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मिड डे मील में लापरवाही: छिपकली मिलने से तीन बच्चों की हालत बिगड़ी, मचा हड़कंप

शहडोल जिले के ब्यौहारी विकासखंड की शासकीय माध्यमिक विद्यालय चरका में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां मध्यान भोजन खाने के बाद बच्चों बीमार हो गए हैं,जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्वजनों का कहना है कि उनके बच्चों की थाली में छिपकली मिली थी। शुरुआत में जिन बच्चों ने भोजन खाया उनकी तबीयत बिगड़ गई। कुछ ने अस्पताल में उल्टियां शुरू कर दी, और कुछ बच्चे घर पहुंचने के बाद बीमार पड़े,जिसमें तीन का इलाज सिविल अस्पताल ब्यौहारी में जारी है। शुक्रवार को मध्यान भोजन में यह गड़बड़ी सामने आई है। बीएमओ निशांत सिंह परिहार ने कहा तीनों बच्चों की उम्र 12 और 13 वर्ष के बीच है। जब इन बच्चों को अस्पताल लाया गया था तो उनकी हालत गम्भीर थी, बच्चे उल्टियां कर रहे थे, जिन्हें भर्ती कर उपचार किया गया, अब इनकी हालत बेहतर है।आब्जरवेशन के लिए उन्हें अस्पताल में अभी भर्ती रखा गया है। उन्होंने बताया कि बच्चों के परिजनों का कहना था कि स्कूल में मध्यान्‍‍‍हह भोजन में छिपकली गिर गई थी और खाना खाने के बाद ही इनकी तबीयत बिगड़ी है।बीएमओ के अनुसार पूनम साहू पिता हनुमानदीन,नेहा सेन पिता महेश सेन, आशियाना साहू पिता राम जी साहू का अस्पताल में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।   पिता ने रो-रोकर बताई घटना नेहा सेन के पिता महेश सेन जब अपनी बच्ची को अस्पताल लेकर पहुंचे तो उनकी बच्ची की हालत काफी नाजुक थी। डाॅक्टर ने तत्काल नेहा को भर्ती करउपचार किया, जिसके बाद उसकी हालत बेहतर हुई। वहीं नेहा के पिता ने एक बयान भी दिया है, उन्होंने कहा कि नेहा ने ठीक होने के बाद बताया कि स्कूल में मध्यान भोजन में छिपकली गिर गई थी,और नेहा की ही थाली में वह मिली थी, जिसे बताते हुए महेश रोते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी लापरवाही है।गांव के सरपंच बनवारी सिंह ने कहा कि वह स्व सहायता समूह द्वारा लापरवाही बरती गई है, जो गंभीर है, बड़ी घटना हो सकती थी, हम इस मामले पर पंचायत में एक बैठक करेंगे।

KYC नहीं करवाया तो ब्लॉक हो जाएंगे गैस कनेक्शन, 3.28 लाख से अधिक बाकि

रायपुर छत्तीसगढ़ में गैस उपभोक्ताओं के लिए सरकार द्वारा अनिवार्य किए गए केवाईसी सत्यापन के बावजूद अब तक 3.28 लाख से अधिक उपभोक्ताओं ने गैस सिलेंडर के लिए जरूरी दस्तावेज सत्यापन नहीं कराया है। ऐसे उपभोक्ताओं के कनेक्शन अब ब्लाक किए जा रहे हैं। सरकार और गैस एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि जो उपभोक्ता समय-सीमा में सत्यापन नहीं कराते, उन्हें फर्जी कनेक्शन की श्रेणी में माना जाएगा और उन्हें गैस सिलेंडर नहीं मिलेगा। सरकार की ओर से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, सामान्य घरेलू उपभोक्ता, और एपीएल/बीपीएल कार्डधारियों को कई बार गैस कनेक्शन के लिए सत्यापन कराने के निर्देश दिए गए, लेकिन बड़ी संख्या में लोगों ने अभी तक ऐसा नहीं किया है। अधिकारियों के अनुसार, अधिकांश अनवेरिफाइड उपभोक्ता ग्रामीण क्षेत्रों से हैं, जिन्हें सूचना या सुविधा नहीं मिल पाई।गैस एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे घर-घर जाकर सत्यापन करें, लेकिन इसमें धीमी प्रगति हो रही है। प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि सत्यापन से बचने वाले उपभोक्ताओं में बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेजों के जरिए गैस कनेक्शन लेने वाले लोग हो सकते हैं। इसलिए सत्यापन न करवाने वालों का कनेक्शन फर्जी मानते हुए ब्लाक किया जा रहा है। अब ऐसे उपभोक्ता आनलाइन बुकिंग भी नहीं कर सकेंगे। कई उपभोक्ता गैस एजेंसियों में शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं, जहां उन्हें पहले केवाईसी पूर्ण करने को कहा जा रहा है, तभी उन्हें सिलेंडर मिलेगा। 11 लाख में से 3.28 लाख उपभोक्ता बिना सत्यापन के बता दें कि जिले में तीनों कंपनियों के कुल 11 लाख 435 उपभोक्ता हैं, जिनमें से अब तक केवल 7 लाख 71 हजार 551 उपभोक्ताओं ने ही केवाईसी पूरी की है। जबकि 3 लाख 28 हजार 884 उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने बार-बार चेतावनी के बावजूद सत्यापन नहीं कराया है। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे उपभोक्ता हैं जो प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन प्राप्त कर चुके हैं। जिले में उज्ज्वला योजना के 7.75 लाख से अधिक लाभार्थी हैं, लेकिन इनमें से 2.31 लाख से ज्यादा ने अब तक केवाईसी नहीं कराई है। गैस कनेक्शन के लिए यह जरूरी दस्तावेज गैस एजेंसियों ने स्पष्ट कर दिया है कि उपभोक्ताओं को गैस कार्ड और आधार कार्ड के साथ एजेंसी जाना होगा। एजेंसी में उनकी फिंगरप्रिंट, आई-स्कैन और ताजा फोटो लिया जाएगा। जिस व्यक्ति के नाम पर गैस कनेक्शन दर्ज है, उसे स्वयं ही एजेंसी पहुंचकर केवाईसी कराना अनिवार्य है। इसे लेकर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के नियंत्रक भूपेंद्र मिश्र ने कहा कि शासन की ओर से केवाईसी नहीं कराने वाले के कनेक्शन को ब्लाक किया जा रहा है। जब तक जाकर केवाईसी नहीं कराएंगे तब तक फिर से गैस बुक नहीं करा सकेंगे।

लोकतंत्र को लेकर भारत की मजबूत आस्था, संतुष्टि में दुनिया में दूसरे नंबर पर भारतीय

नई दिल्ली  भारतीय लोगों का अपनी लोकतांत्रिक प्रणाली के मामले में भरोसा लगातार बढ़ रहा है। भारत ने हाल ही में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भी उल्लेखनीय प्रगति की है, जो भारतीय नागरिकों की अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था में बढ़ते विश्वास के अनुरूप है। इस सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय लोग दुनिया में अपने लोकतंत्र से संतुष्टि के मामले में दूसरे नंबर पर हैं। प्यू रिसर्च सेंटर के हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, भारत अपने लोकतंत्र से संतुष्टि के मामले में दुनिया भर में दूसरे स्थान पर है, जो स्वीडन (75 प्रतिशत) के ठीक पीछे 74 प्रतिशत के साथ खड़ा है। यह उपलब्धि 23 देशों के सर्वेक्षण में हासिल की गई है, जहां औसतन 58 प्रतिशत लोग अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था से असंतुष्ट हैं। यह आंकड़ा भारत की प्रगति और जनता के विश्वास को दर्शाता है जो देश को एक मजबूत लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में स्थापित करता है। इस सर्वे के अनुसार 15 देशों में आधे से अधिक लोग अपने देश की लोकतांत्रिक प्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं। 2017 से लगातार किए जा रहे प्यू रिसर्च के सर्वेक्षणों में यह स्पष्ट हुआ है कि उच्च आय वाले देशों जैसे कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, इटली, जापान, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका में लोकतंत्र के प्रति असंतोष 64 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जबकि संतुष्टि महज 35 प्रतिशत है। इसके विपरीत, भारत में 74 प्रतिशत लोग अपने लोकतंत्र के कामकाज से खुश हैं, जो यह दर्शाता है कि देश की जनता अपनी सरकार और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में विश्वास रखती है। यह विश्वास आर्थिक प्रगति और सामाजिक स्थिरता से भी जुड़ा है, क्योंकि सर्वेक्षण बताते हैं कि जहां अर्थव्यवस्था मजबूत है, वहां लोकतंत्र के प्रति संतुष्टि भी अधिक है। भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। कई चीजें इस बात को प्रभावित कर सकती हैं कि लोग अपने लोकतंत्र के काम करने के तरीके से कितने संतुष्ट हैं, लेकिन आर्थिक धारणाएं एक महत्वपूर्ण कारक हैं। जिन देशों में जनता का एक बड़ा हिस्सा कहता है कि अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है, वहां आम तौर पर ऐसे लोग भी होते हैं जो अपने लोकतंत्र से संतुष्ट होते हैं। सर्वेक्षण में यह भी उभरकर सामने आया है कि कोविड-19 महामारी के बाद कई देशों में लोकतंत्र के प्रति संतुष्टि में गिरावट आई है, लेकिन भारत में यह स्तर बरकरार रहा। 2017 में जहां दुनिया के बड़े देशों में 49 प्रतिशत लोग अपनी लोकतांत्रिक प्रणाली से संतुष्ट थे, वहीं आज 74 प्रतिशत का आंकड़ा भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली में सुधार और जनता की भागीदारी को दर्शाता है। यह संतुष्टि देश के युवाओं, जो आबादी का बड़ा हिस्सा हैं, और आर्थिक विकास में उनकी भूमिका से भी प्रेरित है। इस मामले में इंडोनेशिया (66 प्रतिशत) और ऑस्ट्रेलिया (61 प्रतिशत) जैसे देशों के साथ तुलना में, भारत का प्रदर्शन उल्लेखनीय है, जबकि ग्रीस (19 प्रतिशत) और जापान (24 प्रतिशत) जैसे देश लोकतंत्र के प्रति असंतोष से जूझ रहे हैं। हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि लोग लोकतांत्रिक मूल्यों से दूर हो रहे हैं। शोध बताता है कि दुनिया भर के लोग लोकतंत्र को अच्छा मानते हैं। हालांकि, कई लोग राजनीतिक अभिजात वर्ग से निराश हैं या उन्हें लगता है कि सरकार में उनके विचारों का सही प्रतिनिधित्व नहीं किया जाता है। वहीं, दुनिया में अपने लोकतंत्र से सर्वाधिक संतुष्ट लोगों में स्वीडन और भारत के बाद इंडोनेशिया (66 प्रतिशत), ऑस्ट्रेलिया (61 प्रतिशत) और जर्मनी (61 प्रतिशत) के नाम आते है। एशिया-प्रशांत के पांच देशों (ऑस्ट्रेलिया, भारत, इंडोनेशिया, जापान और दक्षिण कोरिया) में भी लोगों की राय काफी अलग-अलग है। भारत इस क्षेत्र में भी टॉप पर है।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा- ईश्वर की कृपा और संतों के आशीर्वाद से प्रदेश समृद्ध एवं खुशहाल

भोपाल धर्म सनातन की ध्वजा लेकर देश को आगे बढ़ाने का कार्य हमारे देश के संत कर रहे हैं और ईश्वर की कृपा तथा संतों के आशीर्वाद से देश और प्रदेश समृद्ध एवं खुशहाल बन रहे हैं। उक्त विचार उप मुख्यमंत्री एवं सागर जिले के प्रभारी मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने सागर में आयोजित संत श्री रविशंकर रावतपुरा सरकार के जन्मोत्सव कार्यक्रम में व्यक्त किए। इस अवसर पर संत श्री रविशंकर जी महाराज, संत श्री आनंद ब्रह्मचारी, संत श्री रामलखन महाराज, संत श्री सुदर्शन दास जी, विधायक श्री प्रदीप लारिया, महापौर श्रीमती संगीता तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हीरासिंह राजपूत, श्री श्याम तिवारी, श्रीमती रानी कुशवाहा, श्री गौरव सिरोठिया सहित बड़ी संख्या में संत समुदाय, जनप्रतिनिधि एवं भक्तगण उपस्थित थे। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि तन, मन और जीवन को समर्पित करने वाला व्यक्ति ही संत बन सकता है, और यही कार्य हमारे संत श्री रविशंकर महाराज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धर्म सनातन की ध्वजा लेकर देश और प्रदेश को समृद्ध बनाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि रावतपुरा सरकार का संकल्प है कि 11 सदाशिव शंकर जी की मूर्तियाँ स्थापित की जाएंगी, जिनमें से सागर में 75 फीट ऊँची सदाशिव की मूर्ति का लोकार्पण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तेरा तुझको अर्पण, मेरा क्या लागे की भावना की तर्ज पर ही सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि संतों की वाणी पर कोई तर्क नहीं किया जा सकता; उनकी वाणी को श्रद्धा से ग्रहण कर उसे आगे बढ़ाने का कार्य किया जाना चाहिए। रावतपुरा सरकार द्वारा देशभर में 200 स्थानों पर शिक्षा, स्वास्थ्य और जनकल्याण की संस्थाएँ संचालित की जा रही हैं। शिक्षा की संस्थाएँ खोलकर गरीबों को शिक्षित करने का कार्य कर समाज को नई दिशा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में संत-महात्माओं का वास है, इसलिए हमारा प्रदेश सुखी और समृद्ध है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि रावतपुरा सरकार ने हमें दो मंत्र दिए हैं, जिन पर मैं चल रहा हूँ। पहला, मंदिरों को बेहतर बनाएं और दूसरा यदि कोई व्यक्ति आपके समक्ष अपनी समस्या लेकर आए, तो उसका कार्य तत्काल करें। इससे हमें आत्मिक शांति मिलती है। ग्रामीण विकास मंत्री श्री पहलाद पटेल ने कहा कि आध्यात्मिक मार्ग, तपस्या और तप का मार्ग होता है, जिस पर चलना अत्यंत कठिन होता है। जो व्यक्ति इस मार्ग पर चलता है, वही महात्मा बनता है, क्योंकि तपस्या और तप से नई ऊर्जा प्राप्त होती है। इस ऊर्जा के सामने माया भी टिक नहीं पाती। उन्होंने बताया कि वर्ष 1990 में हम रावतपुरा सरकार के चरणों में पहुँचे और लगभग 10 से 11 वर्षों तक उनके आशीर्वाद और तपस्या का लाभ प्राप्त किया। उनकी तपस्या से मिली अनुशासन और ऊर्जा की सीख से आज मैं देश और प्रदेश की सेवा कर पा रहा हूँ। उन्होंने कहा कि मौन साधना भी एक बड़ी तपस्या होती है, और यह रावतपुरा सरकार में विद्यमान है। उन्होंने कहा कि गुरु ने अपने शिष्यों को नियमों की पुस्तिका प्रदान की है, और सभी को उसी पुस्तिका के अनुसार भक्ति करनी चाहिए तथा नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी भक्ति स्वार्थ या लाभ की नहीं होनी चाहिए, बल्कि श्रद्धा और समर्पण की होनी चाहिए।  खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि श्रद्धा, भक्ति और आस्था का महाकुंभ है रावतपुरा सरकार का जन्मोत्सव, प्रकटोत्सव। उन्होंने कहा कि इस महाकुंभ में रावतपुरा सरकार द्वारा जो 75 फीट ऊँची भगवान शंकर की मूर्ति स्थापित की गई है, उससे सागर की माताओं, बहनों और श्रद्धालुओं को मकरोनिया-खुरई रोड के साथ-साथ शहर के मध्य भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि रावतपुरा सरकार के व्यक्तित्व में सज्जनता, निर्मलता, धैर्य और दया भाव कूट-कूटकर भरे हैं। वे निरंतर धर्म, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रावतपुरा सरकार ने वेदांती को एक तीर्थ स्थल बना दिया है, जहाँ मथुरा, काशी और वृंदावन का अनुभव वेदांती धाम में प्राप्त होता है। रहली विधायक एवं पूर्व मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि रावतपुरा सरकार धाम में जो कार्य हुए हैं, वे यूरोप और अमेरिका से भी श्रेष्ठ हैं। उन्होंने कहा कि धर्म की बात तो सभी करते हैं, पर यदि हम सभी धर्मों के साथ सेवा और भक्ति का मार्ग अपनाएं तो भारत निश्चित ही विश्वगुरु बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि रावतपुरा सरकार चिकित्सा, तकनीक और शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करते हुए गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वेदांती में सदाशिव की मूर्ति की स्थापना से भक्ति और पर्यटन का एक नया अध्याय प्रारंभ होगा। सरकार के भीतर अलौकिक ईश्वरीय ज्ञान विद्यमान है। विधायक एवं पूर्व मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले 25 वर्षों से हमें रावतपुरा सरकार का आशीर्वाद प्राप्त है, और उसी आशीर्वाद से हम नई ऊर्जा के साथ क्षेत्र की सुख-समृद्धि के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का तप, तपस्या और ज्ञान हम सभी को नई ऊर्जा प्रदान करता है। स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में महाराज जी द्वारा निरंतर सेवा का कार्य किया जा रहा है। संत हमारी आत्मा को प्रकाश देने का कार्य करते हैं। महाराज जी के चरणों में नमन करते हुए हम यही कामना करते हैं कि उनकी कृपा और आशीर्वाद सदैव बना रहे। उन्होंने कहा कि यदि किसी के जीवन में संत नहीं हैं, तो वह जीवन व्यर्थ है, क्योंकि बिना संत के जीवन में मार्गदर्शन नहीं मिलता। हमें संतों से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि मात्र 9 वर्ष की आयु में रावतपुरा सरकार ने त्याग और साधना का मार्ग चुनते हुए धर्म, देश और समाज के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। विधायक श्री शैलेन्द्र जैन ने कहा कि रावतपुरा सरकार ने मुझे बिना माँगे सब कुछ प्रदान किया है, और वे इसी प्रकार सभी को सब कुछ प्रदान करते हैं। श्री जैन ने कहा कि रावतपुरा सरकार की तपस्या अद्भुत और अनुकरणीय है। उनमें सरलता, सौम्यता और विलक्षण व्यक्तित्व का खजाना है। वे प्रेरणा के पुंज हैं। उनकी प्रेरणा पर चलकर … Read more

उप मुख्यमंत्री देवड़ा से मिले नेशनल चैम्पियनशिप विजेता आर्म रेसलर भाई-बहन रोहित और खुशी

भोपाल   उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा से शनिवार को उनके निवास पर केरला के त्रिसुर में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप-2025 पंजा कुश्ती (आर्म रेसलिंग) में स्वर्ण पदक विजेता रोहित सिंह और उनकी बहन कांस्य पदक विजेता खुशी लहरिया ने भेंट की। नेशनल चैम्पियनशिप में रोहित सिंह ने 2 स्वर्ण पदक और खुशी लहरिया ने 1 कांस्य पदक जीता है। उप मुख्यमंत्री ने रोहित सिंह और खुशी लहरिया के पदक जीतने पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपने मध्यप्रदेश का नाम देश में रोशन किया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों में मध्यप्रदेश के साथ देश का नाम भी रोशन करें। भाई-बहन रोहित एवं खुशी के कोच विक्रम अवार्डी श्री मनीष कुमार के कुशल नेतृत्व एवं प्रशिक्षण से दोनों भाई-बहन ने बेहतर प्रदर्शन किया है। उनके माता-पिता ने बताया कि प्रशिक्षण एवं लगन की बल पर दोनों बच्चों ने स्वर्ण एवं कांस्य पदक जीता है।  

ग्लोबल टेक्नोलॉजी रेस में भारत का जलवा, पीयूष गोयल बोले- इनोवेशन में सबसे आगे

नई दिल्ली केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि भारत अपनी युवा आबादी, लागत प्रभावी आरएंडडी इकोसिस्टम और दूरदर्शी नीतियों के कारण टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में ग्लोबल लीडर के रूप में उभर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत द्वारा एआई, मशीन लर्निंग, क्वांटम कंप्यूटिंग और डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीकों को अपनाने से देश को ग्लोबल विकास चार्ट में ऊपर जाने में मदद मिल रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किए गए एक वीडियो संदेश में केंद्रीय मंत्री गोयल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत की इनोवेशन लागत पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में काफी कम है। उन्होंने कहा, "जब हम भारत में नई तकनीकों पर काम करते हैं, तो हमारी लागत स्विट्जरलैंड या यूरोप या अमेरिका की लागत का लगभग छठा या सातवां हिस्सा होती है।" उन्होंने बताया कि इनोवेशन में 12 बिलियन डॉलर के निवेश से भारत प्रभावी रूप से 100 बिलियन डॉलर के परिणाम उत्पन्न कर सकता है, जो विकसित देशों में लागत के बराबर है। आईआईटी मद्रास एलुमनाई एसोसिएशन के संगम 2025 कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, "और जब हम उस पैसे को तीन या चार साइकल में आगे बढ़ाएंगे, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि यह फंड हमारे इनोवेशन इकोसिस्टम को कितना बड़ा समर्थन दे सकता है।" केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अपने बढ़ते स्टार्टअप और रिसर्च लैंडस्केप की बदौलत नौकरी चाहने वाले देश से नौकरी देने वाले देश में बदल रहा है। उन्होंने कहा, "हमारी साइंस एंड टेक्नोलॉजी, हमारे स्टार्टअप इकोसिस्टम और आरएंडडी प्रयासों के साथ मिलकर भविष्य के भारत की विकास कहानी लिख रहे हैं।" केंद्रीय मंत्री गोयल ने इस बदलाव को आगे बढ़ाने का श्रेय देश के युवाओं को दिया और कहा कि भारत की युवा आबादी सभी क्षेत्रों और सरकारी कार्यक्रमों में इनोवेशन, रिसर्च और टेक्नोलॉजी अपनाने में अग्रणी है। उन्होंने आगे जोर दिया कि भारत नई तकनीकों को अपनाने से पीछे नहीं हटता है और इसके बजाय उन्हें आर्थिक विकास के लिए आवश्यक मानता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "वे हमारे मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस और व्यापार क्षेत्रों में समाहित हो रहे हैं, जिससे भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिल रही है।" केंद्रीय मंत्री ने कहा, "यह तकनीक-संचालित दृष्टिकोण भारत को ग्लोबल स्लोडाउन की प्रवृत्ति को रोकने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार और इनोवेशन लीडरशिप में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने में मदद कर रहा है।"

खेल अकादमियों और निर्माणाधीन अधोसंरचनाओं का किया निरीक्षण

भोपाल सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग से प्रधानमंत्री कार्यालय, नई दिल्ली के निदेशक श्री ऋग्वेद मिलिंद ठाकुर ने शनिवार को भेंट की। यह भेंट श्री ठाकुर के दो दिवसीय भोपाल प्रवास के दौरान संपन्न हुई, जिसका उद्देश्य “खेलो इंडिया” योजना के अंतर्गत राज्य में खेल अधोसंरचना, नवाचार, प्रशिक्षण और खिलाड़ियों के विकास संबंधी पहलुओं का प्रत्यक्ष अध्ययन करना था। मंत्री श्री सारंग ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच से प्रेरित ‘खेलो इंडिया’ पहल को प्रदेश में सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए क्रियान्वित किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा ‘खेलो बढ़ो अभियान’ के माध्यम से भी नवोदित खिलाड़ियों को प्रशिक्षण, संसाधन और प्रतिस्पर्धा के मंच उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में खेल अधोसंरचना को वैश्विक मानकों के अनुरूप विकसित किया गया है, जिससे राज्य के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। श्री ठाकुर ने भेंट के दौरान मध्यप्रदेश सरकार द्वारा खेलो इंडिया योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश ने न केवल योजनाओं को धरातल पर उतारा है, बल्कि खेल अधोसंरचना और प्रतिभा संवर्धन के क्षेत्र में कई अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। खेलो इंडिया में मध्यप्रदेश बना अग्रणी राज्य मंत्री श्री सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्रेरणा से खेलों के प्रति युवाओं में जोश और उत्साह का जो वातावरण बना है, वह भविष्य में भारत को ओलंपिक जैसे वैश्विक आयोजनों में और अधिक पदक दिलाने में सहायक सिद्ध होगा। श्री ठाकुर ने अपने दौरे की समापन टिप्पणी में कहा कि मध्यप्रदेश में खेलो इंडिया योजना को अत्यंत समर्पण एवं व्यावसायिक दक्षता के साथ लागू किया गया है। राज्य की खेल अधोसंरचना, नवाचारों और अकादमिक पहल से यह स्पष्ट है कि प्रदेश खेलों के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कर रहा है। खिलाड़ियों से संवाद कर प्रशिक्षण सुविधाओं का लिया जायजा अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन 4 जुलाई 2025 को श्री ठाकुर ने भोपाल में खेल एवं युवा कल्याण विभाग तथा खेलो इंडिया योजना से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में “खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” (रोइंग, शूटिंग और हॉकी), राज्य में संचालित 52 खेलो इंडिया सेंटर्स और खेलो इंडिया एथलीट स्कीम की विस्तृत समीक्षा की गई। इस दौरान अधिकारियों ने योजना को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु अपने अनुभव और सुझाव साझा किए। बैठक में वर्ष 2022 में भोपाल में सफलतापूर्वक आयोजित ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’ के अनुभवों और उससे प्राप्त प्रशासनिक सीखों पर भी चर्चा की गई। चर्चा के दौरान योजना की संचालन व्यवस्था, लॉजिस्टिक प्रबंधन, खिलाड़ियों की सहभागिता और जन-भागीदारी जैसे विषयों पर गहन संवाद हुआ। खेल अकादमियों और निर्माणाधीन अधोसंरचनाओं का किया निरीक्षण दौरे के दूसरे दिन 5 जुलाई 2025 को श्री ठाकुर ने खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, भोपाल का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे खिलाड़ियों, उनके प्रशिक्षकों, सहायक स्टाफ और संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों से संवाद कर उनके अनुभवों एवं सुझावों को जाना। उन्होंने प्रशिक्षण की गुणवत्ता, चिकित्सा सहायता, पोषण, खेल मनोविज्ञान और तकनीकी सुविधाओं की उपलब्धता जैसे पहलुओं का बारीकी से अध्ययन किया। उन्होंने मध्यप्रदेश की प्रमुख खेल अकादमियों इक्वेस्ट्रियन, शूटिंग, हॉकी तथा वॉटर स्पोर्ट्स का दौरा कर खिलाड़ियों से बातचीत की और उनकी आवश्यकताओं को प्रत्यक्ष रूप से समझा। दौरे के अंतर्गत वे नाथू बरखेड़ा में निर्माणाधीन आधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स भी पहुंचे और वहां प्रगति की समीक्षा की।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्वालियर को दी 265.56 करोड़ लागत के विकास कार्यों की सौगात

अब बीहड़ की बिजली से जगमगायेंगे मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश ग्वालियर में 77 करोड़ से निर्मित आईएसबीटी और 112 करोड़ से बने 132 केवी सब स्टेशन सहित फुटबॉल खिलाड़ियों के लिए खेल कॉम्पलेक्स का भी हुआ लोकार्पण भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारी सरकार प्रदेश के समग्र विकास के लिए संकल्पित है। हम सबके जीवन में उजाला लाने के लिए कटिबद्ध हैं। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र शीघ्र ही राज्य का सबसे विकसित क्षेत्र बनेगा। मुख्यमंत्री ने क्षेत्रीय किसानों से अपील की कि वे अपनी जमीन बेचने की कतई न सोंचे, क्योंकि इस क्षेत्र में शीघ्र ही रोजगार के नए अवसर और विकास की नई धाराएं बहने वाली हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को ग्वालियर के आईएसबीटी परिसर में विकास कार्यों के लोकार्पण एवं भूमिपूजन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यहां 265.56 करोड़ रुपये की लागत के विभिन्न विकास कार्यों का रिमोट का बटन दबाकर लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। उन्होंने विभिन्न शासकीय योजनाओं के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को मंच से हितलाभ भी वितरित किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में नदियों को जोड़ने का अभियान चल रहा है। केंद्र सरकार की मदद से यहां पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदियों को आपस में जोड़ने की राष्ट्रीय नदी लिंक परियोजना पर करीब 70 हजार करोड़ रुपये की लागत से काम किया जा रहा है। साथ ही केन-बेतवा राष्ट्रीय नदी लिंक परियोजना से भी ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के किसानों को व्यापक स्तर पर लाभ मिलने वाला है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस क्षेत्र के बीहड़ों को अब बेहतर तरीके से विकसित किया जा रहा है। यहां के बीहड़ों में जल्द ही केंद्र सरकार के सहयोग से 2000 मेगावाट क्षमता का एक बड़ा सोलर पॉवर प्लांट स्थापित किया जा रहा है। यह मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की संयुक्त परियोजना होगी। इस परियोजना से दोनों ही प्रदेशों को ऊर्जा आपूर्ति होगी। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश 6-6 माह बराबरी से इस परियोजना से उत्पादित बिजली का उपभोग करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि आगरा से ग्वालियर के बीच बन रहे नये सिक्स-लेन नेशनल हाई-वे के चलते बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने इस क्षेत्र में बड़ा निवेश करने में अपनी रुचि दिखाई है। इससे यहां तेजी से औद्योगिक विकास होगा और इस क्षेत्र का कायाकल्प भी सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्वालियर के गौरवशाली अतीत का स्मरण करते हुए कहा कि यह भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मभूमि और राजमाता विजयाराजे सिंधिया की कर्मभूमि रही है। प्रदेश की धरती से भारत के विकास का दीपक अटलजी के रूप में प्रज्ज्‍वलित हुआ था। भारत मानवता के लिए जीता है। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने तीन-तीन देशों से लड़ाई लड़ी। सर्जिकल स्टाइक में पाकिस्तान को माकूल जवाब देने के लिए हमारे सुखोई विमान ग्वालियर से ही उड़े। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य के स्वर्णिम भविष्य के निर्माण के लिए सरकार ने शुक्रवार को ही 94 हजार से अधिक प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लैपटॉप खरीदने के लिए राशि दी है। उन्होंने ग्वालियर की जनता को बधाई देते हुए कहा कि वाकई यहां अतिभव्य आईएसबीटी लोकार्पित हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्वालियर का हजीरा अस्पताल प्रदेश में नंबर-1 आया है। चंबल के नौजवान हमारी सेना की ताकत बढ़ा रहे हैं। ग्वालियर में 6 लेन हाई-वे का निर्माण प्रारंभ होने से आगरा के बड़े व्यापारी अपने उद्योग-धंधे स्थापित करने के लिए ग्वालियर आ रहे हैं। ग्वालियर के विकास की बात पर हम सबके साथ हैं, जो भी मांगा है, उसे क्रमबद्ध रूप से पूरा किया जाएगा। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर राज्य विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश विकास की नई इबारत लिख रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी विश्व पटल पर भारत के गौरव को प्रतिस्थापित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिन-रात एक कर प्रदेश की जनता के लिए औद्योगिक क्रांति की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव शगुन का लिफाफा लेकर ग्वालियर आए हैं। हमारी मांग थी कि ग्वालियर-चंबल संभाग में डॉ. अंबेडकर धाम की स्थापना हो, जो बाबा साहेब की विचारधारा का मंथन केंद्र बने। उन्होंने बताया कि ग्वालियर जिले के डबरा के जौरासी गांव में 8 करोड़ रुपए की लागत से डॉ. अंबेडकर धाम बन रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज इसी अंबेडकर धाम के विकास के दूसरे चरण में 50 हजार वर्गफीट भूमि में एक भव्य इमारत चौरासी गांव में ही बनाने की मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बन रहे सांदिपनि विद्यालयों में निजी स्कूलों के जैसी शिक्षा बच्चों को मिलेगी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा आगरा से ग्वालियर तक 5000 करोड़ रुपए लागत से नये 6 लेन हाई-वे की सौगात दी गई है। इस 6 लेन हाई-वे के बनने पर सिर्फ 45 मिनट में आगरा से ग्वालियर पहुंचा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि ग्वालियर में वेस्टर्न हाई-वे बन रहा है। केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से ग्वालियर क्षेत्र में करीब 12 हजार करोड़ रुपए की लागत वाले विभिन्न विकास कार्य हो रहे हैं। सांसद ग्वालियर श्री भारत सिंह कुशवाहा ने कहा कि जिसकी नीयत और नीति नेक होती है, वही देश ओर प्रदेश को आगे ले जा सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है। देश को कर्मठ प्रधानमंत्री और प्रदेश को कर्मनिष्ठ मुख्यमंत्री मिले हैं। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का भव्य स्मारक बन रहा है।  ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि आज ग्वालियर के लिए गौरवशाली दिन है। ग्वालियर के हजीरा अस्पताल को पहला स्थान मिला है। इसे जिला अस्पताल के समकक्ष बनाया जाए। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में अब मरीजों की बायपास सर्जरी की व्यवस्था भी की जाए। ग्वालियर में बड़े उद्योगों की स्थापना की जाए। कार्यक्रम के अंत में जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार विकास के कामों को तेजी से बढ़ा रही है। प्रदेश का कोई भी क्षेत्र विकास के लाभ से वंचित नहीं रहेगा। सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण तथा उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाहा, विधायक श्री मोहन सिंह राठौर, श्री प्रीतम लोधी, … Read more

इंदौर में सड़क गड्ढा मामला: नगर निगम ने एयरटेल कंपनी पर ठोका आरोप, दर्ज होगी एफआईआर

इंदौर विजय नगर क्षेत्र में गहरा गड्ढा होने की घटना सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। नगर निगम ने पहले ताबड़तोड़ गड्ढा भरवा दिया, लेकिन शनिवार को फिर खुदाई कर फूटी पाइप लाइन को सुधारा गया। इंदौर के विजयनगर क्षेत्र में शुक्रवार को सड़क का एक बड़ा हिस्सा धंसने और उसमें चार फीट गहरा गड्ढा होने की जांच पूरी हो गई। नगर निगम ने एयरटेल कंपनी को गड्ढे के लिए जिम्मेदार बताया। अफसरों का कहना है कि बगैर अनुमति कंपनी ने खुदाई की और नर्मदा लाइन फोड़ दी। रिसाव होने के कारण सड़क पर गड्ढा हो गया था। शुक्रवार को विजय नगर क्षेत्र में गहरा गड्ढा होने की घटना सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। नगर निगम ने पहले ताबड़तोड़ गड्ढा भरवा दिया, लेकिन शनिवार को फिर खुदाई कर फूटी पाइप लाइन को सुधारा गया। यह घटना में मेघदूत गार्डन के सामने से स्कीम नंबर 54 की तरफ जाने वाले मार्ग पर हुई थी। गड्ढे कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन सोशल मीडिया पर गड्ढे को लेकर लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रिया दी। गड्ढे में गिरकर कोई वाहन चालक हादसे का शिकार न हो जाए, इसलिए उसके आसपास ट्रैफिक पुलिस ने बैरिकेड लगा दिए थे। रहवासियों ने अफसरों को बताया था कि सुबह के समय जिस हिस्से में सड़क धंसी थी, वहां पर पानी का रिसाव हो रहा था। इसे लेकर मेयर पुष्य मित्र भार्गव ने जांच के आदेश दिए थे। जांच में सामने आया कि एयरटेल कंपनी ने बिना नगर निगम की अनुमति के केबल लाइन डाली थी, जिससे सड़क पर गड्ढा बन गया। नगर निगम आयुक्त ने एयरटेल पर चार लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। मेयर ने कहा कि कंपनी के खिलाफ एफआईआर करने के निर्देश भी दिए गए है ताकि भविष्य में कोई भी कंपनी बिना नगर निगम की अनुमति कार्य नहीं करेगी।

ट्रंप का बड़ा कदम: 12 देशों को 7 जुलाई को जाएंगे टैरिफ पत्र

वाशिंगटन  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 देशों से होने वाले निर्यात पर टैरिफ लगाने से जुड़े पत्रों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिन्हें सोमवार को भेजे जाने की उम्मीद है। मीडिया से बातचीत में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि जिन देशों को पत्र भेजे जाएंगे, उनके नाम सोमवार को ही बताए जाएंगे। उन्होंने कहा, "मैंने कुछ लेटर्स पर हस्ताक्षर किए हैं। वह सोमवार को भेजे जाएंगे, संभवतः 12 पत्र। अलग-अलग रकम, अलग-अलग टैरिफ। पत्र भेजना बेहतर होता है। एक पत्र भेजना कहीं आसान है।” ट्रंप ने यह भी संकेत दिया है कि 'रेसिप्रोकल टैरिफ' कुछ देशों पर 70 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। इसे 1 अगस्त से अमल में लाया जाने की उम्मीद है। अप्रैल में अमेरिकी राष्ट्रपति ने देश में आने वाले अधिकांश सामानों पर 10 प्रतिशत का बेस टैरिफ घोषित किया था। इसके साथ ही कुछ देशों, जैसे चीन के लिए इससे भी ज्यादा दरें तय की गई थीं। हालांकि, इन बढ़े हुए टैरिफ को बाद में 9 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया। वाशिंगटन ने दो देशों (यूनाइटेड किंगडम और वियतनाम) के साथ 'ट्रेड एग्रीमेंट' किए हैं। इस बीच, भारत का हाई-लेवल ऑफिशियल डेलिगेशन, वाशिंगटन से बिना किसी अंतिम समझौते के लौट आया है। इसकी अगुवाई मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल कर रहे थे। यह समझौता अमेरिका की ओर से दबाव डाले जा रहे संवेदनशील मुद्दे एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट्स के व्यापार को लेकर होना था। हालांकि, अभी भी उम्मीद की एक किरण है। आशा है कि 9 जुलाई की डेडलाइन से पहले दोनों देशों में उच्चतम राजनीतिक स्तर पर एक अंतरिम द्विपक्षीय व्यापार समझौता हो सकता है। भारतीय दल 26 जून से 2 जुलाई तक अमेरिका के साथ अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए वाशिंगटन में था। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, भारत किसी डेडलाइन के दबाव में 'फ्री ट्रेड एग्रीमेंट' पर हस्ताक्षर करने में जल्दबाजी नहीं करेगा। नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री पीयूष गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत राष्ट्रीय हित में ट्रेड डील करने के लिए तैयार है, लेकिन वह "कभी भी डेडलाइन के साथ ट्रेड डील्स पर बातचीत नहीं करता है।" अमेरिका अपने एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए व्यापक बाजार की मांग कर रहा है, जो एक बड़ी चुनौती है। भारत के लिए, यह देश के छोटे किसानों की आजीविका का मुद्दा है, इसलिए इसे एक संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। भारत 9 जुलाई से पहले एक अंतरिम समझौता करके राष्ट्रपति ट्रंप के 26 प्रतिशत टैरिफ से छूट पाने की कोशिश कर रहा है। वह टेक्सटाइल, लेदर और जूते जैसे अपने लेबर-इंटेंसिव एक्सपोर्ट के लिए महत्वपूर्ण टैरिफ कन्सेशन पर भी जोर दे रहा है।