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माधव को आज बड़ी सौगात मिली, खदान खोदी और पहले ही दिन पहली ही बार में हीरा मिलने के साथ ही उसकी किस्मत भी चमक उठी

 पन्ना मध्य प्रदेश में हीरे उगलने वाली नगरी पन्ना की धरती कब किसकी किस्मत पलट दे और कब किसे रंक से राजा बना दे, कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसा ही कुछ  देखने को मिला, जब माधव आदिवासी नाम के सामान्य मजदूर की किस्मत पलट गई और वह अचानक लखपति बन गया। पन्ना की कृष्णा कल्याणपुर पट्टी की उथली खदान में मजदूरी करने वाले आदिवासी युवक माधव को आज उस वक्त बड़ी सौगात मिली, जब उसने किस्मत आजमाने के लिए पहली बार खदान खोदी और पहले ही दिन पहली ही बार में हीरा मिलने के साथ ही उसकी किस्मत भी चमक उठी। इस मजदूर ने  खदान की खुदाई चालू की थी और पहले ही दिन उसे 11 कैरेट 95 सेंट का उज्ज्वल किस्म का बेशकीमती हीरा मिल गया। 40 लाख रुपए से भी ज्यादा है कीमत इस बारे में जानकारी देते हुए हीरा अधिकारी रवि पटेल ने बताया कि माधव को मिला हीरा बेहद साफ और कीमती है, साथ ही उन्होंने बताया कि इस हीरे की अनुमानित कीमत 40 लाख रुपए से भी ज्यादा आंकी जा रही है। हीरा मिलने के बाद माधव मजदूर ने इसे नियम के अनुसार पन्ना स्थित हीरा कार्यालय में जमा कर दिया। पटेल ने आगे की प्रक्रिया बताते हुए कहा कि अब यह हीरा आगामी नीलामी में जाएगा और नीलामी की रकम में से 12.5% रॉयल्टी काटकर बाकी रकम माधव को दी जाएगी। माधव को मिले इस हीरे से ना केवल एक साधारण आदिवासी मजदूर की जिंदगी बदल जाएगी, बल्कि इसके साथ ही उसने अपने हौसले और मेहनत से वहां काम कर रहे अपने जैसे लाखों मजदूरों के मन में भी इसी तरह की उम्मीदें जगा दी हैं। पन्ना की धरती से हर दिन ऐसे चुनिंदा भाग्यशाली लोगों की झोली में हीरे डालकर उनके सपने पूरे करती है।

छत्तीसगढ़ राज्य को डीएमएफ संबंधी उत्कृष्ट कार्यों के लिए भारत सरकार के खान मंत्रालय द्वारा किया गया सम्मानित

रायपुर  भारत सरकार के खान मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य को जिला खनिज संस्थान न्यास (DMF) के अंतर्गत उल्लेखनीय कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। आज नई दिल्ली स्थित स्कोप कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक दिवसीय “नेशनल डीएमएफ वर्कशॉप” के दौरान केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने मुख्यमंत्री के सचिव और खनिज सचिव श्री पी. दयानंद को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। खान मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना द्वारा नेशनल डीएमएफ पोर्टल में समस्त राज्यों के डीएमएफ से संबंधित डेटाबेस का संधारण किया जा रहा है। डीएमएफ के ऑडिट रिपोर्ट का राज्य डीएमएफ पोर्टल एवं नेशनल डीएमएफ पोर्टल में 90 प्रतिशत डेटाबेस पूर्णतः अपलोड किए जाने पर छत्तीसगढ़ राज्य को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के प्रयासों को मॉडल राज्य के रूप में प्रस्तुत किया गया और अन्य राज्यों को भी डेटा अपलोडिंग, पारदर्शिता और ज़मीनी क्रियान्वयन के अनुकरण की सलाह दी गई। उल्लखेनीय है कि नेशनल डीएमएफ  कार्यशाला का आयोजन प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना एवं डीएमएफ की प्रभावशीलता को बढ़ाने और खनन क्षेत्रों में सतत एवं समावेशी विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था। कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से सचिव, संचालक एवं खनन प्रभावित जिलों के कलेक्टर्स शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा डीएमएफ के माध्यम से खनन प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, अधोसंरचना एवं आजीविका जैसे विविध क्षेत्रों में समावेशी विकास के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। राज्य में अब तक 16,506 करोड़ रुपये की लागत से 1,01,313 विकास कार्यों की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिनमें से 70,318 कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण किए जा चुके हैं। राज्य शासन द्वारा डीएमएफ के क्रियान्वयन में पारदर्शी और जनहितकारी दृष्टिकोण को अपनाते हुए, प्रत्येक जिले में स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप कार्यों की योजना और निगरानी सुनिश्चित की जा रही है। यह नीति न केवल भौतिक विकास बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण को भी लक्ष्य में रखती है। कार्यशाला में छत्तीसगढ़ की ओर से सचिव, खनिज साधन विभाग श्री पी. दयानंद, संचालक श्री रजत बंसल के साथ बालोद, बलौदाबाजार-भाटापारा, कोरबा, रायगढ़ एवं दंतेवाड़ा जिलों के कलेक्टर्स एवं डीएमएफ के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री भजनलाल बोले – अंतिम पायदान के व्यक्ति के सशक्तीकरण के लिए राज्य सरकार पूर्ण रूप से समर्पित

जयपुर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश के हर व्यक्ति-हर परिवार को सशक्त और समृद्ध बनाते हुए उनकी सेवा करना हमारी सरकार का सर्वोच्च ध्येय है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा इसी दिशा में हमारा एक ठोस कदम है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार पूरे समर्पण और निष्ठा से काम कर रही है। शर्मा मंगलवार को बीकानेर में श्रीडूंगरगढ़ के गुसांईसर बड़ा गांव में पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय संबल शिविर के अंतर्गत आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के उत्थान से ही देश-प्रदेश का समग्र विकास संभव है। उनकी इस भावना के अनुरूप राज्य सरकार ने वंचितों को वरीयता देते हुए अपनी नीति एवं कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाई हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय संबल पखवाड़ा इसी रूपरेखा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। शिविर में हो रहे तत्परता से कार्य मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशभर में 24 जून से 9 जुलाई तक चलने वाले इस पखवाड़े के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में किसान, युवा, महिला एवं मजदूर सहित सभी वर्गाें को लाभान्वित किया जा रहा है। इन शिविरों में नामांतरण, बंटवारे, रास्ते के प्रकरण, पशु टीकाकरण, पानी टंकियों की सफाई, लीकेज मरम्मत, बिजली के झूलते तारों का दुरूस्तीकरण जैसे कई जरूरत के काम तत्परता से किए जा रहे हैं। जिनसे आमजन को एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं आसानी से मिल रही हैं। महिलाओं-युवाओं के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध राज्य सरकार श्री शर्मा ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य की डबल इंजन की सरकार प्रदेश में हर वर्ग और हर क्षेत्र का विकास तेजी से कर रही है। महिला कल्याण को प्रमुख प्राथमिकता देते हुए नीतियों एवं योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लखपति दीदी योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, लाड़ो प्रोत्साहन योजना, मेधावी छात्राओं को साइकिल वितरण, कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना आदि के माध्यम से महिलाओं को सशक्त किया जा रहा है। श्री शर्मा ने कहा कि युवाओं के रोजगार के सपने को पूरा करने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित है। हमने डेढ़ वर्ष के अल्प कार्यकाल में 69 हजार पदों पर नियुक्तियां दी है और लगभग 1 लाख 88 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। उन्होंने कहा कि डेढ़ साल में पेपरलीक का एक भी प्रकरण सामने नहीं आया है।   किसानों के कल्याण के लिए उठाए महत्वपूर्ण कदम मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के कल्याण को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए गोपाल क्रेडिट कार्ड और किसान सम्मान निधि जैसे कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। राज्य सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाया। साथ ही, किसानों की मांग के अनुरूप मूंगफली की खरीद के लिए निर्धारित समय को भी बढ़ाया। उन्होंने कहा कि किसानों को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए हम रामजल सेतु लिंक परियोजना (ईआरसीपी) और यमुना जल समझौता पर तेजी से कार्य कर रहे हैं। साथ ही, हमने इंदिरा गांधी और गंगनहर परियोजना के विकास कार्य के लिए भी 4 हजार करोड़ रुपये दिए हैं। वहीं, हम किसानों को वर्ष 2027 तक दिन के समय में बिजली उपलब्ध कराने के लिए दृढ़संकल्पित हैं। जरूरतमंद का हो रहा आर्थिक सशक्तिकरण श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने पंडित दीनदयाल गरीबी मुक्त गांव योजना की पहल की है जिसके माध्यम से ग्रामीण परिवारों को बीपीएल श्रेणी से बाहर निकाला जाएगा। इसके अंतर्गत पांच हजार गांवों को बीपीएल मुक्त किया जा रहा है। वहीं, 10 हजार गांवों में बीपीएल परिवारों का सर्वे और उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने का कार्य भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में लाभान्वितों का दायरा बढ़ाते हुए 51 लाख पात्र परिवारों को जोड़ा है। हमारी सरकार बनाएगी श्रीडूंगरगढ़ में ट्रोमा सेंटर इस दौरान मुख्यमंत्री ने श्रीडूंगरगढ़ में ट्रोमा सेंटर के निर्माण के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए भी आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने बिना बजट के ट्रोमा सेंटर की घोषणा की थी। श्री शर्मा ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते और उन्होंने सिंधु जल समझौते को निरस्त कर कड़ा संदेश दिया। समारोह में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा, विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड के अध्यक्ष रामगोपाल सुथार, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, विधायक सुश्री सिद्धि कुमारी, ताराचंद सारस्वत, विश्वनाथ मेघवाल, अंशुमान सिंह भाटी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।

विभिन्न विद्यालयों में विधिक जागरूकता शिविर का किया गया आयोजन

अनूपपुर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनूपपुर श्रीमती माया विश्वलाल के निर्देशानुसार नालसा (बच्चों के लिए बाल-अनुकूल कानूनी सेवाएं) योजना, 2024 एवं नालसा (डीएडब्ल्यूएन-नशा मुक्त भारत के लिए नशीली दवाओं के प्रति जागरूकता और कल्याण मार्गदर्शन) योजना, 2025 के संबंध में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमगवां, सरस्वती शिशु मंदिर अमगवां, शासकीय हाईस्कूल मौहरी, सोनम सिंधु शिशु पूर्व मा. विद्यालय मौहरी एवं शासकीय पूर्व मा.वि. सेन्दुरी में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। उक्त शिविरों में न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनूपपुर विनोद कुमार वर्मा, जिला विधिक सहायता अधिकारी बृजेश पटेल, पैरालीगल वालेंटियर सहित विद्यालयों के प्राचार्य, प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण, विद्यार्थीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम में न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विनोद कुमार वर्मा ने कहा कि बच्चों के लिए बाल-अनुकूल कानूनी सेवाएं योजना शारीरिक और मानसिक अपरिपक्वता के आधार पर बच्चों को विशेष देखभाल और सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है। देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चे या कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चे विशेष रूप से कमजोर होते है और उन्हें विशेष सुरक्षा और सहायता की आवश्यकता होती है। इस प्रकार, यह योजना ऐसे बच्चों के लिए न्यायिक प्रक्रियाओं को नेविगेट करने में मदद करने के लिए बच्चों के अनुकूल कानूनी सेवाओं तक पहुंच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी  बृजेश पटेल ने डीएडब्ल्यूएन-नशा मुक्त भारत के लिए नशीली दवाओं के प्रति जागरूकता और कल्याण मार्गदर्शन योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना नशा मुक्त भारत अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य, नशीली दवाओं के दुरुपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाना, नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकना, नशा पीड़ितों को उपचार और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करना एवं एक स्वस्थ और नशा मुक्त समाज का निर्माण करना है।    

पीएम नरेंद्र मोदी अफ्रीकी देश नामीबिया पहुंचे, पारंपरिक नृत्य के साथ हुआ स्वागत

नामीबिया पांच देशों के विदेश यात्रा के अंतिम पड़ाव में पीएम नरेंद्र मोदी अफ्रीकी देश नामीबिया पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह 11 बजे (भारतीय समयानुसार) दक्षिण अफ्रीकी देश नामीबिया पहुंचे। राजधानी विंडहोक के एयरपोर्ट पर लैंड होने के बाद पीएम मोदी का पारंपरिक नृत्य के साथ स्वागत किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री भी खुद को रोक नहीं पाए और उन्होंने खुद कलाकारों के साथ नामीबियाई पारंपरिक ढोलक भी बजाया। मोदी राष्ट्रपति नंदी-नदैतवा के निमंत्रण पर नामीबिया की यात्रा पर पहुंचे हैं। नामीबियाई राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। यह प्रधानमंत्री मोदी की पहली नामीबिया यात्रा है। साथ ही 27 सालों बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का नामीबिया दौरा है। वहीं भारत से किसी प्रधानमंत्री की तीसरी यात्रा है। PM मोदी से पहले 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नामीबिया गए थे। इससे पहले 1990 में उस वक्त PM रहे वीपी सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी सहित कई हाई रैंक लीडर नामीबिया के स्वतंत्रता दिवस पर वहां गए थे। प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति नंदी-नदैतवा के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री नामीबिया के संस्थापक जनक एवं प्रथम राष्ट्रपति दिवंगत डॉ. सैम नुजोमा को भी श्रद्धांजलि देंगे। साथ ही नामीबिया की संसद को भी संबोधित करेंगे। पीएम मोदी की इस यात्रा का उद्देश्य ऊर्जा, शिक्षा, रक्षा, व्यापार, और वन्यजीव संरक्षण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना है. भारत, नामीबिया में तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाना चाहता है, जो ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी, जिसमें स्वास्थ्य और औषधि निर्माण जैसे क्षेत्र शामिल हैं। मोदी यहां राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से मिलेंगे। दोनों देशों के बीच डायमंड बिजनेस, जरूरी खनिजों और यूरेनियम सप्लाई पर चर्चा की संभावना है। इसके अलावा मोदी नामीबिया की संसद को भी संबोधित करेंगे। मोदी का नामीबिया दौरा 2 जुलाई से 10 जुलाई तक 5 देशों की यात्रा का हिस्सा है, जिसमें घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया शामिल हैं। नामीबिया हीरा, यूरेनियम, तांबा, फॉस्फेट और अन्य खनिजों से समृद्ध देश है। नामीबिया में क्या है खास? नामीबिया में यूरेनियम, लिथियम और डिसप्रोशियम जैसे दुर्लभ खनिजों के विशाल भंडार हैं। ये खनिज इलेक्ट्रॉनिक्स और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हैं. भारत यूरेनियम आयात को फिर से शुरू करने पर विचार कर रहा है। नामीबिया डायमंड प्रोसेसिंग का हब भी है। यह देश हीरे, सोना, और अन्य खनिजों के उत्पादन के लिए भी जाना जाता है. यहां का नामीब रेगिस्तान दुनिया के सबसे खूबसूरत और प्राचीन रेगिस्तानों में से एक है। यह अपनी सुंदरता और लाल रेत के टीलों के लिए प्रसिद्ध है। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल नामीब सैंड सी का हिस्सा है। यहां के एटोशा नेशनल पार्क, स्वाकॉपमुंड और स्केलेटन कोस्ट जैसे क्षेत्र वन्यजीव और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं।

PM मोदी को ब्राजील का सर्वोच्च सम्मान, ‘नेशनल ऑर्डर ऑफ सदर्न क्रॉस’ मिला

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक प्रतिष्ठा में एक और तमगा जुड़ गया है। मंगलवार को ब्राजील ने पीएम मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस से सम्मानित किया है। उन्हें ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा द्वारा यह सम्मान प्रदान किया गया है। ब्राजील ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी को द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और प्रमुख वैश्विक प्लेटफार्मों पर भारत-ब्राजील सहयोग को बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है। गौरतलब है कि मई 2014 में पदभार ग्रहण करने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी को यह 26वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिला है। पीएम मोदी ने अपने भव्य स्वागत और सर्वोच्च सम्मान देने के लिए ब्राजील की सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है। पीएम ने कहा है कि यह 140 करोड़ भारतीयों के लिए गर्व की बात है। पीएम मोदी ने कहा, “आज राष्ट्रपति जी द्वारा मुझे ब्राजील के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान से विभूषित किया जाना, मेरे लिए ही नहीं, 140 करोड़ भारतीयों के लिए अत्यंत गर्व और भावुकता का पल है। इसके लिए ब्राजील की सरकार और लोगों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।” प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत इससे पहले ब्राजील में राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता से पहले प्रधानमंत्री मोदी का पारंपरिक तरीके से भव्य स्वागत किया गया। यहां प्रधानमंत्री मोदी के औपचारिक स्वागत कार्यक्रम में 114 घुड़सवारों का दस्ता मौजूद था। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उनके स्वागत की झलकियां साझा करते हुए कहा है कि इस यात्रा से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को गति मिलेगी। उन्होंने पोस्ट में कहा,“ ब्रासीलिया में औपचारिक स्वागत की झलकियां। ब्राजील की यह राजकीय यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों को गति प्रदान करेगी।” बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी पिछले 57 वर्षों में ब्राजील की राजकीय यात्रा पर जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। पीएम मोदी पांच देशों की यात्रा के चौथे चरण में ब्राजील पहुंचे हैं, जहां उन्होंने सोमवार को रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लिया था। PM का हुआ भव्य स्वागत जब पीएम ब्रासीलिया पहुंचे तो वहां एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया. प्रधानमंत्री मोदी ने उन कलाकारों की सराहना की जिन्होंने उनके स्वागत में पारंपरिक ब्राजीलियाई सांबा रेगे नृत्य पेश किया. साथ ही इस दौरान पीएम मोदी के सम्मान में भारतीय संस्कृति को भी पेश किया गया. दरअसल, पीएम मोदी 6-7 जुलाई को रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद ब्रासीलिया पहुंचे. इस यात्रा के दौरान ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला डी सिल्वा ने पीएम मोदी को द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और प्रमुख वैश्विक मंचों पर भारत-ब्राजील सहयोग बढ़ाने में योगदान के लिए देश के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया. कई मुद्दों पर हुई द्विपक्षीय वार्ता विदेश मंत्रालय (MEA) के बयान के अनुसार, अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी, कृषि, स्वास्थ्य और लोगों के बीच आपसी संबंधों सहित आपसी हित के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने पर द्विपक्षीय चर्चा की. PM ब्रिक्स समिट में हुए शामिल इसी के साथ पीएम मोदी ने ब्रिक्स समिट को प्रोडक्टिव बताया. पीएम ने कहा कि उन्होंने और बाकी देश के नेताओं ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में व्यापक विचार-विमर्श किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विश्व नेताओं के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठकें विभिन्न देशों के साथ भारत की दोस्ती को बढ़ावा देंगी. पीएम मोदी अर्जेंटीना की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद शनिवार (स्थानीय समय) को ब्राजील पहुंचे. ब्राजील के बाद, प्रधानमंत्री मोदी 9 जुलाई को नामीबिया पहुंचे हैं. पीएम वहां की संसद को भी संबोधित करेंगे. उन्होंने बुधवार को घाना से पांच देशों की अपनी यात्रा शुरू की थी. घाना से प्रधानमंत्री मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो गए और फिर अर्जेंटीना और ब्राजील का दौरा किया.

केजरीवाल बोले- LG की रुकावटों के बावजूद दिल्ली में किए बहुत काम, ‘मेरे को तो नोबेल प्राइज मिलना चाहिए…

नई दिल्ली आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अमेरिकी राष्ट्रपति जैसी डिमांड कर दी है। ट्रंप की ही तरह केजरीवाल ने भी नोबेल पुरुस्कार की मांग कर दी है। मंगलवार को कहा कि दिल्ली को आज आम आदमी पार्टी की याद आ रही है। भाजपा सरकार ने चार महीनों में सब कुछ बर्बाद कर दिया है। एक के बाद एक मोहल्ला क्लीनिक बंद हो रहे हैं। हमने अस्पतालों में दवाइयाँ मुफ़्त कर दी थीं, लेकिन वो बंद कर दी गईं। मुफ़्त जाँचें बंद कर दी गई हैं। दिल्ली का बुरा हाल है। सारी सड़कें टूटी हुई हैं। हर तरफ गंदगी फैली हुई है। ‘छह घंटे की बिजली कटौती शुरू हो गई है’ मोहाली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “छह घंटे की बिजली कटौती शुरू हो गई है। पिछले सात सालों से दिल्ली में एक मिनट की भी बिजली कटौती नहीं हुई। अभी बारिश का मौसम है, फिर भी बिजली कटौती हो रही है। इनकी नीयत खराब है। हर मंत्री ने अपनी दुकान खोल रखी है। इन्हें पैसा कमाना है, इन्हें सुधारों में कोई दिलचस्पी नहीं है।” ‘मुझे नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए’ उन्होंने आगे कहा, “जब तक हमारी सरकार सत्ता में थी, हमें काम नहीं करने दिया गया। इसके बावजूद हमने काम किया। मुझे लगता है कि मुझे शासन और प्रशासन के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए क्योंकि मैंने उपराज्यपाल रहते हुए दिल्ली में बहुत काम किया।” अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जून 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे। दिल्ली में रात में आठ घंटे बिजली कटौती होती थी। हमने 2013 का चुनाव बिजली आंदोलन के ज़रिए जीता था। 2013 में पहली बार सरकार बनने से पहले, मैंने पूरी दिल्ली का चक्कर लगाया और 15 दिन तक उपवास किया। एलजी की रुकावटों के बावजूद दिल्ली में किए बहुत काम- केजरीवाल नोबेल प्राइज को लेकर AAP नेता केजरीवाल के लिए कोई नॉमिनेशन फिलहाल नहीं किया गया है. फिर भी उनका कहना है, "एलजी के रहते हमने दिल्ली में इतने सारे काम कर दिए. इतनी मुश्किलों के अंदर जानकर ताज्जुब होगा कि हमने दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक बनवाए. पांच मोहल्ला क्लीनिक बीजेपी के नगर निगम ने बुल्डोजर भेजकर तोड़ दिए. जिस तरह से इन्होंने हमें परेशान किया…" केजरीवाल ने कहा, "पिछले साल जून में, जब तापमान 50 डिग्री सेल्सियस था, एक मिनट भी बिजली नहीं कटी थी, लेकिन अब बिजली कटौती हो रही है. उन्होंने (बीजेपी) दिल्ली को बर्बाद कर दिया है. वे राजनीति कर रहे हैं, और उन्हें बस पैसा कमाना है. मुझे शासन और प्रशासन के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए क्योंकि मेरी AAP सरकार ने एलजी की रुकावटों के बावजूद राजधानी में इतना काम किया है." दो साल पहले भी केजरीवाल ने जताई थी नोबेल की इच्छा दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल ने नोबेल प्राइज की अपनी इच्छा पहली बार जाहिर नहीं की है. इससे पहले भी कह चुके हैं कि वह नोबेल प्राइज के हकदार हैं. लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान उन्होंने कहा था कि 'एलजी दिल्ली सरकार के कामों में अड़ंगा लगाते हैं और बावजूद इसके इतने सारे काम कर दिए हैं कि मुझे नोबेल प्राइज मिलना चाहिए.' क्या शासन-प्रशासन के लिए भी मिलता है नोबेल प्राइज? नोबेल प्राइज की शुरुआत 1901 में अल्फ्रेड नोबेल की याद में की गई थी. अब तक यह प्राइज अलग-अलग कैटगरी में 627 बार 1012 लोगों और संगठनों को दिया गया है. कुछ को एक से ज्यादा बार नोबेल प्राइज मिलने के साथ कुल 976 लोगों और 28 संगठनों को नोबेल प्राइज मिले हैं. फिजिक्स, कैमिस्ट्री, मेडिसिन, लिट्रेचर, पीस और इकोनॉमिक साइंस जैसे छह कैटगरी में नोबेल दिए जाते हैं. मसलन, अरविंद केजरीवाल जिस कैटगरी के लिए अपनी इच्छा जाहिर कर रहे हैं उस कैटगरी में नोबेल प्राइज अब तक किसी को नहीं दिया गया है. AAP ने बिजली-पानी मुफ्त दिया आप के राष्ट्रीय संयोजक ने आगे कहा, “आम आदमी को क्या चाहिए? उसे बिजली चाहिए, उसे पानी चाहिए, उसके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले। घर में कोई बीमार हो तो उसका अच्छा इलाज हो। हमने तय किया कि हम हर परिवार को 200 यूनिट बिजली मुफ़्त देंगे। हम हर परिवार को 20 हज़ार लीटर पानी मुफ़्त देंगे। हमने तय किया कि हम स्कूल और अस्पताल ठीक करेंगे।”

‘INS निस्तर’ समंदर में दुश्मन को ढूंढने वाला योद्धा, अब नए रूप में मारी एंट्री, समुद्र में रेस्क्यू ऑपरेशन होंगे और मजबूत

 विशाखापट्टनम   विशाखापट्टनम में हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने भारतीय नौसेना को पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल ‘निस्तार’ सौंपा. यह जहाज भारत में ही डिजाइन और बनाया गया है. यह गहरे समुद्र में रेस्क्यू ऑपरेशन की क्षमता को बढ़ाएगा.  ‘निस्तार’ क्या है और क्यों खास है? ‘निस्तार’ एक ऐसा युद्धपोत है, जो गहरे समुद्र में गोताखोरी और रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बनाया गया है. इसका नाम संस्कृत शब्द ‘निस्तार’ से आया है, जिसका मतलब है मुक्ति, बचाव या उद्धार. यह दुनिया के कुछ चुनिंदा नौसेनाओं के पास मौजूद खास तकनीक वाला जहाज है.     आकार और वजन: यह जहाज 118 मीटर लंबा है और इसका वजन करीब 10,000 टन है.     खास उपकरण: इसमें आधुनिक डाइविंग उपकरण हैं, जो 300 मीटर गहराई तक सैचुरेशन डाइविंग (लंबे समय तक गहरे पानी में रहना) और 75 मीटर तक साइड डाइविंग ऑपरेशन कर सकते हैं.     रेस्क्यू की क्षमता: यह जहाज डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल (DSRV) के लिए ‘मदर शिप’ का काम करता है. अगर किसी पनडुब्बी में आपातकालीन स्थिति हो, तो यह लोगों को बचाने में मदद करता है.     गहरे समुद्र में काम: इसमें रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल्स (ROVs) हैं, जो 1000 मीटर गहराई तक गोताखोरों की निगरानी और सैल्वेज ऑपरेशन (समुद्र से चीजें निकालना) कर सकते हैं. स्वदेशी तकनीक का कमाल ‘निस्तार’ को हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने बनाया है. इसे इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (IRS) के नियमों के अनुसार डिजाइन किया गया है. इस जहाज में 75% से ज्यादा हिस्सा स्वदेशी है. यह भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल का शानदार उदाहरण है. ‘निस्तार’ का महत्व     नौसेना की ताकत बढ़ी: ‘निस्तार’ भारतीय नौसेना को गहरे समुद्र में रेस्क्यू ऑपरेशन करने की नई ताकत देगा। यह खासकर पनडुब्बी आपातकाल में बहुत जरूरी है.      दुर्लभ क्षमता: दुनिया में बहुत कम नौसेनाओं के पास ऐसी तकनीक है. यह जहाज भारत को समुद्री रक्षा में और मजबूत बनाता है.     स्वदेशी गर्व: इस जहाज का निर्माण भारत में हुआ है, जो हमारी तकनीकी प्रगति और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है. कैसे काम करता है ‘निस्तार’? ‘निस्तार’ का मुख्य काम गहरे समुद्र में गोताखोरी और बचाव कार्य करना है. अगर कोई पनडुब्बी समुद्र में फंस जाए या उसमें कोई खराबी हो, तो यह जहाज तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर सकता है. इसके ROVs समुद्र की गहराई में जाकर स्थिति का जायजा लेते हैं. जरूरी सामान या लोगों को बचाने में मदद करते हैं. इसके अलावा, यह जहाज समुद्र में डूबी चीजों को निकालने के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है. भारत के लिए गर्व की बात ‘निस्तार’ का भारतीय नौसेना में शामिल होना एक बड़ा कदम है. यह न सिर्फ हमारी नौसेना को मजबूत करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अब ऐसी उन्नत तकनीक अपने दम पर बना सकता है. हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड और भारतीय वैज्ञानिकों की मेहनत ने इस सपने को हकीकत में बदला है. INS निस्तर’ समंदर में दुश्मन को ढूंढने वाला योद्धा भारतीय नौसेना अपनी ताकत को और मजबूत करने जा रही है. 18 जुलाई को भारतीय नौसेना के बेड़े में एक बेहद खास जहाज शामिल होने जा रहा है “INS निस्तर”. यह सिर्फ एक सपोर्ट शिप नहीं, बल्कि समुद्र की गहराइयों में दुश्मन की किसी भी चाल को नाकाम करने वाला साइलेंट किलर है. INS निस्तर का नाम सुनते ही 1971 की भारत-पाकिस्तान जंग की याद ताजा हो जाती है. उस जंग में पाकिस्तान ने अपनी सबसे घातक पनडुब्बी PNS गाजी को INS विक्रांत को निशाना बनाने भेजा था. लेकिन भारतीय नौसेना की चतुराई से गाजी को विशाखापत्तनम के पास समंदर की गहराई में ही खत्म कर दिया गया. उस ऑपरेशन में जो डाइविंग टेंडर इस्तेमाल हुआ था, उसी का नाम था INS निस्तर. अब उसी विरासत को नया जीवन देकर भारत ने INS निस्तर को और आधुनिक रूप में तैयार किया है. INS निस्तर क्यों है खास?     INS निस्तर भारतीय नौसेना का पहला डेडिकेटेड डायविंग सपोर्ट वेसल (DSV) होगा, जिसे आपात स्थिति में किसी भी पनडुब्बी को बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.     यह जहाज करीब 80 फीसदी स्वदेशी तकनीक और सामग्री से बना है.     इसका वजन 9350 टन है और यह 120 मीटर लंबा है.     INS निस्तर में 200 से ज्यादा नौसैनिक तैनात रह सकते हैं और यह बिना बंदरगाह लौटे 60 दिन तक समंदर में ऑपरेशन कर सकता है.     इसमें डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हेकिल (DSRV) लगी है, जो समंदर में 650 मीटर गहराई तक जाकर किसी भी फंसी पनडुब्बी के सैनिकों को बचा सकती है.     इसमें हेलिकॉप्टर ऑपरेशन की सुविधा भी है, जिससे आपात स्थिति में राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा सकेगा.     अब तक भारतीय नौसेना को पनडुब्बी हादसों या रेस्क्यू मिशन में ONGC या निजी कंपनियों पर निर्भर रहना पड़ता था. लेकिन INS निस्तर और इसके जुड़वां जहाज INS निपुण के आने से भारत पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जाएगा.     INS निस्तर को पूर्वी तट यानी ईस्ट कोस्ट पर तैनात किया जाएगा, जबकि INS निपुण पश्चिमी तट यानी वेस्ट कोस्ट पर रहेगा. इससे किसी भी कोने में पनडुब्बी हादसे की स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सकेगी. पाकिस्तान और चीन को करारा जवाब पाकिस्तान के पास फिलहाल 5 ऑपरेशनल पनडुब्बियां हैं, लेकिन उसने चीन से 8 नई पनडुब्बियों का ऑर्डर दिया है. इनमें से चार कराची में और चार चीन में बन रही हैं. अनुमान है कि 2027 तक ये सब पाकिस्तानी नेवी में शामिल हो जाएंगी. वहीं, चीन लगातार हिंद महासागर में अपनी पनडुब्बियों की मौजूदगी बढ़ा रहा है. ऐसे में भारत के लिए सिर्फ अटैक क्षमता ही नहीं, बल्कि मजबूत रेस्क्यू और सपोर्ट सिस्टम भी जरूरी था. INS निस्तर और निपुण इस रणनीति को पूरा करेंगे. स्वदेशी निर्माण से आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम INS निस्तर का 80 फीसदी हिस्सा देश में ही तैयार हुआ है. यह मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान की ताकत दिखाता है. यह जहाज न सिर्फ भारतीय नौसेना की जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि जरूरत पड़ने पर मित्र देशों की पनडुब्बियों को भी बचा सकेगा. आज जब भारत की अंडरवॉटर ताकत तेजी से बढ़ रही है 17 … Read more

यश दयाल का जवाब आया सामने, रेप आरोपों पर किया सफाईभरा बयान

नई दिल्ली  रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के तेज गेंदबाज यश दयाल कथित महिला मित्र के द्वारा लगाए संगीन आरोप के बाद मुश्किल में फंस गए हैं। हालांकि, अब उन्होंने इन सभी चीजों के ऊपर अपनी चुप्पी तोड़ी है। गाजियाबाद की एक महिला ने उन पर शादी का झांसा देकर 'यौन शोषण' करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। बता दें कि यश दयाल पिछले सीजन के आईपीएल चैंपियन आरसीबी के लिए यश दयाल ने कमाल का खेल दिखाया था। आरसीबी को चैंपियन बनाने में यश दयाल की अहम भूमिका रही थी। ऐसे में अब इस स्टार खिलाड़ी ने अपने बचाव में पहली बार सफाई पेश की है। यश दयाल ने महिला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए प्रयागराज पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है। 27 साल के तेज गेंदबाज ने खुल्दाबाद पुलिस स्टेशन से महिला के खिलाफ मामला दर्ज करने की अपील की है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यश ने महिला पर एक आईफोन और एक लैपटॉप चोरी करने का आरोप लगाया है। यश दयाल ने भी दर्ज कराई शिकायत बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने प्रयागराज पुलिस को यह भी बताया कि वह 2021 में इंस्टाग्राम के जरिए महिला से परिचित हुए थे, जिसके बाद उन्होंने एक-दूसरे से बातचीत करना शुरू कर दिया। यश दयाल ने यह भी आरोप लगाया है कि महिला ने खुद और अपने परिवार के इलाज के बहाने उनसे लाखों रुपये उधार लिए जिसे चुकाने का वादा किया गया था, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने यह भी दावा किया है कि महिला ने उनसे बार-बार शॉपिंग के लिए पैसे उधार लिए। क्रिकेटर का कहना है कि उनके पास इन दावों का समर्थन करने के लिए सबूत हैं। यश दयाल ने यह भी कहा कि जब उन्हें पता चला कि महिला ने उनके खिलाफ गाजियाबाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है तो उन्होंने महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया। महिला के परिवार भी यश ने किया केस तीन पेज की शिकायत में यश दयाल ने महिला और उसके परिवार के दो सदस्यों के साथ-साथ कई अन्य लोगों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला द्वारा यश दयाल (27) के खिलाफ रविवार को इंदिरापुरम पुलिस स्टेशन में बीएनएस धारा 69 (धोखे से यौन संबंध बनाना, जिसमें शादी का झूठा वादा भी शामिल है) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। यह कार्रवाई तब की गई जब एक महिला ने 21 जून को आईजीआरएस माध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की, जिसमें आरोप लगाया गया कि क्रिकेटर जिसके साथ वह पांच साल से रिश्ते में थी उसने उसका शारीरिक शोषण किया।

जांजगीर चांपा में कुएं में पानी के ऊपर तैरती मिली सीलबंद सरकारी दवाइयां, पशु चिकित्सा विभाग का कारनामा

जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में पशु चिकित्सा विभाग ने बीमार पशुओं के लिए मिली सरकारी दवाइयों को कुएं में डाल दिया। यहां कुएं में बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवाइयां पानी के ऊपर तैरती मिली हैं। बताया जा रहा है कि शासन से मिली लाखों की दवाइयों को पशु पालकों को बांटने के बजाए कुएं में फेंक दिया गया है। माना जा रहा है कि यहां दवाई खरीदी में हुई गड़बड़ियों को छिपाने के लिए ऐसा किया गया है। हालांकि, अब मामला सामने आने पर अधिकारी जांच कराने का दावा कर रहे हैं। दरअसल, पशु पालकों की सुविधा और जानवरों के इलाज के लिए हर साल शासन करोड़ों रुपए खर्च करती है। पशुओं के लिए निशुल्क दवा वितरण की योजना भी है। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक राज्य शासन से दवाइयों की सप्लाई की जाती है। इसके अलावा जिला स्तर पर भी दवाइंयों की खरीदी की जाती है। ताकि, पशु पालकों के लिए दवाइयों की कमी न हो। बताया जा रहा है कि जिले में पशु चिकित्सा विभाग से मिली सरकारी दवाइयों के अलावा जिला स्तर पर बड़े पैमाने पर दवाइयों की खरीदी कर ली गई थी। इन दवाइयों का वितरण सरकारी अस्पतालों में किया जाना था। इनमें ऐसी दवाइयों की खरीदी कर ली गई, जिसका जिले में कोई उपयोग ही नहीं है। यही वजह है कि खरीदी के बाद दवाइयां कार्यालय में पड़ी रह गई और एक्सपायरी हो गई। पशु चिकित्सा विभाग के परिसर में है कुआं जिला मुख्यालय के कचहरी चौक में पशु चिकित्सा विभाग का दफ्तर है। यहां परिसर में ही कुआं है। आमतौर पर कुएं पर लोगों की नजर नहीं पड़ती। क्योंकि, अब लोग कुएं के पानी का इस्तेमाल नहीं करते। ऐसे में बारिश के बाद अचानक कुएं में पानी भरा तब उसमें से विभाग द्वारा सप्लाई की जाने वाली सरकारी दवाइयों का जखीरा तैरते मिला। बारिश का पानी ऊपर आने के बाद दवाइयां भी पानी के ऊपर आ गई।   कुएं को बनाया सरकारी दवाई खपाने का अड्डा विभाग के जानकारों का कहना है कि पशु चिकित्सा विभाग में इस तरह का खेल हर साल किया जाता है। अगर, कुएं की सही तरीके से तलाशी ली जाए तो वहां लाखों रुपए कीमती दवाइंया मिलेगी और अफसरों का कारनामा उजागर हो जाएगा। विभाग के अफसर कमीशन के चक्कर में मनमाने तरीके से दवाइयों की खरीदी करते हैं। साल भर तक दवाइयां कार्यालय में पड़ी-पड़ी एक्सपायर हो जाती हैं फिर नए सिरे से खरीदी करने के लिए इसे कुएं में डाल दिया जाता है।