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ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार और नॉलेज शेयरिंग के लिये मेनिट एवं सीपीआरआई से भागीदारी की शुरुआत

भोपाल  ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार और नॉलेज शेयरिंग के लिये आईआईटी, आईआईएम, आईआईआईटी, मेनिट एवं सीपीआरआई से भागीदारी की शुरुआत की जा रही है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा श्री नीरज मण्डलोई की उपस्थिति में गुरुवार को इन संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ इस संबंध में सम्मेलन हुआ। सम्मेलन में प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किये। सम्मेलन में ऊर्जा कम्पनियों की तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियों को अलग-अलग करने, वितरण नेटवर्क की योजना एवं ग्रिड स्थिरता, नवकरणीय ऊर्जा संयंत्रों के इनवर्टर से रिएक्टिव पॉवर क्षतिपूर्ति, कृषि आधारित पम्प लोड एवं मौसमी मांग पूर्वानुमान, क्षति पहचान एवं मांग विश्लेषण के लिये डेटा एनालिसिस, आउटेज पूर्वानुमान और सम्पत्ति प्रबंधन के लिये एआई के उपयोग के संबंध में गहन विचार-विमर्श हुआ। प्रतिनिधियों ने विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिये संयुक्त अनुसंधान, फील्ड स्टडी और तकनीकी परियोजनाओं में काम करने में रुचि जताई। यह सम्मेलन बिजली वितरण क्षेत्र में व्यावहारिक अनुभव, शैक्षणिक ज्ञान और अनुसंधान क्षमताओं को एक साझा मंच पर लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सम्मेलन में एमडी एमपी पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी श्री अविनाश लवानिया और एमडी मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी श्री क्षितिज सिंघल ने महत्वपूर्ण सुझाव दिये।  

नव-प्रवेशित छात्राओं का भारतीय परम्परानुसार हुआ स्वागत

भोपाल सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय भोपाल में 1 से 3 जुलाई तक आयोजित तीन दिवसीय दीक्षारम्भ कार्यक्रम समारोहपूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ दीप्ति श्रीवास्तव ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। नव-प्रवेषित छात्राओं एवं अभिभावकों का स्वागत, भारतीय परंपरानुसार तिलक लगाकर एवं पुष्पवर्षा से किया गया। इसके बाद प्राचार्य ने छात्राओं को संबोधित कर सभी संकायों के शैक्षणिक स्टॉफ का परिचय कराया और महाविद्यालय की सुविधाओं की जानकारी दी। दीक्षारंभ के द्वितीय दिवस का शुभारम्भ एन.डी.आर.एफ. दल ने छात्राओं को आपदा प्रबंधन एवं सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया। महाविद्यालय के पुस्तकालय, स्वशासी प्रकोष्ठ, एन. सी. सी., एन.एस.एस तथा महाविद्यालयीन छात्रावास की जानकारी दी गई। दीक्षारंभ के तीसरे दिन छात्राओं एवं अभिभावकों को महाविद्यालय परिसर का भ्रमण कराते हुये महाविद्यालय के भौतिक संसाधनों का परिचय कराया गया। इसके बाद महाविद्यालय के आईक्यूएसी ने महाविद्यालय में संचालित खेल-कूद, साहित्यिक, रचनात्मक, सांस्कृतिक एवं अकादमिक गतिविधियों की जानकारी दी। दीक्षारम्भ कार्यक्रम का समापन समारोह, अतिरिक्त संचालक डॉ. मथुराप्रसाद एवं महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष डॉ. भारती कुम्भारें सातनकर के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. दीप्ति श्रीवास्तव ने तीन दिवसीय दीक्षारंभ कार्यक्रम की गतिविधियों की जानकारी दी। अतिरिक्त संचालक डॉ. प्रसाद ने नव-प्रवेशित छात्राओं को महाविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सशक्त नारी बनने के लिए प्रोत्साहित किया एवं डॉ. सातनकर ने भी प्रेरक उद्बोधन में छात्राओं का उत्साहवर्धन किया।  

कौन संभालेगा बीजेपी की कमान? अध्यक्ष पद के लिए 4 बड़े नाम रेस में

नई दिल्ली  बीजेपी में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। लंबे इंतजार के बाद अब जल्द ही पार्टी के शीर्ष पद के लिए नया चेहरा चुना जा सकता है। कयास हैं कि मानसून सत्र शुरू होने से पहले यानी 21 जुलाई से पहले भाजपा के नए अध्यक्ष का नाम सार्वजनिक कर दिया जाएगा। यह चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि यह पहली बार हुआ है जब किसी अध्यक्ष के कार्यकाल के खत्म होने के बाद इतना लंबा वक्त गुजरा और फिर भी नया अध्यक्ष नहीं चुना गया। बीजेपी में अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाने वाले जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 में समाप्त हो चुका है, लेकिन वे अभी भी एक्सटेंशन पर हैं। नड्डा के अलावा पार्टी के अंदर कई दावेदार अपनी दावेदारी मजबूत करते दिख रहे हैं, जबकि संगठन ने लगभग सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। नए अध्यक्ष के सामने हैं बड़ी चुनौतियां नए अध्यक्ष के लिए जिम्मेदारियां बहुत बड़ी होंगी। आने वाले वर्षों में भाजपा के सामने कई महत्वपूर्ण चुनाव हैं — 2025 में बिहार विधानसभा, 2026 में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम के चुनाव, और 2027 में उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा समेत कई राज्यों के चुनाव, साथ ही राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव भी। पार्टी को इन सभी चुनावों में जीत सुनिश्चित करनी होगी, जो नए अध्यक्ष की ताकत और नेतृत्व कौशल की कसौटी होगी। कौन हैं दावेदार? सत्ता की दौड़ में सबसे आगे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम है। शिवराज की पार्टी में अच्छी पकड़ मानी जाती है, वे OBC समुदाय से आते हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ भी उनके मजबूत संबंध हैं। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में पार्टी की जीत के पीछे अहम भूमिका निभाने वाले सुनील बंसल का नाम भी प्रमुख है। ओडिशा के केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी नए अध्यक्ष बनने के दावेदार हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और मोदी कैबिनेट के मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी संगठन में अपनी मजबूती के कारण चर्चा में हैं। दक्षिण भारत से भी पार्टी ने कई नामों को तरजीह दी है। तमिलनाडु की वानति श्रीनिवासन, तमिलिसाई सौंदर्यराजन, और आंध्र प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री डी. पुरंदेश्वरी जैसे नेता इस पद के लिए चर्चित हैं। दक्षिणी राज्यों में भाजपा की पकड़ मजबूत करने के लिए यह रणनीति अहम मानी जा रही है।   चुनाव प्रक्रिया और नियम बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 15 वर्षों से पार्टी का सदस्य होना जरूरी है। चुनाव निर्वाचक मंडल द्वारा होता है, जिसमें राष्ट्रीय परिषद और प्रदेशों के सदस्य शामिल होते हैं। एक उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव कम से कम 20 निर्वाचक सदस्य कर सकते हैं।राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले जिला, प्रदेश संगठन और राष्ट्रीय परिषद के चुनाव संपन्न होना जरूरी होता है। पार्टी ने पूरे देश को 36 राज्यों में बांटा है और आधे से ज्यादा राज्यों में संगठन चुनाव पूरे हो चुके हैं। इसी के आधार पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तय होता है।

मुख्यमंत्री डॉ यादव सिंगरौली को देंगे 503 करोड़ के निर्माण कार्यों की सौगात

सिंगरौली मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव 4 जुलाई को सिंगरौली जिले के सरई  में हायर सेकण्डरी स्कूल परिसर में आयोजित जनजातीय और महिला सम्मेलन में भाग लेंगे। मुख्यमंत्री सम्मेलन में सिंगरौली जिले को 503 करोड़ 9 लाख 19 हजार रुपए के 54 निर्माण कार्यों की सौगात देंगे। समारोह में मुख्यमंत्री 104 करोड़ 67 लाख 26 हजार रुपए की लागत के 20 निर्माण कार्यों का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री 398 करोड़ 41 लाख 93 हजार रुपए की लागत के 34 निर्माण कार्यों का शिलान्यास भी करेंगे। इस संबंध में कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री संदीपनि हायर सेकण्डरी स्कूल चकरिया के नवनिर्मित भवन, विद्युत सब स्टेशन हरफरी, संदीपनि हायर सेकण्डरी स्कूल भवन हिरवाह का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री इसके साथ-साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन, 8 सड़कों में डामरीकरण का कार्य, कालेज भवन बरगवां, लोक सेवा केन्द्र माड़ा और सरई तथा आयुष विंग के निर्माण कार्य का लोकार्पण करेंगे।   कलेक्टर ने बताया कि समारोह में मुख्यमंत्री 34 निर्माण कार्यों का शिलान्यास करेंगे। समारोह में मुख्यमंत्री 11 सड़कों का शिलान्यास करेंगे। इनका निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री मेडिकल कालेज में 400 बिस्तर के अस्पताल भवन, एकल नलजल योजनाओं, नगर निगम सिंगरौली में सड़क निर्माण, नाली निर्माण सहित विभिन्न निर्माण कार्यों का शिलान्यास करेंगे। समारोह में मुख्यमंत्री विधानसभा क्षेत्र चितरंगी के 13, विधानसभा क्षेत्र सिंगरौली के 25, विधानसभा क्षेत्र देवसर के 15 तथा विधानसभा क्षेत्र धौहनी के एक निर्माण कार्य का शिलान्यास एवं लोकार्पण करेंगे।

भूख-बम-बर्बादी का कहर: गाजा में राशन के लिए लगी कतार बनी मौत की रेखा

गाजा गाजा में हालात हर बीतते दिन के साथ और भी भयावह होते जा रहे हैं। 2 जुलाई की रात और 3 जुलाई की सुबह, इज़राइल की ओर से किए गए हवाई हमलों और गोलीबारी में 82 फिलीस्तीनी नागरिकों की जान चली गई । यह जानकारी गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय और स्थानीय अस्पतालों ने साझा की।इन मृतकों में से 38 लोग ऐसे थे जो राहत सामग्री (खाद्य और अन्य जरूरतों की चीजें) लेने के लिए लाइन में खड़े थे। उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें ज़रूरी सामान मिलेगा जिससे वे अपने परिवारों का पेट भर सकें, लेकिन वे हवाई हमलों का निशाना बन गए। मारे गए लोगों में से 5 लोग गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन के कार्यालय के पास मारे गए जो एक नवगठित अमेरिकी संगठन है और इज़राइल समर्थित बताया जा रहा है। इस संगठन का उद्देश्य गाजा के नागरिकों तक खाद्य सामग्री और मानवीय सहायता पहुंचाना है। शेष 33 लोग गाजा पट्टी के अलग-अलग क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने वाले ट्रकों के इंतजार में खड़े थे, जब वे इज़राइली हमलों का शिकार हुए। इज़राइल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं इस हमले के बाद भी इज़राइल डिफेंस फोर्स (IDF) या इज़राइली सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। न ही उन्होंने इन हमलों की पुष्टि की है और न ही मारे गए नागरिकों के बारे में कोई संवेदना प्रकट की है। पिछले कई महीनों से गाजा में इज़राइल द्वारा किए जा रहे सैन्य अभियानों में  नागरिकों, विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं की मौत की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह घटना भी उसी दुखद कड़ी का हिस्सा बनती दिख रही है। गंभीर मानवीय संकट की ओर गाजा  गाजा पट्टी पहले ही एक खुली जेल  की तरह काम कर रही है। लगातार हमलों, ब्लॉकेड और संसाधनों की कमी ने आम नागरिकों की ज़िंदगी को नरक से भी बदतर बना दिया है। भोजन, पानी, दवा जैसी मूलभूत चीजें लोगों को घंटों कतारों में लगकर भी नहीं मिल रही । अब जब  भोजन पाने की उम्मीद से खड़े लोग भी मारे जा रहे हैं  तो यह साफ संकेत है कि हालात पूर्ण मानवीय त्रासदी में बदल चुके हैं।   मानवाधिकार संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया संभव इस घटना के बाद अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों, संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस जैसे संगठनों की तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। पहले भी संयुक्त राष्ट्र ने गाजा में मानवीय सहायता पर हो रहे हमलों को लेकर  इज़राइल को चेतावनी दी थी कि यह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन है।  2023 के अंत में शुरू हुए गाजा संघर्ष ने अब तक  30,000 से अधिक लोगों की जान ली है  जिनमें एक बड़ी संख्या नागरिकों की है। गाजा पर इज़राइल ने  पूर्ण नाकाबंदी कर रखी है ।वकोई उड़ान, कोई जलमार्ग, कोई आपूर्ति सहज रूप से नहीं आ सकती है।  सीमाओं पर स्थिति इतनी खराब है कि लोग भूख से मरने की कगार पर हैं और अस्पतालों में दवाइयों की भारी किल्लत है   रोटी की तलाश भी जुर्म  गाजा में हाल की घटना यह सवाल उठाती है कि क्या भोजन और मदद की उम्मीद रखना भी अब अपराध बन चुका है? यह केवल सैन्य संघर्ष नहीं रहा, बल्कि एक मानवता की परीक्षा बन चुका है। जहां एक ओर युद्ध की राजनीति चल रही है, वहीं दूसरी ओर बेसहारा, भूखे और थके लोग बस जीने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अब वे भी  हमलों का हिस्सा  बनते जा रहे हैं। 

पशुपालन विभाग की मंत्री जोराराम कुमावत ने ली समीक्षा बैठक

जयपुर, पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने पशुपालन विभाग के रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में बुधवार को शासन सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने पशु चिकित्सा अधिकारी के 1100 पदों, पशुधन निरीक्षक के 2540 व पशु परिचर के 6433 पदों पर भर्ती को लेकर समीक्षा की। उन्होंने पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. आनंद सेजरा से भर्ती संबंधी वर्तमान स्थिति की जानकारी ली। श्री कुमावत ने बताया कि पशु चिकित्सा अधिकारी के 1100 पदों के लिए आरपीएससी को अर्भ्यथना भेज दी गई है। इसके अलावा पशुधन निरीक्षक की गत 13 जून-2025 को प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन किया जा चुका है, जिसका परिणाम जल्द से जल्द जारी करने के लिए निर्देशित किया गया है। इसी तरह पशु परिचर के डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन का कार्य पूरा कर लिया गया है, मगर कुछ आवेदकों के कोर्ट में चले जाने के कारण मामले में विभाग की ओर से मजबूत पैरवी करने के लिए कहा गया है। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना पर चर्चा करते हुए 15 अगस्त-2025 तक समस्त 16 लाख पशुओं का पशुपालन विभाग की ओर से हेल्थ सर्टिफिकेट जारी कर संबंधित बीमा कंपनी को पॉलिसी वितरित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा करीब 200 करोड़ रुपए की लागत से प्रदेश के पशुपालन विभाग के भवनों की मरम्मत व नए भवन निर्माण का कार्य पूरा करने के लिए निर्देशित किया गया। मंत्री श्री कुमावत ने नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत आवेदनों के त्वरित निस्तारण, पशु चिकित्सा महाविद्यालय व डिप्लोमा कोर्स के संचालन को लेकर भी समीक्षा की। मंत्री श्री कुमावत ने लंम्पी, गलघोंटू व लंगड़ा बुखार सहित गौवंश में अन्य मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण की प्रगति के बारे में समीक्षा कर कार्य में और तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक में  पशुपालन विभाग के डायरेक्टर डॉ. आनंद सेजरा मौजूद रहे।

प्रदेश में 3800 करोड़ रुपए के निवेश से फ्रोजन आलू उत्पाद इकाई का प्रस्ताव

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में "उद्योग और रोजगार वर्ष : 2025" औद्योगिक विकास की तीव्र संभावनाओं को साकार करने का वर्ष है। राज्य सरकार के प्रयासों से विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर निवेश प्रस्ताव मिल रहे हैं। निवेशकों को औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए भूमि सहित नीतियों के अंतर्गत सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरूवार को समत्व भवन मुख्यमंत्री निवास में मैकेन फूड्स के रीजनल प्रेसिडेंट श्री पियरे डैनेट एवं प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों से चर्चा कर रहे थे। मैकेन फूड्स के श्री पियरे डैनेट ने बताया कि मध्यप्रदेश में किसानों को कांट्रेक्ट फार्मिंग के माध्यम से स्थायी बाजार बेहतर मूल्य और उन्नत कृषि तकनीक का लाभ दिलवाने के लिए 3800 करोड़ रुपए निवेश का प्रस्ताव दिया गया है। प्रथम चरण में 1800 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा और इस निवेश के फलस्वरूप 6300 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा। वैश्विक कंपनी मैकेन फूड्स भारत में मुख्य रूप से फ्रोजन आलू उत्पादों जैसे फ्रेंच फ्राइज, आलू टिक्की और स्नैक आइटम बनाती है। कनाडा में स्थापित यह कंपनी भारत में वर्ष 2007 से खाद्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। वर्तमान में गुजरात के मेहसाणा में कंपनी किसानों से आलू खरीद कर अत्याधुनिक उत्पादन इकाई के माध्यम से विभिन्न खाद्य उत्पाद निर्मित कर रही है। चर्चा के दौरान प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह और आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. सुदाम खाड़े उपस्थित थे।  

पीडीएस को और बेहतर तथा पारदर्शी बनाने नीतिगत एवं तकनीकी सहायता जरूरी

भोपाल  सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को नीतिगत एवं तकनीकी सहयोग से और अधिक बेहतर तथा पारदर्शी बनाकर देश में सबसे बेहतर खाद्यान वितरण करना हमारा ध्येय होना चाहिये। अपर मुख्य सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्रीमती रश्मि अरुण शमी ने यह बात खाद्य विभाग की दो दिवसीय कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में निजी क्षेत्र की कम्पनियों के प्रतिनिधियों द्वारा दिये गये सुझावों पर भी विचार किया जायेगा। आयुक्त खाद्य श्री कर्मवीर शर्मा ने कहा कि कार्यशाला में हमें विभाग की समस्याओं पर मंथन कर उनका समाधान निकालना है। उन्होंने कहा कि आगे भी इस तरह की कार्यशालाएँ आयोजित की जायेंगी। एमडी नागरिक आपूर्ति श्री अनुराग वर्मा ने भी विचार व्यक्त किये।  कार्यशाला में अधिकारी-कर्मचारियों की कार्य-क्षमता में वृद्धि, नवाचार, चुनौतियों तथा विभागीय नियमों और कार्य-प्रणालियों की जानकारी दी गयी। मुख्य रूप से मिलिंग, भण्डारण, उपार्जन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, ई-ऑफिस, ई-सीआर जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विषय-विशेषज्ञों ने जानकारी दी। आईटीसी एवं जोमेटो कम्पनियों के अधिकारियों ने कार्य-क्षमता व कार्य-कुशलता बढ़ाने के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया। कार्यशाला में खाद्य, नागरिक आपूर्ति निगम और मध्यप्रदेश वेयर-हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए।  

निजी क्षेत्र की सहभागिता से सतत विकास की रफ्तार तेज करेगा मध्यप्रदेश

भोपाल  मध्यप्रदेश राज्य नीति आयोग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री ऋषि गर्ग ने कहा है कि “सतत विकास केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें निजी क्षेत्र, नागरिक समाज और आमजन की साझेदारी अनिवार्य है। उन्होंने ‘विकसित मध्यप्रदेश @2047’ दृष्टिपत्र की रूपरेखा साझा करते हुए बताया कि राज्य सरकार की रणनीति किस प्रकार सतत विकास लक्ष्यों के साथ सुसंगत है। श्री गर्ग "प्राइवेट सेक्टर एंगेजमेंट इन एसीलेरेटिंग एसडीजी इंप्लीमेंटशन इन मध्यप्रदेश" विषय पर गुरूवार को भोपाल में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला मध्यप्रदेश राज्य नीति आयोग और जीआईजेड इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुई। यह कार्यशाला इंडो-जर्मन ग्रीन एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट पार्टनरशिप (जीएसडीपी) परियोजना के अंतर्गत आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों (एडीजीएस) को स्थानीय स्तर पर तेज़ी से लागू करना, निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना और राज्य की विकास योजनाओं को अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से जोड़ना था। जीआईजेड इंडिया की परियोजना प्रमुख सुश्री हेनरीके पाईशर्ट ने इंडो-जर्मन सहयोग की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जीआईजेड राज्य सरकार को योजना निर्माण, क्षमता संवर्धन, सहभागिता और निगरानी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग कर रहा है। उद्घाटन सत्र में यूएनडीपी की रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव सुश्री एंजेला लुसीगी ने वैश्विक एसडीजी प्रगति की स्थिति पर चिंता जताते हुए बताया कि वर्तमान में मात्र 12% लक्ष्य ही ट्रैक पर हैं। उन्होंने भारत और विशेष रूप से मध्यप्रदेश की प्रशंसा की, जहां गरीबी उन्मूलन, स्वच्छ ऊर्जा और जल सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एमपीएसआरएलएम) की सीईओ सुश्री हर्षिका सिंह ने ‘लखपति दीदी’ योजना सहित अन्य नवाचारों की जानकारी दी, जो निजी क्षेत्र के साथ संभावित सहयोग के नए अवसर खोलते हैं, विशेषकर जलवायु-अनुरूप कृषि, वेस्ट मैनेजमेंट और कार्बन क्रेडिट जैसे क्षेत्रों में विशेष उपलब्धि हासिल की है। इस अवसर पर इंडो-जर्मन जीएसडीपी परियोजना का औपचारिक शुभारंभ भी किया गया। नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार श्री राजीब कुमार सेन ने एसडीजी इंडिया इंडेक्स, बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमडीपीआई), और राष्ट्रीय संकेतक फ्रेमवर्क पर विस्तृत जानकारी दी। राज्य पर केंद्रित सत्र में श्री ऋषि गर्ग ने बताया कि ‘विकसित मध्यप्रदेश @2047’ के तहत राज्य की योजना में 22 प्रमुख मिशन और 300 से ज्यादा एक्शन पॉइंट्स शामिल हैं, जिनमें से 200 से अधिक लक्ष्यों को आगामी पांच वर्षों में पूरा किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि पंचायत स्तर पर 22 हजार 519 ग्राम पंचायतों को 9 विषयों पर प्रशिक्षित किया गया है। तकनीकी सत्र में आईआईटी इंदौर के प्रो. मनीष गोयल ने एनडीवीआई आधारित भूमि क्षरण और सूखा जोखिम का अध्ययन प्रस्तुत किया। डॉ. आशीष देसाई (एसपी जैन, मुंबई) ने "प्राफिट टू पर्पज" विषय पर निजी क्षेत्र की भूमिका रेखांकित की और एचयूएल के शक्ति एएमएमए कार्यक्रम, ईएसजी निवेश और वसुधैव कुटुंबकम की प्रशंसा की। प्रिंसिपल आर्किटेक्ट श्री दिवाकर किशोर ने डिजिटल तकनीक, डेटा और विविधता के संयोजन से 70% एसडीजी लक्ष्यों की पूर्ति की संभावना जताई। प्रश्नोत्तर सत्र में प्रतिभागियों ने भूमि क्षरण, निजी निवेश, विज्ञान और सीएसआर फंडिंग पर गहन प्रश्न पूछे, जिनका उत्तर श्री ऋषि गर्ग ने राज्य की प्रतिबद्धताओं के साथ दिया। पैनल चर्चा का संचालन सुश्री हेनरीके पाईशर्ट ने किया। इस चर्चा में ओडिशा, इंडो-जर्मन चेम्बर ऑफ कॉमर्स, यूएनडीपी और एसपी जैन इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च इंस्टीटयूट के विशेषज्ञों ने वित्तीय नवाचार, सार्वजनिक-निजी भागीदारी, ग्रीन स्किलिंग और जोखिम न्यूनीकरण जैसे विषयों पर व्यावहारिक सुझाव साझा किए। अंतिम सत्र “सर्वश्रेष्ठ प्रथाएँ और अनुभव” में मेघालय, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने राज्यों में एसडीजी स्थानीयकरण की चुनौतियों और नवाचारों को साझा किया। जर्मन काउंसिल फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट की सुश्री अन्ना लोटा नागेल ने स्थानीय सतत विकास रिपोर्टिंग पर अपने अनुभव साझा किए। यह कार्यशाला मध्यप्रदेश में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजीएस) को ज़मीन पर उतारने, निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने और राज्य की योजनाओं को अंतरराष्ट्रीय सहयोग से जोड़ने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हुई। इसमें अलग-अलग राज्यों और संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए, जिससे सभी को व्यावहारिक सीख और समाधान मिले। 

AIIMS दिल्ली में लगी आग से हड़कंप, ट्रांसफार्मर विस्फोट के बाद दमकल की 8 गाड़ियां मौके पर

नई दिल्ली  दिल्ली एम्स से ट्रांसफर में भंयकर विस्फोट की खबर सामने आई है। इसके चलते आग लग गई है। आग पर काबू पाने के लिए मौके पर दमकल की आठ गाड़ियां मौजूद हैं। जानाकारी के मुताबिक ये आग एम्स के ट्रामा सेंटर में लगे ट्रांसफार्मर में लगी है। आग बुझाने की कोशिशें जारी हैं। जानकारी के मुताबिक बीसीपी एरिया में मौजूद बिजली के ट्रांसफार्मर में ये आग शाम करीब चार बजे लगी है। आग लगते ही स्थिति को काबू में पाने के लिए दमकल की गाड़ियां पहुंच गईं। इस हादसे में किसी के हताहत होने की कोई खबर सामने नहीं आई है। बताया गया है कि स्थिति नियंत्रण में है। दमकल अधिकारी मनोज मेहलावत ने बताया कि शाम 3.55 पर ट्रांसफार्मर में आग लगने की खबर मिली थी। आग लगने की वजह बढ़ता तापमान सामने आया है। मौके पर पहुंचे तो एम्स की फायर यूनिट आग बुझाने में लगी हुई थी। हमारे साथ आठ यूनिट थीं, सबने मिलकर आग बुझा दी है। इस हादसे में किसी भी मरीज या अन्य शख्स को कोई नुकसान नहीं हुआ है।