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सड़क निर्माण में अब नहीं चलेगा समझौता, गुणवत्ता के लिए कड़े कदम : मंत्री सिंह

सड़कों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए ठोस प्रयास : लोक निर्माण मंत्री सिंह भोपाल  लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने विभागीय कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु उठाए जा रहे प्रभावी कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि “लोक निर्माण से लोक कल्याण” की अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए विभाग तकनीकी नवाचार, पारदर्शी निरीक्षण प्रणाली और सख्त गुणवत्ता मानकों को अपनाते हुए कार्य कर रहा है। मंत्री सिंह ने कहा कि इंदौर के पोलोग्राउंड क्षेत्र में निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का कार्य पूर्णतः स्वीकृत तकनीकी डिज़ाइन और मानकों के अनुरूप प्रगति पर है। यह ओवरब्रिज रेलवे और लोक निर्माण विभाग द्वारा संयुक्त सर्वेक्षण और डिज़ाइन प्रक्रिया के माध्यम से तैयार किया गया है। वर्तमान में निर्माणाधीन इस आरओबी की लंबाई 1027.60 मीटर और चौड़ाई 12.00 मीटर निर्धारित की गई है। इसका डिज़ाइन तीन दिशाओं में यातायात सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। पोलोग्राउंड, लक्ष्मीबाई स्टेशन और भागीरथपुरा की ओर जाने वाली तीन भुजाएँ इसमें सम्मिलित हैं। मंत्री सिंह ने बताया कि ओवरब्रिज में कुल पाँच टर्न (वक्र) हैं, जिनका निर्माण भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC) के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है। आईआरसी मानकों के अनुसार कर्व का न्यूनतम रेडियस 15 मीटर होता है, जबकि इस आरओबी के सभी टर्न का रेडियस लगभग 20 मीटर है, जिससे यह डिज़ाइन और संरचनात्मक दृष्टि से पूरी तरह संतुलित और सुरक्षित है। निर्माण कार्य के सभी आयाम — जैसे कि रेडियस ऑफ कर्वेचर, डिज़ाइन स्पीड और सुपर एलीवेशन — को मानकों के अनुरूप सुनिश्चित किया गया है। यह आरओबी इंदौर शहर के तीन प्रमुख क्षेत्रों को यातायात की निर्बाधता और सुविधा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। निर्माण स्थल की स्थिति और डिज़ाइन ड्रॉइंग का तुलनात्मक अवलोकन इस बात की पुष्टि करता है कि कार्य स्वीकृत तकनीकी योजनाओं के अनुसार ही किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग नागरिकों की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कार्यों को पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ पूरा कर रहा है। मंत्री सिंह ने कहा कि गड्ढे रहित सड़कें संधारण विभाग की प्राथमिकता हैं, परंतु अत्यधिक वर्षा और ट्रैफिक लोड के कारण कभी-कभी सड़कों की क्षति होती है। इनके सुधार कार्य के लिये विभाग तकनीकी प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार कर रहा है, जिससे अभियंता नवाचारों और आधुनिक तकनीकों से अपडेट रह सकें। लोकपथ मोबाईल ऐप पर प्राप्त होने वाली शिकायतों के निराकरण हेतु 7 दिवस की समय-सीमा को कम करने पर भी विचार किया जा रहा है। मानसून के दौरान सड्कों की मरम्मत के लिये आधुनिक मशीनों से पेच रिपेयर की व्यवस्था प्रारंभ की गई है। उन्होने बताया कि अभी हाल ही मे 8 से 10 जून के बीच विभाग के 1500 से अधिक इंजीनियरों को एक अभियान के रूप में सड्कों के निरीक्षण के लिये भेजा गया था और 20 जून तक सभी मरम्मत कार्य पूर्ण करने के लिये निर्देशित किया गया था। मंत्री सिंह ने यह कहा कि सड़कों की एक उम्र होती है, यदि इससे पहले सड़क खराब होती है तो यह जाँच का विषय है और दोषियों पर कार्यवाही होगी। कई मामलों में सडकों पर यातायात दवाब और वाहनों के बोझ पर भी क्षति का होना निर्भर करता है। मंत्री सिंह ने बताया कि प्रदेश की सभी 13 मण्डल स्तरीय प्रयोगशालाओं को अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित कर दिया गया है, जिससे निर्माण सामग्री की जांच अब और अधिक सटीक और प्रभावी हो सकेगी। प्रत्येक जिले में मोबाइल प्रयोगशालाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रथम चरण में 13 मण्डलों के लिए निविदा जारी कर दी गई है, जिससे निर्माण स्थलों पर त्वरित जांच और सुधार की प्रक्रिया सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने बताया कि गुणवत्ता नियंत्रण को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए तेलंगाना और गुजरात की तर्ज पर एक स्वतंत्र गुणवत्ता नियंत्रण इकाई की स्थापना कर दी गई है, जो केवल गुणवत्ता निगरानी के लिए समर्पित होगी। सड़क निर्माण में प्रयुक्त डामर की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भी एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसके अंतर्गत डामर केवल सार्वजनिक उपक्रम रिफाइनरियों – इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम से ही खरीदा जाएगा। इसके परिवहन हेतु जीपीएस आधारित ई-लॉकिंग सिस्टम से युक्त टैंकरों का उपयोग किया जाएगा, जिन्हें निर्माण स्थल पर केवल विभागीय अभियंता ओटीपी के माध्यम से खोल सकेंगे। औचक निरीक्षण की पारदर्शी और तकनीकी प्रणाली के बारे में जानकारी देते हुए मंत्री सिंह ने बताया कि विभाग ने एक सॉफ्टवेयर आधारित प्रणाली विकसित की है, जिसमें निरीक्षण स्थल, दल और सैंपल का चयन पूरी तरह रैंडम तरीके से होता है। संग्रहीत सैंपल को गोपनीय कोड के साथ प्रयोगशालाओं में भेजा जाता है और रिपोर्ट सीधे सॉफ्टवेयर पर अपलोड की जाती है। इसके बाद अगले ही दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कर आवश्यक होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक माह की 5 और 20 तारीख को नियमित रूप से यह औचक निरीक्षण किया जा रहा है। विगत 5 माह में 70 चरणों में 348 निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया गया है, जिनमें गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर 21 ठेकेदारों, 14 अधिकारियों और 4 कंसल्टेंट्स पर कार्यवाही की गई है। मंत्री सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा विकसित ‘लोकपथ ऐप’ की सफलता इसकी जनभागीदारी और पारदर्शी शिकायत निवारण प्रणाली का प्रमाण है। ऐप पर प्राप्त शिकायतों की मॉनिटरिंग और श्रेणीकरण प्रणाली को और अधिक सटीक और जिम्मेदार बनाया जा रहा है, जिससे वास्तविक शिकायतों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर गुणवत्ता में कमी पर सख्त कार्रवाई की जा रही है, वहीं दूसरी ओर उत्कृष्ट कार्य करने वाले ठेकेदारों और अभियंताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जा रहा है, जिससे विभाग में गुणवत्तापूर्ण कार्य हेतु सकारात्मक प्रतिस्पर्धा का वातावरण तैयार हो रहा है। मंत्री सिंह ने कहा कि पर्यावरण-संरक्षण की दिशा में विभाग द्वारा ‘लोक कल्याण सरोवर’ और रिचार्ज बोर जैसी योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। सड़क निर्माण से निकलने वाली मिट्टी से 500 स्थायी जल स्रोतों का निर्माण अंतिम चरण में है, जिन्हें जियो टैग और सूचना पटल के माध्यम से चिन्हित किया जाएगा। इनकी निगरानी भी रैंडम निरीक्षण प्रणाली से की जाएगी। मंत्री सिंह ने कहा, “लोक निर्माण विभाग केवल सड़क और भवन नहीं बनाता, … Read more

सावन के पहले सोमवार पर पंचक का असर कैसे करें भगवान शिव की पूजा

5 दिन बाद पंचक लगने वाले हैं. जुलाई के महीने में पंचक सावन माह में लगेंगे. साल 2025 साल माह में सावन के पहले सोमवार पर पंचक का साया होगा. पंचक हर महीने पड़ने वाले वो 5 दिन होते हैं जिनको हिंदू धर्म में शुभ नहीं माना जाता. हिंदू धर्म में हर काम को शुरू करने से शुभ या अशुभ मुहूर्त देखा जाता है. इसीलिए पंचक वो पांच दिन होते हैं जिनमें शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते. पंचक के दौरान कई कार्यों को करने की मनाही होती है. इस दौरान इन सभी बातों का विशेष रूप से ख्याल रखना जरूरी होता है. इस बार सावन के पहले सोमवार पर पंचक का साया रहेगा. इस बार जुलाई माह में पंचक 13 जुलाई से शुरू होकर 17 जुलाई तक रहेंगे. साल 2025 में जुलाई माह में पंचक की शुरूआत रविवार के दिन से हो रही है. इसीलिए इसको रोग पंचक कहेंगे. इस दौरान शारीरिक और मानसिक कष्टों का सामना करना पड़ता है. दक्षिण दिशा की ओर यात्रा ना करें. पंचक के दौरान चारपाई बनवाना अशुभ होता है. जुलाई 2025 में पंचक कब?     जुलाई माह में पंचक 13 जुलाई 2025, रविवार को शाम 6.53 मिनट पर शुरू होंगे.     पंचक 17 जुलाई गुरुवार को रात 3.39 मिनट पर समाप्त होंगे. सावन के सोमवार पर अगर पंचक हो तो कैसे करें पूजा? सावन के सोमवार पर अगर पंचक का साया हो तो भी भगवान शिव की पूजा की जा सकती है.सावन के सोमवार पर पंचक होने पर भी आप भगवान शिव की पूजा श्रद्धा और भक्ति के साथ कर सकते हैं. पंचक को अशुभ माना जाता है, लेकिन भगवान शिव ‘काल’ के भी ‘काल’ हैं, इसलिए पंचक में शिव जी की आराधना की जाती है. इस दौरान सामान्य विधि से पूजा कर सकते हैं.

गुरु पूर्णिमा महोत्सव की शोभा बढ़ाएंगे मुख्यमंत्री डॉ. यादव, 10 जुलाई को भोपाल में रहेंगे मौजूद

मुख्यमंत्री डॉ. यादव 10 जुलाई को भोपाल में गुरु पूर्णिमा महोत्सव में होंगे शामिल डॉ. यादव आज 10 जुलाई को भोपाल में मनाएंगे गुरु पूर्णिमा, महोत्सव में लेंगे भाग गुरु पूर्णिमा महोत्सव की शोभा बढ़ाएंगे मुख्यमंत्री डॉ. यादव, 10 जुलाई को भोपाल में रहेंगे मौजूद कमला नेहरू सांदीपनि कन्या विद्यालय में होगा कार्यक्रम भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 10 जुलाई को भोपाल में गुरु पूर्णिमा महोत्सव में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम तात्या टोपे नगर के कमला नेहरू सांदीपनि कन्या विद्यालय में दोपहर 12:30 बजे से होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव इस मौके पर कमला नेहरू सांदीपनि कन्या विद्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण करेंगे और विद्यार्थियों को नि:शुल्क साइकिल वितरण का शुभारंभ करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह करेंगे। इस मौके पर खेल एवं युवा कल्याण, सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य कुमार काश्यप, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती कृष्णा गौर, सांसद आलोक शर्मा, महापौर श्रीमती मालती राय, विधायक सर्वरामेश्वर शर्मा, विष्णु खत्री और भगवान दास सबनानी उपस्थित रहेंगे। नि:शुल्क साइकिल वितरण प्रदेश में इस वर्ष 2025-26 में नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना में करीब 4 लाख 30 हजार पात्र विद्यार्थियों को नि:शुल्क साइकिल वितरित की जायेंगी। इस योजना में 195 करोड़ रुपये की राशि व्यय होगी। सांदीपनि विद्यालय के नव-निर्मित भवन का लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ. यादव शासकीय कमला नेहरू सांदीपनि विद्यालय के सर्व-सुविधायुक्त भवन का लोकार्पण करेंगे। यह भवन 36 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है। भवन में सर्व-सुविधायुक्त प्रयोगशालाएँ, लायब्रेरी तथा ऑडिटोरियम निर्मित हैं। इसके अलावा उत्कृष्ट शिक्षा के लिये स्माल डिजिटल कक्षाएँ, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये नि:शुल्क कोचिंग, कॅरियर काउंसिलिंग और इण्डोर-आउटडोर खेल की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। विद्यालय के आसपास के 10 किलोमीटर दूरी से आने वाले बच्चों के लिये नि:शुल्क परिवहन की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है। प्रदेश में दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश के समस्त विद्यालयों में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। कार्यक्रम के दौरान छात्रों को प्रार्थना सभा के दौरान गुरु पूर्णिमा के महत्व एवं पारम्परिक गुरु-शिष्य संस्कृति पर जानकारी दी जा रही है। विद्यार्थियों को प्राचीन काल में प्रचलित गुरुकुल व्यवस्था एवं उसका भारतीय संस्कृति में प्रभाव विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी हैं। गुरु पूर्णिमा के दूसरे दिन माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा गुरुओं के महत्व पर व्याख्यान और गुरुजनों एवं शिक्षकों के सम्मान के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।  

दिल्ली-NCR में तेज भूकंप के झटके, मेट्रो पर भी लग गया था ब्रेक, घरों से बाहर निकले लोग

झज्जर/नई दिल्ली दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार सुबह बारिश के बीच भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके करीब 10 सेकंड तक महसूस किए गए. भूकंप के झटके सुबह 9.04 बजे महसूस किए गए. ये झटके दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, हिसार और सोनीपत में भी महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र हरियाणा का झज्जर बताया जा रहा है. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.4 रही. भूकंप के झटकों से डरकर लोग घरों और दफ्तरों से निकलकर बाहर भागे. दिल्ली पुलिस ने बताया कि आज सुबह दिल्ली-एनसीआर में आए भूकंप में अभी तक किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है. हम सभी दिल्लीवासियों की कुशलता की कामना करते हैं. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट कर सभी के सुरक्षित होने की उम्मीद की. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि भूकंप के बाद सभी सुरक्षित होंगे. सभी के लिए प्रार्थना कर रहा हूं. बता दें कि धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं. एक-दूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे ही भूकंप कहते हैं. भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं. जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं. रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है. भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपिसेंटर से नापा जाता है. यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है. 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है. 9 यानी सबसे ज्यादा. बेहद भयावह और तबाही वाली लहर. ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं. अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है. झज्जर था भूकंप का केंद्र, 4.4 दर्ज की गई तीव्रता दिल्ली-NCR में सुबह-सुबह तेज भूकंप के झटके महसूस हुए हैं, जिसके बाद लोग अपने घरों और ऑफिस से बाहर निकल आए. बताया जा रहा है कि भूकंप के झटके दिल्ली, यूपी और हरियाणा के कई इलाकों में महसूस हुए हैं. बताया जा रहा है कि हरियाणा का झज्जर इस भूकंप का एपिक सेंटर था. वहीं, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.4 मापी गई है.  नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप के झटके सुबह 9:04 पर महसूस किए गए. ये झटके दिल्ली-एनसीआर, गाजियाबाद, नोएडा, जयपुर समेत हरियाणा के कई इलाकों में महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र झज्जर में था और लगभग 10 सेकंड के भूकंप से धरती हिलती रही. 4.4 रही तीव्रता रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.4 रही. भूकंप के झटकों से डरकर लोग घरों और दफ्तरों से निकलकर बाहर भागे. ये भूकंप के झटके हरियाणा के फरीदाबाद, जींद और गुरुग्राम समेत कई शहरों में महसूस हुए.  सिस्मिक जोन 4 में आता है दिल्ली-NCR दिल्ली-NCR सिस्मिक जोन 4 में आता है जो भूकंप की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील है. हाल के सालों में इस क्षेत्र में कई बार 4.0 से अधिक तीव्रता के भूकंप दर्ज किए गए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल, विशेष रूप से इंडो-ऑस्ट्रेलियन और यूरेशियन प्लेट्स के टकराव के कारण भूकंप आते हैं. NDRF ने जारी किए दिशा-निर्देश वहीं, भूकंप के बाद राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) ने भूकंप के दौरान अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपयोगी दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इन दिशा-निर्देशों को तीन चरणों में बांटा गया है, जिसमें भूकंप से पहले, भूकंप के दौरान और भूकंप के बाद क्या-क्या करना चाहिए. मेट्रो ट्रेन में क्यों लग गया था ब्रेक रिक्टर स्केल पर 4.4 की तीव्रता वाले इस भूकंप का असर इतना था कि दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो की रफ्तार पर भी ब्रेक लग गया। एहतियात के तौर पर मेट्रो ट्रेनों को कुछ मिनटों के लिए रोक दिया गया। भूकंप की वजह से ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग काफी दहशत में आ गए। हरियाणा में झज्जर के के पास सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर 4.4 तीव्रता का भूकंप आया। इसके झटके दिल्ली-एनसीआर में भी महसूस किए गए। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक पहले से निर्धारित एसओपी के तहत भूकंप की वजह से दिल्ली मेट्रो के पहिये भी थम गए। मेट्रो ट्रेनों को 2-3 मिनट के लिए रोक दिया गया। हालांकि कुछ मिनटों बाद ही स्थिति पूरी तरह सामान्य हो गई। अरशद नाम के एक यात्री ने कहा कि मेट्रो ट्रेन में होने की वजह से उन्हें भूकंप का अहसास नहीं हुआ। लेकिन मेट्रो को कुछ मिनटों के लिए रोक दिया गया था। 9 बजकर 4-5 मिनट पर ट्रेन को रोक दिया गया था। यात्रियों को बाद में पता चला कि भूकंप आने की वजह से ट्रेनों को रोका गया था। दिल्ली-एनसीआर की ऊंची इमारतों में लोगों ने भूकंप के झटके को अधिक महसूस किया। गुरुग्राम की अधिकतर ऊंची इमारतों से लोग बाहर निकल आए। कई लोग दफ्तरों में पहुंच चुके थे तो कई पहुंचने ही वाले थे। रात में तेज बारिश और सुबह आए भूकंप ने लोगों को डरा दिया। गुरुग्राम के अलावा फरीदाबाद, पूरी दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा आदि में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। गनीमत है कि कहीं से किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलने पर दी बधाई

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नामीबिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एन्सेंट बिल्विट्सचिआ मिराबिल्स"(The Order of the Most Ancient Welwitschia Mirabilis') मिलने पर हार्दिक बधाई दी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह प्रतिष्ठित सम्मान भारत-नामीबिया के मध्य सशक्त होते संबंधों की अद्वितीय अभिव्यक्ति है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री मोदी का अभिनंदन करते हुए कहा कि समस्त राष्ट्रवासियों को भारत की इस उपलब्धि पर अत्यंत गर्व हो रहा है।  

कौशल विकास योजना के तहत दिव्यांगजनों को बिना आधार के भी मिलेगा लाभ, सरकार ने बदले नियम

नई दिल्ली दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही कौशल विकास योजना में अब आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है. सरकार ने कहा है कि इस योजना के तहत किसी भी लाभार्थी को तब तक नकद लाभ नहीं मिलेगा जब तक वे अपना आधार नंबर या उसका पंजीकरण प्रमाण नहीं देंगे. सरकार ने साफ किया है कि इस योजना के तहत दी जाने वाली सुविधाएं जैसे ट्रांसपोर्ट अलाउंस, बोर्डिंग-लॉजिंग, पोस्ट-प्लेसमेंट सहायता आदि पाने के लिए आधार नंबर देना या उसके लिए आवेदन करना अनिवार्य होगा. यह नियम 2 जुलाई 2024 से प्रभावी हो गया है. बिना आधार वाले भी वंचित नहीं होंगे हालांकि, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन पात्र दिव्यांगजनों के पास फिलहाल आधार नहीं है, उन्हें योजना से वंचित नहीं किया जाएगा. उन्हें पहचान के लिए स्कूल दस्तावेज, जन्म प्रमाणपत्र या अभिभावकता से जुड़े कागजात देने होंगे. बायोमेट्रिक फेल हो तो मिलेंगे विकल्प अगर आधार ऑथेंटिकेशन बायोमेट्रिक वजहों से फेल हो जाता है, तो ओटीपी, क्यूआर कोड स्कैन या ऑफलाइन ई-केवाईसी जैसे विकल्पों से पहचान की जा सकती है. इसके लिए यूआईडीएआई से मंजूरी ली गई है और संबंधित अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है. आधार केंद्र खोलने के निर्देश मंत्रालय ने सभी कार्यान्वयन एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि वे दिव्यांगजनों के लिए सुगम स्थानों पर आधार नामांकन केंद्र खोलें या खुद रजिस्ट्रार बनें, ताकि इन लोगों को कोई असुविधा न हो. यह कदम आधार नामांकन और अपडेट प्रक्रिया को तेज करने के लिए उठाया गया है. जानकारी देने को मीडिया कैंपेन चलेगा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि लोगों को इस बदलाव की जानकारी देने के लिए एक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. इसमें बताया जाएगा कि कैसे लाभार्थी आधार के बिना भी अस्थायी तौर पर पहचान साबित कर सकते हैं और आगे जाकर योजना का पूरा लाभ ले सकते हैं. क्या है कौशल विकास योजना? विकलांग व्यक्तियों के कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना साल 2015 में शुरू हुई थी. इसका मकसद दिव्यांगजनों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार योग्य बनाना है. यह योजना एसआईपीडीए एक्ट के तहत आती है और देशभर में इसके तहत लाखों लोग लाभ पा चुके हैं.  

अंतरिक्ष में किसान बने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, मेथी और मूंग के बीजों को कर रहे अंकुरीत

नई दिल्ली भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अपने 14 दिवसीय प्रवास के 12 दिन पूरे कर चुके हैं। इन 10 दिनों में उन्होंने कई प्रयोग किए। प्रयोगों के क्रम में उन्होंने किसान की भी भूमिका निभाई। उन्होंने अपने साथ ले गए मेथी और मूंग के बीजों का अंकुरण किया। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में स्प्राउट्स प्रोजेक्ट को सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण अंकुरण और पौधों के शुरुआती विकास और उन पर पड़ने वाले असर का अध्ययन करने के लिए अंजाम दिया जा रहा है।   बता दें कि पृथ्वी पर स्प्राउट्स प्रोजेक्ट का नेतृत्व कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़ के रविकुमार होसामणि और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, धारवाड़ के सुधीर सिद्धपुरेड्डी कर रहे हैं।  एक्सिओम स्पेस की ओर से इस शोध को लेकर जारी बयान में कहा गया है कि पृथ्वी पर वापस आने के बाद इन बीजों को कई पीढ़ियों तक उगाया जाएगा। जिससे कि उनके आनुवंशिकी, सूक्ष्मजीवी पारिस्थितिकी तंत्र और पोषण प्रोफाइल में होने वाले परिवर्तनों की जांच की जा सके। 'भारतीय वैज्ञानिकों के लिए खुलेंगे नए रास्ते' अपने प्रयोगों को लेकर शुभांशु ने एक्सिओम स्पेस की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. लूसी लोव से बात की। इस बातचीत में भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने उनके द्वारा किए जा रहे वैज्ञानिक प्रयोगों की जानकारी दी और बोले की वे बेहद व्यस्त हैं। शुभांशु शुक्ला ने कहा कि 'जब से हम यहां आए हैं, तब से ही काफी व्यस्त हैं। हम अंतरिक्ष स्टेशन पर बहुत सारे प्रयोग कर रहे हैं, जिन्हें लेकर मैं बेहद उत्साहित हूं। इस मिशन से माइक्रोग्रैविटी के लिए रास्ते खुलेंगे और इससे भारतीय वैज्ञानिकों के लिए नई राह खुलेगी। मुझे बेहद गर्व है कि इसरो दुनियाभर के संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रहा है।' कई और वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे शुभांशु शुभांशु ने बताया कि वह कई वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हैं, जिनमें स्टेम सेल का अध्ययन, माइक्रोग्रैविटी में बीजों का विकास, अंतरिक्ष में मस्तिष्क पर पड़ने वाला असर आदि प्रयोग शामिल हैं। शुभांशु ने कहा कि वे स्टेम सेल के अध्ययन वाले प्रयोग को लेकर बेहद उत्साहित हैं। इससे पता चलेगा कि क्या सप्लीमेंट्स लेने से चोट की रिकवरी तेज होती है या नहीं। भारतीय अंतरिक्ष यात्री ने कहा कि वैज्ञानिकों और अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के बीच पुल बनना मेरे लिए गर्व की बात है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के क्रू का हिस्सा हैं। जिसने 25 जून को नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से उड़ान भरी थी। एक्सिओम-4 मिशन 14 दिन का है। अपने अंतरिक्ष प्रवास को खत्म कर 10 जुलाई के बाद मौसम की स्थिति के आधार पर किसी भी दिन पृथ्वी पर वापसी कर सकते हैं। वे फ्लोरिडा तट पर उतरेंगे। हालांकि नासा ने अभी तक एक्सिओम-4 मिशन को अंतरिक्ष स्टेशन से अलग करने की तारीख की घोषणा नहीं की है।

गिल एक के बाद एक रिकॉर्ड ध्वस्त कर रहे, लॉर्ड्स टेस्ट में भी वो कई कीर्तिमान बना सकते

लॉर्ड्स   5 मैचों की तेंदुलकर-एंडरसन सीरीज अब 1-1 की बराबरी पर आने के बाद रोमांचक मोड़ पर है. पहला टेस्ट इंग्लैंड की टीम ने जीता था. लेकिन दूसरे टेस्ट में बाजी भारत ने मारी. इस सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच 'क्रिकेट के मक्का' लॉर्ड्स में 10 जुलाई से है. इस मुकाबले पर सभी की नजर है. लेकिन इस मैच में कप्तान शुभमन गिल पर खासा फोकस होगा. क्योंकि गिल शानदार फॉर्म में चल  रहे हैं. पिछले मैच में उन्होंने दोहरा शतक और शतक लगाया है. गिल एक के बाद एक रिकॉर्ड ध्वस्त कर रहे हैं. इस मैच में भी वो कई कीर्तिमान बना सकते हैं. एक नजर गिल के प्रदर्शन पर… इस सीरीज में गिल के प्रदर्शन पर नजर डालें तो लीड्स में खेले गए पहले मैच की पहली पारी में गिल ने 147 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली थी. वहीं दूसरी पारी में गिल के बल्ले से केवल 8 रन ही आए थे. लेकिन दूसरे मैच की पहली पारी में गिल ने 269 रन बनाए. इसके बाद दूसरी पारी में भी गिल के बल्ले से 161 रनों का तूफान देखने को मिला. यानी दो मैचों में गिल के बल्ले से अबतक 585 रन बन चुके हैं. अभी गिल के पास 3 मैच हैं यानी 6 पारियां. गिल तोड़ सकते हैं इन दिग्गजों का रिकॉर्ड एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी डॉन ब्रेडमैन के नाम है. जिन्होंने 1930 में एशेज में इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैच की 7 पारियों में 974 रन बनाए थे.   इसमें उन्होंने एक तिहरा शतक भी लगाया था. वहीं, दूसरे नंबर पर इंग्लैंड के हैमांड का नाम आता है जिन्होंने 5 मैच की 9 पारियों में 905 रन बनाए थे. इसके बाद एमए टेलर ने 1989 में एक सीरीज में 839 रन बनाए. वहीं, इस लिस्ट में तीन भारतीय खिलाड़ियों का नाम आता है. पहला नाम सुनील गावस्कर का है, जिन्होंने 1970-71 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 4 मैच की 8 पारियों में 774 रन बनाए थे. 1978-89 में फिर गावस्कर ने एक सीरीज में 732 रन बनाए. वहीं, 2023 में यशस्वी जायसवाल ने 5 मैच की 9 पारियों में 712 रन बनाए. वहीं, 2014-15 में विराट कोहली ने 4 मैच की सीरीज में 692 रन बनाए थे.  अब अगर गिल बचे हुए 3 मैचों की 6 पारियों में इसी लय में नजर आते हैं तो गावस्कर, रिचर्ड्स समेत कई दिग्गजों का रिकॉर्ड वो ध्वस्त कर सकते हैं. साथ ही एक सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीयों की लिस्ट में भी वो सबसे आगे निकल सकते हैं.  बता दें कि इससे पहले शुभमन गिल अब किसी टेस्ट मैच में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बन चुके हैं. शुभमन ने इस मैच में कुल 430 रन (269 & 161) बनाए. शुभमन ने सुनील गावस्कर का 54 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया था. गावस्कर ने अप्रैल 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन टेस्ट मैच में कुल 344 रन (124 & 220) रन बनाए थे.

कौन सा देश बोला ‘नहीं’? Grok AI बैन से मस्क की योजना पर उठा सवाल

नई दिल्ली  तुर्की ने एलॉन मस्क के AI चैटबॉट Grok को ब्लॉक कर दिया है. कोर्ट के आदेश के बाद तुर्की में इस चैटबॉट को ब्लॉक किया गया है, जिसे मस्क की कंपनी xAI ने विकसित किया है. ChatGPT की वाट लगा देगा मस्क का Grok 4? इस दिन होगा लॉन्च एलन मस्क एक बार फिर चर्चा में हैं, इस बार अपने नए AI मॉडल Grok 4 के लॉन्च को लेकर सुर्खियों में हैं. मस्क की AI कंपनी xAI ने इस पावरफुल चैटबॉट को तैयार किया है, जो सीधे तौर पर ChatGPT को टक्कर देने वाला माना जा रहा है. अब सवाल ये है कि क्या सच में Grok 4, OpenAI के सबसे पॉपुलर मॉडल को पीछे छोड़ देगा? एलन मस्क के ने अपनी एक्स पोस्ट में ग्रोक 4 की लॉन्च डेट कंफर्म कर दी है. यहां जानें Grok 4 क्या है, इसमें क्या खास है और इसका लॉन्च कब होने वाला है. Grok 4 क्या है? Grok 4, एलन मस्क की कंपनी xAI का नया AI मॉडल है. ये एक एडवांस चैटबॉट है जो सवालों के जवाब देने, कोडिंग में मदद करने और सवाल-जवाब दे सकता है. एलन मस्क ने इसे इस तरह डिजाइन करवाया है कि ये बिना किसी राजनीतिक रुकावट के, क्लीयर और बेबाक तरीके से जवाब दे सकता है. ये मॉडल खासकर डेवलपर्स, टेक यूजर्स और AI रिसर्चर्स के लिए तैयार किया गया है. कब होगा Grok 4 का लॉन्च? एलन मस्क ने खुद ये जानकारी दी है कि Grok 4 का लॉन्च 9 जुलाई 2025 अमेरिकी टाइम के हिसाब से होगा. भारत में ये 10 जुलाई 2025 की सुबह 8:30 बजे लाइव स्ट्रीम के जरिए पेश किया जाएगा. आप इसे X प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीमिंग कर सकते हैं. इसके अलावा आप xAI की वेबसाइट और YouTube पर कुछ चैनलों के जरिए भी देखा जा सकेगा. Grok 4 में क्या खास है? Grok 4 अपने पिछले वर्जन से कई मायनों में बेहतर हो सकता है. ये कोडिंग एक्सपर्ट है. Grok 4 को खासतौर पर प्रोग्रामिंग और कोडिंग टास्क के लिए ट्रेन किया गया है. ये कोड लिखने, डिबग करने और सिखाने में मदद करेगा. मस्क का दावा है कि ये डीप थिंकिंग में ChatGPT से आगे निकल सकता है. इस वर्जन को एक नए कोडिंग-फोकस्ड मॉडल पर ट्रेन किया गया है जो डेवलपर्स के लिए ज्यादा यूजफुल साबित होगा. इसमें ड्यूल‑पर्सनैलिटी मोड देखने को मिलेगा. एक मोड funny and sarcastic है, जबकि दूसरा फैक्ट बेस्ड और सीरियस मोड हो सकता है. यूजर अपनी पसंद से स्टाइल चुन सकता है. Grok 4 और ChatGPT Grok 4 का लॉन्च AI दुनिया में एक बड़ा मोड़ ला सकता है. एलन मस्क का ये नया मॉडल उन यूजर्स के लिए खास है जो एआई से फास्ट, क्लीयर और टेक्निकल सपोर्ट चाहते हैं. हालांकि ChatGPT सिंपल, भरोसेमंद जवाब और भाषा के वजह से आज भी लोगों की पहली पसंद बना हुआ है. लेकिन Grok 4 जैसे नए ऑप्शन आने से मुकाबला और भी तगड़ा हो गया है.  

स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम, बच्चों की जांच के लिए शुरू हुआ विशेष अभियान

इंदौर  स्वास्थ्य विभाग इंदौर में हाल ही में जन्मे नवजातों से लेकर पिछले 5 साल में पैदा हुए बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु दस्तक अभियान प्रारंभ करने जा रहा है। यह अभियान 22 जुलाई से शुरू होकर 16 सितंबर तक जिलेभर में चलेगा। टीकाकरण अधिकारी के अनुसार, इंदौर जिले में ऐसे बच्चों की संख्या 4 लाख से अधिक है, जिनका इस अभियान के तहत स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। मंगलवार और शुक्रवार को विशेष जांच व्यवस्था जिला टीकाकरण अधिकारी तरुण गुप्ता ने जानकारी दी कि यह अभियान न सिर्फ इंदौर बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में संचालित किया जाएगा। सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को नवजात एवं 5 वर्ष तक के कुपोषित बच्चों की विशेष रूप से हिमोग्लोबिन सहित कई तरह की बाल रोगों से संबंधित जांच की जाएगी। साथ ही बच्चों की माताओं को डायरिया और अन्य बीमारियों के लक्षणों की पहचान और बचाव के उपायों की जानकारी दी जाएगी। घर-घर जाकर होगी जांच टीकाकरण अधिकारी के अनुसार, जो बच्चे किसी कारणवश टीकाकरण केंद्र या आंगनवाड़ी तक नहीं पहुंच पाते, उनके लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर जांच करती हैं। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि कोई भी बच्चा जांच और उपचार से वंचित न रह जाए। अभियान के अंतर्गत 5 साल तक की उम्र के सभी बच्चों को शामिल किया जाएगा। बाल मृत्यु दर कम करने की दिशा में प्रयास यह दस्तक अभियान स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त प्रयासों से संचालित किया जा रहा है। इसमें एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी सक्रिय रूप से भाग लेती हैं। अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों में बीमारियों की समय पर पहचान कर उनका इलाज करना और बाल मृत्यु दर को प्रभावी रूप से कम करना है।