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जबलपुर के भेड़ाघाट में पुल पानी में डूबा, आवागमन पूरी तरह से किया गया बंद, सुरक्षा के लिए मुनादी कराई गई

जबलपुर  बरगी बांध के चार गेट और खोल दिए गए हैं। मंगलवार शाम छह बजे खोले गए इन गेटों के बाद अब बरगी बांध के 17 गेटों से पानी छोड़ा जा रहा है। गेटों को 3.82 मीटर औसत ऊंचाई तक खोला गया है। बांध से पानी निकासी की मात्रा बढ़ाकर दो लाख 92 हजार 515 क्यूसेक कर दी गई है। कार्यपालन यंत्री बरगी बांध राजेश सिंह ने बताया कि कैचमेंट एरिया में हो रही भारी बारिश की वजह से बरगी बांध के लगातार बढ़ते जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए बांध से पानी निकासी की मात्रा बढ़ाने का निर्णय लिया गया। चार गेट और खोल दिए जाने से पानी निकासी की मात्रा एक लाख 78 हजार 23 क्यूसेक से बढ़ाकर 8283 क्यूमेक कर दी गई। इससे नर्मदा का जलस्तर वर्तमान स्तर से आठ से और दस फीट और बढ़ जाएगा। वहीं जलस्तर बढ़ने से सगड़ा से होते हुए लम्हेटाघाट से भेड़ाघाट को जोड़ने वाला ब्रिज डूब गया। इससे यहां से आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है। मुनादी कराई, सुरक्षित दूरी का आग्रह बांध के निचले क्षेत्र के रहवासियों से नर्मदा तट और घाटों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने के लिए मुनादी कराई गई है। ज्ञात हो कि बांध के जलस्तर को नियंत्रित करने सीजन में पहली बार रविवार को दोपहर 12 बजे कुल 21 में से नौ गेट खोले गए थे। सोमवार को चार और गेट खोल दिए गए। पानी की आवक और बढ़ जाने से मंगलवार शाम को चार गेट और खोले गए। इन जलद्वारों के अलावा बांध की दाईं तट नहर पर स्थित जल विद्युत उत्पादन संयंत्र के माध्यम से भी तीन हजार 320 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। मंगलवार शाम पांच बजे जलस्तर 419.50 मीटर रिकार्ड किया गया था। बांध में प्रति सेकंड दो लाख 84 हजार 392 क्यूसेक वर्षा जल प्रवेश कर रहा था। बांध का पूर्ण जलभराव स्तर 422.76 मीटर है। आपरेशनल मैन्युल के अनुसार 31 जुलाई तक जल स्तर 417.50 मीटर रखा जाता है।

Apple कंपनी ने भारतीय मूल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सबिह खान को COO बनाया

मुरादाबाद आईफोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी ऐपल में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। कंपनी ने भारतीय मूल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सबिह खान को चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) बनाया है। वह जेफ विलियम्स की जगह लेंगे जो लगभग 30 साल की सर्विस के बाद इसी साल रिटायर होने जा रहे हैं। विलियम्स अभी कुछ समय तक टिम कुक को रिपोर्ट करते रहेंगे। वह ऐपल की डिजाइन टीम और हेल्थ से जुड़े कामों को भी देखेंगे। सबिह खान का जन्म 1966 में उत्तर प्रदेश की पीतल नगरी मुरादाबाद में हुआ था। स्कूली दिनों में ही वह सिंगापुर चले गए थे। कुछ समय बाद ही वह अमेरिका चले गए। Tufts University से इकनॉमिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री लेने के बाद उन्होंने Rensselaer Polytechnic Institute (RPI) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री ली। ऐपल में आने से पहले सबिह खान जीई प्लास्टिक्स में काम करते थे। वहां वह एप्लिकेशन डेवलपमेंट इंजीनियर और टेक्निकल लीडर थे। सफलता की सीढ़ियां सबिह खान ने 1995 में ऐपल के प्रोक्योरमेंट ग्रुप को ज्वाइन किया था। धीरे-धीरे वह आगे बढ़ते गए और 2019 में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट बने। पिछले छह साल में उन्होंने ऐपल की ग्लोबल सप्लाई चेन को संभाला है। इसमें प्लानिंग, खरीदारी, मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स और प्रोडक्ट को पूरा करना शामिल है। सबिह खान ने ऐपल के सप्लायर रिस्पॉन्सिबिलिटी प्रोग्राम को भी देखा है। यह प्रोग्राम कर्मचारियों की सुरक्षा, शिक्षा और पर्यावरण की देखभाल पर ध्यान देता है। टिम कुक ने सबिह खान के बारे में कहा कि वह एक शानदार रणनीतिकार हैं। वह ऐपल की सप्लाई चेन के मुख्य आर्किटेक्ट रहे हैं। सबिह ने ऐपल की सप्लाई चेन को बनाने और मजबूत करने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने एडवांस मैन्युफैक्चरिंग में नई टेक्नोलॉजी को लाने में मदद की है। उन्होंने अमेरिका में ऐपल की मौजूदगी को बढ़ाया है। साथ ही, उन्होंने पर्यावरण के लक्ष्यों को भी आगे बढ़ाया है। ऐपल ने अपने कार्बन फुटप्रिंट को 60 प्रतिशत से ज्यादा कम कर दिया है। कुक ने क्या कहा कुक ने यह भी कहा, 'सबिह की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह दिल से और ईमानदारी से काम करते हैं। मुझे पता है कि वे एक बेहतरीन चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर बनेंगे।' सबिह खान ने ऐपल की ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग पहल को आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने सप्लायरों के साथ मिलकर पर्यावरण पर पड़ने वाले बुरे असर को कम करने के लिए काम किया है। उनकी वजह से ऐपल ग्लोबल चुनौतियों का सामना करने में सक्षम रहा है।  

आरएएस अधिकारी के सूने मकान में दिनदहाड़े चोरी, लाखो की ज्वैलरी पार

जोधपुर जोधपुर में आम ही नहीं अब खास भी चोरों की जद से नहीं बचे हैं पुलिस कमिश्नरेट में चोरो के हौसले इतने बुलंद है कि आम लोगो की बात ही छोड़िए प्रशासनिक अधिकारियों के मकान भी सुरक्षित नहीं रहे। भगत की कोठी थाना क्षेत्र के विजय नगर इलाके में स्थित आरएएस अधिकारी परमजीत सिंह के सूने मकान में दिनदहाड़े एक शातिर चोर ने चोरी की वारदात को अंजाम दिया देते हुए लाखो की ज्वैलरी पार कर ली। इस शातिर चोर ने सिर्फ सात मिनट तक रैकी की और महज पांच मिनट में करीब आठ लाख रुपये से अधिक मूल्य की सोने की ज्वैलरी और अन्य कीमती सामान चुरा लिया। पुलिस के अनुसार, आरएएस अधिकारी परमजीत सिंह वर्तमान में सलूम्बर में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं। घटना के समय वे ड्यूटी पर थे, उनकी पत्नी कामाश्री भी मथुरादास माथुर अस्पताल स्थित नर्सिंग कॉलेज में कार्यरत है और घटना के समय वह ड्यूटी पर थीं। मंगलवार को दोपहर करीब 12 बजे एक युवक उनके मकान के मुख्य गेट खोलकर मकान में घर मे दाखिल हुआ और भूतल के ताले तोड़कर अंदर घुसा। अलमारी से उसने सोने का नेकलेस व तीन छोटी कान की जोड़ियां चुरा लीं। घटना का खुलासा तब हुआ जब पहली मंजिल पर रहने वाले उनके भाई भरतसिंह को इस चोरी का पता चला। उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचना दी और मुकदमा दर्ज करवाया। घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों में आरोपी की पूरी हरकत कैद हुई है। वीडियो में युवक पहले सीढ़ियां चढ़कर ऊपर की मंजिल का दरवाजा चेक करता है और फिर नीचे लौट आता है। कुछ देर बाद दोबारा मकान में घुसकर चोरी की वारदात को अंजाम देता है। पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी की तलाश कर रही है।  

ग्राम हर्रई में डायरिया रोकथाम को लेकर जागरूकता अभियान, ग्रामीण रहे सक्रिय

एमसीबी/भरतपुर विकासखंड भरतपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत हर्रई में जल जीवन मिशन के अंतर्गत “स्टॉप डायरिया कैंपेन“ के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में डायरिया जैसी जानलेवा बीमारी की रोकथाम करना और लोगों को स्वच्छता, शुद्ध पेयजल एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम के दौरान विभागीय टीम ने ग्रामीणों को साफ-सफाई के महत्व, हाथ धोने की वैज्ञानिक विधि, स्वच्छ जल के नियमित उपयोग और खुले में शौच से बचने जैसे अहम बिंदुओं की विस्तार से जानकारी दी। उपस्थित लोगों को यह समझाया गया कि डायरिया जैसी बीमारियां गंदगी और असुरक्षित जल सेवन से होती है, जिन्हें केवल स्वच्छता और सतर्कता से रोका जा सकता है। इस अवसर पर ग्राम के पुरुष, महिलाएं और बच्चे बड़ी संख्या में मौजूद रहे और उन्होंने विभाग द्वारा दी जा रही जानकारी को गंभीरता से सुना और समझा।         अधिकारियों ने ग्रामीणों से अपील की कि वे इस जानकारी को अपने दैनिक जीवन में अपनाएं और अपने आस-पास के लोगों को भी जागरूक करें। इस पहल से न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सकता है, बल्कि पूरे समुदाय में बीमारियों के प्रसार को भी रोका जा सकता है। विभाग द्वारा दी गई यह जानकारी ग्रामीणों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई और पूरे कार्यक्रम में ग्रामीणों की सहभागिता उत्साहजनक रही, जिससे स्पष्ट है कि ग्रामीण समाज अब स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूकता की दिशा में सक्रियता से आगे बढ़ रहा हैं।

जनदर्शन में 20 आवेदन हुए प्राप्त, कलेक्टर ने गंभीरता से सुनी सभी नागरिकों की समस्याएं

जनदर्शन में 20 आवेदन हुए प्राप्त, कलेक्टर ने गंभीरता से सुनी सभी नागरिकों की समस्याएं हर शिकायत पर कलेक्टर की पैनी नजर, संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिए समयबद्ध कार्रवाई के निर्देश एमसीबी   कलेक्टर डी. राहुल वेंकट ने आज कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनदर्शन के माध्यम से आम नागरिकों की समस्याओं को सुना। जिले के ग्रामीण जन और नागरिकों ने जनदर्शन में अपनी छोटी-बड़ी समस्याओं को सीधे कलेक्टर के समक्ष रखा। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को प्राप्त सभी आवेदनों को प्राथमिकता के साथ शीघ्रता से समय-सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। जनदर्शन में कुल 20 आवेदन प्राप्त हुए। आवेदक पुष्पराज अहिरवार निवासी लरकोड़़ा भूमि हीन मजदूर को सहायता राशि दिलाने के संबंध में, देवकी गौतम निवासी मेडियारास नौकरी प्राप्त करते समय शपथ पत्र की अवहेलना किये जाने के संबंध में, समस्त नागरिकगण निवासी झगराखाण्ड कर्मचारियों को जबरन घर से समान सहित बाहर किये जाने के संबंध में, रमाशंकर मिश्रा नगर पालिका में उप अभियंता लगातार एक ही जगह में पदस्थ रहने के संबंध में एवं दिव्यांग बच्चों पर किये गये अत्याचार के खिलाफ शिकायत के संबंध में, दरियाप सिंह निवासी उजियारपुर आवास पूर्ण होने पर अंतिम राशि प्राप्त करने के संबंध में, अनीता निवासी सोनवर्षा जंगली जानवर के काटने से सहायता राशि न मिलने के संबंध में, प्रदीप केशरवानी निवासी खड़गवां भूमि के संबंध में, हरिकृष्ण कुमार निवासी उजियारपुर सामुदायिक शौचालय की भुगतान करने के संबंध में एवं 28 नग व्यक्तिगत शौचालय निर्माण की भुगतान करने के संबंध में, धर्मपाल सिंह निवासी भलौर गणित की शिक्षिका दो वर्ष से शासकीय हाई स्कूल में नहीं आ रही है। वैभव सोनी निवासी मनेन्द्रगढ़ भूमि के संबंध में, रोशन साहू लोक निर्माण के टाईम किपर द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किये जाने के संबंध में, कामता सिंह निवासी मुलुकनार भूमि के संबंध में, इन्द्र कुंवर निवासी बालशिव भमि के संबंध में, बाबूलाल निवासी  मसौरा नामांतरण रोके जाने के संबंध में, दृगपाल सिंह निवासी चरवाही फर्जी तरीके से निवास जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने के संबंध में, ध्रुव प्रसाद निवासी चिडौला गाली गलौज देने के संबंध में, तुलसीदास निवासी चिडौला भूमि के संबंध में, गीता निवासी भरतपुर भूमि के संबंध में, अपना शिकायत लेकर आये थे। कलेक्टर ने प्राप्त सभी आवेदनों को पूरी गंभीरता से सुनते हुए संबंधित विभागों को उचित कार्यवाही करते हुए त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए।

हूती विद्रोहियों का लाल सागर में आतंक जारी, हूती के हमले में ग्रीस का जहाज डूबा

सना  यमन के हूती चरमपंथियों ने लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों पर एक बार फिर से हमले शुरू कर दिए हैं। सोमवार को हूती चरमपंथियों के हमले में लाइबेरिया के झंडे वाले यूनानी कंपनी के जहाज इटरनिटी सी के चालक दल के चार सदस्य मारे गए। यूरोपीय संघ के एक नौसैनिक बल ने मंगलवार को जहाज पर नाविकों की मौत की पुष्टि की है। इसके अलावा समूह ने एक और जहाज पर कब्जा करने और उसे डुबोने का दावा किया है और उसका वीडियो भी शेयर किया है। इस साल जहाज पर हमले में किसी चालक दल के सदस्य की मौत का पहला मामला है। इसके पहले जहाज पर हमले में आखिरी बार जून 2024 में मौते हुई थीं। जहाज पर बम और ड्रोन से बोला गया हमला यह हमले संभावित रूप से लाल सागर के जलमार्ग को निशाना बनाने के एक नये अभियान का शुरुआती संकेत है, जिससे हाल के हफ्तों में अधिक जहाजों का गुजरना शुरू हो गया था। सोमवार रात को जब यह जहाज़ उत्तर दिशा में स्वेज नहर की ओर बढ़ रहा था, तभी छोटी नावों में सवार लोगों और बम से लैस ड्रोन से उस पर हमला किया गया। जहाज पर मौजूद सुरक्षा गार्ड ने भी अपने हथियारों से जवाबी हमला किया। यूरोपीय संघ के ऑपरेशन एस्पाइड्स और निजी सुरक्षा कंपनी एम्ब्रे ने इन विवरणों की जानकारी दी। हूतियों विद्रोहियों को हमले के लिए बताया जिम्मेदार हालांकि हूतियों ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन यमन की निर्वासित सरकार और यूरोपीय संघ के बल ने हमले के लिए विद्रोहियों को दोषी ठहराया है। यूरोपीय संघ के बल ने हताहतों की जानकारी देते हुए कहा कि हमले में घायल चालक दल के एक सदस्य को अपना पैर गंवाना पड़ा है। चालक दल के सदस्य जहाज पर ही फंसे हुए हैं, जो अब लाल सागर में बिना नियंत्रण के बह रहा है। हूतियों ने डुबोया जहाज हूतियों ने रविवार को लाइबेरियाई झंडे वाले, यूनान स्वामित्व वाले बल्क कैरियर ‘मैजिक सीज’ पर ड्रोन, मिसाइल, रॉकेट-चालित ग्रेनेड और छोटे हथियारों से हमला किया था। इस हमले की वजह से इसके चालक दल के 22 सदस्यों को जहाज़ छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था। विद्रोहियों ने बाद में कहा कि यह जहाज़ लाल सागर में डूब गया। एक वीडियो में हथियारबंद लोगों को जहाज पर चढ़ते और बाद में विस्फोट के बाद जहाज को डूबते दिखा गया है। दोनों हमलों और सोमवार को विद्रोहियों को निशाना बनाकर किए गए इजराइली हवाई हमले की वजह से जहाजों को हूती विद्रोहियों द्वारा निशाना बनाने का अभियान फिर से शुरू होने की आशंका उत्पन्न हो गई है। इससे अमेरिकी और पश्चिमी देशों की सेनाएं फिर से क्षेत्र में आ सकती हैं। खासकर तब जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने एक बड़े हवाई हमले में विद्रोहियों को निशाना बनाया है। यह हमला ऐसे समय हुआ है, जब इजराइल-हमास युद्ध, ईरान-इजराइल युद्ध और ईरानी परमाणु स्थलों पर अमेरिका के हवाई हमलों के बाद पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर है।  

सहायक कार्यकारी अधिकारी ए राजशेखर बाबू को चर्च की प्रार्थना में भाग लेने के कारण टीटीडी द्वारा निलंबित कर दिया गया

तिरुपति  तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने अपने एक अधिकारी ए. राजशेखर बाबू को चर्च में प्रार्थना करने के कारण निलंबित कर दिया है। TTD श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करता है। बयान में कहा गया कि अधिकारी को दूसरे धर्म का पालन करने के आरोप में निलंबित किया गया है। TTD के अनुसार, राजशेखर बाबू हर रविवार को अपने गृहनगर, पुत्तूर के एक चर्च में प्रार्थना करने जाते थे। यह बात TTD के ध्यान में आई, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। TTD ने एक बयान में कहा, 'यह TTD के नियमों का उल्लंघन है। एक कर्मचारी के रूप में उन्हें TTD की आचार संहिता का पालन करना चाहिए था। उन्होंने एक हिंदू धार्मिक संगठन के कर्मचारी के रूप में गैरजिम्मेदारी से काम किया है।' जांच और सबूतों के बाद हुआ सस्पेंशन बयान में आगे कहा गया है कि TTD सतर्कता विभाग की रिपोर्ट और अन्य सबूतों की जांच के बाद, नियमों के अनुसार उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है। उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। TTD ने पहले मामले की जांच की। फिर, नियमों के अनुसार, राजशेखर बाबू को निलंबित कर दिया गया। केवल हिंदू ही मंदिरों में कर सकते हैं काम फरवरी में, TTD ने 18 कर्मचारियों के खिलाफ गैर-हिंदू धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की थी। यह कार्रवाई TTD बोर्ड के नए अध्यक्ष बीआर नायडू की घोषणा के बाद की गई। नायडू ने कहा था कि मंदिर निकाय के संचालित संस्थानों में केवल हिंदुओं को ही काम करने का नियम है। इन कर्मचारियों में छह शिक्षक भी शामिल थे, जो TTD द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में काम करते थे। इन सभी पर गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था। छह अन्य कर्मचारियों पर चला डंडा इसके अलावा, एक उप कार्यकारी अधिकारी (कल्याण), एक सहायक कार्यकारी अधिकारी, एक सहायक तकनीकी अधिकारी (इलेक्ट्रिकल), एक छात्रावास कार्यकर्ता, दो इलेक्ट्रीशियन और दो नर्सों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई। TTD ने आदेश दिया था कि इन कर्मचारियों को तिरुमाला में, TTD के अधीन किसी भी मंदिर में या किसी भी धार्मिक कार्यक्रम से संबंधित काम के लिए तैनात नहीं किया जाना चाहिए। यह भी निर्णय लिया गया कि यदि वे ऐसी जगहों पर काम कर रहे हैं, तो उन्हें तुरंत स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए। TTD ने यह सुनिश्चित किया कि इन कर्मचारियों को मंदिर से जुड़े किसी भी काम में शामिल न किया जाए। इस नियम के तहत एक्शन इन 18 कर्मचारियों को TTD के धार्मिक कार्यों में भाग लेने से रोक दिया गया था। उन्हें TTD के किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मना किया गया था। TTD चाहता था कि ये कर्मचारी मंदिर के किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा न लें। इन कर्मचारियों ने भगवान वेंकटेश्वर के सामने शपथ ली थी कि वे केवल हिंदू धर्म और हिंदू परंपराओं का पालन करेंगे। यह शपथ राजस्व विभाग (Endowments) के GO No 1060 में जारी नियम 9 (vi) के अनुसार थी, जो 24 अक्टूबर, 1989 को जारी किया गया था। इसके बावजूद, वे गैर-हिंदू धार्मिक परंपराओं का पालन कर रहे थे। इसका मतलब है कि उन्होंने मंदिर के नियमों को तोड़ा था।  

केरल की निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को यमन की जेल में दी जाएगी फांसी, जाने नर्स कैसे पहुंचीं हूतियों की जेल में, जानें किसकी हत्या में मिली सजा-ए-मौत

सना यमन के एक नागरिक तलाल अब्दो मेहदी की हत्या में दोषी करार दी गईं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जाएगी। यहमन में सरकारी अधिकारियों और तलाल के परिवार के साथ बातचीत में शामिल एक सामाजिक कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम बास्करन ने बताया है कि निमिषा की फांसी की तारीख मुकर्रर कर दी गई है। क्या अब भी है बिचने का रास्ता? जेरोम ने कहा कि जेल के अधिकारियों ने उन्हें फांसी की तारीख बताई है। कि निमिषा पर जिस शख्स की हत्या का आरोप है उसके परिवार से अब भी बातचीत चल रही है, हालांकि कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। यमन के उस परिवार को 10 लाख डॉलर की पेशकश की गई थी। यह रकम चुकाने के लिए स्पॉन्सर्स से मदद ली जा रही है। सूत्रों का यह भी कहना है कि निमिषा की जान बचाने के लिए भारत सरकार भी दखल दे सकती है। कहां रहता है निमिषा का परिवार निमिषा केरल के पलक्कड़ की रहने वाली हैं। उनकी मां का नाम प्रेमा कुमारी है और वह किसी के घर में नौकरी करती हैं। पिछले साल वह यमन में ही थीं। निमिषा कई साल तक यमन में नर्स की नौकरी करती थीं। 2017 में उनपर यमनी नागरिक की हत्या के आरोप लगे। यमन में मृतक तलाल के ही सहयोग से निमिषा क्लीनिक चलाती थीं। रिपोर्ट में बताया गया कि मानसिक और शारीरिक शोषण से तंग आकर उन्होंने तलाल की हत्या कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखी थी मौत की सजा यमन की निचली अदालत ने पहले निमिषा प्रिया को मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। यमन के राष्ट्रपति राशद अल आलिमी ने भी निमिषा की सजा पर मुहर लगा दी। निमिषा की सजा माफ होने का एक ही रास्ता था। अगर तलाल का परिवार पैसे के बदले उन्हें रिहा करने पर राजी हो जाता तब निमिषा की फांसी रुक सकती थी। निमिषा प्रिया 2011 में नर्स के रूप में काम करने के लिए केरल के पलक्कड़ से यमन की राजधानी सना आई थीं। वह अपने परिवार के साथ गई थीं लेकिन साल 2014 में उनके पति और बेटी भारत लौट गए। इसी साल विद्रोही समूह हूती ने सना पर कब्जा कर लिया। यमन में गृहयुद्ध के चलते निमिषा भारत नहीं लौट सकीं और उनके पति और बच्चा यमन नहीं जा सके। निमिषा ने तलाल के साथ खोला क्लीनिक निमिषा ने कई अस्पतालों में नर्स का काम करने के बाद यमन में ही अपना क्लीनिक खोल लिया। इसमें प्रिया के साथ यमन के नागरिक तलाल महदी उनके साझीदार थे। हालांकि जल्दी ही निमिषा और तलाल के बीच अनबन होने लगी। दोनों के बीच तल्खी इतनी बढ़ी कि तलाल ने निमिषा के साथ मारपीट शुरू कर दी। साल 2016 में निमिषा ने तलाल पर मारपीट और शोषण का आरोप लगाते हुए पुलिस रिपोर्ट की और तलाल गिरफ्तार हो गया। तलाल ने 2017 में जेल से बाहर आने पर फिर से निमिषा को फिर परेशान करना शुरू कर दिया। यहां तक कि निमिषा का पासपोर्ट भी तलाल ने रख लिया और उनको परेशान करने लगा। आरोप है कि अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए निमिषा ने तलाल को नशीला इंजेक्शन लगाया लेकिन इसकी ओवरडोज से तलाल की मौत हो गई। पानी के टैंक में डाल दी बॉडी तलाल की मौत के मामले की जांच करते हुए अगस्त, 2017 में पुलिस ने निमिषा और उनके साथी अब्दुल हन्नान को गिरफ्तार किया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान कोर्ट में बताया गया कि तलाल की मौत के बाद निमिषा ने अपने दोस्त अब्दुल हनान की मदद से उसकी बॉडी के टुकड़े कर दिए और पानी के टैंक में डिस्पोज कर दिया। पुलिस की जांच और पेश किए गए सबूतों को अदालत ने ठीक माना। यमनी अदालत ने साल 2018 में प्रिया को हत्या का दोषी ठहराया और 2020 में मौत की सजा सुनाई। अब्दुल हनान को उम्रकैद की सजा सुनाई। यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में प्रिया की सजा को बरकरार रखा। इसके बाद 2024 में राष्ट्रपति ने निमिषा की सजा को बरकरार रखा। ब्लड मनी देने की कोशिश नाकाम निमिषा प्रिया को मौत की सजा के बाद उनके परिवार ने लगातार कई कोशिशें की हैं। निमिषा की मां मां प्रेमा कुमारी ने पीड़ित परिवार के साथ ब्लड मनी पर बातचीत करने की कोशिश की तो भारत सरकार से भी गुहार लगाई। महदी के परिवार से ब्लड मनी बातचीत सफल नहीं हो सकी तो दूसरी ओर यमनी राष्ट्रपति ने भी सजा माफी की अपील खारिज कर दी। हूतियों के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध ना होने और यमन में लगातार जारी गृहयुद्ध ने भारतीय अधिकारियों के लिए भी सना में संपर्क साधना मुश्किल किया। इससे प्रिया को फांसी से बचने के सभी रास्ते एक के बाद बंद होते चले गए। बीते आठ साल से जेल में बंद निमिषा की फांसी की तारीख अब आ गई है। निमिषा को 16 जुलाई को फांसी दी जानी है।

बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी सौगात, कंपनियों में 50 हजार से अधिक नए स्थायी पद मिलेंगे

भोपाल   बिजली कंपनियों में 50 हजार से अधिक नए स्थायी पद मिलेंगे। मध्य, पूर्व और पश्चिम क्षेत्र की बिजली वितरण कंपनियों में कर्मचारी-अधिकारियों की भर्ती होगी। इसका फायदा 1.78 करोड़ उपभोक्ताओं को मिलेगा। दावा है, बिजली गुल होने या बिल में गड़बड़ी जैसी शिकायतों पर कम समय में सुनवाई होगी। अभी तीनों कंपनियां कर्मचारियों की कमी झेल रही है। इसका असर उपभोक्ता सेवा पर पड़ रहा है। समय पर सुनवाई नहीं होती। बार-बार टोल फ्री नंबरों पर गुहार लगानी पड़ती है। 14 साल बाद… सब ठीक रहा तो मोहन सरकार बुधवार को होने वाली कैबिनेट में ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर (ओएस) के प्रस्ताव को स्वीकृत कर दे सकती है। ऐसा हुआ तो कंपनियों को 14 साल बाद नए पद मिलेंगे। इससे पहले 2011 में 48 हजार पदों को स्वीकृति दी थी। तब 91 लाख उपभोक्ता थे। ऊर्जा मंत्री ने रखी बात तो मुख्यमंत्री दे दी सहमति कंपनियों में पुराने अधिकारी-कर्मचारी रिटायर्ड हो रहे हैं। ऐसे में नियमित कर्मचारियों की कमी है। जिस अनुपात में उपभोक्ता बढ़े, पद स्वीकृत नहीं हुए। 75त्न काम आउटसोर्स कर्मचारियों के भरोसे है। सूत्र बताते हैं, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इन विषयों को अफसरों के साथ सीएम डॉ. मोहन यादव के सामने रखा था। इसे देखते हुए उन्होंने ओएस के प्रस्ताव को कैबिनेट में लाने पर सहमति दे दी थी। ये प्रस्ताव भी आएंगे कैबिनेट के सामने     जल संसाधन विभाग के अंतर्गत कृषि सिंचाई जलकर की ब्याज माफी के प्रस्ताव पर चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा।     ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की साधिकार समिति की 63वीं बैठक में लिए गए निर्णयों का प्रजेंटेशन कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।     वन विभाग की प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि (कैम्पा फंड) की वार्षिक कार्ययोजना को भी मंजूरी दी जाएगी।     प्राइस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की खरीदी के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली सिक्योरिटी, हानि की प्रतिपूर्ति और रबी सीजन 2024-25 में टारगेट से अधिक की गई खरीदी को स्वीकृति देने पर भी विचार होगा। नियमों और विधेयकों में संशोधन पर भी चर्चा     भारतीय स्टांप अधिनियम 1899 के अनुच्छेद 1क के तहत भारतीय स्टांप (मध्यप्रदेश संशोधन) विधेयक 2025 को कैबिनेट मंजूरी देगी।     स्थानीय निधि संपरीक्षा (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम 1991 में संशोधन को भी मंजूरी दी जाएगी। आंगनबाड़ी केंद्रों को लेकर हो सकता है फैसला     महिला और बाल विकास विभाग के अंतर्गत धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत 66 नए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना की स्वीकृति दी जाएगी।     इन केंद्रों के लिए पदों की स्वीकृति और आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण का प्रस्ताव भी मंजूरी के लिए रखा जाएगा।

ED ने छांगुर बाबा के अवैध धर्मांतरण मामले में FIR दर्ज, होगी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच

बलरामपुर  बलरामपुर से धर्मांतरण का रैकेट चलाने वाला जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पुलिस की गिरफ्त में है. उसके खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन जारी है. बीते दिन उसकी अवैध आलीशान कोठी पर बुलडोजर चला. अब प्रवर्तन निदेशालय यानी ED भी छांगुर बाबा पर शिकंजा कसने की तैयारी में है.    दरअसल, ED ने जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के अवैध धर्मांतरण मामले में FIR दर्ज की है. ED धर्मांतरण केस में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करेगी. ED की लखनऊ यूनिट ने देर शाम केस दर्ज किया है. बहुत जल्द ED इस केस से जुड़े आरोपियों से पूछताछ करेगी. धर्मांतरण के विदेशी कनेक्शन और मनी ट्रेल की भी जांच की जाएगी.  मालूम हो कि छांगुर बाबा से जुड़े मामले में अब 100 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग की बात सामने आई है. जिसके बाद केस में ED की एंट्री हुई. धर्मांतरण केस में छांगुर एंड कंपनी को कहां-कहां से और कैसे-कैसे फंडिंग हुई, इसकी जांच ED करेगी.  गौरतलब है कि बीते दिनों यूपी सहित दूसरे राज्यों में फैले अवैध धर्मांतरण रैकेट का खुलासा हुआ. इस रैकेट का मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा है, जिसे यूपी एसटीएफ ने महिला साथी के साथ गिरफ्तार किया है. जांच में पता चला है कि यह रैकेट जाति के आधार पर धर्म बदलवाने के लिए रेट फिक्स करता था. इतना ही नहीं नाबालिगों और प्रेम जाल में फंसाकर भी लोगों का धर्मांतरण कराया गया. कुछ पीड़ित सामने आकर अपनी आपबीती बयां कर चुके हैं.  हाल ही में लखनऊ में 12 लोगों ने इस्लाम धर्म से हिंदू धर्म में वापसी की थी. इनमें कुछ लोगों ने आरोप लगाया था कि बलरामपुर के रहने वाले जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने पैसों का लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कराया. तब से ही छांगुर बाबा यूपी ATS और STF की जांच के दायरे में आ गया था. लखनऊ के ही एक होटल से छांगुर बाबा को गिरफ्तार किया गया. सीएम योगी आदित्यनाथ का कड़ा संदेश इस कार्रवाई के दौरान में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कड़ा संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में शांति, सौहार्द और महिलाओं की सुरक्षा को भंग करने वालों के लिए कोई स्थान नहीं है। मतांतरण कराने और विदेशी फंडिंग के मामले में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने जलालुद्दीन, नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन और इसकी पत्नी नीतू नवीन रोहरा उर्फ नसरीन समेत अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इनकी गिरफ्तारी के बाद जिला प्रशासन ने अतिक्रमण कर बनाई गई कोठी को गिराने की प्रक्रिया शुरू की। सोमवार देर शाम तहसीलदार सत्यपाल प्रजापति और कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अवधेश राज सिंह मय फोर्स जाकर कोठी पर तीन नोटिस चस्पा की। तीनों पर अलग-अलग तिथियां अंकित हैं। नीतू के नाम से जारी नोटिस में कहा गया है कि गाटा संख्या 337/370 के संपूर्ण रकबा 0.0060 हेक्टेयर से अतिक्रमण की गई जमीन सात दिन में स्वयं खाली कर लें। अन्यथा इस अतिक्रमण को नियमानुसार बलपूर्वक हटवा दिया जाएगा। यह आदेश न्यायालय तहसीलदार उतरौला न्यायिक ने 15 मई, 2025 को दिया था। इसी आदेश के अनुपालन में 17 व 26 मई और छह जून, 2025 की तिथि में जारी नोटिस को कोठी की दीवार पर एक ही दिन में चस्पा की गई। जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने बताया कि सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाए गए भवन को गिराने की कार्रवाई की जा रही है। जलालुद्दीन व उसके करीबियों की अन्य संपत्तियों की जांच जारी है। अवैध मतांतरण कराने का गरोह चलाने वाले आरोपित जलालुद्दीन के विरुद्ध कार्रवाई के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बहन-बेटियों की गरिमा और सुरक्षा के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपित जलालुद्दीन की गतिविधियां समाज विरोधी ही नहीं, बल्कि राष्ट्र विरोधी भी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार कानून-व्यवस्था को लेकर किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतेगी। आरोपित और उसके गिरोह से जुड़े सभी अपराधियों की संपत्तियां जब्त की जाएंगी और उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। राज्य में शांति, सौहार्द और महिलाओं की सुरक्षा को भंग करने वालों के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्हें कानून के अनुसार ऐसी सजा दी जाएगी, जो समाज के लिए एक उदाहरण बने।