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मानसून में पहली बार बरगी बांध के नौ गेट खोले गए, जबलपुर में जल प्रबंधन शुरू

जबलपुर लगातार हो रही बारिश से नदी, ताालाब भी छलकने के लिए मचलने लगे हैं। रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लिहाजा जलस्तर नियंत्रित रखने के लिए नौ गेट खोल दिए गए। मानसून सीजन में पहली बार बांध के 21 में से 9 स्पिल-वे गेट औसतन 1.33 मीटर की ऊंचाई तक खोले गए है। इनमें से 52 हजार 195 क्यूसेक (घनफुट पानी प्रति सेकंड) पानी छोड़ा जा रहा है।   गेट नंबर 10, 11 और 12 खोले गए कार्यपालन यंत्री बरगी बांध राजेश सिंह गौंड के अनुसार खोले गए नौ गेट में से गेट नंबर 10, 11 और 12 को दो-दो मीटर, गेट नम्बर नौ और 13को डेढ़-डेढ़ मीटर, गेट नंबर आठ और 14 को एक-एक मीटर तथा गेट नंबर सात और 15 को आधा-आधा मीटर की ऊंचाई तक खोला गया है। उन्होंने बताया कि बांध में आवक को देखते हुए कभी भी इससे पानी निकासी की मात्रा घटाई या बढ़ाई जा सकती है। 417 मीटर से ज्यादा भरा कार्यपालन यंत्री बरगी बांध के मुताबिक रविवार को दोपहर ग्यारह बजे बांध का जल स्तर 417.40 मीटर रिकार्ड किया गया था और इस समय इसमें लगभग 98 हजार 741 क्युसेक पानी प्रवेश कर रहा था। बरगी बांध का पूर्ण जल भराव स्तर 422.76 मीटर है और ऑपरेशनल मैन्युल के अनुसार 31 जुलाई तक इसका जलस्तर 417.50 मीटर रखा जाना प्रस्तावित है। पांच फीट तक बढ़ेगा नर्मदा का जलस्तर फिलहाल बांध के निचले क्षेत्र के निवासियों से नर्मदा तट से सुरक्षित दूरी बनाए रखने तथा डूब क्षेत्र में प्रवेश न करने की अपील करते हुए बताया कि बांध से पानी छोड़ने से नर्मदा नदी का जलस्तर चार से पांच फुट तक बढ़ सकता है। अगले तीन घंटे में बरगी बांध का पानी गौरीघाट, तिलवारा घाट तक पहुंच सकता है।

प्रेम में पागल डॉक्टर ने महिला सहकर्मी से की मारपीट, मोबाइल भी छीना

तमिलनाडु तमिलनाडु के होसुर में डॉक्टर की ओर से अपनी महिला सहकर्मी पर हमला का मामला सामने आया है। एक निजी दंत चिकित्सा क्लिनिक में काम करने वाली 25 वर्षीय डॉ. कृतिका ने डॉ. अंबु सेल्वन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस हिंसक घटना में घायल डॉ. कृतिका को होसुर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। पीड़िता ने कहा कि डॉक्टर बार-बार के उसे विवाह करने का प्रस्ताव दे रहा था, जिसने उसने ठुकरा दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है। डॉ. कृतिका ने बताया कि डॉ. अंबु ने उन्हें कई बार विवाह के लिए दबाव डाला, जिसे उन्होंने साफ तौर पर अस्वीकार कर दिया। घटना के दिन, अंबु ने उन्हें दोपहिया वाहन पर पाठला पल्ली क्षेत्र में ले जाकर गया और फिर से विवाह के लिए दबाव बनाने लगा। जब कृतिका ने इनकार किया, तो अंबु ने उस पर हमला कर दिया। उनका मोबाइल फोन, सोने की चेन, कंगन और घड़ी छीन ली। बाद में, उन्हें क्लिनिक वापस लाकर और मारपीट की गई, जहां उनके सहकर्मियों ने दखल देकर उनकी जान बचाई। आरोपी डॉक्टर पहले से शादीशुदा होसुर टाउन पुलिस ने शुरुआती जांच के बाद केस अधिकरट्टी पुलिस स्टेशन को हस्तांतरित कर दिया, क्योंकि घटना उनके क्षेत्राधिकार में हुई थी। डॉ. कृतिका ने अधिकरट्टी पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज की है। जांच में पता चला कि डॉ. अंबु सेल्वन पहले से शादीशुदा है, लेकिन वर्तमान में अपनी पत्नी से अलग रह रहा है। पुलिस ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और सख्त ऐक्शन लेने की मांग हो रही है।  

यूरोपीय संघ में गूगल के एआई ओवरव्यूज फीचर के विरुद्ध एंटीट्रस्ट शिकायत की दायर

नई दिल्ली Alphabet की कंपनी Google को यूरोपियन यूनियन यानी कि EU में AI Overviews फीचर को लेकर एक एंटीट्रस्ट शिकायत का सामना करना पड़ा है। एंटीट्रस्ट शिकायत का मतलब कॉम्पिटिशन के खिलाफ काम करने से जुड़ी शिकायत है। बता दें कि यह शिकायत स्वतंत्र पब्लिशर्स के एक ग्रुप ने दर्ज की है। इस ग्रुप की शिकायत है कि Google का AI Overviews फीचर उन्हें गंभीर और शायद अपूरणीय नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने EU से अपील की है कि वह इस पर अस्थायी रोक लगाए, ताकि नुकसान को रोका जा सके। क्या है Google Overviews? बता दें कि AI Overviews एक ऐसा फीचर है जिसमें यूजर को सर्च रिजल्ट में ऊपर ही AI द्वारा तैयार की गई समरी दिखाई जाती है। ऐसा गूगल का AI अलग-अलग वेबसाइट्स के कंटेंट का इस्तेमाल करके करता है। जिससे भले गूगल सर्च करने वाले को उसका जवाब मिल जाए लेकिन जो वेबसाइट्स इस तरह का कंटेंट तैयार कर रही हैं उनसे उनका यूजर या रीजड छिन जाता है। इसके लिए गूगल पब्लिशर्स से किसी तरह की अनुमति भी नहीं लेता। बता दें कि गूगल ने मई 2024 से इसमें विज्ञापन भी दिखाने शुरू कर दिए हैं। पब्लिशर्स का मानना है कि इससे उनके वेबसाइट पर आने वाला ट्रैफिक और कमाई दोनों पर असर पड़ रहा है। क्या है शिकायत? रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक Google ने अपनी सर्च सर्विस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को शामिल करके अब तक का सबसे बड़ा दांव खेला है। लेकिन इस कदम को लेकर कई कंटेंट प्रोवाइडर्स, खासकर पब्लिशर्स, ने चिंता जताई है। इंडिपेंडेंट पब्लिशर्स अलायंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बारे में यूरोपियन कमीशन से शिकायत की गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि Google ऑनलाइन सर्च मार्केट में अपनी मजबूत पकड़ का गलत इस्तेमाल कर रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि "Google की मुख्य सर्च सेवा अपने AI Overviews में वेब कंटेंट का गलत इस्तेमाल कर रही है। इससे पब्लिशर्स को, खासकर न्यूज पब्लिशर्स को, भारी नुकसान हो रहा है। इससे वेबसाइट का ट्रैफिक, पाठकों की संख्या और कमाई में गिरावट शामिल है। यह नुकसान लगातार बढ़ता जा रहा है।" इसका मतलब है कि Google, वेबसाइट्स से जानकारी लेकर अपने AI Overviews में दिखा रहा है, जिससे यूजर को वेबसाइट खोलने की जरूरत नहीं पड़ती और इसी वजह से वेबसाइट्स को ट्रैफिक और रेवेन्यू दोनों का नुकसान हो रहा है। Google का पक्ष ब्रिटेन की Competition and Markets Authority (CMA) एजेंसी ने पुष्टि की है कि उसे Google के खिलाफ की गई शिकायत मिल चुकी है। इस शिकायत में कहा गया है कि Google का AI Overviews फीचर से स्वतंत्र पब्लिशर्स और न्यूज वेबसाइट्स को भारी नुकसान हो रहा है, क्योंकि लोग अब सीधे वेबसाइट पर नहीं जा रहे, बल्कि सर्च में दिख रहे AI समरी को ही पढ़कर अपना काम चला रहे हैं। Google ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि वह हर दिन वेबसाइट्स को अरबों क्लिक भेजता है, और उसका AI फीचर लोगों को और ज्यादा सवाल पूछने के लिए प्रोतसाहित करता है। इससे नई वेबसाइट्स और बिजनेस को मिलने वाले मौके बढ़ जाते हैं। हालांकि, Foxglove Legal, Movement for an Open Web, और Independent Publishers Alliance जैसे संगठन इस बात से सहमत नहीं हैं। Foxglove की को-डायरेक्टर रोजा कर्लिंग ने इस बारे में कहा है कि "स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए Google की AI Overviews एक संकट की तरह सामने आया है।" उन्होंने आगे कहा कि इसी वजह से Foxglove और उनके साथी संगठन यूरोपीय आयोग से मांग कर रहे हैं कि स्वतंत्र न्यूज वेबसाइट्स को AI से बाहर रहने का ऑप्शन मिलना चाहिए। वहीं Google ने कहा है कि उसके खिलाफ लगाए गए आरोप अधूरे और गलत जानकारी पर आधारित हैं। इस पर Google के प्रवक्ता ने कहा है कि "वेबसाइट्स का ट्रैफिक कई वजहों से घट-बढ़ सकता है जैसे कि मौसम, यूजर्स की पसंद या हमारे सर्च अल्गोरिद्म में बदलाव।" बता दें कि अमेरिका में भी एक एजुकेशन टेक कंपनी ने गूगल के खिसाफ शिकायत की है कि AI Overviews की वजह से ओरिजिनल कंटेंट की मांग घट रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्री अमृतलाल वेगड़ को श्रद्धांजलि अर्पित की

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मूर्धन्य साहित्यकार, चित्रकार श्री अमृतलाल वेगड़ की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि श्रद्धेय वेगड़ ने मां नर्मदा नदी की करीब चार हजार किलोमीटर पदयात्रा के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश जन-जन तक पहुंचाया। उन्होंने नर्मदा अंचल की समृद्ध जैव विविधता से दुनिया को भी परिचित करवाया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. जगजीवन राम को श्रद्धांजलि अर्पित की मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री जगजीवन राम 'बाबूजी' की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उनका स्मरण करते हुए कहा कि स्व. श्री जगजीवन राम ने राष्ट्र की उन्नति और कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए आजीवन संघर्ष किया। पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री जगजीवन राम को अद्वितीय सामाजिक योद्धा और राष्ट्र के अनन्य सेवक के रूप में सदैव याद किया जाएगा।    

भगवान गणेश और नाग देवता की मूर्तियां टूटीं, कर्नाटक के शिवमोगा में हालात तनावपूर्ण

कर्नाटक  कर्नाटक में शिवमोगा के बंगरप्पा लेआउट इलाके में रविवार को उस समय तनाव फैल गया, जब अज्ञात बदमाशों ने भगवान गणेश और नाग देवता की मूर्तियों को खंडित कर दिया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने यह भी बताया कि नाग देवता की मूर्ति सड़क किनारे नाले में पड़ी पाई गई। यह घटना शिवमोगा के शांतिनगर वार्ड में हुई, जहां हाल ही में बंगरप्पा लेआउट की मुख्य सड़क पर मूर्तियां स्थापित की गई थीं। इलाके के निवासियों ने इस घटना की कड़ी निंदा की और देवताओं के अपमान पर गुस्सा जताया। पुलिस के सीनियर अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया और स्थानीय समुदाय से चर्चा की। अधिकारियों ने निवासियों को बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया। क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। एक अधिकारी ने बताया कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है और पुलिस जांच जारी है। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विजयेंद्र ने एक्स पर एक पोस्ट में गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि शिवमोगा में शरारती हरकतों में थोड़े समय के विराम के बाद हिंदू विरोधी तत्वों ने एक बार फिर अपनी हरकतें शुरू कर दी हैं। भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना शिवमोगा जिले के शिकारीपुरा से विधायक विजयेंद्र ने कहा, ‘रग्गीगुड्डा में बदमाशों ने भगवान गणेश और शेषनाग की मूर्तियों को खंडित किया।’ उन्होंने यह भी कहा कि मूर्ति को नाले में फेंक दिया गया। विजयेंद्र ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘हिंदू संगठनों को बुरी नजर से देखने वाली कर्नाटक की कांग्रेस सरकार हमेशा हिंदू विरोधी ताकतों की कट्टर समर्थक बनकर खड़ी रही है। शिवमोगा जिले में बदमाशों की ज्यादतियां चरम सीमा पर पहुंच गई हैं।’ भाजपा नेता ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार इन दुष्ट तत्वों के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई नहीं करती तो जो परिणाम होगा उसकी जिम्मेदार वह खुद होगी। कांग्रेस की ओर से इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।  

15,000 करोड़ की संपत्ति पर कानूनी जंग, सैफ अली खान के केस में दोबारा सुनवाई का आदेश

जबलपुर बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान और उनके परिवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने संपत्ति मामले में दो दशक पहले दिए गए ट्रायल कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया और मामले में फिर से सुनवाई का आदेश दिया है। सैफ अली और उनके परिवार को भोपाल के पूर्व शासकों की 15,000 करोड़ रुपये की संपत्ति विरासत में मिली थी। जस्टिस संजय द्विवेदी की बेंच ने 30 जून को दिए अपने आदेश में ट्रायल कोर्ट के फैसले और डिक्री को खारिज कर दिया, जिसमें पटौदी (सैफ अली खान, उनकी मां शर्मिला टैगोर और उनकी दो बहनों सोहा और सबा) को संपत्तियों का मालिक माना गया था। एक साल में सुनवाई पूरी करने के आदेश हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को एक साल के भीतर इस मामले की सुनवाई पूरी करने और फैसला देने के लिए हरसंभव प्रयास करने का निर्देश दिया। नवाब हमीदुल्लाह भोपाल रियासत के अंतिम शासक नवाब थे। उनकी और उनकी पत्नी मैमूना सुल्तान की तीन बेटियां – आबिदा, साजिदा और राबिया – थीं। साजिदा ने इफ्तिखार अली खान पटौदी से शादी की और भोपाल की नवाब बेगम बन गईं। उनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी ने शर्मिला टैगोर से शादी की। मंसूर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान थे। नवाब हमीदुल्लाह की सबसे बड़ी बेटी आबिदा के पाकिस्तान चले जाने के बाद, साजिदा ही इन संपत्तियों की मालिक बन गईं। बाद में, उनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी इन संपत्तियों के उत्तराधिकारी बन गए। इन संपत्तियों की अनुमानित कीमत लगभग 15,000 करोड़ रुपये है, जो सैफ अली और उनके परिवार को विरासत में मिलीं। दो अपीलें – एक बेगम सुरैया राशिद एवं अन्य द्वारा और दूसरी नवाब मेहर ताज साजिदा सुल्तान एवं अन्य द्वारा दायर की गईं, जो सभी दिवंगत नवाब हमीदुल्लाह के उत्तराधिकारी हैं। इन अपील में कहा गया कि निचली अदालत ने शाही संपत्ति के अनुचित विभाजन के खिलाफ उनके मुकदमों को खारिज कर दिया। अपनी दलीलों में उन्होंने कहा कि भोपाल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के 14 फरवरी, 2000 के फैसले और डिक्री ने उनके मुकदमों को अनुचित तरीके से खारिज कर दिया। उनके वकीलों ने दलील दी कि नवाब की निजी संपत्ति का बंटवारा मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार उनके और प्रतिवादी सैफ अली, शर्मिला और 16 अन्य उत्तराधिकारियों के बीच होना चाहिए था। जस्टिस द्विवेदी ने कहा, ‘‘मामले को नए सिरे से तय करने के लिए ट्रायल कोर्ट को वापस भेजा जाता है।’’ अदालत ने आदेश दिया, ‘‘यदि जरूरी हो, तो ट्रायल कोर्ट बाद के घटनाक्रम और बदली हुई कानूनी स्थिति को देखते हुए पक्षों को आगे सबूत पेश करने की अनुमति दे सकती है।’’ जस्टिस द्विवेदी ने कहा, ‘‘मेरा विचार ​​है कि ट्रायल कोर्ट ने मामले के अन्य पहलुओं पर विचार किए बिना ही मुकदमों को खारिज कर दिया, वह भी उस फैसले पर भरोसा करते हुए जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही खारिज कर दिया है। इस प्रकार, मेरी राय में, विवादित फैसले और डिक्री को खारिज किया जाना चाहिए और इसलिए इसे रद्द किया जाता है।’’  

LG का चेतावनी भरा पत्र: तेलबंदी फैसले पर दिल्ली सरकार को दी नसीहत

नई दिल्ली दिल्ली में पुराने वाहनों पर प्रतिबंध के मुद्दे ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर इस नीति पर पुनर्विचार की मांग की है। एलजी ने साफ कहा है कि दिल्ली इस तरह के कठोर प्रतिबंधों के लिए अभी तैयार नहीं है और यह मध्यम वर्ग के लिए भावनात्मक और आर्थिक रूप से भारी पड़ सकता है। क्या है पूरा विवाद? कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के हालिया निर्देशों के तहत दिल्ली में 15 साल से पुराने पेट्रोल और 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को 'एंड ऑफ लाइफ' (EOL) मानकर रजिस्ट्रेशन रद्द करने और स्क्रैप करने का आदेश है। यह फैसला 2014 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) और 2018 में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर आधारित है। हालांकि, एलजी ने इस नीति को 'अनुचित' बताते हुए इसके कार्यान्वयन पर सवाल उठाए हैं। एलजी ने अपने पत्र में लिखा, "एक डीजल वाहन दिल्ली में 10 साल पुराना होने पर 'एंड ऑफ लाइफ' माना जाता है, लेकिन वही वाहन चेन्नई या मुंबई में सड़क पर कानूनी रूप से दौड़ सकता है। यह मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के सिद्धांतों के खिलाफ है, जो पूरे देश में एकसमान नियम लागू करता है।" मध्यम वर्ग पर भावनात्मक और आर्थिक बोझ एलजी ने पत्र में मध्यम वर्ग की भावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग अपनी मेहनत की कमाई से वाहन खरीदते हैं, जो उनके लिए सिर्फ सवारी का साधन नहीं, बल्कि भावनात्मक लगाव का प्रतीक भी है। ऐसे वाहन, जो कम चले हों और उत्सर्जन मानकों का पालन करते हों, उन्हें केवल उम्र के आधार पर स्क्रैप करना अन्यायपूर्ण है। एलजी ने जोर दिया कि नीति में उन वाहनों को टारगेट करना चाहिए जो वास्तव में प्रदूषणकारी और खराब हालत में हों। 'दिल्ली एक ट्रांजिट कॉरिडोर का हिस्सा' LG ने यह भी बताया कि दिल्ली एक प्रमुख ट्रांजिट कॉरिडोर का हिस्सा है, जहां उत्तर, पूर्व और पश्चिमी राज्यों को जोड़ने वाले वाहन गुजरते हैं। ऐसे में दूसरे राज्यों में वैध वाहनों को दिल्ली में गैर-कानूनी ठहराना अव्यवहारिक है। उन्होंने कहा कि यह नीति न केवल दिल्लीवासियों, बल्कि ट्रांजिट यात्रियों के लिए भी परेशानी का सबब बन सकती है। सक्सेना ने दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीरता को स्वीकार किया, लेकिन जोर दिया कि इसका समाधान संतुलित और वैज्ञानिक होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए, जिसमें हाल के बुनियादी ढांचे के सुधार, जैसे मेट्रो विस्तार, रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS), और इलेक्ट्रिक वाहन नीति को शामिल किया जाए। इसके अलावा, सड़कों की मरम्मत, हरियाली बढ़ाने, और एंटी-स्मॉग गन जैसे उपायों को भी रेखांकित करने की सलाह दी। एलजी ने की ये सिफारिशें     CAQM से पुनर्विचार: CAQM के निर्देशों को NCR में समान रूप से लागू करने की तैयारी होने तक स्थगित करने की मांग।     MORTH से संवाद: मोटर व्हीकल स्क्रैपिंग नियमों में बदलाव के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय से चर्चा।     सुप्रीम कोर्ट में याचिका: हाल के सुधारों और बदली परिस्थितियों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करना।     विस्तृत प्रदूषण रणनीति: तीन महीने में विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ परामर्श कर प्रदूषण नियंत्रण की व्यापक योजना तैयार करना। LG ने बताया कि उन्हें नागरिकों, पर्यावरण विशेषज्ञों और जनप्रतिनिधियों से ढेरों शिकायतें मिली हैं, जो इस नीति की प्रभावशीलता और व्यावहारिकता पर सवाल उठाती हैं। उन्होंने पुराने वाहनों को CNG या इलेक्ट्रिक में बदलने के लिए सरकारी प्रोत्साहन की वकालत की। साथ ही, सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने और सड़क धूल जैसे अन्य प्रदूषण स्रोतों पर ध्यान देने की जरूरत बताई।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में स्व. श्री मुखर्जी की 125वीं जयंती मनाई गई

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को अरेरा कॉलोनी श्रेत्र में स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में स्व. श्री मुखर्जी की 125वीं जयंती मनाई गई। ज्ञात हो कि स्व. श्री मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को हुआ था। माल्यार्पण एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्व. डॉ. मुखर्जी के राष्ट्रहित में किए गए योगदानों को याद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसंघ के संस्थापक स्व श्री मुखर्जी सच्चे राष्ट्रभक्त थे। वे प्रबल राष्ट्रवाद के प्रखर प्रणेता और सदैव राष्ट्रहित चिंतन में जीने वाले मुखर विचारक थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी केवल एक राजनीतिज्ञ नहीं, बल्कि एक दूरदृष्टि वाले राष्ट्रनायक थे। उनका जीवन राष्ट्र प्रेम, आत्मबलिदान और सेवा भावना की प्रेरणा देता है। उन्होंने भारतीय जनमानस की आवाज को बड़ी मुखरता से तत्कालीन सरकार के सामने रखा। स्व. डॉ. मुखर्जी ने ‘एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे’ का नारा देकर राष्ट्रीय एकता की आधारशिला को शिद्दत से मजबूत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्व. डॉ. मुखर्जी देश की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता के पक्षधर थे। उन्होंने देश को एकता के सूत्र में पिरोने के लिए नई दिशा, नये विचार दिये। उनके विचारों और मूल्यों को आत्मसात करने की जरूरत है। भारत राष्ट्र को और अधिक शक्तिशाली, समरस एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए आज श्री मुखर्जी के विचार और भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि भारत राष्ट्र सदैव डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का ऋणी रहेगा। कार्यक्रम को सांसद भोपाल श्री आलोक शर्मा ने भी संबोधित कर अपनी बात रखी। इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग, खजुराहो सांसद श्री विष्णु दत्त शर्मा, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, श्री भगवान दास सबनानी, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सुरेश पचौरी, महापौर श्रीमती मालती राय, नगर निगम अध्यक्ष श्री किशन सूर्यवंशी, पूर्व सांसद श्री आलोक संजर, समाजसेवी श्री रविन्द्र यति, श्री राहुल कोठारी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं नागरिकगण उपस्थित थे।  

कब्र से निकली सच्चाई: 11 साल बाद आरोपी ने कबूला रेप और हत्या का खौफनाक राज

बेंगलुरु कर्नाटक में एक चौंकाने वाले खुलासे ने सनसनी फैला दी है। यहां पर एक शख्स ने दावा किया है कि उसने रेप की शिकार लड़कियों और महिलाओं की लाशें जलाकर ठिकाने लगाई हैं। उसका कहना है कि 1998 से 2014 तक लगातार उसने ऐसा किया। करीब 11 साल बाद यह शख्स खुद पुलिस के पास पहुंचा और अपना गुनाह स्वीकार किया। साथ ही उसने यह भी कहाकि उसे ऐसा करने पर मजबूर किया गया। यह व्यक्ति कर्नाटक के धर्मस्थल में सफाई कर्मचारी था। उसने पुलिस से अपनी पहचान छुपाने का अनुरोध किया है। उसने पुलिस को कुछ लाशों और कंकाल की फोटो भी दी है। जल रहा था पछतावे की आग में इस व्यक्ति का कहना है कि वह दसियों साल से पछतावे की आग में जल रहा था। फिर उसने सामने आने का फैसला किया ताकि रेप और मर्डर के पीड़ितों को न्याय मिल सके। पुलिस का कहना है कि कोर्ट की जरूरी इजाजत के बाद धर्मस्थल पुलिस थाने में केस दर्ज कर लिया गया है। स्कूली लड़कियों की भी लाश इस शख्स ने बताया कि शुरुआत में उसे लगा कि यह लाशें आत्महत्या करने वालों की या फिर डूबकर मरने वालों की है। इनमें बड़ी तादाद में महिलाओं की लाशें होती थीं। उनमें भी शरीर पर कोई कपड़ा नहीं रहता था। कुछ महिलाओं की लाशों पर तो यौन उत्पीड़न और हिंसा के निशान होते थे। ऐसा लगता था कि जैसे रेप के दौरान उन्हें काफी ज्यादा प्रताड़ित किया गया है। उसने बताया इनमें काफी ज्यादा संख्या स्कूली लड़कियों की होती थी। मना करने पर मारा-पीटा गया खुद की पहचान छुपाने वाले इस शख्स ने यह भी बताया कि 1998 में पहली लाश आई थी। उसने बताया कि मेरे सुपरवाइजर ने चुपचाप लाशों को ठिकाने लगाने के लिए कहा। जब मैंने इनकार किया और पुलिस के जाने की बात कही तो मुझे बुरी तरह से मारा-पीटा गया। इसके अलावा खुद को और अपने परिवार को भी बचाने की गुहार लगाई है। उसने कहाकि 11 साल पहले उसने परिवार के साथ धर्मस्थल छोड़ दिया। वह पड़ोसी राज्य में किसी गुप्त जगह पर जाकर छिप गया था। उसने बताया कि हमें हर रोज बस यही डर लगा रहता था कि कहीं हमें मार न दिया जाए।  

मुख्यमंत्री साय ने अपने निवास कार्यालय में डॉ. मुखर्जी के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महान शिक्षाविद्, ओजस्वी राष्ट्रवादी और भारतीय जनमानस में राष्ट्रीय चेतना का संचार करने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री साय ने अपने निवास कार्यालय में डॉ. मुखर्जी के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके अमूल्य योगदान का स्मरण किया और उनके योगदान पर अपने विचार व्यक्त किये। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन देशभक्ति, निःस्वार्थ सेवा और अखंड भारत के प्रति अदम्य प्रतिबद्धता का प्रतीक है। वे दूरदर्शी राजनीतिज्ञ, प्रखर विचारक और शिक्षा, सामाजिक न्याय तथा राष्ट्रीय एकता के प्रबल समर्थक थे। उनके सिद्धांत और कार्य आज भी हम सभी को राष्ट्रसेवा की प्रेरणा देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की एकता और संप्रभुता के लिए डॉ. मुखर्जी का संघर्ष भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में अंकित है। उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों को सशक्त भारत के निर्माण का संकल्प लेने की प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी का स्वप्न एक आत्मनिर्भर, सशक्त और गौरवशाली भारत का था, जिसे साकार करने के लिए हमें उनके आदर्शों का सतत अनुसरण करना होगा। साय ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने वैचारिक स्पष्टता और सैद्धांतिक राजनीति की नींव रखकर भारतीय लोकतंत्र को नई दिशा दी। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और राष्ट्र के विकास में मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं। डॉ. मुखर्जी के विचारों और मूल्यों को अपने आचरण में उतारना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि हम उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर एक समृद्ध, स्वाभिमानी और समर्थ भारत के निर्माण के लिए संयुक्त प्रयास करें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद भी उपस्थित थे।