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ड्रोन से मिलेगा जवाब! पाकिस्तान को घेरने की नई योजना पर काम शुरू

नई दिल्ली  भारत सरकार ने ड्रोन निर्माण को बढ़ावा देने के लिए नया बड़ा कदम उठाया है। पाकिस्तान को लेकर बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के बीच, सरकार ने लगभग 1,950 करोड़ रुपए (234 मिलियन डॉलर) की नई योजना शुरू करने का फैसला किया है। इस योजना का उद्देश्य देश में नागरिक और सैन्य ड्रोन बनाने वाली कंपनियों को सहायता देना है, ताकि चीन और तुर्की से मदद पा रहे पाकिस्तान के ड्रोन प्रोग्राम का मुकाबला किया जा सके। ड्रोन रेस में भारत-पाकिस्तान मई में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक सीमा विवाद हुआ था, जिसमें दोनों देशों ने बड़े पैमाने पर ड्रोन का इस्तेमाल किया था। इस घटना ने यह साफ कर दिया कि ड्रोन अब आधुनिक युद्ध का अहम हिस्सा बन गए हैं। ऐसे में भारत ने अपनी ड्रोन निर्माण क्षमता को बढ़ाने की ठानी है। योजना का मकसद इस योजना के तहत अगले तीन सालों में ड्रोन, उसके पुर्जे, सॉफ्टवेयर, एंटी-ड्रोन सिस्टम और इससे जुड़ी सेवाओं का निर्माण बढ़ाने के लिए कंपनियों को इंसेंटिव दिया जाएगा। यह योजना पहले से चल रही 120 करोड़ रुपए की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव योजना से बड़ी और व्यापक है। पहले वाली योजना को ज्यादा सफलता नहीं मिली थी, क्योंकि स्टार्टअप्स को फंडिंग और रिसर्च में दिक्कतें आ रही थीं। 2028 तक ड्रोन पुर्जों का स्थानीय निर्माण सरकार चाहती है कि वित्त वर्ष 2027-28 तक कम से कम 40% महत्वपूर्ण ड्रोन पुर्जे भारत में ही बने। फिलहाल भारत कई ड्रोन पुर्जे, जैसे मोटर, सेंसर और कैमरा सिस्टम चीन से आयात करता है। इस नई योजना से इन पुर्जों का देश में निर्माण बढ़ेगा। रक्षा सचिव का बयान रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि सीमा संघर्ष के दौरान दोनों देशों ने ड्रोन और आत्मघाती ड्रोन का इस्तेमाल किया। इससे यह सीख मिली कि हमें स्वदेशी ड्रोन निर्माण को तेजी से बढ़ाना होगा ताकि मजबूत और सक्षम मिलिट्री ड्रोन इंडस्ट्री तैयार हो सके। ड्रोन आयात पर रोक, पुर्जों पर नहीं भारत ने ड्रोन के आयात पर रोक लगा दी है, लेकिन उसके पुर्जों को विदेशों से मंगवाया जा सकता है। अब सरकार उन कंपनियों को और लाभ देगी जो पुर्जे भारत से खरीदेंगी। साथ ही, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक कंपनियों को सस्ते लोन और रिसर्च फंडिंग उपलब्ध कराएगा। ड्रोन कंपनियों को फायदा इस समय भारत में 600 से ज्यादा कंपनियां ड्रोन या उससे जुड़े उत्पाद बना रही हैं। इस नई योजना से इन कंपनियों को काफी फायदा होगा और वे मजबूत बनेंगी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अगले 12-24 महीनों में ड्रोन क्षेत्र में लगभग 3,900 करोड़ रुपए खर्च कर सकता है।  

सरकारी तोहफा: पेंशन योजना में बड़ा बदलाव, लाखों कर्मचारियों को मिलेगा लाभ

नई दिल्ली केंद्र सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों के लिए पेश की गई एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) में भी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) जैसे कर लाभ मिलेंगे। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए पारदर्शी, लचीले और कर-कुशल विकल्पों के माध्यम से सेवानिवृत्ति सुरक्षा को मजबूत करने के सरकार के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण कदम है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि एनपीएस के तहत उपलब्ध कर लाभ यूपीएस पर भी लागू होंगे, क्योंकि यह एनपीएस के तहत एक विकल्प है। ये प्रविधान मौजूदा एनपीएस संरचना के साथ समानता सुनिश्चित करते हैं और यूपीएस का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों को महत्वपूर्ण कर राहत व प्रोत्साहन प्रदान करते हैं।   एनपीएस के तहत एक विकल्प के रूप में यूपीएस वित्त मंत्रालय ने 24 जनवरी 2025 को यूपीएस को एनपीएस के तहत एक विकल्प के रूप में पेश किया। यह एक अप्रैल, 2025 से केंद्रीय सरकारी सिविल सेवा में भर्ती होने वाले कर्मचारियों के लिए लागू होगी। यूपीएस को लागू करने के लिए पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने गत 19 मार्च को एक नियमावली जारी की थी। यूपीएस उन केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगी, जो एनपीएस में शामिल हैं और इस विकल्प को चुनते हैं। करीब 23 लाख सरकारी कर्मचारी यूपीएस का विकल्प चुन सकते हैं। हाल ही में सरकार ने कर्मचारियों को यूपीएस का विकल्प चुनने की समयसीमा को तीन महीने के लिए बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दिया था।  

BCCI का बड़ा बयान: सुरक्षा कारणों से रद्द हो सकता है आगामी विदेशी दौरा

नई दिल्ली भारतीय टीम का बांग्लादेश का आगामी दौरा स्थगित होने की संभावना है, क्योंकि बीसीसीआई देश में सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंतित है। पिछले साल राजनीतिक अस्थिरता के बाद बांग्लादेश के हालात तनावपूर्ण हैं जिसके कारण शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार को हटा दिया गया था। भारत को 17 से 31 अगस्त तक चटगांव और ढाका में तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय और तीन वनडे मैच खेलने थे। बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया कि बीसीसीआई जाहिर तौर पर राजनीतिक अस्थिरता और प्रदर्शनों के बाद बांग्लादेश में सुरक्षा स्थिति को लेकर सतर्क है। हालांकि, यह सीरीज रद्द नहीं हुई है, लेकिन यह बाद की तारीख में 2026 में आयोजित की जाएगी क्योंकि विश्व कप क्वालीफिकेशन के लिए वनडे चैंपियनशिप अंक इससे जुड़े हैं।   बीसीसीआई है गंभीर समझा जाता है कि बीसीसीआई चाहता है कि बांग्लादेश में आम चुनाव होने के बाद ही दौरा आगे बढ़े तथा कानून-व्यवस्था का ख्याल रखने के लिए वहां एक स्थिर सरकार हो। बांग्लादेश में चुनाव अगले साल के शुरुआत से पहले होने की उम्मीद नहीं है। अंतरिम सरकार है बांग्लादेश में बता दें कि अभी बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार है। पिछले साल अगस्त में नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन के बाद हसीना को सत्ता से हटा दिया गया था जिसके बाद यूनुस ने सत्ता संभाली थी।  

सेना का खुलासा: ऑपरेशन सिंदूर रोकने का फैसला रणनीतिक मास्टर स्ट्रोक था

नई दिल्ली  पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। भारत ने पाक की ओर से किए गए कायराना हमलों का भी मुंहतोड़ जवाब दिया था।   बीते मई के महीने में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालत बन गए थे। जंग में अपनी हालत पतली होती देख पाकिस्तान भारत के सामने सीजफायर के लिए गुहार लगाने लगा था, जिसके बाद भारत ने सीजफायर समझौते को मंजूरी दे दी थी। अब हाल ही में भारतीय सेना ने भारत के इस कदम को मास्टर स्ट्रोक बताया है। भारत के डिप्टी आर्मी चीफ राहुल आर सिंह ने भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर को सटीक सैन्य कार्रवाई बताते हुए कहा कि भारत ने सभी कार्रवाइयोंं को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया। लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा आयोजित ‘न्यू एज मिलिट्री टेक्नोलॉजीज’ कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। डिप्टी चीफ ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने से लेकर खत्म करने तक के फैसले को एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा बताया। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा, "हमने बिल्कुल आखिरी घड़ी में फैसला लिया कि किन नौ निशानों पर हमला किया जाएगा।" समझदारी भरा कदम इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्रवाई में जानबूझकर सेना, वायु सेना और नौसेना तीनों को शामिल किया गया ताकि यह संदेश दिया जा सके कि हम एक हैं।" उन्होंने कहा, “भारत ने 21 टारगेट को फाइनल किया था, जिनमें से नौ लक्ष्यों पर हमला करना हमारे लिए समझदारी भरा कदम था।” उन्होंने कहा कि टारगेट का चयन करने के लिए तकनीक की भी मदद ली गई थी। क्यों रोकी गई कार्रवाई? डिप्टी चीफ ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर को रोकने का फैसला मास्टर स्ट्रोक था। उन्होंने कहा, "यह तय किया गया था कि जब भी हमला हो, हमें उनसे आगे रहना है। हालांकि यह भी योजना थी कि अपने लक्ष्यों को पूरा करने के बाद हम इस जंग को रोकने की कोशिश करेंगे।" उन्होंने आगे कहा, "युद्ध शुरू करना आसान है, लेकिन इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए मैं कहूंगा कि सही समय पर इस संघर्ष को रोकना एक शानदार योजना थी।"  

एजबेस्टन टेस्ट मैच में दूसरे सत्र का खेल हुआ समाप्त, भारत को नहीं मिली कोई विकेट

एजबेस्टन  एजबेस्टन टेस्ट मैच में भारत ने इंग्लैंड पर दबदबा बना लिया है। शुभमन गिल के दोहरे शतक की बदौलत टीम इंडिया ने पहली पारी में 587 रन बनाए। इसके जबाव में इंग्लैंड ने तीन विकेट गंवाकर 77 रन बना लिए हैं। तीसरे दिन का खेल बेहद रोमांचक होने वाला है। दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन का खेल समाप्त हो गया है। दूसरा दिन भारत के नाम रहा। पहले 587 रन बनाने के बाद इंग्लैंड के 3 अहम विकेट भी भारत ने चटका दिए। हालांकि, दिन का खेल समाप्त होने तक हैरी ब्रूक और जो रूट के बीच अर्धशतकीय साझेदारी पूरी हो गई। तीसरे दिन का खेल भारतीय गेंदबाजों के ऊपर निर्भर करेगा। वहीं, इंग्लैंड की टीम की उ्म्मीदें ब्रूक और रूट पर निर्भर करेंगी। दूसरे दिन के आखिरी सत्र में आकाश दीप ने अपने दूसरे ही ओवर में लगातार दो गेंदों पर पहले बन डकेट और फिर ऑली पोप को पवेलियन का रास्ता दिखाया और फिर सिराज ने जैक क्रॉली को पवेलियन लौटाया। तीनों ही बल्लेबाज स्लिप में लपके गए। हालांकि, दूसरा दिन भारतीय कप्तान शुभमन गिल के नाम रहा जिन्होंने 269 रनों की पारी खेलते हुए कई रिकॉर्ड ध्वस्त किए। भारत को चाहिए विकेट टी ब्रेक हो गया है। भारत को दूसरे सत्र में भी कोई विकेट नहीं मिला। हैरी ब्रूक और जेमी स्मिथ के बीच 271 रन की साझेदारी हो चुकी है। इंग्लैंड ने 355 रन बना लिए हैं। वह अभी 232 रन पीछे है। भारत को गेम में वापसी करने के लिए विकेट की तलाश है। 

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने की जनसुनवाई

भोपाल  राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर एवं आयोग के सदस्य श्री भुवन भूषण कमल ने शुक्रवार को प्रदेश की पिछड़ा वर्ग सूची में सम्मिलित 32 जातियों को मध्यप्रदेश राज्य की केन्द्रीय सूची में सम्मिलित करने के लिए राजकीय अतिथि गृह (वीआईपी गेस्ट हाउस) भोपाल में जनसुनवाई की। जिसमें इन जातियों के प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश राज्य की पिछड़ा वर्ग की केन्द्रीय सूची में सम्मिलित होने के लिये अपना पक्ष प्रस्तुत किया। सचिव राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने बताया कि वर्तमान स्थिति में केन्द्रीय पिछड़ा वर्ग की केन्द्रीय सूची में मध्यप्रदेश राज्य के लिए 68 जातियां सम्मिलित हैं। जबकि मध्यप्रदेश शासन की सामाजिक तथा शैक्षणिक रूप से पिछड़ी जाति की सूची में 94 जाति/उपजाति/वर्ग समूह सम्मिलित हैं। ज्ञातब्य है कि मध्यप्रदेश शासन, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकीय विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद से इन 32 जाति/उपजाति/वर्ग समूह के सामाजिक, शैक्षणिक एवं सेवा में पिछड़ेपन के आंकड़े एकत्रित करने के लिए सर्वे कार्य कराया गया है। फील्ड सर्वे के उपरांत मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा इन जातियों के आकड़े शासन को प्रस्तुत किए गये है। इन आंकड़ों का अध्ययन करने के लिये जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया, सदस्य श्री सीताराम यादव, विभागीय प्रमुख सचिव डॉ. ई. रमेश कुमार, अपर सचिव श्री अनुराग चौधरी, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण आयुक्त श्री सौरभ सुमन मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सचिव डॉ. देवेश कुमार मिश्रा सम्मिलित रहें।  

विद्यार्थी समाज एवं राष्ट्र के पुनउर्त्थान के लिये पढ़ाई करें : मंत्री सारंग

भोपाल  खेल एवं युवा कल्याण मंत्री और हरदा जिले के प्रभारी मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा है कि विद्यार्थी समाज एवं राष्ट्र के पुनउर्त्थान के लिये अध्ययन करें। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में अनेक विकास कार्य किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि यह बड़ी प्रसन्नता की बात है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष लेपटॉप प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है। यह हमारी बेहतर शिक्षा और व्यवस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर मध्यप्रदेश को स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाना है। मंत्री श्री सारंग शुक्रवार को हरदा जिले के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में आयोजित जिला स्तरीय लेपटॉप वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। हरदा जिले के 652 विद्यार्थियों के खाते में लेपटॉप की राशि अंतरित की गई। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश निरन्तर विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य देश को विश्व में बेहतर बना सकते हैं। विद्यार्थी पढ़ाई कर देश के विकास में योगदान दें। उन्होंने कहा कि पढ़ाई केवल पैसा कमाने, घर एवं कॅरियर बनाने के लिये नहीं बल्कि देश और समाज के पुनउर्त्थान के लिये करें। मंत्री श्री सारंग ने जिला स्तरीय कार्यक्रम में प्रतीक स्वरूप जिले के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों से चर्चा भी की। कार्यक्रम में विधायक डॉ. रामकिशोर दोगने, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री गजेन्द्र शाह, उपाध्यक्ष श्री दर्शन सिंह गेहलोत, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती भारती राजू कमेड़िया, उपाध्यक्ष नगर पालिका हरदा श्री अंशुल गोयल, जिला अध्यक्ष श्री राजेश वर्मा, पूर्व कृषि मंत्री श्री कमल पटेल, पूर्व विधायक श्री संजय शाह और बाल अधिकार आयोग सदस्य श्री अनुराग पाण्डे उपस्थित थे। हरदा एवं टिमरनी के इंडोर स्टेडियम का किया लोकार्पण मंत्री श्री सारंग ने कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा निर्मित हरदा एवं टिमरनी के इंडोर स्टेडियम का लोकार्पण भी किया। प्रत्येक इंडोर स्टेडियम की लागत 1.69 करोड़ रूपये है। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि इन इंडोर स्टेडियम से खिलाड़ियों को बेडमिंटन, टेबल टेनिस, बास्केटबॉल, जिम, जिम्नास्टिक जैसी सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि स्टेडियम से खिलाड़ी अपनी प्रतिभा को निखार कर क्षेत्र का गौरव बढ़ा सकेंगे। इस अवसर पर मंत्री श्री सारंग ने नगर पालिका द्वारा क्रय की गई टोईंग वेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस वेन की कीमत 29.44 लाख रूपये है। उन्होंने कहा कि इस वेन के माध्यम से हरदा शहर की यातायात व्यवस्था सुचारू हो सकेगी। मंत्री श्री सारंग ने जिले के प्रवास के दौरान प्राचीन श्री गंजालेश्वर महादेव मंदिर में पूजन-अर्चन कर आशीर्वाद भी प्राप्त किया। उन्होंने मंदिर प्रांगण में पौधरोपण कर हरियाली संवर्धन का संकल्प भी दिलवाया।

जन अभियान परिषद, शासन प्रशासन का मजबूत स्तंभ: उप मुख्यमंत्री शुक्ल

भोपाल  उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में हर क्षेत्र में प्रदेश विकास की ओर आगे बढे रहा है। सरकार के इस अभियान को जन भागीदारी ने सशक्त किया है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि जन अभियान परिषद शासन प्रशासन का मजबूत स्तंभ है। जन अभियान परिषद केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में महती भूमिका निभाता है। उप मुख्यमंत्री एवं शहडोल जिले के प्रभारी श्री शुक्ल शहडोल के शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में जन अभियान परिषद के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि जन अभियान परिषद के स्थापना दिवस के अवसर एक दिन में 51 हजार पौधो का रोपण करना यह सराहनीय कार्य है। उन्होंने “एक पेड़ मॉ के नाम” अभियान में रूद्राक्ष के पौधे का रोपण किया। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने जल गंगा संवर्धन अभियान सहित अन्य कार्यक्रमों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जन अभियान परिषद की सुश्री संजनी तिवारी, सुश्री प्रेमवती कोल, सुश्री साक्षी पाण्डेय, सुश्री प्रगति सिंह सहित अन्य सदस्यों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। "एक पेड़ मॉ के नाम" अभियान में विधायक श्रीमती मनीषा सिंह, श्री जयसिंह मरावी, श्री शरद कोल, कलेक्टर डॉ. केदार सिंह, पुलिस अधीक्षक श्रीरामजी श्रीवास्तव सहित जन अभियान परिषद के सदस्यो व समाजसेवियों जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। 

अवध ओझा का आरोप: विरोधी के समर्थन में प्रधानमंत्री तक को झुकना पड़ा

नई दिल्ली मशहूर कोचिंग टीचर और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अवध ओझा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी हार को लेकर कहा है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके विरोधी (रविंद्र सिंह नेगी) के पैर छू लिए थे। ओझा ने कोचिंग क्लास में पटपड़गंज सीट पर हुए मुकाबले का जिक्र किया और कहा कि उन्होंने इस दौरान बहुत मेहनत की। मशहूर शिक्षक ने कहा कि प्रधानमंत्री चाहते थे कि वह किसी तरह सदन में ना जाएं और इसके लिए उन्होंने नेगी के पैर छू लिए। अवध ओझा ने यह भी कहा कि यदि प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया होता तो वह जीत जाते। अवध ओझा ने कहा, 'मुझे हराने के लिए इस देश के प्रधानमंत्री को मेरे विरोधी का पैर छूना पड़ा था। देख लेना वीडियो। अगर वह पैर नहीं छूते ना तो मैं नहीं हारता। मुझे हराने के लिए… इस देश के प्रधानमंत्री को…।' ओझा ने कहा कि उन्होंने चुनाव में बहुत मेहनत की। सुबह, शाम, दिन-रात, क्या झुग्गी, क्या बाजार, क्या घर, क्या लोग हर आदमी से मिलता था। सिर्फ चार घंटे सोते थे। 2 से 6। अवध ओझा ने कहा कि लड़ने वाले का ही नाम होता है। उन्होंने कहा, 'मुझसे एक साहब ने कहा कि मास्टर साहब हार गए। मैंने कहा कि तुम्हारे पापा प्रधानी लड़े हैं। इतिहास में दो ही आदमी का नाम है, अकबर और महराणा प्रताप क्योंकि दोनों लड़ रहे थे।' आप नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नहीं चाहते थे कि वह जीतकर सदन पहुंचें क्योंकि वह वहां बवाल काटते। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम की इज्जत की दुहाई देकर भाजपा ने वोट मांगा और लोगों को मन बदल गया। उन्होंने कहा, 'मेरे विरोधी का तीन बार पैर छुआ प्रधानमंत्री ने कि यह आदमी सदन में नहीं जाना चाहिए। वहां पहुंच गया तो बहुत बवाल काटेगा। इतना चिल्लाएगा यह। मैं दूसरे दिन जब लोगों से मिला तो विश्वास हो गया कि इनका मन बदल गया कि प्रधानमंत्री की इज्जत का सवाल है। उनकी पार्टी के लोग घर-घर जाकर कहने लगे कि उन्होंने इज्जत दांव पर लगा दी।' उन्होंने हल्के अंदाज में कहा कि वह तभी जीत सकते थे जब अमेरिका का राष्ट्रपति उनका तीन बार पैर छू लेता और इतनी तैयारी उन्होंने कर नहीं रखी थी। उन्होंने नेगी को मजबूत उम्मीदवार बताया। क्यों छुआ था पीएम ने पैर दरअसल इस साल फरवरी में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा के दौरान मंच पर पटपड़गंज सीट से भाजपा के उम्मीदवार रविंद्र सिंह नेगी उर्फ रवि नेगी के पैर छू लिए थे। दरअसल, पहले नेगी ने पीएम के पैर छू लिए थे, जिसके बाद पीएम मोदी ने पलटकर उनके भी पैर छू लिए। पीएम पहले भी कई मौकों पर इस तरह दूसरों के पैर छूते देखे गए हैं। वह दूसरों को अपना चरणस्पर्श करने से रोकते हुए दिखते हैं। चुनाव में रवि नेगी ने अवध ओझा को 28 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया था।  

MP में रेत माफिया बेखौफ! नायब तहसीलदार को कुचलने की कोशिश से मचा हड़कंप

मैहर  सतना जिले के मैहर तहसील अंतर्गत रामनगर विकासखंड के कुबरी गांव में शुक्रवार को रेत माफिया (Sand Mafia) की दुस्साहसी हरकत सामने आई। नायब तहसीलदार रोशन रावत पर उस समय जानलेवा हमला किया गया जब वे अवैध रेत परिवहन कर रहे एक ट्रैक्टर को रोककर पूछताछ कर रहे थे। चालक ने अचानक ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की, लेकिन रावत सतर्कता दिखाते हुए कूदकर अपनी जान बचाने में सफल रहे।   अधिकारी पर वाहन चढ़ाने की कोशिश जानकारी के अनुसार, नायब तहसीलदार रोशन रावत को कुबरी गांव में अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश मिला था। वे अपने स्टाफ के साथ गांव की ओर जा रहे थे, तभी रास्ते में बालू से लदा एक ट्रैक्टर संदिग्ध अवस्था में आता दिखाई दिया। उन्होंने ट्रैक्टर रुकवाया और पूछताछ शुरू की, तभी ट्रैक्टर चालक रविंद्र और उसके सहयोगी नेपाली ने उन पर वाहन चढ़ाने की कोशिश की। गनीमत रही कि रावत समय रहते दूसरी दिशा में कूद गए और एक बड़ी दुर्घटना टल गई। घटना के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रैक्टर-ट्रॉली को जब्त कर लिया गया। मामले में आरोपियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा, जानलेवा हमला और अवैध खनन के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है। अवैध रेत खनन का गढ़ बना कुबरी गांव स्थानीय लोगों का कहना है कि मर्यादपुर चौकी क्षेत्र का कुबरी गांव लंबे समय से अवैध रेत खनन का गढ़ बना हुआ है। यहां से प्रतिदिन ट्रैक्टर और ट्रकों के माध्यम से बड़े पैमाने पर बालू का अवैध परिवहन होता है। घटना की सूचना जैसे ही सोशल मीडिया के माध्यम से फैली, अन्य माफिया वाहन चालक सतर्क हो गए। कई ट्रैक्टर चालकों ने सडक़ पर बालू गिराकर वाहन सहित भागने की कोशिश की। इनमें से एक वाहन को पकड़ लिया गया है और उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जा रही है। घटना से प्रशासनिक अमले में हलचल इस पूरी घटना ने प्रशासनिक अमले को झकझोर कर रख दिया है। अधिकारी वर्ग अब रेत माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं, प्रशासन ने भी इस पर गंभीर रुख अपनाते हुए पूरे नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है। रामनगर एसडीएम आरती सिंह ने कहा कि हमने पुलिस को सूचना दे दी है। संबंधित व्यक्ति की पहचान होने के उपरांत उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई की जा रहीं है।