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सिंधु जल संधि पर भारत ने दी टेंशन, मुल्क को ‘प्यास’ से बचाने के लिए शहबाज का बड़ा ऐलान

 इस्लामाबाद  पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने ऐलान किया है कि उनकी सरकार पानी के भंडारण के तरीके को मजबूत करेगी। ये फैसला ऐसे वक्त में आया है जब भारत ने 1960 के सिंधु जल समझौते (Indus Waters Treaty) को स्थगित करने का कदम उठाया था। पाकिस्तान की बडे़ पैमाने पर खेती-बाड़ी सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों पर निर्भर है। अगर इन नदियों के जलस्तर में कमी आई तो पाकिस्तान दाने-दाने को मोहताज हो जाएगा और बूंद-बूंद पानी को तरस जाएगा। पाक पीएम शहबाज शरीफ ने  नेशनल इमरजेंसी ऑपरेशन्स सेंटर के दौरे के दौरान इस मसले पर बात की। सरकारी न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक, उन्होंने कहा कि दुश्मन जल समझौते के खिलाफ कदम उठाना चाहता है। जियो न्यूज के मुताबिक, शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने देश में जल भंडारण क्षमता बढ़ाने का फैसला किया है। ऐसे में उन्होंने संभावित विभागों को वाटर स्टोरेज परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। शरीफ ने भारत पर झुंझलाहट निकालते हुए कहा कि देश में पानी की सुरक्षा को लेकर फैसला लेना जरूरी है क्योंकि दिल्ली की मंशा पानी को हथियार बनाने की है। भारत नहीं तोड़ सकता सिंधु समझौता शहबाज शरीफ ने देश का जल भंडारण बनाने की बात कही तो साथ ही भारत पर गुस्सा भी निकाला। उन्होंन कहा कि भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने का ऐलान किया है लेकिन वह इसे एकतरफा तरीके से निलंबित नहीं कर सकता है। शरीफ ने स्थायी मध्यस्थता न्यायालय के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि अदालत ने भी साफ किया है भारत को सिंधु जल संधि को एकतरफा निलंबित करने का कोई अधिकार नहीं है। शरीफ ने आगे कहा, 'सिंधु जल संधि पर अंतरराष्ट्रीय बाध्यताओं के बावजूद पाकिस्तान के लिए भारत के इरादे अच्छे नहीं हैं। वह पानी को हमारे खिलाफ एक हथियार की तरह इस्तेमाल करने की तरफ देख रहा है। इस खतरे को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने अपनी प्रांतों की सरकारों के साथ गैर-विवादास्पद जल भंडारण क्षमता परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने का फैसला किया है। पहलगाम के बाद शुरू हुआ विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव की शुरुआत 22 अप्रैल के बाद हुई। 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने 26 लोगों की बर्बरता से हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ कई स्तरों पर संबंध तोड़ने का फैसला लिया। इसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय भी है। ये संधि भारत-पाक में नदियों का पानी बांटती है। भारत ने इस समझौते से हटते हुए पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी को रोकने की बात कही है। 'हम पानी को स्टोर करने के लिए कोशिशें करेंगे' शहबाज शरीफ ने कहा, "हमारी हुकूमत ने फैसला किया है कि हम अपनी पानी के भंडार बनाएंगे।" उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तानी सरकार पानी को बरतने के तरीके पर काम करेगी और भंडारण इसमें अहम कड़ी होगी, जिसमें डायमर भाशा डैम जैसे प्रोजेक्ट्स शामिल होंगे। उन्होंने कहा, "हम अपनी ताकत से अगले कुछ सालों में पानी को स्टोर करने की क्षमता तैयार कर लेंगे। इसमें नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी का अहम किरदार होगा।" पहलगाम हमले के बाद अब पाकिस्तान को सता रही पानी की चिंता 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए। भारत सरकार ने सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया। ये समझौता दोनों मुल्कों के बीच पानी के बंटवारे का अहम जरिया है। पाकिस्तान का मानना है कि पानी के बहाव में किसी भी तरह की रुकावट उसकी खेती के लिए बड़ा खतरा है।  

ट्रंप ने दी चेतावनी उधर मस्क को 12 अरब डॉलर से अधिक का लगा झटका

वाशिंगटन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। मस्क ने वन बिग ब्यूटीफुल बिल की आलोचना की थी। इसके बाद ट्रंप ने मस्क पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अगर सरकारी सब्सिडी बंद हो जाए तो मस्क को अपनी दुकान बंद करके दक्षिण अफ्रीका लौटना होगा। वह न सैटेलाइट बना पाएंगे और न ही ईवी बना पाएंगे। ट्रंप के इस बयान के बाद मंगलवार को टेस्ला के शेयरों में भारी गिरावट आई। इस गिरावट से मस्क की नेटवर्थ 12.1 अरब डॉलर घट गई। दुनिया की सबसे वैल्यूएबल ऑटो कंपनी टेस्ला के शेयर  5.34% गिर गया। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक मस्क की नेटवर्थ में  12.1 अरब डॉलर की गिरावट आई। उनकी नेटवर्थ अब 351 अरब डॉलर रह गई है। इस साल उनकी नेटवर्थ में 81.9 अरब डॉलर की गिरावट आई है। कुछ महीने पहले तक ट्रंप के खासमखास रहे मस्क अब उनके विरोध में उतर आए हैं। उन्होंने यहां तक धमकी दी है कि अगर वन बिग ब्यूटीफुल बिल पारित हुआ तो वह अपनी राजनीतिक पार्टी बनाएंगे।  टेस्ला के शेयर 5.5% तक गिरे मस्क ने चेतावनी दी कि यदि ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ पारित हो गया तो वह एक नई राजनीतिक पार्टी शुरू कर सकते हैं और उन सांसदों के खिलाफ पैसा खर्च करेंगे जो इस बिल का समर्थन करते हैं. रिपब्लिकन ने इस बात को लेकर चिंता जाहिर की है कि मस्क का ट्रंप के साथ बार-बार झगड़ा 2026 के मध्यावधि कांग्रेस चुनावों में उनके अवसरों को नुकसान पहुंचा सकता है. ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेन्ट ने मस्क की आलोचना पर पलटवार करते हुए कहा, “देश के वित्त की मैं देखभाल कर लूंगा.” ट्रंप और मस्क के विवाद का असर यह रहा कि  टेस्ला के शेयरों में 5.5% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई. लंबे समय से टेस्ला के निवेशक और फ्यूचर फंड एलएलसी के लिए पैसे का प्रबंधन करने वाले गैरी ब्लैक ने हाल ही में टेस्ला कार की बिक्री में गिरावट के कारण अपने शेयर बेच दिए. उन्होंने बताया कि वे इस बात पर विचार कर रहे हैं कि कब फिर से निवेश करना है. ब्लैक मानते हैं कि इलेक्ट्रिक वाहन क्रेडिट को खत्म करने से टेस्ला को नुकसान होगा. एक्स पर एक अलग पोस्ट में, ब्लैक ने कहा: "पता नहीं एलॉन मस्क को क्यों नहीं दिख रहा है कि राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा लाए गए बिल की खिलाफत करने का उनको कितना नुकसान हो सकता है." ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मस्क को अब तक जितनी सब्सिडी मिली है, उतनी शायद किसी इंसान को इतिहास में नहीं मिली… अब कोई रॉकेट लॉन्च नहीं, कोई सैटेलाइट नहीं, न इलेक्ट्रिक कारें – देश की बहुत बचत होगी.” टेस्ला के लिए चुनौतियां ट्रंप और मस्क की इस जंग से टेस्ला के व्यापार पर असर पड़ सकता है, खासकर तब जब कंपनी ऑटोनॉमस रोबोटैक्सी को लेकर दांव लगा रही है. यह प्रोजेक्ट राज्य और संघीय स्तर की मंजूरी पर निर्भर है. विश्लेषकों का मानना है कि ईवी टैक्स क्रेडिट हटने से टेस्ला की कमाई में 1.2 बिलियन डॉलर तक की गिरावट आ सकती है. स्पेसX के पास करीब 22 बिलियन डॉलर के संघीय अनुबंध हैं, वहीं टेस्ला ने पिछले कुछ वर्षों में करीब 11 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू सिर्फ ग्रीन क्रेडिट बेचकर कमाया है. ये क्रेडिट वह कंपनियां खरीदती हैं जो उत्सर्जन नियमों का पालन नहीं कर पातीं. ट्रंप ने पहले भी संकेत दिया था कि वे मस्क की नागरिकता पर सवाल उठा सकते हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे मस्क को देश से निकाल देंगे, तो उन्होंने जवाब दिया, “देखेंगे.” दूसरे अमीरों का हाल  दुनिया के टॉप 10 रईसों में से 8 की नेटवर्थ में गिरावट आई। केवल ऐमजॉन के फाउंडर जेफ बेजोस और फ्रांसीसी बिजनसमैन बर्नार्ड अरनॉल्ट फायदे में रहे। अरनॉल्ट की नेटवर्थ में 7.15 अरब डॉलर की उछाल आई जबकि बेजोस की नेटवर्थ 1.1 अरब डॉलर बढ़ गई। मस्क के बाद सबसे ज्यादा नुकसान में मार्क जकरबर्ग रहे। उनकी नेटवर्थ में 6.44 अरब डॉलर की गिरावट आई। वह 254 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं। इस बीच भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी की नेटवर्थ में 2.24 अरब डॉलर की तेजी आई। इसके साथ ही उनकी नेटवर्थ 112 अरब डॉलर पहुंच गई। इस साल उनकी नेटवर्थ में 20.9 अरब डॉलर की तेजी आई है। वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 16वें नंबर पर हैं। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की नेटवर्थ 16.7 करोड़ डॉलर की तेजी के साथ 85.3 अरब डॉलर पहुंच गई। इस साल उनकी नेटवर्थ 6.57 अरब डॉलर बढ़ी है और वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 20वें नंबर पर बने हुए हैं।

9 या 22 जुलाई या फिर अगस्त की 5 तारीख को सामान्य दिन से 1.66 मिलीसेकंड से ज्यादा छोटा होगा

वॉशिंगटन  दुनिया आने वाले कुछ दिनों में पृथ्वी के इतिहास के सबसे छोटे दिन का अनुभव कर सकती है। खगोल भौतिकीविदों ने अपनी एक रिसर्च के आधार पर पाया है कि पृथ्वी की घूर्णन गति बीते पांच साल से बढ़ रही है। साल 2020 से पृथ्वी अपनी धुरी पर सामान्य से अधिक तेजी से घूम रही है, इसकी वजह से हम इतिहास के सबसे छोटा दिन अनुभव कर सकते हैं। यानी ये दिन 24 घंटे से कम का होगा। ये सबसे छोटा दिन इसी महीने यानी जुलाई या फिर अगस्त में देखने को मिल सकती है। खगोल भौतिकीविद् ग्राहम जोन्स ने सबसे छोटे दिन के लिए तीन तारीख बताई हैं। यह इस साल 9 जुलाई या 22 जुलाई या फिर अगले महीने अगस्त की 5 तारीख को हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी पर प्रभाव की वजह से ऐसा होगा। यह दिन सामान्य दिन से 1.66 मिलीसेकंड से ज्यादा छोटा होगा। दिन छोटा क्यों हो रहा है? एक सौर दिन ठीक 86,400 सेकंड यानी 24 घंटे तक चलना चाहिए लेकिन पृथ्वी का घूर्णन कभी भी पूरी तरह से स्थिर नहीं रहा है। रिसर्च बताती हैं कि 2020 में किसी अज्ञात कारण से हमारा ग्रह तेजी से घूमने लगा। इससे दिन का समय घट गया है। 2021 में एक दिन दर्ज किया गया जो सामान्य से 1.47 मिलीसेकंड कम था। 2022 में यह 1.59 मिलीसेकंड कम हो गया और फिर 5 जुलाई, 2024 को रेकॉर्ड बना, जब दिन सामान्य 24 घंटों से 1.66 मिलीसेकंड कम रहा। वैज्ञानिकों का कहना है कि 2025 में 9 और 22 जलाई या 5 अगस्त, वह अनुमानित तारीख हैं, जब चंद्रमा की कक्षा पृथ्वी के भूमध्य रेखा से सबसे दूर रखती है। यह पृथ्वी प्रभावित करती है और दिन 24 घंटे से कम का हो जाता है। रिसर्च कहती है कि चंद्रमा अरबों वर्षों से पृथ्वी के घूमने की गति को धीमा कर रहा है। 4.5 अरब साल पहले पृथ्वी पर एक दिन तीन से छह घंटे तक चल सकता था लेकिन चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव ने पृथ्वी पर दिन की लंबाई 24 घंटे की है। दिन का घटना कितनी बड़ी चिंता दिन के कुछ मिलीसेकंड कम होने का सामान्य जनजीवन पर कोई फर्क नहीं होता है लेकिन तकनीक और दूरसंचार की दुनिया में यह मायने रखता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर यह प्रवृत्ति जारी रही तो करीब 50 अरब वर्षों में पृथ्वी का घूर्णन चंद्रमा की कक्षा के साथ तालमेल बिठा लेगा। तब हमेशा चंद्रमा का एक ही पक्ष दिखाई देगा यानी यह ग्रह के केवल आधे हिस्से पर दिखाई देगा। हालांकि तब तक धरती पर और भी कई बदलाव आ चुके होंगे।  

ग्वालियर में जल्द शुरू होगा साइबर कमांडों प्रशिक्षण सेंटर, साइबर अपराधियों पर कसेंगे शिकंजा

ग्वालियर  साइबर अपराध से निपटने के लिए सरकार विशेष कदम उठा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर(I4C) द्वारा साइबर कमांडो तैयार किए जा रहे हैं। ग्वालियर में प्रदेश का पहला साइबर कमांडो ट्रेनिंग सेंटर तैयार हो रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान (ABV-IIITM Gwalior) में ट्रेनिंग सेंटर बनाया जाएगा। इसका कोर्स तैयार किया जा चुका है। एबीपी ट्रिपल आईटीएम प्रबंधन ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। 30 साइबर कमांडो होंगे तैयार प्रबंधन के मुताबिक गृह मंत्रालय से जल्द ही इसकी अनुमति मिल सकती है। पूरे प्रदेश से पहले चरण में 30 पुलिस कर्मियों को साइबर कमांडो के रूप में तैयार किया जाएगा। ट्रेनिंग की अवधि 6 माह की होगी। साइबर कमांडो की ट्रेनिंग के लिए कोर्स IIT कानपुर द्वारा तैयार किया गया है। प्रबंधन के मुताबिक सितंबर से अक्टूबर के बीच पहले चरण की ट्रेनिंग शुरू हो सकती है। इसी हिसाब से यहां तैयारी की जा रही है। ट्रेनिंग में साइबर हमलों से बचने के तरीके सिखाए जाएंगे। इसमें प्रमुख शासकीय संस्थानों, पुलिस और जांच एजेंसियों के गोपनीय डेटा को सुरक्षित रखने के तरीके शामिल रहेंगे। साइबर हमले जैसी स्थिति में निपटने के गुर सिखाए जाएंगे। साइबर क्राइम की विवेचना में नए साफ्टवेयर, टूल्स का इस्तेमाल। फर्स्ट रिस्पॉन्डर के रूप में काम करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ऐसे काम करेंगे साइबर कमांडो     साइबर कमांडो जांच एजेंसियों और पुलिस के साथ मिलकर काम करेंगे।     देश, प्रदेश के बड़े संस्थानों, जांच एजेंसियों के डेटा, सिस्टम को सुरक्षित रखना।     बड़े साइबर हमलों या साइबर अपराध की पड़ताल में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।     साइबर अपराध नियंत्रण के लिए आई4सी के साथ मिलकर गाइडलाइन, एडवाइजरी तैयार करना।     साइबर अपराध होने पर फर्स्ट रिस्पांडर की भूमिका में भी यह रहेंगे। 6 साइबर कमांडो, 39 पुलिसकर्मी हुए चयनित अभी प्रदेश में 6 साइबर कमांडो तैयार हो चुके हैं। इन्हें 6 महीने की ट्रेनिंग मिली है। 39 पुलिस कर्मियों का चयन साइबर कमांडो ट्रेनिंग के लिए हुआ है। इसमें ग्वालियर के भी चार पुलिसकर्मी हैं। दीपा सिंह (जनसंपर्क अधिकारी, एबीपी ट्रिपल आईटीएम) के अनुसार, साइबर कमांडो की ट्रेनिंग के लिए संस्थान में पूरी तैयारी है। पहले चरण में 30 साइबर कमांडो को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसकी अवधि 6 महीने की होगी। जल्द ही अनुमति मिल सकती है। सितंबर या अक्टूबर से पहले बैच की ट्रेनिंग संस्थान में शुरू हो सकती है। यह होगा फायदा प्रदेश स्तर पर कमांडो प्रशिक्षण की शुरुआत होने से इसमें प्रशिक्षित होने से साइबर कमांडो की गिनती में तेजी से इजाफा होगा। यह कमांडो बडे औद्योगिक संस्थान, सरकारी संस्थानों के साथ साइबर अपराधों की रोकथाम और साइबर क्रिमनल्स पर कसावट मेंं मददगार साबित होंगे। दूसरे बैच में 39 पुलिसकर्मियों को भेजा जाएगा पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि दूसरे बैच में प्रदेश के 39 पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। परीक्षा के बाद इनका चयन भी हो चुका है। जल्द ही यह तय हो जाएगा कितने पुलिसकर्मियों को कहां प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। प्रशिक्षण लिए जाने वालों में आरक्षक से लेकर उप पुलिस अधीक्षक स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं। यह काम करेंगे साइबर कमांडो     साइबर सुरक्षा : साइबर खतरों से नेटवर्क और डाटा को सुरक्षित रखना।       साइबर हमले से सुरक्षा : कमांडो साइबर नेटवर्क या सिस्टम में हैकिंग और वायरस के हमलों से निपटने के लिए काम करेंगे। हमले की स्थिति में त्वरित निराकरण के लिए काम करेंगे। खतरों से आगाह भी करेंगे।     नेटवर्क की निगरानी : साइबर कमांडो की जिम्मेदारी नेटवर्क की निगरानी करने की रहेगी।     डेटा सुरक्षित रखने का काम : महत्वपूर्ण संस्थानों का डेटा लीक नहीं होने पाए, इसके लिए भी सुझाव देंगे।     अपराधों की जांच : बड़े साइबर अपराधों की जांच और डाटा के विश्लेषण में सहयोग करेंगे। साथ ही साइबर सुरक्षा की नीतियां बनाने में सहयोग करेंगे। दूसरे बैच के लिए भी चयन किया गया     हमारे छह पुलिसकर्मी साइबर कमांडो का प्रशिक्षण ले रहे हैं, जो शीघ्र आ जाएंगे। इसके अतिरिक्त दूसरे बैच के लिए भी चयन कर लिया गया है। – ए साई मनोहर, एडीजी साइबर