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मुख्यमंत्री ने शहरी विकास के लिये 12 हजार 360 करोड़ रुपये की दी सौगातें

15 हजार से अधिक रोजगार के नये अवसर होंगे सृजित प्रदेश के सभी शहरों में आयोजित करेंगे ग्रोथ कॉन्क्लेव रियल एस्टेट आज देश का सबसे अधिक प्रोग्रेसिव सेक्टर गिफ्ट सिटी के जैसे मध्यप्रदेश में भी 10 सिटी बनाएंगे सौर ऊर्जा, ग्रीन फील्ड हाईवे, टाउनशिप और स्मार्ट सिटी परियोजना को देंगे बढ़ावा प्रदेश में 10 लाख नए आवास तैयार किये जायेंगे शहरी विकास को मिलेगी नई दिशा इकोनॉमिक टाइम्स अर्बन ग्रोथ 2025 पुस्तिका का हुआ विमोचन भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि रियल एस्टेट आज देश का सबसे अधिक प्रोगेसिव सेक्टर है और यह सेक्टर देश के नवनिर्माण में बड़ा सहयोग दे रहा है। रियल एस्टेट के विकास में ही देश का विकास अंतर्निहित है। हम इस सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश के सभी बड़े शहरों में इसी तरह की ग्रोथ कॉन्क्लेव करके और सबको घर मुहैया कराकर नागरिकों के जीवन में खुशहाली लायेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर देश की जीडीपी में अब 8.5 प्रतिशत तक योगदान दे रहा है, जो कभी मात्र 3 प्रतिशत हुआ करता था। उन्होंने गुजरात की ‘गिफ्ट सिटी’ का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसी ही 10 स्मार्ट सिटीज़ मध्यप्रदेश में विकसित की जाएंगी। उन्होंने घोषणा की है कि प्रदेश में 10 लाख नए आवास तैयार किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अलग-अलग सेक्टरों के लिए विशेष ग्रोथ कॉन्क्लेव आयोजित किए जाएंगे, जिससे प्रदेश के औद्योगिक विकास को नई गति और नई दिशा मिलेगी। प्रदेश के समग्र शहरी विकास और रियल एस्टेट सेक्टर को नई दिशा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को इंदौर स्थित ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में ‘मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025’ को संबोधित कर रहे थे। इस आयोजन में उद्योग, होटल, रियल एस्टेट, एजुकेशन, रिन्यूअल एनर्जी, आईटी आदि क्षेत्रों में लगभग 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे प्रदेश में 15 हजार से अधिक रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे और शहरी एवं औद्योगिक विकास को नई ऊचाईयां प्राप्त होंगी। कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के विकास के लिये 12 हजार 360 करोड़ रुपये की सौगातें भी दी। उन्होंने मुख्य रूप से जल प्रदाय, सीवरेज, स्वच्छता और अधोसंरचना निर्माण के लिये 5 हजार 454 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का भूमिपूजन भी किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत 65 हजार से अधिक हितग्राहियों को 2 हजार 799 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान भी वितरित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सौर ऊर्जा, ग्रीन फील्ड हाईवे, टाउनशिप और स्मार्ट सिटी परियोजना को बढ़ावा दिया जायेगा। कॉन्क्लेव में प्राप्त निवेश प्रस्ताव कॉन्क्लेव में सर्वाधिक 12 हजार 473 करोड़ रुपये का निवेश औद्योगिक क्षेत्र में प्राप्त हुआ है। इसी तरह होटल क्षेत्र में 3 हजार 344 करोड़ रूपये, रियल एस्टेट क्षेत्र में 1812.14 करोड़ रुपये, एजुकेशन क्षेत्र में 72.45 करोड़ रूपये, रिन्यूअल एनर्जी क्षेत्र में 500 करोड़ रूपये तथा आईटी क्षेत्र में 100 करोड़ रूपये के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। इंदौर और भोपाल विकास प्राधिकरण के अन्तर्गत 12 निवेशकों से 2 हजार 784 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। नगरीय निकायों को अधोसंरचना विकास के लिये एक हजार 320 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान दिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नेक्स्ट होराइजन : बिल्डिंग सिटीज ऑफ टुमारो कॉन्क्लेव से मध्यप्रदेश के शहरों को नई उड़ान मिलेगी। उन्होंने कहा कि सुलभ, स्विफ्ट और सुरक्षित परिवहन, किसी भी आधुनिक शहर की रीढ़ होते हैं। भविष्य की ट्रांसपोर्टेशन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भोपाल और इंदौर मेट्रो परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जा रहा है। जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहरों में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब विकसित किए जा रहे हैं। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और सागर शहरों में प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत 582 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शहरों के सर्वांगीण विकास के लिये दी सौगातें मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कॉन्क्लेव में प्रदेश के शहरों के सर्वांगीण विकास के लिये 12 हजार 500 करोड़ रुपये की सौगातें प्रदान की। मुख्य रूप से इंदौर शहर के लिए अमृत 2.0 अंतर्गत जलप्रदाय एवं सीवरेज योजना हेतु 2,382.03 करोड़ रुपये की सौगात दी गई। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत उपयोगित जलप्रदाय प्रबंधन और अधोसंरचना विकास हेतु 257 परियोजनाओं के लिए 3,562.27 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना 1.0 अंतर्गत 45,503 हितग्राहियों का गृह प्रवेश करवाया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 अंतर्गत 19,541 हितग्राहियों को स्वीकृति पत्र वितरित किए गए। कुल 65,044 हितग्राहियों को 2,799.26 करोड़ रूपये की राशि अंतरण की गई। शहरी विकास को गति देने के लिये हुए महत्वपूर्ण एमओयू शहरी प्रशासन के विविध घटकों को टेक्नॉलॉजी के माध्यम से इंटीग्रेट करके अधिक कार्यकुशल बनाने के लिए मध्यप्रदेश शासन और भास्कराचार्य अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG-N) के बीच महत्वपूर्ण एमओयू हुआ है। नगरीय विकास विभाग के अन्तर्गत मध्यप्रदेश शहरी विकास कंपनी और हाउसिंग और शहरी विकास निगम लिमिटेड (हुड़को) के मध्य समझौता निष्पादन हुआ। मध्यप्रदेश शासन और IIM इंदौर के बीच सिंहस्थ 2028 की कार्ययोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए एमओयू किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निवेशकों से की रूबरू चर्चा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कॉन्क्लेव में प्रमुख निवेशकों से चर्चा की और निवेश की संभावनाओं पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया। डॉ. यादव ने मुख्य रूप से हुडको के अध्यक्ष श्री संजय कुलश्रेष्ठ , पटेल इंफ्रा के श्री अरविंद विदुलभाई पटेल, आईटीसी के श्री आशीष पाल, एमकेसी इंफ्रा के श्री केतन पटेल, ओमेक्स ग्रुप के श्री मोहित गोयल, मेडुला सॉफ्ट प्राइवेट लिमिटेड के श्री शांतनु शर्मा, राठी स्टील लिमिटेड के श्री ध्रुव राठी, मध्यप्रदेश होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के श्री सुमित सूरी, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की सुश्री प्रीति पटेल, डापलमायर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रफुल्ल चौधरी, साई ग्रीन प्राइवेट लिमिटेड के श्री रितेश दास से रु-ब-रु होकर चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक विकास के साथ ही मेट्रो से लेकर मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट, झील संरक्षण से लेकर स्मार्ट कमाण्ड सेंटर तक हर क्षेत्र में तेज गति और व्यापक पैमाने पर कार्य शुरू किये गये हैं यह एक शुरूआत है। इसे आगे भी सबके सहयोग से तेज गति … Read more

एक बगिया मां के नाम परियोजना का प्रशिक्षण 12 जुलाई को

भोपाल "एक बगिया मां के नाम" परियोजना अंतर्गत परियोजना अधिकारी, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (मनरेगा) एवं D.P.M. (SRLM) का एक दिवसीय प्रशिक्षण 12 जुलाई को डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी सभागार, विकास भवन अरेरा हिल्स, भोपाल में होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा स्व सहायता समूह की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को लेकर प्रदेश में "एक बगिया मां के नाम" परियोजना शुरू की गई है। परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश रोजगार गारंटी परिषद द्वारा अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में "एक बगिया माँ के नाम" परियोजना अंतर्गत व्यक्तिगत / फलोद्यान के लिये तैयारी, भूमि चयन, पौधों की प्रजाति चयन, देखभाल, सुरक्षा एवं शतप्रतिशत उत्तरजीविता सुनिश्चित करते हुए वैज्ञानिक तकनीकियों का उपयोग पर पौधरोपण की बारीकियों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा।

मंत्री सुश्री भूरिया महिला बाल विकास पर पश्चिमी राज्यों की ज़ोनल मीट में होंगी शामिल

भोपाल  महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 12 जुलाई 2025 को गुजरात के केवड़िया में आयोजित होने जा रही “पश्चिमी क्षेत्रीय राज्यों की ज़ोनल मीट” में मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगी। बैठक केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी की अध्यक्षता में आयोजित की जा रही है। बैठक का मुख्य उद्देश्य महिला एवं बाल विकास योजनाओं के बेहतर समन्वयन और क्रियान्वयन पर विचार-विमर्श, केंद्र एवं राज्यों के बीच नीतिगत सहयोग और अनुभवों का आदान-प्रदान, पोषण, सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और सशक्तिकरण संबंधी कार्यक्रमों की समीक्षा और क्षेत्रीय चुनौतियों के समाधान के लिए साझा रणनीति तैयार करना है। बैठक में गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, गोवा, मध्यप्रदेश, दमन एवं दीव तथा दादरा एवं नगर हवेली के महिला एवं बाल विकास विभागों के मंत्रीगण और वरिष्ठ अधिकारी भी भाग लेंगे। मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया बैठक में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लाड़ली बहना योजना, मोटी आई, सक्षम आंगनवाड़ी अभियान, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ऑनलाइन भर्ती प्रक्रिया, एकीकृत बाल संरक्षण सेवाएं और पोषण ट्रैकिंग जैसे नवाचारों की जानकारी साझा करेंगी। बालिकाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये राज्य में किए जा रहे प्रभावशाली प्रयासों की प्रस्तुति भी देंगी।  

मुस्लिम देशों की बदलती रणनीति: अब्राहम अकॉर्ड से जुड़ने की होड़ शुरू

वॉशिंगटन अब्राहम अकॉर्ड में एक और इस्लामिक देश शामिल हो सकता है। इसके साथ ही इसमें शामिल होने वाले देशों की संख्या 5 हो जाएगी। 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में यह अग्रीमेंट कराया था, जिसमें इजरायल के साथ यूएई, मोरक्को, बहरीन और सूडान ने करार किया था। यह पहला मौका था, जब किसी इस्लामिक देश ने इजरायल के साथ रिश्ते सामान्य करने की पहल की थी। फिलिस्तीन से जंग के चलते इजरायल हमेशा ही इस्लामिक मुल्कों के टारगेट पर रहा है। यही कारण है कि इजरायल और अमेरिका चाहते हैं कि अब्राहम अकॉर्ड के बहाने तस्वीर को बदल दिया जाए। इसी के तहत अब एक और इस्लामिक देश मॉरिटानिया को साथ लाने की तैयारी है। मॉरिटानिया अरब लीग का सदस्य है और उसकी अब्राहम अकॉर्ड में एंट्री इस्लामिक दुनिया में बड़ी हलचल पैदा कर देगी। यदि उसकी एंट्री हुई तो अब्राहम अकॉर्ड में आने वाला वह 5वां मुस्लिम मुल्क होगा। इसका ऐलान कभी भी हो सकता है। हालांकि इस बारे में अब तक अमेरिका या इजरायल की ओर से पुष्टि नहीं की गई है। Semafar की न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी अफ्रीकी देश के नेता की मुलाकात वाइट हाउस में बेंजामिन नेतन्याहू से होगी। यह मुलाकात अमेरिका-अफ्रीका समिट से इतर होगी। इस मीटिंग में फैसला हो सकता है कि मॉरिटानिया कब अब्राहम अकॉर्ड में शामिल होगा। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि सीरिया को लेकर भी चर्चा है कि वह अब्राहम अकॉर्ड का हिस्सा हो सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया से सभी आर्थिक प्रतिबंध हटा दिए हैं। इससे पहले सीरियाई लीडर अहमद अल शारा से सऊदी अरब में मुलाकात भी की थी। माना जाता है कि सीरिया को अब्राहम अकॉर्ड में लाने के लिए ही ट्रंप ने यह उदारता दिखाई है। यही नहीं लेबनान को लेकर भी कहा जा रहा है कि वह इजरायल के साथ संबंध बेहतर करने की दिशा में कदम उठा सकता है। मॉरिटानिया ने 2010 में तोड़ लिए थे इजरायल से सारे रिश्ते मॉरिटानिया ने 2010 में इजरायल के साथ अपने सभी संबंध समाप्त कर लिए थे। उत्तर पश्चिम अफ्रीका के मुस्लिम देश मॉरिटानिया का क्षेत्रफल 10 लाख वर्ग किलोमीटर है। ऐसे में एक बड़े देश के आने से इजरायल और अमेरिका को ताकत मिलेगी। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप भी बीते कुछ दिनों में कई बार दोहरा चुके हैं कि अब्राहम अकॉर्ड का विस्तार होने वाला है। नेतन्याहू का भी कहना है कि अब अब्राहम अकॉर्ड का विस्तार करने के लिए तैयार हैं। इससे मिडल ईस्ट के देशों में शांति और स्थिरता आएगी।  

रुचि पहचानकर बनें प्रोग्रामिंग लैंग्वेज विशेषज्ञ, सवांरे अपना भविष्य

आईटी सेक्टर में प्रोफेशनल्स की मांग बनी हुई है। आज भी यह सेक्टर ट्रेंड प्रोफेशनल्स की कमी से जूझ रहा है। यह जरूरी नहीं कि इस क्षेत्र में प्रवेश लेने के लिए आपके पास बड़ी-बड़ी डिग्रियां हों। वेबसाइट बनाने से लेकर कई अन्य प्रोग्राम्स बनाने में कंप्यूटर लैंग्वेज का हुनर जरूरी है। प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीख कर आप आईटी क्षेत्र में कैसे प्रवेश कर सकते हैं, बता रहे हैं हम…. विभिन्न सर्वेक्षणों से यह बात सामने आई है कि आईटी सेक्टर में जॉब की कोई कमी नहीं है। देश में ही नहीं, ट्रेंड प्रोफेशनल्स के लिए विदेशों में भी नौकरी के अवसर बने हुए हैं। बस जरूरत है तो अपनी रुचि पहचान कर उसका विशेषज्ञ बनने की। अगर आप भी आईटी सेक्टर में करियर का सपना बुन रहे हैं तो आपको कुछ प्रोग्रामिंग लैंग्वेज पर मजबूत पकड़ बनानी होगी। दरअसल ये लैंग्वेज मोबाइल एप और वेबसाइट्स बनाने से लेकर डेटा एनालिसिस जैसे कई कार्यों में मददगार होती हैं। जावास्क्रिप्ट इस समय नए-नए व उपयोगी एप्स बनाने में जावास्क्रिप्ट की बड़ी भूमिका है। जावा और जावास्क्रिप्ट में सिर्फ नाम की ही समानता है। जावास्क्रिप्ट का इस्तेमाल वेब एप्स बनाने में किया जाता है। मॉडर्न वेब को बनाने में जावास्क्रिप्ट का इस्तेमाल बखूबी किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल करने वालों को बस एक शिकायत रहती है कि इसकी वजह से वेबसाइट की ब्राउजिंग धीमी हो जाती है। इसके अलावा आज जावास्क्रिप्ट का इस्तेमाल वेब पेजेज में फॉर्म्स ऑथेंटिकेशन, ब्राउजर डिटेक्शन और डिजाइन इम्प्रूव करने में किया जा रहा है। आपके फेवरेट ब्राउजर क्रोम एक्सटेंशंस, एपल के सफारी एक्सटेंशंस, एडोब एक्रोबैट रीडर और एडोब क्रिएटिव सूट जैसी एप्लिकेशंस जावास्क्रिप्ट कोडिंग के बिना अधूरी हैं। मशहूर एप्स और ब्राउजर को तो आपने कई बार इस्तेमाल किया होगा, क्यों न इनके अपग्रेड हो रहे सफर में शामिल हुआ जाए। पीएचपी आज अधिकतर वेबसाइट्स पीएचपी पर बनाई जाती हैं। याहू, फेसबुक, वर्डप्रेस जैसी कई कंपनियों ने न सिर्फ अपनी वेबसाइट्स इसी लैंग्वेज में बनाईं, बल्कि साइट के रखरखाव में भी इसी लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप भी चाहते हैं कि ऐसी किसी बड़ी कंपनी में बतौर प्रोफेशनल जुड़ें तो लैंग्वेज की जानकारी इन कंपनियों में जॉब पाने का एक माध्यम बन सकती है। वेबसाइट्स बनाने के लिए पीएचपी बहुत ही कॉमन लैंग्वेज है। हालांकि कई प्रोग्रामर्स ऐसे भी हैं, जिन्हें प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के तौर पर पीएचपी पसंद नहीं। हाई-स्पीड स्क्रिप्टिंग और ऑगमेंटेड कंपाइलिंग कोड प्लगिंग्स जैसी खासियतों के चलते इस लैंग्वेज का फ्यूचर ब्राइट है। पीएचपी से जुड़े कोर्स कर लेने के बाद आप वेब डिजाइनर और वेब डेवलपर जैसे पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे। दरअसल पीएचपी सर्वर स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज है, जिसका इस्तेमाल वेब डेवलपमेंट के साथ आम प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में भी होता है। ओपन सोर्स होने की वजह से पीएचपी का आज 24 करोड़ से ज्यादा वेबसाइट्स और 20 लाख वेब सर्वर्स में इस्तेमाल हो रहा है। वेब डिजाइनर के रूप में आप शुरुआत में 15 हजार से 20 हजार रुपए पा सकते हैं। अनुभव के बाद अच्छी सेलरी मिलती है। सी सी सबसे पुरानी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में से एक है। यहां तक कि कंप्यूटर की थोड़ी बहुत जानकारी रखने वाले के लिए भी सी जाना-पहचाना नाम है। आज भी बहुत सी आईटी कंपनियों में सी प्रोग्रामर की बहुत डिमांड है। इस लैंग्वेज को 70 के दशक में विकसित किया गया था। इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि 1978 में द सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज नाम की 800 पन्नों की एक किताब तक छप गई। यह किताब आज भी मशहूर है। सी लैंग्वेज को सीखने और इसमें एक्सपर्ट होने के बाद आपके लिए देश-विदेश में जॉब की कोई कमी नहीं होगी। आप इस क्षेत्र में काफी आगे तक जा सकते हैं। जावा आज इस लैंग्वेज का इस्तेमाल न सिर्फ कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में किया जाता है, बल्कि मोबाइल फोन आदि की एप्लिकेशन में भी इसके बगैर काम नहीं चलता। दरअसल जावा ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज है। इसे क्लाइंट-साइड लैंग्वेज भी कहा जाता है, क्योंकि ईजी कमांड्स, ईजी कोड्स होने की वजह से यह क्लाइंट-साइड वेब ब्राउजर में इस्तेमाल की जाती है। जावा कोर्स करके आप वेब डेवलपर, प्रोग्रामर जैसी जॉब के लिए कोशिश कर सकते हैं। इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की सहायता से एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर बनाना आसान होता है। जावा एक बड़ी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है, इसीलिए कंपनी ने इसे कई भागों में बांटा हुआ है। यानी आप बतौर प्रोग्रामर्स जिस वर्ग से संबंधित सॉफ्टवेयर का विकास करना चाहते हैं, उसी में विशेषज्ञता हासिल करें। जावा की सबसे बड़ी विशेषता इसकी पोर्टेबिलिटी व सुरक्षा है। आज दुनियाभर में यह सबसे लोकप्रिय प्रोग्रामिंग लैंग्वैज है। आज हर दिन नई-नई एप सामने आ रही हैं। इन एप को बनाने में जावा की अहम भूमिका होती है। ऑब्जेक्टिव सी सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज काफी पुरानी और एक सफल लैंग्वेज रही है। इसी से प्रेरित होकर बाद में इससे मिलते-जुलते नाम से अन्य लैंग्वेज भी विकसित की गईं। इन्हीं में से एक है ऑब्जेक्टिव सी। सी से प्रेरित होकर बनी इस लैंग्वेज में कई नए एडवांस फीचर जोड़े गए। अगर आप चाहते हैं कि भविष्य में आईफोन के एप्स बनने में आपकी भी भूमिका हो तो यह लैंग्वेज आपके करियर को ऊंचाइयों तक ले जा सकती है। दरअसल इस लैंग्वेज का इस्तेमाल आमतौर पर आईफोन की एप्स बनाने में किया जा रहा है। वैसे एपल कंपनी ऑब्जेक्टिव सी के साथ अपनी बनाई हुई लैंग्वेज का भी इस्तेमाल करती है। यूं समझें कि ऑब्जेक्टिव सी आपको एक बेहतरीन करियर देने के लिए बनी है।    पर्ल जब भी टेक्स्ट प्रोसेसिंग की बात आती है तो पर्ल लैंग्वेज को ही याद किया जाता है। पर्ल लैंग्वेज को 80 के दशक में नासा के एक इंजीनियर ने बनाया था। बतौर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज यह एक प्रभावशाली भाषा है। इंजीनियर्स इसे द डक्ट टेप ऑफ द वेब टैग नाम से जानते हैं। इस भाषा में प्रोग्रामिंग करना न सिर्फ आसान है, बल्कि काफी फ्लैक्सिबल भी है। पर्ल को मल्टीटास्किंग लैंग्वेज के रूप में जाना जाता है। सिस्टम प्रोग्रामिंग की कितनी ही मुश्कि लें क्यों न हों, पर्ल लैंग्वेज में सभी हल हैं। इस भाषा में लिखी गई प्रोग्रामिंग पर्ल स्क्रिप्ट के रूप में जानी जाती है। पर्ल की कई खूबियां हैं, जो अपनी समकक्ष भाषाओं से … Read more

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से प्रगति के पथ पर बढ़ रहा

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से प्रगति के पथ पर बढ़ रहा है। भारत वसुधैव-कुटुम्बकम की संस्कृति पर चल रहा है, जहाँ पूरा विश्व एक परिवार की तरह है। जब सारा विश्व युद्ध में झुलस रहा है, तब भारत जियो और जीने दो का संदेश देकर अपनी उदार संस्कृति का परिचय दे रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को इंदौर के केसरबाग क्षेत्र में एक बगिया माँ के नाम नगर वन निर्माण का भूमि पूजन एवं पौधारोपण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह संयोग है कि आज श्रावण माह का पहला दिन है और इसी दिन केसरबाग में "एक बगिया माँ के नाम" के तहत इंदौर को हरा-भरा और सुंदर बनाने का संकल्प लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत के लोग प्रारंभ से ही प्रकृति के निकट रहे हैं और उन्होंने प्रकृति में भी परमात्मा के दर्शन किये है। कार्बन उत्सर्जन को दूर करने में पौधों की बड़ी भूमिका है। पेड़ ऋषि-मुनि के समान होते है, जो प्रकृति से कम और लेते देते अधिक हैं। पौधों में प्राण होते है और भारत के महान वैज्ञानिक डॉ. जगदीश चन्द्र बसु ने वैज्ञानिक रूप से सिद्ध करके दिखाया कि पौधों मे प्राण होते है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केसरबाग में आम के पौधे का रोपण किया। नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि क्लॉथ मॉर्केट एसोसिएशन ने शासन को केसरबाग में जो चार एकड़ से अधिक जमीन पौधारोपण के लिए दी है, उस पर 51 हजार से अधिक पौधे लगाकर इसे सुन्दर और प्रदेश की सबसे बड़ी बगिया बनाया जाएगा। बगिया में फलदार और औषधीय पौधे लगाये जायेंगे। बीते वर्ष हमने एक दिन में रेवती रेंज मे 12 लाख 40 हजार से अधिक पौधारोपण कर इतिहास रचा था। वर्तमान में सभी पौधे जीवित है और लहरा रहे है। मंत्री श्री विजयवर्गीय ने कहा कि इस मानसून में इंदौर जिले में 7 लाख पौधों का रोपण हो चुका है और आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में विभिन्न सामाजिक संस्थाएं हजारों की संख्या में पौधारोपण करेंगी। महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में बेहतर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रकृति प्रेमी है और वे जल संरक्षण एवं जल संर्वधन की दिशा में लगातार कार्य कर रहे हैं। मुनि श्री आचार्य विभोव सागर महाराज ने कहा कि पर्यावरण जीवन का आधार और संस्कृति का संरक्षक है। जहॉ वृक्ष होते है, वहाँ बादल अधिक बरसते हैं हर व्यक्ति अपने आंगन में एक पेड़ अवश्य लगाये। कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, सांसद श्री शंकर लालवानी, विधायक श्री मधु वर्मा, श्री महेद्र हार्डिया, श्रीमती मालिनी गौड़, सुश्री उषा ठाकुर, श्री गोलू शुक्ला आदि शामिल थे।  

दिल्ली में सिद्धारमैया की अनदेखी? राहुल से न मिलने पर BJP का तंज

कर्नाटक  कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद में बदलाव को लेकर चल रहीं अटकलों के बीच सीएम सिद्धारमैया राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। इस पर बीजेपी ने तंज कसा है। बीजेपी नेता और आईडी हेड के प्रमुख अमित मालवीय ने इसे अपमान करार दिया है। अमित मालवीय ने एक्स पर पोस्ट किया, ''कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का दिल्ली में अपमान। वह दिल्ली तक आए, लेकिन राहुल गांधी ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया और अब बिना किसी मुलाकात के ही लौट आए हैं। यह पहली बार नहीं है जब किसी गांधी ने कर्नाटक के किसी वरिष्ठ नेता का अपमान किया हो। इतिहास याद करता है कि कैसे राजीव गांधी ने बीमार वीरेंद्र पाटिल को बेवजह बर्खास्त कर दिया था, जिससे राज्य में कांग्रेस का पतन हुआ था।'' बीजेपी नेता ने आगे कहा, ''अब कमजोर सिद्धारमैया को उसी व्यक्ति के पीछे छिपना पड़ रहा है जो उनके खिलाफ साजिश रच रहा है- डीके शिवकुमार, जो उनकी कुर्सी संभालने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कांग्रेस, और खासकर गांधी परिवार, हमेशा से कन्नड़ लोगों के साथ तिरस्कारपूर्ण व्यवहार करता रहा है। यह तो बस ताजा उदाहरण है।'' कर्नाटक में लंबे समय मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलें लग रही हैं। डीके शिवकुमार के समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, जबकि सिद्धारमैया पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। सिद्धारमैया ने राज्य नेतृत्व में बदलाव की अटकलों को फिर से खारिज कर दिया और कहा कि इस बदलाव के बारे में कांग्रेस आलाकमान से कोई चर्चा नहीं हुई है। सिद्धारमैया ने शुक्रवार को कहा, “मैं आपको कितनी बार कहूं कि इस (कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलों) पर कोई चर्चा नहीं हुई। इस मुद्दे पर आलाकमान से कोई चर्चा नहीं हुई।” सिद्धारमैया ने गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की, जिससे कर्नाटक में संभावित मुख्यमंत्री परिवर्तन की अटकलों को बल मिला।  

प्रीति जिंटा ने ‘गुरु मित्र’ को किया याद, मार्गदर्शन के लिए जताया आभार

मुंबई,  अभिनेत्री प्रीति जिंटा ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने प्रशंसकों को शुभकामनाएं दीं और अपने ‘गुरु मित्र’ आचार्य अशोक द्विवेदी के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रीति अमेरिका में रहती हैं और उन्होंने स्थानीय समयानुसार विशेष पर्व की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए गुरुजी का धन्यवाद किया। प्रीति ने इंस्टाग्राम पर वाराणसी में खींची गई एक तस्वीर शेयर की, जिसमें वह अपने गुरुजी के साथ बैठी नजर आ रही हैं। इंस्टाग्राम पर शेयर की गई तस्वीर के साथ प्रीति ने कैप्शन में लिखा, “गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं। यह दिन अपने आध्यात्मिक गुरु के सम्मान में मनाया जाता है। मैं अपने गुरु मित्र आचार्य अशोक द्विवेदी को धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने मेरी आध्यात्मिक यात्रा को समझने और उसका मार्गदर्शन करने में मेरी मदद की।” उन्होंने आगे लिखा, “मुझे समझने, मेरा दोस्त बनने और उन सवालों के जवाब खोजने में मेरी मदद करने के लिए धन्यवाद, जिन्हें मैं समझ नहीं पाती थी। आपका हंसमुख मिजाज, विनम्रता के साथ अन्य गुण मुझे ताकत देते हैं और मेरे अंदर की उस ताकत को खोजने में मदद करते हैं, जिसके बारे में मुझे पता नहीं था।” आचार्य अशोक द्विवेदी के बारे में बता दें, वह श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं और धर्मगुरु भी हैं। प्रीति अक्सर अपने धर्मगुरु से मार्गदर्शन लेती रहती हैं। वर्कफ्रंट की बात करें तो प्रीति जिंटा लंबे ब्रेक के बाद बॉलीवुड में वापसी करने के लिए तैयार हैं। वह फिल्म निर्माता राजकुमार संतोषी की फिल्म ‘लाहौर 1947’ में नजर आएंगी। पिछले साल अक्टूबर में इस फिल्म की आधिकारिक घोषणा हुई थी, जिसके स्टार-कास्ट और कहानी सामने आई थी। फिल्म में प्रीति के साथ सनी देओल मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। प्रीति की पिछली रिलीज साल 2018 में आई फिल्म ‘भैयाजी सुपरहिट’ थी, जिसमें उनके साथ सनी देओल, अरशद वारसी, अमीषा पटेल और श्रेयस तलपड़े जैसे एक्टर्स अहम भूमिकाओं में हैं।  

शैक्षणिक उन्नयन के लिए अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन की वार्षिक कार्ययोजना पर हुई अहम चर्चा

 भोपाल  आज अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के जिला संस्थान के सभागार मे जिला सागर के सभी विकासखण्ड के शैक्षणिक उन्नयन हेतु वार्षिक कार्ययोजना एवं क्रियान्वयन को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित हुई | इस कार्यक्रम मे पिछले वर्ष की प्रमुख गतिविधियों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमे शिक्षकों कि प्रभावी कक्षा शिक्षण की प्रक्रियाओं एवं बच्चों के सीखने मे पड़े प्रभाव से संबंधित विभिन्न कामों को सभी ने देखा और सराहा |  इस बैठक मे सागर जिले के सभी विकासखण्ड के बीआरसी समन्वयक एवं, जिला शिक्षा केंद्र से श्री अनिल जैन APC (अकादमिक), जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से वरिष्ठ प्राध्यापक श्री नेमा, एवं असाटी जी तथा प्रियंक श्रीवास्तव, जिला प्रमुख अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन, सागर की उपस्थिति मे जिला सागर की पिछली वार्षिक कार्ययोजना के प्रभाव और चुनौतियों को समझा गया ।   एपीसी अनिल जैन एवं आर० के० असाटी (वरिष्ठ व्याख्याता) ने जिले के शिक्षकों की क्षमता संवर्धन हेतु अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से निपुण शिक्षक कार्यक्रम अंतर्गत संचालित डेमो कक्षाओं के प्रभाव से सहमति जताते हुए कहा की इस कार्यक्रम ने हमारे शिक्षकों को अपनी कक्षाओं को बेहतर बनाने के साथ साथ बच्चों के सीखने को भी बेहतर किया हैं | समीक्षा बैठक में जिला शिक्षा केंद्र से शालू शर्मा एवं अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन से शिफ़ा खान, आशुतोष, राम नरेश, स्वेता एवं राकेश मौजूद रहे ।  प्रियंक श्रीवास्तव (जिला प्रमुख अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन, सागर) द्वारा अज़ीम प्रेमजी छात्रवृत्ति योजना कि विस्तृत जानकारी प्रदान की  गई । जिसका विवरण संलग्न इस प्रकार है- अठारह राज्यों की 2.5 लाख छात्राओं को अज़ीम प्रेमजी छात्रवृत्ति (वर्ष 2024-25 में मध्य प्रदेश में 18,000 से अधिक छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की गई जिसमे से सागर जिले की 1,367 छात्राएं लाभान्वित हुई।) सागर, 11  जुलाई: अज़ीम प्रेमजी छात्रवृत्ति का उद्देश्य स्कूली शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली छात्राओ को सहायता प्रदान करना है।  अज़ीम प्रेमजी छात्रवृत्ति के बारे में मुख्य बातें: • पात्रता: o ऐसी छात्रायें जिन्होने सरकारी (पब्लिक) स्कूलों से कक्षा 10वी और 12वी की पढ़ाई की हो। o किसी प्रामाणिक उच्च शिक्षा संस्थान (HEI) में डिग्री या डिप्लोमा कार्यक्रम में प्रवेश लिया हो। ‘प्रामाणिक’ HEI की सूची में सभी सरकारी (पब्लिक) HEI और चुनिंदा निजी HEI भी शामिल होंगे। • छात्रवृत्ति: डिग्री या डिप्लोमा कार्यक्रम की अवधि के लिए प्रति वर्ष 30,000 रुपये, जब तक छात्रा सफलतापूर्वक कार्यक्रम में जारी रहती है । उदाहरण के लिए, 4 वर्षीय बीएससी नर्सिंग प्रोग्राम करने वाली छात्राओं को उन 4 वर्षों में 1,20,000 रुपये की छात्रवृत्ति सहायता मिलेगी । यह धनराशि हर साल दो किश्तों में छात्राओ के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाएगी । वह अपनी जरूरत के हिसाब से इस धनराशि का उपयोग कर सकती है ।  फाउंडेशन का अनुमान है कि वह शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में 2.5 लाख छात्राओ को अज़ीम प्रेमजी छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही होगी । यह कार्यक्रम इस साल से देश के 18 राज्यों में शुरू किया जाएगा । अज़ीम प्रेमजी छात्रवृत्ति पायलट के तौर पर शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और झारखंड के कुछ चुनिन्दा जिलों में लॉन्च किया गया था । इस पायलट कार्यक्रम में 25,000 से अधिक छात्राओ को छात्रवृत्ति दी गई है । छात्रवृत्ति के पहले वर्ष का पैसा इन छात्राओ के खातों में ट्रांसफर कर दिया गया है। वर्ष 2025-26 के लिए आवेदन प्रक्रिया सितंबर 2025 में शुरू होगी ।  अठारह राज्यों की सूची इस प्रकार है: अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड । कार्यक्रम का विवरण और कार्यक्रम के डिजाइन या कवरेज में कोई भी बदलाव आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत में अधिसूचित किया जाएगा । आने वाले वर्षों में ये संभावना है की छात्रवृत्ति कार्यक्रम में देश के सभी राज्यो को शामिल किया जाएगा ।  

महापंचायत में AAP की एंट्री, दिल्ली के गांवों के युवाओं को किया लामबंद करने का आह्वान

नई दिल्ली आम आदमी पार्टी (आप) ने फरीदाबाद के अनंगपुर में ध्वस्तीकरण अभियान के विरोध में 13 जुलाई को होने वाली महापंचायत का अपना समर्थन करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही दिल्ली देहात के 360 गांवों के युवाओं से अधिक से अधिक संख्या में अनंगपुर की महापंचायत में पहुंचने की अपील की है। ‘आप’ के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “अपने गांव की रक्षा के लिए हम दिल्ली के सभी 360 गांवों के युवाओं, खासकर युवा पीढ़ी से 13 जुलाई को अनंगपुर में होने वाली महापंचायत में शामिल होने की अपील करते हैं। हम सब मिलकर सरकार की कार्रवाई का विरोध करने के लिए एक संयुक्त रणनीति तैयार करेंगे।” सौरभ भारद्वाज ने इस दौरान दिल्ली के कई इलाकों में कथित तौर एमसीडी और डीडीए द्वारा नोटिस भेजे जाने और डेमोलिशन करने का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हरियाणा और दिल्ली की कार्रवाई को आपस में जोड़ा। 'आप' नेता ने कहा कि सरकार हमारी जमीनों का पहले ही अधिग्रहण कर चुकी है। अब जो थोड़ी-बहुत जमीनें बची हैं सरकार उन्हें भी जबरन छीनने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि हम इसका विरोध करते हैं और 13 जुलाई को अनंगपुर में होने वाली सर्व समाज की महापंचायत में आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल भी हिस्सा लेगा। उन्होंने 'आप' के सभी कार्यकर्ताओं से भी अनंगपुर पहुंचने का आह्वान किया है। बता दें कि, वन विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के बाद अनंगपुर के ग्रामीण पिछले 10 दिन से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके जवाब में, अनंगपुर संघर्ष समिति ने 13 जुलाई को एक महापंचायत बुलाने का फैसला किया है। बता दें कि, बीते दिनों फरीदाबाद नगर निगम ने वन विभाग के साथ मिलकर, संरक्षित अरावली की पहाड़ियों में अवैध निर्माण के खिलाफ अपनी कार्रवाई के तहत कई फार्महाउस और अवैध ढांचों को ध्वस्त कर दिया था। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि आनंद वन से अरावली तक सड़क पर बने करोड़ों रुपये के अवैध फार्म हाउसों को ध्वस्त कर दिया गया और करीब 10 एकड़ जमीन खाली करा ली गई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चल रहा ध्वस्तीकरण अभियान : उपायुक्त भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, फरीदाबाद के उपायुक्त विक्रम यादव ने बीते दिनों बताया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ध्वस्तीकरण अभियान चलाया जा रहा है। शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया है कि अरावली से सभी अवैध निर्माण हटा दिए जाएं और इस पर जुलाई 2025 तक एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। अधिकारियों के अनुसार, अरावली वन क्षेत्र से 6,793 से अधिक छोटे और बड़े अवैध निर्माण हटाए जाने हैं जिनकी पहचान ड्रोन सर्वे में की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इन अवैध निर्माण को हटाने के लिए तीन महीने का समय दिया है। वन विभाग ने पहले भी कुछ हिस्सों से अवैध निर्माण को हटाया था, लेकिन अब फिर से ध्वस्तीकरण अभियान शुरू हो गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अरावली क्षेत्र के चार गांवों अनंगपुर, लक्कड़पुर, अनखीर और मेवाला महाराजपुर के पास अवैध निर्माणों को गिराया जाएगा। उन्होंने कहा कि ध्वस्तीकरण अभियान जारी रहेगा।