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स्टंट करने के दौरान जो लोग अपनी ही गलती से जान गंवाते हैं, उन लोगों को मुआवजा देने के लिए बीमा कंपनी बाध्य नहीं : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली रफ्तार के शौकीनों और लापरवाही से गाड़ी चलाने वालों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत का कहना है कि स्टंट करने के दौरान जो लोग अपनी ही गलती से जान गंवाते हैं, उन लोगों को मुआवजा देने के लिए बीमा कंपनी बाध्य नहीं है। एक शख्स की मौत के बाद अदालत पहुंचे उसके माता पिता को अदालत ने राहत देने से इनकार कर दिया। 18 जून, 2014 को एनएस रविश मल्लासांद्रा गांव से अरासिकरे के बीच फिएट लीनिया से यात्रा कर रहे थे। उस दौरान कार में उनके पिता, बहन और बच्चे बैठे हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रविश बहुत लापरवाही से तेज रफ्तार में गाड़ी चला रहे थे और मैलानाहल्लीके पास गाड़ी का नियंत्रण खोने से पहले उन्होंने ट्रैफिक नियम तोड़े थे। यात्रा के दौरान गाड़ी रोड पर पलट गई। उस हादसे में रविश की मौत हो गई। उनकी पत्नी, बेटा और माता-पिता 80 लाख रुपये के मुआवजे की मांग कर रहे थे। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की और दावा किया कि रविश के लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण हादसा हुआ। मोटर एक्सीडेंटल ट्रिब्युनल ने उनका दावा खारिज कर दिया था। बाद में वह कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचे और दावा किया कि टायर फटने के कारण हादसा हुआ। कोर्ट ने कहा, 'जब मृतक के कानूनी प्रतिनिधि की तरफ से दावा किया जाता है, तो यह साबित किया जाना जरूरी है कि मृतक लापरवाही से गाड़ी चलाने के लिए खुद जिम्मेदार तो नहीं है। साथ ही यह भी साबित किया जाना जरूरी है कि मृतक पॉलिसी में कवर हो ताकि बीमा कंपनी कानूनी हकदारों को भुगतान करें।' कोर्ट ने कहा, 'इस मामले में दुर्घटना तेज और लापरवाही से वाहन चलाने के कारण हुई और वह खुद को नुकसान पहुंचाने वाला व्यक्ति है। उसके कानूनी उत्तराधिकारी मुआवजे के लिए दावा नहीं कर सकते।' सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस आर महादेवन याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने जान गंवाने वाले परिवार को रहत नहीं दी। बेंच ने कहा कि परिवार बीमा कंपनी से भुगतान की उस स्थिति में मांग नहीं कर सकते, जब हादसा बगैर किसी बाहरी वजह के जान गंवाने वाले की गलती से ही हुआ हो।

पांच दशक की सबसे भयानक गिरावट डॉलर में आई- भारत और दुनिया पर क्या होगा असर

वाशिंगटन दुनिया की सबसे शक्तिशाली करेंसी यूएस डॉलर जनवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रंप के पदभार ग्रहण करने के बाद से लगातार गिरावट पर है। इस पांच दशकों में सबसे खराब प्रदर्शन है। 2025 की पहली छमाही में इसमें लगभग 11% की गिरावट आई, जो 1973 के बाद से सबसे तेज छमाही गिरावट है और अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तर से 13% नीचे है। डॉलर की गिरावट के 3 मुख्य कारण 1. अप्रत्याशित आर्थिक नीतियां ब्लूमबर्ग के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर (जैसे "लिबरेशन डे" टैरिफ) और फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता पर हमलों ने डॉलर की "सुरक्षित हेवन" छवि को क्षति पहुंचाई है। विदेशी निवेशकों ने अमेरिकी परिसंपत्तियों की बिकवाली तेज कर दी, जिससे डॉलर इंडेक्स में पहले छह महीनों में 10.8% की गिरावट आई। बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट के तहत टैक्स कट का विस्तार, स्वास्थ्य और कल्याणकारी योजनाओं में कटौती, और कर्ज में $3.3 ट्रिलियन की वृद्धि से राजकोषीय घाटा बढ़ने की आशंका। अमेरिकी कर्ज का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुपात 124% से बढ़कर 2034 तक 134-156% हो सकता है। 2. रेटिंग डाउनग्रेड और निवेशकों का विश्वास घटा मई 2025 में मूडीज ने अमेरिकी सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को Aa1 कर दिया, जिसका कारण ब्याज भार बढ़ना और लगातार घाटा बने रहना बताया गया। विदेशी निवेशकों ने अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड और इक्विटी में अपनी पोजीशन कम करना शुरू कर दिया। विदेशी निवेशकों के पास अमेरिकी परिसंपत्तियों में $31 ट्रिलियन (इक्विटी: $19 ट्रिलियन, ट्रेजरी: $7 ट्रिलियन, कॉरपोरेट बॉन्ड: $5ट्रिलियन ) का जोखिम है, जिसमें कटौती से डॉलर पर दबाव बढ़ा। 3. ब्याज दरों में कटौती की अटकलें फेड द्वारा 2025 के अंत तक दो से तीन बार ब्याज दरें कम करने की संभावना से डॉलर का आकर्षण कम हुआ है। प्रशासन का दबाव है कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए दरें तेजी से घटाई जाएं। डॉलर के कमजोर होने से आपकी जेब पर क्या पड़ेगा असर गोल्ड : केडिया कमोडिटिज के प्रेसीडेंट अजय केडिया के मुताबिक डॉलर में गिरावट और भू-राजनीतिक अनिश्चितता के कारण केंद्रीय बैंक सोने की खरीद बढ़ा रहे हैं। 2025 में सोना रिकॉर्ड ऊंचाई ($3,345/औंस) पर पहुंच गया है । वहीं, अमेरिकी टैरिफ की आशंका से व्यापारियों ने सोना स्विट्जरलैंड से अमेरिका (COMEX) स्थानांतरित किया, जिससे COMEX इन्वेंटरी 300 टन, जो कोविड के बाद सर्वोच्च स्तर है, तक पहुंच गई। दूसरी ओर लंदन में सोने की उपलब्धता कम होने से गोल्ड लीज रेट जनवरी 2025 में 5% तक पहुंच गया, हालांकि अब यह घटकर 1% रह गया है। भारत जैसे देशों के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा मई 2025 तक 60.66 अरब डॉलर हो गया, जो एक सप्ताह में $0.48 बिलियन की वृद्धि दर्शाता है। आरबीआई की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था में 1% की गिरावट भारत की विकास दर को 0.3% कम कर सकती है। कच्चा तेल अगर डॉलर कमजोर होता है और रुपया इसके मुकाबले मजबूत है तो इस क्षेत्र को राहत मिलेगी, क्योंकि यह आयात किया जाता है। कच्चे तेल का आयात बिल में कमी आएगी और विदेशी मुद्रा कम खर्च करना होगा। कैपिटल गुड्स और इलेक्ट्रॉनिक सामान सस्ते होंगे डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती से इस सेक्टर को भी राहत मिलेगी, क्योंकि रुपये की मजबूती से भारत में सस्ते कैपिटल गुड्स मिलेंगे। रुपये मजबूत हो तो इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र को भी लाभ हासिल होगा, क्योंकि सस्ते इलेक्ट्रॉनिक गु्ड्स आयात किए जा सकेंगे। रुपये की मजबूती का सकारात्मक असर जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर पर दिखाई देगा। इससे यह सस्ता होगा और आयात पर भी इसका असर आएगा। फर्टिलाइजर्स की कीमत घटेगी भारत बड़ी मात्रा में जरूरी खाद और रसायन का आयत करता है। रुपये की मजबूती से यह भी सस्ता होगा। आयात करने वालों को यह कम दाम में ज्यादा मिलेगा। इससे इस क्षेत्र को सीधा फायदा होगा। साथ ही किसानों को भी लाभ होगा,उनकी लागत घटेगी जिससे आय बढ़ेगी। सोना वर्सेज डॉलर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ, देश में डेफिसिट स्पेंडिंग के संकट और फेड पर ब्याज में कटौती के दबाव से निवेशकों का डॉलर से मोहभंग हुआ है। यही वजह है कि यूएस डॉलर बियर मार्केट टेरिटरी के करीब पहुंच गया है। हाल के वर्षों में कई देशों ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर की हिस्सेदारी कम की है और सोने की हिस्सेदारी बढ़ाई है। ग्लोबल रिजर्व में गोल्ड की हिस्सेदारी 2025 की दूसरी तिमाही में 23% पहुंच गई जो 30 साल में सबसे ज्यादा है। पिछले छह साल में ग्लोबल रिजर्व में गोल्ड की हिस्सेदारी दोगुनी हो चुकी है। चीन, तुर्की, भारत और पोलैंड समेत दुनिया के कई देशों के सेंट्रल बैंक तेजी से अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहे हैं। चीन के केंद्रीय बैंक ने मई में लगातार सातवें महीने सोने की खरीदारी की। इतना ही नहीं, चीन अपने नागरिकों को भी सोने की होल्डिंग बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। साल की दूसरी तिमाही में ग्लोबल रिजर्व में अमेरिकी डॉलर की हिस्सेदारी 10 परसेंटेज पॉइंट घटकर 44 फीसदी रह गई है जो 1993 के बाद सबसे कम है। रुपये की मजबूती से इन क्षेत्रों को झटका आईटी सेक्टर: रुपये की मजबूती से इस सेक्टर पर प्रतिकूल असर आएगा। कंपनियों को मिलने वाले काम पर आय कम होगी जिससे उनको नुकसान होगा। दवा निर्यात: रुपया मजबूत होने से इस सेक्टर का निर्यात भी घटेगा। हालांकि, भारत बड़ी मात्रा में दवा और उसका कच्चा माल आायत करता है जिसमें उसे थोड़ी राहत मिलगी। कपड़ा क्षेत्र को घाटा: रुपया मजबूत होता है तो इस सेक्टर को निर्यात में काफी नुकसान होता है। टेक्सटाइल निर्यात में भारत वैश्विक रैकिंग में फिलहाल दूसरे स्थान पर मौजूद है। अगर रुपया मजबूत हुआ तो इस सेक्टर को भी काफी नुकसान होगा। पढ़ाई महंगी होगी: रुपया मजबूत होने से विदेशी में पढ़ाई करना महंगा हो जाएगा। साथ ही विदेश यात्रा भी महंगी हो जाएगी।

श्री अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई ,पहलगाम बेस कैंप से आज भक्तों का पहला जत्था बाबा के दर्शनों के लिए रवाना हुआ

जम्मू  जय बाबा भोलेनाथ के जयकारे के साथ अमरनाथ यात्रा 2025 का पहला जत्था बुधवार सुबह पवित्र गुफा के लिए रवाना हो गया. इससे पहले श्रद्धालुओं ने आरती की. इस दौरान भक्तों में जबरदस्त जोश और उत्साह देखा गया. किसी भी खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा के कड़े इतंजाम किए गए हैं. कड़े एवं व्यापक सुरक्षा प्रबंधों के साथ 37 दिन तक चलने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा आज सुबह दो मार्गों से शुरू हो गई. अमरनाथ तीर्थयात्रियों का पहला जत्था क्रमशः नुनवान पहलगाम आधार शिविरों से चंदनवाड़ी और सोनमर्ग की ओर अपनी यात्रा शुरू कर रहा है. तीर्थयात्रियों ने 'हर हर महादेव बम बम बोले' के जयकारों के बीच भगवान शिव के निवास अमरनाथ पवित्र गुफा की ओर अपनी यात्रा शुरू की. अनंतनाग के जिला विकास आयुक्त सैयद फखरुद्दीन हामिद ने नागरिक और पुलिस प्रशासन के अन्य अधिकारियों के साथ सुबह नुनवान आधार शिविर पहलगाम से तीर्थयात्रियों के जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. वार्षिक अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले लगभग 5485 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था कल कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कश्मीर घाटी पहुंचा. इस दौरान चेहरा पहचानने वाली मशीन लगाई गई है. इसी के साथ यात्रा मार्गों पर किसी तरह की उड़ान पर बैन लगाया गया है. स्थानीय मुसलमानों ने अपने बेस कैंपों के रास्ते में तीर्थयात्रियों का गर्मजोशी से स्वागत किया. जम्मू- कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार सुबह भगवती नगर बेस कैंप से वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई. कई सुरक्षा व्यवस्थाओं के बीच 5485 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था बुधवार को दक्षिण कश्मीर हिमालय में भगवान शिव के 3,880 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर की आगे की यात्रा के लिए कश्मीर के दो आधार शिविरों के लिए रवाना हुआ. केंद्रीय मंत्री करंदलाजे यात्रा में शामिल केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने बालटाल बेस कैंप से पवित्र गुफा की ओर अपनी यात्रा शुरू की. बालटाल में केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने एएनआई से कहा कि आज हम सभी भोलेनाथ के दर्शन करने जा रहे हैं. बहुत अच्छा लग रहा है. भगवान हम सभी का भला करें. यहां का माहौल बहुत खुशनुमा है. लोगों को अच्छा लग रहा है क्योंकि यहां भी विकास कार्य हो रहे हैं.' बालटाल में एक श्रद्धालु मनीषा रमोला ने एएनआई ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं. व्यवस्था वाकई बहुत अच्छी है. बिना उचित दस्तावेज और वैध पहचान पत्र के किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है. यह हमारी सुरक्षा के लिए है. यहां आने का हमारा मकसद पर्यटन नहीं, बल्कि तीर्थयात्रा है. सभी की खुशी और स्वास्थ्य के लिए भगवान से प्रार्थना करती हूं. पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहली अमरनाथ है। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यात्री निवास से पहले जत्थे में 5,469 यात्रियों को रवाना किया गया, वहीं परेड से 423 साधु-संत भेजे गए। देर शाम को बालटाल और पहलगाम में जत्थे पहुंच गए। श्रद्धालु पवित्र गुफा के लिए प्रस्थान कर चुके हैं। दोनों पारंपरिक रूट से रोजाना 10-10 हजार यात्रियों को पवित्र गुफा के लिए भेजा जाएगा। कठुआ, सांबा, उधमपुर और श्रीनगर के पंथा चौक पर भी जबर्दस्त उत्साह और उमंग के साथ श्रद्धालुओं ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। उपराज्यपाल ने कहा कि भक्तों का उत्साह बता रहा है कि ये यात्रा आतंकवादी घटनाओं से अप्रभावित है और एक बार फिर ऐतिहासिक साबित होगी। आस्था और आत्मखोज की ये यात्रा आतंकी घटनाओं से अप्रभावित हैः उपराज्यपाल उपराज्यपाल ने कहा कि यह पवित्र तीर्थयात्रा आस्था और आत्मखोज की यात्रा है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को आरामदायक यात्रा और गहन आत्मिक अनुभव की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, प्रशासन, जम्मू-कश्मीर के लोग, श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने तीर्थयात्रियों के लिए व्यापक व्यवस्था की है। जम्मू शहर एक नई ऊर्जा के साथ जीवंत हो उठा है। तीर्थयात्रियों में उत्साह बहुत है। आतंकवादी घटनाओं से अप्रभावित भोले बाबा के भक्त भारी संख्या में आ रहे हैं और अपनी अपार आस्था का प्रदर्शन कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि इस साल की यात्रा पिछले वर्षों की तुलना में और भी ऐतिहासिक होगी।   

मुजफ्फरनगर में ‘पंडित जी ढाबा’ मामले में धार्मिक पहचान जांच को लेकर बढ़ा तनाव, पुलिस जांच में जुटी, केस दर्ज

मुजफ्फरनगर  दिल्ली-देहरादून हाईवे पर स्थित ‘पंडित जी शुद्ध वैष्णो भोजनालय’ (ढाबा) पर धार्मिक पहचान के नाम पर कथित अपमानजनक व्यवहार और मारपीट के मामले ने जिले में साम्प्रदायिक तनाव को हवा दे दी है। एक ओर जहां होटल के मैनेजर ने होटल संचालक व अन्य पर बंधक बनाकर मारपीट का आरोप लगाया, वहीं दूसरी ओर एक कर्मचारी की पैंट उतरवाकर धार्मिक पहचान जांचने का मामला भी सामने आया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। होटल मैनेजर ने दी तहरीर, पांच पर केस दर्ज नई मंडी कोतवाली पुलिस ने होटल मैनेजर धर्मेन्द्र भारद्वाज की तहरीर पर होटल मालकिन दीक्षा शर्मा निवासी भोला झाल (थाना जानी, मेरठ), संचालक सनव्वर निवासी खतौली, उसके दो बेटे जुबेर व आदिल खान तथा एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। धर्मेन्द्र ने आरोप लगाया कि स्वामी यशवीर महाराज द्वारा ढाबे पर चेकिंग के बाद जब उन्होंने होटल संचालक के बारे में बताया, तो उनके साथ मारपीट की गई और बंधक बना लिया गया।   छह लोगों को नोटिस न्यू मंडी थाना प्रभारी दिनेश चंद भागल ने बताया कि स्वामी यशवीर महाराज की टीम से जुड़े छह लोगों को तीन दिन के भीतर पूछताछ के लिए थाने में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है. ये लोग जिला प्रशासन की अनुमति के बिना कांवड़ यात्रा मार्ग पर ढाबों के मालिकों की पहचान से संबंधित दस्तावेजों की जांच कर रहे थे. उन्होंने कहा, वीडियो में दिखने वाले अन्य लोगों को भी नोटिस भेजे जा सकते हैं. हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और सभी कानूनी पहलुओं की जांच की जा रही है. पुलिस के अनुसार जिन छह लोगों की पहचान की गई है, उनमें सुमित बहरागी, रोहित, विवेक, सुमित, सनी और राकेश. ये सभी बघरा स्थित स्वामी यशवीर के आश्रम से जुड़े हुए हैं.  पंडित जी वैष्णो ढाबे के एक कर्मचारियों ने तो स्वामी यशवीर जी महाराज की टीम पर पहचान के नाम पर जबरन पेंट उतारने की कोशिश का आरोप भी लगाया था. हालांकि इस आरोप को यशवीर महाराज के द्वारा एक सिरे से नकार दिया गया था धर्मेंद्र के साथ मारपीट का आरोप  इसी बीच पुलिस ने एक अन्य मामले में एफआईआर दर्ज की है, जिसमें पंडित जी वैष्णो ढाबा के संचालक सनव्वर , उसका बेटा आदिल, जुबैर और दो अन्य लोगों के खिलाफ उनके पूर्व मैनेजर धर्मेंद्र के साथ मारपीट करने का आरोप है. एफआईआर धर्मेंद्र की शिकायत पर दर्ज की गई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने इस बात का खुलासा किया था कि हिंदू नाम वाले इस ढाबे को एक मुस्लिम चला रहा है, इसी वजह से उन पर हमला किया गया. रविवार को हुआ था बवाल  स्थानीय लोगों के अनुसार, स्वामी यशवीर ने रविवार को कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों के मालिकों की पहचान जांचने का अभियान शुरू किया था. उनका दावा था कि यह तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है. पिछले साल सितंबर में उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया था कि यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को मालिक, संचालक और प्रबंधक का नाम और पता स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा. अब उत्तराखंड सरकार ने भी इस वर्ष कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को अपने खाद्य लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाणपत्र सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने का आदेश दिया है, जिस पर एक बार फिर भाजपा और विपक्ष आमने-सामने हैं. सपा ने उठाया सवाल, भाजपा ने दिया जवाब  मुरादाबाद के पूर्व सपा सांसद एसटी हसन ने बुधवार को उत्तराखंड में कांवड़ मार्ग पर ढाबा मालिकों की कथित धार्मिक जांच की निंदा करते हुए इसे आतंकवाद का एक रूप बताया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुछ वीडियो में लोगों को उनकी धार्मिक पहचान साबित करने के लिए मजबूर करते हुए देखा गया है. हसन ने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार इन कृत्यों को चुपचाप समर्थन दे रही है. भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में यह व्यवहार शर्मनाक है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए. इसका जवाब देते हुए बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, जहां तक हसन के बयान का सवाल है, मैं पूछना चाहता हूं कि वे ऐसे लोगों के साथ क्यों खड़े होना चाहते हैं जो अपने नाम छिपाते हैं? वे अपना एंटी-मोदी चश्मा उतारें, तभी उन्हें देश की सही तस्वीर नजर आएगी. ओवैसी ने भी उठाए सवाल  AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले पर सवाल उठाया कि मुजफ्फरनगर बाइपास के पास कई होटल सालों से चल रहे हैं. क्या कांवड़ यात्रा अभी शुरू हुई है? ये तो पहले भी शांतिपूर्वक निकलती रही है. अब अचानक यह सब क्यों हो रहा है? अब होटल मालिकों से आधार कार्ड मांगा जा रहा है, दुकानदारों से पैंट उतारने को कहा जा रहा है.ओवैसी ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, पुलिस का काम है उन लोगों को गिरफ्तार करना जो दुकानदारों को परेशान कर रहे हैं. मगर यहां तो खुद प्रशासन ही तमाशा बना रहा है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. कोई कैसे किसी होटल में घुसकर मालिक से उसका धर्म पूछ सकता है? यह सरासर गलत है. सरकार इस पर चुप क्यों है? ओवैसी का यह बयान ऐसे समय आया है जब कांवड़ यात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा कई तरह के निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन विपक्ष लगातार इन निर्देशों को लेकर राज्य सरकार पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगा रहा है.

Al-Qaeda आतंकियों ने 3 भारतीय कर्मचारीयों को किए अगवा, माली में अपहरण की कहानी

नई दिल्ली पश्चिम अफ्रीकी देश माली में हुए आतंकी हमलों के दौरान तीन भारतीय नागरिकों का अपहरण कर लिया गया है. भारत सरकार ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए माली सरकार से तत्काल और सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने की अपील की है. विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा जारी बयान के अनुसार, 1 जुलाई को माली के कायेस स्थित डायमंड सीमेंट फैक्ट्री में कुछ सशस्त्र हमलावरों ने मिलकर हमला किया और वहां कार्यरत तीन भारतीय नागरिकों को अगवा कर लिया. अल कायदा से जुड़े संगठन ने ली जिम्मेदारी इस अपहरण की जिम्मेदारी अल-कायदा से जुड़े संगठन 'जमात नुसरत अल-इस्लाम वल मुस्लिमीन' (JNIM) ने माली में हुए अन्य हमलों की जिम्मेदारी ली है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि माली की राजधानी बमाको स्थित भारतीय दूतावास स्थानीय प्रशासन, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के साथ लगातार संपर्क में है. साथ ही, अगवा किए गए भारतीयों के परिवारों को भी हर स्थिति से अवगत कराया जा रहा है. विदेश मंत्रालय की अपील सरकार ने इस घटना को ‘हिंसा का घोर निंदनीय कृत्य’ बताते हुए माली सरकार से हरसंभव प्रयास की अपील की है ताकि भारतीय नागरिकों की जल्द और सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हो सके. विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह भारतीयों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगा और "अपहृत भारतीय नागरिकों की जल्द से जल्द सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है." सरकार ने माली में रह रहे अन्य भारतीयों को भी सतर्क रहने, सावधानी बरतने और दूतावास से नियमित संपर्क में रहने की सलाह दी है. विदेश मंत्रालय ने यह भी दोहराया कि विदेशों में भारतीयों की सुरक्षा और भलाई भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.  

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से रीता बनाफर ने पर्यावरण संरक्षण में दिया योगदान, बिजली बिल में भी मिली राहत

रायपुर : पीएम सूर्य घर योजना से मिल रही बिजली बिल में छुटकारा प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना घरेलू उपभोक्ता बन रहे ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर रायपुर  प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है। यह योजना न केवल हरित ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है, बल्कि नागरिकों को आर्थिक रूप से भी सशक्त बना रही है। योजना के तहत घरों की छतों पर रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिससे न केवल बिजली बिल शून्य हो रहा है, बल्कि अतिरिक्त बिजली के माध्यम से आमदनी भी प्राप्त हो रही है। कोंडागांव के हास्पिटल वार्ड निवासी अशोक स्वर्णकार ने भी अपने घर की छत पर सौर पैनल लगाकर इस योजना का लाभ लिया है। उन्होंने बताया कि उन्हें स्थानीय बिजली कार्यालय से प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना की जानकारी मिली और वहीं से योजनांतर्गत पोर्टल पर पंजीयन भी कराया गया। उनके घर पर 3 किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित किया गया, जिसे अधिकृत वेंडर द्वारा लगाया गया। प्लांट स्थापना के दो माह बाद उन्हें 78 हजार रूपए की सब्सिडी भी प्राप्त हुई। पूर्व में स्वर्णकार का मासिक बिजली बिल दो हजार से ढाई हजार रूपए तक आता था, लेकिन अब यह पूरी तरह शून्य हो गया है, जिससे उनके मासिक खर्च में राहत मिली है। उन्होंने बताया कि सौर पैनल से प्रतिदिन 15 से 20 यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। उत्पन्न अतिरिक्त बिजली ग्रिड में आपूर्ति होकर आय का स्रोत भी बनेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सूर्य की ऊर्जा के इस सदुपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है और यह पर्यावरण संरक्षण में सहायक है। स्वर्णकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए अन्य नागरिकों से भी अपने घरों में सोलर प्लांट लगाने की अपील की। उल्लेखनीय है कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा घर के छतों में सौर पैनल स्थापना के लिए हितग्राहियों को प्लांट की क्षमता के आधार पर सब्सिडी दी जा रही है। रूफटॉप सोलर संयंत्र की क्षमता अनुसार 01 किलोवॉट के लिए लगभग 65 हजार रूपए की लागत पर केंद्र  सरकार द्वारा 30 हजार रूपए और राज्य सरकार द्वारा 15 हजार रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। 02 किलोवाट के लिए 01 लाख 30 हजार रूपए की लागत पर केन्द्र सरकार के द्वारा 60 हजार रूपए और राज्य सरकार द्वारा 30 हजार रूपए की सब्सिडी मिल रही है इसी तरह 03 किलोवाट से अधिक की सोलर संयंत्र के लिए 01 लाख 95 हजार की लागत पर 78 हजार रूपए और राज्य सरकार द्वारा 30 हजार की सब्सिडी दी जाएगी। इसमें हितग्राही का अंशदान 10 प्रतिशत रहेगा और शेष राशि के लिए बैंकों द्वारा 07 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराई जाएगी। पीएम सूर्यघर योजना का लाभ उठाने के लिए जिले के विद्युत उपभोक्ता वेब पोर्टल चउेनतलंहींतण्हवअण्पद  या पीएम सूर्य घर मोबाइल एप में पंजीयन करा सकते हैं । रायपुर : पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से 24 घंटे निर्बाध बिजली की आपूर्ति पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना घर हुए रोशन, बिजली बिल से मिली निजात – हितग्राही श्री परमानंद प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से अब बिजली बिल में कमी आ रही है वहीं दूसरी ओर अब लोगों को 24 घंटे निर्बाध रूप बिजली की आपूर्ति हो रही है। महासमुंद जिले के रमनटोला निवासी श्री परमानंद साहू जो कि एक ठेकेदार एवं सप्लायर है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सौर पैनल सिस्टम आज से तीन माह पूर्व स्थापित कराया है। उन्होंने बताया कि सोलर सिस्टम स्थापित किए जाने के बाद बारहों महीने बिजली की आपूर्ति होगी। आंधी-तूफान या अन्य मौसमी आपदा में भी उन्हें बिजली मिलती रहेगी। उन्होंने बताया कि अब उनका बिजली बिल शून्य ही नहीं बल्कि माइनस हो गया है, और उन्हें क्रेडिट यूनिट का भी लाभ मिल रहा है।  उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की गई “पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना“ आम नागरिकों के लिए ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रभावी कदम साबित हो रही है। इस योजना का उद्देश्य देश के आवासीय परिवारों को अपनी बिजली स्वयं उत्पन्न करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके अंतर्गत 3-5 किलोवाट तक के सोलर रूफटॉप सिस्टम पर केंद्र सरकार द्वारा 78,000 रुपए तथा राज्य सरकार द्वारा 30,000 रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस पहल से न केवल आम जनता को आर्थिक राहत मिल रही है, बल्कि अक्षय ऊर्जा को भी बढ़ावा मिल रहा है। महासमुंद जिले के अनेक नागरिक इस योजना का लाभ उठा रहे हैं और अपने अनुभव साझा कर रहे हैं। श्री साहू ने कहा कि यह योजना वास्तव में आम जनता के लिए लाभकारी पहल है। इससे न केवल बिजली खर्च से राहत मिली है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देने का अवसर मिल रहा है। हर परिवार को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए। इस योजना से नागरिकों को फायदा ही फायदा है। उन्होंने बताया कि उनके मोहल्ले में 10-12 घरों में सौर ऊर्जा से उनके घर रोशन हो रहे हैं। जिले में 142 हितग्राहियों छत पर सोलर सिस्टम स्थापित किया गया है। जिससे उनके घर रोशन हो रहे हैं। उन्होंने इसे सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल बताते हुए इस योजना का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि वे स्वयं लोगों को योजना का लाभ उठाने प्रेरित कर रहे हैं। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से रीता बनाफर ने पर्यावरण संरक्षण में दिया योगदान, बिजली बिल में भी मिली राहत प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से रीता के बिजली बिल में कमी आई है।दुर्ग जिले के ग्राम धनोरा में रहने वाली रीता बनाफर हमेशा से पर्यावरण के प्रति जागरूक रही हैं। उन्हें प्रकृति से गहरा लगाव है और वे अपने स्तर पर इसे संरक्षित करने के लिए प्रयासरत रहती हैं।  रीता का कहना है कि हर व्यक्ति को ऊर्जा के स्वच्छ स्रोतों का उपयोग कर पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान देना चाहिए। वह लंबे समय से अपने घर के लिए सौर ऊर्जा समाधान की तलाश में थीं, लेकिन शुरुआती लागत उनके लिए एक चुनौती थी। तभी … Read more

PM मोदी ने घाना जाते ही इस दुर्लभ खजाने के लिए कर लिया बड़ा करार

अक्करा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नैचुरल रिसोर्स से भरपूर अफ्रीकी देशों के साथ संबंधों को नई ऊंचाई देने में जुटे हैं. इसके मद्देनजर पीएम मोदी 2 जुलाई 2025 को वेस्‍ट अफ्रीकी देश घाना पहुंचे. उन्‍होंने राष्‍ट्रपति जॉन ड्रमानी महामा के साथ डेलिगेशन स्‍तर की बैठक की और रणनीतिक और सामरिक तौर पर कई महत्‍वपूर्ण करार किए गए. इनमें सबसे महत्‍वपूर्ण रेयर अर्थ मिनरल्‍स की माइनिंग को लेकर बनी सहमति है. बता दें कि रेयर अर्थ मिनरल्‍स से भरपूर चीन ने रेयर मैग्‍नेट के एक्‍सपोर्ट पर लगाम लगाया है, जिससे भारत के इलेक्ट्रिक व्हिकल (EV) प्रोजेक्‍ट को धक्‍का लगा है. ऐसे में पीएम मोदी और घाना के राष्‍ट्रपति महामा के बीच रेयर अर्थ मिनरल्‍स की माइनिंग पर बनी सहमति अपने आप में ऐतिहासिक है. इसके साथ ही भारत ने अफ्रीका से चीन को करारा जवाब देते हुए रेयर अर्थ मिनरल्‍स पर उसके एकाधिकार को तोड़ने के अभियान की शुरुआत भी कर दी है. इसके साथ ही भारत और घाना ने द्विपक्षीय संबंधों को कॉम्प्रिहेंसिव पार्टनरशिप का दर्जा दिया है, जिससे सहयोग के नए दरवाजे खुलने की संभावना बढ़ गई है. भारत और घाना ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए इन्हें समग्र साझेदारी (Comprehensive Partnership) में बदल दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रमानी महामा के बीच विस्तृत वार्ता के बाद यह महत्वपूर्ण घोषणा की गई. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भारत अब केवल एक भागीदार नहीं, बल्कि घाना की राष्ट्र-निर्माण यात्रा में एक सहयात्री है.’ यह बयान न केवल भारत की अफ्रीका नीति को मजबूती देता है, बल्कि घाना के साथ उसके ऐतिहासिक संबंधों को भी नई दिशा देता है. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की तीन दशकों में घाना की पहली आधिकारिक यात्रा थी. राजधानी अकरा पहुंचने पर घाना के राष्ट्रपति महामा ने स्वयं प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत कर विशेष सम्मान दिया. व्यापार और निवेश में बड़ी छलांग की तैयारी दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों में आपसी व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय कंपनियों ने अब तक घाना में लगभग दो अरब डॉलर (17138 करोड़ रुपये) का निवेश किया है और 900 से अधिक प्रोजेक्‍ट ऑपरेट की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि भारत घाना के साथ फिनटेक (FinTech) क्षेत्र में सहयोग को तैयार है और यूपीआई (UPI) डिजिटल भुगतान प्रणाली साझा करने की पेशकश की है. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति महामा की बैठक के बाद दोनों देशों के बीच चार अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. ये समझौते संस्कृति, पारंपरिक चिकित्सा, खनिज संसाधन और रक्षा सहयोग जैसे क्षेत्रों में सहयोग को लेकर हैं. रेयर अर्थ मिनरल्‍स माइनिंग पर करार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि भारत घाना के साथ महत्वपूर्ण खनिजों की खोज (रेयर अर्थ मिनरल्‍स) और खनन में सहयोग करेगा. साथ ही रक्षा और मैरीटाइम सिक्‍योरिटी के क्षेत्र में भी दोनों देश साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे. उन्होंने इसे सुरक्षा के लिए एकजुटता (Security Through Solidarity) का मंत्र बताया. बता दें कि रेयर अर्थ मैटीरियल को लेकर इन दिनों पूरी दुनिया में घमासान मचा हुआ है. चीन के मनमाने रवैये की वजह से कई सेंसिटव इंडस्‍ट्री (खासकर ऑटो और डिफेंस सेक्‍टर) के प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है. इसे देखते हुए भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए वेस्‍ट अफ्रीकी देश से चीन को सीधा संदेश भी दिया है. आतंकवाद पर चिंता, ग्‍लोबल पीस पर जोर प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत और घाना आतंकवाद को मानवता का शत्रु मानते हैं और इस खतरे से निपटने के लिए सहयोग और समन्वय को और मजबूत करने का निर्णय लिया गया है. पहलगाम हमले के बाद घाना ने भारत के साथ एकजुटता दिखाते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई है. वहीं, पश्चिम एशिया और यूरोप में जारी संघर्षों को लेकर दोनों नेताओं ने चिंता जताई और संवाद और कूटनीति के माध्यम से समाधान का आह्वान किया. पीएम मोदी ने दोहराया कि यह युद्ध का युग नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी रेखांकित किया कि भारत और घाना दोनों वैश्विक दक्षिण (Global South) के सदस्य हैं और दक्षिण-दक्षिण सहयोग (South-South Cooperation) को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह भारत के लिए गर्व की बात है कि हमारी G20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को G20 की स्थायी सदस्यता मिली.

पीएम मोदी कोघाना देश के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान से किया गया सम्मानित, दोनों देशों के बीच अहम समझौतों पर हुए हस्ताक्षर

अक्करा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को पश्चिम अफ्रीकी देश घाना के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान 'द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित किया गया। भारतीय प्रधानमंत्री को यह सम्मान उन्हें उनकी 'प्रतिष्ठित राजनीति और प्रभावशाली वैश्विक नेतृत्व' के लिए दिया गया। घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने पीएम मोदी को पुरस्कार प्रदान किया। प्रधानमंत्री मोदी पांच देशों की यात्रा के पहले चरण में घाना पहुंचे हैं। इस दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच बैठक हुई, जिसमें अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घाना के राष्ट्रीय सम्मान मिलने की जानकारी दी और कहा, 'द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द घाना से सम्मानित होने पर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।' अपने स्वीकृति संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि यह पुरस्कार उनके लिए गर्व और सम्मान की बात है। उन्होंने कहा, 'मैं 140 करोड़ भारतीयों की ओर से विनम्रतापूर्वक यह पुरस्कार स्वीकार करता हूं।' उन्होंने पुरस्कार को भारत के युवाओं की आकांक्षाओं और उज्ज्वल भविष्य, इसकी सांस्कृतिक परंपराओं और विविधता तथा घाना और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित किया। पांच वर्षों में व्यापार दोगुना करने का लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई, जिसमें दोनों देशों ने अपने संबंधों को व्यापक साझेदारी के स्तर तक विस्तार दिया। वार्ता के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने अगले पांच वर्षों में दोतरफा व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है और भारत घाना की विकास यात्रा में न केवल भागीदार है, बल्कि सह-यात्री भी है। चार समझौतों पर हुए हस्ताक्षर दोनों पक्षों ने संस्कृति और पारंपरिक चिकित्सा समेत कई क्षेत्रों में चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए। महामा की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'राष्ट्रपति महामा और मैंने द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक साझेदारी का दर्जा देने का फैसला किया है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है तथा इस खतरे से निपटने के लिए आपसी सहयोग को और मजबूत करने का निर्णय लिया गया। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में घाना का साथ मोदी ने कहा, 'हमने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में घाना के सहयोग के लिए आभार जताया।' प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों ने पश्चिम एशिया और यूरोप में संघर्षों पर गंभीर चिंता व्यक्त की और बातचीत एवं कूटनीति के माध्यम से समस्याओं का समाधान तलाशने का आह्वान किया। मोदी ने कहा, 'यह युद्ध का युग नहीं है, समस्याओं का समाधान बातचीत और कूटनीति के माध्यम से किया जाना चाहिए।'  

बिजली सबकी जरूरत है, सबको जरूरत के अनुसार बिजली उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

स्मार्ट मीटर लगवाएं और 20 प्रतिशत सस्ती बिजली पाएं : मुख्यमंत्री डॉ. यादव बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए साल भर चलाएं मेंटीनेंस गतिविधियां मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की ऊर्जा विभाग की समीक्षा भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि बिजली सबकी जरूरत है। सबको जरूरत के अनुसार बिजली उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बिजली सस्ती दरों पर मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर मॉडल सबसे अच्छा है, इसलिए विद्युत उपभोक्ताओं के हित में सबके घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएं। इससे उपभोक्ताओं को 20 प्रतिशत सस्ती दर पर बिजली मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुधवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में ऊर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने स्मार्ट मीटर लगाने से उपभोक्ताओं को मिलने वाले लाभों का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें उपभोक्ता को खुद की खपत का आंकलन कर ऊर्जा का अपनी सुविधानुसार उपयोग कर अपने बिजली बिल की राशि को कम से कम करने की सुविधा भी मिलती है। उन्होंने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को स्मार्ट मीटर लगाने की गति को और तेज करने के निर्देश दिये। बताया गया कि प्रदेश में 1.34 करोड़ घरेलू स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 21 लाख से भी अधिक घरेलू स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मई-जून में विभिन्न स्थानों पर हुए विद्युत अवरोधों पर चर्चा करते हुए कहा कि विद्युत उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए साल भर मेंटीनेंस गतिविधियां चलाई जाएं, ताकि आंधी, पानी या अन्य किसी घटना के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित न हो। उन्होंने कहा कि मेंटीनेंस गतिविधियों में नई एप्रोच के साथ नए उपाय किए जाएं। नये उपकरण क्रय किये जाएं। जहां घने पेड़ हैं, उनके नीचे से गुजरने वाले बिजली के तारों में कोटिंग कराएं। पॉवर/लाईन लॉसेस कम से कम करें और ऊर्जा की बचत के सभी तरीकों पर गंभीरता से अमल करें। विद्युत उपभोक्ताओं को सोलर ऊर्जा के उपयोग के लिए प्रेरित करें मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि घरेलू हो या औद्योगिक सभी जगह विद्युत का उपयोग बढ़ रहा है। इसलिए घरेलू और औद्योगिक संस्थानों को सोलर पॉवर के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इससे उपभोक्ता अपनी बिजली स्वयं पैदा कर अतिरिक्त बिजली बेच भी सकेगा। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में विद्युत उपयोग को भी सोलर पॉवर से चलित पम्पों पर शिफ्ट किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जरूरत वाले जिलों में ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग यूनिट की स्थापना के लिए विभागीय नीति तैयार कर लें। उन्होंने कहा कि विद्युत उपभोक्ताओं को सर्वाधिक लाभ उपलब्ध कराने के लिए ऊर्जा और नवकरणीय ऊर्जा विभाग मिलकर प्रयास करें। बिजली कंपनियों को दो वर्ष में लाएं लाभ की स्थिति में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अगले दो साल में तीनों विद्युत वितरण कंपनियां लाभ की ‍स्थिति में आ जाएं इसके लिए विद्युत कंपनियां अपनी आय के साधन बढ़ाने के प्रयास करें। नई तकनीक इस्तेमाल करें, नवाचार करें, ताकि कंपनी के साथ-साथ उपभोक्ताओं को फायदा मिले। रबी सीजन में पर्याप्त विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रबी 2025-26 के लिये पर्याप्त बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करें। इसके लिये अभी से तैयारियां शुरू करें। बैठक में बताया गया कि रबी सीजन में लगभग 20200 मेगावॉट विद्युत मांग संभावित है। गत वर्ष यह मांग 18 हजार 913 मेगावॉट थी। वन टाइम सेटलमेंट स्कीम ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि बिजली बिल की बकाया राशि के समाधान के लिए विभाग द्वारा वन टाइम सेटलमेंट स्कीम प्रारंभ की जा रही है। घरेलू, औद्योगिक एवं वाणिज्यिक सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को उनकी मूल बिजली बिल राशि में अधिभार की छूट देकर बकाया राशि जमा करने की सुविधा दी गई है। यह स्कीम छह माह की अवधि के लिए लागू की जाएगी। इस अवधि के बाद भी बिजली बिल भुगतान नहीं करने वाले उपभोक्तओं का विद्युत कनेक्शन विच्छेदित कर दिया जाएगा। उन्होंने विद्युत वितरण कम्पनियों के नये सेटअप के संबंध में भी चर्चा की। तोमर ने मुख्यमंत्री द्वारा ऊर्जा विभाग के विभिन्न प्रस्तावों की स्वीकृति पर उनका आभार व्यक्त किया। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा मंडलोई ने बताया कि दूसरे राज्यों की तुलना में ऊर्जा के प्रमुख सूचकांकों में (संग्रहण दक्षता में) मध्यप्रदेश देश में पहले नम्बर पर है। प्रदेश में 97.92 प्रतिशत संग्रहण क्षमता हासिल की गई है। उन्होंने बताया कि विभाग ने वर्तमान वित्त वर्ष के साथ-साथ अगले तीन वर्षों के लिए अपने लक्ष्य तय कर लिए हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2026-27 तक ऊर्जा विभाग बिजली दर टैरिफ में कमी लाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि इसी दौरान विभाग बिल दक्षता 90 प्रतिशत, संग्रहण दक्षता 99 प्रतिशत और एटी एण्ड सी हानि को 14 प्रतिशत तक कम कर लेने के लक्ष्य के लिए प्रयासरत है। पीएम जन-मन में शत प्रतिशत परिवारों को विद्युतिकृत करने का लक्ष्य बैठक में अपर मुख्य सचिव ऊर्जा ने बताया कि विभाग द्वारा प्रधानमंत्री जनजाति न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) में विशेष पिछड़े जनजातीय समूह (पीवीटीजी) के 29 हजार 290 परिवारों के घरों को शत प्रतिशत विद्युतीकरण कर देने का लक्ष्य लिया गया है। वर्तमान वित्त वर्ष में अब तक 21 हजार से अधिक पीवीटीजी परिवारों के घरों को विद्युतीकृत कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग के 55 हजार 795 परिवारों के घरों को भी शतप्रतिशत विद्युतिकृत करने की विभाग की योजना है। यह लक्ष्य इसी वित्त वर्ष में प्राप्त लिया जाएगा। प्रदेश के छह महानगरों में खोले जाएंगे एक-एक विद्युत पुलिस थाने अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में ऊर्जा पुलिस संरचना स्थापित की जाएगी। पहले चरण में प्रदेश के छह महानगरों में एक-एक (कुल छह) विशेष विद्युत पुलिस थाने स्थापित किए जाएंगे। आगामी वर्षों में सभी जिला मुख्यालयों में यह पुलिस थाने स्थापित किए जाएंगे। ये पुलिस थाने चेकिंग अभियान के दौरान चेकिंग दस्तों को सुरक्षा उपलब्ध कराएंगे। औचक निरीक्षण करेंगे और केस डायरी भी तैयार करेंगे। विद्युत अधिनियम के तहत आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेंगे और अदालती कार्यवाही का अवलोकन भी करेंगे ताकि डिस्कॉम की सम्पत्ति की सुरक्षा और बकाया राशि की वसूली के लिए बकाया वसूली अधिनियम के तहत कार्यवाही करेंगे। … Read more

CM साय ने अधिकारियों से राज्य की जीएसडीपी, पूंजीगत व्यय और योजनाओं की वित्तीय प्रगति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की

राज्य की आर्थिक मजबूती और वित्तीय अनुशासन को लेकर सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्यमंत्री ने ली वित्त विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक : वित्तीय प्रबंधन में दक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के दिए निर्देश CM साय ने अधिकारियों से राज्य की जीएसडीपी, पूंजीगत व्यय और योजनाओं की वित्तीय प्रगति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने  मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर में प्रदेश की आर्थिक स्थिति और वित्तीय प्रबंधन की गहन समीक्षा की। इस अवसर पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में बजट प्रबंधन, राजस्व संग्रहण, व्यय नियंत्रण, वित्तीय अनुशासन और ई-गवर्नेंस जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर व्यापक चर्चा हुई। मुख्यमंत्री साय ने अधिकारियों से राज्य की जीएसडीपी, पूंजीगत व्यय और योजनाओं की वित्तीय प्रगति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि वित्तीय संसाधनों का उपयोग पारदर्शिता और दक्षता के साथ किया जाए, ताकि जनकल्याणकारी योजनाएं निर्बाध रूप से संचालित हो सकें।मुख्यमंत्री साय ने कहा कि  राज्य की प्रगति उसकी वित्तीय स्थिरता पर निर्भर करती है। जितनी सशक्त वित्तीय व्यवस्था होगी, उतनी ही तेजी से हम विकास की दिशा में आगे बढ़ पाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया है, जिससे राज्य की जीएसडीपी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। बैठक में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने विभाग की वर्तमान वित्तीय स्थिति, राजस्व प्राप्तियों, व्यय नियंत्रण और आगामी रणनीतियों की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप योजनाओं को समयबद्ध रूप से वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं और विभाग वित्तीय पारदर्शिता व सुशासन की दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि बीते डेढ़ वर्षों में विभाग के द्वारा अपनाए गए नवाचारों से राज्य की आर्थिक आधारशिला और अधिक मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि शासन की प्रत्येक जनकल्याणकारी योजना का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और राज्य वित्तीय सुशासन के साथ विकास की नई ऊंचाइयों को छुए। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव मुकेश कुमार बंसल और राहुल भगत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।