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महापौर मीनल चौबे ने तेलीबांधा तालाब परिसर में लगातार अनियमितताओं और अव्यवस्थाओं का किया निरीक्षण

रायपुर  राजधानी के तेलीबांधा तालाब परिसर में लगातार अनियमितताओं और अव्यवस्थाओं की शिकायतें सामने आने के बाद महापौर मिनल चौबे ने औचक निरीक्षण किया. इस दौरान कई खामियां और अनियमितताएं देखने को मिली, जिसे लेकर महापौर मिनल ने मौके पर कंपनी स्टाफ को जमकर फटकार लगाई और स्पष्ट किया कि मैथिलीशरण गुप्ता उद्यान में किसी भी प्रकार की छेड़खानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. निरीक्षण में मिली कई अनियमितताएं तेलीबांधा परिसर के निरीक्षण के दौरान कई खामियां और अनियमितताएं सामने आई. परिसर में जल विहार कॉलोनी की ओर बना सार्वजनिक सुलभ शौचालय बंद पाया गया. जोन-बी स्थित मैथिलीशरण गुप्त उद्यान में बड़ी संख्या में झूले लगाए गए हैं, जिससे उद्यान का उपयोग योग्य क्षेत्रफल काफी कम हो गया है. तेलीबांधा पाथवे पर नेत्र चिकित्सालय के पास बने पार्किंग क्षेत्र से परिसर की एंट्री पर बोलार्ड्स लगाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि बड़ी गाड़ियां परिसर में प्रवेश न कर सकें. इसके अलावा, परिसर में कंपनी द्वारा बनाए गए छोटे-छोटे कियोस्क भी बेहद अव्यवस्थित तरीके से स्थापित पाए गए. निरीक्षण के दौरान पाथवे पर तेज रफ्तार से गाड़ियों की आवाजाही देखी गई, जिससे आमजन के लिए दुर्घटना की आशंका जताई गई. महापौर ने अधिकारियों को दिए निर्देश महापौर मिनल चौबे ने मौके पर अधिकारियों को मैथिलीशरण गुप्त उद्यान में लगाए गए झूलों को 24 घंटे के भीतर हटाने के निर्देश दिए. उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर निर्देशों का पालन नहीं हुआ तो कंपनी का अनुबंध निरस्त कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह उद्यान जनता की धरोहर है और रहेगा. जल्द ही उद्यान जनता को उद्यान के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने बंद पाए गए सुलभ शौचालय को तुरंत आमजन के लिए खोलने के निर्देश दिए. साथ ही, कंपनी द्वारा की जा रही सभी अनियमितताओं को तत्काल सुधारने के आदेश दिए गए. संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे नियमित रूप से निरीक्षण करते रहें, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाहियां दोबारा न हो.

चोउ तिएन चेन को दी मात, श्रीकांत ने कनाडा ओपन सेमीफाइनल में बनाई जगह

कैलगरी भारत के स्टार शटलर किदांबी श्रीकांत ‘कनाडा ओपन सुपर 300 बैडमिंटन टूर्नामेंट’ के सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं। उन्होंने शनिवार को क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपे के शीर्ष वरीयता प्राप्त चोउ तिएन चेन को सीधे गेम में 21-18, 21-9 से हराया। श्रीकांत ने चीनी ताइपे के वांग पो-वेई को 43 मिनट तक चले इस मुकाबले में शिकस्त देकर सेमीफाइनल में अपना स्थान पक्का किया था। वर्तमान में विश्व में 49वें स्थान पर काबिज श्रीकांत अब फाइनल में जगह बनाने के लिए जापान के तीसरी वरीयता प्राप्त केंटा निशिमोटो से भिड़ेंगे। श्रीकांत के पास 30 वर्षीय केंटा निशिमोटो के खिलाफ हेड-टू-हेड रिकॉर्ड में 6-4 की बढ़त है। भारतीय खिलाड़ी ने पिछली विश्व चैंपियनशिप में जापानी शटलर को सीधे गेम में हराया था। इसके बावजूद निशिमोटो अन्य भारतीय खिलाड़ियों के लिए चुनौतियां पेश करते रहे हैं। अपने कोर्ट कवरेज के लिए पहचाने जाने वाले निशिमोटो इस सीजन में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। निशिमोटो ने भारत के शंकर मुथुसामी सुब्रमण्यम को 21-15, 5-21, 21-17 से कड़ी टक्कर देकर सेमीफाइनल में जगह बनाई है। श्रीकांत प्री-क्वार्टरफाइनल मैच में चीनी ताइपे के वांग पो-वेई के खिलाफ 21-19, 21-14 से जीत दर्ज कर क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे। श्रीकांत ने यह मुकाबला 41 मिनट में जीता था। वांग पो-वेई वर्ल्ड नंबर-71 हैं। पूर्व विश्व चैंपियनशिप रजत पदक विजेता किदांबी श्रीकांत मई में मलेशिया मास्टर्स के फाइनलिस्ट रह चुके हैं। विमेंस सिंगल्स में, भारत की युवा शटलर श्रेयांशी वलीशेट्टी डेनमार्क की 24 वर्षीय अमाली शुल्ज के खिलाफ एक कठिन मुकाबले में 21-12, 19-21, 19-21 से हारकर बाहर हो गईं। श्रीयांशी ने दूसरे और तीसरे गेम में वापसी की, लेकिन शुरुआती गेम जीतने के बाद बढ़त हासिल नहीं कर पाईं। निर्णायक गेम में, उन्होंने 9-17 के अंतर को कम करके 19-21 का स्कोर बनाया, लेकिन मामूली अंतर से हार गईं, जिससे उनके नॉर्थ अमेरिकी टूर का समापन हो गया।  

युवक की चाकू गोदकर निर्मम हत्या, पुराने विवाद में वारदात की आशंका, जांच में जुटी पुलिस

 कोरबा बांकीमोंगरा थाना क्षेत्र के मोंगरा बस्ती में युवक की चाकू गोदकर निर्मम हत्या कर दी गई. मृतक की पहचान अयोध्यापुरी-जैलगांव निवासी अश्वनी पाठक उर्फ पिंटू (40) के रूप में हुई. परिजनों के अनुसार मृतक अश्वनी शुक्रवार दोपहर बस्ती में रहने वाले मनजोद बक्कल के साथ निकला था. मौके पर डॉग स्क्वाड और फोरेंसिक टीम पहुंची गई है. पुलिस ने शव को पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. जानकारी के मुताबिक, मोंगरा बस्ती के भुसड़ीपारा सब-स्टेशन के पास युवक की खून से सनी लाश मिली. वहां से गुजर रहे लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद डॉग स्क्वाड, फोरेंसिक टीम के साथ पुलिस पहुंची. शव पर चोट के गहरे निशान मिले हैं. प्रारंभिक जांच में युवक की चाकू गोदकर हत्या किया जाना सामने आया है. फिलहाल शव को पंचनामा कर पीएम के लिए भेजा गया है. डॉग स्क्वायड और फोरेंसिक एक्सपर्ट मौके पहुंची हुई है. मामले में सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है. मृतक के परिजनों के साथ दोस्तों से भी पूछताछ की जा रही है. वहीं पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले जा रही है.

कांवड़ यात्रा में नया नियम: दुकानों के नाम हटेंगे, क्यूआर कोड से मिलेगी पहचान

लखनऊ उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के नियम को लागू कर दिया है। इसी को लेकर एफएसडीए ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि दुकानदारों को अपना नाम नहीं लिखना होगा। केवल दुकान का नाम ही लिखा जाएगा। हालांकि, क्यूआर कोड में दुकानदार से जुड़ी जानकारी होगी तो कांवड़ियों के लिए मददगार होगी। कहा जा रहा है कि यह निर्णय पारदर्शिता और जन कल्याण सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। निर्देश के अनुसार दुकानदार को अपनी दुकान पर क्यूआर कोड युक्त प्रपत्र लगाना होगा। इसमें क्यूआर कोड स्कैन करने पर दुकानदार का नाम, पता, लाइसेंस नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल की जानकारी मिलेगी। क्यूआर कोड स्कैन कर हिंदू संगठन पूछ रहे नाम-धर्म कांवड़ यात्रा को लेकर विहिप और हिंदू संगठन के लोगों ने हरिद्वार-दिल्ली हाइवे और कांवड़ मार्ग पर आने वाले होटलों पर सख्ती की मांग की है। खुद ही टीम बनाकर हर होटल-ढाबे पर पहुंच रहे हैं और इनके क्यूआर कोड को स्कैन करके नाम पता कर रहे हैं। साथ ही यदि होटल का नाम अन्य धर्म का लिखा हुआ है तो पुलिस-प्रशासन से शिकायत की जा रही है। हिंदू संगठन के सदस्यों ने अब कांवड़ यात्रा के दौरान तमाम कांवड़ मार्गों पर होटल पर मालिकों की पहचान उजागर करने और नाम लिखने की मांग की है। अभियान चलाया सुभारती चौकी से अभियान शुरू करके गाजियाबाद तक कार्रवाई की गई है। इस संबंध में कई वीडियो भी वायरल हो रही हैं, जिसमें हिंदू संगठन के लोग होटल पर मालिक का नाम लिखने की मांग कर रहे हैं। यदि दूसरे धर्म के लोगों द्वारा अन्य नाम से होटल संचालित किया जा रहा है, तो पुलिस प्रशासन से शिकायत की जा रही है। सभी ने यूपी सरकार को उत्तराखंड शासन के आदेश का हवाला देते हुए नाम लिखने को अनिवार्य करने की मांग की।  

रेलवे ट्रैक बिछाने के काम में लगा मजदूर नाले में बहा, 40 घंटे बाद मिली लाश

  कोरबा जिले के कटघोरा थाना क्षेत्र के कोरबी गांव में तेज बारिश के कारण पुलिया निर्माण स्थल पर काम कर रहा मजदूर तेज बहाव में बह गया था. वह गेवरा-डोंगरगढ़ के बीच रेलवे ट्रैक बिछाने के काम में लगा था. घटना के 40 घंटे बाद उदय कुमार सिंह की लाश कुछ दूरी पर नाले में SDRF और पुलिस टीम ने बरामद की. रेलवे लाइन बिछाने का काम कर रहा था मजदूर झारखंड के पलामू जिले निवासी उदय कुमार सिंह (पिता राजकुमार सिंह) कोरबा में गेवरा से डोंगरगढ़ के बीच बिछाई जा रही नई रेलवे लाइन के कार्य में लगा हुआ था. गुरुवार दोपहर कोरबी गांव में पुलिया निर्माण स्थल के नीचे काम करने के दौरान तेज बारिश होने लगी और वह तेज बहाव में आकर नाले में बह गया. तेज बारिश बनी हादसे की वजह कोरबा जिले में लगातार झमाझम बारिश हो रही है. कटघोरा समेत पूरे क्षेत्र में भारी बारिश के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. नदियां और नाले उफान पर हैं, जिससे कई इलाकों में जलभराव देखने को मिला है.

श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज में रिश्वतखोरी मामले में राज्य सरकार भी आई हरकत में, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त और संचालक से मांगी रिपोर्ट

रायपुर श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज में सीट वृद्धि के लिए निरीक्षण के दौरान हुई रिश्वतखोरी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की कार्रवाई के बाद अब राज्य सरकार भी हरकत में आ गई है. मामले में स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जांच शुरू कर दी है. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस संबंध में आयुक्त चिकित्सा शिक्षा शिखा राजपूत तिवारी, चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ. यूएस पैकरा और पंडित जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, रायपुर के डीन डॉ. विवेक चौधरी को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है. मंत्री ने कॉलेज की कार्यप्रणाली की जांच के निर्देश भी दिए हैं. इस मामले में आंबेडकर अस्पताल में पदस्थ सह प्राध्यापक और रावतपुरा कॉलेज के निदेशक डॉ. अतिन कुंडू की भूमिका भी घेरे में है. उनके खिलाफ प्रशासनिक लापरवाही को लेकर कार्रवाई शुरू हो चुकी है. सीबीआई ने इस पूरे मान्यता घोटाले में देशभर के आठ राज्यों के 36 लोगों को आरोपित बनाया है. इसमें रावतपुरा मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष रविशंकर महाराज (रावतपुरा सरकार), डायरेक्टर अतुल कुमार तिवारी, एकाउंटेंट लक्ष्मीनारायण चंद्राकर, डॉ. अतिन कुंडू और संजय शुक्ला के नाम हैं. मामले में अब तक छह लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. बीते वर्ष एक फैकल्टी सदस्य ने इस घोटाले की एनएमसी को शिकायत की थी, लेकिन मामले को अनदेखा कर दिया गया था. दोषियों पर की जाएगी कड़ी कार्रवाई इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिखा राजपूत तिवारी ने बताया कि राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है. एनएमसी और सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं मेडिकल कालेज डीन, डॉ. विवेक चौधरी, रायपुर ने बताया कि डॉ. अतिन कुंडू के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया गया है. वे रावतपुरा कॉलेज से जुड़े हैं, इसकी पुष्टि हो चुकी है. उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जा रही है.

‘जो बाला साहेब नहीं कर पाए वो आज हुआ…’, मुंबई में राज ठाकरे ने किया शक्ति प्रदर्शन

20 साल बाद एक मंच पर आए ठाकरे बंधु, राज बोले- महाराष्ट्र को तिरछी नजर से कोई नहीं देखेगा 'आप किसी पर हिंदी नहीं थोप सकते', मुंबई की रैली से गरजे राज ठाकरे  'जो बाला साहेब नहीं कर पाए वो आज हुआ…', मुंबई में राज ठाकरे ने किया शक्ति प्रदर्शन मुंबई से राज ठाकरे की हुंकार, बोले – महाराष्ट्र के लिए जो कर सकते हैं वो करेंगे    ठाकरे ब्रदर्स के एक मंच पर आने को लेकर संजय राउत बोले- यह पूरे महाराष्ट्र के लिए त्यौहार जैसा दिन मुंबई  महाराष्ट्र की सियासत में आज का दिन बेहद अहम माना जा रहा है. लंबे समय से जिस तस्वीर को लेकर कयासबाजी चल रही थी वो आज देखने को मिली जब उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एकसाथ एक मंच पर दिखे, वो भी परिवार के साथ में.   दोनों भाई वर्ली में मराठी विजय दिवस मनाने के नाम पर मंच साझा कर हैं, लेकिन सियासी पंडित इस बात का आकलन कर रहे हैं कि महाराष्ट्र की सियासत दोनों भाइयों की साथ आना क्या बड़ा बदलाव साबित होने वाला है? – दक्षिण में स्टालिन, कनमोझी, जयललिता, नारा लोकेश, आर रहमान, सूर्या, सभी ने अंग्रेजी में पढ़ाई की है? रहमान ने डायस छोड़ दिया जब एक वक्ता ने हिंदी में बोलना शुरू किया.बालासाहेब और मेरे पिता श्रीकांत ठाकरे ने अंग्रेजी में पढ़ाई की है, लेकिन वे मातृभाषा मराठी के प्रति बहुत संवेदनशील थे. बालासाहेब ठाकरे ने अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की, लेकिन उन्होंने मराठी भाषा से समझौता नहीं किया. किसी को भी मराठी को तिरछी नज़र से नहीं देखना चाहिए: राज ठाकरे – हमारे बच्चे इंग्लिश मीडियम जाते है तो हमारे मराठी पर सवाल उठते है , लालकृष्ण आडवाणी मिशनरी स्कूल में पढ़े है तो क्या उनके हिंदुत्व पर सवाल उठाए क्या? हम हिंदी थोपना बर्दाश्त नहीं करेंगे. वे बस मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करना चाहते हैं, यही उनका एजेंडा है. लेकिन वे ऐसा करने की हिम्मत करते हैं.. तब उन्हें मराठी मानुस की ताकत समझ में आएगी.वे मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. अब वे यह मुद्दा उठा रहे हैं कि ठाकरे के बच्चे अंग्रेजी में पढ़े हैं. यह क्या बकवास है? कई भाजपा नेताओं ने अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की है.. लेकिन किसी को उनके हिंदुत्व पर संदेह है: राज ठाकरे -इस दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा,'ये त्रिभाषा सूत्र कहा से लेकर आए? छोटे-छोटे बच्चों से जबरदस्ती करोगे क्या? महाराष्ट्र को कोई तिरछी नजर से नहीं देखेगा. हिंदी अच्छी भाषा है, सारी भाषा अच्छी हैं. किसी की हिम्मत है तो मुंबई पर हाथ डालकर देख लें.' -राज ठाकरे ने कहा, "मैंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि मेरा महाराष्ट्र किसी भी राजनीति और लड़ाई से बड़ा है. आज 20 साल बाद मैं और उद्धव एक साथ आए हैं. जो बालासाहेब नहीं कर पाए, वो देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया… हम दोनों को साथ लाने का काम…" -राज ठाकरे अपनी पत्नी शर्मिला और बेटे अमित, बेटी उर्वशी के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे. साथ ही उद्धव अपनी पत्नी रश्मि और बेटे आदित्य, तेजस के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे हैं. -उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे वर्ली में ‘विजय सभा’ में आने से पहले शिवाजी पार्क में स्थित बाल ठाकरे के स्मारक ‘स्मृति स्थल’ पर जा सकते हैं. -रैली को लेकर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, "… यह महाराष्ट्र में हम सभी के लिए एक त्यौहार की तरह है कि ठाकरे परिवार के दो प्रमुख नेता, जो अपनी राजनीतिक विचारधाराओं के कारण अलग हो गए थे, आखिरकार 20 साल बाद एक मंच साझा करने के लिए एक साथ आ रहे हैं. हमारी हमेशा से यह इच्छा रही है कि हमें उन लोगों से लड़ना चाहिए जो महाराष्ट्र के लोगों के खिलाफ हैं. आज एक साथ आकर उद्धव और राज ठाकरे निश्चित रूप से मराठी मानुष को दिशा देंगे."  -यह पुनर्मिलन सियासी भूचाल जैसा माना जा रहा है क्योंकि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) लंबे समय से अलग-अलग राह पर हैं. लेकिन केंद्र में लाए गए त्रिभाषा फार्मूले का ठाकरे बंधुओं ने मिलकर विरोध किया, जिसके चलते राज्य सरकार को प्रस्तावित नीति फिलहाल टालनी पड़ी. महाराष्ट्र में आज कई सालों बाद एक सियासी तस्वीर नजर आ रही है. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे आज पूरे 19 साल के बाद एक स्टेज पर एक साथ नजर आ रहे हैं. मराठी भाषा के लिए दोनों भाई सारे गिले-शिकवे भुलाकर एक मंच पर साथ आ चुके हैं. दोनों भाई एक साथ विक्ट्री रैली में शामिल हुए. महाराष्ट्र में भाषा के छिड़े विवाद के बाद यह रैली निकाली जा रही है. दोनों भाइयों को मराठी भाषा से प्यार ने एक बार फिर एक स्टेज पर एक साथ आने का मौका दिया है. इससे पहले यह दोनों आखिरी बार साल 2005 में चुनाव के समय प्रचार करने के लिए एक मंच पर दिखे थे. इसी के बाद इसी साल राज ठाकरे ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. परिवार के साथ रैली में पहुंचे राज-उद्धव रैली में शामिल होने के लिए राज ठाकरे अपने घर शिवतीर्थ से एनएससीआई डोम में पहुंच गए हैं. राज ठाकरे के साथ उनके बेटे अमित और उनकी पत्नी शर्मिला भी पहुंची हैं. तो वही उद्धव ठाकरे भी रैली में पहुंच चुके हैं. उद्धव के साथ उनके बेटे आदित्य उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे भी साथ रहेंगे. कार्यक्रम खत्म होने के बाद दोनों भाई मुंबई के शिवाजी पार्क में स्थित बालासाहेब ठाकरे की समाधि स्थल पर जा सकते हैं. इसी के चलते आज विक्ट्री रैली निकाली जा रही है. इस रैली में कई नेता जुड़ेंगे. राज ठाकरे ने सरकार पर साधा निशाना सही में तो मोर्चा निकालना चाहिए था. मराठी आदमी कैसे एक साथ आता है, लेकिन सिर्फ मोर्चा की चर्चा हुई तो उससे सरकार बैकफुट पर आगई. किसी भी झगड़े से बड़ा महाराष्ट्र है. 20 साल बाद उद्धव और राज ठाकरे एक मंच पर साथ है. उन्होंने आगे कहा, बालासाहेब हमें एक नहीं कर पाए, लेकिन फडणवीस ने कर दिया. उन्होंने सवाल पूछा, हिंदी किसके लिए, छोटे-छोटे बच्चों के साथ जबरदस्ती करोगे? कोई दूसरा एजेंडा नहीं, सिर्फ मराठी एजेंडा है. उन्होंने आगे कहा, आप हिंदी किसी … Read more

कभी वीरान पड़ा था ये स्कूल…. वही ईरकभट्टी का प्राथमिक शाला बच्चों की चहचहाहट फिर से गूंजा

रायपुर, कभी वीरान पड़ा था ये स्कूल…. दरवाजों पर ताले लटकते थे, कमरे धूल और सन्नाटे से भरे रहते थे। लेकिन आज वही ईरकभट्टी का प्राथमिक शाला बच्चों की चहचहाहट और पाठों की गूंज से फिर से जीवंत हो उठा है। अबुझमाड़ के इस सुदूर गांव में फिर से शिक्षा की लौ जल उठी है, जिसका श्रेय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार द्वारा संचालित ‘नियद नेल्ला नार’ योजना और युक्तियुक्तकरण की पहल को जाता है। बीते कुछ वर्षों में माओवादी गतिविधियों के चलते गांवों की रंगत फीकी पड़ गई थी। बच्चों के हाथों से किताबें छूट गई थीं, स्कूलों के आँगन सुनसान हो गए थे और मांदर की थाप भी खामोश हो गई थी। नारायणपुर जिले के ईरकभट्टी भी ऐसा ही एक गांव था, जहां लोग हर हाल में जीवन को संवारने की कोशिश करते थे, लेकिन शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरत तक से वंचित थे। यहां के निवासी श्री रामसाय काकड़ाम कहते है कि पहले लगता था कि हमारे बच्चे शायद कभी स्कूल का नाम भी नहीं जान पाएंगे, लेकिन अब जब शिक्षकों की नियुक्ति हो गई है और स्कूल फिर से खुल गया है, तो लगता है मानो गाँव में फिर से जान लौट आई हो। ‘नियद नेल्ला नार’ यानी ‘आपका अच्छा गांव’ योजना ने ईरकभट्टी जैसे दूरदराज और संघर्षरत गांवों में एक नई उम्मीद जगाई है। सुरक्षा कैंपों के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में योजनाओं को प्रभावी तरीके से पहुँचाया जा रहा है। इसी क्रम में ईरकभट्टी में सड़क बनी, बिजली पहुंची और वर्षों से बंद पड़ा प्राथमिक स्कूल फिर से खुल गया। शासन के युक्तियुक्तकरण प्रयास से प्राथमिक शाला ईरकभट्टी में अब दो शिक्षक नियमित रूप से पदस्थ हैं। श्री अशोक भगत और श्रीमती लीला नेताम नामक शिक्षक यहां के बच्चों को पढ़ा रहे हैं। वे न केवल पठन-पाठन का कार्य कर रहे हैं, बल्कि अभिभावकों को भी प्रेरित कर रहे हैं कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजें। शिक्षिका श्रीमती लीला नेताम बताती हैं कि पहले तो यहां डर लगता था, लेकिन बच्चों की मुस्कुराहट सब डर भुला देती है। ये बच्चे बहुत होशियार हैं, बस उन्हें अवसर की जरूरत थी। अब हम हर दिन उन्हें नया सिखाने का प्रयास करते हैं। अब स्कूल में दर्जन भर से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। छोटे-छोटे हाथों में किताबें हैं, और उन आंखों में भविष्य के सपने। पहले जो गांव स्कूल जाने के नाम से डरते थे, अब वहां लोग अपने बच्चों को कंधे पर बिठाकर स्कूल छोड़ने आते हैं। गांव के बुजुर्ग मंगतु बाई की आंखों में आंसू हैं, लेकिन खुशी के। वे कहती हैं कि अब हमारी पोती भी पढ़-लिखकर अफसर बन सकती है। हमने कभी सोचा भी नहीं था कि ये दिन भी देखेंगे। ईरकभट्टी की कहानी सिर्फ एक गांव की नहीं, बल्कि उन हजारों गाँवों की है, जो कभी उपेक्षा और असुरक्षा के अंधेरे में डूबे हुए थे। लेकिन अब ‘नियद नेल्ला नार’ और युक्तियुक्तकरण जैसी योजनाएं उनके जीवन में उजाले की किरण लेकर आई हैं। शिक्षा की लौ फिर से जल चुकी है और यह लौ अब बुझने वाली नहीं।

एमएलसी 2025: मैथ्यू शॉर्ट ने खेली कप्तानी पारी, यूनिकॉर्न्स की एक रन से रोमांचक जीत

न्यूयॉर्क सैन फ्रांसिस्को यूनिकॉर्न्स ने मेजर लीग क्रिकेट (एमएलसी) के 25वें मैच में रोमांचक जीत दर्ज की। टीम ने फ्लोरिडा में टेक्सास सुपर किंग्स के खिलाफ मुकाबला महज एक रन से जीता। यह सीजन में सैन फ्रांसिस्को यूनिकॉर्न्स की सातवीं जीत रही, जबकि टेक्सास सुपर किंग्स को तीन मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा है। पहले ही ‘प्लेऑफ’ के लिए क्वालीफाई कर चुकीं इन दोनों टीमों ने अब तक नौ-नौ मैच खेले हैं। मुकाबले में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी के लिए उतरी सैन फ्रांसिस्को यूनिकॉर्न्स ने छह विकेट खोकर महज 148 रन बनाए। टीम ने महज 19 रन तक अपने तीन विकेट गंवा दिए थे। यहां से सलामी बल्लेबाज मैथ्यू शॉर्ट ने कप्तानी पारी खेलते हुए टीम को संभाला। मैथ्यू शॉर्ट ने हसन खान के साथ चौथे विकेट के लिए 69 रन की साझेदारी की। हसन खान 25 गेंदों में तीन छक्कों और दो चौकों की मदद से 40 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद मैथ्यू शॉर्ट ने पारी को आगे बढ़ाया और 63 गेंदों में चार छक्कों और पांच चौकों की मदद से 80 रन जड़े। विपक्षी टीम की ओर से मार्कस स्टोइनिस ने सर्वाधिक तीन विकेट झटके, जबकि अकील हुसैन, नांद्रे बर्गर और नूर अहमद को एक-एक सफलता हाथ लगी। इसके जवाब में टेक्सास सुपर किंग्स निर्धारित 20 ओवरों में सात विकेट गंवाकर 147 रन बना सकी। टीम के लिए डेवोन फेरीरा ने 20 गेंदों में 39 रन की पारी खेली, जबकि सैतेजा मुक्कामल्ला ने 29 गेंदों में 34 रन जड़े। इनके अलावा शुभम रांजणे ने 28 रन की पारी खेली। टीम को जीत के लिए अंतिम ओवरों में 13 रन की दरकार थी, उसके पास चार विकेट शेष थे। आखिरी ओवर की पहली गेंद पर मोहम्मद मोहसिन ने चौका लगाया, लेकिन अगली बॉल पर कोई रन नहीं बना। तीसरी और चौथी गेंद पर एक-एक रन आए, जबकि पांचवीं गेंद पर मोहसिन ने फिर से चौका जड़ दिया। ऐसे में टीम को अंतिम गेंद पर जीत के लिए तीन रन की दरकार थी, लेकिन एक रन दौड़ते ही मोहसिन रन आउट हो गए। इसी के साथ सैन फ्रांसिस्को ने मुकाबला एक रन से जीत लिया।  

विश्व मुक्केबाजी कप : नूपुर फाइनल में पहुंची, अविनाश जामवाल भी सेमीफाइनल में

अस्ताना कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में चल रहे विश्व मुक्केबाजी कप में भारत के पदक की संख्या बढ़ गई है। नूपुर (80 किग्रा) फाइनल में पहुंच गईं हैं, जबकि अविनाश जामवाल (65 किग्रा) ने शुक्रवार को सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की। नूपुर ने सेमीफाइनल मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करते हुए तुर्की की सेमा दुस्ताज को 5:0 से हराकर महिलाओं के 80 किग्रा वर्ग के फाइनल में जगह पक्की की। इससे पहले दिन में, अविनाश जामवाल ने पुरुषों के 65 किग्रा वर्ग में यूएसए के रेने कैमाचो को सर्वसम्मत निर्णय से हराकर अंतिम चार में प्रवेश किया और अपने लिए पदक पक्का किया। नीरज फोगाट (65 किग्रा) और अनामिका (51 किग्रा) का अभियान क्वार्टर फाइनल में समाप्त हो गया। नीरज ने बेहतरीन तरीके से अपना मैच खेला लेकिन विभाजित निर्णय में 3:2 से हार गए। सेमीफाइनल में 10 मुक्केबाजों और फाइनल में एक के साथ भारत का अस्ताना में मजबूत प्रदर्शन रहा है। गुरुवार को हितेश गुलिया और साक्षी ने सेमीफाइनल में स्थान पक्का कर पोडियम स्थान सुनिश्चित किया। वर्ष की शुरुआत में ब्राजील चरण के स्वर्ण पदक विजेता हितेश ने पुरुषों के 70 किग्रा क्वार्टर फाइनल में कजाकिस्तान के अल्माज ओरोजबेकोव पर 5:0 से शानदार जीत हासिल की, जिससे उनके नाम एक और पदक सुनिश्चित हो गया। महिलाओं के 54 किग्रा वर्ग में साक्षी ने धैर्यपूर्ण प्रदर्शन करते हुए ब्राजील की तातियाना रेजिना डी जीसस चागास को सर्वसम्मत निर्णय से हराया। भारत ने ब्राजील में पिछले विश्व मुक्केबाजी कप में छह पदक जीते थे। इस साल नवंबर में नई दिल्ली में होने वाले फाइनल के साथ, अस्ताना चरण तैयारियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत ने ब्राजील के फोज डू इगुआकू में 2025 विश्व मुक्केबाजी कप के पहले चरण में एक स्वर्ण, एक रजत और चार कांस्य पदक जीते थे। उजबेकिस्तान ने ब्राजील में पहले चरण में आठ पदकों के साथ पदक तालिका में शीर्ष स्थान प्राप्त किया था, जिसमें पांच स्वर्ण पदक शामिल थे। मेजबान ब्राजील ने नौ पदक जीते, लेकिन उसके पास स्वर्ण तीन थे, जबकि कजाकिस्तान ने तीन स्वर्ण और तीन कांस्य सहित छह पदकों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया था।