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किश्तवाड़ बना जंग का मैदान! दूसरे दिन भी फायरिंग, सुरक्षाबलों का ऑपरेशन जारी

जम्मू जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ लगातार दूसरे दिन भी जारी है। सुरक्षाबलों ने बुधवार से ही इलाके में आतंकियों को घेर रखा है। गुरुवार को एक बार फिर मुठभेड़ शुरू हुई। दोनों तरफ से रुक-रुककर गोलीबारी हो रही है। सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया रिपोर्ट मिलने के बाद बुधवार शाम को किश्तवाड़ जिले के चटरू इलाके में तलाशी अभियान चलाया। जैसे ही सुरक्षाबल छिपे हुए आतंकवादियों के करीब पहुंचे, उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई के बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। भारतीय सेना की नगरोटा स्थित व्हाइटनाइट कोर ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए बताया, “विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर किश्तवाड़ के कंजल मांडू में एक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया जा रहा था। इस दौरान आतंकवादियों की सही जानकारी मिली और मुठभेड़ शुरू हुई।” किश्तवाड़ में मुठभेड़ ऐसे समय हुई है जब अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था पहलगाम और बालटाल स्थित दो आधार शिविरों में पहुंचा। गुरुवार को दूसरा जत्था भी जम्मू के भगवती नगर से अगले पड़ाव के लिए रवाना हुआ। 26 जून को उधमपुर जिले के बसंतगढ़ इलाके में भी मुठभेड़ हुई थी, जिसमें सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया था। पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हमला किया था और 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या की थी। कथित तौर पर पर्यटकों के धर्म पूछकर उन्हें गोली मारी गई थी। इस बर्बर आतंकी हमले से पूरे देश में आक्रोश फैल गया था। हालांकि कुछ दिन में ही भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में छिपे आतंकियों के 9 ठिकानों को ध्वस्त करके पहलगाम हमले का बदला लिया। भारत की कार्रवाई से भड़के पाकिस्तान ने सीमा पार से गोलाबारी और मिसाइलें दागनी शुरू की थीं। इन हमलों को भारत ने अपने मिसाइल डिफेंस सिस्टम की मदद से नाकाम किया था। जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान को बड़ा नुकसान भी पहुंचाया था। भारत ने मुरिदके (लाहौर के पास), बहावलपुर, कोटली और पीओके के मुजफ्फराबाद इलाकों में स्ट्राइक कीं, जिससे पाकिस्तान की सरकार घुटनों पर आई। बाद में सहमति के बाद सीजफायर की घोषणा की गई थी।  

6 जुलाई से शुरू हो जाएगा चातुर्मास, बिलकुल ना करें यह काम

हिंदू धर्म में चातुर्मास को चौमासा भी कहा जाता है. चातुर्मास आषाढ़ी एकादशी के दिन से शुरू होकर कार्तिक माह की प्रबोधनी एकादशी के दिन समाप्त होता है. हिंदू धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व है. इस दौरान सृष्टि के संचालन करने वाले भगवान विष्णु 4 महीने की योग निद्रा में चले जाते हैं उस दौरान सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव संभालते हैं. देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु का शयनकाल शुरू हो जाता है. साल 2025 में देवशयनी एकादशी के दिन चातुर्मास आरंभ हो जाएगा इसके चार माह के बाद भगवान विष्णु प्रबोधिनी एकादशी के दिन जागतें हैं. चातुर्मास की अवधि की भगवान विष्णु का शयनकाल माना जाता है. चातुर्मास में तपस्या, साधना, और धार्मिक कार्य किए जाते हैं. इस दौरान मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. जैसे शादी, विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि. चातुर्मास में सात्विक भोजन, इंद्रिय संयम और आध्यात्मिक गतिविधियों पर जोर दिया जाता है.     एकादशी तिथि की शुरूआत 05 जुलाई को शाम 6.58 मिनट पर होगी.     एकादशी तिथि का अंत 06 जुलाई को रात 9.14 मिनट पर होगा. चातुर्मास 6 जुलाई से शुरू होकर 1 नवंबर, 2025 को देवउठनी एकादशी के दिन समाप्त होगा. इस दिन के से मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं. चातुर्मास के दौरान क्या ना करें?     चातुर्मास माह में तामसिक चीजों का त्याग करें, जैसे मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए.     इस माह में किसी के प्रति ईर्ष्या, लालच, किसी इंसान के प्रति मन में गलत विचार धारण नहीं करने चाहिए.     बड़े बुर्जुगों और महिलाओं का अपमान न करें.     विवाह, सगाई, मुंडन और शुभ कार्य करना वर्जित है. चातुर्मास को दान-पुण्य के लिए भी शुभ माना जाता है. इस दौरान दान करने को अक्षय पुण्य देने वाला कहलाता है. चातुर्मास में आत्मशुद्धि की प्रक्रिया तेज होती है.

दो शिक्षकों की पदस्थापना से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, बच्चों व पालकों में दिखा उत्साह

रायपुर : युक्तियुक्तकरण से बदली तस्वीर : पतरापारा महलोई प्राथमिक शाला में पढ़ाई को मिली रफ्तार राज्य शासन द्वारा प्रारंभ की गई युक्तियुक्तकरण नीति का प्रभाव अब गांव-गांव में नजर आने लगा दो शिक्षकों की पदस्थापना से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, बच्चों व पालकों में दिखा उत्साह रायपुर राज्य शासन द्वारा प्रारंभ की गई युक्तियुक्तकरण नीति का प्रभाव अब गांव-गांव में नजर आने लगा है। रायगढ़ जिले के तमनार विकासखंड अंतर्गत ग्राम पतरापारा महलोई स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में शिक्षकों की नई पदस्थापना से शैक्षणिक वातावरण में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। पहले यह स्कूल एकल शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहा था, लेकिन अब दो शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति के बाद पढ़ाई में नई ऊर्जा और दिशा आई है। विद्यालय में वर्तमान में कक्षा 1 से 5 तक कुल 78 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। पूर्व में एक ही शिक्षक के भरोसे सभी कक्षाओं का संचालन किया जा रहा था, जिससे न केवल शिक्षण की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी, बल्कि विद्यार्थियों को विषय आधारित शिक्षा भी सीमित रूप से मिल पा रही थी। अब दो शिक्षकों की उपस्थिति से समयबद्ध, व्यवस्थित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सुनिश्चित हुआ है। विद्यालय के परिवेश में आए इस सकारात्मक बदलाव से पालकों में भी उत्साह का माहौल है। अपने बच्चे को स्कूल छोड़ने आई श्रीमती प्रमिला परजा ने कहा कि अब उनके बच्चे घर लौटकर स्कूल की पढ़ाई और गतिविधियों के बारे में खुशी से बताते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में उन्हें इस बात की चिंता रहती थी कि एक शिक्षक इतने सारे बच्चों को कैसे सम्हालेंगे, लेकिन अब दो शिक्षकों की नियुक्ति से बच्चों को ध्यानपूर्वक पढ़ाया जा रहा है और वे पढ़ाई में भी अधिक रुचि लेने लगे हैं। राज्य शासन की इस पहल से न केवल बच्चों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिला है, बल्कि ड्रॉपआउट दर में भी गिरावट की उम्मीद जताई जा रही है। शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता से बच्चों की पढ़ाई अब नियमित और व्यवस्थित रूप से हो रही है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सीधा सुधार देखा जा रहा है। युक्तियुक्तकरण योजना के तहत की गई यह पहल ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हो रही है। इससे बच्चों को न केवल उनके गांव में ही बेहतर शिक्षा मिल रही है, बल्कि उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव भी मजबूत हो रही है।  

अब पूरे कपड़ों में कहर ढा रहीं श्वेता तिवारी, मैक्सी ड्रेस पहन विदेश में लूटी महफिल

श्वेता तिवारी अब भले ही टीवी पर कम नजर आती हैं, लेकिन उनका स्टाइल अक्सर ही लाइमलाइट बटोर लेता है। वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं और आए दिन अपनी एक से बढ़कर एक स्टाइलिश तस्वीरें शेयर करके छा जाती है। और, अब पिछले कुछ दिनों से तो श्वेता की मॉरीशस वेकेशन की फोटोज लोगों का ध्यान खींच रही हैं। जिसमें वह बढ़ती उम्र में भी ग्लैमर का तड़का लगा गईं। 44 की उम्र और दो बच्चों की मां बनने के बाद भी श्वेता का स्टाइल किसी जवां लड़की से कम नहीं हैं। वह तो अपने लुक्स से बेटी पलक को भी पीछे छोड़ जाती हैं। वहीं, अब बिकिनी में जलवा बिखेरने के बाद हसीना के पूरे बदन को ढकते कपड़ों में भी ग्लैमरस रूप दिखाया। जिसमें भी उनका जादू सब पर चल गया।  हमेशा ही अपने किलर लुक्स से छाने वाली श्वेता इस बार मैक्सी ड्रेस और क्रॉप टॉप में नजर आईं। जिसमें भी उनका अंदाज कमाल का लगा। जहां वह अपने बेटे के साथ मस्ती करती दिखाई दे रही हैं। जिसका ब्लू टी- शर्ट और प्रिंटेड वाइट शॉर्ट्स में अंदाज क्यूट लगा, तो श्वेता भी वेकेशन वाइब्स देकर छा गईं। ​श्वेता के शानदार लुक की डीटेल्स में बात करें तो उन्होंने वाइट कलर की मैक्सी ड्रेस पहनी है। जिस पर समर वाइब्स को मैच करता प्रिंटेड डिजाइन बनाया, जो काफी कूल लगा। यही नहीं ड्रेस को पूरा स्ट्रैट न रखते हुए फ्रिल वाला पैटर्न दिया, जो स्कर्ट पोर्शन को खूबसूरत दिखा रहा है। जिस पर रेड, ऑरेंज, ग्रीन और येलो कलर से फूल, पत्ती और फ्रूट्स बने हैं। अपनी इस हाफ स्लीव्स ड्रेस को श्वेता ने वाइट क्रॉप टॉप के साथ स्टाइल किया। जिसे शर्ट स्टाइल कॉलर डिजाइन दिया है, तो फ्रंट में पॉकेट्स भी हैं। वहीं, सामने बंधी नॉट ने इसके स्टाइल कोशेंट को बढ़ा दिया। जिसे श्वेता ने बड़े- ही ग्रेस के साथ कैरी किया और बिना किसी एक्स्ट्रा तामझाम वाला उनका ये अंदाज शानदार लगा। जब इस लुक को स्टाइल करने की बारी आई, तो श्वेता ने कुछ भी ओवर करने का ट्राई नहीं किया, लेकिन लाखों का बैग सारी अटेंशन खींच ले गया। दरअसल, उन्होंने Gucci का 3 लाख से भी महंगा बेज कलर का शोल्डर बैग कैरी किया। वहीं, सिल्वर हूप्स, वॉच और काला चश्मा वाला अंदाज भी बढ़िया लगा। जिसे कभी आंखों, तो कभी उन्होंने बालों में लगाया। वहीं, ब्राउन सैंडल भी लुक को कॉम्प्लिमेंट कर गए। ऐसे में श्वेता का स्टाइलिश रूप सिर से लेकर पैर तक एकदम परफेक्ट लगा। आखिर में श्वेता ने अपने काले घने बालों को साइड पार्टीशन के साथ खुला रखा और मेकअप को एकदम न्यूड नेचुरल टच दिया। जिससे उनके फीचर्स एन्हांस हुए और नेचुरल ब्यूटी दिल जीत गई। ऐसे में बिकिनी वाले लुक के अलावा भी मैक्सी ड्रेस में श्वेता का फैशन सेंस गजब का लगा। जिसकी तारीफ तो लोग भी खुलकर कर रहे हैं। श्वेता के लुक को फैंस ने भी खूब पसंद किया और उनकी तारीफ कर रहे हैं। एक ने लिखा, 'आप दुनिया की सबसे सुंदर महिला हैं, जिनका आगे दुनिया का सब कुछ भूल जाता है', तो दूसरे ने कहा, 'ये हमेशा ऐसी दिखती हैं, एक नंबर'। इसी तरह एक अन्य ने लिखा, 'बहुत सुंदर बहन जी।' अब श्वेता का लुक देखने के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि स्टाइल के लिए उम्र मायने नहीं रखती। तभी तो हसीना खुद बढ़ती उम्र के साथ अपने फैशन सेंस को भी बढ़ाती जा रही हैं।

युक्ति युक्तकरण से सुदूरवर्ती गाँव सांचरबहार के शिक्षकविहीन स्कूल को मिला शिक्षक

रायपुर  इस  गाँव में शिक्षा की मशाल जल चुकी है…स्कूल खोलकर यहाँ के विद्यार्थियों को शिक्षा से न सिर्फ जोड़ा जा चुका है..अब वर्षों से शिक्षकविहीन इस विद्यालय में नियमित शिक्षक की नियुक्ति से विद्यार्थियों के साथ गाँव के लोगों में खुशियों का वातावरण है। शिक्षकविहीन की श्रेणी में आने वाले इस विद्यालय में राज्य शासन के फैसलों के बाद अतिशेष शिक्षको के युक्ति युक्तकरण की अपनाई गई प्रक्रिया ने यहाँ ज्ञान की नई रोशनी और उम्मीदों का दीया जला दिया है।        कोरबा ब्लॉक के सुदूरवर्ती ग्राम सांचरबहार ग्राम पंचायत नकिया का आश्रित ग्राम है। इस विद्यालय में वर्षों से नियमित शिक्षक पदस्थ नहीं था। स्कूल खुलने के साथ ही गाँव के लोगों की आस थी कि उनके बच्चे भी सही ढंग से पढ़ाई कर पाएंगे, दुर्भाग्यवश उनकी आस अधूरी ही थी, क्योंकि नियमित शिक्षक नहीं होने का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ता था। अब जब विद्यालय में नियमित शिक्षक की नियुक्ति हुई है, तो गांव में उत्सव जैसा माहौल है।      गाँव में रहने वाली वृद्धा मैसो बाई खुश है कि स्कूल को नियमित शिक्षक मिल गया है अब उनका नाती-नतिनी ठीक से पढ़ाई कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि रिया और आशीष विद्यालय जाते हैं। गाँव की महिला राजकुमारी बाई ने बताया कि उनका बेटा प्रमेन्द्र स्कूल जाता है। पहले आसपास के विद्यालयों से किसी शिक्षक को स्कूल भेजकर काम चलाया जाता था। अब नियमित शिक्षक आ जाने से हम सभी खुश है कि हमारे गाँव के स्कूल और बच्चों की नई पहचान बनेगी और उनकी पढ़ाई भी आसान होगी।       शासन की युक्ति युक्तकरण से इस विद्यालय में नियुक्त सहायक शिक्षक शेखरजीत टंडन ने बताया कि विद्यालय शहर से बहुत दूर है और अभी नई नियुक्ति के साथ ही लेमरू में ठहरने की व्यवस्था कर वहाँ से नियमित विद्यालय आते हैं। उन्होंने बताया कि बारिश में आवागमन थोड़ा चुनौती है, आने वाले समय में रास्ता पक्का हो जाने के साथ ही समस्या दूर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि युक्ति युक्तकरण के काउंसिलिंग प्रक्रिया में उन्होंने इस विद्यालय का चयन किया है। विद्यालय में अभी 11 बच्चे दर्ज है और उन्हें खुशी है कि सुदूरवर्ती गाँव सांचरबहार के विद्यार्थियों का भविष्य गढ़ने का उन्हें अवसर मिला। उन्होंने बताया कि इससे पहले दूरस्थ क्षेत्र श्यांग के स्कूल में भी पदस्थ रहकर अध्यापन कर चुके हैं, अब सांचरबहार के शासकीय प्राथमिक शाला में नियुक्त है।

महिलाएं नौकरी में कैसे करें चुनौती का सामना?

नई दिल्ली एआई के आने से कितनी सहूलियत हो गई है न। हमारे वह काम अब चुटकियों में हो जाते हैं, जिनके लिए पहले हम यहां-वहां भटकते थे। पहले मेले में जाते थे तो एक तसवीर खींचने वाली दुकान मिलती थी। नया जोड़ा हो या पूरा परिवार, झील वाले बैकग्राउंड के सामने बड़े शौक से फोटो खिंचवाकर आता था। अब घर की दीवार के आगे खड़े होकर एक क्लिक करो और बैकग्राउंड आराम से एआई से बना लो। सबको यही लगेगा कि आप कहीं बाहर घूमने गई हैं। पर सोचो तो यह उस तस्वीर खींचने वाले के लिए कितना मायूसी भरा होगा, जो शायद अब राह ताकते अपना सामान समेटकर किसी और धंधे को निकल पड़ा। एआई यहीं तक सीमित नहीं है। इसका दायरा पलक झपकने के साथ बढ़ता दिख रहा है। कभी न्यूज चैनल में एआई एंकर नजर आती है, तो कभी किसी को घर बैठे पता चलता है कि अब उसकी नौकरी नहीं रही क्योंकि कंपनी ने उसके जैसे काम के लिए एक सॉफ्टवेयर टूल बनवा लिया है। कंपनी तो अपना मुनाफा ही देखेगी, कर्मचारियों को कम करने से उसे नुकसान नहीं हो रहा, बल्कि अब तो काम और भी जल्दी हो जा रहा। फर्क उसे पड़ रहा है, जिसकी रोटी पर संकट है। यह चिंता अंतरराष्ट्रीय स्तर की है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन की मानें तो विश्व भर में पुरुषों की तुलना में महिलाओं को एआई से नौकरी जाने का खतरा तीन गुना ज्यादा है। इस शोध को भारत के संदर्भ में समझना भी जरूरी है। कौन है ज्यादा प्रभावित सबसे पहला सवाल यही है कि एआई सबसे ज्यादा किस तरह की नौकरियों पर खतरा बना बैठा है। रिपोर्ट की मानें तो एंट्री लेवल की नौकरियों को एआई की वजह से सबसे ज्यादा खतरा है। पहले जिस काम को करने में ज्यादा वक्त और ज्यादा लोगों की जरूरत पड़ती थी, वही काम अब एआई की मदद से कम समय और कम लोगों से पूरा हो जाता है। इस तरह के काम में कैशियर, टाइपिस्ट, डाटा एंट्री, ट्रांसलेटर, कंटेंट राइटर जैसी नौकरियां आती हैं। इनमें कई लोगों को घर बैठे भी काम मिल रहा है। घरेलू महिलाएं ज्यादातर ऐसी नौकरियां पसंद करती हैं ताकि परिवार और बच्चों की जिम्मेदारियां संभालते हुए वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बन सकें। इस स्तर पर देखा जाए तो भारत में भी महिलाएं एआई की वजह से प्रभावित हो सकती हैं। यूं करें अपस्किलिंग आपको अपने क्षेत्र को समझने की जरूरत है कि उसमें किस तरह के बदलाव आ रहे हैं। यह काम आपको समय रहते करना होगा तकि आप आगे के लिए खुद को तैयार कर सकें। इसके लिए आप कई तरह के ऑनलाइन कोर्स कर सकती हैं या फिर अपने क्षेत्र में इंटर्नशिप का लाभ उठा सकती हैं। साथ ही ऐसे क्षेत्रों पर गौर करें जो एआई की पकड़ से दूर हैं। अपस्किलिंग के साथ ही आपको अपनी नेटवर्किंग पर भी ध्यान देना होगा क्योंकि किसी भी उद्योग में बने रहने में नेटवर्किंग की अहम भूमिका होती है। हर बदलाव के लिए तैयारी जरूरी बदलाव तो प्रकृति का नियम है। हम हमेशा एक तरह से नहीं रह सकते। बदलाव आएगा तो उसे स्वीकारना भी होगा। इस बाबत लोग कहते हैं कि नब्बे के दशक में जब कंप्यूटर लाया जा रहा था, तब भी एक तरह के डर का माहौल था। लोग चर्चा करते थे कि कंप्यूटर आएगा तो नौकरियों पर खतरा मंडराएगा। पर, आज इतने साल बाद इस मुद्दे पर बात करें तो हम महसूस करेंगे कि कंप्यूटर को लेकर उस वक्त की हमारी राय गलत थी। उस वक्त जैसा सोचा गया, उसका उल्टा हुआ। ऐसा ही कुछ इस नए बदलाव के साथ है। अपको बस इसमें ढलना सीखना होगा। एक बात तय है, मशीन या एआई इंसान के काम में उसकी मदद कर सकते हैं, उसकी जगह नहीं ले सकते। आपको बस खुद को उद्योग के हिसाब से ढालते रहने की जरूरत है। अपनी अपस्किलिंग पर काम करें। हर दौर में आपकी नौकरी सुरक्षित रहेगी। हमें डरना नहीं है करिअर काउंसलर कहते हैं, 'भारत की बात करें तो यहां आज भी ज्यादातर महिलाएं केयर गिविंग सेक्टर में हैं जैसे नर्सिंग, चिकित्सा, टीचर, केयर टेकर, कुक, फैशन, ब्यूटी वगैरह। ऐसे में ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां एआई दखल नहीं दे सकेगा। हां, जिस वर्ग को खतरा है, वहां जेंडर गैप भी बड़ा है। एंट्री लेवल की ही बात करें तो यहां केवल 33 प्रतिशत कार्यरत्त हैं। ऊंचे पदों पर पहुंचने वाली महिलाओं का प्रतिशत भी कम हो जाता है। अगर ऐसे क्षेत्रों में ध्यान दिया जाए जहां आप लंबी पारी खेल सकती हैं, तो खतरे से बची रहेंगी।'  

उत्तर प्रदेश : हापुड़ में भयानक सड़क हादसा, एक ही बाइक पर सवार 5 की मौत

हापुड़ उत्तर प्रदेश के हापुड़ में बाइक सवार लोगों को अज्ञात वाहन ने जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में बाइक सवार सभी लोगों की मौत हो गई, इनमें चार बच्चे भी थे। बता दें, ये सभी बाइक सवार स्विमिंग करके वापस लौट रहे थे, तभी ये हादसा हुआ। हादसे के बाद परिवार में कोहराम मच गया। यह हादसा थाना हाफिजपुर क्षेत्र के नेशनल हाईवे पर हुआ। हादसे के बाद सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने अस्पताल पहुंचकर घटना के बारे में जानकारी ली। हादसे में मरने वालों को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल भेज दिया है। बता दें, घटना के तुरंत बाद मृतकों को निजी अस्पताल में ले जाया गया था। अब पुलिस अधिकारियों ने इस घटना के बारे में जानकारी लेने के बाद सभी मृतकों को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल में भेज दिया है। मृतकों की पहचान दानिश (उम्र 36, महिरा (उम्र 6 वर्ष), समायरा (उम्र 5 वर्ष, पुत्री दानिश), समर (उम्र 8 वर्ष), और माहिम (उम्र 8 वर्ष) के रूप में हुई है। ये पांचों एक ही बाइक से गुलावठी के गांव मिठ्ठेपुर गए थे। पांचों ने बाग स्थित स्वीमिंग पुल में स्नान किया और रात करीब साढ़े दस बजे वापस लौट रहे थे तभी हाफिजपुर थाना क्षेत्र में एक कैंटर ने बाइक में टक्कर मार दी। हादसा इतना भयानक था कि बाइक पर सवार सभी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। हाफिजपुर के एसएचओ आशीष पुंडीर ने बाइक चला रहे दानिश के नशे में होने की आशंका जताई है। पुलिस के मुताबिक इसी वजह से वह बाइक को नियंत्रित नहीं कर पाया। हालांकि इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगी। मौके पर पुलिस अधिकारियों की टीम मामले की जांच में जुटी हुई है।  

लड़की की आंत में फंसी मॉइस्चराइजर की बोतल, डॉक्टर ने सिग्मॉइडोस्कोपी प्रक्रिया से बोतल निकाल कर बचाई आंत

नई दिल्ली  यौन जिज्ञासा के कारण 27 साल की युवती ने बोतल को निजी अंग में डाला था, जो प्राइवेट पार्ट में फंस गई। जिसके बाद निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने बिना सर्जरी किए सिग्मॉइडोस्कोपी की मदद से युवती की आंत में फंसी मॉइस्चराइजर की बोतल निकाली। इससे पहले युवती पेट में दर्द और दो दिनों से शौच न होने की समस्या से परेशान रही। युवती ने बोतल अपनी प्राइवेट पार्ट में डाली जिसके बाद उसे निजी अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया। पूछताछ करने पर युवती ने बताया कि उसने यौन सुख की चाह में दो दिन पहले एक मॉइस्चराइजर की बोतल अपनी प्राइवेट पार्ट में डाली थी। वहीं इसके बाद डॉक्टरों ने बोतल निकालने की कोशिश की लेकिन असफल रहे। इसके बाद युवती के पेट का एक्स-रे किया गया, जिसमें बोतल प्राइवेट पार्ट के ऊपरी हिस्से में फंसी हुई दिखाई दी। युवती की गंभीर हालत और आंत फटने की आशंका को देखते हुए उसे तुरंत रात में सर्जरी के लिए ले जाया गया। जल्दी ठीक होने में मिली मदद बता दें कि सिग्मॉइडोस्कोपी की मदद से बोतल को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया। इस प्रक्रिया से पेट या आंत को नहीं काटना पड़ा, जिससे मरीज को कम दर्द और जल्दी ठीक होने में मदद मिली। हालांकि पूरी बोतल को सुरक्षित निकाल लिया गया। वहीं मरीज की हालत में सुधार होने पर उसे अगले दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस मामले में डॉक्टर ने बताया कि ऐसे मामलों में समय बर्बाद किए बिना प्रक्रिया करना जरूरी होता है। इससे आंत फटने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि एंडोस्कोपी, सिग्मॉइडोस्कोपी और लैप्रोस्कोपी जैसी मिनिमल इनवेसिव तकनीकों से इनका इलाज सुरक्षित रूप से किया जा सकता है जबकि अन्य डॉक्टर ने बताया कि अक्सर ऐसे मरीज अकेलापन महसूस करते हैं और इलाज के दौरान इस पहलू का भी ध्यान रखना चाहिए। ऐसे मरीज यदि मनोरोग से ग्रसित हैं तो उनकी काउंसलिंग की जा सकती है।  सिग्मॉइडोस्कोपी की मदद से बोतल को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया। इस प्रक्रिया से पेट या आंत को नहीं काटना पड़ा। पूरी बोतल को सुरक्षित निकाल लिया गया और मरीज की हालत में सुधार होने पर उसे अगले दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। सर्जरी टीम में डॉ. तरुण मित्तल, डॉ. आशीष डे, डॉ. अनमोल आहूजा, डॉ. श्रेयष मंगलिक और एनेस्थेटिस्ट डॉ. प्रशांत अग्रवाल शामिल थे। डॉ. अनमोल आहूजा ने कहा कि ऐसे मामलों में समय बर्बाद किए बिना प्रक्रिया करना जरूरी होता है। इससे आंत फटने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि एंडोस्कोपी, सिग्मॉइडोस्कोपी और लैप्रोस्कोपी जैसी मिनिमल इनवेसिव तकनीकों से इनका इलाज सुरक्षित रूप से किया जा सकता है। डॉ. तरुण मित्तल ने बताया कि अक्सर ऐसे मरीज अकेलापन महसूस करते हैं, और उपचार के दौरान इस पहलू का भी ध्यान रखना चाहिए। ऐसे मरीज यदि मनोरोग से ग्रसित हैं तो उनकी काउंसलिंग की जा सकती है। 

36 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का एक और जत्था आज जम्मू से घाटी के लिए रवाना हुआ

जम्मू 36 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का एक और जत्था गुरुवार को जम्मू से घाटी के लिए रवाना हुआ। दूसरे जत्थे में 5246 तीर्थयात्री शामिल हैं, जिन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच जम्मू के कैनाल रोड स्थित भगवती नगर से घाटी के लिए भेजा गया। अधिकारियों ने बताया कि इन तीर्थयात्रियों में से 1993 यात्री बालटाल बेस कैंप जा रहे हैं, जबकि 3253 पहलगाम बेस कैंप जा रहे हैं। तीर्थयात्री ‘बम बम भोले’ और ‘हर हर महादेव’ के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़े। बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए तीर्थयात्रियों में उत्साह दिखा। उन्होंने सरकार की ओर से मुहैया कराई गई सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्थाओं की तारीफ की। तीर्थयात्रियों ने भारतीय सेना पर पूरा भरोसा जताया। श्रद्धालुओं ने कहा कि सेना के जवानों ने हमें बहुत अच्छे से भगवती नगर तक पहुंचाया। केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर सरकार की ओर से जो सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, वो बहुत अच्छी हैं। दूसरे जत्थे में कुछ ऐसे भी तीर्थयात्री हैं, जो पहली बार अमरनाथ यात्रा पर जा रहे हैं। उन्होंने भी सुरक्षा के साथ यहां की सुविधाओं की तारीफ की। श्रद्धालुओं ने कहा कि वो बहुत खुश हैं, सरकार ने अच्छी व्यवस्थाएं की हैं। एक श्रद्धालु ने कहा कि वो 2019 से लगातार अमरनाथ यात्रा के लिए यहां आता है। इस बार बहुत अच्छा लग रहा है। सरकार ने अच्छी व्यवस्था की है। एक महिला ने सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां की व्यवस्थाओं को देखकर बहुत खुशी हुई। एक श्रद्धालु ने कहा, “जब संवेदनशील समय था, जब आतंकवादी हमले होते थे, उस समय भी भक्त इस यात्रा के लिए आते थे। अब बिल्कुल निर्भय होकर यहां श्रद्धालु आ रहे हैं।” एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, “पहले और अब की यात्रा में जमीन-आसमान का फर्क है। यहां दो-तीन गुना अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती है। पहले के मुकाबले चार गुना सुख-सुविधाएं यहां देखने को मिल रही हैं।” श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वो सिर्फ सुरक्षा काफिले के साथ ही जम्मू से घाटी की ओर यात्रा करें और अकेले न निकलें। अमरनाथ यात्रा 36 दिनों तक चलेगी और इस बार इसका समापन 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के दिन होगा।  

Team India का बांग्लादेश दौरा टलने की कगार पर, BCB रीशेड्यूलिंग को तैयार

नई दिल्ली टीम इंडिया का अगस्त में होने वाला बांग्लादेश दौरा रीशेड्यूल होने की कगार पर पहुंच चुका है। इसके पीछे का कारण है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई को अभी भारत सरकार से बांग्लादेश दौरे पर जाने की अनुमति नहीं मिली है। इस बीच बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीबी ने भी इस दौरे के रीशेड्यूल होने का हिंट दे दिया है। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के एक अधिकारी ने बुधवार 2 जुलाई को न्यूज एजेंसी एएफपी को इस शेड्यूल को लेकर जानकारी दी थी। इस सीरीज के तहत 3 वनडे और इतने ही टी20 मैच खेले जाने थे, जिसकी शुरुआथ 17 अगस्त से ढाका में होने थी। हालांकि, बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) की मीडिया समिति के अध्यक्ष इफ्तिखार रहमान ने एएफपी को बताया कि बीसीसीआई ने उन्हें सूचित किया है कि दौरे में देरी हो सकती है। बीसीसीआई ने इस दौरे को लेकर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। रहमान ने बिना कोई विस्तृत जानकारी दिए कहा, "यह दौरा एफटीपी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के फ्यूचर टूर्स प्रोग्राम) का हिस्सा है, इसलिए इसे कैंसल करना कोई विकल्प नहीं है, लेकिन इसे आपसी सहमति से किसी समय पर रीशेड्यूल किया जा सकता है।" अगस्त 2024 में बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विद्रोह के बाद तत्कालीन प्रधान मंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के बाद ढाका और नई दिल्ली के बीच हाल ही में राजनयिक तनाव के बाद यह अनिश्चितता है। हालांकि, बांग्लादेश की टीम ने पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में भारत का दौरा किया था। दो टेस्ट और 3 टी20 मैचों की सीरीज बांग्लादेश ने खेली थी। फिर देर से नजर आएंगे विराट-रोहित? अगर भारतीय टीम का बांग्लादेश दौरा टला तो फिर विराट कोहली और रोहित शर्मा की इंटरनेशनल क्रिकेट में मौजूदगी देर से नजर आएगी। विराट और रोहित टी20 के बाद टेस्ट से भी रिटायरमेंट ले चुके हैं। ऐसे में अगर वनडे सीरीज रीशेड्यूल होगी तो इन दोनों की वापसी भी देर से होगी।