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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वनाधिकार और पेसा एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पहली बैठक में दिए निर्देश

सरकार वनवासियों के साथ है, यह भावना जन जन तक जानी चाहिए दुग्ध उत्पादन के जरिए जनजातीय भाई-बहनों की बढ़ाएं नकद आय पेसा मोबालाईजर की निुयक्ति के अधिकार अब ग्राम सभाओं को देगी सरकार भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि स्नेह का बंधन एकतरफा नहीं होना चाहिए। राज्य सरकार हर पल वनवासियों के साथ खड़ी है, यह बात पूरी शिद्दत से उन तक पहुंचनी चाहिए। सभी वनवासियों को सरकार की योजनाओं से जोड़ें और उनके जीवन में विकास का प्रकाश लाने की दिशा में काम करें। वनवासियों के कल्याण के लिए हरसंभव प्रबंध किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय वर्ग के अध्ययनरत एवं रोजगार कर रहे बच्चों का सामाजिक सम्मेलन बुलाएं। इस सम्मेलन के जरिए सरकार इन बच्चों को उन तक पहुंचने वाले लाभ का फीड-बैक भी लेगी और जिन्हें जरूरत है, उन तक सरकार की योजनाएं तथा सुविधाएं भी पहुंचाई जाएंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम और पेसा एक्ट के क्रियान्वयन के लिए गठित की गई राज्य-स्तरीय टास्क फोर्स की शीर्ष समिति तथा इसी विषय के लिए गठित कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय कार्य एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को वनाधिकार के व्यक्तिगत और सामुदायिक दावों का तेजी से निराकरण कर 31 दिसंबर 2025 तक पेंडेसी जीरो करने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में पेसा एक्ट यानि पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996 लागू है। इसमें पेसा मोबालाईजर्स के जरिए जनजातियों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी देकर योजनाओं से लाभान्वित भी कराया जाता है। इन सभी पेसा मोबालाईजर्स की अपने काम पर उपस्थिति और उच्च कोटि का कार्य प्रदर्शन फील्ड में दिखाई भी देना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पेसा मोबालाईजर्स को नियुक्त करने और संतोषजनक प्रदर्शन न करने पर इन्हें हटाने के अधिकार सरकार अब ग्राम सभाओं को देने जा रही है।इस निर्णय से एकरूपता आएगी और ग्राम सभाएं पेसा मोबालाईजर्स से अपने मुताबिक काम भी ले सकेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वनवासियों की बेहतरी के लिए संकल्पित है। उनके सभी हितों की रक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि वन विभाग का मैदानी अमला यह सुनिश्चित करे कि वन भूमि पर अब कोई भी नये अतिक्रमण कदापि न होने पाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वनाधिकार अधिनियम के सुचारू क्रियान्वयन के लिए महाराष्ट्र सरकार के 'जलयुक्त शिविर' अभियान की तरह समन्वय पर आधारित मॉडल मध्यप्रदेश में भी अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों द्वारा इस अधिनियम के अमल के लिए की जा रही कार्यवाही के सभी पहलुओं का अध्ययन कर लें और जो सबसे उपयुक्त है उसी मॉडल पर आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों के विकास के लिए विधायकों द्वारा विजन डॉक्यूमेंट बनाया गया है। वनाधिकार अधिनियम और पेसा कानून के अमल के लिए समुचित प्रावधान भी इसी विजन डॉक्यूमेंट में शामिल कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार क्रमबद्ध रूप से विशेष रूप से पिछड़े जनजातीय समूहों और अन्य जनजातीय बहुल गांव, मजरों-टोलों तक सड़कों का निर्माण कर रही है। ग्राम पंचायत विकास कार्ययोजना में पेसा कोष की राशि खर्च करने का अधिकार भी संबंधित पेसा ग्राम सभा को दिया जा रहा है। बैठक में समिति के सदस्य एवं पूर्व विधायक श्री भगत सिंह नेताम ने बताया कि वनाधिकार अधिनियम के प्रभावी अमल के लिए बालाघाट जिले में पुलिस विभाग द्वारा सभी पुलिस चौकियों में एकल सुविधा केन्द्र स्थापित कर इसके जरिए कैम्प लगाकर जनजातियों को लाभान्वित किया जा रहा है। अब तक 450 वनाधिकार दावे भरवाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस नवाचार की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी 88 जनजातीय विकासखंडों वाले जिलों के कलेक्टर को बालाघाट मॉडल भेजकर इसी अनुरूप कार्यवाही करने के लिए कहा जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वन क्षेत्र के सभी गांवों के विकास के लिए प्रस्ताव दिए जाएं। उन्होंने कहा कि यह कार्य एक्शन प्लान बनाकर किया जाए। उन्होंने कहा कि 31 दिसम्बर 2025 तक सभी गांवों के दावे प्राप्त कर लें और इसी दौरान इनका निराकरण भी कर लें। वन अधिकारियों की ट्रेनिंग का काम 15 अगस्त तक पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि कोई तकनीकी परेशानी आ रही है तो इसके लिए वन और जनजातीय कार्य विभाग मिलकर एक नया पोर्टल भी विकसित कर लें। वनांचल विकास केन्द्र को करें और अधिक सक्रिय मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातियों के पारम्परिक ज्ञान को उनके विकास के लिए बनाई जा रही नीति निर्माण में भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि ग्राम सभाओं को और भी सशक्त बनाने, सामुदायिक वन संसाधनों के समुचित प्रबंधन, जैव विविधता के संरक्षण और वन एवं वनोपज संसाधनों के न्यायसंगत वितरण के लिए वन/वनांचल विकास केन्द्रों को और अधिक भी सक्रिय कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि ये केंद्र वन अनुसंधान, प्रशिक्षण, मार्केट लिंकेज और कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व-सीएसआर/कैम्पा जैसे वित्त स्रोतों के समन्वय में महत्त्वपूर्ण भूमिका भी अदा करें। सामुदायिक आजीविका पर करें फोकस मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आजीविका सबसे पहली जरूरत होती है। सामुदायिक आजीविका के साधनों पर फोकस कर जनजातियों की नकद आय के साधन बढ़ाने की दिशा में उन्हें दुग्ध उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उन्हें शासन की योजना के तहत अधिक से अधिक दुधारू पशु (मुख्यत: गाय, भैंस) उपलब्ध कराए जाएं। इससे वे आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि जनजातियों को कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की रोजगारमूलक योजनाओं से भी जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि चूंकि वनवासी वनोपजों पर विशेष रूप से आश्रित रहते हैं। इसलिए लघु वनोपजों के संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन गतिविधियों में जनजातीय समुदायों को लाभ का बड़ा हिस्सा मिलना चाहिए,इससे उनका जीवन स्तर सुधरेगा। औषधीय पौधों की खेती पर विशेष जोर दिया जाए ताकि जनजातीय वर्ग के उत्पाद सीधे बाजार से जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि जनजातीय वर्गों की स्थायी आजीविका विकास के लिए मूल्य संवर्धन केंद्र भी विकसित किए जाएं, जिससे जनजातियां रोजगार की तलाश में बाहर न जाएं और युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातियों द्वारा उत्पादित श्रीअन्न … Read more

UPSC भर्ती 2025: 241 पदों पर निकली वैकेंसी, 50 वर्ष तक के उम्मीदवार कर सकते हैं आवेदन

नई दिल्ली  अगर आप सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं और आपके पास साइंस, इंजीनियरिंग, लॉ, मेडिकल या वेटरनरी जैसे क्षेत्रों की डिग्री है, तो संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने आपके लिए सुनहरा मौका पेश किया है। UPSC ने 241 पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें वैज्ञानिक अधिकारी, स्पेशलिस्ट, जूनियर साइंटिफिक ऑफिसर, लीगल ऑफिसर, डिप्टी डायरेक्टर, एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर, ट्यूटर और डेंटल सर्जन जैसे पद शामिल हैं। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 28 जून 2025 से शुरू हो चुकी है और इसकी अंतिम तारीख 17 जुलाई 2025 तय की गई है। आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को UPSC की आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा। क्या है योग्यता इन पदों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता अलग-अलग है, जिसमें बी.एससी, बी.टेक/बी.ई., एलएलबी, बीवीएससी, एम.एससी, पीजी डिप्लोमा, एमएस/एमडी जैसे डिग्रीधारक उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। उम्मीदवारों की आयु सीमा 30 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए, हालांकि हर पद के लिए अलग-अलग आयुसीमा निर्धारित है, जिसे विस्तृत अधिसूचना में देखा जा सकता है। आवेदन शुल्क की बात करें तो, एससी, एसटी, दिव्यांग और पूर्व सैनिकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, जबकि अन्य श्रेणी के उम्मीदवारों को 25 रुपये का आवेदन शुल्क ऑनलाइन माध्यम से देना होगा। इन पदों पर है वैकेंसी वैकेंसी की बात करें तो, 72 पद स्पेशलिस्ट के लिए, 20 सीनियर साइंटिफिक असिस्टेंट, 19 मैनेजर ग्रेड-I/सेक्शन ऑफिसर, 14 असिस्टेंट लेजिस्लेटिव काउंसल, 11 स्पेशलिस्ट ग्रेड II (जूनियर स्केल), 09 असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी, 08 एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर, और अन्य कई पद शामिल हैं। इस भर्ती से संबंधित विस्तृत जानकारी, पात्रता मानदंड, चयन प्रक्रिया और पदों के अनुसार योग्यता की जानकारी के लिए उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे UPSC की आधिकारिक नोटिफिकेशन ध्यानपूर्वक पढ़ें, जिसे upsc.gov.in पर डाउनलोड किया जा सकता है।  

सीएम योगी ने कहा- भारत की एकता और अखंडता के लिए समर्पित रहा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन

लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को हुआ था। उन्होंंने मात्र 33 वर्ष की उम्र में कोलकाता विश्वविद्यालय के सबसे युवा कुलपति के रूप में अपनी सेवाएं दीं। वह एक प्रखर वक्ता, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और महान शिक्षाविद थे। सीएम योगी ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का पूरा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित था। बंगाल के अकाल के दौरान उनकी सेवाओं को पूरा देश स्मरण करता है। उनका जीवन भारत की एकता और अखंडता के लिए समर्पित रहा। डॉ. मुखर्जी ने आजादी के बाद पंडित नेहरू के नेतृत्व में बनी पहली सरकार में भारत के खाद्य एवं उद्योग मंत्री के रूप में देश में खाद्य की आत्मनिर्भरता और औद्योगीकरण की नींव रखी थी, जो नए भारत में भी स्पष्ट देखने को मिलता है। उन्होंने नेहरू सरकार के तुष्टिकरण की नीति के विरोध में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था। इतना ही नहीं भारतीय जनसंघ का गठन और उसके पहले अध्यक्ष होने के साथ जब भारत के संविधान में नेहरू सरकार ने कश्मीर को 370 धारा के माध्यम से अलग स्टेटस देने का प्रयास किया और परमिट सिस्टम जम्मू-कश्मीर के लिए लागू किया, उसके खिलाफ सबसे पहले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने ही आवाज उठाई थी। उन्होंने उस समय एक देश में ‘दो प्रधान, दो विधान और दो निशान’ नहीं चलेंगे का नारा दिया था। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के इन सपनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साकार किया। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर में धारा 370 को समाप्त करके कश्मीर को भारत के संविधान के अनुरूप शेष भारत के साथ जोड़ते हुए ‘एक विधान एक प्रधान और एक निशान’ के साथ भारत की लोकतांत्रिक धारा के साथ जोड़ने का अभिनव प्रयास किया है। आज जम्मू कश्मीर तेजी के साथ विकास कर रहा है, जो श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के संकल्पों की विजय है। यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में संभव हो पाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया भर में इन्वेस्टमेंट के बेहतरीन डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित हुआ है। उन्होंने कहा कि औद्योगीकरण की नींव को आजाद भारत में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने प्रारंभ किया था और आज उसका एक बहुत ही वृहद स्वरूप देश में देखने को मिल रहा है। इस सदी की सबसे बड़ी महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया त्रस्त थी, उस दौरान भारत ने अपने यहां 80 करोड़ लोगों को फ्री में राशन की सुविधा का लाभ दिया, जो आज भी निरंतर चल रहा है। यह सभी संकल्प श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को साकार करने वाला है।  

आखों की गुस्ताखियां का गाना ‘अलविदा’ को बेहद पसंद करती हैं शनाया कपूर

मुंबई, बॉलीवुड अभिनेत्री शनाया कपूर का कहना है कि फिल्म आखों की गुस्ताखियां का उनका सबसे पसंदीदा गाना ‘अलविदा’ है। फिल्म 'आंखों की गुस्ताखियां' से संजय कपूर और महीप कपूर की बेटी शनाया कपूर बॉलीवुड में अपना डेब्यू कर रही हैं।विशाल मिश्रा द्वारा कंपोज़, लिखा और गाया गया ‘अलविदा’ रिलीज कर दिया है।इस गाने में शनाया का एक नाज़ुक और इमोशनल अवतार भी देखने को मिलता है,जहां वह अपने किरदार सबा की भावनाओं को बेहद ईमानदारी और नज़ाकत के साथ निभा रही हैं। शनाया कपूर ने कहा, ‘अलविदा’ फिल्म आंखों की गुस्ताखियां का मेरा सबसे पसंदीदा गाना है। विशाल मिश्रा की कंपोज़िशन में कोई जादू है ,जो सादगी के साथ इमोशन्स को छू जाती है। मैं तो इसे लूप में सुन रही हूँ! गौरतलब है कि विक्रांत मैसी और शनाया कपूर की रोमांटिक फिल्म 'आंखों की गुस्ताखियां' इस साल की सबसे चर्चित फिल्मों में से एक है। यह फिल्म ज़ी स्टूडियोज़ और मिनी फिल्म्स द्वारा प्रस्तुत की गई है और मंसी बागला, वरुण बागला और ओपन विंडो फिल्म्स ने इसे प्रोड्यूस किया है। फिल्म 'आंखों की गुस्ताखियां' 11 जुलाई को रिलीज होगी।  

बेन स्टोक्स वॉशिंगटन सुंदर की गेंद पर एल्बीडब्ल्यू हुए आउट, लंच से पहले ठीक पहले गिरा विकेट

नई दिल्ली  भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरे टेस्ट मैच के पांचवें दिन का खेल बारिश के चलते देर से शुरू हुआ है। 10 ओवर की कटौती की गई है। मैच 80 ओवर का खेला जाएगा। इससे पहले चौथे दिन इंग्लैंड ने 608 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए तीन विकेट गंवा दिए हैं और 72 रन बना लिए हैं। अभी उसे जीत के लिए 536 रन चाहिए। हैरी ब्रूक 15 और ओली पोप 24 रन बनाकर नाबाद लौटे। आकाश दीप को दो और सिराज को एक विकेट मिला।  इससे पहले भारत ने दिन की शुरुआत 64 रन से आगे की। करुण नायर एक बार फिर बड़ी पारी नहीं खेल सके और 26 रन बनाकर ही पवेलियन लौट गए। हालांकि, राहुल ने 55 रन की पारी खेली। पंत ने तेजी से अर्धशतकीय पारी और 65 रन बनाकर आउट हुए। पहली पारी में दोहरा शतक जड़ चुके कप्तान गिल ने 161 रन बनाए। रवींद्र जडेजा ने नाबाद 69 रन बनाए। भारत ने दूसरी पारी 6 विकेट पर 426 रन पर घोषित कर दी। भारत ने कुल 607 रन की बढ़त हासिल की। इंग्लैंड ने गंवाया छठा विकेट इंग्लैंड ने अपना छठा विकेट गंवा दिया है। बेन स्टोक्स वॉशिंगटन सुंदर की गेंद पर एल्बीडब्ल्यू आउट हो गए। लंच पर जाने से पहले आखिरी गेंद पर सुंदर ने बेन स्टोक्स को आउट किया। इंग्लैंड ने 6 विकेट के नुकसान पर 153 रन बना लिए हैं।

एलन मस्क की सियासी पारी शुरू, राष्ट्रपति बनने की अटकलों पर उठे सवाल

वाशिंगटन  टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ, दुनिया के सबसे अमीर शख्स और 2024 में डोनाल्ड ट्रंप को दूसरी बार अमेरिकी सत्ता तक पहुंचाने वाले "किंगमेकर" एलन मस्क अब खुद अमेरिकी राजनीति में उतर चुके हैं। उन्होंने शनिवार को एक नई राजनीतिक पार्टी "America Party" की घोषणा की है। मस्क का दावा है कि यह पार्टी अमेरिका के 80% मध्य और संतुलित मतदाताओं की आवाज बनेगी, जो न रिपब्लिकन हैं, न डेमोक्रेट। एलन मस्क के करीबियों की मानें तो उनकी यह घोषणा स्वाभाविक थी। ऐसा इसलिए क्योंकि, हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने सीनेट में बिग ब्यूटीफुल बिल पास करवा लिया। मस्क इस बिल के खिलाफ थे। जब ट्रंप इस बिल के हिमायती बनते हुए विरोधियों को इस बिल की खूबियां गिना रहे थे, तब मस्क ने कहा था कि अगर बिल पास हो जाता है तो वो अमेरिका के लोगों के लिए नई पार्टी की घोषणा करेंगे। मस्क ने इस बिल को अमेरिकी लोगों के लिए विनाशकारी बताया है। मस्क के मुताबिक, यह बिल सिर्फ अमीरों के लिए फायदेमंद होगा, न कि गरीब और मध्यमवर्गीय के लिए। क्या 2028 का राष्ट्रपति चुनाव लड़ पाएंगे एलन मस्क? जैसे ही मस्क की पार्टी का एलान हुआ, सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो गया — क्या एलन मस्क खुद राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ सकते हैं? अमेरिका में किसी के लिए भी राष्ट्रपति चुनाव लड़ना आसान नहीं है। अमेरिकी संविधान के अनुच्छेद II, खंड 1 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति तभी अमेरिकी राष्ट्रपति बन सकता है यदि वह तीन शर्तों को पूरा करे। पहली शर्त है- वह जन्म से अमेरिका का नागरिक हो। दूसरा- उसकी उम्र कम से कम 35 वर्ष हो और वह अमेरिका में कम से कम 14 साल से रह रहा हो। यहां एलन मस्क इन शर्तों में से पहली शर्त पर खरे नहीं उतरते, जो सबसे जरूरी है। मस्क जन्म 28 जून 1971 को दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया शहर में हुआ था। उन्होंने बाद में अमेरिका की नागरिकता ली, लेकिन चूंकि वे "जन्म से अमेरिकी नागरिक" नहीं हैं, इसलिए संविधान उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की अनुमति नहीं देता। क्या कहते हैं एक्सपर्ट चाहे मस्क के पास असीम दौलत हो, तकनीक और कारोबार की पकड़ हो या एक समर्पित फैन फॉलोइंग, अमेरिकी संविधान की यह शर्त उनका रास्ता रोक देती है। जब तक संविधान में संशोधन नहीं होता, एलन मस्क कभी भी अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं बन सकते। ऐसा संशोधन बेहद मुश्किल है क्योंकि उसके लिए दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत चाहिए और फिर 50 में से 38 राज्यों की मंजूरी भी जरूरी होती है। मस्क का मकसद क्या है? राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक एलन मस्क अब "किंगमेकर" से "पावरब्रोकिंग" की दिशा में बढ़ रहे हैं। वह 2026 के मिडटर्म इलेक्शन में अपने उम्मीदवार उतार सकते हैं। इसके अलावा 2028 में किसी अमेरिकी-जन्मे नेता को राष्ट्रपति पद के लिए मैदान में उतार सकते हैं और खुद पार्टी प्रमुख, नीति-निर्देशक या फंडर बन सकते हैं। ट्रंप से दूरी और नई सियासी लड़ाई 2024 में एलन मस्क ने ट्रंप को खुला समर्थन दिया था। मस्क ने ट्रंप को जिताने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। फंडिंग से लेकर पब्लिक स्टेटमेंट्स तक मस्क हर कदम पर ट्रंप के साथ रहे। लेकिन अब जब उन्होंने अपनी पार्टी बना ली है, तो संकेत साफ हैं कि मस्क अब ट्रंप के जोन से बाहर निकलकर खुद की राजनीतिक जमीन तैयार कर रहे हैं।  

यूएसए और कनाड़ा के लोगों को जाल में फंसाकर ठगी करने वाले बिहार के 9 आरोपी गिरफ्तार

दुर्ग  पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसमें सात पुरुष सहित दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है. ये सभी यूएसए और कनाड़ा के लोगों को जाल में फंसाकर उनसे हजारों डॉलर की ठगी को अंजाम देते थे. एसएसपी विजय अग्रवाल ने पूरे मामले का खुलासा किया. भिलाई के जुनवानी स्थित चौहान टाउन के फ्लैट नंबर B2 में एक अंतरराष्ट्रीय ठगों का गिरोह संचालित हो रहा था. इसकी सूचना पुलिस को मिली. इसके बाद पुलिस ने फौरन एक टास्क टीम बनाकर चौहान टाउन के B2 फ्लैट में छापामार कार्रवाई की, जहां से 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया. सभी से पूछताछ करने पर उन्होंने अपना जुर्म कबूल करते हुए ठगी का तरीका भी बताया मोबाइल, लैपटाप से वायरस हटाने के नाम पर लोगों को जाल में फंसाया आरोपियो का मुख्य सरगना अर्जुन शर्मा एक होटल में रुका हुआ था, जिसे आरोपियो की निशानदेही पर गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में सभी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. इस कार्रवाई के दौरान दुर्ग पुलिस को पता चला कि फर्जी इंटरनेशनल मोबाइल नंबर के माध्यम से यूएसए और कनाड़ा के नागरिकों के मोबाइल और कंप्यूटर में वायरस बग भेजकर वायरस को हटाने के लिए टेलीग्राम ग्रुप का उपयोग किया जाता था, जिसमें लोगों को वायरस हटाने के लिए उन्हें जाल में फसाया जाता और 80 से लेकर 200$ तक ऐंठ लिए जाते थे. ठगों द्वारा यह सभी डॉलर ई वॉलेट में लिए जाते थे. ई वॉलेट में डॉलर आने के बाद उसे क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से अर्जुन शर्मा के अकाउंट मे भेजा जाता था. इसके एवज में अर्जुन शर्मा कस्टमर केयर में काम करने वाले सभी लोगों को 25 से 30 हजार रुपए सैलरी दिया करता था. गिरोह के सरगना तक पहुंचने पतासाजी में जुटी पुलिस ये ठग गिरोह अब तक यूएसए और कनाड़ा के सैकड़ों लोगों को इसी तरह अपने जाल में फंसाकर उनसे करोड़ों रुपए ऐंठ चुका है. सभी आरोपी मेघालय शिलांग बिहार के रहने वाले हैं. वही आरोपियों के पास से 12 कंपनियों के लैपटॉप, 14 विभिन्न कंपनियों के मोबाइल इंटरनेट वाई-फाई राउटर दर्जनों बैंकों के अकाउंट डिटेल पासबुक और एटीएम, क्रेडिट कार्ड भी बरामद किए गए हैं. फिलहाल इस पूरे मामले पर दुर्ग पुलिस ने 3 लाख 38 हजार नगद सहित लाखों रुपए के सामान बरामद किए हैं. अब इस पूरे मामले पर दुर्ग पुलिस गिरोह के सरगना तक पहुंचने पतासाजी कर रही है.

यूपी में धर्म परिवर्तन गिरोह पर बड़ी कार्रवाई, मास्टरमाइंड गिरफ्तार

लखनऊ उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह के सरगना को उसके सहयोगी के साथ गिरफ्तार किया है. इस बात की जानकारी एक न्यूज एजेंसी को एक अधिकारी ने दी. शनिवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि जलालुद्दीन उर्फ ​​छांगुर बाबा और सह-आरोपी नीतू उर्फ ​​नसरीन बलरामपुर जिले के मधपुर के निवासी हैं. जलालुद्दीन के खिलाफ एक अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था, जबकि पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए 50000 रुपये का नकद इनाम घोषित किया था. दोनों को एक अदालत में पेश किया गया और बाद में उनकी रिमांड प्राप्त करने के बाद लखनऊ जिला जेल भेज दिया गया.   लखनऊ के गोमतीनगर के एक पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता और उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धार्मिक धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामले में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने हिंदू और गैर-मुस्लिम समुदायों के व्यक्तियों को इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए संगठित तरीके से काम किया. बयान के अनुसार गरीब, असहाय मजदूरों, कमजोर वर्गों और विधवा महिलाओं को प्रलोभन, वित्तीय सहायता, शादी के वादे या धमकी के माध्यम से धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया, जो कि अभियुक्तों द्वारा स्थापित प्रक्रियाओं का उल्लंघन है. बयान में कहा गया है कि दो अन्य आरोपियों – नवीन उर्फ ​​जमालुद्दीन और महबूब, जो जलालुद्दीन का बेटा है. जिसे 8 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. दोनों बलरामपुर के रहने वाले हैं और वर्तमान में लखनऊ जिला जेल में बंद हैं.

तेजी से उभरती भारत की अर्थव्यवस्था, वैश्विक स्तर पर दिखा विकास और निर्यात का दम

नई दिल्ली भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5 प्रतिशत रही है, जो दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था में सबसे अधिक है। साथ ही, इस दौरान देश का निर्यात भी सार्वकालिक उच्चतम स्तर 824.9 बिलियन डॉलर पर रहा है। यह आंकड़े दिखाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था आत्मविश्वास के साथ लगातार बढ़ रही है। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में देश की विकास दर इसी आंकड़े के आसपास रहने की उम्मीद है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, भारत की विकास दर इस साल 6.3 प्रतिशत और अगले साल 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है, जबकि भारतीय उद्योग परिसंघ का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में देश की विकास दर 6.40 से 6.70 प्रतिशत के बीच रह सकती है। अर्थव्यवस्था के अच्छे प्रदर्शन के कारण देश के निर्यात में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। भारत का कुल निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में 824.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 778.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 6.01 प्रतिशत अधिक है। इससे पहले वित्त वर्ष 2013-14 में देश का निर्यात केवल 466.22 बिलियन डॉलर था, जो बीते एक दशक में देश के निर्यात में निरंतर प्रगति को दिखाता है। एक तरफ देश तेजी से आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा है। वहीं, महंगाई दर भी न्यूनतम स्तरों पर बनी हुई है। मई 2025 में खुदरा महंगाई दर 2.82 प्रतिशत पर रही थी, जो कि फरवरी 2019 के बाद खुदरा महंगाई का सबसे निचला स्तर है। इसके अतिरिक्त, भारतीय अर्थव्यवस्था के अच्छे प्रदर्शन के कारण पूंजीगत बाजारों पर भी निवेशकों का भरोसा तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों की संख्या दिसंबर 2024 तक बढ़कर 13.2 करोड़ हो गई है, जबकि 2019-20 में यह आंकड़ा 4.9 करोड़ पर था। यह बढ़ोतरी इक्विटी बाजारों में बढ़ती सार्वजनिक रुचि और देश की दीर्घकालिक क्षमता में विश्वास को दर्शाती है। अब अधिकतर लोग शेयर बाजार को केवल बड़ी कंपनियों के लिए ही नहीं, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी संपत्ति बनाने के एक जरिए के तौर पर देखते हैं।

रेलवे स्टेशन पर स्टंटबाजी! भोपाल में प्लेटफॉर्म पर कार और स्कूटर दौड़ाते दिखे युवक

भोपाल क्या आपने रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर कार और स्कूटर दौड़ते देखें हैं? सामान्य तौर पर आपका जवाब न ही होगा, क्योंकि ऐसे मौके रोज रोज नहीं आते हैं। मगर चौंका देने वाला एक मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से आया है। यहां कुछ लड़के रेलवे प्लेटफॉर्म पर गाड़ी और स्कूटर दौड़ाते दिखाई दिए। ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इसको लगातार शेयर कर रहे हैं और एमपी को अजब-गजब बता रहे हैं, क्योंकि बीते दिनों में ये तीसरा मौका है- जब मध्य प्रदेश सड़क, ओवरब्रिज और रेलवे को लेकर सुर्खियों में है। इस बार सुर्खियों में होने की वजह रेलवे स्टेशन का एक प्लेटफॉर्म है, जहां पर स्कूटर और कार दौड़ती दिखाई दे रही है। प्लेटफॉर्म पर गाड़ी को देख लोगों ने इसका वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जिसे लोगों ने जमकर शेयर किया। घटना शनिवार सुबह प्लेटफॉर्म नंबर 4 और 6 की बताई जा रही है कि कैसे कुछ लोग सुरक्षा व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए रेलवे प्लेटफॉर्म पर गाड़ी दौड़ा रहे हैं। इस तरह की अजीबो-गरीब स्टंटबाजी कब किसी यात्री के लिए जानलेवा साबित हो जाए, इसको सोचे बगैर युवक गाड़ी दौड़ाते दिखाई दिए। इस वीडियो के वायरल होने के बाद मामला रेलवे पुलिस फोर्स के पास पहुंचा। आरपीएफ ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच शुरू कर दी। फिलहाल पता लगाया जा रहा है कि ये युवक कौन थे, जो सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद प्लेटफॉर्म तक गाड़ी लेकर चले गए। इस मामले पर आरपीएफ भोपाल पोस्ट प्रभारी मनीष शर्मा का बयान सामने आया है। उन्होंने बताया कि हमें दो वीडियो मिले हैं, जिनकी जांच चल रही है। फिलहाल इस मामले में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। आगे की जांच जारी है। गनीमत ये रही कि इस दौरान कोई ट्रेन नहीं थी, जिसके चलते कोई बड़ा हादसा होने से बच गया। आपको बताते चलें कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल इससे पहले भी चर्चा में आई थी, जब यहां 90 डिग्री मोड़ वाला ओवर ब्रिज मीडिया-सोशल मीडिया की सुर्खियों में आया था। इस पर प्रशासन की तरफ से एक्शन लिया गया और सुधार की बात करी गई। इसके बाद बारिश के चलते 15 दिन पहले बनी सड़क के धसने की खबर सामने आई थी। ये घटना ग्वालियर की थी। बताया गया कि इस सड़क को बनाने में करीब 18 करोड़ रुपये लगे थे। और तो और ये सड़क सात बार बनवाई जा चुकी है, लेकिन फिर भी धसक जाती है। इस सड़क पर हुए गड्डे सुरंग जैसे दिखाई दे रहे थे। इसलिए लोगों ने इस रोड़ को सुरंग वाली सड़क कहर ट्रोल करना शुरू कर दिया था।