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डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में बड़ी चूक, विमान ने प्रतिबंधित हवाई क्षेत्र में कर दी घुसपैठ

वॉशिंगटन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। न्यू जर्सी स्थित राष्ट्रपति के निजी गोल्फ कोर्स के ऊपर एक विमान के उड़ने से सीक्रेट सर्विस में हड़कंप मच गया। इसके बाद तुरंत उत्तरी अमेरिकी एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (NORAD) ने लड़ाकू विमान भेजकर विमान को खदेड़ा। NORAD ने इस घटना की जानकारी दी है। जिस दौरान यह घटना हुई, उस समय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप स्वतंत्रता दिवस के बाद वीकेंड मनाने के लिए गोल्फ कोर्स में मौजूद थे। NORAD ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि 5 जुलाई को 2025 को बेंडमिस्टर, न्यू जर्सी के ऊपर एक विमान ने अस्थायी उड़ान प्रतिबंध का उल्लंघन किया, जिसे इंटरसेप्ट किया गया। इसमें विमानों के पायलटों से उड़ान से पहले संघीय विमानन प्रशासन से जारी किए अलर्ट को देखने को कहा गया है। उत्तरी अमेरिकी एयरोस्पेस डिफेंस कमांड उत्तरी अमेरिका की रक्षा के लिए एयरोस्पेस चेतावनी, एयरोस्पेस नियंत्रण और समुद्री चेतावनी का संचालन करता है। शनिवार दोपहर हवाई क्षेत्र में घुसा विमान NORAD के बयान के अनुसार, नागरिक विमान ने शनिवार 5 जुलाई को स्थानीय समयानुसार दोपहर 2:40 बजे (भारतीय समयानुसार रविवार 12:10 सुबह) से ठीक पहले अस्थायी उड़ान प्रतिबंध क्षेत्र में उड़ गया। उसे लड़ाकू जेट द्वारा सुरक्षित रूप से बाहर निकाल लिया गया। बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि यह प्रतिबंधित हवाई क्षेत्र का दिन का चौथा उल्लंघन था, और बाद में एक और उल्लंघन हुआ। एफ-16 लड़ाकू विमान ने खदेड़ा हालांकि, NORAD ने यह जानकारी नहीं दी कि घुसपैठिए विमान को खदेड़ने के लिए किस फाइटर जेट का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन द न्यूयॉर्क पोस्ट सहित कई आउटलेट्स ने बताया कि यह एक F-16 लड़ाकू विमान था। फरवरी में भी, NORAD ने फ्लोरिडा में ट्रम्प के मार-ए-लागो रिसॉर्ट के ऊपर हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के जवाब में तीन F-16 को उड़ाया था।

पूर्व मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ के सरकारी बंगले में तय समय से ज्यादा दिन रुकने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र

नई दिल्ली पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का सरकारी बंगले में ज्यादा दिन तक रुकना अब विवाद का कारण बन गया है। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि 5, कृष्णा मेनन मार्ग स्थित बंगला तुरंत खाली करवाया जाए। यह बंगला देश के मुख्य न्यायाधीश का आधिकारिक निवास है। चंद्रचूड़ नवंबर 2024 में रिटायर हुए थे, लेकिन अब तक वहीं रह रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक जुलाई को केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है कि देश के पूर्व मुख्य न्यायधीश चंद्रचूड़ तय समय से ज्यादा दिन बंगले में रह रहे हैं। नियम के मुताबिक रिटायरमेंट के बाद पूर्व मुख्य न्यायधीश को छह महीने तक टाइप-सात बंगले में रह सकते हैं। लेकिन चंद्रचूड़ टाइप-आठ बंगले में आठ महीने से रह रहे हैं, जो नियमों का उल्लंघन है। इस मुद्दे पर क्या बोले चंद्रचूड़ इस मुद्दे पर चंद्रचूड़ ने कहा कि यह देरी उनके पारिवारिक कारणों की वजह से हुई। उन्होंने बताया कि उनकी दो बेटियों को विशेष देखभाल की जरूरत है और उनके लिए उपयुक्त घर ढूंढना आसान नहीं था। सरकार ने उन्हें किराए पर दूसरा घर दिया है, जिसकी मरम्मत चल रही है। मरम्मत पूरी होते ही वह शिफ्ट हो जाएंगे। इन दो मुख्य न्यायाधीश ने नहीं लिया बंगला दिलचस्प बात यह है कि चंद्रचूड़ के रिटायरमेंट के बाद दो मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना और वर्तमान मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कृष्णा मेनन मार्ग स्थित बंगला लेने से इनकार कर दिया। दोनों ने अपने पुराने आवास में ही रहना पसंद किया। इसी वजह से चंद्रचूड़ को बंगले में अतिरिक्त समय मिलने में आसानी हुई। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने दी थी सीमित मोहलत सुप्रीम कोर्ट की तरफ से चंद्रचूड़ को पहले ही अप्रैल 2025 तक बंगला रखने की अनुमति दी गई थी। बाद में मई 2025 तक मौखिक रूप से मोहलत भी मिली। लेकिन अब वह समय भी बीत चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अब और इंतजार नहीं किया जा सकता क्योंकि कई जजों को आवास की जरूरत है। चंद्रचूड़ बोले- जिम्मेदारियों का एहसास है चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्हें पूरी तरह से अपनी जिम्मेदारियों का एहसास है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह कुछ ही दिनों में बंगला छोड़ देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले कई पूर्व मुख्य न्यायाधीश को भी परिस्थितियों को देखते हुए अतिरिक्त समय दिया गया है। वह यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट प्रशासन के साथ पहले ही साझा कर चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट की साख पर सवाल यह मामला इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में ऐसा कम ही देखा गया है जब अदालत को अपने आधिकारिक निवास को खाली कराने के लिए केंद्र सरकार को लिखित रूप से कहना पड़े। आमतौर पर ऐसे मामलों में अंदरखाने समाधान निकाल लिया जाता है। लेकिन मौजूदा हालात में अदालत को सख्त कदम उठाना पड़ा, जिससे यह मामला और ज्यादा सुर्खियों में आ गया है।

मुख्यमंत्री नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों के 03 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ में हुए शामिल

रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय  राजधानी रायपुर के निमोरा स्थित ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में आयोजित नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों के लिए तीन दिवसीय आधारभूत/उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पंचायती राज संस्थाएं ग्रामीण विकास की रीढ़ की हड्डी हैं। नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों के रूप में आप सभी के पास बहुत बड़ा अवसर और बड़ी जिम्मेदारी है। यदि दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो एक व्यक्ति भी पूरे जिले की तस्वीर बदल सकता है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि लोक कल्याण की भावना से जनता की सेवा करने वालों को जनता स्वयं आगे बढ़ाती है। अपने राजनीतिक जीवन के अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने भी अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत पंच के रूप में की थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि राजनीति में आऊंगा। 10 वर्ष की आयु में पिताजी के स्वर्गवास के बाद मेरे कंधों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई। मेरा पूरा जीवन संघर्ष में बीता। मैं सरपंच भी बनूंगा, यह मैंने कभी कल्पना नहीं की थी, लेकिन जनता का आशीर्वाद मिला, जिससे विधायक, सांसद और मुख्यमंत्री के रूप में सेवा का अवसर प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कुछ कर गुजरने के लिए संसाधनों से अधिक महत्वपूर्ण इच्छाशक्ति होती है। जनहित में कार्य करने की सोच से अकेला व्यक्ति भी बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे जिन प्रेरणादायी लोगों के जनसेवा के कार्यों को निकट से देखने का अवसर मिला, उनमें ओडिशा के डॉ. अच्युत सामंत और नानाजी देशमुख का उल्लेख करना चाहूंगा। अभावों में पले-बढ़े डॉ. अच्युत सामंत ने आजीवन जनता की सेवा का संकल्प लिया और भुवनेश्वर में एक बड़ा शिक्षण संस्थान स्थापित किया। इस संस्थान में वे लगभग 25 हजार जनजातीय बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। इसी तरह, चित्रकूट में नानाजी देशमुख ने दीनदयाल उपाध्याय शोध संस्थान के माध्यम से 500 गांवों को गोद लेकर उनके सर्वांगीण विकास का कार्य किया। वर्ष 2006-07 में जब मैं वहां गया, तब मुझे पता चला कि अब तक 80 गांवों को उन्होंने आत्मनिर्भर बना दिया है। इन गांवों में हर परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कार्य किया गया। ये उदाहरण हमें यह बताते हैं कि एक व्यक्ति भी कितना बड़ा परिवर्तन ला सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ हर दृष्टि से एक समृद्ध राज्य है। यहां 44 प्रतिशत भूभाग पर वन हैं। यहां की मिट्टी उर्वरा है और किसान मेहनतकश हैं। छत्तीसगढ़ के विकास में नक्सलवाद एक बड़ी बाधा था, जिसे हम समाप्त कर रहे हैं। जो नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं, उनके लिए हमने एक उत्कृष्ट पुनर्वास नीति बनाई है। जल्द ही राज्य नक्सलमुक्त होगा और बस्तर में सड़क, बिजली, पानी सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर संभाग के मुलेर ग्राम का अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस क्षेत्र के आदिवासियों को राशन के लिए 25 किलोमीटर का पैदल सफर करना पड़ता था, जिसमें तीन दिन लगते थे। कल्पना की जा सकती है कि यह इलाका विकास में कितना पीछे था। हमने मुलेर को अलग पंचायत बनाने का निर्णय लिया और वहां राशन दुकान खोली। जब मैं वहां गया, तो लोगों की खुशी उनके चेहरों पर साफ दिखाई दे रही थी। मुख्यमंत्री ने नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों से कहा कि गांवों का विकास किए बिना हम विकसित छत्तीसगढ़ नहीं बना सकते। प्रशिक्षण के इस समय का पूरा लाभ उठाएं। यह सदैव ध्यान रखें कि विकास कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता न हो। नियमित रूप से अपने क्षेत्रों का दौरा करें। प्रवास और निरीक्षण से प्रशासनिक कसावट आती है और विकास कार्यों को गति मिलती है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में बेहतर कार्य करने के लिए स्वयं को पूरी तरह तैयार करें। पंचायती राज से जुड़े कानूनी प्रावधानों की गहन जानकारी रखें। गांव की उन्नति के लिए केवल निर्माण कार्य ही नहीं, बल्कि अन्य संभावनाओं पर भी सतत विचार करें। दुग्ध उत्पादन जैसे कार्यों से गांव की आर्थिक उन्नति सुनिश्चित होती है। गांव में आर्थिक समृद्धि आने से युवाओं को नई दिशा मिलती है और वे व्यसनों से दूर रहते हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान आप ग्राम पंचायत के कार्य स्वरूप पर भी चिंतन करें। पंचायती राज संस्था से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को भलीभांति समझें, ताकि आप जनता के हित में बेहतर कार्य कर सकें। पंचायती राज संस्थाओं से जुड़े सभी स्तर के एक लाख सत्तर हजार लोगों को यहां प्रशिक्षित किया जाएगा। आज आप सभी से इसकी शुरुआत हो रही है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पेसा : पंचायत उपबंध एवं छत्तीसगढ़ पंचायत उपबंध मार्गदर्शिका, पंचमन पत्रिका तथा जनपद पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों हेतु पठन सामग्री का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान के प्रांगण में मौलश्री पौधे का रोपण भी किया। इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारीक सिंह, सचिव भीम सिंह, संचालक प्रियंका ऋषि महोबिया तथा ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान के संचालक पी. सी. मिश्रा उपस्थित थे।

उप मुख्यमंत्री साव बोले – वृक्षारोपण पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और प्रकृति से भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक

पीएम आवास के 50 हजार हितग्राहियों के परिसर में एक लाख से अधिक पौधेरोपित गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में किया गया दर्ज रायपुर, हर आंगन में हरियाली लाने ‘‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’’ वृक्षारोपण महाअभियान के तहत जिले में पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा देने के लिए अभिनव पहल की गई। जिला प्रशासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के 50 हजार हितग्राहियों के निवास परिसरों में 01 लाख से अधिक पौधे रोपे गए। इस अनूठे और भावनात्मक अभियान के माध्यम से ना केवल हरियाली बढ़ाने का प्रयास हुआ, बल्कि मातृत्व के प्रति सम्मान भी व्यक्त किया गया। इस अभिनव पहल को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। इस महाअभियान का जिला स्तरीय भव्य कार्यक्रम मुंगेली विकासखंड के ग्राम लोहड़िया रामपुर स्थित महात्मा गांधी आक्सीजोन परिसर में आयोजित हुआ, जिसमें छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने आम के पौधे का रोपण कर जल और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस दौरान मुंगेली विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री श्रीकांत पाण्डेय, कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल, वनमंडलाधिकारी श्री अभिनव कुमार, जिला पंचायत सीईओ श्री प्रभाकर पाण्डेय ने भी पौध-रोपण किया। कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती शांति देवचरण भास्कर, मुंगेली एसडीएम श्रीमती पार्वती पटेल सहित संबंधित अधिकारी, जनद पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती पुष्पलता पदमिनी मोहले और गणमान्य नागरिक श्री दीनानाथ केशरवानी मौजूद रहे। श्रीमती सोनल शर्मा ने जिला प्रशासन की इस उपलब्धि के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र प्रदान कर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि वृक्षारोपण न केवल पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी है, बल्कि प्रकृति से भावनात्मक जुड़ाव का भी प्रतीक है। जिले में इस वृक्षारोपण अभियान के तहत एक लाख से ज्यादा पौधे का रोपण कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया है, जिससे यह गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गया है, इसके लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों का जीवन स्वस्थ और सुखद हो, इसके लिए पौधे लगाना अति आवश्यक है। वृक्षारोपण का यह क्रम टूटना नहीं चाहिए, पर्यावरण संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने घटते जलस्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए जल संरक्षण के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने और वर्षा जल संरक्षण के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने रामपुर में सी.सी. रोड निर्माण के लिए 20 लाख रुपए की घोषणा की। विधायक श्री मोहले ने वृक्षारोपण अभियान के लिए जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने के लिए जिला प्रशासन की पूरी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य किसी भी क्षेत्र में नया कीर्तिमान रचने का प्रयास किया जा रहा है और इसी कड़ी में पीएम आवास हितग्राहियो के घरों में वृक्षारोपण महाभियान को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में स्थान मिला है, जो जिले के लिए गर्व की बात है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि वृक्ष परोपकार एवं पुण्य का प्रतीक होता है, पर्यावरण सरंक्षण के लिए हम सभी को पौधारोपण करना चाहिए। वनमंडलाधिकारी ने कहा कि दुनिया के समक्ष जलवायु परिवर्तन, बढ़ता तापमान, जल संकट जैसी चुनौतियां हैं, इससे बचने के लिए एक पेड़ लगाना आवश्यक है, जैसे बूंद-बूंद पानी से समुद्र बनता है, वैसे एक-एक पेड़ से ही पर्यावरण संरक्षित होगा और हरीतिमा बढ़ेगी। जिला पंचायत अध्यक्ष ने पर्यावरण को बचाने वृक्षारोपण पर जोर दिया। कार्यक्रम के समापन में पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन में योगदान देने वालों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। जिला पंचायत सीईओ ने कार्यक्रम के सफल कार्यक्रम के लिए आभार व्यक्त किया। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य श्री उमाशंकर साहू, श्री पवन पाण्डेय, अन्य जनप्रतिनिधिगण, स्व सहायता समूह की दीदी और बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

राज्यपाल डेका से रेड क्रॉस जिला शाखा महासमुंद के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य भेंट की

रायपुर, राज्यपाल एवं पदेन अध्यक्ष इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी (राज्य शाखा, रायपुर) रमेन डेका गत दिवस पिथौरा आगमन पर कलेक्टर एवं इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी जिला शाखा महासमुंद के अध्यक्ष विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन में रेड क्रॉस जिला शाखा महासमुंद के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर जिला शाखा के सभापति संदीप दीवान, रेड क्रॉस जिला प्रबंध समिति के सदस्य राजेश्वर खरे, जिला संगठक एवं राज्य प्रतिनिधि डॉ. अशोक गिरि गोस्वामी एवं प्रतिनिधि मंडल  ने राज्यपाल  से मुलाकात कर जिले में रेड क्रॉस द्वारा संचालित विभिन्न मानवीय और सामाजिक सेवा गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। राज्यपाल डेका ने रेड क्रॉस सोसाइटी की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि समाज में मानवीय सहायता एवं आपातकालीन सेवा कार्यों में रेड क्रॉस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने जिले में चल रही गतिविधियों को विस्तार देने और अधिक से अधिक जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किए। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि रेड क्रॉस सोसाइटी का प्रमुख उद्देश्य आपदा प्रबंधन, रक्तदान प्रोत्साहन, प्राथमिक उपचार, स्वास्थ्य जागरूकता, गरीबों एवं जरूरतमंदों की सहायता और मानवीय सेवा के कार्यों को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करना है। जिले में इन कार्यों को सतत रूप से संचालित किया जा रहा है। इस अवसर पर तेजलाल देवांगन, दिनेश कुमार साहू (रेडक्रॉस प्रशिक्षक एवं जू.रे.क्रॉ. सचिव, पिथौरा), शासकीय कन्या शाला, पिथौरा से रेडक्रॉस काउंसलर्स ज्योति पटेल एवं विमला नायक, वालेंटियर्स मोनिका निषाद, प्रिया साहू, मुस्कान यादव, कसिस सिन्हा, तथा शासकीय आर.के. स्कूल, पिथौरा से वालेंटियर्स ओम मिर्धा, दिवाकर निषाद, मुस्कान यादव, सुजल बाग शामिल थे।  

हिमाचल प्रदेश में आज फिर भारी बारिश की चेतावनी, मंडी, कांगड़ा और सिरमौर में रेड अलर्ट जारी

शिमला हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक बार फिर बादल फटने से तबाही मची है। चौहारघाटी सिल्हबुधानी के कोरतंग में देर रात बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है, लेकिन जानमाल को नुकसान नहीं है। बीते सोमवार की रात मंडी में कई जगह बादल फटने से हुई तबाही के जख्मों के बीच हिमाचल में रविवार को फिर से भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने मंडी, कांगड़ा और सिरमौर में भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। सात जिलों ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा, कुल्लू, शिमला और सोलन के लिए ऑरेंज अलर्ट है। जबकि कांगड़ा, चंबा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिले के कुछ क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 7-8 जुलाई को पूरे प्रदेश में ऑरेंज और 9 जुलाई को येलो अलर्ट जारी किया गया है। शनिवार को कांगड़ा समेत प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश हुई। इसी बीच, नादौन और कांगड़ा में दो शव मिले हैं। नादौन में ब्यास नदी के किनारे बटाली क्षेत्र में मिले शव की पहचान मंडी के पंगलियुर (सैंज) निवासी 30 वर्षीय इंद्रदेव के रूप में हुई है। एक और शव की शिनाख्त होने के बाद मंडी जिले में प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या 18 हो गई है। बारिश के चलते चारों फ्लाइटें रद्द शनिवार सुबह बारिश के चलते दिल्ली और चंडीगढ़ से कोई भी फ्लाइट गगल एयरपोर्ट नहीं पहुंची। चारों फ्लाइटें रद्द रहीं। इसमें इंडिगो की एक दिल्ली और एक चंडीगढ़ से फ्लाइट। वहीं, स्पाइस जेट की दो फ्लाइटें दिल्ली से नहीं आई।  प्रदेश में अभी 239 सड़कें बंद उधर, बारिश और भूस्खलन के चलते प्रदेश में अभी 239 सड़कें, 258 ट्रांसफॉर्मर व 289 पेयजल स्कीमें ठप हैं। सर्वाधिक 176 सड़कें मंडी जिले में अवरुद्ध हैं। इनमें सराज में 85 सड़कें बंद हैं। प्रदेश में मानसून सीजन में अब तक 72 लोगों की जान गई है। 566.87 करोड़ का नुकसान आंका जा चुका है। सरकार किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार: सुक्खू मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि मौसम विभाग ने रविवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। राज्य सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि मंडी जिले में आपदा प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद की जा रही है।  शनिवार को शिमला में मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि प्रभावितों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने के आवश्यक दिशा- निर्देश दिए गए हैं। वह स्वयं लगातार जिला प्रशासन से संपर्क में हैं। जहां सड़कें टूटी हैं, वहां खच्चरों पर खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है।   कुछ सड़कें बहाल कर दी गई हैं, जिससे राहत कार्यों में तेजी आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रभावितों को हर महीने 5,000 रुपये मासिक किराया देने का फैसला लिया है।   उन्होंने सराज क्षेत्र के लोगों से आग्रह किया है कि जिनके मकान सुरक्षित हैं, वे अतिरिक्त कमरों को प्रभावित परिवारों को किराये पर देने के लिए आगे आएं। मंडी जिले के आपदा प्रभावित परिवारों को अब तक 1,317 खाद्य सामग्री किट वितरित कर दी गई है।   थुनाग में दूरसंचार सेवाएं बहाल, कई इलाकों में बांटा गया राशन वहीं, आपदा प्रभावित मंडी के सराज, थुनाग समेत अन्य जगह शनिवार को भी सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस-प्रशासन का राहत व बचाव अभियान जारी रहा। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के 250 जवान तैनात किए गए हैं।  प्रभावित क्षेत्रों में दो हेलिकाप्टरों से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। सराज क्षेत्र में अब राहत और बचाव कार्यों में तेजी आई है। सेना के जवान दलदल भरे रास्तों में मोर्चा संभाले हुए हैं। थुनाग में दूरसंचार सेवाएं बहाल हो गई हैं। कुछ जगहों में बिजली सुविधा भी मिलना शुरू हो गई। थुनाग के साथ जंजैहली में राशन भी पहुंचना शुरू हो गया है। गर्भवती को पैदल, पालकी और गाड़ी से पहुंचाया करसोग मंडी जंजैहली मार्ग को थुनाग होकर लंबाथाच तक बहाल कर लिया गया है। राशन किट रैनगलू तक पहुंचाई जा रही हैं। शनिवार को दो गर्भवती महिलाओं को जंजैहली से पैदल व गाड़ी से करसोग पहुंचाया गया है। करीब आठ से दस किमी पालकी में बिठाकर सफर तय किया। मंडी के सराज में बादल फटने से सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है। इस बारे में बात करते हुए दिनेश नाम के एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि बहुत नुकसान हुआ है। हमने बगीचे में एक हजार पौधे लगाए थे, जो भी नष्ट हो गए। इस साल कुछ पौधे 25 साल पुराने थे, और हमने अन्य छोटे पौधे भी लगाए थे, लेकिन वे खत्म हो गए। हमारा परिवार सुरक्षित और स्वस्थ है। सब कुछ ठीक है, और जानवर भी सुरक्षित हैं।

तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा का 90 वा जन्मदिन, प्रधानमंत्री मोदी ने दीं शुभकामनाएं

शिमला तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा आज 90 साल के हो गए हैं। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं। मोदी ने दलाई लामा को ‘प्यार, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन’ का प्रतीक बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना की। पीएम मोदी ने कहा कि 1.4 अरब भारतीयों की तरफ से वो दलाई लामा को शुभकामनाएं देते हैं। दलाई लामा का जन्मदिन भारत में भी बड़े धूमधाम से मनाया गया। रविवार सुबह हिमाचल प्रदेश के शिमला के पास स्थित डोरजिडक मठ में तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं ने उनके लिए विशेष प्रार्थना की। इससे एक दिन पहले धर्मशाला में एक बड़ा कार्यक्रम हुआ, जिसमें बीजेपी नेता विजय जॉली और जेडीयू नेता राजीव रंजन (ललन) सिंह सहित कई प्रमुख भारतीय नेताओं ने हिस्सा लिया। धर्मशाला में ही दलाई लामा का मुख्य निवास भी है। बचपन में ही पहचान ली गई थी दलाई लामा की महानता दलाई लामा का असली नाम तेनजिन ग्यात्सो है। उनका जन्म छह जुलाई 1935 को तिब्बत के ताक्सर गांव में हुआ था। महज दो साल की उम्र में ही उन्हें तिब्बत के 13वें दलाई लामा का पुनर्जन्म माना गया। इसके बाद 1939 में उन्हें ल्हासा लाया गया और 22 फरवरी 1940 को उन्हें तिब्बत के सर्वोच्च नेता के रूप में स्थापित किया गया। छह साल की उम्र में उन्होंने बौद्ध शिक्षा ग्रहण करनी शुरू कर दी थी। क्या होता है दलाई लामा? जानिए आसान भाषा में ‘दलाई लामा’ एक मंगोलियाई शब्द है, जिसका मतलब होता है- ‘ज्ञान का महासागर’। तिब्बती बौद्ध परंपरा के मुताबिक, दलाई लामा करुणा के बोधिसत्व (बुद्ध के समान जागरूक प्राणी) के अवतार होते हैं। मान्यता है कि ये लोग अपने स्वयं के मोक्ष को टाल देते हैं ताकि दूसरों की सेवा कर सकें। दलाई लामा तिब्बत के सबसे बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक नेता होते हैं। चीन के हमले के बाद भारत आए थे दलाई लामा साल 1950 में जब चीन ने तिब्बत पर हमला किया, तब दलाई लामा को राजनीतिक जिम्मेदारी संभालनी पड़ी। मार्च 1959 में जब तिब्बत में राष्ट्रीय विद्रोह को कुचल दिया गया, तब दलाई लामा को 80 हजार से ज्यादा तिब्बती शरणार्थियों के साथ भारत में शरण लेनी पड़ी। तब से लेकर अब तक दलाई लामा भारत में ही हैं और शांति, प्रेम और करुणा के संदेश को पूरी दुनिया में फैला रहे हैं। दशकों से शांति और सहनशीलता का संदेश दे रहे हैं दलाई लामा दलाई लामा को पूरी दुनिया में शांति, सहनशीलता और मानवता का प्रतीक माना जाता है। वो धर्म, जाति और राजनीति से ऊपर उठकर मानवता की बात करते हैं। भारत में रहते हुए भी उन्होंने कभी चीन विरोधी राजनीति नहीं की, बल्कि हमेशा संवाद और शांति का रास्ता अपनाने की अपील की है। उनका मानना है कि दुनिया में सबसे ज्यादा जरूरत प्यार, करुणा और धैर्य की है। यही वजह है कि उनका सम्मान हर धर्म और देश में होता है।

रियो डी जेनेरियो में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे पीएम मोदी

ब्राजील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए ब्राजील पहुंच चुके हैं। ब्राजील पहुंचने पर पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया। पीएम मोदी राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के निमंत्रण पर ब्राजील की यात्रा पर हैं। प्रधानमंत्री रियो डी जेनेरियो में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, उसके बाद राजकीय यात्रा पर जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यह ब्राजील की चौथी यात्रा है। पीएम मोदी शिखर सम्मेलन के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं। ब्राजील की राजकीय यात्रा के लिए प्रधानमंत्री ब्रासीलिया जाएंगे, जहां वे राष्ट्रपति लूला के साथ व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी, कृषि, स्वास्थ्य और लोगों के बीच आपसी संबंधों सहित आपसी हितों के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने पर द्विपक्षीय चर्चा करेंगे। पीएम मोदी की ब्राजील की यात्रा को लेकर प्रवासी भारतीयों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की निदेशक ज्योति किरण ने कहा कि प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर जबरदस्त उत्साह है। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी के चौथी बार ब्राजील आगमन को लेकर भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्य कार्तिक ने कहा कि मैं हैदराबाद से हूं और पिछले 16 वर्षों से ब्राजील में रह रहा हूं। हम प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने के लिए बहुत उत्साहित हैं। रियो डी जेनेरियो में रहने वाले प्रवासी भारतीय समुदाय की सदस्य पूजा ने कहा कि मैं गुजरात से हूं और पिछले तीन वर्षों से ब्राजील में रह रही हूं। मैं उनसे यानी पीएम मोदी से मिलने के लिए बहुत उत्साहित हूं। प्रधानमंत्री मोदी की ब्राजील यात्रा पर शक्ति ग्रुप के चेयरमैन और एमडी श्रेयांस गोयल ने कहा कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से हमें ब्रिक्स देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और जानकारी साझा करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि ब्राजील इथेनॉल का एक प्रमुख खिलाड़ी है। साल 2005 में हमने पहली बार ब्राजील से भारत में इथेनॉल आयात किया था। लेकिन आज हम ऐसे मुकाम पर खड़े हैं, जहां अगले कुछ वर्षों में हम भारत से इथेनॉल निर्यात करेंगे।  

बर्मिंघम में ऐतिहासिक जीत पर भारत की नजर

 बर्मिंघम भारत और इंग्लैंड के बीच बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है। आज मुकाबले का पांचवां और आखिरी दिन है। इंग्लैंड को 608 रन का अंसभव सा लक्ष्य देने के बाद भारत की बर्मिंघम में ऐतिहासिक जीत पर नजर है। टीम इंडिया ने यहां आज तक कोई टेस्ट नहीं जीता है। रविवार को मेजबान इंग्लैंड को जीत के लिए 536 रन जबकि भारत को सात विकेट की जरूरत है। टेस्ट क्रिकेट इतिहास में कभी 418 रनों से ज्यादा का टारगेट चेज नहीं हुआ है। ऐसे में इंग्लैंड टीम मैच ड्रॉ कराने की रणनीति भी आजमा सकती है। हालांकि, भारतीय गेंदबाजों के सामने मुकाबला ड्रॉ करना आसान नहीं होगा। चौथे दिन स्टंप्स तक इंग्लैंड ने दूसरी पारी में 72 रन पर तीन विकेट गंवा दिए थे, जिसमें दो विकेट आकाशदीप और एक विकेट मोहम्मद सिराज ने लिया। जैक क्रॉली का खाता नहीं खुला। बेन डकेट ने 25 और जो रूट ने 6 रन बनाए। इससे पहले, भारत ने कप्तान शुभमन गिल (161) के शानदार शतक के बाद दूसरी पारी 427/6 के स्कोर पर घोषित की। भारत के 587 रन के जवाब में इंग्लैंड की पहली पारी 407 रन पर सिमटी थी। भारत को पहली पारी के आधार पर 180 रनों की बढ़त मिली थी।  

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा- राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सभी वर्गों की बेहतरी के लिए कार्य कर रही है। राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। बगैर सर्वे, बगैर तैयारी, आरक्षण देने की बात करके फैलाए गए भ्रम के कारण यह मामला कोर्ट में लंबित रहा। आरक्षण के संबंध में तथ्यात्मक आंकड़ों के आधार पर विधानसभा में बिल प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार 14 प्रतिशत आरक्षण से शेष बचे लोगों को आरक्षण का लाभ दिलाने की दिशा में प्रभावी कार्यवाही कर रही है। इसी क्रम में सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों के लिए भी 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। ऐसे विद्यार्थी जो न्यायालयीन प्रक्रिया के कारण ज्वाइनिंग नहीं दे पाए, उनको ज्वाइन कराने के भी प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने अधिकारियों- कर्मचारियों की पदोन्नति के लंबित प्रकरणों का निराकरण किया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी की पहल पर जातिगत जनगणना की प्रक्रिया भी आरंभ हो रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समन्वय भवन में मीडिया से चर्चा में यह विचार व्यक्त किए।