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धार्मिक यात्राओं के लिए योगी सरकार की योजना, पात्र लोगों को मिलेंगे 10-10 हजार रुपए

लखनऊ यूपी की योगी सरकार लगातार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास में लगी हुई है। प्रदेश के धार्मिक स्थलों के लिए पहले ही खजाना खोला जा चुका है। अयोध्या, काशी और मथुरा के अलावा तमाम हिंदू धर्मस्थलों को सजाया और संवारा जा रहा है। अब इसी क्रम में बौद्ध और सिख श्रद्धालुओं के लिए योगी सरकार बड़ी योजना लेकर आई है। इन श्रद्धालुओं के लिए सरकार दो तीर्थ यात्राएं शुरू करने जा रही है। तीर्थ यात्रियों को दस-दस हजार रुपए अनुदान के रूप में दिया भी जाएगा। शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तीर्थ यात्राएं भारतीय संस्कृति में आत्मिक उत्थान और सामाजिक समरसता का माध्यम रही हैं। ऐसे में राज्य सरकार का दायित्व है कि वह नागरिकों को उनकी आस्था से जुड़े स्थलों तक पहुंचने में सहायता प्रदान करे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बौद्ध श्रद्धालुओं की विशष्टि तीर्थ यात्राओं हेतु 'बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना' और सिख श्रद्धालुओं के लिए 'पंच तख्त यात्रा योजना' प्रारम्भ की जाए। इन योजनाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाएगा, ताकि वह अपनी आस्था के प्रमुख तीर्थस्थलों की यात्रा सुलभता से कर सकें। मुख्यमंत्री ने योजना के लाभार्थियों के चयन में बौद्ध भिक्षुओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। इसी प्रकार पंच तख्त यात्रा योजना सिख श्रद्धालुओं के लिए होगी। इसके अंतर्गत प्रदेश के निवासी सिख श्रद्धालुओं को भारत के पाँच पवित्र 'तख्त साहिब' स्थल की यात्रा कराई जाएगी। बता दें कि सिख पंथ के लिए पवित्र पंच तख्त स्थलों में 'श्री आनंदपुर साहिब, पंजाब, श्री अकाल तख्त साहिब, अमृतसर, पंजाब, श्री दमदमा साहिब, तलवंडी साबो, पंजाब, श्री तख्त सचखंड श्री हजूर साहिब, नांदेड़, महाराष्ट्र, श्री हरमंदिर जी साहिब (पटना साहिब), बिहार,' शामिल हैं। प्रस्तावित दोनों ही योजनाओं में प्रति व्यक्ति न्यूनतम 10 हजार रुपये की राशि अनुदान के रूप में प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि दोनों योजनाओं के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रखी जानी चाहिए। श्रद्धालुओं के चयन में पूरी पारदर्शिता के साथ कमजोर आय वर्ग के लोगों को वरीयता दी जानी चाहिए। दोनो ही योजनाएं आईआरसीटीसी के सहयोग से संचालित की जाएंगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ये दोनों योजनाएं श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और धार्मिक आस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लागू की जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि ये योजनाएं प्रदेश की समावेशी विकास नीति और 'सबका साथ, सबका विकास' की भावना को और सशक्त करेंगी। प्रदेश की धार्मिक सहिष्णुता और पर्यटन को नया आयाम देंगी। इसके साथ ही 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना को भी मूर्त रूप प्रदान करेंगी।  

युवाओं को स्वावलंबी बनाने का सशक्त माध्यम हैं सहकारी समितियां: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता को मिल रहे नए आयाम : मुख्यमंत्री डॉ. यादव नए कार्यों में सहकारी समितियों को दी जा रही है प्राथमिकता युवाओं को स्वावलंबी बनाने का सशक्त माध्यम हैं सहकारी समितियां युवाओं को दिए सहकारिता के मूल मंत्र किसी भी काम में सफल होने के लिए जरूरी है मजबूत आत्मविश्वास सफलता के लिए कार्य अनुभव और उसके संबंध में जानकारी आवश्यक सहकारिता को लेकर लागू है पारदर्शी व्यवस्था, अब 30 दिन में हो रहा नई समिति का पंजीयन महिलाएं समिति बनाकर सतपुड़ा टाइगर रिर्जव में चला रही हैं सफारी मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर युवाओं से किया संवाद विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का किया समाधान भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में मध्यप्रदेश के सहकारिता क्षेत्र को नए आयाम मिल रहे हैं। दुग्ध-उत्पादन, औद्योगिक विकास सहित अन्य क्षेत्रों में हो रहे नए कार्यों में सहकारी समितियों को प्राथमिकता मिलेगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता समाज को एक करने के साथ ही युवाओं को बेरोजगारी से बचाने का माध्यम है। रोजगार का अर्थ सिर्फ सरकारी नौकरी नहीं है। युवाओं को स्वरोजगार और स्वावलंबन से जोड़ने के लिए प्रदेश सरकार संकल्पित है और वर्ष 2025 को रोजगार एवं उद्योग वर्ष के रूप में मना रही है। उन्होंने तीन नए आपराधिक कानूनों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटी है, क्योंकि आंख पर पट्टी रहते हुए न्याय कैसे हो सकता है। नागरिकों के मूल अधिकार संविधान में उल्लेखित हैं और इसी भावना से व्यक्तियों के आपसी स्वावलंबन और सहभागिता का समावेश सहकारिता में है। वर्तमान सरकार में सहकारिता को लेकर व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी है। नई समिति की पंजीयन प्रक्रिया 30 दिन में पूर्ण की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय सहकारी दिवस के अवसर पर समन्वय भवन में म.प्र. राज्य सहकारी संघ एवं अपेक्स बैंक ट्रेनिंग कॉलेज की ओर से आयोजित सहकारी युवा संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सहकारिता ध्वज फहराकर समन्वय भवन में आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में अतिथियों को पौधा भेंटकर स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सहकारी युवा संवाद कार्यक्रम में उपस्थित महाविद्यालयीन विद्यार्थियों से संवाद किया और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सहकारिता से उद्योग प्राप्त करने वाली 30 महिलाओं को सिलाई मशीन टूल किट वितरण के प्रतीक स्वरूप एक महिला को सिलाई किट प्रदान की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश में सहकारिता का आंदोलन खड़ा करने के लिए गुजरात में अमूल की स्थापना की। हजारों लोगों को दुग्ध-उत्पादन से जोड़कर उनकी आय बढ़ाने और बेरोजगारी खत्म करने का कार्य किया। राज्य सरकार भी दुग्ध-उत्पादन बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध है। अभी दुग्ध-उत्पादन में प्रदेश तीसरे स्थान पर है, जो भविष्य में शीर्ष पर पहुंचेगा। इसी उद्देश्य से दुग्ध-उत्पादन में प्रदेश का योगदान 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें सहकारिता क्षेत्र की बड़ी भूमिका होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने युवाओं को दिए मूल मंत्र मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने युवाओं से संवाद करते हुए उन्हें सहकारिता क्षेत्र से जुड़े मूल मंत्र दिए। उन्होंने कहा कि सहकारिता में आने का एक सूत्र है- जब भी कोई नया काम करें तो आत्मविश्वास मजबूत रखें। युवा जिस भी क्षेत्र में काम करना चाहते हैं, पहले उसका अनुभव लें और यह भी देखें कि सहकारी समिति के माध्यम से इस क्षेत्र में क्या-क्या किया जा सकता है। सहकारी समिति के नेतृत्वकर्ता का दायित्व है कि पहले वह स्वयं पूरी जानकारी रखें और दूसरे साथियों को भी बताएं। सभी क्षेत्रों में युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रही सरकार मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवाओं के जीवन की असली परीक्षा कॉलेज की शिक्षा पूर्ण होने के बाद शुरू होती है। राज्य सरकार सभी क्षेत्रों में युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रही है। मध्यप्रदेश वन्य संपदा और जलराशियों से संपन्न है। प्रदेश में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार संकल्पित है। हमारे युवा सभी साधनों से संपन्न होकर प्रदेश को आग बढ़ाए, इसी भावना से राज्य सरकार कार्य कर रही है। इसी उद्देश्य से अलग-अलग मंचों पर युवाओं से संवाद किए जा रहे हैं, जिससे भविष्य में उन्हें भी नेतृत्व का अवसर मिले। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत 2047 में विकसित राष्ट्र बनेगा। सहकारिता और भारतीय दर्शन के माध्यम से हम सबके कल्याण की प्रार्थना करते हैं। आय बढ़ाने के साथ समाज को एक करने की पहल है सहकारिता सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि आज विश्व अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में देश की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आया है। उन्होंने विकसित भारत के लिए सहकारिता को आगे बढ़ाने पर बल दिया। देश में सहकारिता मंत्रालय बनाकर केन्द्रीय मंत्री अमित शाह को जिम्मेदारी सौंपी। देश का इतिहास है कि जहां व्यक्ति है, वहां सहकारिता है। जब व्यक्ति का एक-दूसरे से समन्वय होगा, तभी देश एक होगा। सहकारिता केवल आय बढ़ाने का माध्यम नहीं, बल्कि देश और समाज को एक करने की पहल है। हमें रोजमर्रा की जिंदगी में सहकारिता को आत्मसात करना होगा। हमें 2047 तक विकसित भारत बनाना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यार्थियों की जिज्ञासा का किया समाधान मुख्यमंत्री डॉ. यादव के सामने महाविद्यालय छात्र-छात्राओं ने युवा संवाद कार्यक्रम में कई जिज्ञासाएं रखीं। एक छात्रा के सहकारी समिति बनाने की प्रक्रिया और शासकीय कार्य-प्रणाली संबंधी प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्तमान में सहकारिता में पारदर्शी व्यवस्था स्थापित की गई है और नई समितियों का पंजीयन 30 दिन में पूर्ण हो रहा है। एक अन्य छात्रा ने सहकारिता संबंधी विषय स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का सुझाव रखा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हर विषय पाठ्यक्रम में रखना कठिन है। लोगों को स्वयं सहकारिता की ओर पहल करनी चाहिए। सहकारिता में सबका स्वागत है, इसमें शिक्षा या आय का कोई बंधन नहीं है। … Read more

CM साय ने पंचायत प्रतिनिधियों को दिए नेतृत्व के मंत्र, बोले – पंचायतों का विकास ही छत्तीसगढ़ की समृद्धि की नींव, सेवा भाव से करें काम

रायपुर नवा रायपुर स्थित निमोरा में आज राज्य के नवनियुक्त जिला पंचायत अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा सहित कई वरिष्ठ जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि सेवा भावना और ईमानदारी से काम करने पर जनता हमेशा साथ देती है। उन्होंने अपने राजनीतिक अनुभव साझा करते हुए कहा, “मैंने कई बार निर्विरोध चुनाव जीते हैं। विधायक और सांसद दोनों रूपों में जनता ने मुझ पर भरोसा जताया है, क्योंकि जब भावनाएं सच्ची होती हैं, तब जनता भी मजबूती से साथ खड़ी रहती है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक समृद्ध प्रदेश है, जहां विकास की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि राज्य को अब डबल इंजन की सरकार का लाभ मिल रहा है, जिससे योजनाएं और तेज़ी से धरातल पर उतर रही हैं। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीते वर्षों में नक्सलवाद के खिलाफ अपेक्षित सहयोग नहीं मिला, जबकि अब भाजपा सरकार नक्सलवाद के समूल नाश के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा पहले बस्तर में गोलियों की आवाजें आती थीं, अब वहां विकास की गूंज सुनाई देती है। उन्होंने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग पूरी मेहनत से काम कर रहा है और यदि पंचायतों का सशक्तिकरण होता है तो छत्तीसगढ़ का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री साय ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की उपयोगिता पर बल देते हुए कहा कि यह केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि नेतृत्व क्षमता को बढ़ाने का सशक्त माध्यम है। हम सब भी सीखने की प्रक्रिया में हैं। हमारे मंत्रीगण भी दो-दो बार प्रशिक्षण ले चुके हैं। आगामी समय में मैनपाट में भी इस प्रकार का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में प्रदेश की 11,000 पंचायतों में “अटल डिजिटल सेवा” की शुरुआत की जाएगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित होगी और स्थानीय प्रशासन तकनीकी रूप से और अधिक सक्षम बनेगा। CM ने नक्सलियों के शांति वार्ता पत्र पर दी प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री साय ने नक्सलियों द्वारा भेजे गए शांति वार्ता पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार शुरू से ही नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने का आह्वान करती रही है। उन्होंने कहा, “हमने हिंसा छोड़ने वालों को पुनर्वास का अवसर दिया है। बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं। यदि कोई शस्त्र त्यागकर बात करना चाहता है, तो सरकार तैयार है, लेकिन यदि गोलीबारी की भाषा आएगी तो जवाब भी मिलेगा।” मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन के अंत में कहा कि पंचायतें यदि जागरूक और सक्रिय होंगी तो छत्तीसगढ़ के गांवों का सर्वांगीण विकास संभव होगा। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण के माध्यम से शासन की गहराई को समझने और अपने क्षेत्र में नवाचारों को लागू करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों को शुभकामनाएं दीं और “जय हिंद, जय छत्तीसगढ़” के उद्घोष के साथ कार्यक्रम का समापन किया। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी जनप्रतिनिधियों को उनके दायित्वों के प्रति सजग रहने और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता देना चाहिए। गौरतलब है कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किए गए, जिनमें पंचायत संचालन, वित्तीय प्रबंधन, योजनाओं के क्रियान्वयन, और डिजिटल गवर्नेंस जैसे विषयों को शामिल किया गया। इससे नवचयनित जनप्रतिनिधियों को शासन की बारीकियों को समझने और बेहतर कार्य करने की दिशा में मार्गदर्शन मिला।

वन विभाग पौधारोपण अभियान: इस वर्ष वन विभाग एक लाख से अधिक पौधे लगाएगा

फरीदाबाद पूरे शहर में इस वर्ष वन विभाग एक लाख से अधिक पौधे लगाएगा। सामाजिक संस्थाओं, पंचायतों, आरडब्ल्यूए, निजी व राजकीय स्कूलों तथा कालेजों की सहायता से वन विभाग पौधारोपण अभियान को सफल बनाएगा। इसके लिए लोगों को सूचित किया जा रहा है। एक आधार कार्ड पर दस पौधे निश्शुल्क दिए जाएंगे। वन विभाग की नर्सरी से कोई भी व्यक्ति पौधे प्राप्त कर सकता है। गौरतलब है कि हर वर्ष मानसून में वन विभाग की ओर से पौधारोपण अभियान चलाया जाता है। वन विभाग ने इस वर्ष पूरे शहर में एक लाख 250 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। जबकि वर्ष 2024 में एक लाख 63 हजार, वर्ष 2023 में करीब दो लाख पौधे लगाए गए थे। वन विभाग के कर्मचारी पौधारोपण कर इसकी देखभाल करेंगे। अधिकारियों का कहना है कि जगह चिन्हित करके पौधे लगाए जाते हैं। अरावली वन क्षेत्र के अलावा अलग-अलग हिस्सों में बरगद, पीपल, नीम, कनेर, पापड़ी, अमरूद, गुड़हल, जामुन सहित अन्य फल व छायादार पौधे लगाए जाएंगे। इसकी शुरुआत अगले सप्ताह से होगी। हालांकि विभाग लोगों को 25 जून से बाद से पौधे वितरित करने शुरू कर दिए हैं। एक दिन में तीन हजार से 15 हजार तक पौधे लोग लेकर जाते हैं। सामाजिक संस्थाएं और निजी तथा सरकारी स्कूल सबसे ज्यादा पौधे लेकर जाते हैं। अधिकारियों ने बताया कि लोग शुरू में पौधे तो लेकर चले जाते हैं लेकिन उनकी देखभाल करना भूल जाते हैं। जिसकी वजह से पौधे सूख जाते हैं। वर्ष वर्ष ऐसे 40 हजार से अधिक पौधे सूखते हैं। इस वर्ष यह सुनिश्चित किया जाएगा है कि जो पौधे लगाए गए वह बचे हैं या नहीं। पौधे लेकर जाने वाले लोगों और संगठनों को पौधारोपण की लोकेशन विभाग के साथ साझा करनी होगी। साथ ही हर महीने पौधों की अपडेट रिपोर्ट भी ली जाएगी। लोगों को नर्सरी से पौधे लेते समय अपना फोन नंबर और आधार कार्ड की फोटोकॉपी जमा करनी है। इसके बाद ही पौधे दिए जा रहे हैं। वन विभाग के उपाधीक्षक राजवीर का कहना है कि वन विभाग की ओर से अगले सप्ताह से शहर के विभिन्न हिस्सों में पौधे लगाए जाएंगे। इसमें सामाजिक संगठनों, स्कूलों और कालेजों की सहायता ली जाएगी। शहर मेें हरियाली बढ़ाने के उद्देश्य से पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा।  

अवलोकितेश्वर का आशीर्वाद मिला, लंबी उम्र का दावा: दलाई लामा का बड़ा बयान

धर्मशाला  दलाई लामा ने अपने उत्तराधिकारी की घोषणा को लेकर जारी अफवाहों पर एक प्रकार से विराम लगा दिया है। शनिवार को उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह लोगों की सेवा के लिए 30-40 साल और जीवित रहेंगे। मैकलोडगंज में मुख्य दलाई लामा मंदिर त्सुगलागखांग में रविवार को जन्मदिवस कार्यक्रम आयोजित होगा। इससे पहले, दीर्घायु प्रार्थना समारोह में तेनजिन ग्यात्सो ने कहा कि उन्हें स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि अवलोकितेश्वर का आशीर्वाद उनके साथ है। तिब्बत के आध्यात्मिक नेता ने कहा, ‘कई भविष्यवाणियों को देखते हुए मुझे लगता है कि मुझ पर अवलोकितेश्वर का आशीर्वाद है। मैंने अब तक अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। मुझे उम्मीद है कि मैं अभी 30-40 साल और जीवित रहूंगा। आपकी प्रार्थनाएं अब तक फलदायी रही हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हालांकि हमने अपना देश खो दिया है और हम भारत में निर्वासन में रह रहे हैं। यहीं मैं जीवात्माओं को काफी लाभ पहुंचाने में सक्षम रहा हूं। वे यहां धर्मशाला में रह रहे हैं। मैं जितना संभव हो सके, जीवात्माओं को लाभ पहुंचाने और उनकी सेवा करने की इच्छा रखता हूं।’ भारत आस्था और धर्म के मामलों में पक्ष नहीं लेता: विदेश मंत्रालय दूसरी ओर, विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत सरकार आस्था और धर्म से जुड़े मामलों में कोई पक्ष नहीं लेती है। मंत्रालय ने यह टिप्पणी दलाई लामा के इस बयान के दो दिन बाद की है जिसमें उन्होंने कहा था कि तिब्बती बौद्धों के एक ट्रस्ट को ही उनके उत्तराधिकारी को तय करने का अधिकार होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सरकार ने भारत में सभी के लिए धार्मिक स्वतंत्रता को हमेशा बरकरार रखा है और आगे भी ऐसा करती रहेगी। उन्होंने कहा, ‘हमने दलाई लामा संस्था की निरंतरता के बारे में माननीय दलाई लामा की ओर से दिए गए बयान से संबंधित रिपोर्ट देखी है। भारत सरकार आस्था और धर्म से जुड़े मामलों में कोई पक्ष नहीं लेती है और न ही बोलती है।’  

शहडोल में तेज बारिश से तबाही, दीवार गिरने की घटना में दो लोगों की जान गई

शहडोल जिले में लगातार हो रही बरसात के चलते ग्रामीण इलाकों में पानी का भराव हो गया है, जिसके चलते लोग परेशान हो रहे हैं। यहां की ग्राम पंचायत केशवाही में बरसात के कारण लोगों को आवामन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह है कि पानी के भराव के कारण लोगों के घरों के अंदर रखा सामान खराब हो रहा है वहीं बिजली के करंट का खतरा भी बना हुआ है। यह स्थिति न केवल केशवाही की है बल्कि आसपास के कई गांवों की है। यहां पर शुक्रवार शनिवार की दरम्यानी रात को मझौली क्षेत्र के महरान टोला में मकान की दीवार गिर जाने से दो लोगों की दब जाने से मौत भी हो गई है।   ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों की लापरवाही ग्राम पंचायत के जिम्मेदार लोगों की लापरवाही के कारण यहां पर बरसात का पानी गांव के अंदर भरा हुआ है और लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है। यहां की ग्रेवल रोड बनाते समय पानी का निकास व पुलिया निर्माण कार्य नहीं कराया गया जिसके चलते हालात बदतर हो गए हैं। बरसात का पानी गांव में ऐसे भरा हुआ है जैसे तालाब हो।यहां की रोजगार सहायक ने अपने प्रभार के दौरान ग्रेवल रोड का निर्माण कराया था और पानी की निकासी नहीं कराई गई। अब हालात बदतर नजर आ रहे हैं। अब यहां की हालत को सुधारने के लिए न तो सरपंच आगे आ रहे हैं और न ही सचिव। दीवार गिरने से पति पत्नी की चली गई जान केशवाही क्षेत्र के महरान टोला में जवाहर महरा और उनकी पत्नी की मृत्यु भारी बरसात के कारण मकान की दीवार के नीचे दबने से हो गई है। दो लोगों की दर्दनाक मौत के चलते ग्रामीणों में आक्रोश है। यह घटना मझौली क्षेत्र के महरान टोला गांव में शनिवार की सुबह हुई है। बताया जा रहा है कि मकान की दीवार जर्जर थी जिसके कारण वह गिर गई और इस घटना में जवाहरलाल महरा और उसकी पत्नी डोमनियां महरा की दर्दनाक मौत हो गई। मुरूम निकालने के कारण दीवार हुई थी कमजोर दोनों मृतक उसी दीवार के पास खड़े थे जिसके चलते वह उसके नीचे दब गए। मृतकों के स्वजनों व ग्रामीणों ने मांग की है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और उचित मुआवजा एवं सरकारी सहायता दी जाए।

नए चैप्टर से सिलेबस में बदलाव: स्कूली किताबों में शामिल होंगे राज्यपाल के अधिकार और रिसॉर्ट पॉलिटिक्स

तिरुवनंतपुरम केरल सामान्य शिक्षा विभाग द्वारा गठित एक पाठ्यक्रम समिति ने राज्य सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में कक्षा 10 की पाठ्यपुस्तक में एक नया अध्याय जोड़ने को मंजूरी दे दी है, जिसमें राज्यपाल की संवैधानिक शक्तियों और कर्तव्यों के बारे में बताया गया है। आधिकारिक बयान में कहा गया कि सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी की अध्यक्षता में समिति की बैठक में कक्षा दो, चार, छह, आठ और दसवीं की पाठ्यपुस्तकों में नई विषय-वस्तु को मंजूरी दी गई। बयान के मुताबिक इसके अलावा किताब में रिसॉर्ट पॉलिटिक्स पर भी चर्चा की गई है। विस्तार से की गई है चर्चा भारत माता के चित्र के प्रदर्शन को लेकर केरल सरकार और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के बीच खींचतान जारी है। इन सबके बीच कक्षा 10 की पाठ्यपुस्तक में राज्यपाल की शक्तियों पर नया अध्याय शामिल करने को मंजूरी दी गई है। शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार, कक्षा 10 की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक के दूसरे खंड में ‘डेमोक्रेसी: इन इंडियन एक्सपीरियंस’ शीर्षक वाले अध्याय में राज्यपाल की शक्तियों और कर्तव्यों पर विस्तार से चर्चा की गई है। किताब में क्या-क्या खास बयान में कहा गया कि विशेष अध्याय में भारतीय लोकतंत्र में संकट, चुनावी बॉण्ड को समाप्त करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले और रिसॉर्ट राजनीति के बारे में भी बताया गया है। संशोधित पाठ्यपुस्तकें ओणम की छुट्टियों से पहले बच्चों तक पहुंच जाएंगी। राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने पिछले महीने घोषणा की थी कि स्कूली पाठ्यपुस्तकों में जल्द ही राज्यपाल की संवैधानिक शक्तियों और कर्तव्यों की व्याख्या करने वाली सामग्री शामिल की जाएगी।  

भारत का चौथा विकेट गिर गया है, पंत 65 रन बनाकर आउट हुए, गिल क्रीज पर मौजूद

नई दिल्ली  दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन का खेल समाप्त हो गया है। भारत ने दूसरी पारी में एक विकेट गंवाकर 64 रन बना लिए हैं। केएल राहुल 28 और करुण नायर 7 रन बनाकर नाबाद लौटे। भारत की कुल बढ़त 244 रन की हो गई है। इससे पहले इंग्लैंड की पहली पारी 407 रन पर सिमट गई। दूसरे दिन के 77 रन से आगे खेलते हुए इंग्लैंड की तरफ से हैरी ब्रूक और जेमी स्मिथ ने शानदार शतक जड़े। वहीं, मोहम्मद सिराज ने छह विकेट चटकाए। चौथे दिन भारत अपनी बढ़त को 500 तक पहुंचाने की कोशिश करेगा।  भारत का गिरा चौथा विकेट भारत का चौथा विकेट गिर गया है। पंत 65 रन बनाकर आउट हुए। शुभमन गिल 63 रन बनाकर खेल रहे हैं। भारत ने दूसरी पारी में 243 रन बना लिए हैं। जडेजा क्रीज पर आए हैं। पंत के आउट होने के बाद।

मंत्री केदार कश्यप बोले – एक पेड़ माँ के नाम अभियान पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक

’गौपालक किसानों व मत्स्य सहकारी किसानों को रुपे  केसीसी कार्ड एवं डेयरी सोसायटियो को माइक्रो एटीएम वितरित किया’ रायपुर, सहकारिता एवं जल संसाधन मंत्री  केदार कश्यप आज  नवा रायपुर, अटल नगर  में स्थित छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक  (अपेक्स बैंक) परिसर  में अंतर्राष्ट्रीय  सहकारिता दिवस पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी में शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर  एक पेड़  माँ के नाम अभियान के तहत  पौधरोपण किया। उन्होंने इस दौरान  मंत्री कश्यप  ने गौपालक तथा मत्स्य पालक किसानों को रुपे  केसीसी कार्ड और  दुग्ध सहकारी समितियो को माइक्रो एटीएम  वितरण किया ।     मंत्री कश्यप ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है , और माँ के प्रति हमारी श्रद्ध। उन्होंने कहा कि यह अभियान  प्रेम और कृतज्ञता व्यक्त करने का एक अनूठा तरीका भी है । माँ और प्रकृति दोनों ही जीवनदायिनी हैं, पोषण करती हैं, और बिना किसी स्वार्थ के अपनापन देती हैं ।     मंत्री कश्यप ने कहा कि माँ के नाम पर एक पेड़ लगाना माँ के प्रेम को प्रकृति के साथ जोड़ता है। यह एक जीवंत श्रद्धांजलि है, जो न केवल माँ के प्रति हमारी भावनाओं को व्यक्त करती है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक उपहार है। उन्होंने कहा कि यह अभियान, ‘सहकारिता‘ के साथ, भारत में सामाजिक और पर्यावरणीय उत्थान के लिए महत्वपूर्ण पहलें हैं। ये सामूहिक भागीदारी और सामूहिक जिम्मेदारी पर आधारित हैं, और इनकी मूल भावना सहयोग, संरक्षण और समाज में योगदान देने की है । ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ पहल की शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा 5 जून 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर की गई थी । इसका उद्देश्य माताओं की स्मृति में पेड़ लगाने को प्रोत्साहित करना और पर्यावरण संहिता को बढ़ावा देना है । यह अभियान प्रकृति और मातृत्व के बीच समानता को रेखांकित करता है , क्योंकि दोनों ही जीवन का पोषण करते हैं ।     अपेक्स बैंक के प्राधिकृत अधिकारी केदार नाथ गुप्ता ने कहा कि अभियान का संदेश है – ‘माँ के लिए एक पेड़, धरती के लिए एक कदम‘ । सभी सहकारी समितियों के साथ इस नेक कार्य में हिस्सा लेने और अपनी माँ के प्रेम को प्रकृति के साथ जोड़ने का आह्वान किया गया है । उन्होंने आगे कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की मंशा है कि पैक्स सोसायटियो को मजबूत किया जाए।    अपर मुख्य सचिव , सहकारिता , छत्तीसगढ़ शासन सुब्रत साहू ने  राज्य स्तरीय सहकारी संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में ‘सहकार से संमृद्धि‘ अंतर्गत अनेक कार्यक्रम व नवाचार सहकारिता के माध्यम से किये जा रहे है, जिसमे सहकारिता छेत्र की इकाई-समितियो को बहुउद्देशीय बनाना व इस आंदोलन को और विस्तारित करना है। सहकारिता की महत्ता को ध्यान में रखते हुए 2021 में केंद्र सरकार द्वारा पृथक से सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया, जो इस आंदोलन के प्रति सरकार के सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है।     संगोष्ठी में छत्तीसगढ़ सहकारिता प्रकोष्ठ अध्यक्ष शशिकांत द्विवेदी, सहकारिता विभाग के सचिव डॉ सी आर प्रसन्ना, आयुक्त सहकारिता कुलदीप शर्मा, एमडी अपेक्स बैंक के एन कांडे, अपर आयुक्त एच के दोषी, सहकारिता विभाग के अधिकारी सहित जिला सहकारी बैंको, मार्कफेड, लघुवनोपज तथा एनसीडीसी तथा बड़ी संख्या में अपेक्स बैंक, जिला सहकारी बैंकों, जिला सहकारी संघ के अधिकारी गण मौजूद थे।    

अपकमिंग एमेजॉन सेल में कीमत में मिलेगा OnePlus 13, 13s और 13R

नई दिल्ली Amazon Prime Day सेल अगले हफ्ते से शुरू हो रही है। इस सेल में वनप्‍लस के स्‍मार्टफोन्‍स को डिस्‍काउंट पर लिया जा सकेगा। लोगों को वनप्‍लस 13 सीरीज पर ऑफर पेश किए जाएंगे। वनप्‍लस ने बताया है कि लोगों के लिए अर्ली डील्‍स 10 जुलाई से ही शुरू हो जाएंगी। वनप्‍लस के तमाम प्रोडक्‍ट्स पर छूट मिलने वाली है। अगर आप वनप्‍लस 13 खरीदने का मन बना रहे हैं तो कम से कम 10 हजार रुपये का डिस्‍काउंट आपको मिल सकता है। ऐसे ही और भी प्रोडक्‍ट्स हैं। हम उनमें से कुछ चुनिंदा के बारे में आपको बता रहे हैं, जिन्‍हें एनबीटी टेक ने एक्‍सपीरियंस किया है। इसके अलावा कंपनी वनप्‍लस मॉनसून सेल लेकर आई है, जिसमें वनप्‍लस की वेबसाइट, पार्टनर स्‍टोर्स पर ऑफर्स दिए जाएंगे। सेल में OnePlus 13 डिस्‍काउंट OnePlus 13 को सेल में 59999 रुपये की इफेक्‍ट‍िव कीमत पर लिया जा सकता है। इसमें 5 हजार रुपये का प्राइस ड्रॉप और 5 हजार रुपये का बैंक कार्ड डिस्‍काउंट शामिल है। याद रहे कि बैंक कार्ड डिस्‍काउंट चुनिंदा बैंकों के कार्ड पर मिलेगा, जिनमें आईसीआईसीआई शामिल है। इसके अलावा यूजर्स को सिलेक्‍टेड बैंक कार्ड पर 9 महीनों तक की नो-कॉस्‍ट ईएमआई की सुविधा भी दी जाएगी। OnePlus 13s पर सेल डिस्‍काउंट हाल ही में लॉन्‍च हुए वनप्‍लस 13एस को कई लोगों ने इसलिए नहीं खरीदा कि वो सेल का वेट कर रहे थे। इंतजार अब खत्‍म हो रहा है। अपकमिंग सेल में वनप्‍लस 13एस को 49,999 रुपये के इफेक्‍ट‍िव प्राइस पर लिया जा सकता है। इसमें 5,000 का इंस्‍टेंट बैंक डिस्‍काउंट और 5 हजार का एडिशनल एक्‍सचेंज बोनस शामिल है। OnePlus 13R पर डिस्‍काउंट अगर आपका थोड़ा कम बजट लेकर चल रहे हैं तो सेल में OnePlus 13R को देख सकते हैं। वनप्‍लस की यह डिवाइस 39999 रुपये के इफेक्‍ट‍िव प्राइस में ली जा सकेगी। इसमें चुनिंदा कार्ड्स पर 3 हजार रुपये का डिस्‍काउंट शामिल है साथ ही यूजर्स को बिना कोई पैसा दिए OnePlus Buds 3 मिल जाएंगे। यूजर 6 महीनों के लिए नो-कॉस्‍ट ईएमआई का विकल्‍प भी चुन सकेंगे। OnePlus Nord पर डिस्‍काउंट सेल में वनप्‍लस नॉर्ड डिवाइसेज को भी छूट के साथ लिया जा सकेगा। OnePlus Nord CE4 Lite सिर्फ 15999 रुपये में उपलब्‍ध होगा। इसमें चुनिंदा बैंक कार्डों पर 2 हजार का डिस्‍काउंट शामिल है। कंपनी हाल में आए OnePlus Bullets Wireless Z3 नैकबैंड को 1549 रुपये में बेच रही है। वह 150 रुपये का इंस्‍टेंट बैंक डिस्‍काउंट ऑफर कर रही है।