साथ-साथ इस फिल्म में इंजीनियर का किरदार मारिया गैब्रिएला डी फारिया ने निभाया है।

गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन में लोगों से मुलाकात की, समस्या का समाधान सरकार की प्राथमिकता : योगी

गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि जनता की हर समस्या का समाधान करना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। योगी ने गोरखपुर प्रवास के दौरान लगातार दूसरे दिन गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन में लोगों से मुलाकात की। ध्यान से सबकी समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को निर्देशित किया कि जन समस्याओं का निराकरण शीघ्रता और पारदर्शिता शीघ्रता से किया जाए। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि हर समस्या का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण और संतुष्टिपरक होना चाहिए। गोरखनाथ मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सभागार में आयोजित जनता दर्शन में कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद पहुंचे और एक-एक करके सबकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने करीब 200 लोगों से मुलाकात की। उन्होंने सबको आश्वस्त किया कि हर व्यक्ति को न्याय दिलाया जाएगा। सबके प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों को संदर्भित करते हुए त्वरित निस्तारण का निर्देश देने के साथ मुख्यमंत्री ने लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर पीड़ित की समस्या का समाधान कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होने अफसरों से कहा कि किसी के साथ भी अन्याय नहीं होना चाहिए।  हर पीड़ित के साथ संवेदनशील व्यवहार अपनाते हुए उसकी सहायता की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि किसी की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले, कमजोरों को उजाड़ने वाले किसी भी सूरत में बख्शे न जाएं। उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री के समक्ष जनता दर्शन में कई लोग इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लेकर पहुंचे थे। योगी ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार इलाज के लिए भरपूर मदद करेगी। उनके प्रार्थना पत्रों को अधिकारियों को हस्तगत करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इलाज से जुड़ी इस्टीमेट की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण करा कर शासन में उपलब्ध कराया जाए।  

IRCTC ने टिकट बुकिंग के लिए आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य, फोन नंबर संग न करें ये गलती

नई दिल्ली UPI से लेकर तत्काल टिकट की बुकिंग तक, आज यानी 1 जुलाई, 2025 से कई नियमों में बदलाव होने वाला है। इन बदलावों में एक बड़ा बदलाव तत्काल टिकट से संबंधित है। आज से अगर आपका आधार नंबर IRCTC अकाउंट से जुड़ा नहीं होगा तो आप टिकट बुक नहीं कर पाएंगे और इतना ही नहीं तत्काल टिकट बुक करने के लिए भी आधार नंबर के जरिए आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य हो जाएगा। ऐसे में अगर आप अपने फोन नंबर के साथ एक कॉमन गलती कर रहे हैं, तो आप ट्रेन का टिकट ही बुक नहीं करवा पाएंगे। चलिए डिटेल में समझते हैं कि वो कॉमन गलती क्या है जो लोग अपने नंबर के साथ करते हैं और उसकी वजह से आप ट्रेन का टिकट बुक कैसे नहीं करवा पाएंगे। फोन नंबर संग कॉमन गलती क्या? हम में से कई लोग एक कॉमन गलती अपने फोन नंबर के साथ करते हैं और वह है लंबे समय तक अपने फोन को रिचार्ज न करवाना। ऐसा करने से आपका नंबर अस्थायी रूप से बंद हो सकता है या कंपनी उसे किसी और को अलॉट कर सकती है। अगर यही नंबर आपने IRCTC, बैंक या आधार नंबर से लिंक या अन्य जरूरी सेवाओं में रजिस्टर कर रखा है, तो आप OTP नहीं पा सकेंगे और न ही वेरिफिकेशन पूरा कर सकेंगे। इसका सीधा असर तत्काल टिकट बुकिंग से लेकर अपना IRCTC अकाउंट एक्सेस करने पर पड़ेगा। गलती से कैसे बचें? अगर आप नहीं चाहते कि आपका IRCTC अकाउंट बंद हो या आप आधार वेरिफिकेशन न कर पाने की वजह से तत्काल टिकल बुक न करवा पाएं, तो सबसे पहले अपने उस नंबर को चालू रखें जो आधार नंबर से लिंक है। ऐसा इसलिए क्योंकि अपना नंबर IRCTC अकाउंट से लिंक करने से लेकर तत्काल टिकट बुक करवाने तक आपको OTP की जरूरत पड़ेगी। यह OTP उसी नंबर पर आएगा जो आपके आधार नंबर से लिंक है। ऐसे में अगर आपके आधार नंबर से लिंक्ड फोन नंबर लंबे समय से बंद है, तो उसे फॉरन रिचार्ज करके चालू कराएं। आगे क्या करें? ऐसी स्थिति में जहां आपका आधार से लिंक नंबर मुख्य नंबर न हो उसे हमेशा एक्टिव या अपने नाम पर अलॉट रखने के लिए उसे कुछ-कुछ समय के लिए रिचार्ज करवाते रहें। अगर किसी वजह से ऐसा करना संभव नहीं है, तो भविष्य में किसी परेशानी से बचने के लिए आधार से लिंक अपने फोन नंबर को उस नंबर से अपडेट करवा दें जिसे आप मुख्य रूप से इस्तेमाल करते हैं और एक्टिव रखते हैं।

प्रतिष्ठित स्कूल की महिला शिक्षक पर 16 वर्षीय नाबालिग छात्र के साथ एक साल से अधिक समय तक यौन शोषण करने का आरोप लगा

मुंबई  देश के शीर्ष पांच स्कूलों में से एक माने जाने वाले मुंबई एक प्रतिष्ठित स्कूल की शिक्षक को नाबालिग छात्र से बलात्कार के आरोप में मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दादर पुलिस ने शिक्षक के खिलाफ POCSO एक्ट, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, और न्याय संहिता की अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस के अनुसार, पीड़ित छात्र पर यह यौन उत्पीड़न पिछले एक वर्ष से अधिक समय से हो रहा था. इस दौरान साउथ मुंबई के कई फाइव स्टार होटलों में भी छात्र को ले जाकर यौन शोषण किया गया. आरोपी शिक्षक छात्र को एंटी डिप्रेसेंट दवाएं भी देती थी ताकि वह चुप रहे. पुलिस ने बताया है कि यौन शोषण का यह सिलसिला एक साल से ज्यादा समय तक चला। जब परिवार ने छात्र के व्यवहार में बदलाव देखा, तो उसने कथित तौर पर खुलकर यौन शोषण की बात बताई। हालांकि, परिवार को लगा कि स्कूल पास करने में कुछ ही महीनों का समय बाकी है, तो वो चुप रहे। उन्हें उम्मीद थी कि टीचर बच्चे का पीछा छोड़ देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पुलिस ने बताया कि इस साल छात्र बोर्ड की परीक्षा पास कर गया, लेकिन वह डिप्रेशन में था। मामले ने दोबारा तूल तब पकड़ा, जब टीचर ने घरेलू नौकर के जरिए बच्चे से फिर संपर्क साधने की कोशिश की। उसने संदेश भिजवाया कि वह मिलना चाहती है। पुलिस ने कहा, 'तब परिवार ने हमारे पास आने का फैसला किया और केस दर्ज कराया।' ऐसे शुरू हुई हैवानियत टीचर की उम्र 40 साल बताई जा रही है और वह शादीशुदा है। साथ ही उसका एक बच्चा भी है। जबकि, पीड़ित छात्र 11 कक्षा में था और 16 साल का था। शिकायत में कहा गया है कि वह दिसंबर 2023 में हाई स्कूल के वार्षिक समारोह के दौरान डांस ग्रुप बनाने के समय वह कई बार छात्र के संपर्क में आई। तब ही वह उसके प्रति आकर्षित हुई। जनवरी 2024 में उसने पहली बार छात्र के सामने संबंधों का प्रस्ताव रखा। सहेली को बनाया जरिया छात्र ने शुरुआत में दूरी बनाना शुरू कर दी। इसके बाद टीचर ने स्कूल से अन्य उसकी एक महिला मित्र का सहारा लिया और बात आगे बढ़ाई। इस मामले में दोस्त के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है। उसने कथित तौर पर पीड़ित छात्र से कहा था कि वो दोनों एक दूसरे के लिए बने हैं और उम्रदराज महिलाओं और लड़कों के बीच रिलेशनशिप आम बात है। दोस्त से बातचीत के बाद छात्र ने टीचर से मिलने का फैसला किया। एक अधिकारी ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया, 'वह (टीचर) छात्र को अपनी कार में लेकर एक सूने स्थान पर गई और जबरन कपड़े उतरवा दिए और शोषण किया।' उन्होंने कहा, 'अगले कुछ दिनों में छात्र परेशान रहने लगा, तो उसने उसे एंटी एन्जाइटी पिल्स भी दीं।' इसके बाद टीचर ने उसे दक्षिण मुंबई के अलग-अलग पांच सितारा होटल ले जाना शुरू किया और शारीरिक संबंध बनाए। पुलिस ने बताया है कि संबंध बनाने से पहले कई बार टीचर छात्र को शराब पिलाती थी। आरोपी टीचर को बुधवार तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है। छात्र ने अपनी HSC परीक्षा पूरी करने के बाद माता-पिता को उस भयावह अनुभव के बारे में बताया, जब आरोपी शिक्षक ने अपना नौकर भेजकर उससे मिलने का संदेश भिजवाया. इसके बाद पीड़ित के परिजनों की सूचना के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज हुई और त्वरित कार्रवाई में शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया.  

ओलंपिक 2036: भारत ने बढ़ाया कदम, मेजबानी की रेस में आधिकारिक एंट्री

नई दिल्ली  भारत ओलंपिक खेलों की पहली बार मेजबानी की कोशिशों में लगा हुआ है। समय-समय पर इसे लेकर चर्चा छिड़ती रहती है। लेकिन अब उसने 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए आधिकारिक तौर अपनी दावेदारी ठोक दी है। भारत के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को स्विट्जरलैंड के लूजान में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के अधिकारियों से मुलाकात कर आधिकारिक तौर पर भविष्य में ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। इस बैठक की टाइमिंग बहुत महत्वपूर्ण है। आईओसी ने हाल ही में ऐलान किया था कि वह भविष्य के ओलंपिक खेलों के मेजबानों की चयन प्रक्रिया को फिलहाल रोक रहा है। यह बैठक उसके इस बयान के बाद हुई है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा के अलावा केंद्रीय खेल मंत्रालय और गुजरात सरकार के प्रतिनिधि शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने औपचारिक तौर पर होस्ट सिटी यानी मेजबान शहर के तौर पर अहमदाबाद के नाम की दावेदारी की। ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सामने आधिकारिक तौर पर होस्ट सिटी के तौर पर अपने किसी शहर का नाम रखा है। 2032 का ओलंपिक खेल ब्रिसबेन में होना है लिहाजा भारत की नजर 2036 ओलंपिक की मेजबानी पर है। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने कहा है, 'भारत में ओलंपिक खेल का होना न सिर्फ एक भव्य आयोजन होगा बल्कि उसका सभी भारतीयों पर ऐसा प्रभाव पड़ेगा जो पीढ़ियों में कभी कभार पड़ता है।' पीटी ऊषा ने लूजान में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अधिकारियों के साथ भारतीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक की तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर किया है। उन्होंने बातचीत को सार्थक बताया है।  

सोनिया और राहुल गांधी की बढ़ेंगी मुश्किलें,2000 करोड़ की संपत्ति हड़पने की थी रची साजिश…ED का दावा

एजेएल पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करता था। राजू ने कहा कि यंग इंडियन बनाने की साजिश रची गई थी, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के 76% शेयर थे, ताकि कांग्रेस से लिए गए 90 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पी जा सके। नई दिल्ली दिल्ली की एक विशेष अदालत ने अब बंद हो चुके नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार को दैनिक सुनवाई शुरू की। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से जुड़े इस हाई-प्रोफाइल मामले की सुनवाई सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने कर रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल वी राजू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को हड़पना चाहती थी, जिसकी संपत्ति 2,000 करोड़ रुपये की थी। एएसजी ने कहा कि यह साजिश कांग्रेस पार्टी के इशारे पर सोनिया और राहुल गांधी ने रची थी। एजेएल पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करता था। राजू ने कहा कि यंग इंडियन बनाने की साजिश रची गई थी, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के 76% शेयर थे, ताकि कांग्रेस से लिए गए 90 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पी जा सके। एसजी एस वी राजू ने कहा, "यंग इंडियन ने घोषणा की थी कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी लाभकारी मालिक थे। एएसजी ने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा यंग इंडियन में प्रमुख प्रबंधकीय कर्मी थे।" कोर्ट के इस सवाल पर ईडी के वकील एएसजी वीएस राजू ने जवाब द‍िया. उन्‍होंने कहा, बैंकों के पास खुद संपत्ति नहीं होती, इसलिए उन्हें कर्ज देना ही होता है. ऐसी स्थिति में बैंक उधारकर्ता से समझौता करते हैं. लेकिन इस केस में तो 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति उपलब्ध थी. फिर सिर्फ 50 लाख रुपये में 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति क्यों दी गई? संपत्ति की पूरी वैल्यू इस पर कोर्ट ने फ‍िर सवाल क‍िया, क्या यह मामला एनपीए (Non Performing Asset) जैसा था? इस पर ED की ओर से पेश वकील राजू ने कहा, नहीं, इस केस में तो संपत्ति की पूरी वैल्यू थी. ईडी की तरफ से पेश वकील ने कोर्ट के सामने दलील देते हुए एक बड़ा संकेत दिया. कांग्रेस पार्टी भी ईडी की जांच के दायरे में आ सकती है, इस संभावना से इनकार नहीं किया गया है. कांग्रेस भी बनेगी आरोपी? ईडी का कहना है कि अभी कांग्रेस को आरोपी नहीं बनाया गया है, लेकिन भविष्य में ऐसा किया जा सकता है. ईडी ने कोर्ट से कहा, अगर AICC यानी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को आरोपी बनाया जाता है, तो राहुल गांधी और सोनिया गांधी की भूमिका उनके खिलाफ पीएमएलए की धारा 70 के तहत मामला मजबूत करने में सहायक हो सकती है. हालांकि, ईडी द्वारा ये स्पष्टीकरण दिया गया कि बिना पुख्ता सबूत के ऐसा कदम नहीं उठाएंगे. एएसजी एसवी राजू ने दलील दी कि 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति वाली कंपनी एजेएल को 90 करोड़ रुपये के लोन के लिए अधिग्रहित किया गया। यह एक धोखाधड़ी है। यह वास्तविक लेनदेन नहीं था। एजेएल का अधिग्रहण कांग्रेस ने नहीं, बल्कि यंग इंडियन ने किया था। उन्होंने कहा कि यह एक साजिश थी। एएसजी ने कहा कि कांग्रेस ने न तो ब्याज लिया और न ही जमानत ली। 90 करोड़ रुपये का लोन 50 लाख रुपये में बेचा गया। ईडी ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के निर्देश पर एजेएल को विज्ञापन के पैसे भी दिए गए। इस फर्जी कंपनी से जो भी आय हुई, वह अपराध की कमाई है। 21 मई को पिछली सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कथित नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े 142 करोड़ रुपये के "अपराध की आय" का आनंद लिया है। मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक एजेंसी ने नेशनल हेराल्ड मामले में गांधी परिवार समेत वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की है। आरोप पत्र में कांग्रेस के ओवरसीज प्रमुख पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य के नाम शामिल हैं। एएसजी राजू ने क्या कहा? एएसजी राजू ने कहा कि, ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) नाम की एक कंपनी थी, जो मुनाफा नहीं कमा रही थी, लेकिन उसके पास करीब 2000 करोड़ रुपये की संपत्तियां थीं. उसे अपने दिन-प्रतिदिन के खर्च चलाने में कठिनाई हो रही थी.’ उन्होंने आरोप लगाया कि एजेएल ने कांग्रेस पार्टी से 90 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जिसे बाद में वापस करने से इनकार कर दिया गया. उन्होंने कहा, ‘अगर किसी के पास इतनी बड़ी संपत्ति हो और वो कर्ज न चुका सके, तो यह सवाल खड़े करता है. आम परिस्थितियों में कोई भी समझदार व्यक्ति अपनी संपत्ति बेचकर कर्ज चुका देता. लेकिन यहां उद्देश्य अलग था.’ एएसजी ने तर्क दिया कि कांग्रेस पार्टी की मंशा एजेएल की संपत्ति को हथियाने की थी और इसके लिए ‘यंग इंडिया’ नाम की कंपनी के जरिये 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति को मात्र 90 करोड़ के कर्ज के बहाने ट्रांसफर करने की साजिश रची गई. सोनिया-राहुल पर क्या आरोप एएसजी राजू ने सीधे तौर पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘वे दोनों इस 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति वाली कंपनी को अपने नियंत्रण में लेना चाहते थे.’ उन्होंने सवाल उठाया कि, ‘कोई भी समझदार व्यक्ति किसी कंपनी को इतना कर्ज क्यों देगा, जो पहले ही डिफॉल्ट कर चुकी हो?’ इस पर कोर्ट ने एएसजी से पूछा कि, ‘क्या आप यह कह रहे हैं कि इस स्तर पर केवल अपराध के संज्ञान (cognisance) का मुद्दा ही प्रासंगिक है, और समन जारी करने का अधिकार बाद में आता है?’ इस पर एएसजी राजू ने उत्तर दिया, ‘जी हां, इस चरण पर केवल संज्ञान का मुद्दा देखा जाना चाहिए. समन की प्रक्रिया डिस्चार्ज एप्लिकेशन के समय प्रासंगिक होगी.’ एएसजी राजू ने फिर कोर्ट को सूचित किया कि वे आज या कल तक अपनी बहस पूरी कर लेंगे. इसके बाद कोर्ट में इस मामले को लेकर अगली प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. किराये और चंदे के नाम पर गड़बड़ी? ED के … Read more

एयर इंडिया क्रैश की जांच में हो गया बड़ा खुलासा, टेकऑफ करते ही फेल हो गए दोनों इंजन!

अहमदाबाद  12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद क्रैश हुई एयर इंडिया की लंदन फ्लाइट को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस भयावह दुर्घटना के पीछे डुअल इंजन फेलियर यानी दोनों इंजन का फेल होना, एक बड़ी वजह हो सकती है। यही तकनीकी गड़बड़ी विमान को हवा में टिके रहने से रोक सकती है। इस रिपोर्ट के अनुसार, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) इस हफ्ते के आखिर या अगले सप्ताह की शुरुआत में अपनी शुरुआती जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर सकता है। इस रिपोर्ट में कई अहम तकनीकी पहलुओं की ओर इशारा किया गया है। ब्लूमबर्ग ने हादसे से जुड़ी जांच से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया कि एयर इंडिया के पायलटों ने फ्लाइट सिमुलेटर में उस दुर्घटनाग्रस्त विमान की उड़ान की परिस्थितियों को दोहराने की कोशिश की। इसमें लैंडिंग गियर नीचे और विंग फ्लैप्स पीछे की ओर समेटे गए थे। हालांकि, सिर्फ इन्हीं वजहों से विमान के गिरने की संभावना कम मानी जा रही है, जिससे ध्यान अब तकनीकी खराबी की ओर मुड़ गया है। जांच में क्या मिला? जांचकर्ताओं और एयर इंडिया के पायलटों ने सिम्युलेटर में उस हादसे की परिस्थितियों को दोहराया. इसमें उन्होंने देखा कि क्या लैंडिंग गियर खुले होने और फ्लैप्स बंद होने से विमान गिर सकता है, लेकिन सिम्युलेटर टेस्ट में पाया गया कि सिर्फ इन कारणों से विमान नहीं गिरता. इमरजेंसी पावर सिस्टम ने दी चेतावनी हादसे से ठीक पहले विमान में इमरजेंसी पावर टरबाइन (RAT) अपने आप एक्टिव हो गया था. यह सिस्टम तभी ऑन होता है जब विमान के दोनों इंजन काम करना बंद कर देते हैं. इससे यह शक और गहरा गया है कि हादसे के वक्त विमान में बिजली की पूरी सप्लाई बंद हो गई थी. विमान के मलबे की जांच में क्या आया सामने? विमान के मलबे की जांच से पता चला है कि टेकऑफ के समय विंग फ्लैप्स और स्लैट्स पूरी तरह सही ढंग से फैले हुए थे, जिससे यह साफ होता है कि टेकऑफ की प्रक्रिया में कोई चूक नहीं हुई थी। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि क्रैश से ठीक पहले पायलट्स ने मेडे (Mayday) सिग्नल भेजा था, जो कि इमरजेंसी का संकेत होता है। इस चेतावनी कॉल और विमान के जमीन से टकराने के बीच सिर्फ 15 सेकंड का समय था। इस हादसे की गंभीरता को देखते हुए टाटा संस ने एयर इंडिया क्रैश के बाद अपनी पहली बोर्ड मीटिंग बुलाई, जिसमें चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने राहत कोशिशों और अब तक किए गए कामों की जानकारी ग्रुप की लीडरशिप को दी। उन्होंने बताया कि टाटा ग्रुप और टाटा ट्रस्ट्स मिलकर प्रभावित परिवारों के लिए राहत कार्यों को आगे बढ़ाएंगे। 270 लोगों की मौत 12 जून को हुए इस भीषण हादसे में बोइंग ड्रीमलाइनर विमान में सवार 242 में से 241 यात्रियों और क्रू सदस्यों समेत कुल कम से कम 270 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। टाटा ग्रुप, जो एयर इंडिया का मालिक है, उसने इस दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को प्रति व्यक्ति 1 करोड़ रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इस हादसे ने एक बार फिर विमान सुरक्षा मानकों और तकनीकी जांच के महत्व को गहराई से सामने ला दिया है। अब सभी की निगाहें AAIB की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो इस दिल दहला देने वाले रहस्य से पर्दा उठा सकती है। जांचकर्ताओं ने क्या कहा? अभी तक AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) और एयर इंडिया ने आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक हादसे की वजह अब तकनीकी फेलियर की ओर मुड़ गई है. ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट रिकॉर्डर) के डेटा की जांच अभी जारी है. सिमुलेशन में क्या मिला? बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के मलबे की तस्वीरों से पता चला कि फ्लैप्स एक्सटेंड हुए थे और पीछे नहीं हटे थे, जैसा कि अनुमान लगाया गया था. जब प्लेन की स्पीड धीमी होती है, तब फ्लैप्स टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान विमान को जरूरी एक्स्ट्रा लिफ्ट देते हैं. लंदन जाने वाली फ्लाइट अहमदाबाद में उड़ान भरने के कुछ सेकंड के अंदर एक मेडिकल कॉलेज कैंपस के पास हादसे का शिकार हो गई, जिससे प्लेन में सवार 242 यात्रियों और क्रू मेंबर्स में से एक को छोड़कर सभी की मौत हो गई और जमीन पर मौजूद 34 अन्य लोग मारे गए. कई एक्सपर्ट्स ने इस बात की पुष्टि की है कि टेक्निकल फेलियर ही हादसे के पीछे की एक वजह हो सकता है.  दोनों इंजन फेल होने की वजह से हुआ हादसा? एविएशन एक्सपर्ट और पूर्व अमेरिकी नौसेना पायलट कैप्टन स्टीव शेबनर ने कहा कि इस हादसे के पीछे की वजह डुअल इंजन फेलियर हो सकती है. इंडिया टुडे के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उड़ान भरने के तुरंत बाद रैम एयर टर्बाइन (RAT) का खुलना डुअल इंजन फेलियर की तरफ इशारा करता है. यह सिमुलेशन विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जा रही आधिकारिक जांच से अलग आयोजित किया गया था. सूत्रों ने ब्लूमबर्ग को बताया कि यह संभावित कारणों का पता लगाने के लिए किया गया था. एअर इंडिया के पायलटों द्वारा किए गए क्रैश फुटेज के एनालिसिस से पता चला कि लैंडिंग गियर आगे की ओर झुका हुआ था, जिससे पता चलता है कि पहियों का पीछे हटना शुरू हो गया था. उस वक्त, लैंडिंग-गियर के दरवाज़े नहीं खुले थे, जिसके बारे में पायलटों ने कहा कि यह इशारा करता है कि प्लेन में बिजली की कमी या हाइड्रोलिक फेलियर हुआ था, जो इंजन में समस्या की ओर इशारा करता है. हादसे का शिकार हुए एअर इंडिया प्लेन के ब्लैक बॉक्स से डेटा का एनालिसिस मौजूदा वक्त में दिल्ली में AAIB की लैब में चल रहा है. इससे यह पता चलेगा कि हादसे का क्या क्रम था यानी स्टेप बाय स्टेप क्या-क्या हुआ. इसके साथ ही यह भी बताएगा कि दोनों इंजनों की पॉवर एक साथ क्यों खत्म हो गई. फ्लाइट सिमुलेटर एक डिवाइस या सॉफ्टवेयर है, जिसमें विमान की उड़ान जैसी स्थिति बनाई जाती है। फ्लाइट सिमुलेटर का इस्तेमाल पायलटों की ट्रेनिंग, विमान के डिजाइन और रिसर्च आदि में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एयरक्राफ्ट कंट्रोल सिस्टम, फ्लाइट डायनामिक्स और … Read more

देवशयनी एकादशी का व्रत 6 जुलाई 2025, रविवार को रखा जाएगा

 देवशयनी एकादशी को आषाढ़ी एकादशी, पद्मा एकादशी और हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस बार देवशयनी एकादशी का व्रत 6 जुलाई 2025, रविवार को रखा जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को हर साल देवशयनी एकादशी मनाई जाती है. देवशयनी एकादशी के दिन चातुर्मास की भी शुरुआत होती है और हिंदू धर्म में चातुर्मास के 4 महीने बहुत ही शुभ माने जाते हैं. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन से भगवान विष्णु क्षीर सागर में 4 महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं और इसके बाद भगवान विष्णु योगनिद्रा से सीधा प्रबोधिनी यानी देवउठनी एकादशी पर जागते हैं. साथ ही, इस दिन से सभी मांगलिक और शुभ कार्यों पर भी रोक लग जाती है. देवशयनी एकादशी क्यों हैं महत्वपूर्ण? देवशयनी एकादशी वैष्णवों और भगवान विष्णु के भक्तों के लिए बहुत धार्मिक महत्व रखती है. यह प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा के ठीक बाद मनाई जाती है और चातुर्मास की शुरुआत होती है. चातुर्मास आध्यात्मिक चिंतन, भक्ति और ध्यान लगाने का समय माना जाता है. इस दिन सभी भक्त एकादशी व्रत (उपवास) रखते हैं, भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और विष्णु सहस्रनाम का जाप भी करते हैं. यह दिन भगवान विष्णु की योगनिद्रा के दौरान उनके संरक्षण में अपने मन और आत्मा को समर्पित करने का प्रतीक है. देवशयनी एकादशी का शुभ मुहूर्त देवशयनी एकादशी की तिथि 5 जुलाई को शाम 6 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 6 जुलाई को रात 9 बजकर 14 मिनट पर होगा. देवशयनी एकादशी के व्रत का पारण 7 जुलाई को सुबह 5 बजकर 29 मिनट से लेकर 8 बजकर 16 मिनट तक रहेगा. देवशयनी एकादशी की पूजन विधि  इस दिन रात को विशेष विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें. फिर, उन्हें पीली वस्तुएं, विशेषकर पीला कपड़ा अर्पित करें. उसके बाद मंत्रों का जाप करें और आरती करें-'सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जगत्सुप्तं भवेदिदम्, विबुद्दे त्वयि बुद्धं च जगत्सर्व चराचम्.' देवशयनी एकादशी पर मिलेंगे वरदान सामूहिक पापों और समस्याओं का नाश होता है. साथ ही, व्यक्ति का मन भी शुद्ध होता है. दुर्घटनाओं के योग भी टल जाते हैं. इस एकादशी के बाद से शरीर और मन को नया किया जा सकता है. क्या सच में भगवान सो जाते हैं? इस समय में सूर्य, चंद्रमा और प्रकृति की ऊर्जा कम होती है, जिसे देवशयन कहा जाता है. इस दौरान तेज तत्व या शुभ शक्तियों का प्रभाव कमजोर होने से कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं और परिणाम शुभ नहीं होते हैं.

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग 4 जुलाई को करेगा जनसुनवाई

भोपाल  प्रदेश की पिछड़े वर्ग की जातियों को केन्द्र की सूची में शामिल करने के संबंध में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग 4 जुलाई 2025 को भोपाल में जन सुनवाई करेगा। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर और आयोग के सदस्य भूवन भूषण कमल जनसुनवाई करेंगे। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की जनसुनवाई राज्य अतिथि गृह (व्हीआईपी गेस्ट हाउस) लालघाटी में 4 जुलाई को पूर्वान्ह 11 बजे से प्रारंभ होगी। इसमें मध्यप्रदेश की पिछड़े वर्ग की 32 जातियों (जो राज्य पिछड़ावर्ग की सूची में है, किन्तु केन्द्र की सूची में नहीं हैं।) को केन्द्र की सूची में शामिल करने पर सुनवाई करेंगे। उक्त जानकारी आयुक्त पिछड़ा वर्ग ने दी है।  

मध्य प्रदेश के 7 सरकारी और 11 निजी आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों को सत्र 2025-26 के लिए मान्यता, 482 आयुर्वेद कॉलेजों का निर्णय भी लंबित

भोपाल  केंद्रीय आयुष मंत्रालय और नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन, नई दिल्ली ने मध्य प्रदेश के 7 सरकारी और 11 निजी आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों को सत्र 2025-26 के लिए मान्यता दे दी है। इनमें भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, उज्जैन, इंदौर और बुरहानपुर के सरकारी आयुर्वेद कॉलेज शामिल हैं। हालांकि, प्रदेश के 16 अन्य आयुर्वेद कॉलेजों की मान्यता पर फैसला अभी बाकी है। देशभर में 482 आयुर्वेद कॉलेजों की मान्यता का निर्णय भी लंबित है। भोपाल के पंडित खुशीलाल शर्मा सरकारी आयुर्वेद कॉलेज को 75 यूजी (अंडरग्रेजुएट) और 74 पीजी (पोस्टग्रेजुएट) सीटों की मंजूरी मिली है। इसके अलावा, स्कूल ऑफ आयुर्वेद साइंस, सरदार अजीत सिंह स्मृति आयुर्वेद कॉलेज, रामकृष्ण कॉलेज ऑफ आयुर्वेद और मानसरोवर आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज को 100-100 यूजी बीएएमएस सीटों समेत कुल 18 कॉलेजों को मान्यता दी गई है। मान्यता प्राप्त कॉलेजों और सीटों का विवरण भोपाल के पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद कॉलेज को 75 यूजी (BAMS) और 74 पीजी सीटें मिली हैं। वहीं, भोपाल के स्कूल ऑफ आयुर्वेद साइंस, सरदार अजीत सिंह स्मृति आयुर्वेद कॉलेज, रामकृष्ण कॉलेज ऑफ आयुर्वेद और मानसरोवर आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज को 100-100 यूजी (BAMS) सीटों पर मान्यता दी गई है। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पाण्डेय ने बताया कि मध्य प्रदेश और देशभर के आयुर्वेद कॉलेजों में नीट 2025-26 के परिणामों के आधार पर ही दाखिले होंगे। प्रदेश में यूजी की करीब 3000 सीटें हैं, जबकि पूरे देश में 598 आयुर्वेद कॉलेजों में 42,000 से ज्यादा सीटें उपलब्ध हैं। प्रवेश प्रक्रिया और सीटों की संख्या आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पाण्डेय ने बताया कि प्रदेश सहित देशभर के सभी आयुर्वेद कॉलेजों में प्रवेश नीट 2025-26 के परिणामों के आधार पर ही होंगे। मध्यप्रदेश में यूजी की लगभग 3000 सीटों सहित देशभर के 598 आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों में 42 हजार से अधिक सीटें हैं। देशभर में मान्यता प्राप्त कॉलेजों की स्थिति मध्यप्रदेश के अलावा, देशभर में जिन राज्यों के कॉलेजों को मान्यता मिली है, उनमें असम का 1, छत्तीसगढ़ 3, गुजरात 3, हरियाणा 2, हिमाचल 1, कर्नाटक 13, केरल 1, महाराष्ट्र 33, ओडिशा 4, पांडिचेरी 1, पंजाब 4, तेलंगाना 1, उत्तर प्रदेश 23, उत्तराखंड 7 और पश्चिम बंगाल का 1 कॉलेज शामिल है। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पाण्डेय ने केंद्रीय आयुष मंत्रालय और NCISM से शेष कॉलेजों की मान्यता पर शीघ्र निर्णय लेने की अपील की है। जिससे नीट आयुष काउंसलिंग समय पर शुरू हो सकें और छात्रों को असुविधा न हो। मान्यता प्राप्त कॉलेजों में असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पॉन्डिचेरी, पंजाब, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के कॉलेज शामिल हैं। इनमें महाराष्ट्र के 33, उत्तर प्रदेश के 23 और कर्नाटक के 13 कॉलेज प्रमुख हैं। यह कदम आयुर्वेद शिक्षा को बढ़ावा देने और छात्रों के लिए नए अवसर खोलने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एनसीआईएसएम व आयुष मंत्रालय से आग्रह है कि शेष कॉलेजों की मान्यता पर शीघ्र निर्णय हो ताकि नीट आयुष काउंसलिंग समय से प्रारंभ हो सके। – डॉ राकेश पाण्डेय, राष्ट्रीय प्रवक्ता — आयुष मेडिकल एसोसिएशन