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गिल ने मैच के पहले दिन शतक ठोक इंग्लैंड में मचाया तहलका, जायसवाल ने तोड़ा 51 साल पुराना रिकॉर्ड

बर्मिंघम  तेंदुलकर-एंडरसन सीरीज 2025 का दूसरा टेस्ट बर्मिंघम के एजबेस्टन में खेला जा रहा है. इस मुकाबले में टॉस इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने जीता और भारत को पहले बल्लेबाजी का मौका दिया था. भारतीय टीम ने प्लेइंग इलेवन में तीन बदलाव किए थे. नीतीश कुमार रेड्डी, वॉश‍िंगटन सुंदर और आकाश दीप को टीम में शामिल किया गया हैं. बुमराह को टीम में नहीं नहीं रखा गया. वहीं लीड्स टेस्ट में खेले साई सुदर्शन, शार्दुल ठाकुर भी प्लेइंग इलेवन में नहीं हैं. इस मकाबले के पहले दिन भारत ने 5 विकेट गंवा दिए हैं और 310 रन बना लिए हैं. कप्तान शुभमन गिल शतक बनाकर खेल रहे हैं. उन्होंने पहले दिन का खेल खत्म होने तक गिल ने नाबाद 114 रन बनाए हैं, वहीं जडेजा नाबाद 41 रन बनाकर खेल रहे हैं.  एजबेस्टन के मैदान पर भारत ने अब तक 8 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से 7 में उसे हार मिली है और एक मुकाबला ड्रॉ रहा है. एजबेस्टन में पहले गेंदबाजी करने वाली टीम फायदे में रहती है. यहां पिछले चार टेस्ट मैचों में भी दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीम ही जीती है. इसमें 2022 में इंग्लैंड द्वारा भारत के खिलाफ किया गया अपना सबसे बड़ा सफल रनचेज भी शामिल है. लेकिन पिछले कुछ सालों में एजबेस्टन में स्पिनर्स को खास मदद नहीं मिली है. 2020 के बाद से इंग्लैंड के सात टेस्ट वेन्यू में स्पिनर्स के लिए ये तीसरा सबसे खराब मैदान रहा है. यहां तेज गेंदबाजों को औसतन 30 रन पर विकेट मिला है, जबकि स्पिनर्स को एक विकेट के लिए 44.45 रन खर्च करने पड़े हैं.मौसम की बात करें तो चौथे और पांचवें दिन बर्मिंघम में बारिश का अनुमान है.  गिल ने की डॉन ब्रैडमैन की बराबरी, सारी रिकॉर्डबुक हुईं ध्वस्त गिल ने बुधवार (2 जुलाई) को एजबेस्टन टेस्ट में इतिहास रच दिया. वो इंग्लैंड में किसी टेस्ट सीरीज के पहले और दूसरे मैच में शतक लगाने वाले नौवें विदेशी कप्तान बने हैं. वहीं ऐसा करने वाले वह सिर्फ दूसरे भारतीय कप्तान हैं. इस खास क्लब में डॉन ब्रैडमैन, गारफील्ड सोबर्स और ग्रीम स्मिथ जैसे दिग्गज भी शामिल हैं.  वहीं गिल ने कप्तान के रूप में अपने पहले दो टेस्ट मैचों में शतक लगाकर एक और खास रिकॉर्ड बनाया है. ऐसा करने वाले वो सिर्फ चौथे भारतीय कप्तान हैं. इस लिस्ट में शामिल हैं.  विराट कोहली (जिन्होंने कप्तान के रूप में पहले तीन टेस्ट में शतक लगाए थे). विजय हजारे, सुनील गावस्कर, शुभमन गिल अन्य हैं.  ऐसे में गिल अगर एक और शतक जड़ते हैं तो वो कोहली के रिकॉर्ड की बराबरी कर सकते हैं.  इंग्लैंड में पहले दो टेस्ट में शतक लगाने वाले मेहमान कप्तानों की सूची में डॉन ब्रैडमैन (1938), गैरी सोबर्स (1966), मोहम्मद अजहरुद्दीन (1990) और अब गिल (2025) शामिल हो गए हैं.  25 साल के शुभमन गिल ने टेस्ट में पहली बार कप्तानी करते हुए कमाल कर दिया है. हेडिंग्ले में पहले टेस्ट में 147 रन बनाने के बाद, उन्होंने दूसरे टेस्ट (एजबेस्टन) के पहले दिन नाबाद 114 रन बनाए. उनकी पारी ने भारत को 310/5 तक पहुंचाया, जब टीम इंड‍िया संकट में फंसी हुई थी. ग‍िल अब सिर्फ चौथे भारतीय कप्तान बने, जिन्होंने कप्तानी के पहले दो टेस्ट में शतक लगाया हो. इससे पहले ये कारनामा विराट कोहली, विजय हजारे और सुनील गावस्कर ने किया था. इसके इतर गिल एजबेस्टन में शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय कप्तान बने (पहले विराट कोहली) और तीसरे भारतीय कप्तान, जिन्होंने वहां 50+ स्कोर किया (धोनी और कोहली के साथ).  गिल ने अपने शानदार प्रदर्शन में एक और रिकॉर्ड जोड़ दिया. वो इंग्लैंड के खिलाफ लगातार दो टेस्ट में शतक लगाने वाले तीसरे भारतीय कप्तान बन गए हैं. उनसे पहले ये कारनामा विजय हजारे (1951–52) और मोहम्मद अजहरुद्दीन (1990) ने किया था. विजय हजारे ने 1951-52 में दिल्ली और ब्रेबोर्न में शतक लगाया था और अजहरुद्दीन ने 1990 में लॉर्ड्स और ओल्ड ट्रैफर्ड में शतक लगाए थे.  ग‍िल के इंग्लैंड के ख‍िलाफ 3 टेस्ट में 3 शतक  शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ लगातार तीन टेस्ट में शतक लगाकर एक खास क्लब में जगह बना ली है. ऐसा करने वाले बहुत ही कम भारतीय बल्लेबाज हैं. अब गिल का नाम मोहम्मद अजहरुद्दीन (1984–85), दिलीप वेंगसरकर (1985–86) और राहुल द्रविड़ (2002 और 2008–2011, दो बार) जैसे दिग्गजों के साथ जुड़ गया है. IND vs ENG में लगातार तीन टेस्ट में शतक लगाने वाले भारतीय  मोहम्मद अजहरुद्दीन (1984–85) दिलीप वेंगसरकर (1985–86) राहुल द्रविड़ (2002) राहुल द्रविड़ (2008–2011) शुभमन गिल (2024–2025) पहले दिन भारतीय युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने इतिहास रच दिया है। यशस्वी ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 107 गेंद में 87 रन की पारी खेली। इसी के साथ युवा बल्लेबाज ने 51 साल पुराना एक रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।  यशस्वी ने टेस्ट क्रिकेट में भारतीय ओपनर के रूप में एजबेस्टन में सबसे बड़ा स्कोर बनाया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड सुधीर नाइक के नाम था, जिन्होंने जुलाई 1974 में इंग्लैंड के कप्तान माइक डेनेस की अगुवाई वाली टीम के खिलाफ एजबेस्टन में 165 गेंदों में 77 रन बनाए थे। नाइक की यह पारी उस समय भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ मानी गई थी, और यह रिकॉर्ड पिछले पांच दशकों से अटूट था। बर्मिंघम टेस्ट में भारतीय ओपनर्स द्वारा बनाए गए शीर्ष स्कोर: यशस्वी जायसवाल – 87 रन (2025) सुधीर नाइक – 77 रन (1974) सुनील गावस्कर – 68 रन (1979) चेतेश्वर पुजारा – 66 रन (2022) सुनील गावस्कर – 61 रन (1979) एजबेस्टन टेस्ट के पहले दिन का हाल एजबेस्टन टेस्ट की बात करें तो यशस्वी की शानदार पारी के बाद भारत ने कप्तान शुभमन गिल के शतक की मदद से पहले दिन का खेल खत्म होने तक 85 ओवर में पांच विकेट पर 310 रन का सम्मानजनक स्कोर बना लिया है। गिल 216 गेंदों पर नाबाद 114 रन की पारी खेलकर क्रीज़ पर टिके हुए हैं। उनका साथ ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा दे रहे हैं, जडेजा ने नाबाद 41 रन बनाए हैं। एजबेस्टन में भारत-इंग्लैंड के बीच सभी टेस्ट मैचों के नतीजे 13-15 जुलाई 1967: टीम इंडिया को 132 रनों से हार मिली 4-8 जुलाई 1974: भारतीय टीम पारी और 78 रनों से हारी 12-16 जुलाई 1979: टीम इंडिया की … Read more

चुनाव चिन्ह को लेकर फिर कोर्ट पहुंचेगी शिवसेना, सुप्रीम कोर्ट में 14 जुलाई को सुनवाई

नई दिल्ली उच्चतम न्यायालय शिवसेना और शिवसेना (यूबीटी) के बीच 'धनुष-बाण' चुनाव चिह्न आवंटन विवाद से संबंधित मामले में 14 जुलाई को विचार करेगा। न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की अंशकालीन कार्य दिवस पीठ ने बुधवार को शिवसेना (यूबीटी) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत की इस मामले में तत्काल सुनवाई की गुहार पर सहमति व्यक्त की। अधिवक्ता कामत ने गुहार लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से संबंधित घोषणा अगले सप्ताह कभी भी की जा सकती है। पीठ के समक्ष उन्होंने कहा, “हम कुछ अंतरिम निर्देश चाहते हैं।‌ जैसे एनसीपी मामले में जारी किए गए थे। उन्हें चुनाव चिह्न दे दिया गया है।” पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि दो चुनाव हो चुके हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष इसी तरह की याचिका का उल्लेख किया गया था, जिसे खारिज कर दिया गया। पीठ ने कहा, “भले ही चुनाव अधिसूचित हो जाएं, लेकिन यह आखिरकार उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ है।” इस पर श्री कामत ने कहा, “नहीं नहीं यह चुनाव चिह्न का विवाद है। मामला दो साल से लंबित है।” पीठ ने फिर पूछा, “अगर यह लंबित है तो कोई समस्या नहीं है, कोई अधिकार (जो मिलना चाहिए) नहीं जाएगा। इतनी जल्दी क्या है।” अधिवक्ता ने कहा कि यह अंततः लोगों की पसंद का सवाल है। शीर्ष अदालत ने इसके बाद कहा कि वह इस मामले में 14 जुलाई को विचार करेगी। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 17 फरवरी, 2023 को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को असली पार्टी के रूप में मान्यता दी थी। चुनाव आयोग द्वारा तैयार किए गए प्रतीक आदेश के अनुसार, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के साथ संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए इसे 'धनुष और तीर' चुनाव चिह्न आवंटित किया था।  

अगले 48 घंटों के लिए झमाझम बारिश अलर्ट जारी

रायपुर छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज बदल गया है. मानसून का असर अगले 5 दिनों तक पूरे प्रदेश में दिखेगा. सुबह से बादल छाए रहने के बाद अब राजधानी में मौसम ने करवट ली है. राजधानी रायपुर के आसपास के क्षेत्र में पिछले 2 घंटे से बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने आज अगले 24 और 48 घंटों के लिए कई जिलों में भारी और अति भारी बारिश होने की संभावना जताई है. मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में कोरिया, महेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, रायगढ़, सक्ती, सारनगढ़-भिलाईगढ़, कोरबा व जंजगीर-चांपा जिलों में एक-दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जताई है. इन क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. लोगों से सावधान रहने की अपील की गई है. वहीं सरगुजा, जशपुर, सुरजपुर, बलरामपुर, बिलासपुर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, मुंगेली, गरियाबंद, बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, सुकमा, कांकेर, बीजापुर और नारायणपुर जिलों में एक-दो स्थानों मध्यम से भारी वर्षा होने के आसार हैं. यहां येलो अलर्ट जारी किया गया है. अगले 48 घंटों में प्रदेश के कोरिया, महेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, सुरजपुर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, जिलों में एक-दो स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है. इन क्षेत्रों में येलो अलर्ट जारी किया गया है. मौसमी सिस्टम मौसम विभाग के अनुसार, एक निम्न दाब का क्षेत्र झारखंड और उसके आसपास स्थित है. इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है. इसके धीरे-धीरे पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए झारखंड की ओर आगे बढ़ने की संभावना है. दूसरी ओर मानसून द्रोणिका माध्य समुद्र तल पर श्रीगंगानगर, रोहतक, कानपुर, वाराणसी, झारखंड में स्थित निम्न दाब के केंद्र, दीघा और उसके बाद दक्षिण पूर्व की ओर पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक स्थित है. एक द्रोणिका उत्तर-पश्चिम उत्तरप्रदेश से झारखंड में स्थित निम्न दाब के केंद्र तक 1.5 किलोमीटर से 3.1 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है. इन मौसम प्रणालियों के चलते प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल रहा है. अगले 5 दिनों तक मौसम ऐसा ही रहने वाला है.

अयोध्या में प्रसाद की दुकानों पर अचानक छापेमारी करेंगे नागा साधु, निर्वाणी अखाड़ा ने बनाई टीम

अयोध्या अयोध्या में मिलावटखोरी के खिलाफ नागा साधु खुद मैदान में उतर आए हैं. निर्वाणी अखाड़े ने 'पहचान अभियान' के तहत दुकानों पर औचक छापेमारी शुरू करने का ऐलान किया है. नागा साधु द्वारा प्रसाद की कड़ी जांच होगी, जिसमें 4 लोगों की टीम बनाई गई है.  दरअसल, सावन के पावन महीने और झूला मेले से पहले अखाड़े ने सख्त कदम उठाए हैं. नागा साधुओं और व्यापारी नेताओं की संयुक्त टीम बनाई गई है, जो कभी भी, कहीं भी दुकानों पर पहुंचकर प्रसाद की गुणवत्ता की जांच करेगी. अगर मिलावट या ठगी पकड़ी गई, तो सख्त कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी.  देशी घी के नाम पर ठगी, अब होगी नकेल हनुमानगढ़ी में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद देशी घी के लड्डू चढ़ाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन कई दुकानदारों ने देशी घी के नाम पर सस्ते तेल से लड्डू बनाकर श्रद्धालुओं की भावनाओं से खिलवाड़ करना शुरू कर दिया. इस धोखाधड़ी पर अब सीधी नजर होगी.  बताया जाता है कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद से हनुमानगढ़ी में उच्च गुणवत्ता युक्त प्रसाद (लड्डूओं) का भोग लगाने और प्रसाद चढ़ाने की कवायद शुरू हुई थी। इसके कारण ही निर्वाणी अखाड़ा हनुमानगढ़ी की बैठक में व्यापारियों को बुलाकर देशी घी के लड्डू बेचने का निर्देश दिया गया। व्यापारियों ने इसे मान भी लिया लेकिन ठगी शुरू हो गई। अधिकतर व्यापारियों ने देशी घी के नाम पर लड्डू का रेट तो बढ़ा दिए लेकिन सस्ते ब्रांड के तेल का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी दुर्व्यवस्था पर अंकुश के लिए एक जुलाई से प्रसाद के डिब्बे पर व्यापारी व प्रतिष्ठान का नाम व मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से अंकित करने का निर्देश निर्वाणी अखाड़ा ने दिया है। इससे मिलावटखोरी व ठगी करने वाले व्यापारी चिह्नित हो जाएंगे। सावन माह में कांवड़ियों के आगमन और झूला मेला को देखते हुए अखाड़े के निर्णय का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए अखाड़े के नागा साधुओं व व्यापारी नेताओं की संयुक्त टीम गठित की गई है जो आकस्मिक निरीक्षण करके प्रसाद की गुणवत्ता की जांच करेगी और कार्यवाही के लिए भी अपनी संस्तुति प्रदान करेगी। हनुमानगढ़ी की सागरिया पट्टी महंत ज्ञानदास के उत्तराधिकारी महंत संजय दास ने बताया कि प्रसाद में मिलावट की शिकायतों को देखते हुए संत समाज और व्यापारियों ने संयुक्त रूप से निर्णय लिया है कि एक जुलाई से प्रसाद के डिब्बे पर व्यापारी अपना और अपनी दुकान का नाम और फोन नंबर अंकित करें। यही प्रसाद मंदिर में चढ़ाया जा सकेगा। व्यापारी नेता पंकज गुप्ता ने बताया कि सभी को अवगत करा दिया गया है। गड़बड़ी करने वाले खुद जिम्मेदार होंगे। प्रसाद के डिब्बे पर नाम और मोबाइल नंबर अनिवार्य  हर प्रसाद के डिब्बे पर दुकान और व्यापारी का नाम और मोबाइल नंबर लिखना अनिवार्य कर दिया गया है. जिससे ठगी करने वालों की तुरंत पहचान हो सके. जो व्यापारी नियम तोड़ेंगे, वे खुद जिम्मेदार माने जाएंगे.  महंत संजय दास की सख्त चेतावनी हनुमानगढ़ी के महंत संजय दास ने कहा अब किसी को श्रद्धालुओं के साथ धोखा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. नागा साधु खुद दुकान-दुकान घूमेंगे और जो दोषी मिलेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. साथ ही फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट को भी यह सूचना दी जाएगी जिससे वो इस पर उचित एक्शन लें.   

09 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन, जानें शुभ मुहूर्त

सावन  के महीने का भाई और बहन बेसब्री से इंताजर करते हैं क्योंकि इस माह में रक्षाबंधन  का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व को भाई और बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन। धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल सावन पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) के त्योहार मनाया जाता है। इस अवसर पर बहनें अपने भाई तिलक कर राखी बांधती हैं और भाई की लंबी आयु के लिए कामना करती हैं। भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं और जीवन भर उनकी रक्षा करने का वचन भी देते हैं। यह पर्व भाई और बहन के रिश्ते को मजबूत करता है। रक्षाबंधन 2025 डेट और टाइम वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन पूर्णिमा की तिथि की शुरुआत 08 अगस्त को दोपहर  02 बजकर 12 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 09  अगस्त 01 बजकर 24 मिनट पर होगा। ऐसे में 09 अगस्त को रक्षाबंधन मनाया जाएगा।   रक्षाबंधन 2025 शुभ मुहूर्त 09 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 47 मिनट से 01 बजकर दोपहर 24 मिनट तक है। पंचांग सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 47 मिनट पर सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 06 मिनट पर चंद्रोदय: शाम 07 बजकर 21 मिनट पर चन्द्रास्त: चन्द्रास्त नहीं ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 04 मिनट तक विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 40 मिनट से 03 बजकर 33 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त: शाम 07 बजकर 06 मिनट से 07 बजकर 27 मिनट तक निशिता मुहूर्त: रात 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रक्षाबंधन पूजा विधि रक्षाबंधन के दिन सुबह स्नान करने के बाद मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। इसके बाद चौकी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की तस्वीर विराजमान कर पूजा-अर्चना करें। देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें। मंत्रों का जप करें। केले, फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। प्रभु से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। आखिरी में बहन भाई को तिलकर राखी बांधें। रक्षाबंधन के दिन इन बातों का रखें ध्यान     इस दिन भाई और बहन को एक-दूसरे के साथ वाद-विवाद नहीं करना चाहिए।     किसी के बारे में गलत न सोचें।     घर और मंदिर की सफाई का खास ध्यान रखें।       उपहार में काले रंग की चीजों को न दें।  

SMILE उपयोजना के तहत भोपाल जिला को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के उद्देश्य से चयनित किया गया

भोपाल  भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की SMILE उपयोजना के तहत भोपाल जिला को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के उद्देश्य से चयनित किया गया है। उल्लेखनीय है कि भिक्षावृत्ति में संलग्न व्यक्तियों के पुनर्वास हेतु विशेष रूप से आश्रय स्थल/भिक्षुक गृह की स्थापना की गई है। इस आश्रय स्थल के संचालन के लिए अनुभवी और सक्षम स्वैच्छिक संस्थाओं/संगठनों से 15 जुलाई 2025 शाम 5 बजे तक प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं। कलेक्टर भोपाल द्वारा 3 फरवरी 2025 को भिक्षावृत्ति करने व भिक्षा देने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया गया है। संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय ने बताया कि जो संस्थायें निम्न शर्तें पूर्ण करती है वह आवेदन कर सकती है इसके लिये:-              संस्था सोसायटी रजिस्ट्रेशन/फर्म/लोक न्यास अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत हो।              वर्तमान वैध कार्यकारिणी हो।              कार्यकारिणी द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया हो।              संस्था किसी विभाग द्वारा ब्लैकलिस्टेड न हो।              विगत 5 वर्षों से पुनर्वास संबंधित कार्य का अनुभव हो।              वित्तीय स्थिति सुदृढ़ हो (पिछले 3 वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट आवश्यक)।             संस्था के उपविधियों में भिक्षावृत्ति पुनर्वास संबंधी उद्देश्य शामिल होना आवश्यक है। इच्छुक संस्थाएँ अपना प्रस्ताव संयुक्त संचालक, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण, शेड नं. 01, कमिश्नर कार्यालय के पीछे, पुराना सचिवालय, भोपाल में डाक, स्वयं उपस्थित होकर, या ईमेल (pswbho@mp.nic.in) के माध्यम से भेज सकती है।  

डिवीजनल कमिश्नर को योजना की नियमित मॉनीटरिंग करने के निर्देश

सड़क दुर्घटना पीड़ितों की नगदी रहित उपचार स्कीम  सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिये नगदी रहित उपचार योजना के क्रियान्वयन के लिये कलेक्टर्स को निर्देश भी जारी किये डिवीजनल कमिश्नर को योजना की नियमित मॉनीटरिंग करने के निर्देश भोपाल देश में सड़क सुरक्षा एवं दुर्घटनाओं को रोकने के लिये सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर निर्देश जारी किए जाते रहे हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी सम्पूर्ण देश में नियमित मॉनीटरिंग कर रही है। समय-समय पर यह कमेटी विभिन्न राज्यों से रिपोर्ट प्राप्त कर सड़क सुरक्षा संबंधी विभिन्न योजनाओं एवं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से जारी गाइड-लाइन्स की समीक्षा कर सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिवेदन प्रस्तुत करती है। परिवहन सचिव मनीष सिंह ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिये नगदी रहित उपचार योजना के क्रियान्वयन के लिये कलेक्टर्स को निर्देश भी जारी किये हैं। निर्देशों में बताया गया है कि यह स्कीम और गाइड-लाइन्स मई-2025 और जून-2025 में जारी हुई हैं। इसी के साथ मंत्रालय द्वारा 21 मई, 2025 को यूजर मैनेजमेंट पोर्टल भी जारी किया गया है। निर्देशों में बताया गया है कि सड़क दुर्घटना प्रकरणों में जहाँ दोषी मोटरयान के पास वैध तृतीय पक्ष बीमा कव्हरेज था, उसका भुगतान केन्द्र सरकार द्वारा साधारण बीमा कम्पनियों के सहयोग से बनाये गये फण्ड से स्टेट हेल्थ एजेंसी (एसएचए) द्वारा अस्पताल के दावे को मंजूरी दिये जाने के 10 दिनों की समयावधि में जिला कलेक्टर्स के अनुमोदन से जिला स्तर पर ही केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित फण्ड से किया जायेगा। योजना में अस्पताल से दुर्घटना तारीख से अधिकतम 7 दिनों की अवधि में प्रति व्यक्ति के लिये एक लाख 50 हजार रूपये तक के उपचार की व्यवस्था है। दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति या उसका परिवार दुर्घटना का विवरण हेल्पलाइन नम्बर 112 में खबर दे सकता है। नियमित समीक्षा परिवहन सचिव द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि योजना के क्रियान्वयन के लिये किसी अधीनस्थ अधिकारी को जिम्मेदारी देते हुए इसकी नियमित मॉनीटरिंग जिला स्तर पर की जाये। समस्त संभागायुक्तों को भी निर्देश दिये गये हैं कि महत्वपूर्ण योजना की आवश्यक गतिविधियों की नियमित मॉनीटरिंग की जाये। जिला कलेक्टर्स को योजना से संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश भी परिवहन विभाग द्वारा भेजे गये हैं।  

सतना जिले में स्थित 132 के.व्ही. सब स्टेशन नागौद को अब डबल एक्स्ट्रा हाईटेंशन सप्लाई से जोड़ा गया

नागौद सब-स्टेशन में अब डबल एक्स्ट्रा हाईटेंशन सप्लाई की सुविधा सतना और देवेंद्रनगर दोनों से रहेगी विद्युत आपूर्ति सतना जिले में स्थित 132 के.व्ही. सब स्टेशन नागौद को अब डबल एक्स्ट्रा हाईटेंशन सप्लाई से जोड़ा गया भोपाल ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि विंध्य क्षेत्र में विद्युत पारेषण व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण और विश्वसनीयता के लिए सतना जिले में स्थित 132 के.व्ही. सब स्टेशन नागौद को अब डबल एक्स्ट्रा हाईटेंशन सप्लाई से जोड़ा गया है। यह सब-स्टेशन अब वैकल्पिक व्यवस्था के साथ दोहरी आपूर्ति प्रणाली पर कार्य करेगा। तोमर ने बताया कि पूर्व में यह सबस्टेशन एक रेडियल सब-स्टेशन के रूप में क्रियाशील था, जहां से 132 के.व्ही. की विद्युत आपूर्ति केवल 220 के.व्ही. सिल्परा (सतना) सब-स्टेशन से प्राप्त होती थी। 441 लाख रुपए से हुआ विस्तार क्षेत्र में अधिक विश्वसनीय, गुणवत्तापूर्ण एवं सतत विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) द्वारा 441 लाख रुपये की अनुमानित लागत से देवेन्द्र नगर से एक्स्ट्रा हाईटेंशन लाइन अब नागौद तक विस्तारित की गई है। परिणामस्वरूप अब किसी एक सर्किट में शटडाउन या ब्रेकडाउन की स्थिति में भी उपभोक्ताओं को विद्युत बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। इन क्षेत्रों को मिलेगा लाभ एम.पी. ट्रांसको के मुख्य अभियंता राजेश द्विवेदी के अनुसार यह व्यवस्था, 132 के.व्ही. नागौद–देवेंद्रनगर (पन्ना) 27.6 किलो मीटर और 132 के व्ही नागौद -सतना 18.9 किलोमीटर लाइन के सर्किट को 'लाइन इन–लाइन आउट' (लिलो) कर नागौद से जोड़े जाने से संभव हो सकी है। इस नई व्यवस्था से देवेंद्रनगर, वसुधा, रहिकवाड़ा, नागौद, सिंहपुर, जसो, कटन और सलेहा क्षेत्र के 42,000 से अधिक विद्युत उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।  

western ring road:26 गांवों की 600 हेक्टेयर जमीन पर मिलेगा मुआवजा, किसानों के खाते में आएंगे 750 करोड़

इंदौर  इंदौर के पश्चिमी आउटर रिंग रोड (western ring road) का रास्ता साफ होता जा रहा है। प्रभावितों को 750 करोड़ रुपए मुआवजा (farmers compensation) दिया जाना है। यह राशि एनएचएआइ ने भू अर्जन अधिकारियों के काला (सीएएलए) खाते में जमा कर दी है। अब सभी किसानों के खातों की जानकारी जुटाई जा रही है। एक क्लिक में सभी के खातों में एक साथ पैसा जमा हो जाएगा। 26 गांवों की 600 हेक्टेयर जमीन पर मिलेगा मुआवजा एनएचएआइ (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) पश्चिमी आउटर रिंग रोड का काम जल्द शुरू करना चाहता है। इसके लिए ठेकेदार कंपनी को प्रस्तावित सड़क की प्रभावित जमीन का कब्जा दिया जाना है। देपालपुर, हातोद और सांवेर के 26 गांवों की 600 हेक्टेयर जमीन आ रही है, जिसके प्रभावित किसानों की सूची तैयार कर अवॉर्ड घोषित कर दिया गया है। 50 प्रतिशत का काम पूरा अब भू अर्जन अधिकारियों ने भी काम तेज कर दिया है। गांव वार प्रभावित किसानों के खाता नंबर जुटाए जा रहे हैं। 50 फीसदी काम हो चुका है। किसानों को मुआवजा राशि देने के लिए एनएचएआइ की शर्त है कि 30 फीसदी किसानों का खाता नंबर होना जरूरी है। इससे कम पर पैसा जमा नहीं कर सकते हैं। इसलिए देपालपुर, हातोद व सांवेर में प्रशासन की टीम सक्रिय है ताकि जुलाई के पहले सप्ताह में काम हो जाए। ऐसा है पश्चिमी आउटर रिंग रोड इंदौर में 64 किमी लंबा और 30 मीटर चौड़ा पश्चिमी रिंग रोड बनेगा। यह एनएच-52 में नेट्रेक्स के पास से शुरू होकर शिप्रा नदी के नजदीक खत्म होगा। इसमें इंदौर जिले की देपालपुर तहसील के 5, हालोद के 12 और सांवेर के ० गांव की जमीन अधिग्रहित होगी। सर्वे के बाद गाइड लाइन व संपत्ति को जोड़कर तीनों तहसीलों के एसडीओ ने 750 करोड़ का अवॉर्ड पारित कर दिया है। इंदौर के लिए अहम इंदौर के विकास में आउटर रिंग रोड महत्वपूर्ण है। जिस प्रकार राऊ-देवास बायपास बनने के बाद नया इंदौर बसा था, भविष्य के लिए ठीक वैसी ही कल्पना पूर्वी व पश्चिमी आउटर रिंग रोड को लेकर की जा रही है। नई गाइड लाइन से मुआवजा पहली बार सरकार ने उन लोकेशनों की भी गाइड लाइन बढ़ाई है, जिनमें सरकार की योजना लागू है। इसमें पश्चिमी आउटर रिंग रोड भी शामिल है। यहां 100 से 200 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। इससे जमीनों की कीमत बढ़ गई है।

सरकारी स्कूलों में गैरहाजिर शिक्षकों पर कैसे लगेगी लगाम, 3.50 लाख शिक्षकों में से मात्र 10 हजार ने ही ऑनलाइन हाजिरी लगाई

भोपाल  प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 1 जुलाई से शुरू की गई ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था पहले ही दिन विफल हो गई। 3.50 लाख शिक्षकों में से केवल 10 हजार ने ही ऑनलाइन हाजिरी लगाई, जो कि कुल संख्या का लगभग तीन प्रतिशत है। शिक्षकों के अनुपस्थित रहने पर लगाम लगाने के उद्देश्य से यह पहल की गई थी, लेकिन पहले दिन ही शिक्षकों ने इसे विफल कर दिया। 'हमारे शिक्षक एप' के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था शुरू की गई थी। टीचर्स की अटेडेंस पर उठते रहे हैं सवाल सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के समय पर स्कूल न पहुंचने और उनके स्थान पर दूसरे लोगों के पढ़ाने जाने की शिकायतों के बाद यह कदम उठाया था। विभाग ने नई तकनीक 'हमारे शिक्षक प्रणाली' तैयार की थी, जिसके माध्यम से शिक्षकों को सेल्फी लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी थी। शिक्षकों को स्कूल पहुंचते ही अपने मोबाइल से इस प्रणाली पर सेल्फी लेकर अपलोड करना था। इस प्रक्रिया का ट्रायल 23 जून से 30 जून तक किया गया था। हालांकि, पहले दिन ही इस व्यवस्था को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। आंकड़ों से समझें प्रदेश के 3.50 लाख शिक्षकों में से केवल 88 हजार शिक्षकों ने ही 'हमारे शिक्षक एप' डाउनलोड किया। ऑनलाइन हाजिरी लगाने वालों की संख्या और भी कम रही। सिर्फ 10,461 शिक्षकों ने ऑनलाइन हाजिरी लगाई, जबकि जाने की ऑनलाइन हाजिरी केवल 2,394 शिक्षकों ने ही लगाई। स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से पहले भी ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था शुरू करने के प्रयास किए गए थे। इन सालों में हुई थी कोशिश 2017, 2020 और 2022 में शिक्षा मित्र एप के जरिए ऑनलाइन उपस्थिति शुरू की गई थी, लेकिन शिक्षकों के विरोध के कारण यह सफल नहीं हो पाई। शिक्षकों ने कभी स्मार्ट फोन तो कभी नेटवर्क का बहाना बनाकर ऑनलाइन उपस्थिति की प्रक्रिया को ठीक से लागू नहीं होने दिया। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह भी इस बात को कई बार स्वीकार कर चुके हैं कि प्रदेश में कुछ जिलों में शिक्षक स्कूल नहीं जाते हैं। उनके स्थान पर दूसरे लोग पढ़ाने जाते हैं। वहीं कुछ शिक्षक स्कूलों के निर्धारित समय पर नहीं पहुंचते हैं।