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किरायदारों, पेइंगगेस्ट, होटलों में रूकने वालों की जानकारी पुलिस को देना आवश्यक

पुलिस आयुक्त भोपाल ने धारा 163 के तहत जारी किए प्रतिबंधात्मक आदेश भोपाल पुलिस आयुक्त भोपाल श्री हरिनारायणचारी मिश्र ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए नगरीय क्षेत्र भोपाल शहर में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। आदेश अनुसार भोपाल शहर स्थित आवासों में किराये से एवं पेइंगगेस्ट के रूप में रहने वाले व्यक्तियों, होटलों में रहने वाले और आवासरत लोगों के घरों में काम करने वाले नौकर, छात्रावास में रह रहे छात्र-छात्राओं एवं अन्य निवास की जगहों पर रहने वाले व्यक्तियों की जानकारी पुलिस प्रशासन को देना आवश्यक होगा। भोपाल शहर में आने-जाने वाले मुसाफिरों, जो शहर के विभिन्न होटल, लॉज, धर्मशाला, रिजोर्ट, रेस्टहाउस जैसे प्रतिष्ठानों में ठहरते हैं, उनकी जानकारी निर्धारित प्रोफार्मा अनुसार संधारित किया जाना आवश्यक होगा। यह आदेश जारी दिनांक से आगामी दो माह तक प्रभावशील रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। आदेश अनुसार कोई भी मकान मालिक जो अपना मकान या उसका कोई भाग किराये पर देते है, तो वह ऐसा करने के एक सप्ताह के भीतर किरायेदार अथवा पेइंगगेस्ट का विवरण निर्धारित प्रारूप में भरकर संबंधित थाने या मध्यप्रदेश पुलिस पोर्टल पर आवश्यक रूप से देंगे। पूर्व से रह रहे किरायेदार या नौकर का विवरण भी निर्धारित प्रारूप में भरकर यह आदेश जारी होने की दिनांक से 15 दिवस के भीतर संबंधित थाने पर या मध्यप्रदेश पुलिस सिटिज़न पोर्टल पर आवश्यक रूप से देंगे। किसी भी व्यक्ति का घरेलू नौकर या उनका सहायक का विवरण निर्धारित प्रारूप में आवश्यक रूप से संबंधित थाने या मध्यप्रदेश पुलिस सिटिज़न पोर्टल पर देंगे। होटल/लॉज/धर्मशाला/रिसोर्ट के प्रबंधक/मालिक उनके यहाँ ठहरने वाले व्यक्तियों का व्यक्तिगत विवरण पूर्ण रूप से रजिस्ट्रर में दर्ज करेंगें एवं इसकी जानकारी निर्धारित प्रारूप में आवश्यक रूप से संबंधित थाने में स्थानीय स्तर पर निर्धारित प्रक्रिया अनुसार देंगे। छात्रावास संचालक छात्रावास में रह रहे छात्र/छात्राओं का विवरण निर्धारित प्रारूप में आवश्यक रूप से संबंधित थाने को देंगे। ठेकेदार/भवन निर्माणकर्ता निर्माण कार्य में लगे मजदूर कारीगरों का विवरण निर्धारित प्रारूप में आवश्यक रूप से संबंधित थाने में देंगे। किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी भवन, सार्वजनिक स्थान एवं निजी स्थान पर किसी भी प्रकार के आपत्तिजनक हथियार, अस्त्र शस्त्र, विस्फोटक सामग्री एवं ऐसी किसी भी वस्तु, जिससे जन सामान्य को खतरा महसूस हो का संधारण प्रतिबंधित होगा। यदि किसी समुदाय, संगठन, राजनैतिक दलों, समिति, प्रतिनिधि मंडल एवं आयोजकों द्वारा किसी सार्वजनिक स्थल, शासकीय परिसर, शासकीय कार्यालय / भवन अथवा किसी भी सरकारी संपत्ति को अपने कार्यक्रम में किसी भी प्रकार से क्षति पहुँचाई जाती है, तो इस प्रकार के कृत्यों के लिए कार्यक्रम के आयोजकों की जिम्मेदारी होगी तथा उनके विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की जा सकेगी।  

आलिया भट्ट की पूर्व सेक्रेटरी वेदिका शेट्टी 77 लाख की धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार

मुंबई, एक्ट्रेस आलिया भट्ट की पूर्व निजी सहायक (सेक्रेटरी) वेदिका प्रकाश शेट्टी को मुंबई की जुहू पुलिस ने 77 लाख रुपए की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह मामला आलिया भट्ट के निजी अकाउंट्स और उनकी प्रोडक्शन कंपनी ‘एटर्नल सनशाइन प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड’ से जुड़ा है। वेदिका पर फर्जी हस्ताक्षर कर पैसे हड़पने का आरोप है। मामले में आलिया की मां और प्रोडक्शन हाउस की निदेशक सोनी राजदान ने 23 जनवरी को जुहू पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के मुताबिक, वेदिका ने मई 2022 से अगस्त 2024 के बीच फर्जी बिल बनाकर और आलिया के हस्ताक्षर का दुरुपयोग कर 77 लाख रुपए की हेराफेरी की। वेदिका ने इन बिलों को प्रोफेशनल तरीके से डिजाइन किया, जिसमें यात्रा, मीटिंग्स और अन्य आयोजनों के नाम पर फर्जी खर्चे दिखाए गए। शिकायत दर्ज होने के बाद वेदिका फरार हो गई थीं और लगातार अपनी लोकेशन बदलती रहीं। वह राजस्थान, कर्नाटक, पुणे और अंत में बेंगलुरु पहुंचीं। जुहू पुलिस ने मामला दर्ज होने के लगभग 5 महीने बाद वेदिका को बेंगलुरु से गिरफ्तार कर मंगलवार को कोर्ट में पेश किया। बेंगलुरु में उन्हें हिरासत में लिया और पांच दिन के ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई लाया गया। मंगलवार को बेंगलुरु कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें 10 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया। जुहू पुलिस ने वेदिका के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 316 (4) (आपराधिक विश्वासघात) और 318 (4) (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस जांच में पता चला कि वेदिका ने 2021 से 2024 तक आलिया की निजी सहायक के तौर पर काम किया और इस दौरान उन्हें वित्तीय दस्तावेजों और भुगतान से जुड़े कई अधिकार सौंपे गए थे। पुलिस का कहना है कि जांच अभी जारी है और मामले से जुड़े अन्य पहलुओं की छानबीन की जा रही है। आलिया भट्ट या उनकी टीम की ओर से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।  

कानून व्यवस्था पूरी तरह से ठप, भाजपा सरकार सत्ता से जाएंगे तभी बदलाव आएगा : अखिलेश यादव

लखनऊ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था ध्वस्त है। भाजपा का शासन हटेगा, तभी कानून व्यवस्था में सुधार होगा। वे प्रदेश सपा मुख्यालय पर विभिन्न जिलों से आए कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित कर रहे थे। अखिलेश ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी से जनता परेशान है। सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पाता है। भाजपा भूमाफिया बन गई है। उन्होंने कहा कि तालाब की सरकारी जमीनों पर भाजपाई अवैध कब्जे कर रहे हैं। जमीनों पर कब्जा करना ही भाजपा का एजेंडा है। सपा अध्यक्ष ने कहा आरएसएस उत्तर प्रदेश में नागपुर जैसा केंद्र बना रही है। भाजपा समाज में झूठ और नफरत फैला रही है। सांविधानिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है। भाजपा लोकतंत्र और संविधान विरोधी है। अखिलेश ने कहा कि सपा कार्यकर्ता भाजपा से पूरी तरह सजग रहकर विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं। वोटर लिस्ट पर विशेष ध्यान देना है। भाजपा वोटर लिस्ट को लेकर साजिश करती है। बच्चों ने अखिलेश को सौंपी अपनी राशि अखिलेश यादव को प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर गोरखपुर से आईं कक्षा तीन की बालिका रश्मिका यादव और कक्षा 6 के बालक राजेश यादव विक्की ने अपने गुल्लकों की राशि भेंट की। इन बच्चों के साथ उनकी मां शौर्य यादव ने भी अखिलेश यादव से मुलाकात की। अखिलेश ने इन बच्चों की भावनाओं की भूरि-भूरि सराहना करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा का बेमेतरा दौरा

रायपुर, छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा का एक दिवसीय बेमेतरा प्रवास न केवल निरीक्षण और संवाद तक सीमित रहा, बल्कि यह कई बच्चों और उनके परिजनों के जीवन में उम्मीद और अधिकार का नया उजाला लेकर आया। दौरे के दौरान तीन असाध्य चर्म रोग से पीड़ित बच्चों को उनका जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ, जो अब तक सामाजिक उपेक्षा और दस्तावेज़ी अभाव के कारण शासन की योजनाओं से वंचित थे। डॉ. शर्मा को जानकारी मिली थी कि केसडबरी गांव के तीन मासूम बच्चे एक दुर्लभ चर्म रोग से पीड़ित हैं, जिसके कारण समाज में उनके साथ भेदभाव हो रहा था और आवश्यक दस्तावेज न होने के कारण वे किसी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। इस पर डॉ. शर्मा स्वयं गांव पहुंचीं, बच्चों के साथ जमीन पर बैठकर उनकी स्थिति को समझा और तीन दिवस के भीतर उनके जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के निर्देश दिए। अधिकारियों की तत्परता से यह कार्य तय समय में पूर्ण हुआ। उन्होंने बच्चों को एम्स रायपुर में उपचार दिलाने के निर्देश दिए और बाल कल्याण समिति को निरंतर निगरानी में रखने की बात कही। साथ ही जरूरत पड़ने पर आयोग से संपर्क बनाए रखने को कहा। इसी प्रवास के दौरान एक माता द्वारा अपनी छह माह से लापता बच्ची की दर्दभरी आपबीती साझा की गई। पीड़िता की गंभीर अवस्था को देखते हुए डॉ. शर्मा ने तत्काल एफ.आई.आर. दर्ज कर विशेष अनुसंधान टीम गठित करने के निर्देश दिए। पुलिस प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अगले ही दिन एस.आई.टी. गठित कर बच्ची की खोज के लिए अन्य राज्य में टीम भेज दी है।

पर्यावरण संरक्षण के लिए कैम्पा निधि से 1038 करोड़ खर्च को हरी झंडी

विद्युत वितरण कंपनियों में 49 हजार 263 नवीन नियमित पदों की स्वीकृति 66 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना और 134 पदों के सृजन की स्वीकृति कृषकों के सिंचाई जलकर में से ब्याज राशि माफ किए जाने का निर्णय ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन की स्वीकृति मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक बुधवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि (कैम्पा निधि) के लिए वर्ष 2025-26 की वार्षिक कार्य आयोजना (Annual Plan of Operation) में अनुमोदित कार्यों के क्रियान्वयन के लिए 1478 करोड़ 38 लाख में से 1038 करोड़ रूपये के उपयोग की स्वीकृति दी गयी। इस राशि का 80 प्रतिशत वन एवं वन्यप्राणी प्रबंधन एवं 20 प्रतिशत वन और वन्यजीव संबंधी अधोसंरचना के सुदृढीकरण पर व्यय किया जाता है। स्वीकृति अनुसार मध्यप्रदेश में विगत वर्षों के कार्यों के रख-रखाव, क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण, लैण्डस्केप के आधार पर बिगड़े वनों का सुधार, नदियों के पुनर्जीवन के लिए उनके जलग्रहण क्षेत्र के वनीकरण, मृदा एव जल संरक्षण के कार्य, ग्रामीणों की आजीविका के लिए ग्रामों की सीमा से लगे वनक्षेत्रों में बांस प्रजाति सहित वृक्षारोपण, वन्यप्राणी संरक्षित क्षेत्रों के गांवों से स्वैच्छिक विस्थापन, बफर क्षेत्र सहित संरक्षित क्षेत्रों में रहवास का विकास, नगर वनों की स्थापना, वन एवं वन्यप्राणी संबंधी अधोसंरचना सुदृढीकरण और ग्रामीणों की क्षमता विकास से संबंधित कार्य किये जायेंगे। 66 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना और 134 पदों के सृजन की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत 66 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना, संचालन तथा भवन निर्माण की स्वीकृति दी गयी। स्वीकृति अनुसार 66 आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के 66 पद (मानसेवी), आंगनबाड़ी सहायिका के 66 पद (मानसेवी) तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों के पर्यवेक्षण के लिए पर्यवेक्षक के 02 पद नियमित शासकीय सेवक पद वेतनमान 25,300-80,500 के सृजन की स्वीकृति दी गयी। वर्ष 2025-26 से 2028-29 तक योजना पर राशि का व्यय भारत सरकार द्वारा प्राप्त स्वीकृति के अनुसार किया जायेगा। उल्लेखित अवधि में योजना पर 15 करोड़ 21 लाख रूपये का व्यय अनुमानित है, जिसमें केन्द्रांश राशि 9 करोड़ 55 लाख रूपये एवं राज्यांश राशि 5 करोड़ 66 लाख रूपये है। लेक व्यू रेसीडेंसी होटल भोपाल के विकास के लिए अनुमोदन मंत्रि-परिषद द्वारा लेक व्यू रेसीडेंसी होटल भोपाल को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन, हस्तांतरण (DBFOT) के आधार पर जन-निजी भागीदारी (PPP) के अंतर्गत होटल का विकास, संचालन एवं रखरखाव और प्रबंधन के लिए निजी निवेशक के पक्ष में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (MPSTDC)/ मध्यप्रदेश होटल कार्पोरेशन लिमिटेड (MPHCL) द्वारा निष्पादित की जाने वाली लीज पर भारित पंजीयन व मुद्रांक शुल्क की प्रतिपूर्ति पर्यटन विभाग के विभागीय बजट से निजी निवेशक को किए जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया है। विद्युत वितरण कंपनियों में 49 हजार 263 नवीन नियमित पदों की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की संगठनात्मक सरंचना में सृजित किये जाने वाले 49 हजार 263 नवीन पद सहित कुल 77 हजार 298 पदों के संगठनात्मक संरचना की सृजन की स्वीकृति दी गई। नियमित पदों के सृजन के फलस्वरूप पूर्व स्वीकृत पदों में से 17 हजार 620 अनुपयोगी पद समाप्त किए गए हैं व डाइंग कैडर में 5650 पदों पर कार्यरत कार्मिकों के सेवानिवृत्ति और त्यागपत्र आदि के बाद ये पद भी समाप्त किए जायेंगे। कंपनियों द्वारा सीधी भर्ती के लिए पदों की गणना करते समय इन पदों को संज्ञान में रखा जाएगा। विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा आधार पर कार्यरत कार्मिक, निर्धारित आयु सीमा के पूर्ण होने अथवा नियमित सीधी भर्ती के पद पर चयनित होने तक कार्य कर सकेंगे। कंपनियों द्वारा नियमित पदों पर सीधी भर्ती के रिक्त पदों की गणना करते समय समकक्ष पद पर तत्समय कार्यरत संविदा कार्मिक की संख्या को घटाकर शेष रिक्त पदों पर सीधी भर्ती की जा सकेगी। वितरण कंपनियों को संगठनात्मक संरचना के अनुरूप कार्मिकों की समय-समय पर भर्ती के लिए ऊर्जा विभाग को अधिकृत किया गया है। ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा भारत सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) के अंतर्गत रबी विपणन वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन के लिए निःशुल्क शासकीय प्रत्याभूति एवं रबी विपणन वर्ष 2024-25 में लक्ष्य से अधिक उपार्जित ग्रीष्म मूंग की स्वीकृति प्रदाय की गई है। साथ ही ग्रीष्मकालीन वर्ष 2024-25 (विपणन वर्ष 2025-26) में मूंग एवं उड़द का पंजीकृत कृषकों से उपार्जन, राज्य उपार्जन एजेंसी म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया है। कृषकों की सिंचाई जलकर की राशि मे से ब्याज राशि माफ किए जाने का निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के समस्त कृषकों की सिंचाई जलकर की राशि मे से ब्याज राशि (शास्ति दण्ड) माफ किए जाने का निर्णय लिया है। निर्णय-अनुसार यदि कृषक 31 मार्च 2025 तक की कुल बकाया राशि (सिंचाई जलकर) की मूल राशि 31 मार्च 2026 तक एक साथ जमा करते है तो ब्याज की राशि माफ कर दी जायेगी। इस तरह लगभग 84 करोड़ 17 लाख रूपये की ब्याज राशि शासन द्वारा माफ कर दी जायेगी। 31.3.2025 की स्थिति में कृषकों पर सिंचाई जलकर की अवशेष राशि 647 करोड़ 67 लाख रूपए बकाया है। जिसमे मूल राशि 563 करोड़ 29 लाख रूपए एवं ब्याज राशि 84 करोड़ 17 लाख रूपए है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 में 45 करोड़ 58 लाख रूपए, वर्ष 2023-34 में 36 करोड़ 98 लाख रूपए और वर्ष 2024-25 में 35 करोड़ 43 लाख रुपए का सिंचाई राजस्व मिला है। 3 नवीन राजस्व संभागों में क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना एवं चार नव गठित जिलों के लिये सात सहायक संचालक के पद निर्माण की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा संचालनालय, स्थानीय निधि संपरीक्षा के अन्तर्गत 3 नवीन राजस्व संभागों नर्मदापुरम, चम्बल एवं शहडोल में क्षेत्रीय कार्यालय स्थानीय निधि संपरीक्षा खोलने एवं चार नवगठित जिलों निवाडी, मैहर, मऊगंज एवं पाढुर्णा के लिये सम्मिलित रूप से कुल 07 सहायक संचालक के पद के निर्माण की स्वीकृति दी है। यह निर्णय पंचायतराज संस्थाओं के लेखों की संपरीक्षा को नियत समय सीमा में पूर्ण करने और उत्तरोत्तर कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। विद्युत विकासकों के साथ पूर्व में मात्र वेरियेबल दर पर (5 या 10 प्रतिशत) विद्युत के … Read more

रूस ने यूक्रेन पर किया बहुत बड़ा हमला, एक रात में दागे 728 ड्रोन; मचा दी तबाही

मॉस्को  यूक्रेन की वायु सेना ने बुधवार को बताया कि रूस ने बीती रात यूक्रेन पर रिकॉर्ड 728 शाहेद ड्रोन और डमी ड्रोन दागे. रूस की तरफ से ड्रोन्स की बौछार के साथ-साथ 13 मिसाइलें भी दागी गईं. रूस ने यूक्रेन पर ये हमला ऐसे वक्त में किया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध खत्म करने को लेकर रूसी राष्ट्रपति से हुई अनबन के बीच यूक्रेन को मिसाइल देने का वादा किया है. अमेरिका ने पहले साफ कर दिया था कि वो यूक्रेन को हथियार नहीं देगा लेकिन फिर ट्रंप ने कह दिया है कि अमेरिका यूक्रेन को अपनी सुरक्षा के लिए हथियार मुहैया कराएगा. अमेरिकी न्यूज वेबसाइट Axios की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते शुक्रवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से फोन पर बात की और कहा कि वो यूक्रेन को जल्द ही 10 पेट्रियट मिसाइल इंटरसेप्टर्स भेजेंगे. मिसाइल इंटरसेप्टर एक तरह का डिफेंसिव मिसाइल होता है जो बैलेस्टिक मिसाइलों के हमले को रोकता है. यह खबर सामने आने के बाद रूस-अमेरिका में तनाव बढ़ता दिखा है और इसी बीच खबर आ रही है कि रूस ने यूक्रेन पर रिकॉर्ड संख्या में ड्रोन बरसाए हैं. यूक्रेन की वायु सेना ने एक बयान में कहा कि यूक्रेन के एयर डिफेंस सिस्टम ने 296 ड्रोन और सात मिसाइलों को मार गिराया, जबकि 415 से अधिक ड्रोन रडार से गायब हो गए या जाम हो गए. इसमें कहा गया है कि हमले में मुख्य रूप से यूक्रेन के पश्चिमी वोलिन क्षेत्र और वोलिन क्षेत्र की राजधानी लुत्स्क को निशाना बनाया गया, जो यूक्रेन के उत्तर-पश्चिम में स्थित है. यह क्षेत्र पोलैंड और बेलारूस की सीमा से लगा हुआ है. कतर के सरकारी ब्रॉडकास्टर अलजजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी कुर्स्क शहर के कार्यवाहक क्षेत्रीय गवर्नर अलेक्जेंडर खिनश्टाइन ने बताया कि शहर के एक समुद्र तट पर यूक्रेनी हमले में तीन लोगों की मौत हो गई और सात लोग घायल हो गए, जिनमें एक पांच साल का बच्चा भी शामिल है. रूस की समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, मृतकों में एक रूसी नेशनल गार्ड का अधिकारी भी शामिल है. रूसी एजेंसी ने बताया कि कुर्स्क क्षेत्र के रिल्स्क में यूक्रेनी ड्रोन हमले में सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल, एक एम्बुलेंस बिल्डिंग और एक प्रशासनिक भवन को भी निशाना बनाया गया, जिसमें दो लोग घायल हो गए. कुर्स्क के कार्यवाहक मेयर सर्गेई कोटलारोव ने कहा कि गिराए गए यूक्रेनी ड्रोन के मलबे से जेलेज्नोडोरोजनी जिले में कई घर क्षतिग्रस्त हो गए. यूक्रेन के दोनेत्स्क में मारे गए तीन लोग यूक्रेन के दोनेत्सक के गवर्नर वादिम फिलाशकिन ने कहा कि रूस के हमलों में क्षेत्र में तीन लोग मारे गए और 10 अन्य घायल हो गए. क्षेत्रीय प्रशासन ने कहा कि यूक्रेन के सुमी क्षेत्र पर रूसी हमलों में चार लोग मारे गए और चार अन्य घायल हो गए. यूक्रेन के अखबार कीव इंडिपेंडेंट ने बताया कि यूक्रेन की वायुसेना ने पूरे देश के लिए मिसाइल अलर्ट जारी किया था जिसके बाद बुधवार को लगभग आधी रात को कीव में विस्फोटों की आवाज सुनी गई. रूस-यूक्रेन में संघर्षविराम की ट्रंप की कोशिशें हो रही नाकाम रूस और यूक्रेन का युद्ध 24 फरवरी 2022 से जारी है जिसमें दोनों पक्षों को काफी नुकसान हुआ है, खासकर यूक्रेन को. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोबारा राष्ट्रपति बनने से पहले अपने चुनावी कैंपेन में कहा था कि वो राष्ट्रपति बनते ही रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करवा देंगे. राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने के लिए दोनों पक्षों के बीच संघर्षविराम की कोशिशें भी की हैं जो नाकाम रही हैं. इससे बौखलाए ट्रंप ने मंगलवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर सीधा हमला बोला है. ट्रंप ने कहा है कि वो पुतिन से खुश नहीं हैं क्योंकि वो बहुत से लोगों की जान ले रहे हैं. ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध के लंबा खिंचने और हिंसा बढ़ने पर भी नाराजगी जताई और कहा कि संघर्ष अब पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल हो गया है क्योंकि इससे वैश्विक सुरक्षा पर असर हो रहा है. ट्रंप ने पुतिन से नाराजगी जताते हुए कहा, 'हमें पुतिन की तरफ से बहुत बकवास सुनने की मिलती है. वो जो दोस्ती दिखाते हैं, वो बेकार है.' 

छत्तीसगढ़ी लोकगीतों पर थिरके भाजपा सांसद-विधायक, सीएम साय और प्रदेश प्रभारी नबीन ने बजाया मांदर

सरगुजा भाजपा सांसद-विधायकों के प्रशिक्षण शिविर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश प्रभारी नितिनत नबीन, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समेत सांसद और विधायक छत्तीसगढ़ी लोकगीतों पर जमकर थिरके. सीएम साय और नितिन हाथों में मांदर लेकर थिरकते दिखे. बता दें कि मैनपाट में भाजपा का प्रशिक्षण शिविर आयोजित हुआ. शिविर के दूसरे दिन के सत्र के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ. विधायक अनुज शर्मा के गाने पर सीएम विष्णुदेव साय, प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन समेत सभी भाजपा विधायक और सांसद जमकर थिरके.

पेसा एक्ट जनजातीय पहचान और स्वशासन की गारंटी देता है: मंत्री श्री पटेल

पेसा एक्ट जनजातीय समाज की स्वतंत्रता और संस्कृति की ढाल है: मंत्री पटेल मंत्री पटेल बोले– पेसा एक्ट आदिवासी जीवन मूल्यों और अधिकारों की सुरक्षा का कानून है पेसा एक्ट जनजातीय पहचान और स्वशासन की गारंटी देता है: मंत्री श्री पटेल नवनियुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं विकासखंड  अधिकारियों के प्रशिक्षण का समापन पेसा कानून के क्रियान्वयन पर हुई विशेष कार्यशाला भोपाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि नवनियुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं विकासखंड अधिकारियों की पहली पोस्टिंग प्रदेश के जनजातीय विकासखंड में की जा रही है। इन विकासखंडों में पेसा मोबलाइजर्स के साथ कार्य कर नवनियुक्त अधिकारियों को जमीनी स्तर पर पेसा कानून के क्रियान्वयन की जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि पेसा कानून के क्रियान्वयन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ ही जनजाति कार्य विभाग की बड़ी भूमिका है। उन्होंने पेसा कानून को जनजातीय समाज की स्वतंत्रता और जीवन मूल्यों की रक्षा का माध्यम बताया। मंत्री पटेल मंगलवार को मध्यप्रदेश जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी) भोपाल में नवनियुक्त जनपद सीईओ एवं बीडीओ के प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं पेसा कानून पर कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने नवनियुक्त अधिकारियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये और स्मृति दर्पण पुस्तिका का भी विमोचन भी किया। मंत्री पटेल ने कहा कि शासकीय सेवा को व्यक्तिगत लाभ न मानते हुए समाज और संस्था की प्रतिष्ठा का माध्यम बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपनी सेवा जनजातीय क्षेत्र में होने पर स्वस्थ मन से, निष्काम भाव से जनजातीय सांस्कृतिक विरासत के लिए, उनके जीवन दर्शन के लिए, उनको दबावों से मुक्त कराने के लिए कार्य करें। मंत्री पटेल ने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने के लिए प्रदेश के विभिन्न पंचायत में 1400 से अधिक नवीन ग्राम पंचायत भवन स्वीकृत कराए गए है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज को मज़बूत करना केवल इमारतें बनाना ही नहीं, बल्कि संसाधनों और सही माहौल की उपलब्धता से संभव है। उन्होंने कहा कि पौधारोपण का उद्देश्य केवल पौधे लगाना ही नहीं उनका संरक्षण करना भी आवश्यक है। अब फेंसिंग और पानी की व्यवस्था के बिना पौधारोपण नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक संसाधनों जैसे जल स्रोत, भूमि को पुनर्जीवित करने के प्रयास करना चाहिए। मंत्री पटेल ने कहा कि ग्रामीण विकास में पात्र व्यक्ति को सबसे पहले लाभ मिलना न्याय की सच्ची परिभाषा है। सभी पात्र हितग्रहियों को शासन की योजनाओं के लाभ पहुंचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नए अधिकारियों को जनजातीय विकासखंड में भेजने से उन्हें अधिक जमीनी अनुभव मिलेगा। पेसा एक्ट के अंतर्गत ग्राम सभाओं की सक्रियता और वास्तविक बैठकें सुनिश्चित करने पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गौण खनिज अधिकारों की रक्षा की ज़िम्मेदारी अब जनपद सीईओ की होगी। उन्होंने कहा कि प्रकृति का सम्मान आवश्यक है- नदी, पहाड़ और वृक्ष जीवनदायिनी संगम हैं। जनजातीय समाज की प्रकृति के प्रति आस्था और उनकी जीवन शैली से सीखना चाहिए। मंत्री पटेल ने “जल गंगा संवर्धन अभियान” और “एक बगिया माँ के नाम” अभियान के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत प्रदेश में जल स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कई कार्य किए गए। मंत्री पटेल ने कहा कि अभियान के तहत उन्होंने 80 से अधिक छोटी नदियों के उद्गम स्थलों का दौरा किया। उन्होंने बताया कि जल स्रोतों के संरक्षण के साथ ही पौधों के संरक्षण के लिए “एक बगिया मां के नाम” अभियान की शुरुआत 15 जुलाई से की जा रही है। इस अभियान के तहत एक एकड़ ज़मीन पर बगिया लगाने के लिए ₹3 लाख की सहायता दी जाएगी – पहले साल ₹2 लाख, फिर क्रमशः ₹52,000 और ₹48,000 की किश्तों में दी जाती है। स्व सहायता समूह की महिलाओं को निजी भूमि पर बागवानी के लिए विशेष आर्थिक सहायता दी जाएगी। मंत्री पटेल ने कहा कि मनरेगा योजना के तहत किए जा रहे कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए सिपरी सॉफ्टवेयर का उपयोग शुरू हो चुका है, जिससे योजनाएं वैज्ञानिक आधार पर बनेगी और चलेंगी। उन्होंने कहा कि कई योजनाओं की असफलता का कारण साइट सिलेक्शन की गलतियां हैं, जिसे नवीन तकनीक का समावेश कर ठीक किया जा सकता है। इस अवसर पर जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह, डायरेक्टर वाल्मी श्रीमती सरिता बाला, उप सचिव ह्रदयेश श्रीवास्तव सहित जनजातीय विकासखंडों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत के नवनियुक्त सीईओ एवं बीडीओ, 20 जिलों के जिला पेसा समन्वयक तथा जनजातीय विकासखंडों के समन्वयक उपस्थित थे।  

चूरू: जगुआर फाइटर जेट क्रैश में दोनों पायलट शहीद, जांच के आदेश जारी

चूरू राजस्थान के चूरू ज़िले में इंडियन एयरफोर्स का जगुआर ट्रेनर विमान ट्रेनिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में विमान में सवार दोनों पायलटों की मौत हो गई. इस घटना को लेकर भारतीय वायुसेना ने गहरा दुख जताया है. साथ ही हादसे की वजह का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (आंतरिक जांच) के आदेश दे दिए गए हैं. ये जांच इस बात की विस्तृत समीक्षा करेगी कि विमान दुर्घटनाग्रस्त कैसे हुआ. भारतीय वायुसेना ने X पर एक पोस्ट के जरिए कहा कि वह इस कठिन समय में शोकाकुल परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है. वायुसेना ने कहा कि हम बहादुर पायलटों की शहादत को सलाम करते हैं और उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं. जोरदार धमाके के बाद उठी आग की लपटें प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, प्लेन का मलबा एक खेत में मिला है, साथ ही मानव अंग भी बुरी तरह क्षत-विक्षत अवस्था में मिले हैं. हादसे के तुरंत बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई. स्थानीय लोगों ने बताया कि एक जोरदार धमाका सुनाई दिया, इसके बाद धुआं और आग की लपटें उठती देखीं. ग्रामीणों ने खेतों में लगी आग को बुझाने की कोशिश भी की. दोपहर 1:25 बजे हुआ हादसा स्थानीय पुलिस अधिकारी कमलेश ने बताया कि विमान दोपहर करीब 1:25 बजे गिरा. हादसे के बाद जिला कलेक्टर अभिषेक सुराणा, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं. साथ ही सेना की राहत और जांच टीम के भी जल्द ही घटनास्थल पर पहुंचने की उम्मीद है. वहीं, भारतीय वायुसेना ने कहा कि हादसे के वक्त विमान ट्रेनिंग पर था.  भारतीय वायुसेना ने दी ये जानकारी भारतीय वायुसेना ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक यह दुर्घटना उस समय हुई जब लड़ाकू विमान प्रशिक्षण उड़ान पर था। इस दुर्घटना में दोनों पायलटों को गंभीर चोटें आईं। किसी भी नागरिक संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। वायुसेना इस दुखद घटना पर गहरा दुःख व्यक्त करती है और इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित की गई है। हादसे के बाद कैसा था मंजर राजस्थान में वायुसेना के कई अड्डे हैं, जिनमें जोधपुर और बीकानेर में प्रमुख प्रतिष्ठान हैं। घटना के तुरंत बाद इलाके में दहशत फैल गई। ग्रामीणों ने बताया कि आसमान से तेज़ आवाज़ सुनाई दी, जिसके बाद खेतों से आग और धुआं उठता दिखाई दिया। स्थानीय निवासियों ने यह भी बताया कि दुर्घटना के कारण आस-पास के खेतों में आग लग गई, जिसे उन्होंने खुद बुझाने की कोशिश की। पुलिस अधिकारी ने कही ये बात जिला कलेक्टर अभिषेक सुराना और पुलिस दल घटनास्थल पर पहुंचे। सेना का एक बचाव दल भी घटनास्थल पर पहुंच गया है। दुर्घटना के सही कारण का अभी पता नहीं चल पाया है। सेना अपनी प्रारंभिक जांच पूरी करने के बाद आधिकारिक बयान जारी करेगी। स्थानीय पुलिस अधिकारी राजलदेसर कमलेश ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि विमान दोपहर करीब 1.25 बजे भनोदा गांव के एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। उन्होंने बताया कि दुर्घटनास्थल के पास मानव शरीर के अंग मिले हैं। प्लेन क्रैश होने के बाद क्या होता है     बता दें कि किसी भी प्लेन क्रैश के बाद सबसे पहले इमरजेंसी सर्विस को एक्टिव कर दिया जाता है।           उस एरिया को पुलिस सील कर देती है और किसी को भी उस जगह पर जाने की इजाजत नहीं होती है। कोई भी घटनास्थल तक नहीं जा सकता है।            इसके बाद एजेंसियां विमान हादसे की जांच करती हैं और मलबे का निरीक्षण करती हैं।            इसके बाद फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर जैसे उपकरणों की खोज की जाती है, जिससे कि यह पता लगाने की कोशिश की जा सके कि विमान क्यों क्रैश हुआ था। क्रैश हुए विमान के मलबे का क्या होता है ?      विमान हादसे के बाद उसका मलबा दूर तक जाकर गिरता है।            अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में प्लेन क्रैश होकर बिल्डिंग पर जा गिरा था और उसका आधा हिस्सा बिल्डिंग पर था और बाकी का हिस्सा जमीन पर गिरा था।           मलबे में से ब्लैकबॉक्स खोजने की कोशिश की जाती है।           सबसे पहले तो मलबे का इस्तेमाल जांच में किया जाता है, लेकिन उसके बाद उसे ऐसे ही नहीं छोड़ दिया जाता है।            जो भी एजेंसियां उस विमान दुर्घटना की जांच करती हैं, वे मलबे में जो पुर्जे काम के होते हैं, उनको खोलकर अलग कर लेती हैं।           इसके बाद लैब में उनकी जांच की जाती है, जिससे कि यह देखा जा सके कि वे दोबारा इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं या नहीं।           जो भी काम का मलबा नहीं होता है, उसको नीलाम कर दिया जाता है।   5 महीने में तीसरा हादसा बता दें कि पिछले 5 महीने में तीसरी बार जगुआर प्लेन दुर्घटना का शिकार हुआ है. इससे पहले 7 मार्च को अंबाला में और 2 अप्रैल को गुजरात के जामनगर में जगुआर ट्रेनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था. अंबाला में पायलट सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहा था, लेकिन जामनगर हादसे में एक पायलट की मौत हो गई थी. सीएम भजनलाल ने जताया दुख राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी हादसे पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि चूरू जिले के रतनगढ़ क्षेत्र में भारतीय वायुसेना के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का दुखद समाचार प्राप्त हुआ. घटना के तुरंत बाद से प्रशासन अलर्ट मोड पर है और राहत-बचाव कार्य के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान और शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुख सहन करने की शक्ति दें.

लापता चार मासूम बच्चों की पानी भरे गड्ढे में मिली लाश

मेजा/प्रयागराज मेजा इलाके के बेदौली गांव से लापता चार मासूम बच्चों की बुधवार सुबह घर से कुछ ही दूरी पर पानी भरे गड्ढे में लाश उतराती हुई मिली तो सनसनी फैल गई। चारों बच्चों में दो भाई-बहन हैं। बाकी दो पड़ोसी हैं। सूचना पर मौके पर एसीपी मेजा एसपी उपाध्याय के साथ मेजा थाना अध्यक्ष राजेश उपाध्याय पहुंच गए। चारों बच्चों के शव को पहले सीएचसी रामनगर ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने चारों को मृत घोषित कर दिया। घर में कोहराम मचा हुआ है।   मेजा थाना क्षेत्र के बेदौली गांव के आदिवासी बस्ती के ज्यादातर लोग गांव में स्थित ईंट भट्ठा या मनरेगा में मजदूरी का काम करते हैं। उनकी बस्ती के पास ही ईंट भट्ठा संचालित होता है। ईंट भट्ठा संचालक द्वारा मिट्टी निकालने के चक्कर में बड़ा गड्ढा कर दिया गया है। जिसमें बारिश का पानी भरा हुआ है। मंगलवार शाम तीन बजे बस्ती के लोग मनरेगा के काम में चले गए थे। शाम पांच जब बस्ती के लोग घर आए तो हीरा आदिवासी का बेटा हुनर (5), हीरा आदिवासी की बेटी वैष्णवी (3), संजय आदिवासी का बेटा खेसारी लाल (5) और विमल आदिवासी का बेटा कान्हा (5) वर्ष घर से लापता थे। इन चारों बच्चों की खोजबीन पूरी बस्ती के लोग काफी देर तक किए लेकिन कुछ भी पता नहीं चल सका। मेजा पुलिस ने रात में ही चारों बच्चों के लापता होने पर गुमशुदगी दर्ज कर खोजबीन शुरू की थी, लेकिन कुछ भी पता नहीं चला। बुधवार सुबह छह बस्ती के लोगों की निगाह ईंट भट्ठा के बगल पानी भरे गड्ढे पर गई तो वहां पर चारों मासूम बच्चों की लाश उतरती हुई दिखी। ऐसे में सनसनी फैल गई। घर में कोहराम मच गया। बस्ती के लोगों ने चारों बच्चों की उतराती हुई लाश को बाहर निकाल लिया। सूचना पर एसीपी मेजा, एसडीएम मेजा सुरेंद्र प्रताप यादव सहित कई थानों की फोर्स पहुंच गई। पुलिस के मुताबिक चारों बच्चे खेलते खेलते पानी भरे गड्ढे में चले गए। जिससे चारों मासूम बच्चों की मौत हो गई। पुलिस ने चारों बच्चों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। एसडीएम मेजा ने बताया की चारों बच्चों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए सहायता के रूप में दिया जाएगा। मेजा थाना क्षेत्र के बेदौली गांव में पानी में डूबने से जिन चार बच्चों की मौत हुई है उसमें दो बच्चे सगे भाई बहन हैं। यह बच्चे हीरा आदिवासी के हैं। घटना के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है।  घटना के बाद बस्ती में कोहराम मचा हुआ। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। परिवार के लोगों से घटना के बारे में जानकारी ली।