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प्रधानमंत्री मोदी ने शून्य-बैलेंस खातों ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की नींव रखी इसका फायदा सीधे गरीबों के खातों में पहुंचा :CM यादव

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह पर तंज कसा। अपनी टिप्पणी में डॉ. यादव ने कहा कि शून्य-बैलेंस खाता (zero balance account) क्या होता है, देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ये भी नहीं जानते थे। बकौल डॉ. मोहन यादव, वह (मनमोहन सिंह) आरबीआई के गवर्नर और वित्त मंत्री भी रहे, बहुत बड़े अर्थशास्त्री थे, विदेश की डिग्री थी, लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा कि बिना पैसे के भी जीरो बैलेंस में बैंक में खाता खोला जा सकता है, लेकिन नरेन्द्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने, उन्होंने यह बात सोची और जीरो बैलेंस में खाते खुलवाए। आगे कहा, उनके कार्यकाल में डीबीटी का शुभारंभ हुआ, जिससे शासन की कार्यशैली में व्यापक स्तर पर पारदर्शिता आई है। आज हितग्राहियों के खाते में डीबीटी के माध्यम से पूरा पैसा पहुंच रहा है।     मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मनमोहन सिंह कहते थे- गांवों में सड़क क्यों बनाएं, गांव के लोग तो बैलगाड़ी से चलते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू हुई। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना से देश की चारों दिशाओं को जोड़ गया। उन्होंने शिक्षित वर्ग की ओर संकेत करते हुए जोड़ा कि जिनके पास बड़ी-बड़ी डिग्रियां हैं, उन्हें समझना चाहिए कि जब जमीन बदलती है, तो किताबों से नजर हटाकर थोड़ा जमीन की हकीकत भी देख लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री डा. यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी कहते थे- केंद्र सरकार एक रुपये भेजती है तो आम आदमी तक केवल 15 पैसे पहुंचता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस व्यवस्था को नीति नहीं, बल्कि नीयत से ठीक किया। वर्ष 2013 से पहले इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया था। अब 25,000 रुपये सीधे मेधावी विद्यार्थियों के खातों में पहुंचे हैं।  

6 बैट्समैन 0 पर आउट फिर भी इंग्लैंड ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, ऐसा करने वाली दुनिया की पहली टीम बनी

नई दिल्ली इंग्लैंड की टीम ने टेस्ट क्रिकेट में उस समय इतिहास रचा जब उन्होंने एजबेस्टन टेस्ट में भारत के 587 रनों के जवाब में पहली पारी में 407 रन बोर्ड पर लगाए। अब आप सोच रहे होंगे कि 407 रन बनाकर कोई टीम कैसे इतिहास रच सकती है। तो बता दें, इंग्लैंड को इस विशाल स्कोर तक पहुंचान में सिर्फ दो ही बल्लेबाजों ने अहम रोल अदा किया। हैरी ब्रूक ने जहां 158 रन बनाए वहीं जेमी स्मिथ ने 184 रनों की नाबाद पारी खेली। इन दोनों बल्लेबाजों के बीच 303 रनों की साझेदारी हुई, वहीं बाकी बल्लेबाज 105 रन ही जोड़ सके। यहां गौर करने वाली बात यह है कि इंग्लैंड की इस पारी के दौरान 6 बल्लेबाज खाता भी नहीं खोल पाए और 0 पर आउट हुए। इंग्लैंड की टीम इस तरह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में 6 और उससे अधिक बल्लेबाज के 0 पर आउट होने के बावजूद 400 से अधिक रन बनाने वाले दुनिया की पहली टीम बनी है। जी हां, आज तक कोई और टीम ऐसा कारनामा नहीं कर पाई। इससे पहले यह रिकॉर्ड बांग्लादेश के नाम था, जब उन्होंने 6 बल्लेबाजों के 0 पर आउट होने के बावजूद 365 रन बनाए थे। यह कारनामा बांग्लादेश ने 2022 में श्रीलंका के खिलाफ किया था। उस मैच में मुश्फिकुर रहीम ने 175 रनों की नाबाद पारी खेली थी और लिटन दास ने 141 रन बनाकर उनका साथ दिया था। बता दें, यह टेस्ट क्रिकेट में ही नहीं बल्कि फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भी एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में छत्तीसगढ़ के नाम 6 या उससे अधिक बल्लेबाजों के 0 पर आउट होने के बावजूद कर्नाटक के खिलाफ 311 रन बनाने का रिकॉर्ड था। बात मैच की करें तो, तीसरे दिन की शुरुआत इंग्लैंड के लिए अच्छी नहीं रही थी 84 के स्कोर पर उनकी आधी टीम पवेलियन लौट गई थी। तब हर किसी को लग रहा था कि भारत मेजबानों को फॉलोऑन भी दे सकता है। मगर तब हैरी ब्रूक और जेमी स्मिथ ने ऐसी धुआंधार बल्लेबाजी की जिसका किसी भारतीय गेंदबाज के पास जवाब नहीं था। 387 के स्कोर पर इंग्लैंड का 6ठा विकेट हैरी ब्रूक के रूप में गिरा तब भारतीय गेंदबाजों ने राहत की सांस ली और पूरी टीम को 407 रनों पर ढेर कर दिया। पहली पारी के बाद भारत के पास 180 रनों की बढ़त थी। तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया ने 1 विकेट के नुकसान पर 64 रन बोर्ड पर लगा दिए हैं और कुल बढ़त 244 रनों की हो गई है। चौथे दिन भारत कम से कम ढाई सेशन बल्लेबाजी करना चाहेगा और उनकी नजरें इंग्लैंड को 500 से अधिक का टारगेट देने पर होगी।  

भीष्म क्यूब्स से गोल्डन आवर में मिलेगी मदद, कोड इमरजेंसी एप से आम लोग भी बचा सकेंगे जान

भोपाल  अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल अब किसी भी आपात स्थिति या आपदा से निपटने के लिए और भी तैयार हो गया है। एम्स के ट्रामा एवं आपातकालीन चिकित्सा विभाग में भीष्म क्यूब्स का उद्घाटन और प्रदर्शन किया गया। ये भीष्म क्यूब्स दरअसल एक मोबाइल अस्पताल हैं, जिन्हें आपदा या मानवीय संकट के समय में तुरंत चिकित्सा पहुंचाने के लिए बनाया है। इन मोबाइल अस्पतालों को आपदा वाली जगह पर स्थापित किया जा सकता है। इनका फायदा यह है कि ये गोल्डन आवर (किसी दुर्घटना या गंभीर स्थिति के बाद का पहला महत्वपूर्ण घंटा), जिसमें इलाज मिलने पर जान बचने की संभावना ज्यादा होती है) में जरूरी चिकित्सा सेवाएं दे सकते हैं, जिससे जानें बचाई जा सकें। कार्यक्रम में एम्स के कार्यपालक निदेशक प्रो. डा. अजय सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कोड इमरजेंसी एप हर नागरिक के लिए जीवनरक्षक कार्यक्रम के दौरान एचएलएल टीम ने भीष्म क्यूब्स को स्थापित करके दिखाया और उनकी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। ट्रामा व आपातकालीन विभाग की अतिरिक्त प्रोफेसर डा. भूपेश्वरी पटेल ने एक जीवनरक्षक मोबाइल एप कोड इमरजेंसी का लाइव डेमो दिया। यह एप हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध है। डाउनलोड होने के बाद बिना इंटरनेट के भी काम करता है। इसमें आडियो-विजुअल निर्देशों के जरिए किसी भी जगह पर सीपीआर देकर किसी व्यक्ति की जान बचाने की सुविधा दी गई है।

सम्पर्क क्रांति में बम की अफवाह बन गई 1700 यात्रियों की टेंशन, झांसी पहुंचकर खुला पूरा मामला

 झांसी  मध्य प्रदेश के झांसी में हजरत निजामुद्दीन से चलकर दुर्ग जाने वाली छत्तीसगढ़ सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस (12824) में शुक्रवार रात बम रखे होने की सूचना से हड़कंप मच गया। ट्रेन में बम रखे होने की सूचना लखनऊ कंंट्रोल रूम को मिली थी। तत्काल झांसी को इस बारे में सूचित किया गया। सूचना मिलते ही रेलवे का अमला अलर्ट हो गया और तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी गई। इसके बाद आरपीएफ, जीआरपी समेत लोकल पुलिस ने स्टेशन पर डेरा डाल लिया। ट्रेन के रेलवे स्टेशन पर आते ही पुलिस ने पूरी ट्रेन को खाली करा लिया और यात्रियों को उतारकर सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया। लगभग 40 मिनट तक की गई गहन तलाशी के बाद ट्रेन में कुछ नहीं मिला, जिस पर रात लगभग 12:24 बजे ट्रेन को गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया। ट्रेन हजरत निजामुद्दीन से चलने के बाद सीधे झांसी में रुकती है। शुक्रवार की रात किसी ने लखनऊ के रेलवे कंट्रोल रूम नम्बर 139 को सूचना दी कि हजरत निजामुद्दीन से चलकर दुर्ग जाने वाली छत्तीसगढ़ सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस में बम रखा है। रेलवे को बम मिलने की सूचना की जानकारी दी गई तो तत्काल सुरक्षा बल अलर्ट हो गया। उसने स्टेशन पर मोर्चा संभाल लिया। प्लैटफॉर्म नंबर 2-3 खाली कराए गए ट्रेन के झांसी आने का समय रात 11 बजे है, लेकिन वह कुछ देर रात 11:32 बजे झांसी आई। एसपी जीआरपी विपुल श्रीवास्तव के नेतृत्व में रेलवे स्टेशन पर भारी फोर्स तैनात कर दी गई। सिटी मजिस्ट्रेट प्रमोद झा, एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह भी सिविल पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गए। रेल कमांडेंट ट्रेन विवेकानंद नारायण ने बताया कि ट्रेन को झांसी आने पहले ही रेलवे पुलिस ने प्लैटफॉर्म नंबर 2 और 3 खाली कराकर यात्रियों को दूसरे प्लैटफॉर्म की ओर डायवर्ट कर दिया। ट्रेन जैसे ही झांसी रेलवे स्टेशन पर खड़ी हुई, तत्काल इंजन के बाद वाले कोच से तलाशी अभियान शुरू हो गया। ट्रेन से उतरने वाले सभी यात्रियों की तलाशी ली जाने लगी। कोच के अंदर भी तलाशी शुरू हुई। यह क्रम तब तक चला जब तक कि पूरी ट्रेन की तलाशी नहीं हो गई। पूरी ट्रेन की तलाशी के बाद ही ट्रेन को गंतव्य स्थान के लिए रवाना किया गया।

भाजपा एक मात्र ऐसा दल है, जो अपने देवतुल्य कार्यकर्ताओं की ताकत से चलता है: खंडेलवाल

सीहोर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक हेमंत खंडेलवाल एवं प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद आष्टा, जावर, डोडी, कोठरी और सीहोर में स्वागत समारोह को संबोधित किया। उन्होंने स्वागत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीति में बहुत सारे दल होते हैं। कई दल परिवार चलाते हैं। कई दल जात, समाज बेश चलाते हैं। भाजपा एक मात्र ऐसा दल है, जो अपने देवतुल्य कार्यकर्ताओं की ताकत से चलता है। कार्यकर्ता चाह ले तो हर चुनाव के परिणाम सकारात्मक आते हैं। अगर कार्यकर्ता में थोड़ा सा भी निराशा का भाव हो तो परिणाम सकारात्मक नहीं आ पाते हैं। भाजपा के हम सब कार्यकर्ता एक परिवार की तरह हैं। प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल ने कहा कि भाजपा का कार्यकर्ता ही भाजपा की असली पूंजी है। सब कार्यकर्ता उत्साह से रहें, एक रहें, अनुशासन में रहें और अपनी क्षमता का उपयोग पार्टी को मजबूत करने में करें। मातृशक्ति का सम्मान करें। हम सब मिल कर कार्य करेंगे भाजपा एक पार्टी नहीं, एक परिवार है। मेरा पूरा प्रयास होगा कि पार्टी के हर कार्यकर्ता का सम्मान होगा, आदर होगा, सभी कार्यकर्ता मिलजुलकर कार्य करेंगे। हर कार्यकर्ता की बात सुनने, उनसे मिलने का प्रयास करूंगा। हम सब का कर्तव्य है कि पार्टी को और मजबूत बनाने की दिशा में हम सब मिल कर कार्य करें और एक नया इतिहास रचें। हमारी पार्टी आज भी बुलंदियों पर है, इसे हम सबको मिल कर और आगे ले जाना हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम दुनिया के सिरमौर बनने जा रहे हैं। हमारे प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश विकास की नई इबारत लिख रहा है। सरकार के कार्य, योजनाओं को जनता तक, घर घर पहुंचाना हम सब कार्यकर्ताओं का दायित्व है। मध्यप्रदेश को नई ऊंचाई पर ले जाकर विकसित बना रहे खंडेलवाल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कार्यकर्ता देश की अखंडता व आने वाली पीढ़ी के बेहतर भविष्य के लिए भाजपा को और मजबूत बनाएं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उद्योग व रोजगार की नई परंपरा विकसित कर मध्यप्रदेश को नई ऊंचाई पर ले जाकर विकसित बना रहे हैं। मैं और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सत्ता और संगठन में संतुलन बनाकर डबल इंजन सरकार के जनहितैषी कार्यों से जनता को लाभ दिलाकर प्रदेश को विकास के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाएंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के परिश्रम, प्रतिबद्धता से ही भाजपा को लंबे समय से जनता की सेवा करने का अवसर मिला। भाजपा संगठन कार्यकर्ताओं को क्षमता और योग्यता के आधार पर दायित्व सौंपता है। स्वागत सम्मान कार्यक्रम को जिला भाजपा अध्यक्ष नरेश मेवाडा, सीहोर विधायक सुदेश राय ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। जिला मीडिया प्राभारी सुशील संचेती ने बताया की प्रदेश भाजपा के नव निर्वाचित अध्यक्ष के सीहोर जिले में आगमन पर जावर जोड़, आष्टा में बाईपास पर, कोठरी मेन रोड पर एवं सीहोर में रेस्टहाउस पर आयोजित स्वागत सम्मान समारोह रखे गये थे। सीहोर जिले की सीमा में प्रवेश के बाद प्रदेश अध्यक्ष का जावर, डोडी, आष्टा कोठरी, सीहोर मंडलों में सभी मंडल अध्यक्षों ने मंच बना कर स्वागत, सम्मान कर स्मृति चिह्न भेंट किये। इस दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा, जिला भाजपा के प्रभारी बहादुरसिंह मुकाती, विधायक गोपालसिंह इंजीनियर,सुदेश राय उपस्थित रहे।  

महाकाल मंदिर में 60 करोड़ का दान, दो साल में 12.32 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे, बना नंबर-1 धार्मिक केंद्र

उज्जैन  महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है। महाकाल लोक बनने के बाद मंदिर में दर्शन के लिए रोजाना डेढ़ से दो लाख भक्त पहुंच रहे हैं। पहले यह संख्या 40 से 50 हजार होती थी।  मंदिर समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक के मुताबिक, महाकाल लोक के खुलने के बाद भक्त बड़ी संख्या में उज्जैन आ रहे हैं और खुलकर दान भी कर रहे हैं।वर्ष 2019-20 में मंदिर को करीब 15 करोड़ रुपए दान में मिले थे, जो 2023-24 में बढ़कर 59.91 करोड़ रुपए हो गए।2024-25 में अब तक 51.22 करोड़ रुपए का दान आ चुका है। यह राशि सिर्फ भेंट पेटियों में डाले गए दान की है। मंदिर की अन्य कमाई मिलाकर यह आय एक अरब रुपए से भी ज्यादा है। धार्मिक पर्यटन में भी रिकॉर्ड बढ़त महाकाल लोक खुलने के बाद उज्जैन में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी तेजी से बढ़ी है।2023 में 5.28 करोड़ लोग उज्जैन आए थे, जबकि 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 7.32 करोड़ पहुंच गया है।यानि एक साल में 39% की बढ़ोतरी। पिछले दो वर्षों में 12 करोड़ 32 लाख से ज्यादा श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को उज्जैन पहुंचे हैं। गुप्त दान में मिली चांदी की पालकी में सवार होकर निकलेंगे बाबा महाकाल श्रावण-भाद्रपद मास में इस बार उज्जैन राजाधिराज महाकाल चांदी की नई पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर प्रशासन के अनुसार, करीब 10 साल बाद सवारी में नई पालकी को शामिल किया जा रहा है। नवंबर 2024 में छत्तीसगढ़ के एक भक्त ने गुप्तदान के रूप में मंदिर समिति को यह पालकी भेंट की थी। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावण-भाद्रपद मास में महाकाल की सवारी निकलती है। इस बार 14 जुलाई को पहली और 18 अगस्त को श्रावण-भाद्रपद मास की राजसी सवारी निकलेगी। इसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंदिर समिति ने हर बार की तरह इस बार भी लोक निर्माण विभाग से पालकी का परीक्षण कराया है। यह है पालकी की खासियत चांदी की नई पालकी का वजन करीब 100 किलो है। लकड़ी से बनी पालकी पर 20 किलो चांदी का आवरण है। पालकी को उठाने के लिए स्टील के पाइप लगाए गए हैं। पालकी का ऊपरी हिस्सा भी स्टील के पाइप से बना है। वर्षों पहले सवारी में लकड़ी की पालकी का उपयोग होता था। ठोस लकड़ी से निर्मित पालकी का वजन डेढ़ क्विंटल से अधिक था। बाद में लकड़ी और स्टील के पाइप से बनी पालकी का उपयोग शुरू हुआ। इसका वजन करीब 130 किलो बताया जाता है। यह तीन फीट चौड़ी और पांच फीट लंबी है। पालकी को उठाने वाले हत्थे पर सिंहमुख की आकृति बनाई गई है। चांदी के आवरण पर सूर्य, स्वास्तिक, कमल पुष्प और दो शेरों की नक्काशी की गई है। भगवान महाकाल की पालकी उठाने के लिए 70 कहार सेवा देते हैं। श्रावण-भाद्रपद मास में निकलेगी छह सवारियां पहली सवारी 14 जुलाई को होगी। इसके बाद 21 जुलाई, 28 जुलाई, 4 अगस्त, 11 अगस्त और अंतिम राजसी सवारी 18 अगस्त को निकलेगी। मंदिर प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था और सवारी की तैयारियां शुरू कर दी हैं।  

एजबेस्टन में ऐसे टूटेगा ‘बैजबॉल’ का घमंड, इतना टारगेट दिया तो भारत की जीत पक्की

एजबेस्टन  भारत-इंग्लैंड के बीच बर्मिंघम के एजबेस्टन में एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2025 का दूसरा मैच खेला जा रहा है. शुक्रवार (4 जुलाई) को मैच का तीसरा दिन था. पहले इंग्लैंड की पहली पारी 407 के स्कोर पर सिमट गई. सिराज ने 6 विकेट झटके हैं जबकि आकाशदीप को 4 सफलता मिली है. इंग्लैंड के 6 बल्लेबाज खाता भी नहीं खोल सके. भारत के पास 180 रनों की बढ़त थी. इसके बाद भारत ने दूसरी पारी में दिन का खेल खत्म होने तक यशस्वी जायसवाल का विकेट गंवाकर 64 रन बना लिए थे. यानी भारत की लीड अब 244 रन की हो गई है.  मोहम्मद सिराज ने तीसरे दिन की शुरुआत धमाकेदार अंदाज में की. अपने खाते के पहले ही ओवर में उन्होंने जो रूट और कप्तान स्टोक्स को आउट कर दिया. हालांकि, वो हैट्रिक नहीं ले सके. लेकिन इसके बाद स्मिथ और ब्रूक ने कमाल की बल्लेबाजी की. दोनों के बीच 300 से ज्यादा रनों की साझेदारी हुई. लेकिन ब्रूक के आउट होते ही इंग्लैंड की पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई. भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में शुभमन गिल के शानदार दोहरे शतक के दम पर 587 रन बनाए थे.  एजबेस्टन में ऐसे टूटेगा 'बैजबॉल' का घमंड दूसरी पारी में भारत ने एक विकेट के नुकसान पर 64 रन बना लिए हैं. केएल राहुल 28 और करुण नायर 7 रन पर नाबाद हैं. यशस्वी जायसवाल 28 रन बनाकर आउट हुए. भारत को पहली पारी में 180 रन की बढ़त मिली थी. इस तरह टीम इंडिया की कुल बढ़त 244 रन की हो गई है. इससे पहले इंग्लैंड की पहली पारी 407 रन पर समाप्त हुई. अब सबसे बड़ा सवाल है कि भारतीय टीम इंग्लैंड को कितने रनों की टारगेट देगी जिससे भारत की जीत पक्की हो सकती है. इस सवाल पर NDTV के कंसल्टिंग एडिटर बोरिया मजूमदार ने अपनी राय दी है. वाशिंगटन सुंदर और रविंद्र जडेजा ने रन बनाए जो अहम थे बोरिया मजूमदार वाशिंगटन सुंदर और रविंद्र जडेजा को लेकर भी अपनी राय दी और कहा,  दोनों ने रन बनाए हैं. लेकिन कुलदीप यादव यदि इस मैच में खेलते तो यकीनन भारत को फायदा होता . इंग्लैंड के बल्लेबाज स्पिन को अच्छा नहीं खेलते हैं. ऐसे में यकीनन भारत को कुलदीप से फायदा मिलता.  भारत की दूसरी पारी की हाइलाइट्स दूसरी पारी का आगाज यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ने किया. भारत के पास पहले से ही 180 रनों की बढ़त थी. लेकिन यशस्वी 28 रन बनाकर आउट हो गए. लेकिन दिन का खेल खत्म होने तक केएल राहुल और करुण नायर ने 64 रन जोड़ लिए थे. भारत की लीड अब 244 रनों की हो गई है.  एजबेस्टन टेस्ट में इंग्लैंड के बल्लेबाजी क्रम को उधेड़ने के बाद भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने कहा कि उन्हें जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में आक्रमण की अगुआई करने की जिम्मेदारी उठाने में मजा आ रहा है। उन्होंने शुक्रवार को दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड की पहली पारी के दौरान 70 रन देकर छह विकेट चटकाए और मेहमान टीम को बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई। सिराज ने अपने शानदार प्रदर्शन को अविश्वसनीय बताया और कहा कि इसका उन्हें लंबे समय से इंतजार था। छह विकेट लेने वाले सिराज बोले- लंबे समय से इंतजार था वहीं, तेज गेंदबाज आकाश दीप ने भी चार विकेट लिए। उन्होंने कहा कि वह इंग्लैंड में सीम और स्विंग कराने की सोच रहे थे, लेकिन वैसे हालात नहीं थे। वहां अनुशासन के साथ गेंदबाजी करना ज्यादा महत्वपूर्ण था। भारत ने पहली पारी में 587 रन बनाए थे, जिसके जवाब में इंग्लैंड की पहली पारी 407 रन पर सिमट गई। जेमी स्मिथ (207 गेंदों पर नाबाद 184 रन) और हैरी ब्रूक (234 गेंदों पर 158 रन) के शतकों की वजह से इंग्लिश टीम इस स्कोर तक पहुंच पाई। ब्रूक और स्मिथ ने मिलकर 368 गेंदों पर 303 रन की साझेदारी की। 'लंबे समय से इस स्पेल का इंतजार था' सिराज ने कहा, 'यह अविश्वसनीय है क्योंकि मैं लंबे समय से इसका इंतजार कर रहा था। मैं अच्छी गेंदबाजी कर रहा हूं, लेकिन विकेट नहीं ले पा रहा हूं। मैंने इससे पहले यहां केवल चार विकेट लिए थे, इसलिए छह विकेट लेना बहुत खास है।' सिराज ने कहा कि विकेट धीमा था, जिससे अनुशासन बनाए रखना महत्वपूर्ण हो गया। उन्होंने कहा, 'विकेट बहुत धीमा था, लेकिन जब आपको आक्रमण का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी जाती है, तो मेरा लक्ष्य बहुत अधिक प्रयास न करके सही क्षेत्रों में गेंदबाजी करना और अनुशासन के साथ गेंदबाजी करना होता है। मेरी मानसिकता रन नहीं देना था।' 'मुझे चुनौतियां पसंद हैं…' इस टेस्ट के लिए बुमराह को आराम दिए जाने के बाद सिराज ने आकाश दीप और प्रसिद्ध कृष्णा की अपेक्षाकृत कम अनुभव वाली तेज गेंदबाजी इकाई का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा, 'यह आकाश दीप का तीसरा या चौथा मैच है, प्रसिद्ध के लिए भी यही है, इसलिए मेरा ध्यान केवल निरंतर बने रहने और दबाव बनाने पर था। मुझे अलग-अलग चीजें आजमाने का मन कर रहा है, लेकिन मुझे निरंतर बने रहना है।' बुमराह के बिना गेंदबाजी करते हुए अपने शानदार रिकॉर्ड के बारे में पूछे जाने पर, सिराज ने कहा, 'मुझे जिम्मेदारी पसंद है, मुझे चुनौती पसंद है।' 'धीमी होती जा रही है पिच…' भारत अभी इंग्लैंड से 244 रन आगे है और सिराज ने कहा कि मेहमान टीम का पलड़ा भारी है, लेकिन उन्होंने बड़ा लक्ष्य निर्धारित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'हम अभी काफी आगे हैं, लेकिन हमारी योजना अधिक से अधिक रन बनाने की है, क्योंकि हम उनकी आक्रामक मानसिकता को जानते हैं।' पिच के व्यवहार पर सिराज ने कहा, 'दिन-ब-दिन पिच धीमी होती जा रही है। अगर आप एक ही क्षेत्र में गेंदबाजी करते रहेंगे… अगर आप रन लुटाना शुरू कर देंगे, तो उसे रोकना मुश्किल होगा। हमने स्मिथ और ब्रूक के साथ ऐसा देखा। यहां धैर्य बहुत महत्वपूर्ण है।' लीड्स टेस्ट में मौका नहीं मिलने से निराश थे आकाश? आकाश दीप ने भी सपाट सतह पर नई गेंद का भरपूर इस्तेमाल किया और इंग्लैंड की धरती पर अपने पहले मैच की पहली पारी में चार विकेट चटकाए। आकाश दीप, जो ज्यादातर फुलर लेंथ से गेंदबाजी करते हैं … Read more

पीएम मोदी को मिला त्रिनिदाद एंड टोबैगो का सर्वोच्च सम्मान, 25 देश दे चुके हैं अपना सबसे बड़ा सम्मान

पोर्ट ऑफ स्पेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को त्रिनिदाद एंड टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू ने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो' प्रदान किया. इस सम्मान को पाने वाले वे पहले विदेशी नेता बन गए हैं. यह न केवल त्रिनिदाद-भारत रिश्तों की गहराई का प्रतीक है, बल्कि भारत की वैश्विक कूटनीति के उस विस्तार का भी उदाहरण है, जिसमें सांस्कृतिक रिश्तों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने की क्षमता हो. पीएम मोदी को 25वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी को दुनिया भर से मिले 25 अंतरराष्ट्रीय सम्मानों में शामिल हो गया है. इससे पहले उन्हें घाना, यूएई, रूस, फ्रांस, मिस्र जैसे देशों से भी उनके वैश्विक नेतृत्व के लिए शीर्ष नागरिक पुरस्कार मिल चुके हैं. त्रिनिदाद और टोबैगो में उन्हें यह सम्मान ऐसे समय पर मिला है जब दोनों देश भारतीय मूल के श्रमिकों के आगमन की 180वीं वर्षगांठ मना रहे हैं — एक ऐतिहासिक अवसर, जिसने दोनों देशों को भावनात्मक रूप से जोड़ दिया है. 25वां अंतरराष्ट्रीय नागरिक सम्मान यह पीएम मोदी का 25वां अंतरराष्ट्रीय नागरिक सम्मान है. इससे दो दिन पहले ही घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रमानी महामा ने उन्हें देश का राष्ट्रीय सम्मान ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ प्रदान किया था. विशेषज्ञों का मानना है कि ये सम्मानों की श्रृंखला दर्शाती है कि पीएम मोदी आज विश्व राजनीति में एक प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं.  जून में साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने प्रधानमंत्री मोदी को निकोसिया में राष्ट्रपति भवन में साइप्रस का सम्मान – ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III – प्रदान किया था. इस साल की शुरुआत में मॉरीशस और श्रीलंका ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया था.अप्रैल में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी को 'श्रीलंका मित्र विभूषण' से सम्मानित किया, जो कि द्वीप राष्ट्र के राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. बीजेपी ने कांग्रेस से की तुलना बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख मुखिया अमित मालवीय ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'पीएम मोदी ने फिर रचा इतिहास! उन्हें ‘द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ से सम्मानित किया गया है – जो कि कैरेबियाई राष्ट्र का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. वह इस सम्मान को पाने वाले पहले विदेशी नेता बन गए हैं. यह प्रधानमंत्री मोदी को किसी विदेशी सरकार द्वारा प्रदान किया गया 25वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है. अगर तुलना करें तो: जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह, दशकों तक सत्ता में रहे लेकिन इसके बावजूद सिर्फ 6 अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले. फिर भी कांग्रेस भारत की विदेश नीति पर सवाल उठाने की हिम्मत करती है. मजाक सरकार पर नहीं है, मजाक हम पर है कि हमारे पास इतनी अज्ञानी विपक्षी पार्टी है.' हाल के वर्षों में कुवैत, मॉरिशस, श्रीलंका, साइप्रस, गयाना, डोमिनिका, नाइजीरिया, सऊदी अरब, अफगानिस्तान, यूएई, रूस, मालदीव, बहरीन, अमेरिका, भूटान, फिजी, मिस्र, फ्रांस, ग्रीस, पापुआ न्यू गिनी जैसे देशों ने भी पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा है.इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र, गेट्स फाउंडेशन, सीईआरए, सेओल पीस प्राइज़ फाउंडेशन, फिलिप कोटलर पुरस्कार जैसी वैश्विक संस्थाओं ने भी पीएम मोदी के नेतृत्व को सम्मानित किया है. मॉरीशस और कुवैत में भी मिला था सम्मान मार्च में, पोर्ट लुइस में राष्ट्रीय दिवस समारोह के दौरान, मॉरीशस के राष्ट्रपति धर्मबीर गोखूल ने प्रधानमंत्री मोदी को मॉरीशस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन' (GCSK) से भी सम्मानित किया. यह पहली बार था जब किसी भारतीय नेता को यह सम्मान मिला. दिसंबर 2024 में, कुवैत ने प्रधानमंत्री मोदी को उनकी विशिष्ट उपलब्धियों और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए अपना सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' प्रदान किया था. यह ऑर्डर मित्रता के प्रतीक के रूप में राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी मुखियाओं और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को प्रदान किया जाता है. इससे पहले बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स और जॉर्ज बुश जैसे विदेशी नेताओं के अलावा क्वीन एलिजाबेथ और प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान जैसे अन्य गणमान्य लोगों को भी यह सम्मान दिया जा चुका है. गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने प्रधानमंत्री मोदी को उनकी दूरदर्शी राजनीति, वैश्विक मंच पर विकासशील देशों के अधिकारों की वकालत, वैश्विक समुदाय के लिए असाधारण सेवा और भारत-गुयाना संबंधों को मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता के लिए गुयाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस' से सम्मानित किया था. गुयाना में भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन के दौरान, डोमिनिका ने भी कोविड-19 महामारी के दौरान उनके महत्वपूर्ण समर्थन और भारत-डोमिनिका संबंधों को बढ़ावा देने की उनकी प्रतिबद्धता के लिए पीएम मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान 'डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर' प्रदान किया. नाइजीरिया ने नवंबर 2024 में देश की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को ग्रैंड कमांडर ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ द नाइजर (GCON) का राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया. भारतीय प्रधानमंत्री 1969 के बाद से इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले विदेशी नेता हैं, जब महारानी एलिजाबेथ को नाइजीरिया का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान मिला था. पीएम मोदी को मिल चुके हैं 25 इंटरनेशनल अवॉर्ड ये पुरस्कार प्रधानमंत्री मोदी को मिला 25वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है जो उन्हें अलग-अलग देशों की ओर से दिया गया है। इससे यह भी साबित होता है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत की वैश्विक छवि और नेतृत्व क्षमता को दुनियाभर में सराहा गया है। त्रिनिदाद एंड टोबैगो का है भारत से जुड़ाव त्रिनिदाद एंड टोबैगो एक ऐसा देश है जहां भारतीय मूल के लोगों की आबादी बड़ी संख्या में है। वहां की संस्कृति, उत्सव और परंपराएं आज भी भारत से गहराई से जुड़ी हैं। ऐसे में यह सम्मान दोनों देशों के बीच सहयोग, विश्वास और साझा मूल्यों की झलक देता है। किस पुरस्कार से नवाजे गए पीएम मोदी? ये पुरस्कार त्रिनिदादएंड टोबैगो के सर्वोच्च सम्मान की श्रेणी में आता है और इसे पाने वाले व्यक्ति को उस देश के प्रति विशेष योगदान के लिए पहचाना जाता है। प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उनके नेतृत्व, लोकतांत्रिक मूल्यों की मजबूती और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए दिया गया है। हमारे रिश्तों … Read more

देश में पहली बार नीरज चोपड़ा जैवलिन थ्रो में दिखाएंगे दम, जानें भारत में कब-कहां देखें इवेंट

बेंगलुरु नीरज चोपड़ा शनिवार (5 जुलाई) को बेंगलुरु में एनसी क्लासिक (NC Classic) भाला फेंक (Javelin throw) प्रतियोगिता में कुछ चिरपरिचित प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ उतरेंगे. वह इस साल दूसरी बार 90 मीटर की दूरी पार करने की कोशिश करेंगे. यह इवेंट शाम 6.30 बजे शुरू होगा.   27 साल के नीरज चोपड़ा अब तक लगभग सभी प्रमुख खिताब जीत चुके हैं. ओलंपिक और विश्व चैम्पिनशिप के स्वर्ण पदक, डायमंड लीग फाइनल्स ट्रॉफी, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स के स्वर्ण पदक उनकी सफलताओं की कहानी कहते हैं.  नीरज चोपड़ा क्लासिक का पहला संस्करण केवल खेल में सफलता हासिल करने तक सीमित नहीं है, यह भारतीय प्रशंसकों को शीर्ष-स्तरीय प्रतियोगिता को व्यक्तिगत रूप से देखने का मौका दे रहा है, जो देश में खेल की प्रतिष्ठा बढ़ाने में मदद करेगा. वह विश्व रिकार्डधारी स्वीडिश पोल वॉल्टर आर्मंड डुप्लांटिस और केन्या के दिग्गज धावक किपचोगे कीनो से प्रेरित हैं, जिनके नाम पर 'मोंडो क्लासिक' और 'किप केइनो क्लासिक; जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजन होते हैं, जो विश्व एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर का हिस्सा हैं. कांतीरावा स्टेडियम में होने वाली प्रतियोगिता के दौरान प्रशंसकों को इस डबल ओलंपिक पदक विजेता को एक्शन में देखने का मौका मिलेगा. मई में दोहा में पहली बार 90 मीटर से अधिक थ्रो करने वाले नीरज फिर से वैसी ही दूरी हासिल करने की कोशिश करेंगे. वह एक साल के अंतराल के बाद भारत में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. टोक्यो ओलंपिक में भारत को एथलेटिक्स में पहला स्वर्ण पदक दिला चुके हरियाणा के खांदरा गांव के इस धुरंधर एथलीट ने कहा, 'इस तरह की प्रतियोगिता भारत में आयोजित करना मेरा एक सपना था जो अब पूरा हो रहा है.मैं बहुत उत्साहित हूं. मैंने देश के लिए ओलंपिक और अन्य पदक जीते हैं. अब इस आयोजन के माध्यम से मैं भारतीय एथलेटिक्स, खिलाड़ियों और प्रशंसकों को कुछ वापस दे रहा हूं.' इस प्रतियोगिता का आयोजन नीरज चोपड़ा JSW स्पोर्ट्स, भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (AFI) और विश्व एथलेटिक्स के साथ मिलकर कर रहे हैं. नीरज ने कहा कि एनसी क्लासिक हर साल आयोजित किया जाएगा और भविष्य में इसमें भाले के अलावा अन्य खेलों को भी जोड़ा जाएगा. पहले यह कार्यक्रम 24 मई को पंचकूला (हरियाणा) में होना था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय प्रसारकों के लिए आवश्यक अपर्याप्त प्रकाश व्यवस्था के कारण इसे बेंगलुरु में स्थानांतरित कर दिया गया. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के कारण इस कार्यक्रम को बाद में स्थगित कर दिया गया था.  यह भारत में आयोजित होने वाली सबसे हाई-प्रोफाइल एकल स्पर्धा अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता होगी, जिसे विश्व एथलेटिक्स ने कैटेगरी ए का दर्जा दिया है. हालांकि कुछ खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी से प्रतियोगिता की रौनक जरूर कम हुई है. दो बार के विश्व चैम्पियन एंडरसन पीटर्स (ग्रेनेडा) चोट के चलते बाहर हो गए हैं, लेकिन नीरज की लोकप्रियता से स्टेडियम पूरा भरने की उम्मीद है. 12 खिलाड़ियों की प्रतिस्पर्धा अभी भी विश्वस्तरीय है, जिनमें से 5 पहले ही इस साल टोक्यो में होने वाली विश्व चैम्पिनशिप के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं. नीरज के कोच और विश्व रिकॉर्डधारी जान जेलेज्नी भी शहर में पहुंच चुके हैं और भारतीय प्रशंसकों को इस दिग्गज को देखने का अवसर मिलेगा. प्रतियोगिता में नीरज सबसे प्रबल दावेदार हैं. जूलियन वेबर भाग नहीं ले रहे हैं और पीटर्स भी बाहर हो गए हैं. इन दोनों ने इस सीजन में नीरज को सबसे कड़ी टक्कर दी थी. जर्मनी के वेबर ने नीरज को दो बार हराया था, लेकिन पेरिस डायमंड लीग में नीरज ने उन्हें पछाड़ दिया. पीटर्स दो बार तीसरे स्थान पर रहे. पाकिस्तान के ओलंपिक चैम्पियन अरशद नदीम को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने अपने ट्रेनिंग शेड्यूल का हवाला देते हुए मना कर दिया. नीरज को चुनौती देने वाले अन्य प्रमुख खिलाड़ी हैं – थॉमस रोहलर (जर्मनी, व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ: 93.90 मीटर) जूलियस येगो (केन्या, व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ: 92.72 मीटर) कर्टिस थॉम्पसन (अमेरिका, व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ: 87.76 मीटर) हालांकि रोहलर और येगो हाल के दिनों में अच्छी फॉर्म में नहीं हैं. अन्य विदेशी प्रतिभागी हैं-  मार्टिन कोनेक्नी (चेक गणराज्य – PB: 80.59 मीटर) लुइज मौरिसियो डा सिल्वा (ब्राजील – PB: 86.62 मीटर) रमेश पथिरगे (श्रीलंका – PB: 85.45 मीटर) सायप्रियन मर्जीग्लोड (पोलैंड – PB: 85.92 मीटर) चार अन्य भारतीय खिलाड़ियों में सचिन यादव बेहतरीन फॉर्म में हैं और हाल ही में एशियन चैम्पियनशिप में रजत पदक जीत चुके हैं. चोटिल किशोर जेना की जगह लेने वाले यशवीर सिंह एशियाई चैम्पियनशिप में 5वें स्थान पर रहे.अन्य दो भारतीय खिलाड़ी रोहित यादव (2023 विश्व चैम्पियनशिप में भाग ले चुके हैं) और साहिल सिलवाल हैं. इन सभी के लिए एनसी क्लासिक महत्वपूर्ण होगा क्योंकि वे न केवल कुछ शीर्ष थ्रोअरों के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे, बल्कि 85.50 मीटर के सीधे प्रवेश मानक को पार करके इस वर्ष की विश्व चैम्पियनशिप के लिए अर्हता प्राप्त कर सकते हैं या विश्व रैंकिंग कोटा के माध्यम से विश्व चैम्पियनशिप में जगह बनाने के लिए मूल्यवान अंक प्राप्त कर सकते हैं. नीरज चोपड़ा – 2025 सीजन प्रदर्शन 16 अप्रैल – पोट्च इनविटेशनल मीट (दक्षिण अफ्रीका)- पहला स्थान, 84.52 मीटर 16 मई – दोहा डायमंड लीग (कतर)– दूसरा स्थान, 90.23 मीटर (बेस्ट) 23 मई – यानुज कुशोचिंस्की मेमोरियल (पोलैंड) – दूसरा स्थान, 84.14 मीटर 20 जून – पेरिस डायमंड लीग (फ्रांस) पहला स्थान, 88.16 मीटर 24 जून – ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक (चेक गणराज्य) – पहला स्थान, 85.29 मीटर

WHO ने दुनिया भर के देशों से तंबाकू, शराब और मीठे पेय पदार्थों पर कर बढ़ाकर कीमतों में 50% की वृद्धि करने का आग्रह किया

नई दिल्ली विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनिया भर के देशों से तंबाकू, शराब और मीठे पेय पदार्थों पर कर बढ़ाकर अगले दशक में इनकी कीमतों में 50% की वृद्धि करने का आग्रह किया है। यह सिफारिश हाल ही में स्पेन के सेविले में आयोजित यूएन फाइनेंस फॉर डेवलपमेंट सम्मेलन में पेश की गई और इसका उद्देश्य न केवल गंभीर बीमारियों को रोकना है, बल्कि स्वास्थ्य प्रणाली के लिए आर्थिक संसाधन जुटाना भी है। WHO के मुताबिक, इस कदम से मधुमेह, मोटापा, कैंसर जैसी बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। संगठन ने इसे "3 by 35" रणनीतिक योजना का हिस्सा बताया है, जिसका लक्ष्य 2035 तक एक ट्रिलियन डॉलर का राजस्व स्वास्थ्य करों से जुटाना है। WHO के प्रमुख डॉ. टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा, “यह समय है कि सरकारें इस नए यथार्थ को स्वीकार करें और अपनी स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करें।” WHO के सहायक महानिदेशक डॉ. जेरेमी फैरर ने इसे सबसे प्रभावी स्वास्थ्य उपकरणों में से एक बताया। WHO के स्वास्थ्य अर्थशास्त्री गुइलेर्मो सांडोवाल के अनुसार, इस नीति के तहत किसी उत्पाद की कीमत जो आज एक मध्य-आय वाले देश में 4 डॉलर है, 2035 तक 10 डॉलर हो सकती है, जिसमें महंगाई भी शामिल होगी। कोलंबिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में ऐसे टैक्स लगाने से उपभोग में गिरावट और स्वास्थ्य में सुधार देखा गया है। भारत की पहल इस वैश्विक सिफारिश से पहले अप्रैल 2025 में भारत में भी ऐसा ही कदम उठाने की बात सामने आई थी। ICMR-NIN (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन) के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय समूह ने अत्यधिक वसा, चीनी और नमक वाले खाद्य पदार्थों पर स्वास्थ्य कर लगाने की मांग की थी। इस समूह ने सुझाव दिया था कि ऐसे अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों को स्कूल कैंटीनों और शैक्षणिक संस्थानों के पास बेचना प्रतिबंधित किया जाए, जैसा कि FSSAI की गाइडलाइन में भी कहा गया है। हालांकि, WHO की इस नीति को उद्योग संगठनों से कड़ा विरोध भी मिल रहा है। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ बेवरेज एसोसिएशंस की कार्यकारी निदेशक केट लॉटमैन ने कहा, “WHO का यह सुझाव कि मीठे पेयों पर टैक्स से मोटापा घटेगा, एक दशक की असफल नीतियों को नजरअंदाज करता है।” डिस्टिल्ड स्पिरिट्स काउंसिल की वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमांडा बर्जर ने कहा, “अल्कोहल पर कर बढ़ाकर हानि रोकने का WHO का सुझाव भ्रामक और गलत दिशा में उठाया गया कदम है।”