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मुख्यमंत्री साय बोले – प्रदेश में किसानों को सतत रूप से हो खाद की आपूर्ति

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में आगामी खरीफ सीजन को देखते हुए खाद और बीज की उपलब्धता को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।  मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रदेश में किसानों को सतत रूप से खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।          मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से डीएपी के स्थान पर एनपीके खाद के उपयोग को प्रोत्साहित करने की बात कही और किसानों को इसके लाभ से अवगत कराने को कहा। श्री साय ने कलेक्टरों के माध्यम से जिलेवार सहकारी समितियों में खाद की उपलब्धता और वितरण की निगरानी और सतत समीक्षा करने के निर्देश दिए।           मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि खेती-किसानी का यह समय किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि इस समय खाद-बीज की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की बाधा आती है, तो इसका सीधा असर फसलों की बुआई और उत्पादन पर पड़ेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को समय पर और उचित दर पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि समितियों में एनपीके खाद की व्यवस्था भी की जा रही है, किसानों को इसे उपलब्ध कराने की दिशा में तत्काल कदम उठाएं। उन्होंने अमानक और नकली खाद की बिक्री पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि ऐसे मामलों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए।       बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार, संचालक कृषिराहुल देव सहित मार्कफेड के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

77 साल बाद बदलेंगे रिश्ते? बड़ा इस्लामिक देश अब्राहम अकॉर्ड में हो सकता है शामिल

तेल अवीव सीरिया में 14 साल तक चले गृह युद्ध के बाद अब हालात सामान्य होने की ओर हैं। अमेरिका ने सीरिया से सारे प्रतिबंध हटा लिए हैं और अब यह इस्लामिक मुल्क दोबारा से सामान्य जनजीवन की ओर बढ़ रहा है। आर्थिक गतिविधियों में इजाफा हुआ है तो वहीं सुरक्षा व्यवस्था के हालात भी सुधरे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया के नए राष्ट्रपति अहमद अल शारा से मुलाकात भी की और फिर यह ऐलान हुआ। लेकिन अमेरिका की इस रियायत की अब एक वजह सामने आ रही है। दरअसल इजरायल और सीरिया के बीच पहली बार सीधी वार्ता हुई है। यही नहीं खबर है कि दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य करने पर कुछ ऐलान हो सकता है। इसे अब्राहम अकॉर्ड के विस्तार के तौर पर देखा जा रहा है। मध्य पूर्व के मामलों के जानकारों का कहना है कि शायद अमेरिका ने सीरिया से सभी बैन हटाने को लेकर पहले से ही ऐसी डील की होगी कि उसे इजरायल से रिश्ते सुधारने होंगे। अब उसी दिशा में सीरिया बढ़ता दिख रहा है। यदि ऐसा कुछ हुआ तो वैश्विक राजनीति में यह बड़ा बदलाव होगा क्योंकि सीरिया और इजरायल एक तरह से 1948 से ही जंग में हैं। इस तरह 77 साल पुरानी दुश्मनी खत्म होगी। अल जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच सीधी वार्ता हुई है। यह वार्ता भी बैकचैनल से संयुक्त अरब अमीरात ने कराई है, जो 2020 से ही अब्राहम अकॉर्ड शामिल है। अब तक अब्राहम अकॉर्ड के मेंबर बन चुके हैं ये देश इसीलिए कहा जा रहा है कि सीरिया का इजरायल से रिश्ते सामान्य करना अब्राहम अकॉर्ड का विस्तार होगा। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने ही अपने पहले कार्यकाल में अब्राहम अकॉर्ड कराया था। तब यूएई, बहरीन, मोरक्को और सूडान इसमें शामिल हुए थे। पहली बार इस्लामिक मुल्कों ने इजरायल को मान्यता दी थी और उससे रिश्ते सामान्य किए थे। अब ट्रंप प्रशासन चाहता है कि इसका विस्तार हो जाए ताकि मिडल ईस्ट में शांति कराई जा सके। ट्रंप ने मई में ही तीन मिडल ईस्ट देशों का दौरा किया था। इसके अलावा सऊदी अरब में सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शारा से मुलाकात की थी। क्या इजरायल और सीरिया के रिश्ते सामान्य होना इतना आसान है? इन चर्चाओं को लेकर सीरिया के लेखक रॉबिन यासिन कसाब ने कहा कि ऐसा होना मुझे को मुश्किल लग रहा है। उन्होंने कहा कि सीरिया के इजरायल के करीब जाना इसलिए मुश्किल है क्योंकि 1967 की जंग से रिश्ते बहुत खराब हो गए थे। इजरायल ने हमारे हिस्से वाले गोलान हाइट्स पर कब्जा जमा रखा है। उस पर भी कुछ फैसला हो, तभी ऐसा संभव है। वहीं इजरायली रक्षा मंत्री गिदिओन सार का कहना है कि हम सीरिया से समझौता करेंगे, लेकिन गोलान हाइट्स के मसले पर पीछे नहीं हटेंगे। हालांकि सीरिया में अब समझौते को सही मानने वालों की संख्या बढ़ी है। इसकी वजह है कि लंबे अरसे से आर्थिक बदहाली से जूझ रहे लोग अब हालात सामान्य होते देखना चाहते हैं।  

देश का सबसे बड़ा बैंक 1 जुलाई को ही शुरू हुआ था, जानिए क्या था मकसद और अब कहां-कहां तक फैल गया

नईदिल्ली  आज 1 जुलाई है और ये दिन देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई का फाउंडेशन-डे (SBI Foundation Day) भी है. जी हां, भारतीय स्टेट बैंक (SBI)का इतिहास 200 साल से ज्यादा पुराना है और इसकी शुरुआत की कहानी बेहद दिलचस्प है. इसकी नींव उस समय पड़ी थी, जब देश में अंग्रेजों का शासन यानी ब्रिटिश रूल था और अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भारत की 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में शामिल होने के साथ ही फॉर्च्यून-500 कंपनियों में एक है. सबसे खास बात ये कि इसकी शुरुआत के समय इसका नाम एसबीआई नहीं बल्कि कुछ और था. आइए जानते हैं इसकी शुरुआत कैसे हुई?  कब पड़ी SBI की नींव?  स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी पर गौर करें, तो SBI की नींव 19वीं शताब्दी के पहले दशक में पड़ी थी, लेकिन किसी और नाम से. तारीख थी 2 जून 1806 और इसी दिन कोलकाता (पहले कलकत्ता) में बैंक ऑफ कलकत्ता (Bank of Calcutta) अस्तित्व में आया था. उस समय देश में ब्रिटिश राज था. इसकी शुरुआत के करीब 3 साल बाद बैंक को अपना चार्टर प्राप्त हुआ और 2 जनवरी 1809 में इसका नाम बदलकर Bank of Bengal कर दिया गया. बदलाव का ये सिलसिला यहीं नहीं थमा और इसका नाम आगे भी बदलता रहा.  ऐसे बना 'इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया' 1809 में 'बैंक ऑफ बंगाल' नाम मिलने के बाद देश में आगे के कुछ सालों में उस समय के हिसाब से बैंकिंग सेक्टर्स में तेजी आने लगी. ये तारीख थी 15 अप्रैल 1840, जब बंबई (अब मुंबई) में बैंक ऑफ बॉम्बे (Bank Of Bombay) की नींव पड़ी थी और इसके बाद तीन साल बाद 1 जुलाई 1843 को बैंक ऑफ मद्रास (Bank Of Madras) अस्तित्व में आया था. इतिहास को खंगालें, तो देश के इन तीनों ही बैंकों को दरअसल, ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) के फाइनेंशियल काम-काज की देखरेख के लिए खोला गया था. लेकिन इनमें प्राइवेट सेक्टर्स के लोगों की रकम भी जमा रहती थी. लंबे समय तक ये बैंक काम करते रहे और फिर 27 जनवरी 1921 में बैंक ऑफ मुंबई और बैंक ऑफ मद्रास का विलय बैंक ऑफ बंगाल में हो गया. इस बड़े मर्जर के बाद भारत में इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया (Imperial Bank of India) का उदय हुआ.  ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की स्थापना 1 जुलाई 1955 को हुई थी. वर्तमान में एसबीआई के पास देश में 22,000 से अधिक शाखाएं और 62,000 से ज्यादा ATM हैं इसकी स्थापना के पीछे मुख्य मकसद ग्रामीण क्षेत्रों की बैंकिंग सेवाओं को दुरुस्त करना था गांवों में निजी बैंकों की पहुंच बहुत कम थी. हर साल 1 जुलाई को SBI अपने स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में अपने कार्यालयों में कार्यक्रम आयोजित करता है, जिसमें कर्मचारी, ग्राहक और समुदाय हिस्सा लेते हैं. यह दिन बैंक की उपलब्धियों, ग्राहक सेवा और सामाजिक योगदान को सेलिब्रेट करने का अवसर होता है SBI की कहानी सिर्फ 1955 से शुरू नहीं होती है, औपनिवेशिक काल से शुरू होती है, जब 1806 में बैंक ऑफ कलकत्ता की स्थापना हुई, जो बाद में बैंक ऑफ बंगाल बन गया. इसके बाद, बैंक ऑफ बॉम्बे (1840) और बैंक ऑफ मद्रास (1843) की स्थापना हुई.  इन तीनों प्रेसीडेंसी बैंकों को 1921 में मिलाकर इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया बनाया गया स्वतंत्रता के बाद, भारत सरकार ने देश के आर्थिक विकास को गति देने के लिए एक मजबूत बैंकिंग प्रणाली की आवश्यकता महसूस की. साल 1955 में 1 जुलाई को इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया का राष्ट्रीयकरण किया गया और इसे भारतीय स्टेट बैंक के रूप में पुनर्गठित किया गया. यह कदम भारत के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के लिए उठाया गया था. आजादी के बाद ऐसे बना SBI गौरतलब है कि बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ बॉम्बे और बैंक ऑफ मद्रास, इन तीनों ही बैंकों को 1861 में करेंसी छापने और जारी करने का अधिकार मिल गया था और विलय के बाद भी इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया के जरिए ये काम जारी रहा. फिर जब देश को आजादी मिली, तो ब्रिटिशों की गुलामी से निकलने के बाद भी Imperial Bank Of India का काम जारी रहा, बल्कि इसमें विस्तार भी होता नजर आया. साल 1955 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया को पार्लियामेंट्री एक्ट के तहत अधिग्रहित किय और इसके नाम में एक और बड़ा बदलाव देखने को मिला. 30 अप्रैल 1955 को इंपीरियल बैंक का नाम बदलकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank Of India) यानी एसबीआई (SBI) कर दिया गया. आरबीआई द्वारा नया नाम दिए जाने के बाद 1 जुलाई 1955 को आधिकारिक रूप से SBI की स्थापना की गई. इसी दिन एसबीआई में पहला बैंक अकाउंट भी खोला गया था. इसके तहत देश में संचालित इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया के 480 ऑफिस SBI Office में बदल गए. इनमें ब्रांच ऑफिस, सब ब्रांच ऑफिस और तीन लोकल हेडक्वाटर मौजूद थे. इसके बाद से देश में बैंकिंग सेक्टर लगातार ग्रोथ करता चला गया. 1955 में बी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एक्ट को पारित किया गया था और अक्टूबर में एसबीआई के पहले सहयोगी बैंक के रूप में स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद सामने आया. इसके बाद 10 सितंबर 1959 को THE STATE BANK OF INDIA (SUBSIDIARY BANKS) ACT, 1959 लाया गया.  https://indiaedgenews.com/sbis-balance-sheet-is-amazing-the-size-of-the-bank-is-more-than-the-gdp-of-175-countries/ आज Top-10 कंपनियों में SBI शामिल  आजादी से पहले हुई शुरुआत और आजादी के बाद मिले नाम के साथ एसबीआई का दायरा समय के साथ बढ़ता ही चला गया. साल 2017 में एसबीआई में स्‍टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (SBBJ), स्‍टेट बैंक ऑफ मैसूर (SBM), स्‍टेट बैंक ऑफ त्रवाणकोर (SBT), स्‍टेट बैंक ऑफ पटियाला (SBH) और स्‍टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (SBH) का विलय कर दिया गया. यह विलय 1 अप्रैल 2017 को हुआ. विलय के बाद SBI एक ग्लोबल बैंक के रूप में उभरा. इसकी ब्रांचों की संख्या 22,500 हो चुकी थी. आज मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया Top-10 वैल्यूएबल कंपनियों में शामिल है और इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन (SBI Market Cap) 7.32 लाख करोड़ रुपये हो गया है.  SBI की स्थापना के पीछे उद्देश्य था देश के कोने-कोने में बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाना. … Read more

पूर्व मंत्री के घर पहुंची पुलिस, अकाली दल के बड़े नेता के बेटे को दबोचा

मोहाली पंजाब की भगवंत मान सरकार ने शिरोमणि अकाली दल के एक और नेता पर शिकंजा कस दिया है। बुधवार सुबह ही अकाली दल के सीनियर लीडर और पूर्व मंत्री महेश इंदर सिंह ग्रेवाल के घर पर पंजाब पुलिस पहुंच गई। मौके पर महेश इंदर सिंह घर पर नहीं थे, लेकिन पुलिस ने उनके बेटे को हिरासत में ले लिया है। यह ऐक्शन तब हुआ है, जब अकाली दल की ओर से आज ही मोहाली में बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी के विरोध में आंदोलन की तैयारी थी। माना जा रहा है कि अकाली दल के आंदोलन पर नकेल कसने के लिए ऐसा ऐक्शन हुआ है। महेश इंदर सिंह ग्रेवाल के लुधियाना स्थित आवास पर पुलिस पहुंची तो हलचल मच गई। आरोप है कि पुलिस ने उनके बेटे हितेश सिंह ग्रेवाल को हिरासत में लिया है। इसके अलावा ग्रेवाल ने यह आरोप भी लगाया है कि उनके परिवार के लोगों को पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया है। उनका कहना है कि पुलिस ने यह ऐक्शन इसलिए लिया है ताकि प्रदर्शन को रोका जा सके। अकाली नेता ने कहा कि हमारा प्रदर्शन लोकतांत्रिक है और यह हमारी अधिकार है। लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार हमारे इस अधिकार को भी छीनने की तैयारी में है। पुलिस के इस ऐक्शन पर सुखबीर बादल का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि पंजाब में इमरजेंसी लग गई है। ग्रेवाल ने कहा कि यह कुछ और नहीं है बल्कि राजनीतिक रूप से बंदी बनाने की कोशिश है। यह हमें धमकाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की आवाज को कुचलने के लिए पंजाब सरकार पुलिस का इस्तेमाल कर रही है। वहीं पुलिस ने इन दावों को खारिज किया है। लुधियाना के मॉडल टाउन थाने के एसएचओ का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर हम अकाली दल के नेताओं के यहां जा रहे हैं। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे। किसी को भी हिरासत में नहीं लिया गया है और ना ही कोई नजरबंदी है। पुलिस ने कहा कि हम कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह जानने आए हैं कि आखिर अकाली नेताओं का ट्रैवल प्लान क्या है।  

धीमी शुरुआत के बाद भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज केएल राहुल लौटे पवेलियन

बर्मिंघम भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट मैच बुधवार (2 जुलाई) से बर्मिंघम में खेला जा रहा है। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया है। भारत ने दूसरे टेस्ट में आकाशदीप, नीतीश कुमार रेड्डी और वॉशिंगटन सुंदर को प्लेइंग इलेवन में रखा है। पिछले मैच का हिस्सा रहे साई सुदर्शन, जसप्रीत बुमराह और शार्दुल ठाकुर दूसरा टेस्ट नहीं खेल रहे हैं। इंग्लैंड की टीम ने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच में 5 विकेट से जीत दर्ज की थी और सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई। भारत को नौवें ओवर में पहला झटका लगा। केएल राहुल 26 गेंद में दो रन बनाकर पवेलियन लौटे। क्रिस वोक्स ने उन्हें क्लीन बोल्ड किया। सलामी बल्लेबाज केएल राहुल हुए आउट भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज केएल राहुल पवेलियन लौट गए हैं। क्रिस वोक्स ने उन्हें क्लीन बोल्ड किया। भारत को 15 के स्कोर पर पहला झटका लगा। राहुल के आउट होने के बाद करुण नायर तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए हैं। शुरुआती ओवर् में भारत की धीमी शुरुआत भारत ने तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट मैच में धीमी शुरुआत की है। भारत ने सात ओवर में बिना विकेट गंवाए 14 रन बनाए हैं। पिछले मैच में पहली पारी में भारत ने इतने ही ओवर में 26 रन बटोरे थे।

UP में बरकत नगर चौराहे पर हुआ हंगामा, दरोगा ने मांगा बाइक का कागज, बाइक सवार ने कर दी पिटाई

लखनऊ राजधानी लखनऊ में नगराम के बरकत नगर में दबंगों ने बाइक का कागज मांगने पर दरोगा पर हमला कर उसकी वर्दी फाड़ दी। विरोध करने पर गोली मारने की धमकी दी। साथी सिपाही के बीच बचाव करने पर आरोपित उससे भी भिड़ गए। इस बीच नगराम थाने पर सूचना दी गई। अतिरिक्त फोर्स को आते देख दो हमलावर भाग गए। एक को मौके पर दबोचा गया। दरोगा की तहरीर पर आरोपितों के खिलाफ नगराम थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। वहीं, गोसाईंगंज में होमगार्ड और सिपाही के साथ मारपीट की गई। दरोगा अनुज भाटी सिपाही नितेश कुमार वर्मा के साथ एक मुकदमे की जांच के लिए ग्राम छंगा खेड़ा गए थे। रात करीब नौ बजे दरोगा और सिपाही थाने लौट रहे थे। बरकत नगर चौराहे के पास पहुंचने पर बिना नम्बर की बाइक सड़क पर खड़ी नजर आई। जिसे हटाने के लिए सिपाही ने कहा। इस बीच एक दुकान से तीन युवक निकले। जिन्होंने बाइक हटाने से मना कर दिया। बहस के दौरान दरोगा अनुज भाटी ने बाइक के कागज मांगे। यह बात आरोपितों को बर्दाश्त नहीं हुई। वह लोग दरोगा पर टूट पड़े। एक गिरफ्तार, दो फरार दरोगा अनुज के मुताबिक आरोपितों की पहचान गोसाईंगंज साहनखेड़ा निवासी धर्मेंद्र उर्फ बीरू, राहुल और नरेंद्र के तौर पर हुई। दरोगा के मुताबिक आरोपितों ने मारपीट कर वर्दी फाड़ दी। इसके बाद दरोगा को गोली मारने की धमकी देने लगे। एसओ नगराम विवेक चौधरी के मुताबिक धर्मेंद्र को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, राहुल और नरेंद्र फरार है। जिनकी तलाश पुलिस कर रही है। पीआरवी टीम पर दबंग ने किया हमला पीआरवी 4849 पर तैनात होमगार्ड नागेंद्र बहादुर सिंह के मुताबिक रविवार की दोपहर गोसाईंगंज बक्कास निवासी हंसराज ने सरकारी नाली के लिए लाए गए सीमेंट के पाइप चोरी होने की सूचना दी थी। जिस पर होमगार्ड नागेंद्र साथी सिपाही सन्नी बाबू के साथ बक्कास गांव पहुंचा। इस दौरान टैक्टर पर पाइन लदे मिले। ट्रैक्टर पर मौजूद ज्वाला प्रसाद को पाइप चोरी करने से रोकने पर वह गाली गलौज करने लगा। इस बीच ज्वाला प्रसाद के पक्ष से वीर सिंह ने आकर मारपीट की। इंस्पेक्टर गोसाईंगंज बृजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।  

बिहार भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति बैठक, एक बार फिर आएगी NDA सरकार : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

पटना भारतीय जनता पार्टी की राज्य कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पटना पहुंचे। बिहार के दोनों डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वह राज्य कार्यसमिति की बैठक में शामिल हुए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमारी चुनावी घोषणा पत्र को उठाकर देख लीजिए, हमने जो कहा है, वह किया है। पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में चार साल शेष है। अभी बहुत काम होना बाकी है। बिहार में एक बार फिर से एनडीए की सरकार आएगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि हमलोगों का सौभाग्य है कि हमें विश्व की सबसे विश्वसनीय राजनीतिक पार्टी में कार्यकर्ता के रूप में काम करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि बिहार आने से पहले मुझे शंघाई रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल होने का अवसर मिला। बैठक के दौरान जो बैकग्राउंड लगाया गया था, उसमें इस बार नालंदा विश्वविद्यालय का चित्र लगाया गया था। भारत और चीन के बीच का जो सांस्कृति क्षेत्र है, वह बिहार की धरती से जुड़ा है। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने ऐसा कहा भाजपा सूत्रों की मानें तो आज की बैठक पर सबसे ज्यादा फोकस बिहार विधानसभा चुनाव है। पीएम मोदी के कार्यकाल के 11 साल पूरे हो चुके हैं। भाजपा अब लोगों के घर घर जाकर एनडीए सरकार की उपलब्धियों को बताने के लिए लोगों के बीच जाएगी। इसके अलवा 15 जुलाई से बूथ सशक्तिकरण कार्यक्रम को लेकर भी कार्ययोजना बनाई जा रही है। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता एनडीए सरकार के एक-एक काम को बिहार के घर-घर तक ले जाएगा। उन्होंने भी दावा किया कि फिर एक बार एनडीए की सरकार आएगी।

भानवी सिंह पहुंचीं ससुराल, दरवाजा न खुलने पर हुआ बवाल – लखनऊ में दिखा पारिवारिक तनाव

लखनऊ  राजधानी लखनऊ मे हजरतगंज स्थित सिल्वर ओक अपार्टमेंट में मंगलवार रात विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह और साली के बीच झड़प हुई। भानवी सिंह ने अपने माता-पिता के घर में एंट्री न मिलने पर घर के बाहर हंगामा किया। विवाद की सूचना पर पहुंची पुलिस ने भानवी सिंह को समझा कर वहां से भेजा। इस मामले में किसी भी पक्ष ने तहरीर नहीं दी है। यह घटना अपार्टमेंट के सीसीटीवी में कैद हो गई। इसका फुटेज सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। लखनऊ में मंगलवार रात भानवी सिंह अपनी मां से मिलने के लिए हजरतगंज स्थित अपार्टमेंट में पहुंची थीं। बताया जा रहा है कि कई बार घंटी बजाने के बावजूद दरवाजा नहीं खुला। इस पर भानवी सिंह नाराज हो गईं। इस बीच भानकी की अपनी छोटी बहन साध्वी सिंह के साथ बहस हो गई। भानवी सिंह ने हंगामा किया। काफी देर तक तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला। इस दौरान भानवी की बहन साध्वी सिंह ने हजरतगंज पुलिस को फोन कर घटना की जानकारी दी। विवाद होने पर स्थानीय लोग भी जमा हो गए। सूचना मिलने पर हजरतगंज पुलिस मौके पर पहुंची। पता चला कि पारिवारिक विवाद है। पुलिस ने राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह को समझा कर वापस भेज दिया। यह पूरी घटना सीसीटीबी में कैद हो गई। इसका फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। राजा भैया और पत्नी के बीच चल रहा विवाद उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के कुंडा से विधायक राजा भैया को बाहुबली नेता के रूप में भी जाना जाता है। आपको बता दें कि राजा भैया और पत्नी भानवी सिंह के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा। राजा भैया का अपनी पत्नी भानवी सिंह के साथ तलाक का मुकदमा कोर्ट में चल रहा है। विवाद प्रकरण कोई बार सुर्खियों का रहा है। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की बातें की कई बार सामने आ चुकी हैं।  

प्रतिष्ठित स्कूल की अंग्रेजी की टीचर को नाबालिग छात्र के साथ शारीरिक संबंध बनाने के आरोप में किया अरेस्ट

मुंबई मुंबई से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक प्रतिष्ठित स्कूल की अंग्रेजी की टीचर को नाबालिग छात्र के साथ शारीरिक संबंध बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल, मामले की जांच जारी है। खबर है कि टीचर ने कई मौकों पर छात्र का यौन शोषण किया था। इसके अलावा वह उसे शराब परोसती थी और फाइव स्टार होटलों में ले जाती थी। पुलिस ने बताया है कि यौन शोषण का यह सिलसिला एक साल से ज्यादा समय तक चला। जब परिवार ने छात्र के व्यवहार में बदलाव देखा, तो उसने कथित तौर पर खुलकर यौन शोषण की बात बताई। हालांकि, परिवार को लगा कि स्कूल पास करने में कुछ ही महीनों का समय बाकी है, तो वो चुप रहे। उन्हें उम्मीद थी कि टीचर बच्चे का पीछा छोड़ देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पुलिस ने बताया कि इस साल छात्र बोर्ड की परीक्षा पास कर गया, लेकिन वह डिप्रेशन में था। मामले ने दोबारा तूल तब पकड़ा, जब टीचर ने घरेलू नौकर के जरिए बच्चे से फिर संपर्क साधने की कोशिश की। उसने संदेश भिजवाया कि वह मिलना चाहती है। पुलिस ने कहा, 'तब परिवार ने हमारे पास आने का फैसला किया और केस दर्ज कराया।' ऐसे शुरू हुई हैवानियत टीचर की उम्र 40 साल बताई जा रही है और वह शादीशुदा है। साथ ही उसका एक बच्चा भी है। जबकि, पीड़ित छात्र 11 कक्षा में था और 16 साल का था। शिकायत में कहा गया है कि वह दिसंबर 2023 में हाई स्कूल के वार्षिक समारोह के दौरान डांस ग्रुप बनाने के समय वह कई बार छात्र के संपर्क में आई। तब ही वह उसके प्रति आकर्षित हुई। जनवरी 2024 में उसने पहली बार छात्र के सामने संबंधों का प्रस्ताव रखा। सहेली को बनाया जरिया छात्र ने शुरुआत में दूरी बनाना शुरू कर दी। इसके बाद टीचर ने स्कूल से अन्य उसकी एक महिला मित्र का सहारा लिया और बात आगे बढ़ाई। इस मामले में दोस्त के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है। उसने कथित तौर पर पीड़ित छात्र से कहा था कि वो दोनों एक दूसरे के लिए बने हैं और उम्रदराज महिलाओं और लड़कों के बीच रिलेशनशिप आम बात है। दोस्त से बातचीत के बाद छात्र ने टीचर से मिलने का फैसला किया। एक अधिकारी ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया, 'वह (टीचर) छात्र को अपनी कार में लेकर एक सूने स्थान पर गई और जबरन कपड़े उतरवा दिए और शोषण किया।' उन्होंने कहा, 'अगले कुछ दिनों में छात्र परेशान रहने लगा, तो उसने उसे एंटी एन्जाइटी पिल्स भी दीं।' इसके बाद टीचर ने उसे दक्षिण मुंबई के अलग-अलग पांच सितारा होटल ले जाना शुरू किया और शारीरिक संबंध बनाए। पुलिस ने बताया है कि संबंध बनाने से पहले कई बार टीचर छात्र को शराब पिलाती थी। आरोपी टीचर को बुधवार तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है।  

बनारस की बेटी ने अमेरिका में बढ़ाया मान, वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स में जीता गोल्ड

वाराणसी उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के राजातालाब में बढ़ैनी खुर्द गांव की ममता पाल ने जिले का मान बढ़ाया है। ममता ने अमेरिका के अलबामा राज्य के बर्मिंघम शहर में आयोजित वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स 2025 में इतिहास रच दिया है। ममता ने 5000 मीटर क्रॉस कंट्री रेस में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीतकर देश और प्रदेश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। ममता इस समय उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी के पद पर तैनात हैं। वे भारत की 260 सदस्यीय टीम का हिस्सा बनकर अमेरिका गई थीं, जहां एक जुलाई को हुए मुकाबले में उन्होंने दुनियाभर के धावकों को पीछे छोड़ते हुए स्पर्धा में पहला स्थान हासिल किया। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि की खबर बुधवार को जैसे ही गांव पहुंची, पूरा गांव जश्न में डूब गया। डॉ आर. के. पाल, प्यारेलाल, दीनू पाल, एडवोकेट संतोष कुमार पाल, डॉ धर्मेंद्र कुमार पटेल, डॉ राजेश पाल, डॉ राकेश पाल, पप्पू पाल और ग्रामीणों ने ममता के घर पहुंचकर फोन पर बात कर उन्हें और परिजनों को शुभकामनाएं दीं। इस दौरान ममता के माता-पिता की आंखों में जहां खुशी के आंसू दिखे वहीं, गांव के लोग भी ममता की सफलता पर गदगद दिखे। ममता के पहले कोच डॉ. आर.के. पाल ने बताया कि ममता की शुरुआती ट्रेनिंग गांव के सरदार पटेल इंटर कॉलेज के मैदान में हुई थी। उन्होंने बताया कि ममता हमेशा से ही मेहनती और अनुशासित खिलाड़ी रही है। ग्रामीण परिवेश और सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अपने जुनून और संघर्ष के बल पर यह मुकाम हासिल किया। ममता पाल की यह जीत उन युवाओं के लिए प्रेरणा भी है जो छोटे गांवों से निकलकर अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने का सपना देखते हैं। ममता ने साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।