News Aazad Bharat

पुजारी को मंदिर की संपत्ति का मालिक नहीं माना जा सकता, केवल पूजा और प्रबंधन का होता है अधिकार: हाईकोर्ट

बिलासपुर  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मंदिर की संपत्ति को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया है कि पुजारी को मंदिर की संपत्ति का मालिक नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने कहा कि पुजारी केवल देवता की पूजा करने और मंदिर का सीमित प्रबंधन करने के लिए नियुक्त एक प्रतिनिधि होता है, न कि स्वामी। बता दें कि यह फैसला जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की एकलपीठ ने उस याचिका पर सुनाया, जो धमतरी जिले के श्री विंध्यवासिनी मां बिलाईमाता मंदिर के पुजारी परिषद अध्यक्ष मुरली मनोहर शर्मा ने दायर की थी। शर्मा ने राजस्व मंडल, बिलासपुर के 3 अक्टूबर 2015 के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें उनकी पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी गई थी। विवाद की शुरुआत तब हुई जब मुरली मनोहर शर्मा ने तहसीलदार के समक्ष आवेदन देकर अपना नाम मंदिर ट्रस्ट के रिकॉर्ड में दर्ज करने की मांग की थी। तहसीलदार ने उनके पक्ष में आदेश जारी किया, लेकिन एसडीओ ने इस आदेश को रद्द कर दिया। इसके खिलाफ शर्मा ने अपर आयुक्त रायपुर के समक्ष अपील की, जो खारिज कर दी गई। इसके बाद उन्होंने राजस्व मंडल में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की, जिसे भी खारिज कर दिया गया। शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर यह दलील दी कि तहसीलदार का आदेश न्यायोचित था और अन्य अधिकारियों ने मामले की सही समीक्षा नहीं की। हाईकोर्ट की टिप्पणी हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि विंध्यवासिनी मंदिर ट्रस्ट समिति 23 जनवरी 1974 से विधिवत पंजीकृत संस्था है और वही मंदिर की संपत्ति का वैधानिक प्रबंधन करती है। कोर्ट ने 21 सितंबर 1989 को सिविल जज, वर्ग-2, धमतरी द्वारा पारित एक पुराने फैसले का हवाला देते हुए कहा कि ट्रस्ट समिति ट्रस्ट की संपत्ति की देखरेख के लिए किसी भी व्यक्ति को प्रबंधक नियुक्त कर सकती है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उस व्यक्ति को संपत्ति का स्वामित्व प्राप्त हो गया। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि पुजारी एक “ग्राही” यानी धारक होता है, जो मंदिर की पूजा संबंधी गतिविधियों के लिए नियुक्त होता है। यदि वह अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करता, तो यह अधिकार वापस भी लिया जा सकता है। इसलिए पुजारी को मंदिर की भूमि या संपत्ति का मालिक नहीं माना जा सकता। यह निर्णय उन मामलों के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है जहां मंदिर की संपत्ति को लेकर पुजारियों और ट्रस्ट के बीच विवाद खड़े होते हैं। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि धार्मिक सेवा का अधिकार और मालिकाना हक अलग-अलग बातें हैं और पुजारी केवल सेवा के लिए नियुक्त व्यक्ति है, स्वामी नहीं।

कोरबा में वाटरफॉल में फंसे 5 युवक-युवतियों का सफल रेस्क्यू, सेल्फी-पॉइंट पर मौजूद थे, अचानक बढ़ा जलस्तर

कोरबा  छत्तीसगढ़ में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश से आफत बढ़ती ही जा रही है। हालांकि इस पानी से गर्मी-उमस से भी राहत मिली है। कोरबा जिले में तेज पानी गिर रहा है। है। कोरबा के पाली में पिछले 24 घंटे के दौरान 260 मिमी बारिश हुई। यानी हर घंटे करीब 11 मिमी की औसत से बारिश हुई। कई जगहों पर भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई। इस बीच, घूमने के लिए देवपहरी पहुंचा 5 दोस्तों का ग्रुप जलस्तर बढ़ने से टापू पर फंस गया। 5 दोस्तों का ग्रुप बारिश का नजारा देखने देवपहरी के गोविंदझुंझा जलप्रताप पहुंचा था। इनमें तीन युवती और दो युवक शामिल हैं।  जलप्रताप में बारिश के दौरान नजारा मनमोहक होने से दोस्तों का ग्रुप आगे टापू की ओर चला गया, जहां फोटो और सेल्फी लेने के बाद लौट रहे थे, तभी ऊपर से पहाड़ी की ओर से बारिश का पानी तेजी से पहुंचा। वे सभी जलस्तर बढ़ने से टापू पर बने गुंबद में पहुंचे। चारों ओर तेज पानी का बहाव होने से वे फंस गए हैं। दूसरी ओर, अमरकंटक से लौटते वक्त पेंड्रा इलाके में सजहा नाले के तेज बहाव में एक कार बह गई। इसमें नर्स प्रीति यादव, उनके पति चंद्रशेखर यादव और दो बच्चे सवार थे। हादसे में चारों की मौत हो गई। घटना किरर टोल प्लाजा के पास हुई, जहां पुल पर तेज पानी होने के बावजूद कार को पार कराने की कोशिश की गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बस के पार होते देख चंद्रशेखर ने भी कार बढ़ा दी, जो तेज बहाव में बह गई। सोमवार को शव बरामद कर लिया गया है। मप्र के मंत्री दिलीप जायसवाल ने परिजन को सांत्वना दी और 25-25 हजार रुपए की सहायता घोषित की। वहीं, रतनपुर से केंवची के रास्ते में मझवानी गांव के पास पुल के ऊपर से पानी बहता हुआ देखने के बावजूद पार करने की कोशिश में कोयला लोड ट्रक बह गया। हालांकि सड़क के दूसरी छोर पर मौजूद लोगाें ने ड्राइवर को बचा लिया। बारिश के कारण धमतरी जिले में सोंढूर नदी उफान पर है। इससे घोरागांव, छोटे गोबरा, दौड़ पंडरीपानी, समेत 15 गांव जिला मुख्यालय से कट गए। वहीं मगरलोड मार्ग पर महानदी पर मेघा एनीकट के पास निर्माणाधीन पुल से लगकर 50 गांव की आवाजाही के लिए वैकल्पिक रास्ता बनाया गया था, जो बह गया। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों तक तेज बारिश होगी। 9 जुलाई के बाद बारिश की गतिविधियों में कमी आने लगेगी। मंगलवार को भी प्रदेश के बिलासपुर, दुर्ग और बस्तर संभाग में कहीं-कहीं पर भारी बारिश की संभावना है। लगातार हो रही बारिश से 15 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। भिलाई में भी रविवार की रात से सोमवार सुबह 10 बजे तक दुर्ग- भिलाई में तेज बारिश होने से ट्विनसिटी के अलावा रिसाली और भिलाई-तीन चरोदा नगर निगम क्षेत्र की बहुत सी निचली बस्तियों में पानी भर गया। अभी तक इतनी हो चुकी है बारिश रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के कई शहरों में पिछले 24 घंटे से हो रही भारी बारिश के कारण छत्तीसगढ़ में अब तक की बारिश सामान्य से ऊपर हो गई है। 7 जुलाई तक पूरे प्रदेश में 306 मिमी पानी गिर चुका है, जबकि औसत 271.9 मिमी है। यानी औसत से 13 फीसदी ज्यादा पानी गिर चुका है। उत्तरी और मध्य छत्तीसगढ़ में पिछले दो-तीन दिनों से हो रही तेज बारिश के कारण 7 जुलाई तक का कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। कोरबा के पाली में पिछले 24 घंटे के दौरान 260 मिमी बारिश हुई। यानी हर घंटे करीब 11 मिमी की औसत से बारिश हुई। कई जगहों पर भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई।  

कवर्धा जिले में सरकारी कार्यालयों में अनुशासन की नई मिसाल कायम हुई, देर से ऑफिस पहुंचने वाले कर्मचारियों को सबक सिखाया

कवर्धा  छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में सरकारी कार्यालयों में अनुशासन की नई मिसाल कायम हुई है। कलेक्टर गोपाल वर्मा ने देर से ऑफिस पहुंचने वाले कर्मचारियों को ऐसा सबक सिखाया कि अब शायद ही कोई समय पर न आए। जिला पंचायत कार्यालय के मुख्य द्वार पर हाजिरी रजिस्टर लेकर खुद बैठ गए कलेक्टर साहब और जो भी लेटलतीफ कर्मचारी दिखा, उससे कान पकड़वाकर उठक-बैठक कराई। इस अनोखे दृश्य का वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। गेट पर कलेक्टर, हाथ में रजिस्टर गुरुवार सुबह कलेक्टर गोपाल वर्मा ने जिला पंचायत कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। सुबह 10 बजे के बाद भी कई कर्मचारी अपनी कुर्सियों पर नदारद थे। बस फिर क्या, कलेक्टर ने कुर्सी जमा ली और कार्यालय के मुख्य द्वार पर डेरा डाल दिया। कलेक्टर ने देरी से दफ्तर पहुंचने वाले कर्मचारियों की क्लास लगा दी। उन्होंने कर्मचारियों को कान पकड़कर माफी मांगने और उठक-बैठक करने को कहा गया। क्यों सख्त हुए कलेक्टर साहब? कवर्धा में सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की समयबद्धता पर सवाल उठते रहे हैं। पंचिंग मशीन के बावजूद कई कर्मचरारी समय पर नहीं पहुंचते, जिससे आम लोगों को परेशानी होती है। कलेक्टर ने कहा, 'जनता के लिए काम समय पर हो, यह सुनिश्चित करना हमारा फर्ज है। अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी।' इस कार्रवाई के बाद कर्मचारियों ने भविष्य में समय पर आने का वचन दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया। कुछ लोग कलेक्टर की तारीफ कर रहे हैं, कह रहे हैं कि ऐसी सख्ती जरूरी थी।

रेल यात्रियों की बढ़ी मुसीबत, रेलवे ने CG से होकर चलने वाली 16 ट्रेनों को किया रदद्, 16 अगस्त से 24 दिन तक नहीं चलेंगी गाड़ियां

रायपुर  छत्तीसगढ़ से होकर गुजरने वाली 16 ट्रेनों को भारतीय रेलवे ने कैंसिल कर दिया है, यह ट्रेनें अगस्त और सितंबर के पूरे महीने में नहीं चलेगी, ऐसे में यहां से गुजरने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. बताया जा रहा है कि यह गाड़ियां अगले आदेश बदले हुए रूट से चलाई जाएगी, जबकि कुछ ट्रेनों की दूरी को शॉर्ट कर दिया गया है. बिलासपुर रेलवे जोन पर चक्रधरपुर मंडल के झारसुगड़ा यार्ड में नॉन इंटरलॉकिंग का काम शुरू होना है, यह काम 16 अगस्त से 10 सितंबर के बीच चलेगा, जिससे यहां ट्रैफिक पूरी तरह से ब्लॉक रहेगा, यही वजह है कि एक साथ इतनी ट्रेनों को कैंसिल किया गया है.  छत्तीसगढ़ के यात्री होंगे परेशान  दरअसल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात और तेलंगाना की तरफ जाने वाली ज्यादातर गाड़ियां प्रभावित हुई है, जिससे यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा, 24 दिनों तक होने वाले नॉन इंटरलॉकिंग काम की वजह से यात्री ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि रेलवे अगले आदेश तक इन ट्रेनों को कैंसिल रखेगा. हालांकि ट्रेनों के संचालन की प्रक्रिया दोबारा से शुरू होने की जानकारी तुरंत ही दी जाएगी.  छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली यह ट्रेनें कैंसिल      एनएससीबी इतवारी-टाटा एक्सप्रेस 5 से 10 सितंबर के बीच कैंसिल रहेगी.      एनएससीबी इतवारी-टाटा एक्सप्रेस 19 से 21 अगस्त और 24 अगस्त से 2 सितंबर के बीच भी नहीं चलेगी.      गाड़ी संख्या 17007 चर्लापल्ली-दरभंगा एक्सप्रेस 26 अगस्त से 9 सितंबर के बीच नहीं चलेगी.      चर्लापल्ली-दरभंगा एक्सप्रेस 29 अगस्त से 12 सितंबर के बीच भी कैंसिल रहेगी.       हैदराबाद-रक्सौल गाड़ी संख्या 17005 भी 31 अगस्त को नहीं चलेगी.      रक्सौल-हैदराबाद गाड़ी संख्या 17006 भी 30 अगस्त को संचालित नहीं होगी.      रक्सौल-चर्लापल्ली एक्सप्रेस भी 1 और 4 सिंतबर को कैंसिल रहेगी.      नांदेड़-संतरागाछी एक्सप्रेस 8 और 10 सितंबर को संचालित नहीं होगी.      मालदाटाउन-सूरत एक्सप्रेस भी 6 और 8 सितंबर को नहीं चलेगी.      संतरागाछी-पुणे एक्सप्रेस भी 6 और 8 सितंबर को संचालित नहीं होगी.  फिलहाल भारतीय रेलवे की तरफ से इन ट्रेनों को लेकर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हुई है, ऐसे में जिन यात्रियों ने पहले से ही इन ट्रेनों में रिजर्वेशन करवा लिया था, उन्हें क्या व्यवस्था मिलेगी, इसकी जानकारी जल्द ही रेलवे की तरफ से दी जाएगी या फिर यात्रियों को पैसा रिफंड किया जाएगा. हालांकि यात्रियों को रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट को विजिट करते रहना चाहिए. क्योंकि किसी भी अपडेट की जानकारी सबसे पहले यही जारी की जाएगी. इन ट्रेनों के कैंसिल होने से छत्तीसगढ़ में भी लंबी दूरी की यात्रा तय करने वाले रेलवे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.  

साय कैबिनेट की बैठक में सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी को लेकर भी अहम फैसला लिया जा सकता

रायपुर छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने 11 जुलाई को अपने अधिनस्त मंत्रियों की बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है ​कि साय कैबिनेट की बैठक​ मंत्रालय में 11 जुलाई शुक्रवार को 11.30 बजे आयोजित की जाएगी। चूंकि छत्तीसगढ़ में मानसून के आगमन के साथ ही किसानी का काम शुरू हो चुका है, ऐसे में ये माना जा रहा है कि किसानों और खाद से जुड़ी समस्याओं को लेकर लेकर साय कैबिनेट में अहम फैसला लिया जा सकता है। दूसरी ओर कयास लगाए जा रहे हैं कि बैठक में सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी को लेकर भी अहम फैसला लिया जा सकता है। मिली जानकारी के अनुसार कयास लगाए जा रहे हैं कि छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी को लेकर साय कैबिनेट की बैठक में अहम फैसला लिया जा सकता है। हालांकि अभी इस संबंध में अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। अगर सरकार इस संबंध में फैसला लेती है तो सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाला महंगाई भत्ता 55 प्रतिशत हो जाएगा। बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों को फिलहाल 53 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ते का भुगतान किया जा रहा है। दरअसल छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को फिलहाल 53 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ते का भुगतान किया जा रहा है, जो केंद्रीय कर्मचारियों से दो प्रतिशत कम है। वहीं, जुलाई में एक बार फिर कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी होनी है। ऐसे में साय कैबिनेट की बैठक को लेकर एक बार फिर सरकारी कर्मचारियों की उम्मीद जग गई है। गौरतलब है कि मार्च में छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की गई थी। 3 मार्च को विधानसभा में साल 2025-26 के वार्षिक बजट में 53 प्रतिशत डीए किए जाने की घोषणा की थी। इस दौरान सातवें वेतनमान में कार्यरत कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। इसके बाद उन्हें 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता, जबकि छठवें वेतनमान के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 7 प्रतिशत की दर से डीए का भुगतान किया जा रहा है।

शादी का वादा कर किया शोषण, यश दयाल पर लगा आरोप, FIR दर्ज

गाजियाबाद गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना क्षेत्र में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के स्टार गेंदबाज यश दयाल के खिलाफ यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाते हुए FIR दर्ज की गई है। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि यश ने शादी का वादा करके उसका शोषण किया। सोशल मीडिया से शुरू हुई दोस्ती, शादी का वादा कर किया शोषण सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 5 साल पहले सोशल मीडिया के जरिए यश दयाल और पीड़िता की मुलाकात हुई थी। शुरुआत दोस्ती से हुई जो बाद में प्रेम संबंध में बदल गई। पीड़िता का कहना है कि यश ने उसे शादी का भरोसा दिलाया था। दोनों ने लंबे समय तक रिलेशनशिप में रहने के बाद यश ने बेंगलुरु समेत कई शहरों में उसे होटल और रिसॉर्ट्स में ले जाकर शारीरिक और मानसिक शोषण किया। FIR दर्ज, 10 साल तक की हो सकती है सजा, जांच जारी बताया जा रहा है कि पहले भी इस मामले में पीड़िता ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन यश दयाल के परिवार ने इसे साजिश करार दिया था। अब गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना में भारतीय दंड संहिता की धारा 69 के तहत गैरजमानती FIR दर्ज की गई है। अगर यश दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें 10 साल तक की सजा हो सकती है। पीड़िता ने पुलिस को यश के साथ हुई इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया चैट के कई सबूत भी दिए हैं, जो उनके आरोपों को मजबूत करते हैं। प्रशासन मामले की गहराई से जांच कर रहा है और जल्द ही कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। इस बीच, यश दयाल की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। 

फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट से 7 मौतें, अब देशभर के कैथ लैब के डॉक्टरों की परखी जाएगी योग्यता,मृतक के परिजनों को 10-10 लाख का मुआवजा

भोपाल  मध्य प्रदेश के दमोह जिले के मिशन अस्पताल में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा की गई दिल की सर्जरी से 7 लोगों की मौत के बाद यह मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर रूप से लिया गया है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने पूरे देश की कैथ लैब्स में कार्यरत डॉक्टरों की योग्यता की जांच के निर्देश दिए हैं। परिजनों को 10-10 लाख रुपए दे MP सरकार : NHRC फर्जी डॉक्टर के इलाज से मारे गए लोगों के मामले का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने राज्य सरकार से मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए की मुआवजा राशि देने को कहा है। आयोग ने इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार तथा केंद्र के लिए कई सिफारिशें की हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की जांच समिति ने मध्य प्रदेश के दमोह में मिशन अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में काम करने वाले एक फर्जी डॉक्टर द्वारा किए गए इलाज से लोगों की मौत के मामले की जांच की। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद आयोग ने राज्य सरकार को प्रत्येक मृतक के परिजनों को दस-दस लाख रुपए की अनुग्रह राशि का भुगतान करने को कहा है। आयोग ने सोमवार को यहां बताया कि उसकी जांच समिति ने मामले की जांच के बाद मध्य प्रदेश सरकार तथा केंद्र के लिए कई सिफारिशें की हैं। दोनों से चार सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी गई है। आयोग ने गत 28 मार्च को एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था। संबंधित राज्य अधिकारियों से रिपोर्ट मांगने के अलावा अपनी ओर से भी जांच की थी। आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव के माध्यम से मध्य प्रदेश सरकार को सिफारिश की है। आयोग ने कहा कि वह इस अस्पताल में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा इलाज के बाद मरने वाले सभी सात मरीजों के परिजनों को राहत के रूप में दस-दस लाख रुपए का भुगतान करे। मानवाधिकार आयोग ने मामले के निपटारे तक मिशन अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की भी सिफारिश की है। साथ ही अधिकारियों को मध्य प्रदेश में कार्यरत सभी कैथ लैब का निरीक्षण करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा राज्य सरकार यह सत्यापित करने के लिए आवश्यक निर्देश भी जारी करेगी कि सभी डॉक्टर कैथ लैब में काम करने के लिए योग्य हैं या नहीं। जांच समिति ने कुछ अन्य सिफारिशें भी की हैं जिनमें बीमा राशि, सर्जरी से संबंधित जानकारी, भूखंड पर अनधिकृत निर्माण और जांच से जुड़े लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ उठाये गये कदमों की जानकारी मांगी गई है। उल्लेखनीय है कि इस अस्पताल में उपचार के बाद कई मरीजों की मौत हो गई थी। क्या है मामला? इसी वर्ष मार्च में यह मामला सामने आया था। आयोग ने 28 मार्च, 2025 को एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था। इसमें संबंधित राज्य अधिकारियों से रिपोर्ट मांगने के अलावा अपनी जांच भी की थी। आयोग को अपनी जांच में सरकार द्वारा की गई कार्रवाई में कई अनियमितताएं मिली थीं। इसी के आधार पर कई अनुशंसाएं की हैं। आयोग ने अपनी अनुशंसाओं पर चार सप्ताह में कार्रवाई कर अनुपालन रिपोर्ट देने के लिए कहा है। जांच में लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO), दमोह के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए भी कहा है। इसमें मामले के अंतिम निपटारे तक मिशन अस्पताल का लाइसेंस रद करना भी सम्मिलित है। दमोह के मिशन अस्पताल में डॉ. नरेंद्र यादव उर्फ एन. जान कैम ने लंदन का कार्डियोलॉजिस्ट बताकर कई मरीजों की हार्ट सर्जरी की। मार्च 2025 में हुए इस खुलासे में सात मरीजों की मौत हुई। मामला सामने आने के बाद NHRC ने संज्ञान लिया और राज्य से रिपोर्ट तलब की। जांच में अनियमितताएं, लापरवाही और प्रशासनिक चूक सामने आई। NHRC ने दिए ये निर्देश देशभर में सभी कैथ लैब्स के डॉक्टरों की योग्यता की जांच सभी राज्य सरकारों को आयुष्मान भारत योजना के दुरुपयोग की जांच करने को कहा सात मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की अनुशंसा डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन पर अलग-अलग FIR दर्ज करने का निर्देश गैर इरादतन हत्या, ठगी, जालसाजी, चिकित्सकीय लापरवाही जैसे मामलों में कानूनी कार्रवाई पुलिस और CMHO द्वारा की गई लापरवाही पर विभागीय कार्रवाई मिशन अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने और संपत्ति की जांच के निर्देश गंभीर सवाल जिनकी होगी जांच     क्या मरीजों को सर्जरी से पहले खतरे और विकल्पों की जानकारी दी गई थी?     क्या अस्पताल ने बीमा कराया था, और क्या परिजनों को उसका लाभ मिला?     भूमि, भवन निर्माण, और अस्पताल संचालन में नियमों का उल्लंघन हुआ या नहीं? व्हिसल ब्लोअर्स की सुरक्षा जो लोग इस आपराधिक कृत्य को सामने लाने में मददगार रहे, उन्हें व्हिसल ब्लोअर सुरक्षा कानून 2014 के तहत संरक्षण देने की भी सिफारिश की गई है।

गायक एमएम कीरवानी के पिता गीतकार शिव शक्ति का 92 वर्ष की उम्र में निधन

हैदराबाद  मनोरंजन जगत से एक बुरी खबर सामने आ रही है। मशहूर संगीतकार एमएम कीरवानी के पिता और गीतकार शिवा शक्ति दत्ता इस दुनिया में नहीं रहे। उन्होंने 92 की उम्र में आखिरी सांस ली। गीतकार होने के साथ-साथ शिवा शक्ति तेलुगु सिनेमा से बतौर पटकथा लेखक, निर्देशक और निर्माता भी जुड़े हुए थे। कीरवानी तब दुनियाभर में चर्चा का विषय बने थे, जब 'RRR' में उनके गाने 'नाटू-नाटू' ने 'बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग' श्रेणी में ऑस्कर जीतकर इतिहास रच दिया था।  एसएस राजामौली से था खास रिश्ता मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिवा ने सोमवार रात हैदराबाद स्थित अपने घर पर आखिरी सांस ली। वह उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। वह 'बाहुबली' और 'RRR' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के निर्देशक एसएस राजामौली के पिता और लेखक विजयेंद्र प्रसाद के बड़े भाई थे। इस दुखद खबर के आने के बाद से इंडस्ट्री से जुड़े लोग और प्रशंसक दिवंगत गीतकार को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। चिंरजीवी समेत कई दिग्गज कलाकारों ने उनके दुख पर शोक व्यक्त किया है।  पवन कल्याण और चिरंजीवी ने जताया शोक अभिनेता और नेता पवन कल्याण ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'शिवा शक्ति दत्ता जी के निधन की खबर से गहरा दुख हुआ। उनके गीतों में संस्कृत और तेलुगू का अद्भुत समावेश देखने को मिलता है। मेरी संवेदनाएं कीरवानी गारू और उनके परिवार के साथ है।' चिरंजीवी ने लिखा, 'शिवा शक्ति दत्ता, एक चित्रकार, संस्कृत भाषा के विद्वान, लेखक, कहानीकार और बहुमुखी प्रतिभा के धनी। उनके जाने की खबर से मैं बेहद हैरान हूं।' कई लोकप्रिय फिल्माें के लिए लिखे गाने शिवा अपने कमाल के गीत लेखन से जाने जाते थे। वह संस्कृत के अच्छे जानकर थे। दक्षिण भारतीय सिनेमा में उन्हें खूब सम्मान मिला और उन्होंने कई सफल फिल्मों के गाने लिखे। पिछले कुछ सालों में उन्होंने कई हिट फिल्मों जैसे 'बाहुबली', 'RRR', 'एनटीआर: कथानायकुडु', 'हनु-मान' और 'साईं' के लिए यादगार गाने लिखे। उनके लिखे गए गानों पर लोगों ने खूब प्यार लुटाया। 'साहोरे बाहुबली' भी शिवा की कलम से ही निकला था। शिवा ने भाई के साथ रखा था फिल्मी दुनिया में कदम शिवा ने अपने छोटे भाई और अनुभवी पटकथा लेखक विजयेंद्र प्रसाद के साथ फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था। उन्होंने साल 1988 में अपना करियर फिल्म जानकी रामुडु से शुरू किया था, जहां उन्होंने लेखक और गीतकार दोनों के रूप में काम किया। उन्होंने 'अर्धांगी' और 'चंद्रहास' जैसी फिल्मों के जरिए निर्देशन में भी हाथ आजमाया, लेकिन ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रहीं। उनके भाई विजयेंद्र प्रसाद 'बाहुबली' समेत कई बड़ी फिल्मों के कहानीकार रह चुके हैं।  

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के पिता का निधन, जोधपुर AIIMS में ली अंतिम सांस

जोधपुर  केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के पिता दाऊलाल वैष्णव का मंगलवार को एम्स जोधपुर में निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और एम्स में उनका इलाज चल रहा था। 81 वर्षीय दाऊलाल वैष्णव राजस्थान के पाली जिले के जीवंद कलां गांव के मूल निवासी थे और पूर्व में सरपंच के पद पर भी कार्य कर चुके हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के पिता का निधन AIIMS जोधपुर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जारी करते हुए जानकारी दी कि, "माननीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव जी के पिताजी दाऊलाल वैष्णव का आज दोपहर 11:52 बजे निधन हो गया। वह पिछले कई दिनों से गंभीर रूप से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे। मेडिकल टीम ने उन्हें बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए, लेकिन सफल नहीं हो सके। हम दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।" दिल्ली से जोधपुर पहुंचे रेल मंत्री पिता दाऊलाल वैष्णव के निधन की सूचना मिलते ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव दिल्ली से जोधपुर रवाना हुए। वह सुबह 10:30 बजे हवाई मार्ग से जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से सीधे अपने घर गए, जहां परिवार के अन्य सदस्य पहले से मौजूद थे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जताया शोक राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया के माध्यम से रेल मंत्री के पिता के निधन पर शोक जताते हुए लिखा, 'माननीय केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के पिताजी श्री दाऊलाल वैष्णव के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।' रेल मंत्री के पिता के निधन की खबर से उनके गांव और राजनीतिक हलकों में शोक की लहर है। परिवार की ओर से अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही हैं।

विराट कोहली की विंबलडन वाली पोस्ट पर फैंस की चुटकी – अब रिटायरमेंट का वक्त आ गया?

नई दिल्ली भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली अब आपको सिर्फ और सिर्फ वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में नजर आएंगे, क्योंकि वे दो फॉर्मेट से रिटायरमेंट ले चुके हैं। इस बीच वे अपने परिवार के साथ लंदन में हैं और काफी समय से वहीं रहते हुए आ रहे हैं। इसी दौरान वे सात जुलाई को नोवाक जोकोविच का मुकाबला देखने के लिए विंबलडन के टेनिस एरेना में नजर आए। हालांकि, कुछ फैंस को ये बात तीर सी चुभ गई, क्योंकि जिस खिलाड़ी का समर्थन करने के लिए वे पहुंचे थे, वह उनसे दो साल बड़ा है और विराट ने दो फॉर्मेट से रिटायरमेंट ले लिया है।   विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ विंबलडन में पहुंचे थे। विराट कोहली ने नोवाक जोकोविच की एक तस्वीर भी इंस्टाग्राम पर शेयर की और इस दिग्गज की सराहना की। नोवाक जोकोविच का भी रिप्लाई इस पोस्ट पर आया। हालांकि, बात इतनी सी नहीं है। कुछ फैंस इस बात से नाराज हैं कि विराट कोहली ने 36 साल की उम्र में रिटायरमेंट (दो फॉर्मेट से) ले लिया है, जबकि 38 साल के नोवाक जोकोविच अभी भी अपना 100 फीसदी दे रहे हैं। ऐसे में फैंस का कहना है कि 36 साल के क्रिकेटर रिटायर होकर 38 साल के खिलाड़ी को सपोर्ट कर रहे हैं। ये दुखद है। हालांकि, फैंस का एक तबका इस जोड़ी की तारीफ कर रहा है। वैसे भी विंबलडन में भारतीय क्या किसी भी क्रिकेटर का जाना अब आम हो गया है। एमएस धोनी से लेकर रोहित शर्मा और खुद विराट कोहली इस टूर्नामेंट को देखते हुए नजर आ चुके हैं। इंग्लैंड के क्रिकेटर तो अक्सर विंबलडन के मैच देखने के लिए पहुंच जाते हैं। नोवाक जोकोविच की बात करें तो वे राउंड 16 का अपना मुकाबला जीतकर क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुके हैं, जहां से सेमीफाइनल और फिर फाइनल का सफर भी वे तय कर सकते हैं।