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तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स ने मौके गंवाने का जताया अफसोस, कहा- रिव्यू के नियम बदले जाएं

नई दिल्ली इंग्लैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स ने स्वीकार किया कि दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन अंपायरों के कुछ फैसले भारत के पक्ष में जाने के बाद वह निराश हो गए थे। वोक्स अपनी शानदार लाइन और लेंथ के साथ मेजबान टीम के लिए सबसे सफल गेंदबाज साबित हुए और उन्होंने पहले दिन 18 ओवर में 59 रन देकर दो विकेट लिए। वोक्स की गेंदबाजी पर इंग्लैंड ने दो रिव्यू लिए जिन पर तीसरे अंपायर का फैसला भारत के पक्ष में गया। इस तेज गेंदबाज ने इसे निराशाजनक करार दिया। वोक्स ने बुधवार को पहले दिन खेल समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह वास्तव में निराशाजनक था। जब आप टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बेताब होते हैं तो भावनाएं हावी हो जाती हैं। अगर ये फैसले हमारे पक्ष में होते तो दिन पूरी तरह से अलग होता, लेकिन यह टेस्ट क्रिकेट है और हम इन चीजों को आत्मसात करके आगे बढ़ते हैं। ’’ इनमें से पहला मामला सातवें ओवर में आया, जब भारत का स्कोर बिना किसी नुकसान के 14 रन था और वोक्स ने यशस्वी जायसवाल के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील की थी। दूसरा मामला 11वें ओवर में आया, जब भारत का स्कोर एक विकेट पर 21 रन था और करुण नायर भी इसी तरह के रिव्यू से बच गए। दोनों अवसरों पर डीआरएस से पता चला कि गेंद स्टंप से टकराती, लेकिन यह बांग्लादेशी अंपायर शरफुद्दौला के नॉट आउट के फैसले को पलटने के लिए पर्याप्त नहीं था। वोक्स ने कहा, ‘‘अगर यह फैसले हमारे पक्ष में जाते तो हम उनका स्कोर तीन विकेट पर 30 रन कर सकते थे और तब स्थिति पूरी तरह से भिन्न होती। यह फैसले हमारे पक्ष में भी जा सकते थे लेकिन हम इस खेल को इसी तरह से खेलते हैं।  जायसवाल ने 87 और नायर ने 31 रन बनाए, जिसके बाद भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने नाबाद 114 रन बनाकर पारी को संभाला और स्टंप तक अपनी टीम का स्कोर पांच विकेट पर 310 रन तक पहुंचाया। हालांकि वोक्स ने माना कि डीआरएस ने क्रिकेट में निर्णय लेने की प्रक्रिया में सामान्य सुधार किया है, लेकिन उन्होंने इसमें एक विशेष बदलाव की मांग की। उन्होंने कहा, ‘‘निर्णय समीक्षा प्रणाली ने सामान्य तौर पर अच्छे फैसले दिए हैं लेकिन मैं केवल यही कहना चाहूंगा कि यदि बल्लेबाज गेंद को छोड़ने का निर्णय लेता है और गेंद तब भी स्टंप्स पर लग रही है, तो मुझे लगता है कि उसे आउट दिया जाना चाहिए।’’  

गुरदीप कौर सुन-देख-बोल नहीं नहीं सकने वाली महिला को मिली सरकारी नौकरी ! इंदौर की गुरदीप ने रचा इतिहास

इंदौर  ‘इंदौर की हेलन केलर' के रूप में मशहूर 34 वर्षीय गुरदीप कौर वासु बोल, सुन और देख नहीं सकतीं, लेकिन ये शारीरिक बाधाएं उन्हें सरकारी सेवा में आने का सपना देखने से नहीं रोक सकीं. गुरदीप का यह सपना सामाजिक, अकादमिक और सरकारी गलियारों से होकर गुजरे उनके लम्बे संघर्ष के बाद आखिरकार पूरा हो गया है. उन्हें प्रदेश के वाणिज्यिक कर विभाग में नियुक्ति मिली है. सामाजिक न्याय कार्यकर्ताओं का दावा है कि यह देश का पहला मामला है, जब बोल, सुन और देख नहीं सकने वाली कोई महिला सरकारी सेवा में आई है. अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि कक्षा 12 तक पढ़ी गुरदीप को बहुविकलांगता की श्रेणी में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के तौर पर इंदौर में वाणिज्यिक कर विभाग के एक दफ्तर में पदस्थ किया गया है. योग्यता से बनाया मुकाम विभाग की अतिरिक्त आयुक्त सपना पंकज सोलंकी ने बताया कि दिव्यांगजनों के लिए विशेष भर्ती अभियान के तहत गुरदीप का चयन उनकी योग्यता के आधार पर किया गया है. उन्होंने बताया, ‘‘गुरदीप पूरी लगन से काम सीख रही हैं. वह तय समय पर दफ्तर आती-जाती हैं.'' जाहिर है कि सरकारी सेवा में आने के लिए उनका सफर आसान नहीं था. गुरदीप की मां मनजीत कौर वासु ने अपनी बेटी की उपलब्धि पर भावुक होते हुए कहा,‘‘गुरदीप मेरे परिवार की पहली सदस्य है जो सरकारी नौकरी में आई है. मुझे कल्पना तक नहीं थी कि वह कभी इस मुकाम तक पहुंचेगी. आजकल लोग मुझे मेरे नाम से कम और गुरदीप की मम्मी के नाम से ज्यादा पहचानते हैं.'' उन्होंने बताया कि गुरदीप प्रसूति की तय तारीख से पहले पैदा हुई थीं और जटिल समस्याओं के चलते उन्हें जन्म के बाद करीब दो महीने तक एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती रखा गया था. ऐसा रहा संघर्ष मनजीत ने बताया कि उनकी बेटी पांच महीने की उम्र तक किसी भी बात पर प्रतिक्रिया नहीं दे रही थी जिसके बाद उनके परिवार को पता चला कि वह बोल, सुन और देख नहीं सकती. गुरदीप के सरकारी सेवा में आने के बाद दिव्यांगों के अधिकारों के लिए काम करने वाले लोगों में खुशी का माहौल है. सामाजिक न्याय कार्यकर्ता ज्ञानेंद्र पुरोहित ने कहा, ‘‘यह देश में पहली बार हुआ है, जब बोल, सुन और देख नहीं सकने वाली कोई महिला सरकारी सेवा में आई है. यह समूचे दिव्यांग समुदाय के लिए ऐतिहासिक और प्रेरक पल है.'' उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 में अन्य दिव्यांग उम्मीदवारों की तरह अंध-मूक-बधिर लोगों को भी सरकारी नौकरी में आरक्षण दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन सरकारी तंत्र को इसके अमल के लिए राजी करना बहुत मुश्किल है. पुरोहित ने कहा, ‘‘अलग-अलग तरह की दिव्यांगताओं को चुनौती दे रहे गुरदीप जैसे लोग सब कुछ कर सकते हैं. उन्हें बस एक मौका दिए जाने की जरूरत है.'' सांकेतिक भाषा की जानकार एवं गुरदीप की शिक्षिका मोनिका पुरोहित ने बताया कि गुरदीप सामने वाले व्यक्ति के हाथों और उंगलियों को दबाकर उससे संकेतों की भाषा में संवाद करती हैं जिसे 'टेक्टाइल साइन लैंग्वेज' कहा जाता है. सरकारी नौकरी पाने की खुशी से दमकती 34 वर्षीय गुरदीप ने अपने दोनों हाथ फैलाते हुए संकेतों की जुबान में कहा, ‘‘मैं बहुत ज्यादा खुश हूं.''

मानसून की पहली बारिश ने आम आदमी की जेब पर भारी बोझ डाल दिया, सब्जियों के बढ़े दाम बिगाड़ रहे रसोई का बजट

जबलपुर  मानसून की पहली बारिश ने जहां एक ओर गर्मी से राहत दिलाई है, वहीं दूसरी ओर इसने आम आदमी की जेब पर भारी बोझ डाल दिया है। लगातार हो रही वर्षा के कारण स्थानीय सब्जियों की पैदावार लगभग ठप पड़ गई है या फिर खराब हो चुकी है, जिससे मंडियों में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों से आने वाली सब्जियों पर निर्भरता बढ़ने के कारण कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे रसोई का बजट बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। टमाटर, भिंडी और करेला हुए महंगे बाजार में सब्जियों की कीमतों में सबसे बड़ा उछाल टमाटर में देखने को मिला है। जो टमाटर पिछले हफ्ते तक 30 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, अब वह 40 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके फुटकर दाम में और तेजी आ सकती है। इसी तरह, भिंडी के दामों में भी जबरदस्त उछाल आया है। दो दिन पहले तक जिसे 20 रुपये किलो में कोई पूछने वाला नहीं था, वही भिंडी अब 30 रुपये से 35 रुपये प्रति किलो बिक रही है। करेला भी 45 रुपये से 50 रुपये प्रति किलो के भाव पर पहुंच गया है, जिससे यह आम आदमी की थाली से दूर होता जा रहा है। लहसुन, अदरक और धनिया के भी दाम बढ़े सब्जियों के साथ-साथ मसालों ने भी उपभोक्ताओं को रुला दिया है। पिछले दो दिनों में लहसुन के दाम में 20 रुपये की बढ़ोतरी हुई है, जिससे यह अब 110 रुपये प्रति किलो के आसपास बिक रहा है। अदरक 45 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है और धनिया के दामों में भी तेजी बनी हुई है। थोक कारोबारियों का अनुमान है कि अगले हफ्ते तक बाजार में सब्जियों की कीमतें और बढ़ने की संभावना है। बाहरी राज्यों से आवक और बढ़ती कीमतें वर्तमान में जबलपुर में टमाटर की अधिकांश आवक कर्नाटक से हो रही है। थोक बाजार में 24 रुपये से 26 रुपये प्रति किलो खुलने के बावजूद, फुटकर बाजार में पहुंचते-पहुंचते टमाटर 35 रुपये से 45 रुपये प्रति किलो के आसपास बिक रहा है। यह दर्शाता है कि परिवहन लागत और बिचौलियों का मुनाफा भी कीमतों को बढ़ाने में एक बड़ा कारक है। आलू-प्याज भी हुए महंगे स्थिर समझे जाने वाले आलू और प्याज की कीमतों में भी मानसून के कारण 5 रुपये से 10 रुपये प्रति किलो की तेजी दर्ज की गई है। ये दोनों सब्जियां अभी 20 रुपये से 25 रुपये प्रति किलो पर बनी हुई हैं, लेकिन थोक कारोबारियों के अनुसार अगले कुछ दिनों में इनके फुटकर भाव में 5 रुपये तक की और तेजी संभावित है। प्रतिदिन कृषि उपज मंडी में लगभग 20 गाड़ी प्याज मैहर और खंडवा से आ रही है, जबकि आलू जी-4 की आवक प्रयागराज से और मिलिट्री आलू की आवक आगरा से लगभग 20 से 22 गाड़ी हो रही है।

‘वर्ल्ड क्लास है गिल!’ इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज ने किया भविष्य का बड़ा ऐलान

मुंबई पूर्व क्रिकेटर जोनाथन ट्रॉट का कहना है कि इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन भारतीय कप्तान शुभमन गिल की सोची-समझी रणनीति और हाव भाव में वर्ल्ड क्लास खिलाड़ी के लक्षण हैं जिनका भविष्य उज्जवल नजर आता है। गिल ने पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में दूसरा शतक जड़ा और बर्मिंघम में दूसरे टेस्ट के पहले दिन स्टंप तक नाबाद 114 रन (216 गेंद, 12 चौके) बनाकर भारत को पांच विकेट पर 310 रन के मजबूत स्कोर तक पहुंचाया। इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज ट्रॉट ने 'जियो हॉटस्टार' से कहा, "उनके हाव भाव और जिस तरह से उन्होंने रन बनाए वह उल्लेखनीय है। इंग्लैंड के गेंदबाजों के खिलाफ उनके नियंत्रण ने ड्रेसिंग रूम को संदेश दिया कि वह जिम्मेदारी ले रहे हैं और आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, ‘‘उनकी रणनीति स्पष्ट थी। मैं क्रीज पर टिका रहूंगा और मैं कल फिर से खेलूंगा। मैं सुनिश्चित करूंगा कि हम जीत की स्थिति में पहुंचें। वह विश्व स्तरीय खिलाड़ी हैं जिनका भविष्य उज्जवल है।’’ ट्रॉट ने कहा, ‘‘उन्होंने एक सोची समझी रणनीति से बल्लेबाजी की जिसमेंं उनका आत्मविश्वास साफ नजर आता था। कप्तान के रूप में इस तरह के प्रदर्शन से टीम के अन्य खिलाड़ियों पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।’’  

बागेश्वर धाम में दुःखद हादसा, टेंट गिरने से 1 श्रद्धालु की मौत, 10 घायल

छतरपुर   छतरपुर जिले के विश्व प्रसिद्ध बागेश्वर धाम गढ़ा परिसर में गुरुवार सुबह हुए एक दुखद हादसे में टेंट गिरने से एक श्रद्धालु की मौत हो गई. जबकि 3 से 4 अन्य घायल हो गए. यह घटना सुबह करीब 7 बजे आरती के बाद हुई, जब श्रद्धालु बारिश से बचने के लिए टेंट के नीचे जमा हुए थे. मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के अयोध्या निवासी श्यामलाल कौशल के रूप में हुई है. उनके दामाद राजेश कुमार कौशल ने बताया कि श्यामलाल के सिर में टेंट से निकला एक लोहे का एंगल लगने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई. राजेश कुमार कौशल स्वयं और परिवार के अन्य सदस्य सौम्या, पारुल और उन्नति सहित 3 से 4 लोग इस हादसे में घायल हुए हैं. सभी घायलों को छतरपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 1 श्रद्धालु की सिर पर चोट लगने से मौत इस दौरान टेंट को खड़ा करने के लिए लगाए गए एक लोहे के रोड में एक श्रद्धालु की सिर पर चोट लगने से मौके पर ही मौत हो गई। वहीं अन्य घायलों को तत्काल पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्रशासन और धाम प्रबंधन समिति ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू किया। मौके पर पुलिस और एंबुलेंस की टीमें पहुंचीं और स्थिति को नियंत्रित किया। धीरेंद्र शास्त्री के जन्मदिन के लिए सजा था गढ़ा गांव बुंदेलखंड के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम पर चार जुलाई को हजारों की संख्या में देश विदेश के श्रद्धालु जुटेंगे। क्योंकि चार जुलाई को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का जन्मदिन है और चार जुलाई से गुरुपूर्णिमा तक धाम पर विशेष धार्मिक आयोजन होंगे। धाम को खूबसूरती के साथ सजाया जा रहा है। पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री 1 जुलाई से 3 जुलाई तक बालाजी का दिव्य दरबार लगाएंगे। 4 जुलाई को बागेश्वर महाराज का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। गुरु पूर्णिमा और जन्मोत्सव को लेकर देश विदेश के 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद है। इस आयोजन को लेकर गढ़ा गांव में तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंगलवार को ही श्रद्धालु धाम पर पहुंचना शुरू हो गए थे। श्रद्धालुओं को मिलेगा गुरुमंत्रधाम पर 7 और 8 जुलाई को आयोजित होने वाले गुरुदीक्षा महोत्सव के अंतर्गत हजारों श्रद्धालुओं और शिष्यों को गुरुमंत्र देकर उन्हें दीक्षित करेंगे। बागेश्वर धाम जन सेवा समिति की ओर से दीक्षा आयोजन के प्रभारी चक्रेश सुल्लेरे ने बताया कि लंबे समय से गुरुदीक्षा महोत्सव की तैयारी की जा रही थी। इधर गुरु पूर्णिमा महोत्सव को लेकर स्थानीय पुलिस और प्रशासन भी सतर्क हो गया है। क्योंकि गढ़ा गांव में भीड़ बढ़ सकती है। अयोध्या से बागेश्वर धाम आए थे राजेश ने बताया कि वे अपने परिवार के 6 सदस्यों के साथ बुधवार रात को ही अयोध्या से बागेश्वर धाम पहुंचे थे. शुक्रवार को धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री का जन्मदिन है और वे गुरुवार सुबह उनके दर्शन करने के लिए पहुंचे थे. जिला अस्पताल के डॉ. नरेश त्रिपाठी ने बताया कि मृतक को बागेश्वर धाम से लाया गया था और परिजनों ने टेंट गिरने से हादसा होने की बात कही है. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी है. बारिश का पानी शेड में भरा था हादसे के वक्त मौके पर मौजूद एक शख्स ने बताया कि हम सब मंच के पास खड़े थे, बारिश हो रही थी. ऐसे में हम पानी से बचने के लिए टेंट में आ गए. पानी भरने से टेंट नीचे आ गिरा. इससे भगदड़ मच गई और टेंट के नीचे करीब 20 लोग दब गए. ये हादसा बाबा बागेश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के जन्मदिन से पहले हुआ, जिसमें एक श्रद्धालु की मौत हो गई और 4 लोग घायल हो गए.  

विंबलडन 2025 में डिफेंडिंग चैंपियन अल्काराज की जीत से शुरुआत

लंदन  विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट 2025 में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलड़ी और तीन बार ग्रैंड स्लैम फाइनलिस्ट अलेक्जेंडर ज्वेरेव सबसे बड़े उलटफेर का शिकार हो गए. 72वीं रैंकिंग के आर्थर रिंडरक्नेच ने उन्‍हें पहले दौर से बाहर कर दिया है. ज्वेरेव और रिंडरक्नेच के बीच मुकाबला 4 घंटे 40 मिनट तक चला.पांच सेट तक चले इस मुकाबले  7-6 (3), 6-7 (8), 6-3, 6-7 (5), 6-4 से हार का सामना करना पड़ा. रिंडरक्नेच का ऑल इंग्लैंड क्लब में 1-4 का करियर रिकॉर्ड था. वह ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंटों में 18 बार तीसरे दौर से आगे नहीं बढ़ पाए हैं.  पिछले साल विंबलडन और इस साल फ्रेंच ओपन के सेमीफाइनलिस्ट रहे सातवें नंबर के खिलाड़ी लोरेंजो मुसेट्टी भी पहले दौर से आगे नहीं बढ़ पाए. उन्हें निकोलोज बेसिलशविली ने बाहर का रास्ता दिखाया. दुनिया में 126वें नंबर के खिलाड़ी और यहां क्‍वालिफायर बेसिलशविली अपने पिछले 31 ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंटों में केवल एक बार चौथे दौर तक पहुंच पाए हैं.. दुनिया की नंबर-3 टेनिस स्टार जेसिका पेगुला विम्बलडन-2025 के पहले राउंड में उलटफेर का शिकार हो गई हैं। तीसरी सीड पेगुला को वर्ल्ड रैंकिंग में 116वें नंबर की खिलाड़ी एलिसाबेटा कोकियारेटो ने महज 58 मिनट में हरा दिया। 31 साल की अमेरिकी खिलाड़ी ने यह मैच सीधे सेट में 6-2, 6-3 से गंवाया। यह उनका इस साल का सबसे खराब प्रदर्शन है। पेगुला पिछले 5 साल में पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के पहले राउंड से बाहर हुई हैं। इससे पहले वे 2020 में फ्रेंच ओपन के पहले दौर से बाहर हुई थी। पेगुला से पहले डेनियल मेदवेदेव और 8वीं सीड होल्गर रून उलटफेर का शिकार हुए। डिफेंडिंग चैंपियन अल्काराज की जीत से शुरुआत 2 बार के चैंपियन कार्लोस अल्काराज ने जीत से शुरुआत की। उन्होंने इटली के फैबियो फोगनिनी को 4 घंटे से ज्यादा चले मैच में 7-5, 6-7 (5-7), 7-5, 2-6, 6-1 से हराया। अब उनका मुकाबला 21 साल के टार्वेट से होगा, जिन्होंने विंबलडन में अपने पहले मैच में स्विट्जरलैंड के लिएंड्रो रीडी को हराया है। सबालेंका की वर्ल्ड नंबर-1 रहते 50वीं जीत दुनिया की नंबर-1 महिला टेनिस खिलाड़ी आर्यना सबालेंका ने टूर्नामेंट में बेहतरीन जीत से आगाज किया। सबालेंका ने कनाडा की कार्सन ब्रेंस्टीन को लगातार सेट में 6-1, 7-5 से हराया। यह सबालेंका की वर्ल्ड नंबर-1 रहते ​हुए विमेंस टेनिस एसोसिएशन (WTA) में 50वीं जीत रही। वे ऐसा करने वाली 9वीं ​खिलाड़ी बनीं। उनसे पहले, हिंगिस, सेरेना, डेवनपोर्ट, जस्टिन हेनिन, वोज्नियाकी, अजारेंका, बार्टी और स्वातेक ने ऐसा कर चुकी है। डेनियल मेदवेदेव और 8वीं सीड होल्गर रून पहले राउंड में उलटफेर का शिकार हुए डेनियल मेदवेदेव और टूर्नामेंट के 8वीं सीड होल्गर रून पहले राउंड में उलटफेर का शिकार हुए। रून को निकोलस जैरी ने 4-6, 4-6, 7-5, 6-3, 6-4 और मेदवेदेव को बेंजामिन बोंजी ने 7-6, 3-6, 7-6, 6-2 से हराया। गॉफ भी बाहर विंबलडन में मंगलवार को उलटफेर का दौर जारी रहा और महिला एकल में खिताब की प्रबल दावेदार गॉफ भी पहले दौर से आगे नहीं बढ़ पाई. उन्हें दयाना यास्त्रेम्स्का ने 7-6 (3), 6-1 से हराया. इस तरह से विंबलडन में पहले दो दिन में 23 वरीयता प्राप्त खिलाड़ी (13 पुरुष और 10 महिला) दूसरे दौर में पहुंचने में असफल रहे.दूसरे दिन बाहर होने वाले वरीय पुरुष खिलाड़ियों में 18वें नंबर के उगो हम्बर्ट, 27वें नंबर के डेनिस शापोवालोव, 28वें नंबर के अलेक्जेंडर बुब्लिक और 30वें नंबर के एलेक्स मिशेलसन शामिल थे.  जोकोविच आगे बढ़े नोवाक जोकोविच ने पेट की समस्या के बावजूद चार सेट तक चले मैच में जीत दर्ज करके विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट के दूसरे दौर में जगह बनाई. जोकोविच ने पहले दौर के मैच में पेट की समस्या के कारण दो बार डॉक्टर की मदद लेनी पड़ी, लेकिन आखिर में वह एलेक्जेंडर मुलर को 6-1, 6-7 (7), 6-2, 6-2 से हराने में सफल रहे.

भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर का क्रेडिट ट्रंप कई बार खुद को दे चुके, सीजफायर की बात भारत-पाक के DGMO… एस जयशंकर

 नई दिल्ली / वाशिंगटन पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है। इस दौरान भारत के एक्शन से बौखलाए पाकिस्तान ने जहर उगलने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस बीच भारत में खून की नदियां बहाने की गिदड़भभकियां देने वाले पाक के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने अब यू टर्न ले लिया है। उन्होंने बुधवार को भारत से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने की मांग की है। भारत लंबे समय से पाकिस्तान को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करता रहा है, लेकिन वह हर बार इससे पल्ला झाड़ लेता था। बिलावल भुट्टो के भारत को लेकर बदले सुर दरअसल, इस्लामाबाद पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बिलावल भुट्टो ने कहा कि हम आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत के साथ ऐतिहासिक और अभूतपूर्व साझेदारी बनाने के लिए तैयार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत-पाकिस्तान एक दूसरे के विरोधी नहीं है। बिलावल भुट्टो ने आगे कहा कि भारत और पाकिस्तान को पड़ोसी बनकर रहना चाहिए और लोगों को आतंकियों से बचाने के लिए आगे आना चाहिए। सिंधु जल संधि के सस्पेंड होने से बिलावट भुट्टो ने भारत के खिलाफ कई बार कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया था, लेकिन अब वे सभी लंबित विवादों के सामाधान के लिए भारत के सामने हाथ जोड़ रहे हैं।  इसके साथ ही भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन दावों को खारिज किया है कि अमेरिका ने ट्रेड का हवाला देकर दोनों देशों के बीच युद्धविराम करवाया है. हालांकि भारत की ओर से लगातार कहे जाने के बावजूद ट्रंप इस युद्धविराम का क्रेडिट लेने के मोह को छोड़ नहीं पा रहे हैं. ट्रंप को जहां भी मौका मिलता है वो इस बात को जरूर कहते हैं कि उन्होंने भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम करवाकर परमाणु संपन्न दो पड़ोसियों के बीच युद्ध रुकवा दिया है. ट्रंप इस बात को कई बार दोहरा चुके हैं.  वाशिंगटन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इंडिया टुडे के पत्रकार रोहित शर्मा ने विदेश मंत्री से पूछा कि जब ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का ऐलान किया तो आपकी क्या प्रतिक्रिया थी, पीएमओ में क्या चल रहा था.क्या आपने अपनी असहमति की जाहिर करने के लिए तुरंत अमेरिकी प्रशासन से संपर्क किया? और इस पर व्हाइट हाउस का क्या कहना था? इसके अलावा विदेश मंत्री से यह भी पूछा गया कि क्या अमेरिका-भारत के संबंधों को निर्धारित करने में अब भी पाकिस्तान की कोई भूमिका है, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद? इस प्रश्न के जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि, "देखिए, आज भी भारत-अमेरिका के संबंधों में भारत-अमेरिका ही सेंट्रल फैक्टर हैं. हम एक बड़े देश हैं, हम दुनिया पांच बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से हैं. हमारी जनसंख्या सबसे अधिक है. हमारा प्रभाव बढ़ रहा है. हमारे अंदर ये आत्म विश्वास होना चाहिए. और ये प्रश्न पूछने के दौरान भी झलकना चाहिए." सीजफायर के सवाल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि, "उस समय क्या हुआ इसके रिकॉर्ड बहुत स्पष्ट हैं, सीजफायर को दो देशों के डीजीएमओ द्वारा तय किया गया था. इसलिए इसको मैं यहीं छोड़ता हूं." आतंकवाद के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये एक फैक्ट है कि कई देश आतंकवाद पर वो नजरिया नहीं रखते हैं जब इसका शिकार कोई दूसरा देश होता है, लेकिन अगर इस आतंकवाद का शिकार वे स्वयं होते हैं तो उनका नजरिया और स्टैंड अलग होता है.  बता दें कि भारत ने कई मौकों पर इस बात पर जोर दिया है कि हाल के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ लड़ाई को बंद करवाने में  न तो अमेरिका और न ही किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका थी. नई दिल्ली ने स्पष्ट किया है कि भारत द्वारा 9-10 मई को पाकिस्तान के कई एयरबेस पर हमला किए जाने के बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारतीय डीजीएमओ के समक्ष युद्धविराम की पेशकश की थी. इसके बाद ही दोनों देश लड़ाई बंद करने पर सहमत हुए. 18 जून को जब पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच 35 मिनट तक फोन पर बातचीत हुई थी तो इस बातचीत की जानकारी देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भी यही बात कही थी.  उन्होंने पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुए बातचीत के बारे में देश को जानकारी देते हुए कहा था कि, 'इस पूरे घटनाक्रम के दौरान किसी भी स्तर पर भारत-अमेरिका व्यापार समझौते या भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका द्वारा मध्यस्थता के किसी प्रस्ताव पर कोई चर्चा नहीं हुई, सैन्य कार्रवाई रोकने पर चर्चा भारत और पाकिस्तान के बीच दोनों सशस्त्र बलों के बीच संचार के मौजूदा चैनलों के माध्यम से सीधे हुई और इसकी पहल पाकिस्तान के अनुरोध पर की गई थी." इस दौरान भारत ने यह भी कहा कि भारत-पाकिस्तान के किसी भी मुद्दे पर इंडिया कभी भी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा.  

रेसलर्स ब्रिट बेकर AEW छोड़ने की अफवाहें , लोगों का कहना था कि वो WWE में जाना चाहती

नई दिल्ली  AEW और WWE के बीच रेसलर्स का आना-जाना लगा रहता है। दोनों ही कंपनी एक दूसरे के रेसलर्स को अपने साथ शामिल करने की होड़ में रहती है। इसी बीच एक रेसलर AEW का साथ छोड़कर WWE में शामिल हो सकते हैं। यह रेसलर कोई और नहीं बल्कि डॉ. ब्रिट बेकर हैं। डॉ. ब्रिट बेकर के बारे में कई तरह की बातें चल रही थीं। कुछ लोग कह रहे थे कि वो AEW छोड़ कर WWE में जा सकती हैं। लेकिन अब नई खबर आई है कि ऐसा कुछ नहीं है। नवंबर 2024 से ब्रिट बेकर टीवी पर नहीं दिखी हैं। इसके बाद से ही उनके AEW छोड़ने की अफवाहें उड़ रही थीं। कुछ लोगों का कहना था कि वो WWE में जाना चाहती हैं। लेकिन Fightful नाम की एक वेबसाइट ने खबर दी है कि ब्रिट बेकर AEW नहीं छोड़ रही हैं। उन्होंने कई लोगों से बात की और सबने यही कहा कि ब्रिट बेकर के AEW छोड़ने की कोई बात नहीं है। खबर तो ये भी है कि ब्रिट बेकर ने 2021 में AEW के साथ पांच साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। इसका मतलब है कि वो अभी कई साल तक AEW में ही रहेंगी। जॉन सीना ने अपने दिमाग से बचाई अपनी चैंपियनशिप, सरेआम दिया धोखा Fightful ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, जिन भी सूत्रों से संपर्क किया गया, उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि ब्रिट बेकर AEW छोड़ने की कोशिश कर रही थीं। इसका मतलब है कि ये सारी अफवाहें गलत हैं। रिपोर्ट्स में ये भी कहा है कि, 'स्थिति से परिचित लोगों ने कहा कि बेकर की AEW छोड़ने की इच्छा या उन्हें छोड़ने की योजनाओं के बारे में बताना उनके लिए खबर थी और मैनेजमेंट को भी इसकी जानकारी नहीं थी। इससे पता चलता है कि ब्रिट बेकर ने कभी भी AEW छोड़ने के बारे में नहीं सोचा था। अब देखना ये है कि ब्रिट बेकर का आगे क्या प्लान है। वो कब टीवी पर वापस आएंगी और क्या करेंगी। लेकिन एक बात तो तय है कि वो अभी AEW नहीं छोड़ रही हैं।

बड़े पैमाने पर माइक्रोसॉफ्ट में होगी छंटनी, 9000 से अधिक कर्मचारियों के लिए झटका

वाशिंगटन  टेक्नोलॉजी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट (MSFT.O) ने एक बार फिर बड़े पैमाने पर छंटनी का ऐलान किया है। Seattle Times की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी अपने कुल वैश्विक कार्यबल के लगभग 4% यानी कि 9000 के पास कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। यह 2023 के बाद कंपनी की सबसे बड़ी छंटनी मानी जा रही है। जून 2024 तक माइक्रोसॉफ्ट में करीब 2,28,000 कर्मचारी कार्यरत थे। हालांकि, इस नई छंटनी की पुष्टि के लिए कंपनी ने रॉयटर्स के सवालों का जवाब नहीं दिया। बिक्री विभाग पर पड़ेगा मुख्य असर जून में Bloomberg News की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि माइक्रोसॉफ्ट विशेष रूप से सेल्स (बिक्री) विभाग में हजारों कर्मचारियों की कटौती की योजना बना रही है। इससे पहले, मई 2025 में भी कंपनी ने करीब 6,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था। 2023 के बाद सबसे बड़ी छंटनी रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2 जुलाई को पुष्टि की गई Microsoft Lay Off का ये चरण साल 2023 के बाद से टेक दिग्गज कंपनी द्वारा की जाने वाली छंटनी का सबसे बड़ा दौर है. ऐसा माना जा रहा है कि ये छंटनी माइक्रोसॉफ्ट में संगठनात्मक परिवर्तन का हिस्सा है. फिलहाल, कंपनी में इस छंटनी का असर सबसे ज्यादा किस सेक्शन पर पड़ने वाला है इसके बारे में पूरी जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन तमाम रिपोर्टों के आधार पर ये पता चलता है कि कोडिंग असिस्टेंट जैसे AI ऑपरेटेड उपकरणों का तेजी से इस्तेमाल इससे जुड़े कर्मचारियों को प्रभावित कर सकता है.  Microsoft अपने वर्कफ्लो में एआई को शामिल करने पर अधिक फोकस कर रही है और इस साल की शुरुआत में, Microsoft CEO सत्य नडेला ने साफ किया था कि किस तरह लगभग सभी कोड का 20-30 फीसदी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा तैयार किया गया था. इस बीच हाल ही सामने आया था कि माइक्रोसॉफ्ट के कुछ सेक्शन में अब AI के इस्तेमाल को अनिवार्य बना दिया गया है और इसे सीधे तौर पर उस सेक्शन में काम करने वाले कर्मचारियों की परफॉर्मेंस समीक्षा से जोड़ा गया है.  साल-दर-साल तेज हो रही छंटनी दुनिया भर में माइक्रोसॉफ्ट के साथ करीब 2,28,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं और छंटनी की बात करें, तो ये साल-दर-साल बढ़ती जा रही है. इस साल की बात करें, तो मई 2025 में, Microsoft ने लगभग 6,000 नौकरियों में कटौती की थी और जून में 300 कर्मचारी निकाले थे. इससे पहले जनवरी महीने में कंपनी ने अपने कर्मचारियों के 1% की प्रदर्शन-आधारित कटौती की घोषणा की थी. कंपनी में सबसे बड़ी छंटनी साल 2023 में देखने को मिली थी, जब 10,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया था.  हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट में सबसे बड़ी छंटनी साल 2014 में की गई थी, जबकि कंपनी ने अपने ग्लोबल वर्कफोर्स में से 18000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था. ये छंटनी कंपनी द्लारा Nokia के डिवाइस और सर्विस बिजनेस के अधिग्रहण के बाद की थी.  क्या बोले माइक्रोसॉफ्ट के प्रवक्ता?  एएफपी की रिपोर्ट की मानें तो माइक्रोसॉफ्ट के प्रवक्ता की ओर से बताया गया है कि कंपनी में आवश्यक संगठनात्मक परिवर्तनों को लागू करना जारी है और इस तरह के कदम उसके नियमित कार्यबल मूल्यांकन का हिस्सा हैं. Microsoft प्रवक्ता के मुताबिक, सबसे अच्छे समय में भी, हमने व्यवसाय की रणनीतिक मांगों को पूरा करने के लिए अपने कार्यबल को नियमित रूप से समायोजित किया है. माइक्रोसॉफ्ट अकेली ऐसी कंपनी नहीं है जो इस तरह के फैसले ले रही है। अमेरिका में कई बड़ी कंपनियों ने आर्थिक अनिश्चितता और संचालन लागत में कटौती के चलते 2025 में छंटनियों का सिलसिला तेज किया है। कंपनियां अपनी संरचना को दुबारा व्यवस्थित कर अधिक कुशल बनने की कोशिश कर रही हैं। 

महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि दिशा सालियान की मौत में किसी भी तरह के संदेह की कोई गुंजाइश नहीं

मुंबई   महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि दिशा सालियान (28) की मौत में किसी भी तरह के संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है। दिशा, जो दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर थीं, 9 जून, 2020 को मलाड की एक इमारत की 12वीं मंजिल से कथित तौर पर कूद गई थीं। सरकार की हाई कोर्ट दी गई इस रिपोर्ट में आदित्य ठाकरे का भी जिक्र किया गया है। कहा गया है कि उन्हें बेवजह बदनाम किया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने दिशा के पिता सतीश सालियान की याचिका का विरोध किया। सतीश सालियान अपनी बेटी के लिए न्याय चाहते हैं। उनका कहना है कि उनकी बेटी के साथ बर्बरतापूर्ण बलात्कार, हत्या की गई और इसे राजनीतिक रूप से दबाने की कोशिश की गई। दिशा सालियान के पिता ने की थी याचिका दिशा सालियान के पिता ने मांग की कि मामले की जांच शहर की पुलिस की SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) से CBI को सौंपी जाए। साथ ही, शिवसेना (UBT) के MLA आदित्य ठाकरे के खिलाफ FIR दर्ज की जाए। मुंबई पुलिस का क्या दावा राज्य सरकार की ओर से मालवणी पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर शैलेन्द्र नागरकर ने जवाब दाखिल किया। उन्होंने कहा कि याचिका में लगाए गए आरोप आधारहीन और निराधार हैं। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई है। नहीं मिला कोई सीमन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यौन और या शारीरिक हमले के कोई संकेत नहीं मिले। जांच में न ही सीमन या योनि में कोई जख्म पाया गया। जवाब में दिशा के बॉयफ्रेंड रोहन रॉय के फ्लैट से गिरने की परिस्थितियों के बारे में विस्तार से बताया गया है। उस रात दोस्तों के साथ पार्टी चल रही थी। दिशा सालियान की फ्रेंड्स ने क्या कहा राज्य सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि दिशा सालियान के पिता ने उनकी मौत के बारे में जो आरोप लगाए हैं, वे आधारहीन और निराधार हैं। उन्होंने शहर की पुलिस SIT से जांच CBI को ट्रांसफर करने की मांग की है। दिशा की सहेलियों ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ विवाद और अपने बिजनेस डील पूरी नहीं होने के कारण मानसिक तनाव में थी। बहुत नशे में थी दिशा सालियान दिशा की फ्रेंड्स ने कहा कि अपनी मौत से पहले वह बहुत ज्यादा नशे में थी। फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी ने भी इसकी पुष्टि की है। जवाब में कहा गया है कि उस रात मौजूद सभी दोस्तों के बयान एक जैसे हैं। जवाब में कहा गया है कि इन परिस्थितियों को देखते हुए, दिशा ने अपनी मर्जी से खिड़की से छलांग लगा दी…. और आत्महत्या कर ली। सीसीटीवी फुटेज में भी कुछ नहीं मिला राज्य सरकार ने यह भी कहा कि रोहन रॉय ने भी कहा कि पूरी घटना में कोई अन्य स्पष्ट गड़बड़ी और/या संदेह नहीं था। चार स्वतंत्र गवाहों ने दिशा के गिरने की आवाज सुनी और उसे घायल अवस्था में देखा। उसने गोल गले की टी-शर्ट और क्रीम कलर की फुल पैंट पहनी हुई थी। उसके दोस्त उसे अस्पताल ले गए। इमारत के सभी छह CCTV कैमरों में कोई भी आपत्तिजनक या संदिग्ध गतिविधि नहीं देखी गई। जवाब में कहा गया है कि SIT की जांच के नतीजे पहले के जांच अधिकारी के निष्कर्षों के साथ मेल खाते हैं। SIT आगे की जांच कर रही है। जवाब में यह भी बताया गया है कि पिता ने कई रिकॉर्डेड बयानों में या उनकी पत्नी वासंती ने, जिनका बयान एक मजिस्ट्रेट ने दर्ज किया था, अपनी बेटी की मौत के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया और न ही किसी पर संदेह जताया। उन्होंने जांच पर भी अविश्वास नहीं जताया। आदित्य ठाकरे को बताया निर्दोष आदित्य ठाकरे ने हस्तक्षेप याचिका दायर कर मामले में सुनवाई करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि आदेशों से उन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र के एक बहुत ही प्रतिष्ठित परिवार से हैं और उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को बदनाम करने की कोशिशें की जा रही हैं। बुधवार को हाई कोर्ट ने सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। क्या है दिशा सालियान केस यह मामला 2020 का है, जब दिशा सालियान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। तब से, इस मामले में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह आत्महत्या थी, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि यह हत्या थी। अब, बॉम्बे हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है। देखना यह है कि कोर्ट इस मामले में क्या फैसला सुनाता है।