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समृद्ध और विकसित शहर बनेंगे प्रदेश के समावेशी विकास की आधारशिलाः मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप मध्यप्रदेश के शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित हो रहा है। इससे बढ़ती नगरीय जनसंख्या की आवश्यकताओं की पूर्ति होगी। समृद्ध और विकसित शहर, प्रदेश के समावेशी विकास की आधारशिला बनेंगे। इसे साकार करने के लिए मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। 'नेक्स्ट होराइजन: बिल्डिंग सिटीज ऑफ टुमॉरो' थीम पर केन्द्रित कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश के शहरी विकास और निवेश पर देश की रियल एस्टेट सेक्टर के दिग्गज विकसित मध्यप्रदेश@2047 के लिए शहरी विकास के ब्लूप्रिंट पर चर्चा करेंगे। कॉन्क्लेव का आयोजन 11 जुलाई को इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में किया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में विकास की प्रगति मध्यप्रदेश में शहरी अर्थव्यवस्था तेजी से विकसित हो रही है। प्रदेश में 4 शहर ऐसे हैं जिनकी जनसंख्या 10 लाख से अधिक है। साथ ही केन्द्र की स्मार्ट सिटी परियोजना में 7 शहर शामिल हैं। शहरी क्षेत्रों में अधो-संरचाना विकास के संबंधित 72 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इसी के साथ करीब 88 हजार करोड़ रुपये की शहरी क्षेत्र से जुड़ी विकास योजनाएं प्रस्तावित है। मध्यप्रदेश ने स्वच्छता के लिये देश में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। इंदौर देश में पिछले 7 वर्षों से स्वच्छतम शहरों की श्रेणी में पहले नम्बर पर रहा है। भोपाल को देश की दूसरे नंबर की स्वच्छतम राजधानी बनने का गौरव हासिल किया है। प्रदेश के बजट में शहरी क्षेत्र के विकास के लिए 15 हजार 780 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में शहरी क्षेत्र का योगदान 35.55 प्रतिशत है। शहरी क्षेत्रों में संचालित केन्द्र की फ्लैग शिप योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रदेश सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों शामिल है। नगरीय विकास से जुड़ी योजनाओं की गति तेज बनाए रखने के लिए सिंगल-विंडो सिस्टम की प्रशासनिक व्यवस्था की गई है। हाउसिंग सेक्टर में बेहतर निवेश की संभावना प्रदेश में हाउसिंग सेक्टर में निवेश की अच्छी संभावना है। अफोर्डेबल हाउसिंग में 8 लाख 32 हजार से अधिक किफायती आवास तैयार किये जा चुके है। प्रदेश में 10 लाख नए आवास तैयार किये जा रहे है। इनमें 50 हजार करोड़ रूपये का निवेश होगा। रियल एस्टेट की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये प्रदेश में मानव संसाधन की गुणवत्तापूर्ण वर्क फोर्स उपलब्ध है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 6 हजार किलोमीटर सड़क, 80 प्रतिशत शहरी क्षेत्र में पाईपलाइन वॉटर सप्लाई कवरेज की सुविधा और शत् प्रतिशत शहरी क्षेत्र सीवरेज सिस्टम उपलब्ध है। नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय निकायों में 23 सेवाएं ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराई गई है। नगरीय निकायों में सेन्ट्रलाईज पोर्टल के माध्यम से मंजूरी दी जा रही है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी योजनाओं पर 17 हजार 230 योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ पर्यावरण के लिये 2 हजार 800 करोड़ और वॉटर फ्रंट से संबंधित डेव्हलपमेंट में 2 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में सुगम परिवहन व्यवस्था के विस्तार के लिये 21 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाएं संचालित हैं। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और पेट्रोलियम ईंधन के कार्बन फुट-फ्रंट रोकने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश के बड़े शहरों में 552 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है। प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी-2025 लागू की गई है। 

‘पटक-पटकर मारूंगा’ बयान से फडणवीस ने दी चेतावनी, सीएम महाराष्ट्र ने क्या कहा?

मुंबई महाराष्ट्र में मराठी-हिंदी विवाद बढ़ता जा रहा है। इस बीच देवेंद्र फडणवीस ने निशिकांत दुबे के ‘पटक-पटककर मारूंगा’ का जवाब दिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने दुबे के इस बयान को गलत बताया है। फडणवीस ने कहाकि उन्होंने जो कहा वह ठीक नहीं है। हालांकि उन्होंने सफाई भी दी है और कहाकि गोड्डा के सांसद ने जो कहाकि वह एक संगठन के लिए था, न कि मराठियों के लिए। इससे लोगों के मन में भ्रम पैदा होता है। देवेंद्र फडणवीस से निशिकांत दुबे को लेकर सवाल पूछा गया था। इस पर फडणवीस ने कहाकि उन्होंने जो कहा था कि वह मराठी लोगों ने नहीं, बल्कि किसी संगठन के लिए थ। हालांकि उन्होंने जो कहा वह ठीक नहीं है। मराठी लोगों का का योगदान अतुलनीय है। यहां तक जब विदेशी हमले हुए तब भी मराठियों ने खुद को आजाद रखा। दुबे ने दिया था विवादास्पद बयान गौरतलब है कि भाजपा निशिकांत दुबे ने पिछले दिनों एक विवादास्पद बयान दिया था। इसमें उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के मुखिया राज ठाकरे को चुनौती दी थी। मनसे के कार्यकर्ताओं ने मराठी न बोलने पर एक दुकानदार को थप्पड़ मारे थे। इसके बाद एक रैली में मनसे चीफ ने कहा था कि जो मराठी बोलने से मना करे उसे थप्पड़ मारो, लेकिन उसका वीडियो मत बनाओ। गौरतलब है कि भाजपा निशिकांत दुबे ने पिछले दिनों एक विवादास्पद बयान दिया था। इसमें उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के मुखिया राज ठाकरे को चुनौती दी थी। मनसे के कार्यकर्ताओं ने मराठी न बोलने पर एक दुकानदार को थप्पड़ मारे थे। इसके बाद एक रैली में मनसे चीफ ने कहा था कि जो मराठी बोलने से मना करे उसे थप्पड़ मारो, लेकिन उसका वीडियो मत बनाओ। इसके जवाब में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का बयान आया था। इसमें उन्होंने कहा था कि अगर तुम्हारे पास हिंदीभाषियों को पीटने की हिम्मत है तो उर्दू, तमिल और तेलुगू बोलने वालों को भी पीटो। आगे उन्होंने कहा था कि बिहार, यूपी आओ, तुम्हें पटक-पटककर मारेंगे।  

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही : निशुल्क कोचिंग क्लासेस में प्रवेश के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों से आवेदन 21 जुलाई तक आमंत्रित

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग एवं व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए आर्थिक रूप से कमजोर जिले के मूल निवासी छात्र-छात्राओं के लिए आदिवासी विकास विभाग द्वारा निःशुल्क कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। वर्ष 2025-26 में कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराने इच्छुक अभ्यर्थियों से ऑफलाइन आवेदन 21 जुलाई तक आमंत्रित किया गया है। आवेदन पत्र का प्रारूप जिले की वेबसाइट https://gaurela-pendra-marwahi.cg.gov.in/ से प्राप्त कर सकते हैं। निर्धारित प्रारूप में पूर्ण रूप से भरा हुआ आवेदन पत्र स्वप्रमाणित दस्तावेजों-दसवीं मार्कशीट, बारहवीं मार्कशीट, स्नातक डिग्री, स्थायी जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र एवं मूल निवास प्रमाण पत्र की छायाप्रति के साथ रजिस्टर्ड डाक या स्पीड पोस्ट के माध्यम से कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग जिला गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में 21 जुलाई शाम 5.30 तक प्रस्तुत कर सकते हैं। आवेदन की सामान्य शर्तें एवं अन्य जानकारी जिले की वेबसाइट https://gaurela-pendra-marwahi.cg.gov.in/ में देखी जा सकती है।

जिले में 10648.70 क्विंटल बीज का भंडारण, किसानों को 9681.60 क्विंटल बीज का किया गया वितरण

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित राजनांदगांव जिले में 31070.7 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का भंडारण, किसानों को 26836.9 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का वितरण जिले में 10648.70 क्विंटल बीज का भंडारण, किसानों को 9681.60 क्विंटल बीज का किया गया वितरण रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश एवं कलेक्टर के मार्गदर्शन में किसानों के लिए खाद-बीज की सतत् आपूर्ति की जा रही है। जिले में खेती-किसानी का कार्य से जारी है। किसान सहकारी समितियों में खाद-बीज लेने के लिए प्रतिदिन आ रहे है। जिले में किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज का भंडारण है। कलेक्टर ने किसानों को समय पर खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। सभी समितियों में खाद-बीज की निरंतर आपूर्ति होते रहे इसके लिए सभी अधिकारियों को समन्वय बनाने के निर्देश दिए है।      मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित राजनांदगांव श्री प्रभात मिश्रा ने बताया कि जिले में खरीफ 2025 अंतर्गत 31070.7 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का भंडारण किया गया है, जो कुल भंडारण का 61.86 प्रतिशत है। अब तक किसानों को 26836.9 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का वितरण किया जा चुका है। जिसमें यूरिया 9050.3 मीट्रिक टन, सुपर फास्ट 4466 मीट्रिक टन, डीएपी 2516.5 मीट्रिक टन, एनपीके 8445.3 पोटाश 2358.9 मीट्रिक टन है। किसानों को 4233.8 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का वितरण किया जाना शेष है। जिसमें यूरिया 359.1 मीट्रिक टन, सुपर फास्ट 1650.7 मीट्रिक टन, डीएपी 404.9 मीट्रिक टन, एनपीके 806.6 मीट्रिक टन, पोटाश 1012.5 मीट्रिक टन है। इसी तरह जिले में 10648.70 क्विंटल बीज का भंडारण किया गया है और किसानों को 9681.60 क्विंटल बीज का वितरण किया गया है एवं 967.10 क्विंटल बीज का वितरण शेष है। इसके तहत जिले में 10625.10 क्विंटल धान का भंडारण किया गया है और किसानों को 9668.88 क्विंटल धान का वितरण किया गया है एवं 956.22 क्विंटल धान का वितरण शेष है।

चातुर्मास आध्यात्मिक जागृति और सामाजिक समरसता का पर्व है: राज्यपाल

जयपुर राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने कहा कि चातुर्मास आत्मशुद्धि, संयम और सामाजिक सद्भाव का विशेष काल है, जिसमें साधु-संत एक स्थान पर ठहरकर साधना, ध्यान और तपस्या करते हैं तथा समाज को नैतिक मूल्यों की शिक्षा देते हैं। राज्यपाल श्री बागडे मंगलवार को आध्यात्मिक चातुर्मास महोत्सव समिति भीलवाड़ा के तत्वावधान में सुभाष नगर स्थित जैन स्थानक में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में आमजन को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि जैन धर्म जीवदया, अहिंसा और आत्मशुद्धि का प्रतीक है तथा चातुर्मास के माध्यम से इन मूल्यों को जनमानस तक पहुँचाया जाता है। उन्होंने कहा कि सच्चा साधु वही है जो समाज के कल्याण के लिए कार्य करता है और दूसरों के हित में किया गया कार्य ही सच्ची सिद्धि है। यह परंपरा भगवान महावीर के काल से चली आ रही है, जिसका उद्देश्य समाज में नैतिक जागरूकता और आध्यात्मिक चेतना जागृत करना है। राज्यपाल श्री बागडे ने कहा कि चातुर्मास के दौरान दिए जाने वाले प्रवचन व्यक्ति के अंतर्मन को जागृत करते हैं और समाज में सकारात्मक सोच का संचार करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को मिटाने के अनेक प्रयास इतिहास में हुए, लेकिन इसकी गहराई और मूल्यों के कारण यह संस्कृति आज भी अक्षुण्ण बनी हुई है। राज्यपाल ने नवीन शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि यह नीति बच्चों के बौद्धिक और शारीरिक विकास के साथ-साथ उनके नैतिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों के संवर्धन पर बल देती है। उन्होंने कहा कि नवीन शिक्षा नीति के माध्यम से ऐसे शिक्षाविद तैयार होंगे, जो आधुनिक ज्ञान के साथ भारतीय सांस्कृतिक विरासत को भी आत्मसात करेंगे। राज्यपाल श्री बागड़े ने मंच पर विराजित जैन साध्वियों से आशीर्वाद प्राप्त किया और उनके द्वारा समाज को दिए जा रहे आध्यात्मिक मार्गदर्शन की सराहना की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय महापरिषद की बैठक में दिए निर्देश

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में साइबर और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर केंद्रित पाठ्यक्रम आरंभ किए जाएं: मुख्यमंत्री डॉ. यादव एक वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम आरंभ होंगे: मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय महापरिषद की बैठक में दिए निर्देश भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार साइबर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर केंद्रित पाठ्यक्रम आरंभ किए जाएं साथ ही विश्वविद्यालय, मीडिया के क्षेत्र में एडवांस्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट के रूप में अपनी पहचान बनाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य शासन द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं के संप्रेषण और उनकी प्रभावशीलता के सर्वेक्षण संबंधी गतिविधियां भी विश्वविद्यालय में आरंभ करने की आवश्यकता बताई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में विश्वविद्यालय की महापरिषद की बैठक में यह निर्देश दिए। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, इंदौर सांसद शंकर लालवानी, विश्वविद्यालय के कुलगुरू विजय मनोहर तिवारी, अपर मुख्य सचिव वित्त मनीष रस्तोगी, सचिव एवं आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. सुदाम खाड़े सहित महापरिषद के सदस्यगण उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय के रीवा और खंडवा परिसरों में रोजगार परक पाठ्यक्रम संचालित करने संबंधी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत एक वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम आरंभ करने को स्वीकृति प्रदान की गई। स्वीकृति के बाद एम.ए. (जर्नलिज्म एंड क्रिएटिव एंड राइटिंग), एम.ए. (मास कम्युनिकेशन), एम.ए.( एडवरटाइजिंग एंड पब्लिक रिलेशंस), एम.एससी (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) और एम.एसी.ए. के एक वर्षीय पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय द्वारा संचालित किए जाएंगे। बैठक में विश्वविद्यालय के पी.एचडी. अधिनियम को यू.जी.सी. पीएचडी अधिनियम 2022 के अनुसार अद्यतन कर इस आधार पर पी. एचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया आरंभ करने की स्वीकृति भी प्रदान की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रीवा परिसर के सभागार का नाम लाल बलदेव सिंह सभागार रखने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की। महापरिषद ने वित्त विभाग के 14 अगस्त 2023 के आदेश अनुसार चतुर्थ समयमान उच्चतर वेतन मान को विश्वविद्यालय में लागू करने के प्रस्ताव को स्वीकृत किया। विश्वविद्यालय में फेस डिटेक्शन मशीन के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था पर भी सहमति प्रदान की गई। विश्वविद्यालय के नवीन मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग में अध्ययनरत विद्यार्थियों को प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग विषय का व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के लिए प्रिंटिंग प्रेस व लैब तथा पैकेजिंग लैब की स्थापना का प्रस्ताव भी स्वीकृत हुआ। बैठक में अन्य कार्यालयीन तथा प्रबंधकीय विषयों पर भी निर्णय लिए गए।  

ट्रांजिट हाउस, फ़्लोटिंग प्लेटफ़ॉर्म और अत्याधुनिक केवट प्रशिक्षण संस्थान बनेगा- : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मछुआरों की सुरक्षा और समृद्धि सरकार की प्राथमिकता: मुख्यमंत्री डॉ. यादव मछुआरों की सुरक्षा निगरानी के लिये हाईटेक ड्रोन और जीपीएस प्रणाली: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ट्रांजिट हाउस, फ़्लोटिंग प्लेटफ़ॉर्म और अत्याधुनिक केवट प्रशिक्षण संस्थान बनेगा- : मुख्यमंत्री डॉ. यादव भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मछुआरों की सुरक्षा और समृद्धि सरकार की प्राथमिकता है। उनकी सुरक्षा की दिशा में जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में कंट्रोल कमांड सेंटर और ट्रांजिट हाउस जैसी पहल की जा रही हैं। राज्य के बड़े जलाशयों में मछुआरों की सुरक्षा और मत्स्य बीज संचयन की निगरानी के लिये आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। मध्यप्रदेश मत्स्य महासंघ द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत देश के सबसे बड़े जलाशयों में शामिल इंदिरा सागर में ड्रोन, जीपीएस और सीसीटीवी युक्त आधुनिक कमांड कंट्रोल रूम की स्थापना की जा रही है। आपात स्थिति में इस प्रणाली से मछुआरों को शीघ्र सहायता पहुंचाई जा सकेगी। ये पहल ब्रीडिंग ग्राउंड के चिन्हांकन के साथ मत्स्य आखेट पर निगरानी को और ज़्यादा आसान, सुलभ और प्रभावशाली बनाएगी। कमांड कंट्रोल रूम की मदद से मुख्यालय स्तर से ही 24X7 निगरानी संभव हो सकेगी। ड्रोन के माध्यम से जल क्षेत्र की लाइव मॉनिटरिंग और जीपीएस सिस्टम से नावों की ट्रैकिंग की जा सकेगी और आपात स्थिति में मछुआरों को तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी। मछुआरों के लिए बनेंगे ट्रांजिट हाउस और फ़्लोटिंग प्लेटफ़ॉर्म मत्स्य महासंघ के जलाशयों में कार्यरत मछुआरों को कई बार 15 दिन से लेकर एक महीने तक खुले टापुओं या जलाशय के किनारों पर अपनी नावों में रात्रि विश्राम करना पड़ता है। वर्षा ऋतु में टापुओं का जलस्तर बढ़ जाता है, ऐसे में मछुआरों को जलीय जीव-जंतुओं से जान-माल की हानि की आशंका बनी रहती है। मछुआरों को इससे बचाने के लिए महासंघ ने गांधी सागर और इंदिरा सागर के टापुओं पर 5 ट्रांजिट हाउस और जल के मध्य 2 फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। मछुआरों के लिए इसमें आपातकालीन स्थिति में भोजन निर्माण, सोलर मोबाइल चार्जिंग और बायो टॉयलेट जैसी सुविधाएं मिलेंगी। राज्य सरकार की यह पहल मछुआरों की सुरक्षा और सुविधा को बेहतर बनाएगी, साथ ही जल आधारित संसाधनों के टिकाऊ प्रबंधन और मत्स्य उत्पादन की वृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। आधुनिक तकनीक के समावेश से अब राज्य में मत्स्याखेट और मछलीपालन नए आयाम स्थापित करने की दिशा में अग्रसर हैं। भोपाल में बनेगा आधुनिक केवट प्रशिक्षण संस्थान राज्य में मॉडर्न एक्वाकल्चर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक अहम पहल की जा रही है। केन्द्र सरकार की फिशरीज इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट फंड योजना के तहत भोपाल में 5 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक केवट प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जा रही है। इस संस्थान में केज कल्चर, बायोफ्लॉक, रिसर्कुलेटरी एक्वा कल्चर सिस्टम, मछलियों की हाइजेनिक हैंडलिंग, फिश प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और वैल्यूएडिशन जैसे विषयों पर मछुआ समुदाय को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। मछुआरों को इससे वैश्विक मानकों के अनुरूप मछली पालन तकनीक की जानकारी और व्यावसायिक दक्षता प्राप्त होगी।  

पाकिस्तानी क्रिकेटर मुश्ताक की भारत वापसी की ख्वाहिश, बोले – जन्मस्थान को फिर से देखना है

जूनागढ़ गुजरात के जूनागढ़ का एक बच्चा। 6 साल की उम्र में पाकिस्तान चला गया। वहां बड़ा क्रिकेटर बना। कप्तान भी रहा। ब्रिटेन में रह रहे मुश्ताक मोहम्मद की अपने जन्मस्थान जूनागढ़ को देखने की हसरत अब भी अधूरी है। एजबेस्टन टेस्ट में वह स्टेडियम में अपनी टाई पर भारत का तिरंगा लगाकर पहुंचे थे। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मुश्ताक मोहम्मद भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन टेस्ट के चौथे दिन ऐसी टाई पहनकर आए, जिस पर भारतीय ध्वज बना हुआ था। उस देश का तिरंगा लगा हुआ था जिसे उन्होंने छह साल की उम्र में छोड़ दिया था और उनकी दिली इच्छा एक बार फिर से भारत आने की है।   इस 81 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर का जन्म गुजरात के जूनागढ़ में हुआ था। वह अभी बर्मिंघम में रहते हैं और वहां रहकर खुश हैं लेकिन एक बार फिर से उस स्थान पर जाना चाहते हैं जहां उनका जन्म हुआ था। मुश्ताक जब क्रिकेट खेला करते थे तब दो बार भारत आए थे। वह पहली बार 1961 में टेस्ट श्रृंखला खेलने के लिए और फिर 1978 में अहमदाबाद में दिलीप सरदेसाई लाभार्थ मैच के लिए भारत आए थे। दोनों ही मौकों पर वह जूनागढ़ जाना चाहते थे, जो एक पूर्व रियासत थी, जहां से वह छह साल की उम्र में कराची चले गए थे। हालांकि अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण वह जूनागढ़ नहीं जा सके थे और दशकों बाद भी यह उनकी अधूरी इच्छा बनी हुई है। वह अब बर्मिंघम में बस गए हैं, लेकिन पाकिस्तानी होने के कारण उनके लिए भारतीय वीजा प्राप्त करना जटिल है और कुछ वर्ष पहले यहां भारतीय उच्चायोग के चक्कर लगाते हुुए उन्हें इसका अनुभव हुआ। वह अपने पुराने मित्र बिशन सिंह बेदी की बेटी की शादी में शामिल होना चाहते थे लेकिन उन्हें समय पर वीजा नहीं मिला। मुश्ताक ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं उस जगह जाना पसंद करूंगा जहां मैं पैदा हुआ। जूनागढ़ जाने के सबसे करीब मैं तब गया था जब मैंने अहमदाबाद में दिलीप सरदेसाई के लिए मैच खेला था। मैं जूनागढ़ के लिए ट्रेन ले सकता था, लेकिन कार्यक्रम बहुत व्यस्त था।’’ पंद्रह साल की उम्र में पदार्पण करने के बाद पाकिस्तान के लिए 57 टेस्ट मैच खेलने वाले पूर्व ऑलराउंडर ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से उसके बाद मैं कभी भारत नहीं जा पाया।’’ मुश्ताक ने भाषा के माध्यम से गुजरात से जुड़ाव बनाए रखा है। वह गुजराती भाषा को अच्छी तरह समझते हैं लेकिन वह उसे बोल या पढ़ नहीं सकते। मुश्ताक अपने अच्छे मित्र बिशन सिंह बेदी के बारे में बात करते हुए भावुक हो गए, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे। पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर ने आज तक बेदी को श्रेय दिया है कि उन्होंने उन्हें लेग स्पिनर बनाया, जब कोई और उनकी गेंदबाजी को गंभीरता से नहीं लेता था। मुश्ताक ने टेस्ट मैचों में 79 विकेट लिए और 3543 रन बनाए। उन्होंने कहा, ‘‘बिशन मजाकिया इंसान थे। उन्हें क्रिकेट से प्यार था। हमने नॉर्थम्पटनशर में छह साल तक साथ खेले। हमारे परिवारों में एक-दूसरे के लिए बहुत प्यार था। मैं हाल ही में लंदन में बेदी परिवार से मिला। ज़हीर अब्बास भी वहां थे। मैं उनके साथ बिताए गए दिनों को नहीं भूल सकता। उन्हें खोना बहुत दुखद है, बस यादें रह जाती हैं।’’ मुश्ताक अन्य भारतीय क्रिकेटरों के भी अच्छे मित्र थे, जिनमें सुनील गावस्कर (जिनसे उनकी मुलाकात एजबेस्टन टेस्ट के दौरान हुई थी) और कपिल देव शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘गावस्कर मेरे समय के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज थे। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ कई शतक बनाए और वह भी बिना हेलमेट के। यह अविश्वसनीय था।" मुश्ताक ने इसके साथ ही कहा कि वर्तमान समय में प्रत्येक देश भारत से खेलना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारतीय क्रिकेट शीर्ष पर है। हर कोई स्पष्ट कारणों (वित्तीय) के चलते भारत के साथ खेलना चाहता है। एक बात जो मेरे दिल के करीब है, वह है भारत का पाकिस्तान के साथ उनके देशों में खेलना।’’ मुश्ताक ने कहा, ‘‘यह सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्विता है। वे एक दूसरे के खिलाफ नहीं खेलते और दुख की बात है कि इसका क्रिकेट से कोई लेना-देना नहीं है।" मुश्ताक मौजूदा भारतीय खिलाड़ियों में ऋषभ पंत, शुभमन गिल और विराट कोहली के बड़े प्रशंसक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ऋषभ पंत भारत के शाहिद अफरीदी हैं, बल्कि जब उनके हाथ में बल्ला होता है तो वह अफरीदी से भी बेहतर होते हैं। हम आईपीएल भी बड़े चाव से देखते हैं।‘‘ मुश्ताक ने कहा, ‘‘कोहली अभी और दो साल खेल सकते थे। उन्हें टेस्ट टीम के साथ बने रहना चाहिए था। पता नहीं उन्होंने क्यों संन्यास लिया।’’  

मुंबई की सड़कों पर मराठी को लेकर हंगामा, भीड़ के गुस्से से मंत्री को बचना पड़ा

मुंबई राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना में मराठी विरोध के नाम पर नई जान आ गई है। सालों से कमजोर पड़ा यह संगठन मराठी के नाम पर खुद को मजबूत करने में जुटा है और इसी बहाने उसने मंगलवार को मीरा रोड पर अपनी ताकत दिखाई। मनसे के ऐलान पर उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के कार्य़कर्ता भी सड़कों पर उतरे। इसके अलावा कई और मराठी संगठनों ने भी इसका समर्थन किया। इसके कारण बड़ी संख्या में लोग जुटे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सुबह से ही मीरा भायंदर में पुलिस का सख्त पहरा था और मनसे के कार्य़कर्ताओं को पकड़ कर हिरासत में लिया जा रहा था। इससे गुस्सा और भड़क गया। पुलिस-प्रशासन की ओर से तमाम बंदिशों के बाद भी हजारों लोग मराठी अस्मिता के नाम पर सड़कों पर उतरे। इन लोगों का कहना था कि आखिर जब प्रवासी व्यापारियों को प्रदर्शन करने की अनुमति दी जा सकती है तो फिर हमें मौका क्यों नहीं। यह पूरा मामला उस घटना के बाद से शुरू हुआ, जिसमें मनसे एक नेता अविनाश जाधव और उनके साथियों ने फूड स्टॉल के मालिक को पीट डाला था। इन लोगों ने उन्हें मराठी न बोलने पर मारा था। इस मामले में अविनाश जाधव को सोमवार को शाम को हिरासत में ले लिया गया था। वहीं व्यापारियों ने प्रदर्शन किया था। मनसे के लोगों का कहना था कि पुलिस व्यापारियों के दबाव में है और मराठियों को उनकी ही धरती पर परेशान किया जा रहा है। मनसे ने इसी घटना के विरोध में ठाणे जिले के मीरा भायंदर इलाके में महाराष्ट्र एकीकरण समिति के बैनर तले रैली के आयोजन का ऐलान किया था। बता दें कि इस रैली में हिस्सा लेने के लिए एकनाथ शिंदे सेना के नेता प्रताप सरनाइक भी पहुंचे, लेकिन उन्हें दौड़ा लिया गया और उन पर बोतलें फेंकी गईं। वह यहां के स्थानीय विधायक भी हैं। उन पर हमले से राजनीति और गरमा गई है। रैली को ही रोकने का जब विरोध हुआ तो फडणवीस ने खुद सामने आकर सफाई दी। फडणवीस ने कहा, 'रैली आयोजित करने का कोई विरोध नहीं है। जिस मार्ग के लिए अनुमति मांगी गई थी उसके लिए मंजूरी देना मुश्किल था। पुलिस ने उनसे मार्ग बदलने का अनुरोध किया, लेकिन आयोजक एक खास मार्ग पर रैली आयोजित करने पर अड़े रहे।’ उन्होंने कहा, 'इससे यातायात बाधित हो सकता है या भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। ऐसी स्थिति में पुलिस समझाने और वैकल्पिक मार्ग देने की कोशिश करती है। हम लोकतंत्र में हैं, हर किसी को रैली करने का अधिकार है। अगर वे उचित मार्ग के लिए अनुमति मांगते हैं, तो हम आज और कल भी अनुमति देंगे। एक अन्य संगठन ने पुलिस द्वारा अनुमोदित मार्ग से रैली निकाली, लेकिन ये लोग एक खास मार्ग पर अड़े रहे। देश पर हमलों के दौरान मराठी लोगों ने देश की चिंता की और स्वार्थी नहीं बने रहे। मराठी लोगों की सोच सतही नहीं हो सकती।'  

मंत्री विश्वास सारंग ने कहा- अगर कांग्रेस को प्रदर्शन करना है तो चुपचाप करे, वे यह नाटक नौटंकी क्यों कर रहे हैं?

भोपाल मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को प्रदर्शन करना है तो चुपचाप करे, वे यह नाटक नौटंकी क्यों कर रहे हैं? मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर अशोकनगर के मुंगावली थाने में एक व्यक्ति को गलतबयानी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। इस मामले का जिक्र करते हुए विश्वास सारंग ने कहा, “कांग्रेस चोरी और फिर सीनाजोरी की कहावत को सही साबित कर रही है। एक तरफ उन्होंने अपनी राजनीति को चमकाने के लिए संविधान का माखौल उठाया और दूसरी तरफ उन्होंने एक भोले-भाले व्यक्ति का अपमान किया। उसने खुद कहा है कि उसे बाइक का लालच देकर इस तरह की बयानबाजी कराई गई।” उन्होंने कहा, “जीतू पटवारी ने उस व्यक्ति के मान का हनन किया और अब वे इस मुद्दे को लेकर शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर वे संविधान के पालन की बात करते हैं तो उन्हें चुपचाप जाकर गिरफ्तारी देनी चाहिए। मैं पूछता हूं कि वे यह नौटंकी क्यों कर रहे हैं? उन्हें सार्वजनिक रूप से उस व्यक्ति से माफी मांगनी चाहिए, जिसके मान को ठेस पहुंचाई गई। इससे बड़ा अपमान उसका नहीं हो सकता है।” मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस के सरकार में आने के दावे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “वे कहते हैं कि कुछ दिनों बाद हमारी सरकार आ जाएगी और यही दावा कमलनाथ ने भी किया था, लेकिन वे दहाई में रह गए। मैं इतना ही कहूंगा कि अगर वे (कांग्रेस) इस तरह के दावे करेंगे तो इकाई में पहुंच जाएंगे। जनता इस तरह की दादागिरी और बदमाशी को स्वीकार नहीं करेगी।” इससे पहले, मध्य प्रदेश प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एफआईआर दर्ज होने पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा, “मुद्दा मेरे या हमारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर का नहीं है। मुद्दा एक पीड़ित व्यक्ति का है। उसने 50 जगह शिकायत की, अलग-अलग वीडियो दिए और 300 किलोमीटर पैदल चलकर न्याय मांगने के बावजूद मेरे पास पहुंचा। मैंने विपक्ष के तौर पर अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाया। सरकार को इस व्यक्ति का दर्द समझना चाहिए था और अपराधी, आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी। लेकिन क्योंकि आरोपी एक विधायक का रिश्तेदार, परिवार का सदस्य और सत्ताधारी पार्टी का कार्यकर्ता था, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बजाय, जिसने दर्द सुना, उसके खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की।” मध्य प्रदेश सरकार जेल भेजेगी, तो जाएंगे : जीतू पटवारी कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को अशोकनगर में गिरफ्तारी देने जा रहे हैं और उन्होंने ऐलान किया है कि अगर सरकार उन्हें जेल भेजेगी तो वह जेल जाने को तैयार हैं। पिछले दिनों कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ अशोकनगर के मुंगावली में प्रकरण दर्ज किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक व्यक्ति को बरगला कर और प्रलोभन देकर गलत बयानी कराई। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक विद्वेष करार देते हुए विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। उसी क्रम में मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष सहित कांग्रेस के तमाम नेता गिरफ्तारी देने अशोकनगर जा रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि एक व्यक्ति जिसे मानव मल खिलाया गया था, उसने कई जगह शिकायत की मगर प्रशासन और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मजबूरन वह व्यक्ति मुलाकात करने अशोकनगर से ओरछा पहुंचा और उसने हकीकत बयान की। बाद में प्रशासन ने उस पर दबाव डालकर एक शपथ पत्र ले लिया और प्रकरण दर्ज कर लिया। यह पूरी तरह अवैधानिक है और कांग्रेस लगातार पीड़ितों की लड़ाई लड़ती रही है, लड़ती रहेगी और अब गिरफ्तारी भी हम देने जा रहे हैं। अगर पुलिस प्रशासन जेल भेजता है, तो जेल जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी का कहना है आज सभी कांग्रेस नेता अशोकनगर आम जनता की लड़ाई लड़ने जा रहे है, जनता ने हमे विपक्ष का दायित्व दिया है। उनकी समस्याएं को लेकर हम लगातार लड़ते है, जो वादे जनता से भाजपा ने चुनाव में किए है उन्हें पूरा कराने के लिए सरकार से लगातार मांग करते हैं। हम विपक्ष की सकारात्मक भूमिका निभा रहे है। हमारी आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है, सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होने प्रशासन द्वारा प्रदर्शन को लेकर उठाए गए कदमों पर कहा, “जिस नियम के तहत अनुमति दी है उसी हिसाब से प्रदर्शन करेंगे। अगर हमें जेल में डालना है तो सरकार हमें जेल में डाल दे।” मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर विधानसभा में विधेयक लाने का वादा किया है, जिसका जिक्र करते हुए पटवारी ने कहा कि ओबीसी आरक्षण पर मुख्यमंत्री का बयान बेहद गलत है। सरकार ओबीसी के युवाओं के साथ अन्याय कर रही है। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हम नए नियम बना रहे हैं, जबकि नियम बने हुए हैं। अगर उसमें सुधार करना है तो करो, पर देखने में आ रहा है कि सरकार कोर्ट में वकील खड़े करके ओबीसी आरक्षण लागू नहीं करना चाहती है।