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धौलपुर की ऐतिहासिक और प्राकृतिक विविधताओं से समृद्ध धरती पर विज्ञान और नवाचार की एक नई दिशा जुड़ी

जयपुर धौलपुर की ऐतिहासिक और प्राकृतिक विविधताओं से समृद्ध धरती पर  विज्ञान और नवाचार की एक नई दिशा जुड़ गई है। केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री  डॉ. जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को धौलपुर जिला मुख्यालय पर सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय परिसर स्थित सूचना केंद्र में राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान के सहयोग से स्थापित धौलपुर विज्ञान केंद्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने विज्ञान केंद्र का अवलोकन किया तथा वहाँ उपस्थित विद्यार्थियों से संवाद किया। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत विभिन्न विज्ञान प्रयोगों, मॉडल को न केवल सराहा बल्कि विज्ञान के सिद्धांतों को सरल भाषा में समझने, समझाने और उन्हें दैनिक जीवन से जोड़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि यह केंद्र विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने और प्रयोगात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने में एक मील का पत्थर साबित होगा। इस अवसर पर उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित पार्क में 'एक पेड़ माँ के नाम अभियान' में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी जागरूकता का संदेश दिया। इस कार्यक्रम के बाद टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह नवाचार और विज्ञान का युग है। केन्द्र सरकार द्वारा आकांक्षी जिलों में विज्ञान केंद्रों की स्थापना उसी सोच का विस्तार है। इससे देश के दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों में भी वैज्ञानिक चेतना का विस्तार हो रही है। उन्होंने कहा कि भारत अब वैज्ञानिक नवाचारों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। चंद्रयान-3 मिशन के तहत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचना हो या ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं का स्थानीय अनुभव, नवीनतम तकनीक और पुरातन ज्ञान परम्परा के समन्वय से नवाचार कर समाधान करना हो, भारत ने वैश्विक मंच पर विज्ञान के क्षेत्र में अपनी दृढ़ उपस्थिति दर्ज करवाई है। इस दौरान विद्यार्थियों ने केंद्रीय मंत्री से संवाद करते हुए विज्ञान में रुचि, नवाचार और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की।  विद्यार्थियों ने इसे अपने लिए अत्यंत लाभकारी बताया और कहा कि अब विज्ञान केवल किताबों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वे उसे स्वयं प्रयोग कर सीख सकेंगे और समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेंगे। छात्राओं ने सुझाव दिए कि राज्य के अन्य जिलों में भी इसी प्रकार विज्ञान केंद्रों की स्थापना की जाए। जिला प्रभारी मंत्री श्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा विज्ञान की जानकारी जब बच्चों के पास पहुँचती है तो वह केवल किताबों तक सीमित नहीं रहती, वह उनके जीवन के निर्णयों में झलकने लगती है। यह विज्ञान केंद्र हमारे युवाओं को तकनीकी और डिजिटल युग के साथ तालमेल बिठाने में सहायक सिद्ध होगा। कार्यक्रम में राष्ट्रीय प्रतिरक्षा संस्थान के निदेशक डॉ. देवाशीष मोहंती, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश एच. गोखले तथा राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. विजय शंकर शर्मा ने विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हो रहे नए प्रयोगों और उपलब्धियों की जानकारी दी।  जिला कलक्टर श्री श्रीनिधि बी. टी. ने सभी गणमान्य अतिथियों और वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह विज्ञान केंद्र धौलपुर के लिए केवल एक संरचना नहीं, बल्कि वैज्ञानिक चेतना की उड़ान का रन वे है। अब धौलपुर की पहचान सिर्फ बीहड़ों तक सीमित नहीं रहेगी,  यह जिला प्राकृतिक पर्यटन, वैज्ञानिक सोच और सतत् विकास की नई इबारत लिखेगा। इस अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक श्री सुमित मेहरड़ा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री ए. एन. सोमनाथ, पूर्व विधायकगण सुखराम कोली और गिर्राज सिंह मलिंगा, रानी सिलौटिया, अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री हरिराम मीणा,  श्री राजवीर सिंह राजावत, इंदु जाटव, डॉ. शिवचरण कुशवाह, नीरजा शर्मा सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि,  शिक्षक, विद्यार्थी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

जंग में भारी जनहानि का दावा, ईरान ने बताए 1060 मौतें लेकिन सैन्य नुकसान पर साधी चुप्पी

दुबई ईरान की सरकार ने इजरायल के साथ युद्ध में मरने वाले लोगों की नई संख्या जारी करते हुए बताया कि इसमें कम से कम 1,060 लोग मारे गए हैं। साथ ही, उसने चेतावनी दी है कि यह संख्या बढ़ सकती है। ईरान के ‘फाउंडेशन ऑफ मार्टर एंड वेटरंस अफेयर्स’ के प्रमुख सईद ओहादी ने सोमवार देर रात ईरानी सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित एक साक्षात्कार में मृतकों की संख्या के बारे में जानकारी दी। ओहादी ने चेतावनी दी कि कुछ लोग जिस तरह से गंभीर रूप से घायल हुए हैं, उसे देखते हुए मरने वालों की संख्या 1,100 तक पहुंच सकती है। ईरान ने युद्ध के दौरान इजरायल की 12 दिनों की बमबारी के प्रभावों को कम करके दिखाया, जबकि इन हमलों ने उसकी वायु रक्षा प्रणाली को तबाह कर दिया है। युद्ध विराम लागू होने के बाद से ईरान धीरे-धीरे विनाश की व्यापकता को स्वीकार कर रहा है। हालांकि, ईरान ने अब तक यह नहीं बताया है कि उसकी सेना को कितना नुकसान पहुंचा है। वाशिंगटन स्थित मानवाधिकार कार्यकर्ता समूह ने कहा कि 436 नागरिक और सुरक्षाबलों के 435 सदस्यों समेत 1,190 लोग मारे गए हैं। हमलों में 4,475 लोग घायल भी हुए हैं। 12 दिनों तक चला था संघर्ष बता दें कि पिछले महीने 13 जून को, इजरायल ने ईरान पर बड़ा हमला बोल दिया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष छिड़ गया था। इस दौरान इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों, बैलिस्टिक मिसाइल स्थलों, इसके शीर्ष जनरलों के आवासों और दो दर्जन से अधिक परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया। बाद में अमेरिका भी इस संघर्ष में कूद पड़ा और उसने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर 30,000 पाउंड के बंकर बस्टर बम गिराए। 12 दिनों के संघर्ष के बाद इजरायल और ईरान के बीच सीजफायर हो गया था।  

खाद-बीज के वितरण के लिए पर्याप्त भंडारण रखें, अब तीन माह का राशन 31 जुलाई तक मिलेगा-सीईओ

महासमुंद : जिला पंचायत सीईओ ने ली समय सीमा की बैठक सीईओ ने बारिश को देखते हुए राहत एवं बचाव दल को सतर्क रहने के निर्देश खाद-बीज के वितरण के लिए पर्याप्त भंडारण रखें, अब तीन माह का राशन 31 जुलाई तक मिलेगा-सीईओ महासमुंद कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार आज जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में समय-सीमा बैठक लेकर जिले के विभिन्न विभागों की योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा की। बैठक में अपर कलेक्टर रवि कुमार साहू एवं रविराज ठाकुर एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। सीईओ एस. आलोक ने वर्षा ऋतु के चलते जिले में संभावित बाढ़ एवं जलभराव की स्थिति को लेकर निर्देश दिए कि जिले के निचले क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जाए, जहाँ जलभराव या बाढ़ की संभावना अधिक है। इन क्षेत्रों की सूची तैयार कर राहत एवं बचाव दल तैनात किए जाएं। जिला प्रशासन द्वारा पंचायतों और नगरीय निकायों को निर्देशित किया गया है कि जल निकासी व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त किया जाए तथा नालियों की समय पर सफाई सुनिश्चित हो। वर्षा के कारण कई स्थानों पर गंदे पानी का जमाव होने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। गंदे पानी के सेवन से डायरिया, टाइफाइड, हैजा, पीलिया जैसी बीमारियाँ फैल सकती हैं। मौसम को देखते हुए डायरिया एवं अन्य मौसमी बीमारियों के लिए स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। लोगों से अपील की गई है कि उबालकर या फिल्टर किए हुए पानी का ही सेवन करें। जिला आपदा प्रबंधन समिति को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। आपात की स्थिति में जिला कंट्रोल रूम से दूरभाष क्रमांक 07723-223505 पर संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने बारिश सर्पदंश की संभावित खतरों को देखते हुए सभी उप स्वास्थ्य केन्द्रों में एंटी वेनम वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में रखने के निर्देश दिए। बैठक में सीईओ आलोक ने जिले में मुख्यमंत्री घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए कार्य एजेंसियों को समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के सख्त निर्देश दिए गए। उन्होंने सभी निर्माण एजेंसियों को त्वरित कार्य करने के निर्देश दिए हैं तथा प्रगति की नियमित रूप से जानकारी देने कहा गया। उन्होंने पीएम स्कूलों में मरम्मत एवं निर्माण कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। धरती आबा जनजाति उत्कर्ष अभियान की प्रगति की समीक्षा करते हुए हितग्राहियों द्वारा किए गए पंजीयन का विभिन्न विभागों द्वारा आगामी एक सप्ताह के भीतर निराकरण करने कहा गया है। मोर गांव मोर पानी अभियान अंतर्गत डबरी निर्माण और जनभागीदारी से सोख्ता गड्ढा निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। अभी तक लगभग 04 हजार सोख्ता गड्ढा और 103 इंजेक्शन वेल के माध्यम से जल संचयन का कार्य किया गया है।   सीईओ आलोक ने खाद-बीज वितरण की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले में खाद का पर्याप्त स्टॉक है। वर्तमान में 18520 मीट्रिक टन खाद का भंडारण किया गया है। इसका समय पर वितरण सुनिश्चित किया जाए। निजी दुकानों में नियमित निरीक्षण करने के निर्देश एसडीएम को दिए गए। उन्होंने कहा कि हितग्राहियों को तीन माह का एकमुश्त राशन सुरक्षित तरीके से वितरित किया जाए। खाद्य अधिकारी ने बताया कि राशन वितरण का कार्य अब 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। सड़कों में बैठे मवेशियों के उचित व्यवस्थापन के निर्देश दिए हैं और सीएमओ को एवं ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत सचिवों को मुख्य मार्ग से मवेशियों को हटाने के निर्देश दिए। बैठक में सभी कार्यालय प्रमुखों को ई-ऑफिस के माध्यम से पत्राचार एवं शासकीय कार्यां को संचालन करने के निर्देश दिए इस संबंध में बैठक के दौरान ही हैंड्स ऑन ट्रेनिंग दिए। पीएम जनमन, स्वामित्व योजना, भू-अर्जन, नक्शा अपडेशन, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की भी विस्तार से समीक्षा की गई। राजस्व एवं खनिज विभाग को अवैध रेत उत्खनन, भण्डारण एवं परिवहन पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि लंबित मामलों का शीघ्र और प्रभावी निराकरण सुनिश्चित किया जाए। 

धमतरी : जिले में अब तक 275 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

धमतरी जिले में एक जून से अब तक 275.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। भू-अभिलेख शाखा से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में अब तक सर्वाधिक औसत वर्षा 343 मि.मी. कुकरेल तहसील और सबसे कम 150.1 मि.मी. औसत वर्षा मगरलोड तहसील में दर्ज की गई है। इसी तरह धमतरी तहसील में 342.9 मि.मी., नगरी तहसील में 323.4 मि.मी., बेलरगांव तहसील में 267.5 मि.मी., कुरूद तहसील में 250.4 मि.मी. और भखारा तहसील में 248.2 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई। जिले में आज की औसत वर्षा 41.5 मि.मी. दर्ज की गई है। इसमें धमतरी तहसील में 59 मि.मी., कुरूद तहसील में 58.9 मि.मी., मगरलोड में 26.3 मि.मी., नगरी में 10.6 मि.मी., भखारा में 42 मि.मी., कुकरेल तहसील में 60 मि.मी. और बेलरगांव तहसील में 33.5 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है।

भारत ने UN में अफगानिस्तान को दिया समर्थन, पाकिस्तान को परोक्ष संदेश समझा जा रहा

न्यूयॉर्क भारत ने अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में लाए गए मसौदा प्रस्ताव पर मतदान में भाग नहीं लिया और कहा कि ‘‘सामान्य तौर-तरीकों के साथ काम करने’’ से शायद वे परिणाम नहीं मिल पाएंगे, जिनकी वैश्विक समुदाय अफगान जनता के लिए अपेक्षा करता है। संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा ने सोमवार को जर्मनी द्वारा पेश ‘अफगानिस्तान में स्थिति’ पर प्रस्ताव को पारित किया। प्रस्ताव के पक्ष में 116 वोट पड़े, दो ने विरोध किया और 12 देश मतदान से दूर रहे, जिनमें भारत भी शामिल है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने मतदान में भाग न लेने पर कहा कि किसी भी युद्धोत्तर स्थिति से निपटने के लिए एक समेकित नीति में विभिन्न बातें समाहित होनी चाहिए, जिसमें सकारात्मक व्यवहार को प्रोत्साहित करने और हानिकारक कार्यों को हतोत्साहित करने वाले उपाय शामिल हों। हरीश ने कहा, ‘‘हमारे दृष्टिकोण में केवल दंडात्मक उपायों पर केंद्रित एकतरफा रुख नहीं चल सकता। संयुक्त राष्ट्र और व्यापक अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अन्य युद्धोत्तर परिप्रेक्ष्य में अधिक संतुलित दृष्टिकोण अपनाए हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारत, अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह सुनिश्चित करने के लिए अपने समन्वित प्रयास करने चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा नामित संस्थाएं और व्यक्ति, अलकायदा और उसके सहयोगी संगठन, इस्लामिक स्टेट और उसके सहयोगी संगठन, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद शामिल हैं, तथा उनके क्षेत्रीय प्रायोजक जो उनकी गतिविधियों में सहायता करते हैं, वे अब आतंकवादी गतिविधियों के लिए अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल न कर सकें। उन्होंने यह बात पाकिस्तान के संदर्भ में कही। मसौदा प्रस्ताव में क्षेत्रीय सहयोग का उल्लेख करते हुए अफगान लोगों की भलाई के लिए पड़ोसी और क्षेत्रीय साझेदारों तथा क्षेत्रीय संगठनों के योगदान के महत्व पर प्रकाश डाला गया। इसमें भारत, ईरान और तुर्किये जैसे देशों द्वारा प्रदान किए जाने वाले शैक्षिक अवसरों के साथ-साथ कजाखस्तान, किर्गिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान में अफगान छात्रों की उच्च शिक्षा तक पहुंच में मदद करने के लिए क्षेत्रीय कार्यक्रम भी शामिल हैं। हरीश ने कहा कि अफगानिस्तान में भारत की तात्कालिक प्राथमिकताओं में मानवीय सहायता का प्रावधान और अफगान लोगों के लिए क्षमता निर्माण पहलों का कार्यान्वयन शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘हम स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा और खेल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अफगान लोगों का समर्थन करने के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए भारत की प्रतिबद्धता सभी प्रांतों में 500 से अधिक विकास साझेदारी परियोजनाओं के माध्यम से प्रदर्शित होती है।’’ उन्होंने बताया कि अगस्त 2021 में जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था, तब से भारत ने लगभग 50,000 मीट्रिक टन गेहूं, 330 मीट्रिक टन से अधिक दवाएं और टीके, 40,000 लीटर कीटनाशक मैलाथियान और 58.6 मीट्रिक टन अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की है, जिससे मानवीय सहायता की सख्त जरूरत वाले लाखों अफगानों को मदद मिली है। हरीश ने अफगानिस्तान के लोगों के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों तथा उनकी मानवीय एवं विकासात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रति अपनी स्थायी प्रतिबद्धता दोहराई।  

प्रदेश के सभी कलेक्टरों, संभाग आयुक्तों, संचालकांे, प्रबंध संचालकों एवं पंजीयक सहाकारी संस्थाएं को जारी किया पत्र

रायपुर : कृषि विभाग द्वारा नवीन ‘कृषि उन्नति योजना‘ के क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश जारी योजना का क्रियान्वयन खरीफ 2025 से किया जाएगा राज्य सरकार ने कृषि में पर्याप्त निवेश और कास्त लागत में राहत देने प्रारंभ किये हैं ‘कृषि उन्नति योजना‘  प्रदेश के सभी कलेक्टरों, संभाग आयुक्तों, संचालकांे, प्रबंध संचालकों एवं पंजीयक सहाकारी संस्थाएं को जारी किया पत्र   रायपुर राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों की चिंता करते हुए कृषि उन्नति योजना के बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में मंत्रालय महानदी स्थित कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टरों, संभाग आयुक्तों, संचालकांे, प्रबंध संचालकों एवं पंजीयक सहाकारी संस्थाएं रायपुर को पत्र लिखकर  कृषि उन्नति योजना के  क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश किए गए हैं। नवीन दिशा-निर्देशों के आधार पर योजना का क्रियान्वयन खरीफ 2025 से किया जाएगा।      मंत्रालय द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमी प्रतिकूलता एवं कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती है, फलस्वरुप कृषक फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते।     राज्य सरकार द्वारा कृषि में पर्याप्त निवेश एवं कास्त लागत में राहत देने के लिये कृषक उन्नति योजना प्रारंभ की गई है। साथ ही फसल विविधिकरण को प्रोत्साहन देने, दलहन तिलहन फसलों के क्षेत्र विस्तार तथा इनके उत्पादन में आत्म निर्भरता के लक्ष्य के साथ इस योजना के तहत चिन्हित अन्य फसलों पर भी आदान सहायता राशि दिये जाने का निर्णय लिया गया है।         कृषक उन्नति योजना का लाभ केवल उन्हीं कृषकों को मिलेगा जिन्होंने एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराया हो। जिनके द्वारा खरीफ मौसम में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (लैम्पस सहित) अथवा छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि धान अथवा धान बीज का विक्रय किया गया हो। विगत खरीफ मौसम में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगाये हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो तथा वर्तमान में धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल लेने हेतु पंजीयन कराया हो। जिनके द्वारा खरीफ मौसम में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल (कोदो, कुटकी एवं रागी) एवं कपास फसल हेतु पंजीयन कराया गया हो।      पत्र में कहा गया कि  विधिक व्यक्तियों जैसे ट्रस्ट/मण्डल/प्राईवेट लिमि. समिति/केन्द्र एवं राज्य शासन के संस्थान / महाविद्यालय आदि संस्थाओं को योजना से लाभ लेने की पात्रता नहीं होगी। जो कृषक प्रमाणित धान बीज उत्पादन कार्यक्रम लेते हैं और सामान्य धान भी सहकारी समितियों में विक्रय करते हैं, उनके द्वारा कुल विक्रय की जाने वाली धान की मात्रा, उनके कुल धारित रकबे की सीमा से अधिक नहीं होना चाहिये, इसे छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. (मार्कफेड) एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड द्वारा आपसी समन्वय से सुनिश्चित किया जाएगा। कृषकों को आदान सहायता राशि का भुगतान कृषि भूमि सिलिंग कानून के प्रावधानांे के अध्याधीन किया जाएगा।        पत्र में कहा गया कि कृषकों को भुगतान योजनांतर्गत आदान सहायता राशि कृषकों के बैंक खाते में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डी.बी.टी.) के माध्यम से की जाएगी। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति/छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि निगम लिमि, (बीज निगम) को धान/धान बीज का विक्रय करने वाले कृषकों को आदान सहायता राशि का निर्धारण गिरदावरी में सत्यापित रकबे, उपरोक्त संस्थाओं को विक्रय धान/धान बीज की मात्रा तथा भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष घोषित किए जाने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर प्रतिवर्ष पृथक से किया जाएगा।     खरीफ 2025 में प्रदेश के किसानों से उपार्जित धान की मात्रा पर, धान (कॉमन) पर राशि रू. 731 प्रति क्विं. की दर से अधिकतम राशि रूपये. 15351 प्रति एकड़ तथा धान (ग्रेड-ए) पर राशि रूपये. 711 प्रति क्विं. की दर से अधिकतम राशि रूपये. 14931 प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा।       विगत खरीफ में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगाया हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो, उन्हें, धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल हेतु एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत, मान्य रकबे पर 11000 रूपये प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा। खरीफ में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल (कोदो, कुटकी एवं रागी) एवं कपास लेने वाले कृषकों को एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत मान्य रकबे पर राशि रूपये 10000 प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा।       पंजीकृत कृषकों द्वारा खरीफ मौसम में सहकारी समितियों में विक्रय किये गये धान पर निर्धारित आदान सहायता राशि का कृषकों को वितरण छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या.  द्वारा किया जाएगा तथा आदान सहायता राशि के व्यय से संबंधित विस्तृत लेखा-जोखा के संधारण का दायित्व भी प्रबंध संचालक छ.ग. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. का होगा।       बीज उत्पादक कृषकों द्वारा छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि निगम लिमिटेड को विक्रय किये गये धान बीज पर निर्धारित आदान सहायता राशि की कृषकवार मांग का विवरण बीज निगम द्वारा संचालक कृषि को प्रेषित किया जाएगा। संचालक कृषि द्वारा मांग अनुसार राशि छत्तीसगढ़ निगम लिमिटेड को उपलब्ध कराई जाएगी। बीज उत्पादक कृषकों से उपार्जित धान बीज पर प्रदायित आदान सहायता राशि के विस्तृत लेखा-जोखा के संधारण का दायित्व प्रबंध संचालक, छत्तीसगढ राज्य बीज एवं कृषि निगम लिमि. होगा      फसलों हेतु गिरदावरी/सत्यापन के आधार पर पात्रतानुसार आदान सहायता राशि का वितरण संचालक कृषि के द्वारा किया जाएगा तथा आदान सहायता राशि के व्यय से संबंधित विस्तृत लेखा-जोखा के संधारण का दायित्व संचालक कृषि का होगा। प्रबंध संचालक छत्तीसगढ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. तथा प्रबंध संचालक, छत्तीसगढ राज्य बीज एवं कृषि निगम लिमि. यह सुनिश्चित करेंगे कि व्यय राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र राशि प्राप्त होने के एक माह के भीतर संचालक कृषि को प्रेषित किया जाए। कृषकों को पात्रता अनुसार आदान सहायता राशि का एकमुश्त भुगतान सुनिश्चित करने की जवाबदारी खाद्य विभाग एवं संचालक कृषि की होगी, उनके द्वारा नियमित रुप से योजना … Read more

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा वर्ष 2003 में प्रदेश में केवल 5 शासकीय मेडिकल कॉलेज थे, आज यह संख्या बढ़कर 17 हो गई

मध्यप्रदेश देश के सबसे तेज़ गति से विकास करने वाले राज्यों में अग्रणी: उप मुख्यमंत्री शुक्ल उप मुख्यमंत्री शुक्ल एमपी तक ‘बैठक’ कार्यक्रम में हुए शामिल उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा वर्ष 2003 में प्रदेश में केवल 5 शासकीय मेडिकल कॉलेज थे, आज यह संख्या बढ़कर 17 हो गई  भोपाल  उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य अधोसंरचना के विस्तार को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में प्रदेश में केवल 5 शासकीय मेडिकल कॉलेज थे। आज यह संख्या बढ़कर 17 हो गई है। इस वर्ष दो और मेडिकल कॉलेज शुरू हो रहे हैं और आगामी वर्ष में छह नए कॉलेजों की शुरुआत प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निजी स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में निवेश को भी प्रोत्साहित कर रही है, जिससे चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं दोनों स्तरों पर सशक्त हो सकें। सरकार का लक्ष्य है कि हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण उपचार सुलभ हो और इसके लिए हर संभव संसाधन पर कार्य किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल भोपाल के एक निजी होटल में एमपी तक के विशेष कार्यक्रम "बैठक" में शामिल हुए। उन्होंने प्रदेश के विकास, स्वास्थ्य व्यवस्था के सशक्तीकरण, विंध्य क्षेत्र के विकास और अन्य समसामयिक विषयों पर विस्तार से संवाद किया। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश देश के सबसे तेज़ गति से विकास करने वाले राज्यों में शुमार है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट, रीजनल कॉन्क्लेव से प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों की संभावनाओं और निवेश के अवसरों को रेखांकित किया जा रहा है। इससे स्वास्थ्य, उद्योग, पर्यटन, शिक्षा, और अधोसंरचना जैसे क्षेत्रों में पूरे प्रदेश में व्यापक और समग्र विकास हो रहा है। टेलीमेडिसिन से गांवों तक पहुँच रही विशेषज्ञ सेवा उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों में टेलीमेडिसिन के माध्यम से विशेषज्ञों की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को फर्स्ट रेफरल यूनिट के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को जिला अस्पताल तक बार-बार न जाना पड़े और उन्हें वहीं इलाज मिल जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक तीनों स्तरों की स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत तकनीकों और आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित करने की दिशा में तेज़ी से कार्य किया है। अंगदान-देहदान को किया जा रहा है प्रोत्साहित उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एयर एम्बुलेंस सेवा का संचालन किया गया है। यह मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की संवेदनशील पहल है। इसके अलावा उन्होंने अंगदान और देहदान की समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अंगदाताओं और देहदाताओं को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ देकर श्रद्धांजलि दी जाएगी और परिजन को स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर सम्मानित भी किया जाएगा। यह एक मानवीय पहल है जो समाज में सेवा की भावना को बढ़ाएगी। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि विंध्य क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हो रहा है। विंध्य क्षेत्र में प्राकृतिक क्षमता और अपार संभावनाएं रही हैं। राजनीतिक इच्छाशक्ति से संसाधनों को सुदृढ़ करने और समुचित उपयोग से क्षेत्र का तेज गति से विकास हुआ है। विंध्य क्षेत्र में चिकित्सा, शिक्षा, पर्यटन, उद्योग और अधोसंरचना सभी क्षेत्रों में सशक्त प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में विंध्य क्षेत्र भारत के विकसित क्षेत्रों में अग्रणी हो, इसके लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं।  

मंत्री पटेल ने जल गंगा संवर्धन अभियान में श्रेष्ठ कार्य करने के लिये विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की सराहना की

भोपाल  राज्य रोजगार गारंटी परिषद में काम करने वाले संविदा कर्मियों में से किसी की भी आकस्मिक मौत होती है या कोई दुर्घटना में घायल हुए तो उनके परिजनों को सरकार आर्थिक मदद देगी। मनरेगा में कामों की स्थिति का सटीक आंकलन करने, पारदर्शिता लाने और कामों में तेजी लाने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जाएगा। इन विषयों पर मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने राज्य रोजगार गारंटी परिषद की कार्यकारिणी समिति की बैठक में सहमति दे दी है। अधिकारी-कर्मचारियों की करी सराहना मनरेगा के अमले के लिए बीमा लाभ, वित्तीय एवं प्रशासकीय अधिकारों का प्रत्यायोजन, जीआरएस के रिक्त पदों की पूर्ति, संविदा अधिकारी-कर्मचारी और जीआरएस की विदेश यात्रा संबंधित प्रकरणों आदि विषयों की समीक्षा की। इतना ही नहीं मंत्री श्री पटेल ने जल गंगा संवर्धन अभियान में श्रेष्ठ कार्य करने के लिये विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की सराहना की।  न्होंने कहा कि जल स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन कार्य हमें सतत् जारी रखना है। भविष्य में पौधरोपण एवं उनके संरक्षण के लिये कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाये। 15 अगस्त से लागू होगी योजना मंत्री श्री पटेल ने कहा कि वैज्ञानिक तकनीकों से पौधरोपण एवं संरक्षण के लिये 'मां की बगिया' योजना 15 अगस्त से लागू की जा रही है। यह योजना ग्रामीण महिलाओं के स्वावलंबन में महत्वपूर्ण कारक बनेगी। 15 जुलाई से 15 अगस्त तक चिन्हित शासकीय भूमि पर एवं 15 अगस्त से 15 सितंबर पर निजी भूमि पर सघन पौधरोपण किया जायेगा। उन्होंने 'जल गंगा संवर्धन' अभियान में सिपरी सॉफ्टवेयर जैसी तकनीकों का उपयोग करने की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हमारे यह प्रयास निश्चित ही आने वाली पीढ़ियों की जल आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होंगे।

चेल्सी के खिलाफ सेमीफाइनल से पहले बोले मैनेजर रेनाटो गौचो, इतिहास रचने उतरी है फ्लुमिनेंस

न्यूयॉर्क फीफा क्लब वर्ल्ड कप सेमीफाइनल मुकाबले से पहले फ्लुमिनेंस के मैनेजर रेनाटो गौचो ने कहा है कि उनकी टीम अमेरिका में इतिहास रचने के मकसद से आई है। मंगलवार को चेल्सी के खिलाफ होने वाले सेमीफाइनल मुकाबले से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेनाटो ने माना कि उनकी टीम यूरोपीय क्लबों के मुकाबले वित्तीय रूप से कमजोर है, लेकिन आत्मविश्वास, अनुशासन और समर्पण ने उन्हें यहां तक पहुंचाया है। रेनाटो ने कहा, “फ्लुमिनेंस को अक्सर ‘अग्ली डक्लिंग’ कहा जाता है, लेकिन इसके बावजूद हमने यह दिखाया है कि हम फाइनल तक पहुंच सकते हैं और क्लब वर्ल्ड कप जीत भी सकते हैं।” उन्होंने बताया कि फ्लुमिनेंस जैसे रियो डी जनेरियो स्थित क्लब के पास चेल्सी, रियल मैड्रिड या पेरिस सेंट-जर्मेन जैसे क्लबों की तुलना में महज़ 10% से भी कम वित्तीय क्षमता है। उन्होंने कहा, “बड़े क्लबों के पास दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों को साइन करने की पूरी क्षमता होती है। लेकिन हमने यहां तक मेहनत, विनम्रता और आत्म-विश्वास से पहुंचा है।”  फ्लुमिनेंस ने ग्रुप एफ में दूसरा स्थान हासिल किया था और फिर नॉकआउट चरण में इंटर मिलान व अल हिलाल को हराकर अंतिम चार में जगह बनाई। दूसरी ओर, चेल्सी ने ग्रुप डी में दूसरे स्थान पर रहते हुए बेनफिका और पाल्मेइरस को पछाड़ा है। रेनाटो ने चेल्सी के तेज़ और तकनीकी रूप से सक्षम फॉरवर्ड्स की तारीफ करते हुए कहा, “उनके पास दो तेज़ विंगर हैं जो एक-के-बनाम-एक मुकाबलों में बहुत प्रभावी हैं और जोआओ पेड्रो एक शानदार स्ट्राइकर है। मिडफील्ड में भी सोच समझकर खेलने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी टीम अपना आक्रामक खेल जारी रखेगी। उन्होंने कहा “हम हमेशा प्रतिद्वंद्वी की ताकत को सीमित करने की कोशिश करते हैं, लेकिन जब गेंद हमारे पास होती है तो हम खुलकर खेलते हैं, और यही हमारी सफलता का मंत्र है।” हालांकि रेनाटो ने अपने शुरुआती प्लेइंग इलेवन या फॉर्मेशन का खुलासा नहीं किया, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि इस टूर्नामेंट में उनकी रणनीतिक लचीलापन उनकी सफलता का बड़ा कारण रहा है। उन्होंने कहा, “मैंने टूर्नामेंट में दो बार फॉर्मेशन बदला और हर बार हमें अच्छे नतीजे मिले।” न्यू जर्सी स्थित मेटलाइफ स्टेडियम में होने वाले इस मैच का विजेता फाइनल में पेरिस सेंट-जर्मेन या रियल मैड्रिड से भिड़ेगा। रेनाटो ने साफ कहा कि उनकी टीम केवल सेमीफाइनल तक पहुंचकर संतुष्ट नहीं होगी। उन्होंने कहा, “क्या हमने अब तक इतिहास रचा है? हां। क्या हम खुश हैं? बिल्कुल। लेकिन हमारा लक्ष्य इससे आगे का है – हम फाइनल में पहुंचना चाहते हैं।”  

जिले में संचालित छात्रावास भवनों का नियमित निरीक्षण करने के कलेक्टर के निर्देश

धमतरी : टीएल मीटिंग : बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राशन और दवाईयां की उपलब्धता करें सुनिश्चित जर्जर भवनों में स्कूल संचालित नहीं करें-कलेक्टर मिश्रा जिले में संचालित छात्रावास भवनों का नियमित निरीक्षण करने के कलेक्टर के निर्देश धमतरी  कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने आज टीएल मीटिंग में लंबित प्रकरणों की समीक्षा की और इनका जल्द से जल्द निराकरण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने बरसात के मौसम को ध्यान में रख जलभराव वाले क्षेत्रों का लगातार निरीक्षण करने और पानी निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। कलेक्टर मिश्रा ने ऐसे क्षेत्र जो बारिश के दिनों मे जिला मुख्यालय से कट जाते हैं वहां आवश्यक व्यवस्था राशन, दवाईयां आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने कहा। इसके साथ ही बाढ़ और उफनते हुए नालों इत्यादि के पास रेस्क्यू टीम को मुस्तैद से काम करने और पर्यटन क्षेत्रों में नगरसैनिकों की ड्यूटी लगाने के निर्देश कलेक्टर ने बैठक में दिए। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्रीमती रोमा श्रीवास्तव, अपर कलेक्टर श्रीमती रीता यादव सहित जिला स्तरीय अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। कलेक्टर मिश्रा ने जिले के डायरिया वाले क्षेत्रों की जानकारी ली और मौसमी बीमारियों की जांच करने कहा। उन्होंने इन क्षेत्रों में जलस्त्रोतों और पीने के पानी की जांच करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने अस्पताल के जर्जर भवनों की जानकारी ली और नये भवनों के लिए प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने सिकलसेल स्क्रीनिंग करने और टीबी के मरीजों के लिए ज्यादा से ज्यादा निक्षय मित्र बनाने भी कहा। इसके अलावा जिले में असुरक्षित ढंग से बिक रहे खाद्य पदार्थों की जांच भी करने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर मिश्रा ने विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रख जर्जर भवनों में स्कूल संचालित नहीं करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों के भवन जर्जर हो चुके हैं, उनकी मरम्मत होने तक स्कूल अन्यत्र भवन में संचालित किया जाए। बैठक में कलेक्टर ने जिले में संचालित आंगनबाड़ियों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश सुपरवाईजरों को दिए। उन्होंने तालाबों के नजदीक संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र का विशेष ध्यान रखने कहा, ताकि किसी तरह की घटना घटित न हो। उन्होंने पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती बच्चों की जानकारी ली। कलेक्टर मिश्रा ने कुपोषित और मध्यम कुपोषित बच्चों की एंट्री सही-सही करने के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग को दिए। उन्होंने ंजिले मे कुपोषण दर कमी लाने के निर्देश अधिकारियां को दिएं।            बैठक में कलेक्टर मिश्रा ने खाद-बीज के भण्डारण और उठाव की जानकारी भी ली। कलेक्टर ने पशुपालन विभाग द्वारा की जा रही गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने दुग्ध संग्रहण का कार्य कण्डेल में शुरू करने कहा। इसके साथ ही अन्य क्षेत्र जहां दूध ज्यादा एकत्रित होते हों, उन स्थानों पर दुग्ध संग्रहण केन्द्र खोलने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने नगरीय निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे आवासों की जानकारी ली। उन्होंने प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत  नगरीय क्षेत्र में किसी एक कालोनी में शत-प्रतिशत सौर प्लांट लगाने कहा। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित कर इस योजना का लाभ दिलाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। कलेक्टर मिश्रा ने जल संरक्षण के लिए चेकडेम बनाने के निर्देश जल संसाधन विभाग को दिए। उन्होंने महानदी के किनारे वृक्षारोपण के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश उद्यानिकी विभाग को दिए।             कलेक्टर ने जिले में संचालित छात्रावासों की जानकारी ली और जिला स्तरीय अधिकारियों को नियमित रूप से छात्रावासों का निरीक्षण कर पालन-प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कन्या छात्रावासों में पुरूष का प्रवेश न हो इसका ध्यान रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि छात्रावासों में रहने वाले बच्चों का स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जाए, जिससे आवश्यकता पड़ने पर तत्काल अस्पताल भेजा जा सके। उन्होंने निरीक्षण के दौरान छात्रावास भवनों में शौचालय, पानी, दरवाजे, खिड़की आदि का निरीक्षण करने कहा। इसके साथ ही किचन, बेड आदि की साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए।