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हिंदी माध्यम में प्रथम स्थान पर 2 लाख, द्वितीय पर 1 लाख 50 हजार, तृतीय पर 1 लाख रुपए और चतुर्थ स्थान पर 50 हजार रुपए का पुरस्कार

भाषाई बंधन से प्रतिभा नहीं होगी बाधित, चिकित्सा शिक्षा में हिंदी छात्रों को विशेष प्रोत्साहन : उप मुख्यमंत्री शुक्ल हिंदी में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट: उप मुख्यमंत्री शुक्ल हिंदी माध्यम में प्रथम स्थान पर 2 लाख, द्वितीय पर 1 लाख 50 हजार, तृतीय पर 1 लाख रुपए और चतुर्थ स्थान पर 50 हजार रुपए का पुरस्कार भोपाल  उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा में भाषाई बंधन से प्रतिभा को बाधित नहीं होने देने के लिए मातृभाषा में उच्च शिक्षा के कई कोर्स के संचालन की व्यवस्था की है। प्रदेश में मातृभाषा हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई सफलतापूर्वक संचालित हो रही है। मध्यप्रदेश सरकार ने चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए हिंदी माध्यम से अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए विशेष प्रोत्साहन की व्यवस्था की है। यह योजना इसी दिशा में एक अतिरिक्त प्रेरणा प्रदान करने का कार्य करेगी। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सर्वसमावेशी शिक्षा के विजन और गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प से प्रेरित है। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बना, जहाँ हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई। वर्तमान में प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों में हिंदी माध्यम की पुस्तकें प्रथम वर्ष से लेकर अंतिम वर्ष तक पूरी संख्या में उपलब्ध हैं, जिससे हजारों छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। उपमुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि यह योजना केवल परीक्षा उत्तीर्ण करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह उन विद्यार्थियों के लिए सम्मान और स्वाभिमान की पहचान है जो हिंदी माध्यम में दक्ष हैं और चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करना चाहते हैं। इस पहल से प्रदेश के ग्रामीण, अर्ध-शहरी एवं हिंदीभाषी क्षेत्रों के विद्यार्थियों को अपनी क्षमता सिद्ध करने का नया मंच प्राप्त होगा। मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा प्रदेश के सभी संबद्ध मेडिकल एवं डेंटल कॉलेजों को हिंदी माध्यम में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। कॉलेज ऐसे विद्यार्थियों की सूची विश्वविद्यालय को भेजेंगे जो स्वेच्छा से हिंदी में परीक्षा देना चाहते हैं। कक्षाओं और प्रायोगिक सत्रों में उपयुक्त व्यवस्था के साथ हिंदी के परीक्षकों की अनुशंसा की जाएगी। हिंदी माध्यम को और अधिक सशक्त बनाने के लिये शिक्षकों को भी विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे वे विद्यार्थियों के साथ सुगमता से संवाद कर सकें और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकें। आवश्यकता पड़ने पर विद्यार्थियों के लिए समाधान कक्षाएं भी आयोजित की जाएंगी। योजना के तहत हिंदी में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, हिंदी माध्यम में अध्ययन कर विश्वविद्यालय स्तर पर मेरिट प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को नकद पुरस्कार भी दिए जाएंगे। एमबीबीएस या बीडीएस डिग्री पाठ्यक्रम में हिंदी माध्यम से प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र को 2 लाख रुपए का पुरस्कार मिलेगा, द्वितीय स्थान पर 1 लाख 50 हजार रुपए, तृतीय स्थान पर 1 लाख रुपए तथा चतुर्थ स्थान पर 50 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। इसी प्रकार प्रत्येक वर्ष या प्रोफेशन में विश्वविद्यालय स्तर पर प्रथम से चतुर्थ स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को क्रमशः 1 लाख रुपए, 75 हजार रुपए, 50 हजार रुपए और 25 हजार रुपए की राशि से सम्मानित किया जाएगा।  

उत्तर प्रदेश में अब नक्शा पास कराने की झंझट खत्म, घर के साथ आसानी से खोलिए दुकान

लखनऊ  उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी निर्माण को लेकर बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है। अब अगर आप मकान बना रहे हैं और उसके साथ दुकान भी खोलना चाहते हैं, तो नक्शा पास कराने की झंझट नहीं होगी। साथ ही छोटे भूखंडों पर निर्माण के लिए नक्शा पास कराना अब अनिवार्य नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश के शहरी इलाकों के लिए नई भवन निर्माण उपविधियां और आदर्श जोनिंग रेगुलेशन-2025 लागू करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत अब बड़े शहरों में 24 मीटर और छोटे शहरों में 18 मीटर चौड़ी सड़कों पर आवासीय भवनों के साथ दुकानें बनाने की छूट दी जाएगी। मकान में ही बना सकेंगे दुकान नई व्यवस्था के तहत अब विकास प्राधिकरणों में नक्शा पास कराने के लिए लंबी प्रक्रियाओं और पैसों की वसूली पर भी लगाम लगाने की कोशिश की गई है. सरकार ने 100 वर्ग मीटर तक के आवासीय और 30 वर्ग मीटर तक के व्यावसायिक प्लॉट पर नक्शा पास कराने की बाध्यता खत्म कर दी है. इन भूखंडों पर लोग सिर्फ विकास प्राधिकरण में रजिस्ट्रेशन कराकर निर्माण करा सकेंगे. यूपी सरकार ने पुराने नियमों को बदलते हुए ‘उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उपविधियां और आदर्श जोनिंग रेगुलेशन्स-2025’ लागू करने का फैसला किया है. अब बड़ी आबादी वाले शहरों में 24 मीटर और कम आबादी वाले शहरों में 18 मीटर चौड़ी सड़क पर मकान के साथ दुकान बनाने की अनुमति होगी. बिल्डिंग बनाने का नियम भी आसान सरकार ने बिल्डिंग बनाने के नियम भी आसान कर दिए हैं. 45 मीटर चौड़ी सड़कों पर ऊंची इमारतें बनाने पर अब कोई एफएआर यानी फ्लोर एरिया रेशियो की सीमा नहीं होगी. वहीं, छोटे प्लॉट्स के लिए भी एफएआर बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा ग्रीन रेटेड भवनों को अतिरिक्त एफएआर का फायदा दिया जाएगा. अब 18 मीटर चौड़ी सड़कों पर शॉपिंग मॉल बनाने की भी इजाजत दी गई है. वहीं, 3000 वर्ग मीटर से बड़े भूखंड पर ही अस्पताल और शॉपिंग मॉल बन सकेंगे. छोटे भूखंडों पर डॉक्टर्स, आर्किटेक्ट्स, वकीलों जैसे प्रोफेशनल्स को अपने घर का 25 फीसदी हिस्सा दफ्तर के तौर पर इस्तेमाल करने की छूट मिलेगी, जिसके लिए नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होगी. पार्किंग के लिए नई व्यवस्था पार्किंग को लेकर भी नई व्यवस्था की गई है. 4000 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों पर अलग से पार्किंग ब्लॉक बनाना होगा, पोडियम और मेकेनाइज्ड ट्रिपल स्टैक पार्किंग की भी अनुमति दी गई है. इसके अलावा अस्पतालों में एंबुलेंस पार्किंग और स्कूलों में बस पार्किंग और पिक-एंड-ड्रॉप ज़ोन बनाने के भी नए प्रावधान किए गए हैं. सरकार का दावा है कि इन बदलावों से शहरी विकास को नई रफ्तार मिलेगी और आम लोगों को राहत भी. सरकार ने नक्शा पास कराने की बाध्यता भी काफी हद तक खत्म कर दी है। अब 100 वर्ग मीटर तक के आवासीय और 30 वर्ग मीटर तक के व्यावसायिक भूखंडों पर बिना नक्शा पास कराए निर्माण किया जा सकेगा। केवल विकास प्राधिकरण में पंजीकरण कराना जरूरी होगा। इससे आम लोगों को न केवल राहत मिलेगी बल्कि भ्रष्टाचार और फर्जी वसूली पर भी लगाम लगेगी। इतना ही नहीं, जिन क्षेत्रों में ले-आउट पहले से स्वीकृत है, वहां 500 वर्ग मीटर के आवासीय और 200 वर्ग मीटर के व्यावसायिक भूखंडों के लिए नक्शा ऑनलाइन दाखिल करने के बाद उसे “ट्रस्ट बेस्ड अप्रूवल” माना जाएगा। यानी संबंधित व्यक्ति की जिम्मेदारी पर नक्शा स्वतः स्वीकृत माना जाएगा, जिससे प्रक्रिया और आसान हो जाएगी। इस नई व्यवस्था से शहरों में मिश्रित भूमि उपयोग (मल्टी यूज जोन) को बढ़ावा मिलेगा। आम नागरिक अब सरल तरीके से घर और व्यवसाय एक साथ शुरू कर सकेंगे। सरकार का मानना है कि यह कदम शहरी विकास को गति देगा और छोटे निवेशकों को भी प्रोत्साहित करेगा।  

उद्यानकी फसल उगाने वाले कृषक अपने खेत के चारो ओर गेलनवाईज जाली लगवा सकते, ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित

जानवरों से फसल की सुरक्षा के लिये खेत पर जाली लगाने का आधा खर्च सरकार वहन करेगी फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए खेतों पर जाली लगाने का आधा खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी उद्यानकी फसल उगाने वाले कृषक अपने खेत के चारो ओर गेलनवाईज जाली लगवा सकते, ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित  भोपाल  फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए खेतों पर जाली लगाने का आधा खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी। अब राष्ट्रीय बागवानी एकीकृत विकास कार्यक्रम के तहत उद्यानकी फसल उगाने वाले कृषक अपने खेत के चारो ओर गेलनवाईज जाली लगवा सकते है। उद्यानकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा इच्छुक किसानों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गए हैं। आयुक्त उद्यानकी के अनुसार उद्यानकी फसलों में सब्जी, फल, फूल एवं मसालों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा क्षति पहुंचाई जाती है इससे बचाव के लिये यह योजना लागू की गई है। विभाग द्वारा किसानों को जाली लगाने में आने वाला खर्च का आधा (50 प्रतिशत) अनुदान प्रदान किया जाएगा। जाली लगाने का खर्चा 300 रुपये प्रति रनिंग मीटर आता है यानि एक हजार रनिंग मीटर का खर्चा तीन लाख रुपये है इसमें डेढ़ लाख रुपये राज्य सरकार देगी तथा शेष डेढ़ लाख रूपये किसान वहन करेगा।  

राजीव कुमार टंडन होंगे मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष

भोपाल  राज्य शासन द्वारा मानव अधिकार आयोग के सदस्य राजीव कुमार टंडन को अपने पद के साथ आगामी आदेश तक मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष के रूप में प्राधिकृत किया गया है। राज्य शासन द्वारा 4 जुलाई 2025 शुक्रवार को आदेश जारी कर दिये गये हैं।

मल्लीगुड़ा और जराटी स्टेशनों के बीच हुए भूस्खलन ने किरंदुल-विशाखापत्तनम रेल लाइन ठप

जगदलपुर ओडिशा के कोरापुट जिले के पास मल्लीगुड़ा और जराटी स्टेशनों के बीच हुए भूस्खलन ने किरंदुल-विशाखापत्तनम रेल लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही को ठप कर दिया है. बुधवार से ही जगदलपुर से चलने वाली यात्री और मालगाड़ियां प्लेटफॉर्म पर ही खड़ी हैं. भूस्खलन की वजह से पटरी पर पड़े मलबे को हटाने के लिए रेलवे करीब 300 श्रमिकों और 13 आधुनिक मशीनों की मदद से लगातार काम में जुटा है. वाल्टेयर मंडल के डीआरएम ललित बोहरा और रायगड़ा मंडल के डीआरएम अमिताभ सिंघल मौके पर निगरानी कर रहे हैं. दो दिन से जारी इस अभियान में बारिश के कारण दिक्कतें आ रही हैं, जिससे काम की रफ्तार धीमी पड़ गई है. बताया गया है कि पहाड़ी से एक बड़ा बोल्डर और मलबा खिसककर सीधे ट्रैक पर आ गिरा है, जिससे पटरी पूरी तरह जाम हो गई. सुरक्षा को देखते हुए रेलवे ने एहतियातन 10 यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया है. साथ ही जगदलपुर से पुरी जाने वाली रथयात्रा स्पेशल ट्रेन को अब कोरापुट से रवाना किया जाएगा. रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि यात्रा से पहले संबंधित हेल्पलाइन या वेबसाइट से अपडेट जरूर लें. वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक के. संदीप ने कहा है कि स्थिति की नियमित निगरानी हो रही है, लेकिन सेवा कब तक शुरू होगी इसका स्पष्ट अनुमान अभी नहीं दिया जा सकता. रद्द की गई प्रमुख ट्रेनें     राउरकेला-जगदलपुर इंटरसिटी     जगदलपुर-राउरकेला इंटरसिटी     जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस     विशाखापत्तनम-किरंदुल पैसेंजर     किरंदुल-विशाखापत्तनम पैसेंजर     हावड़ा-जगदलपुर समलेश्वरी     जगदलपुर-हावड़ा समलेश्वरी     विशाखापत्तनम-किरंदुल एक्सप्रेस     किरंदुल-विशाखापत्तनम एक्सप्रेस     जगदलपुर-पुरी रथयात्रा स्पेशल भूस्खलन की वजह से हो चुके हैं हादसे किरंदुल से विशाखापत्तनम तक फैली यह रेल लाइन पहाड़ी और घाटी इलाकों से होकर गुजरती है. यही वजह है कि यहां बारिश के मौसम में भूस्खलन की घटनाएं आम हैं. रूट पर हुए हादसे –     जनवरी 2017 कुनेरू स्टेशन पर हादसा, हीराखंड एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त, 39 यात्रियों की जान गई, 50 लोग घायल हुए थे.     अक्टूबर 2017 चिमीड़िपल्ली के पास चट्टान गिरने से ट्रैक महीनों बंद रहा.     अगस्त 2022 शिखरपाई के पास बोल्डर गिरने से ट्रेनों की रफ्तार थमी.     सितंबर 2023 मनाबर-जरा टी खंड में मलबा आने से संचालन रोकना पड़ा. 17 दिन बाद बहल हुआ मार्ग.     1967 में जापानी तकनीक से बनी इस KK लाइन पर अब तक दर्जनभर बार भूस्खलन की घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे हर बार रेलवे सेवा बाधित हुई है.     2 जुलाई 2025 वर्तमान मल्लीगुड़ा-जरती खंड में भूस्खलन ने फिर ट्रैक बंद करवा दिया. आज तीसरा दिन है. अभी भी स्पष्ट नहीं कि कब बहाल होगा मार्ग.  

ओबैदुल्लाह ख़ान गोल्ड कप की विरासत को बचाने के लिए आगे आए असलम शेर ख़ान, की भावुक अपील

नई दिल्ली भारतीय हॉकी के स्वर्णिम अतीत में कुछ टूर्नामेंट केवल खेल आयोजन नहीं थे, बल्कि सांस्कृतिक एकता और सामाजिक समरसता के प्रतीक थे। ओबैदुल्लाह ख़ान गोल्ड कप ऐसा ही एक टूर्नामेंट था, जिसकी शुरुआत 1931 में भोपाल के नवाब की पहल पर हुई थी। यह टूर्नामेंट न केवल भारतीय हॉकी का गौरव था, बल्कि गंगा-जमुनी तहज़ीब का ज़िंदा उदाहरण भी। लेकिन आज, यह गौरवशाली आयोजन खामोशी से इतिहास के अंधेरों में खो गया है। इस चुप्पी को असलम शेर ख़ान जैसे दिग्गज खिलाड़ी ने तोड़ा है।  ओलंपियन और भारतीय हॉकी के गौरव असलम शेर ख़ान ने एक भावुक अपील करते हुए ओबैदुल्लाह ख़ान गोल्ड कप को पुनर्जीवित करने की मुहिम शुरू की है। उन्होंने कहा, “मैंने भारत के लिए हॉकी के मैदान पर लड़ाई लड़ी है। लेकिन आज मैं एक और ज़्यादा निजी लड़ाई लड़ रहा हूँ — हमारी हॉकी विरासत को बचाने की लड़ाई।” असलम शेर ख़ान का यह बयान न सिर्फ एक टूर्नामेंट के लिए चिंता है, बल्कि एक पूरे युग के लिए शोकगीत भी है। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि जिन्हें इस टूर्नामेंट का संरक्षक होना चाहिए था, वही आज इसकी अनदेखी कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह टूर्नामेंट सिर्फ हॉकी नहीं था, यह उस साझी विरासत का प्रतीक था जो धर्म, जाति और भाषा की सीमाओं से परे था। ओबैदुल्लाह ख़ान गोल्ड कप में भोपाल की गलियों से निकले दर्जनों खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व करते थे। ऐशबाग स्टेडियम में हज़ारों की भीड़, गूंजते नारे, और जश्न के वे पल — सबकुछ अब एक बीते हुए कल की तरह लगने लगा है। लेकिन असलम शेर ख़ान इस बीते हुए कल को फिर से वर्तमान में लाना चाहते हैं। उन्होंने अपील की है कि खेलप्रेमी, पूर्व खिलाड़ी, और आम नागरिक एकजुट होकर इस टूर्नामेंट को दोबारा शुरू करें — सरकार के इंतज़ार के बिना। उन्होंने कहा, “अगर इस खेल ने कभी आपके दिल को छुआ है — तो आज मेरे साथ खड़े हों। आइए ओबैदुल्लाह ख़ान गोल्ड कप को वापस लाएं।” उनकी इस पहल का उद्देश्य केवल एक टूर्नामेंट को दोबारा शुरू करना नहीं, बल्कि एक पूरी खेल परंपरा को फिर से जीवंत करना है। उनका मानना है कि जब तक इस टूर्नामेंट की वापसी नहीं होती, तब तक भोपाल की हॉकी विरासत अधूरी है। असलम शेर ख़ान का यह कदम सिर्फ अतीत की ओर देखना नहीं, बल्कि भविष्य को दिशा देना है। यह एक आह्वान है — उस विरासत को बचाने का, जो पीढ़ियों को जोड़ती थी, प्रेरणा देती थी और भारत की आत्मा में एकता का संचार करती थी।  

मौलवियत की पढ़ाई करने वाली इस लड़की से मौलाना 3 तक करता रहा रेप ! मेरठ का ये मामला चौंका देगा, 3 बार गर्भपात

 मेरठ  उत्तर प्रदेश के मेरठ से हैवानियत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मदरसा छात्रा को मौलाना ने अपनी हैवानियत का शिकार बनाया। छात्रा के साथ वह तीन साल से दुराचार करता रहा। इस बीच छात्रा तीन बार प्रेग्नेंट हो गई। पत्नी के साथ मिलकर मौलाना ने छात्रा का गर्भपात कराया। बच्ची जब शिकायत करने लगी तो उसके बाल काट दिए। उसे पागल करार दे दिया। लोगों को उसकी बात पर भरोसा न करने के लिए मनाया। छात्रा ने जब घर लौटने की बात कही तो मामला बिगड़ गया। इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ है। पुलिस आरोपी मौलाना के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई में जुट गई है। अब जानिए पूरा मामला जानकारी मिली है कि यह पूरा मामला मेरठ के लोहिया नगर थाना क्षेत्र के एक मदरसे का है. यहां बिहार की रहने वाली 22 वर्षीय एक युवती ने पुलिस को शिकायत कर बताया कि 3 साल से एक मौलाना उसके साथ रेप कर रहा था. मौलाना की पत्नी भी उसका साथ देती थी. विरोध करने पर उसे पीटा जाता था. युवती का आरोप है कि उसको बंधक भी बनाया गया और जब वह गर्भवती हो गई तो उसका गर्भपात भी करा दिया गया था. पुलिस ने युवती की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आरोपी मौलाना को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने क्या बताया? इस मामले में मेरठ के एसपी (सिटी) आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि 'थाना लोहिया नगर पुलिस को एक युवती द्वारा तहरीर दी गई थी जिसमें एक मौलाना पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस द्वारा तुरंत कार्रवाई करते हुए मौलाना को गिरफ्तार कर लिया गया है. महिला की तहरीर पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. महिला के बयान भी कराए गए हैं जिसमें उसने मौलाना पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मौलाना से पूछताछ की जा रही है. मौलाना और युवती आपस में रिश्तेदार हैं, जो भी आरोप हैं, उनकी जांच की जा रही है. इसमें शुरुआती पूछताछ में अभी प्रेम प्रसंग का मामला सामने आ रहा है. जो भी तथ्य इसमें सामने आएंगे उसके अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.' मेरठ जिले के लोहियानगर क्षेत्र स्थित एक मदरसे से इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। बिहार से मौलवियत की पढ़ाई करने आई 22 वर्षीय छात्रा के साथ वहां के मौलाना ने तीन साल तक लगातार दुष्कर्म किया। पीड़िता ने थाने पहुंचकर पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। वहीं, मौलाना की हैवानियत की दास्तां से हर कोई हैरान रह गया। तीन बार करवाया गर्भपात छात्रा का आरोप है कि मौलाना ने उसे कई बार बंधक बनाकर उसकी अस्मिता से खिलवाड़ किया। इस दौरान वह तीन बार गर्भवती हुई। लेकिन, मौलाना ने अपनी पत्नी की मदद से हर बार उसका गर्भपात करा दिया। पीड़िता का कहना है कि विरोध करने पर उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। छात्रा को बता दिया पागल पीड़िता जब इस पीड़ा की जानकारी पड़ोसियों को देने की कोशिश करती, तो उसे पागल करार दे दिया जाता। इतना ही नहीं, उसे डराने और चुप कराने के लिए आरोपियों ने उसके बाल भी काट दिए। आखिरकार, जब छात्रा ने 9 जुलाई को ट्रेन से अपने घर लौटने का निर्णय लिया। टिकट बुक कराई तो मौलाना भड़क उठा और उसके खिलाफ हिंसक हो गया। पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना गुरुवार को मौलाना ने छात्रा को एक बार फिर बंधक बना लिया और उसके साथ मारपीट कर दुष्कर्म किया। पीड़िता के चीखने-चिल्लाने पर पड़ोसी मौके पर पहुंचे। लड़की को मौलाना के चंगुल से आजाद कराया। इसके बाद पीड़िता पड़ोसियों के साथ थाने पहुंची। उसने पुलिस को घटना की जानकारी दी। मामला पुलिस में पहुंचने के बाद मौलाना फरार हो गया। लोहियानगर थाना पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर मौलाना की तलाश में जुट गई है। एसएचओ लोहिया नगर ने बताया कि पीड़िता के बयान दर्ज करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कैम्पर गाड़ी में सवार बदमाशों ने स्कॉर्पियो को मारी टक्कर फिर युवक को जमकर पीटा

बीकानेर जयनारायण व्यास कॉलोनी थाना क्षेत्र में उस वक्त सनसनी फैल गई जब एक युवक पर दिनदहाड़े फिल्मी स्टाइल में हमला कर दिया गया। पंचशती सर्कल और जेएनवी कॉलोनी गोल सर्कल के बीच स्कॉर्पियो में सवार युवक को जान-बूझकर टक्कर मारने के बाद हमलावरों ने गाड़ी से बाहर खींचकर लाठी-डंडों से जमकर पीटा। जानकारी के अनुसार हमलावर कैम्पर गाड़ी में सवार थे और उन्होंने पहले स्कॉर्पियो को टक्कर मारी फिर युवक को बाहर निकालकर सड़क पर पटक दिया। इस हमले में पास का एक बिजली पोल भी क्षतिग्रस्त हो गया। हमले का वीडियो मौके पर मौजूद लोगों ने रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। घायल युवक की पहचान विकास के रूप में हुई है, जिसे पीबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के अनुसार हमले की वजह रुपयों के लेन-देन का पुराना विवाद बताया जा रहा है। आरोपी शिवलाल कस्वां और गांधी कस्वां समेत अन्य के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियो के आधार पर हमलावरों की तलाश में जुटी है।

‘कांटा लगा’ के डायरेक्टर्स का बड़ा फैसला, कभी नहीं बनाएंगे सीक्वल

मुंबई टीवी और म्यूजिक इंडस्ट्री की मशहूर डांसर और एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला के असामयिक निधन से पूरा मनोरंजन जगत शोक में डूबा हुआ है। महज 42 वर्ष की उम्र में कार्डियक अरेस्ट के कारण उनका निधन हो गया। शेफाली जरीवाला को साल 2002 में आए सुपरहिट म्यूजिक वीडियो ‘कांटा लगा’ के जरिए रातों रात लोकप्रियता मिली थी। वहीं, अब ‘कांटा लगा’ के निर्देशक राधिका राव और विनय सप्रू ने शेफाली को याद करते हुए एक भावुक पोस्ट की। डायरेक्टर्स राधिका राव और विनय सप्रू ने इंस्टाग्राम पर शेफाली को अंतिम श्रद्धांजलि देते हुए लिखा- "कल प्रार्थना सभा थी… आखिरी अलविदा… हमारी पहली फोटोशूट की यादें… ‘कांटा लगा’ का सीडी इनले कार्ड।" उन्होंने आगे लिखा:-"तुम हमेशा चाहती थीं कि तुम ही एकमात्र 'कांटा लगा' गर्ल रहो। इसी वजह से हमने कभी इसका सीक्वल नहीं बनाया और अब कभी बनाएंगे भी नहीं। हम 'कांटा लगा' को हमेशा के लिए रिटायर कर रहे हैं। यह गाना सिर्फ तुम्हारा था और हमेशा तुम्हारा ही रहेगा… शैफाली… ओम् शांति।" कैसे हुई थी शेफाली की खोज? डायरेक्टर विनय सप्रू ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें शेफाली जरीवाला एक संयोगवश मिली थीं। वह और राधिका मुंबई के बांद्रा स्थित लिंकिंग रोड से गुजर रहे थे, जब उन्होंने एक स्कूटर पर अपनी मां को गले लगाए एक युवती को देखा। “राधिका ने उसे देखकर कहा कि उसमें कुछ खास है। हमने गाड़ी रोकी और उससे पूछा कि क्या वो हमारे ऑफिस आना चाहेगी। वहीं से हमारी जर्नी शुरू हुई।” उस छोटी सी मुलाकात ने शेफाली जरीवाला की किस्मत बदल दी, और कांटा लगा के ज़रिए उन्हें वो पहचान मिली जो आज तक याद की जाती है। कांटा लगा की सफलता के बाद शेफाली ने 2004 में सलमान खान और अक्षय कुमार की फिल्म मुझसे शादी करोगी में भी काम किया। इसके अलावा उन्होंने नच बलिए सीज़न 5 और 7 में अपने पति पराग त्यागी के साथ भाग लिया और डांस के जरिए खूब तारीफें बटोरीं।हालांकि, स्वास्थ्य समस्याओं के चलते उन्होंने कई बड़े प्रोजेक्ट्स से दूरी बना ली थी।

लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम में आयोजित आम महोत्सव 2025 का मुख्यमंत्री योगी ने किया शुभारंभ

लखनऊ लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम में तीन दिवसीय आम महोत्सव का शुभारंभ आज से हो गया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महोत्सव का शुभारंभ किया। इस महोत्सव में आम की 800 प्रजातियों को देखने और चखने का अवसर लोगों को मिलेगा। इस मौके पर सीएम योगी ने हरी झंडी दिखाकर आम के कंटेनर लंदन और दुबई के लिए रवाना किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजन के अनुरूप हमारा किसान आज कृषि की उन्नत तकनीकों को अपना कर लाभ कमा रहा है। आम महोत्सव सिर्फ महोत्सव नहीं है। यह तकनीक के विकास का माध्यम बन रहा है। डबल इंजन की सरकार ने चार पैक हाउस बनाए हैं। इससे निर्यात बढ़ रहा है। औद्यानिक फसलों से जुड़े बागवान को एक्सपोर्ट के लिए प्रशिक्षित करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का आम विदेश भेजा जा रहा है। भविष्य में इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी। उत्तर प्रदेश में 25 से 30 फीसदी जीडीपी कृषि की है। इसे बढ़ा रहे हैं। विकसित भारत की संकल्पना आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में जल परियोजनाएं आई। जल की समस्या का समाधान हुआ है। वहां पैदावार बढ़ी है। बहुफसली खेती हो रही है। आलू के बाद मक्का की खेती हो रही है। एक एकड़ मक्का में एक लाख का मुनाफा हो रहा है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित कर रहे हैं। सभी मिलकर खेती और अन्नदाता को आगे बढ़ा रहे हैं। मेडिसिन प्लांट भी लग रहे हैं। इससे आर्थिक समृद्धि आएगी। उन्हांने कहा कि  हमें ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। औद्यानिक विशेषज्ञों को मदद के लिए तैयार रहना होगा। इस मौके पर उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि हमें आम प्रसंस्करण की यूनिट बढ़ाने की जरूरत है जिससे कि पूरे साल प्रदेश के लोगों को आम मिल सके। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में 61 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन हो रहा है। प्रदेश के सभी जिलों की जलवायु के अनुसार वहां आम की पौध उपलब्ध कराई जा रही है जिससे हर जिले में उत्पादक बनें। इसके लिए 28 करोड़ पौधे नर्सरी से बंटवाए गए हैं। प्रदेश में कृषि और उद्यान के लिए क्षेत्रफल लगातार घट रहा है इसलिए उद्यान विभाग की कोशिश है कि ऐसी फसल उपजाई जाए जिसमें कम क्षेत्रफल में अधिक मूल्य मिल सकें। उन्होंने कहा कि जितने क्षेत्रफल में गेहूं 38000 का होता है उतने क्षेत्रफल में 15 लाख की शिमला मिर्च तैयार होती है। उद्यान मंत्री ने बताया कि किसानों के उत्पादों को दुनिया के बाजार में कम लागत में पहुंचाने के लिए जेवर एयरपोर्ट तैयार किया जा रहा है। जेवर एयरपोर्ट के पास इंटीग्रेडेट टेस्टिंग एवं ट्रीटमेंट पार्क का भी निर्माण किया जा रहा है, जिसके माध्यम से दुनिया के बाजार के अनुरूप प्रदेश के किसानों के उत्पादों को तैयार किया जाएगा।