News Aazad Bharat

हाईकोर्ट की बड़ी कार्रवाई, PCS-J 2022 विवाद में जस्टिस गोविंद माथुर की रिपोर्ट आई सामने

प्रयागराज  इलाहाबाद हाईकोर्ट में यूपी पीसीएस-जे 2022 मुख्य परीक्षा विवाद के मामले में बुधवार को पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर की अध्यक्षता वाली न्यायिक जांच समिति की ओर से प्रस्तुत प्रारंभिक रिपोर्ट को खोला गया। न्यायालय ने रिपोर्ट खोलकर रिकॉर्ड पर लिया। न्यायालय ने सभी पक्षों को प्रारंभिक रिपोर्ट कार्यालय से प्राप्त करने और तीन सप्ताह के भीतर अपनी प्रतिक्रिया या शपथ-पत्र दाखिल करने को कहा है। साथ ही अगली सुनवाई के लिए छह अगस्त की तारीख लगाई है। न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता एवं न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की खंडपीठ के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान खोली गई जस्टिस गोविंद माथुर की जांच रिपोर्ट प्रारंभिक रिपोर्ट है। एडवोकेट शाश्वत आनंद ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रारंभिक रिपोर्ट दो सेट में है। 14 अन्य सेट में संलग्नक हैं। सुनवाई के दौरान याची श्रवण पांडेय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद फारमान अहमद नक़वी, अधिवक्ता शाश्वत आनंद व सौमित्र आनंद तथा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से अधिवक्ता निशीथ यादव उपस्थित रहे। यूपी पीसीएस-जे 2022 की मुख्य परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़, मूल्यांकन में अनियमितताओं और मेरिट सूची में विसंगतियों के आरोपों से संबंधित मामले में यूपीपीएससी ने पहले स्वीकार किया था कि दो बंडलों की उत्तर पुस्तिकाओं पर गलत मास्टर फेक कोड चिपकाए गए थे, जिससे कम से कम 50 उम्मीदवारों के अंक प्रभावित हुए। न्यायमूर्ति गोविंद माथुर को इन अनियमितताओं की जांच का जिम्मा सौंपा गया था। न्यायालय ने यूपीपीएससी को जांच पूरी होने तक सभी संबंधित रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है।  

9 पार्षद सीटों पर उप निर्वाचन के नतीजे आए, नगरीय निकायों में बदला सियासी समीकरण

भोपाल 9 नगरीय निकायों में आज एक-एक पार्षद के उप निर्वाचन के परिणाम घोषित किये गये। घोषित परिणामों में 6 पार्षद भारतीय जनता पार्टी के और 3 पार्षद इंडियन नेशनल कांग्रेस के हैं।  सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री अभिषेक सिंह ने जानकारी दी है कि भोपाल जिले के नगरीय निकाय बैरसिया के वार्ड 7 में भारतीय जनता पार्टी की सुश्री शाइस्ता सुल्तान, नगरीय निकाय सिवनी के वार्ड 11 में भारतीय जनता पार्टी की सुश्री निधि, इंदौर जिले के नगरीय निकाय सांवेर के वार्ड 7 में इंडियन नेशनल कांग्रेस की सुश्री हसीना और नगरीय निकाय गौतमपुरा के वार्ड 15 में भारतीय जनता पार्टी के श्री शंकरलाल, मंडला जिले के नगरीय निकाय बिछिया के वार्ड 13 में इंडियन नेशनल कांग्रेस की सुश्री राजकुमारी धुर्वे, शहडोल जिले के नगरीय निकाय खांड के वार्ड 8 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के श्री शशिधर त्रिपाठी, छिंदवाड़ा जिले के नगरीय निकाय न्यूटन चिखली के वार्ड 4 में भारतीय जनता पार्टी की सुश्री निकिता बरखे और खरगोन जिले के नगरीय निकाय भीकनगाँव के वार्ड 5 में भारतीय जनता पार्टी की श्रीमती कमलेश कौशल को विजेता घोषित किया गया है। पन्ना जिले के नगरीय निकाय ककरहटी के वार्ड 13 में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी श्री हीरालाल आदिवासी निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गये हैं।  

यात्रा मार्ग पर सख्ती: रेस्टोरेंट-ढाबों को लेना होगा लाइसेंस, बाहर लगानी होगी तस्वीर

बिजनौर यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी रेस्टोरेंट-ढाबों का लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया है। इतना ही नहीं लाइसेंस की फोटो दुकान के बाहर चस्पा करनी होगी। रेस्टोरेंट ढाबों का निरीक्षण शुरू भी कर दिया गया है। केवल रेस्टोरेंट-दुकानों की ही जांच नहीं होगी, सेवा शिविरों में कांवड़ियों के लिए बन रहे भोजन की भी जांच होगी। इसको लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है। गौरतलब है कि श्रावण मास 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। शिवभक्तों को कांवड़ यात्रा के दौरान खाने-पीने की चीजों में गुणवत्ता बनी रहे तथा किसी किस्म की परेशानी न हो। इसके लिए सर्तकता बरती जा रही है, ताकि शिवभक्तों को शुद्ध भोजन मिल सके। इस क्रम में यूपी के बिजनौर में चिड़ियापुर से लेकर आगे नजीबाबाद मार्ग पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम दुकानों के निरीक्षण कर रही है। साथ ही मंडावर मार्ग पर भी विभाग सभी रेस्टोरेंट व अन्य खाद्य पदार्थों की दुकानों की पड़ताल कर रहा है। कांवड़ पर बने रेस्टोरेंट सहित अन्य दुकानों के लिए खाद्य विभाग का लाइसेंस भी अनिवार्य कर दिया गया है। उन्हें दुकान के बाहर लाइसेंस की फोटो भी चस्पा करनी है, ताकि उसमें नाम पता भी स्पष्ट पढ़ा जा सके। इसके अलावा शिवभक्तों की सेवा में लगने वाले सेवा शिविरों में भी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम जाकर भोजन की गुणवत्ता की जांच करेगी। बिजनौर में टीम लगातार निरीक्षण कर नमूने एकत्र कर रही है। टीम सभी दुकानदारों को कांवड़ यात्रा को लेकर सभी मानकों के बारे में जागरूक भी कर रही है। बिजनौर के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी, संजीव सिंह ने कहा कि कांवड़ मार्ग पर लगभग सभी के लाइसेंस बने हुए हैं। कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले सभी रेस्टोरेंट, ढाबों का निरीक्षण कर लाइसेंस, मोबाइल नंबर, नाम, दाम की सूची चस्पा कराई जा रही है। स्वच्छता व गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है।  

विंबलडन 2025: कोर्ट पर गिरे नोवाक जोकोविच, कहा- मेरा शरीर अब पहले जैसा नहीं रहा

लंदन विंबलडन-2025 के क्वार्टर फाइनल में नोवाक जोकोविच ने फ्लावियो कोबोली के खिलाफ मुकाबले को अपने नाम किया। जीत हासिल करने से ठीक पहले जोकोविच कोर्ट पर गिर पड़े, जिसने वहां मौजूद फैंस को चिंतित कर दिया। 24 बार के मेजर चैंपियन नोवाक जोकोविच कुछ देर बाद अपने पैरों पर वापस उठे और 6-7(6), 6-2, 7-5, 6-4 से जीत हासिल करते हुए अगले दौर में जगह बनाई। जीत के बाद नोवाक जोकोविच ने पत्रकारों से कहा, “यह बहुत अजीब था। घास पर ऐसा होता है। मेरे करियर में ग्रास-कोर्ट पर ऐसा कई बार हुआ है। स्पष्ट है कि मेरा शरीर अब पहले जैसा नहीं रहा, इसलिए चोट का असर मुझे अगले दिन महसूस होगा। तो देखते हैं। मैं उम्मीद कर रहा हूं कि अगले 24 से 48 घंटे में जो कुछ भी हुआ है, वह ज्यादा गंभीर न हो, ताकि मैं दो दिनों में बिना दर्द के अपना सर्वश्रेष्ठ खेल सकूं।” अपनी 102वीं विंबलडन जीत के साथ, जोकोविच के इस सीजन का रिकॉर्ड 26-8 हो गया है। वह 25वें मेजर खिताब से दो कदम दूर हैं। अगर 38 वर्षीय जोकोविच इस खिताब को जीत लेते हैं, तो वह ग्रास कोर्ट मेजर में रोजर फेडरर के आठ खिताबों के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे। अगर जोकोविच खिताब जीत लेते हैं, तो टूर्नामेंट के ओपन एरा इतिहास में सबसे उम्रदराज चैंपियन भी बन जाएंगे। इसी के साथ वह रोजर फेडरर के साल 2017 में बनाए गए रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ देंगे, जिन्होंने 35 साल की उम्र में खिताब जीता था। जोकोविच ने कहा, “मैं 38 वर्षीय खिलाड़ी के रूप में इस बात से बहुत संतुष्ट हूं कि मैं अभी जिस तरह से चल-फिर रहा हूं और खेल रहा हूं, यह मुझे बहुत पसंद है। मेरी टीम में लगभग 10 लोग हैं, जो मेरे ऑन-कोर्ट और ऑफ-कोर्ट करियर, तैयारी और रिकवरी के हर पहलू पर रोजाना काम करते हैं।” उन्होंने कहा, “कभी-कभी मैं इन रोजमर्रा के कामों से थक जाता हूं, लेकिन प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए मुझे करना पड़ता है। कोर्ट से बाहर, जिम में या फिर ट्रीटमेंट टेबल पर कई-कई घंटे बिताने पड़ते हैं, बस इस कोशिश में कि जो कुछ भी मेरे पास है, उसके साथ मैं सर्वश्रेष्ठ दे सकूं।”  

IPL 2025 टिकट घोटाले पर गिरी गाज, हैदराबाद क्रिकेट बॉडी के अध्यक्ष जगन मोहन राव गिरफ्तार

हैदराबाद  हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) के अध्यक्ष ए. जगन मोहन राव को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 सीजन से जुड़े टिकट घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) ने गिरफ्तार किया. राव के साथ HCA के चार अन्य वरिष्ठ अधिकारी- कोषाध्यक्ष सी. श्रीनिवास राव, CEO सुनील कांते, महासचिव राजेंद्र यादव और उनकी पत्नी जी. कविता  को तेलंगाना CID ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. ये गिरफ्तारियां नि:शुल्क मैच टिकटों के वितरण से जुड़ी जालसाजी, वित्तीय गड़बड़ी और दबाव डालने की गतिविधियों के आरोपों के बाद हुईं. तेलंगाना क्रिकेट एसोसिएशन (TCA) के महासचिव धरम गुराव रेड्डी द्वारा 9 जून को दर्ज कराई गई शिकायत के बाद यह मामला दर्ज किया गया. इस शिकायत के आधार पर सीआईडी ​​ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया, जिनमें धारा 465 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेजों को असली के रूप में इस्तेमाल करना), 403 (संपत्ति का बेईमानी से गबन), 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) , 420 (धोखाधड़ी), साथ ही धारा 34 (साझा इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) शामिल हैं. आरोप है कि राव ने एचसीए चुनाव लड़ने के लिए एक जाली दस्तावेज पेश किया था. एचसीए द्वारा आईपीएल फ्रेंचाइजी सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) पर निर्धारित सीमा से ज्यादा कॉम्प्लिमेंट्री टिकट देने के लिए दबाव डालने के प्रयासों से जुड़े और भी आरोप सामने आए हैं. एसआरएच, एचसीए और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते के अनुसार, एचसीए को 3,900 कॉम्प्लिमेंट्री टिकट मिलने चाहिए , जो स्टेडियम की क्षमता के 10% के बराबर है. हालांकि एचसीए अधिकारियों ने कथित तौर पर अतिरिक्त 10% की मांग की, जिसे एसआरएच ने अस्वीकार कर दिया. फ्रेंचाइजी ने यह भी आरोप लगाया कि राव ने 27 मार्च को राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के खिलाफ एसआरएच के मैच से कुछ घंटे पहले कॉर्पोरेट बॉक्स पर ताला लगा दिया और 20 अतिरिक्त कॉम्प्लिमेंट्री टिकटों की मांग की. एसआरएच ने दावा किया कि इस कार्रवाई ने एचसीए और बीसीसीआई के साथ हुए त्रिपक्षीय समझौते का उल्लंघन किया है, जिसके तहत एसोसिएशन का आवंटन स्पष्ट रूप से 3,900 पास तक सीमित है. बैठक के बाद एचसीए और एसआरएच के बीच पहले ही 3,900 कॉम्प्लिमेंट्री पास आवंटित करने पर सहमति बन गई थी. इसके बावजूद, एसआरएच ने बीसीसीआई और आईपीएल गवर्निंग काउंसिल में शिकायत दर्ज कराई और एचसीए पर बार-बार ब्लैकमेलिंग करने का आरोप लगाया. हालांकि एचसीए ने इन आरोपों से इनकार किया है. तनाव इतना बढ़ गया कि SRH ने धमकी दी कि अगर HCA टिकट कोटे को लेकर दबाव डालता रहा, तो वे अपने घरेलू मैच किसी दूसरे राज्य में शिफ्ट कर देंगे. हालात को शांत करने के लिए HCA के सचिव आर. देवराज ने SRH के प्रतिनिधि किरण, सरवनन और रोहित सुरेश के साथ राजीव गांधी स्टेडियम में बैठक की ताकि कोई हल निकाला जा सके. चर्चा के दौरान एसआरएच ने एसआरएच, एचसीए और बीसीसीआई के बीच मौजूदा त्रिपक्षीय समझौते का सख्ती से पालन करने का प्रस्ताव रखा. HCA और SRH ने एक संयुक्त बयान में कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्टेडियम की उपलब्ध कुल क्षमता का 10%, सभी सेक्शन में उसी के अनुसार आवंटित किया जाए जैसा कि समझौते में तय है. इसके जवाब में HCA ने प्रस्ताव रखा कि हर श्रेणी में पास का मौजूदा आवंटन पहले जैसी ही व्यवस्था के अनुसार जारी रखा जाए, जैसा कि पिछले कई वर्षों से होता आया है. SRH के CEO षणमुगम से बात करने के बाद यह तय हुआ कि HCA को मिलने वाले 3,900 मुफ्त टिकट उसी तरह मिलेंगे, जैसे पहले होते आए हैं.HCA ने SRH को भरोसा दिया है कि आगे भी वे पूरी तरह से पेशेवर तरीके से सहयोग करेंगे. संयुक्त बयान में कहा गया, 'एचसीए और एसआरएच राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में दर्शकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए सौहार्दपूर्ण ढंग से मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

आगरा में भीषण सड़क हादसा, ऑटो को एक वाहन ने मारी टक्कर, दो की मौत, सीएम योगी ने जताया दुख

आगरा उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित यमुना एक्सप्रेसवे पर एक भीषण सड़क हादसा सामने आया है, जहां ऑटो को एक वाहन ने टक्कर मार दी। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मामला आगरा के थाना एत्मादपुर क्षेत्र का है। बताया जा रहा है कि आगरा के तोरा क्षेत्र के रहने वाले लोग एक ऑटो में सवार होकर यमुना एक्सप्रेसवे से जा रहे थे। तभी एक अज्ञात वाहन ने ऑटो को टक्कर मार दी। हादसा इतना दर्दनाक था कि मौके पर ही दो लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा, पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। साथ ही घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है। जानकारी के अनुसार, मृतकों की पहचान कमलेश और राजू के रूप में हुई है। ऑटो सवार सभी लोग आगरा के तोरा क्षेत्र के रहने वाले हैं। इस हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और घायलों के उचित इलाज के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सीएम योगी ने जनपद आगरा में हुए सड़क हादसे का संज्ञान लिया है। उन्होंने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनका समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है।” फिलहाल पुलिस इस हादसे की जांच में जुट गई है और अज्ञात वाहन की तलाश कर रही है। उल्लेखनीय है कि यमुना एक्सप्रेसवे पर इससे पहले भी कई सड़क हादसे सामने आ चुके हैं। इससे पहले, 15 मार्च को यमुना एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार कार डिवाइडर से टकरा गई थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी और दो अन्य लोग घायल हो गए थे।  

शशि थरूर बोले– आज का भारत अलग है, इमरजेंसी जैसे हालात दोहराए नहीं जा सकते

नई दिल्ली पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से लगाए गए आपातकाल की कड़ी आलोचना करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि इससे पता चलता है कि किस तरह से अक्सर आजादी को छीना जाता है. उन्होंने कहा कि आपातकाल यह भी दिखाता है कि कैसे दुनिया 'मानवाधिकारों के हनन' से अनजान रही. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने 1975 की इमरजेंसी पर एक लेख लिखा है, जिसमें उन्होंने इंदिरा गांधी के इस फैसले की जमकर आलोचना की है. लोकतंत्र के समर्थक रहें सतर्क प्रोजेक्ट सिंडीकेट की तरफ से प्रकाशित लेख में थरूर ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सत्तावादी नजरिये ने सार्वजनिक जीवन को डर और दमन की स्थिति में धकेल दिया. थरूर ने लिखा कि पचास साल पहले प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से लगाए गए आपातकाल ने दिखाया था कि कैसे आज़ादी को छीना जाता है, शुरू में तो धीरे-धीरे, भले-बुरे लगने वाले मकसद के नाम पर छोटी-छोटी लगने वाली आजादियों को छीन लिया जाता है. इसलिए यह एक ज़बरदस्त चेतावनी है और लोकतंत्र के समर्थकों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए. थरूर ने लिखा, 'इंदिरा गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि कठोर कदम जरूरी थे, सिर्फ आपातकाल की स्थिति ही आंतरिक अव्यवस्था और बाहरी खतरों से निपट सकती थी, और अराजक देश में अनुशासन और दक्षता ला सकती थी.' जून 1975 से मार्च 1977 तक करीब दो साल तक चले आपातकाल में नागरिक स्वतंत्रताएं निलंबित कर दी गईं और विपक्षी नेताओं को जेल में भर दिया गया.  उन्होंने कहा कि अनुशासन और व्यवस्था की चाहत अक्सर बिना कहे ही क्रूरता में तब्दील हो जाती थी, जिसका उदाहरण इंदिराजी के बेटे संजय गांधी की ओर से चलाए गए जबरन नसबंदी अभियान थे, जो गरीब और ग्रामीण इलाकों में केंद्रित थे, जहां मनमाने लक्ष्य हासिल करने के लिए ज़बरदस्ती और हिंसा का इस्तेमाल किया जाता था. इमरजेंसी में हजारों लोग हुए बेघर उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे शहरी केंद्रों में बेरहमी से की गई झुग्गी-झोपड़ियों को ढहाने की कार्रवाई ने हज़ारों लोगों को बेघर कर दिया और उनके कल्याण की कोई चिंता नहीं की गई. उन्होंने लिखा कि आपातकाल ने इस बात का ज्वलंत उदाहरण पेश किया कि लोकतांत्रिक संस्थाएं कितनी कमज़ोर हो सकती हैं, यहां तक कि ऐसे देश में भी जहां वे मज़बूत दिखती हैं. इसने हमें याद दिलाया कि एक सरकार अपनी नैतिक दिशा और उन लोगों के प्रति जवाबदेही की भावना खो सकती है जिनकी वह सेवा करने का दावा करती है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता थरूर ने यह भी बताया कि किस तरह अहम लोकतांत्रिक स्तंभों को खामोश कर दिया गया और हिरासत में यातनाएं दी गईं. एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल हत्याएं बड़े पैमाने पर की गईं, जिससे उन लोगों के लिए 'काली सच्चाई' की तस्वीर सामने आई, जिन्होंने शासन की अवहेलना करने की हिम्मत दिखाई थी.  थरूर ने कहा कि न्यायपालिका भी भारी दबाव के आगे झुक गई, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण और नागरिकों के स्वतंत्रता के अधिकार को निलंबित कर दिया. उन्होंने कहा, 'पत्रकार, कार्यकर्ता और विपक्षी नेता सलाखों के पीछे पाए गए. व्यापक संवैधानिक उल्लंघनों ने मानवाधिकारों के हनन की एक भयावह सीरीज को को जन्म दिया. आज का भारत ज्यादा मजबूत अपने लेख में थरूर ने कहा कि आज का भारत 1975 का भारत नहीं है. हम ज़्यादा आत्मविश्वासी, ज़्यादा समृद्ध और कई मायनों में ज़्यादा मज़बूत लोकतंत्र हैं. फिर भी आपातकाल के सबक चिंताजनक रूप से प्रासंगिक बने हुए हैं. सत्ता को केंद्रीकृत करने, आलोचकों को चुप कराने और संवैधानिक सुरक्षा उपायों को दरकिनार करने का लालच कई रूपों में उभर सकता है. उन्होंने कहा कि अक्सर राष्ट्रीय हित, इस अर्थ में आपातकाल एक ज़बरदस्त चेतावनी के रूप में काम करना चाहिए और लोकतंत्र के समर्थकों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए.

जगदलपुर : प्राकृतिक आपदा पीड़ित 02 परिवारों को 08 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत

जगदलपुर कलेक्टर श्री हरिस एस. द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत् प्राकृतिक आपदा पीड़ित 02 परिवारों को 08 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है। जिसके तहत् तहसील लोहण्डीगुड़ा ग्राम हर्राकोडेर निवासी सुशांत की मृत्यु पानी डूबने से माता श्रीमती लालबती को और ग्राम भेजा निवासी अनिता ठाकुर की मृत्यु पानी में डूबने से पिता श्री नरेश कुमार ठाकुर प्रत्येक को चार-चार लाख रूपए की सहायता राशि प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है।

उत्तर बस्तर कांकेर : जिले में अब तक 4020 मिलीमीटर वर्षा दर्ज

उत्तर बस्तर कांकेर  जिले में 01 जून से अब तक कुल 4020.5 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। कलेक्टर कार्यालय की भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक सर्वाधिक वर्षा बांदे तहसील में 553.8 मिलीमीटर तथा सबसे कम कोयलीबेड़ा तहसील में 155.9 मिलीमीटर औसत वर्षा रिकार्ड की गई है। इसी प्रकार कांकेर तहसील में 202.2 मिलीमीटर, भानुप्रतापपुर तहसील में 417.1 मिलीमीटर, दुर्गूकोंदल में 489.4 मिलीमीटर, चारामा़ में 364.5 मिमी., अंतागढ़ में 437.5, पखांजूर में   354.4, नरहरपुर में 308.3, सरोना में 272.4 मिलीमीटर और आमाबेड़ा में 465 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। पिछले 24 घंटे में बांदे तहसील में सबसे अधिक 40.7 मिलीमीटर और सरोना तहसील में सबसे कम 01 मिलीमीटर वर्षा आंकी गई है।

अम्बिकापुर : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों पर भर्ती हेतु 21 जुलाई तक कर सकते हैं आवेदन

अम्बिकापुर  बाल विकास परियोजना अम्बिकापुर (ग्रामीण) के परियोजना अधिकारी ने बताया कि आंगनबाड़ी केंन्द्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के रिक्त पदों पर आवेदन पत्र 21 जुलाई 2025 तक आमंत्रित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि  ग्राम मानिकप्रकाशपुर के आंगनबाड़ी केंन्द्र मानिकप्रकाशपुर एक में कार्यकर्ता के 01 पद एवं ग्राम लब्जी के आंगनबाड़ी केंन्द्र बैगापारा में 01 सहायिका पद पर भर्ती की जानी है। इस हेतु केवल महिला ही आवेदन कर सकती हैं। इसके लिए आयु सीमा आवेदिका की आयु 18 से 44 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। वे अपना आवेदन पत्र परियोजना कार्यालय अम्बिकापुर (ग्रामीण) से प्राप्त कर निर्धारित अंतिम तिथि तक परियोजना कार्यालय (ग्रामीण) में पंजीकृत डाक अथवा स्वयं उपस्थित होकर आवेदन पत्र जमा कर सकते हैं।