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अमित शाह को वामपंथी सांसदों का पत्र, छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर उठाए सवाल

रायपुर छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण और मानव तस्करी मामले में सियासत गरमाई हुई है। इसकी चिंगारी अब दिल्ली तक पहुंच गई है। विपक्षी दल इस मामले को लेकर केंद्र और राज्य सरकार को घेरने में लगा है। अल्पसंख्यकों को लेकर उन पर जमकर आरोप लगाये जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण और मानव तस्करी मामले में कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत को लेकर वामपंथी दलों के सांसदों ने  केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को खत लिखा है। पत्र लिखकर इस संबंध में शीघ्र हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। इससे पहले प्रदेश के दुर्ग में दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल सहित संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के सांसदों ने भी सोमवार को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था। ननों को रिहा करने की मांग की थी। दुर्ग रेलवे स्टेशन पर कथित मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण के आरोप में दो ननों सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। यह कार्रवाई बजरंग दल के एक स्थानीय पदाधिकारी की शिकायत के बाद की गई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ये तीनों व्यक्ति नारायणपुर की तीन लड़कियों का जबरन धर्मांतरण और तस्करी कर रहे थे। संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन और आईयूएमएल केईटी मोहम्मद बशीर सहित यूडीएफ सांसदों ने संसद भवन परिसर के मकर द्वार के सामने प्रदर्शन किया था। इस दौरान वे पोस्टर लिए हुए थे जिन पर ‘अल्पसंख्यकों पर हमले बंद करो’ लिखा था। वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर लिखा था कि , “यूडीएफ सांसदों ने दुर्ग (छत्तीसगढ़) में कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी और उत्पीड़न के खिलाफ आज संसद के बाहर प्रदर्शन किया। इन निर्दोष महिलाओं ने कुछ भी गलत नहीं किया लेकिन फिर भी हिंसक भीड़ ने उन्हें निशाना बनाया।” उन्होंने आरोप लगाया, “भाजपा-आरएसएस के परिवेशी तंत्र के तहत सभी अल्पसंख्यकों को अपराधी समझा जाता है और असामाजिक तत्वों को उनकी आस्था का पालन कर रहे नागरिकों को डराने के लिए छोड़ दिया जाता है। छत्तीसगढ़ में बजरंग दल के गुंडों और पुलिस के बीच की यह जुगलबंदी भाजपा की धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति वास्तविक मंशा को दर्शाती है।” कांग्रेस नेता ने कहा कि वे ननों की तत्काल रिहाई और उनके साथ न्याय की मांग करते हैं। वेणुगोपाल और केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीसन ने इसे भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों पर हमलों का एक और उदाहरण बताया। उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है और संविधान के तहत अल्पसंख्यकों के मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। अब यहां जानिये क्या है पूरा मामला दुर्ग रेलवे स्टेशन में 25 जुलाई शुक्रवार को इस मामले में जमकर हंगामा हुआ था। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने धर्मांतरण की आशंका को लेकर जमकर प्रदर्शन किया था। बड़ी संख्या में बजरंग दल के कार्यकर्ता स्टेशन परिसर में पहुंचे थे। जय श्रीराम के नारे लगाते हुए विरोध जताया था। स्थिति पर काबू पाने के लिये भारी संख्या में पुलिस बल और जीआरपी को मौके पर तैनात किया गया था। इस प्रकरण में जीआरपी पुलिस ने दो नन और युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच कर रही है। शुरुआती जांच के बाद दो नन और युवक पर धारा 143 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस प्रकरण की जांच कर रही है। पकड़े गये थे दो नन सिस्टर, एक युवक और  तीन आदिवासी युवतियां बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दो नन सिस्टर, एक युवक और  तीन आदिवासी युवतियों को घेर रखा था। इन आदिवासी युवतियों को बहला-फुसलाकर यूपी के आगरा में ले जाने का आरोप था। जहां उनके धर्मांतरण की योजना थी। ये तीनों आदिवासी युवतियां नारायणपुर जिले के ग्राम ओरछा की निवासी थी। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इन लड़कियों की उम्र कम है और इनमें से कोई भी आठवीं कक्षा से आगे की नहीं पढ़ी हैं। इनके माता-पिता को भी इस संबंध में जानकारी नहीं है। युवक पर ऐसे मामले में शामिल होने का आरोप छत्तीसगढ़ बजरंग दल पदाधिकारी रवि निगम ने आरोप लगाते हुए कहा कि  जो युवक पकड़ा गया था, वह पहले भी इस तरह की घटनाओं में संलिप्त रहा है। आदिवासी लड़कियों का धर्म परिवर्तन करा चुका है। राज्य में धर्म परिवर्तन के खिलाफ कठोर कानून तुरंत लागू किया जाए। मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार दुर्ग जीआरपी ने दो ननों को मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था, जहां से दो ननो समेत एक युवक को जेल भेज दिया गया था। इतना ही नहीं दो ननों और युवक की गिरफ्तारी के बाद जमानत याचिका लोअर कोर्ट के बाद सेशन कोर्ट ने खारिज कर दी थी। सेशन कोर्ट से जज अनीश दुबे ने कहा हमें यह प्रकरण सुनने का अधिकार नहीं है। यह मानव तस्करी से जुड़ा मामला था,जिसकी सुनवाई बिलासपुर की एनआईए कोर्ट में हो सकती है। दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई करने का आरोप अब इस मामले में जमकर राजनीति हो रही है। कांग्रेस और सीपीआई के प्रतिनिधि मंडल ननों से मुलाकात कर केंद्रीय जेल पहुंचे थे। मुलाकात के बाद दोनों ही पार्टियों ने सरकार पर दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। दोनों ही राजनीतिक दलों ने प्रदेश की बीजेपी सरकार को आदिवासियों और ईसाईयों का विरोधी करार दिया है। वहीं सीपीआई वरिष्ठ नेत्री वृंदा करात ने कहा है कि झूठे केस में ननों को गिरफ्तार करके जेल में डालना अन्याय है।  

बोधघाट परियोजना को लेकर सीएम साय सक्रिय, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री से की मुलाकात

नई दिल्ली, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल से सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान राज्य की महत्वपूर्ण जल परियोजनाओं, विशेषकर बस्तर क्षेत्र की बहुप्रतीक्षित बोधघाट बहुद्देशीय परियोजना पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय मंत्री सी आर पाटिल को अवगत कराया कि बोधघाट परियोजना बस्तर की सिंचाई, पेयजल आपूर्ति और ऊर्जा उत्पादन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर क्षेत्र दशकों से विकास की मुख्यधारा से पीछे रहा है। वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि इस क्षेत्र को नक्सल हिंसा से मुक्त कर आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाया जाए। उन्होंने बताया कि बस्तर के लिए प्रस्तावित बोधघाट बहुद्देशीय परियोजना से लगभग 8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और 125 मेगावाट विद्युत उत्पादन सुनिश्चित किया जा सकेगा। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री साय ने यह भी बताया कि बस्तर क्षेत्र में अब नक्सल प्रभाव में उल्लेखनीय कमी आई है और विकास कार्यों के लिए अनुकूल वातावरण बन रहा है। ऐसे में बोधघाट जैसी परियोजनाएं इस क्षेत्र को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में निर्माण संबंधी आवश्यक पहल करने के विषय में विस्तार से चर्चा की। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए परियोजना से संबंधित प्रस्तावों का शीघ्र तकनीकी परीक्षण कराने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री साय ने आशा व्यक्त की कि केंद्र सरकार के सहयोग से बोधघाट परियोजना शीघ्र साकार रूप लेगी और यह बस्तर की आर्थिक उन्नति और सामाजिक बदलाव का प्रमुख आधार बनेगी।

रेल नेटवर्क विस्तार: भोपाल-इटारसी-बीना रूट पर चौथी लाइन के लिए सर्वे कार्य शुरू

भोपाल  रेलवे यातायात को सुगम, तेज और प्रभावी बनाने की दिशा में भोपाल मंडल के अंतर्गत इटारसी-भोपाल-बीना खंड पर चौथी रेल लाइन परियोजना की शुरुआत कर दी गई है। इस परियोजना के पूरा होने से न केवल माल और यात्री परिवहन की क्षमता में इजाफा होगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास और रोजगार सृजन को भी नया आयाम मिलेगा। वर्तमान में इस खंड पर पहले से मौजूद तीन रेल लाइनों पर भारी यातायात का दबाव है, जिससे ट्रेनों की गति और समयबद्धता पर असर पड़ता है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि चौथी लाइन के निर्माण से यह दबाव कम होगा और मालगाड़ियों के निर्बाध संचालन के साथ-साथ यात्री ट्रेनों को भी समय पर और बेहतर ढंग से चलाया जा सकेगा। सर्वे और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी परियोजना के तहत इटारसी से भोपाल और फिर भोपाल से बीना तक सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। सर्वे के पूर्ण होते ही नियमानुसार आवश्यक भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। इसमें स्थानीय प्रशासन के सहयोग से भूमि स्वामियों को उचित मुआवजा दिए जाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। महत्वपूर्ण जिलों से होकर गुजरेगा रूट यह चौथी रेल लाइन मप्र के नर्मदापुरम, रायसेन, सीहोर, भोपाल, विदिशा और सागर जैसे जिलों से होकर गुजरेगी। इन जिलों में रेलवे नेटवर्क के विस्तार से आवागमन की सुविधा बढ़ेगी और औद्योगिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी। परियोजना से इन क्षेत्रों में आवागमन के समय में कमी आएगी और साथ ही माल परिवहन की लागत और समय में भी कमी आएगी। निर्माण, रखरखाव और संचालन से जुड़े कार्यों में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही, इस परियोजना के तहत माल गोदाम, लॉजिस्टिक्स हब जैसे रेलवे से जुड़े अन्य ढांचागत विकास से आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा। सर्वे कार्य किया जा रहा है     चौथी लाइन के निर्माण के लिए इटारसी से लेकर बीना खंड तक सर्वे का कार्य जारी है। सर्वे पूर्ण होने के बाद आवश्यकतानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। – नवल अग्रवाल, पीआरओ, भोपाल मंडल बीना-इटारसी के बीच बिछेगी चौथी रेल लाइन रेलवे के अधिकारियों की मानें तो बीना से इटारसी के बीच चौथी रेल लाइन बिछाने के बाद सुपरफास्ट और एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें 160 से 220 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेंगी। इतना ही नहीं ट्रैफिक का लोड भी कम होगा और ट्रैफिक क्लियर मिलने के कारण अभी जो गाड़ियां आउटर पर खड़ी करनी पड़ती हैं उन्हें भी खड़ा नहीं करना पड़ेगा जिसके कारण समय की काफी बचत होगी। बीना से इटारसी के बीच की दूरी 230 किमी. है जिसे पूरा करने में अधिकतर ट्रेनों को 4 से साढ़े 4 घंटे का वक्त लगता है। चौथी रेलवे लाइन की सर्वे रिपोर्ट रेलव बोर्ड को भेजने की जानकारी देते हुए रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि उम्मीद है कि 2025 में ही चौथी रेल लाइन का काम शुरू हो जाएगा और अगले 3 साल में चौथी रेल लाइन बिछाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। बीना-भोपाल-इटारसी रूट व्यस्ततम रूट है जिस पर रोजाना सैकड़ों ट्रेनें चलती हैं। 160 से 220 की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें भोपाल रेल मंडल के डीआरएम देवाशीष त्रिपाठी ने बताया कि "बीना से इटारसी के बीच तीसरी रेल लाइन का काम पूरा हो चुका है. नवंबर 2023 से इस पर ट्रेनें चल रही हैं. तीसरी लाइन के चालू होने से भोपाल मंडल को 10 से अधिक नई ट्रेनें मिली हैं. इन ट्रेनों में वंदे भारत, महामना, सिंगरौली-पुणे हमसफर और आरकेएमपी-एलटीटी एक्सप्रेस आदि शामिल हैं. इससे बाकी मंडलों को भी फायदा पहुंचा है. अब चौथी रेल लाइन बिछाने के बाद सुपरफास्ट और एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें 160 से 220 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेंगी. ट्रैफिक क्लियर होने से अधिक देर तक आउटर में भी नहीं खड़े रहना पड़ेगा." वर्तमान में लगते हैं 4 से 5 घंटे बीना से इटारसी की दूरी 230 किलोमीटर है. इस दूरी को तय करने में निजामुद्दीन-जबलपुर सुपरफास्ट को 4 घंटे 20 मिनट लगते हैं. इसी प्रकार ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस और कुशीनगर बीना से इटारसी पहुंचने में करीब 4 घंटे का समय लेती है. 3 लाइनों में लोड के कारण ट्रेन को समय अधिक लगता है. लेकिन चौथी रेल लाइन बिछने के बाद लोड कम हो जाएगा और ट्रेनों की स्पीड बढ़ जाएगी. यानि नई रेल लाइन बिछने के बाद बीना से इटारसी के बीच यात्रा करने पर 2 से ढाई घंटे की बचत होगी. 3 साल में पूरा होगा चौथी रेल लाइन का काम डीआरएम देवाशीष त्रिपाठी ने बताया कि "चौथी लाइन बिछाने के लिए सर्वे की रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेज दी गई है. 2025 में ही इसका काम शुरू हो जाएगा. बीना से इटारसी के बीच चौथी रेल लाइन बनने के बाद ट्रेनों की रफ्तार 160 से 220 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ जाएगी. अगले 3 साल में चौथी रेल लाइन बिछाई जाएगी. इसका मतलब है कि बीना से इटारसी का सफर 2 से ढाई घंटे में पूरा हो सकेगा." केंद्रीय बजट में मिले 14,745 करोड़ रुपये केंद्रीय रेलवे बजट में मध्य प्रदेश के लिए 14,745 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इससे मध्य प्रदेश में जहां ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी, वहीं यात्री सुविधाओं में भी इजाफा होगा. अभी बीना-भोपाल-इटारसी रूट मालगाड़ी और पैसेंजर ट्रेन के लिए काफी जरूरी है. यह व्यस्ततम रूट में गिना जाता है. वर्तमान में इस रूट से सैकड़ों एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती हैं. चौथी नई लाइन न केवल यात्रा के समय को कम करेगी बल्कि माल ढुलाई को भी आसान बनाएगी. इससे प्रमुख शहरों की आपस में कनेक्टिविटी बेहतर होगी.   

आश्रम-छात्रावासों के विद्यार्थियों का भविष्य संवारने की महती जिम्मेदारी अधिकारियों की – नेताम

रायपुर कृषि तथा किसान कल्याण और आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने जिला मुख्यालय कांकेर में बालोद, धमतरी और कांकेर के अधिकारियों की बैठक लेकर दोनों विभागों की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने तीनों जिलों में बीज एवं उर्वरक वितरण तथा किसानों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली। उन्होंने जैविक कृषि, कोदो-कुटकी और उन्नत खेती के लिए किसानों के बीच इनसे संबंधित योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए। उन्होंने इस बारे में किसानों को लगातार जागरूक और प्रेरित करने को कहा। विधायक आशाराम नेताम और आदिवासी विकास विभाग के आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।  कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने सहकारी समितियों में भंडारित उर्वरकों को किसानों की मांग के अनुसार तत्काल वितरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कृषि एवं उद्यानिकी फसलों को और अधिक उन्नत बनाने तथा इनसे जुड़ी योजनाओं की पहुंच सभी किसानों तक सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने रासायनिक उर्वरकों से मृदा को होने वाले दुष्प्रभावों से किसानों को जागरूक करने को कहा। उन्होंने उद्यानिकी के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने युवाओं को रिफ्रेशर प्रशिक्षण एवं तकनीकी जानकारी देने को भी कहा। नेताम ने मुनगा, ऑयल पॉम, कोदो-कुटकी जैसे रोजगारमूलक फसलों का क्षेत्र बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने क्षेत्र की जलवायु के अनुरूप मसाला वर्गीय फसल लेने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।  आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि आश्रम-छात्रावासों में निवासरत विद्यार्थियों का भविष्य संवारने की बड़ी जिम्मेदारी अधिकारियों की है। विभाग द्वारा जो दायित्व सौंपे गए हैं, उन्हें पूरी इच्छाशक्ति के साथ निभाएं। उन्होंने तीनों जिलों के सहायक आयुक्तों को हर सप्ताह 8-10 छात्रावासों का आकस्मिक निरीक्षण करने तथा वहां की वस्तुस्थिति से अवगत होकर अपने कलेक्टर को जानकारी देने के निर्देश दिए। उन्होंने आश्रम-छात्रावासों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने आश्रम-छात्रावासों के लंबित एवं अपूर्ण निर्माण कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने तथा पूरे परिसर में सघन पौधरोपण करने के साथ ही वहां नियमित साफ-सफाई, बिजली, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं हर हाल में सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।  राज्य मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष भरत मटियारा, कांकेर के कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर, जिला पंचायत के सीईओ हरेश मंडावी और कृषि विभाग के संचालक तथा राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के प्रबंध संचालक अजय कुमार अग्रवाल सहित तीनों जिलों के कृषि और आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारी भी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।

हज यात्रियों के लिए खुशखबरी: अंतिम तिथि बढ़ी, विजयवाड़ा से पहली बार होगी उड़ान

भोपाल   हज की ख्वाहिश रखने वाले अब 7 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। हज आवेदन की सुस्त रफ्तार को देखते हुए हज कमेटी आफ इंडिया मुंबई ने आवेदन की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 7 अगस्त कर दी है। अंतिम तिथि तक प्रदेश भर से 16241 लोगों ने हज के लिए पंजीकरण किया है। हज-2026 के लिए इच्छुक मुस्लिम समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना सामने आई है। हज कमेटी ऑफ इंडिया द्वारा हज आवेदन की अंतिम तिथि को 31 जुलाई से बढ़ाकर अब 7 अगस्त 2025 रात 11:59 बजे तक कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि हज कमेटी ऑफ इंडिया ने 31 जुलाई को परिपत्र क्रमांक-6 जारी कर यह निर्णय लिया है। साथ ही स्पष्ट किया गया है कि इसके बाद आवेदन की तारीख नहीं बढ़ाई जाएगी, इसलिए जिन इच्छुक लोगों ने अब तक आवेदन नहीं किया है, वे समय रहते https://hajcommittee.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन प्रक्रिया पूरी कर लें। इस वर्ष एक अहम बदलाव यह भी किया गया है कि देश के 17 इम्बार्केशन पॉइंट्स के साथ अब विजयवाड़ा को भी 30 जुलाई से एक नया इम्वार्केशन पॉइंट घोषित कर दिया गया है। जिन आवेदकों ने पहले से आवेदन कर दिया है और अब विजयवाड़ा को अपनी पसंद के रूप में चुनना चाहते हैं, वे आवश्यक बदलाव हेतु राज्य हज कमेटी से संपर्क कर सकते हैं। रफत वारसी ने आगे बताया कि आवेदन की अंतिम तिथि समाप्त होते ही हज यात्रियों के चयन के लिए डिजिटल कुर्रा (Random Selection) प्रक्रिया की जाएगी। इस प्रक्रिया में चयनित होने वाले प्रोविजनल हज यात्रियों को 20 अगस्त 2025 तक 1,52,300 रुपए की अग्रिम राशि जमा करनी होगी। अधिक जानकारी के लिए इच्छुक आवेदक मध्य प्रदेश राज्य हज कमेटी के कार्यालय के दूरभाष क्रमांक 0755-2530139 पर संपर्क कर सकते हैं या आधिकारिक वेबसाइट का अवलोकन करें। हज-2026 के आवेदन से पहले ध्यान में रखें     पासपोर्ट की वैधता- 31 दिसंबर 2026 तक वैध होना अनिवार्य है।     मशीन रीडेबल पासपोर्ट- आवेदन के लिए पासपोर्ट मशीन द्वारा पढ़ने योग्य होना चाहिए।     नाम की सही प्रविष्टि जरूरी- सऊदी अरब के Nusuk Masar Portal पर पंजीयन पासपोर्ट की जानकारी से होता है। नाम में किसी भी तरह की गलती से पंजीयन में समस्या आती है।     उदाहरण: यदि नाम MOHAMMAD ANWAR QURESHI है, तो पासपोर्ट फॉर्म में इसे इस प्रकार दर्ज किया जाना चाहिए।     First Name: MOHAMMAD     Middle Name: ANWAR     Last Name: QURESHI, Surname/Last Name की फील्ड खाली न छोड़ी जाए।

जनता के हक पर डाका: जांजगीर-चांपा में राशन गबन का खुलासा, तीन गिरफ्तार

जांजगीर चांपा जांजगीर-चांपा जिले में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। शासकीय उचित मूल्य दुकान से 42 लाख रुपये की खाद्य सामग्री चावल, नमक सहित का गबन करने वाले एक महिला समेत तीन आरोपियों को चांपा पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। मामला विकासखंड बम्हनीडीह के बिर्रा रोड और कोटाडबरी स्थित शासकीय उचित मूल्य दुकानों से जुड़ा है। इन दुकानों का संचालन पूर्वा महिला स्व-सहायता समूह चांपा द्वारा किया जा रहा था, जिसकी अध्यक्ष गंगाबाई खांडेकर है। गंगाबाई के साथ विक्रेता रितेश खांडेकर और रामेश्वर खांडेकर ने मिलकर लाखों रुपए की शासकीय खाद्य सामग्री में हेराफेरी की। आरोपियों ने दोनों दुकानों से चावल, नमक और अन्य खाद्य सामग्री का करीब 42 लाख रुपये का गबन किया। इस मामले में पहले ही एक आरोपी सोहन यादव को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा जा चुका है। ताज़ा कार्रवाई में चांपा पुलिस ने वार्ड क्रमांक 13 घोघरा नाला निवासी तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ BNS की धारा 318(4), 316(5), 3(5) और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3, 7 के तहत केस दर्ज कर कार्यवाही की गई है।चांपा पुलिस ने आरोपियों को उनके निवास से पकड़ा। पूछताछ के दौरान शुरू में आरोपी गुमराह करते रहे, लेकिन कड़ी पूछताछ में उन्होंने जुर्म स्वीकार कर लिया। इसके बाद उन्हें विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया।

पड़ोसी राज्यों में मवेशियों की तस्करी, छत्तीसगढ़ से पकड़े गए तस्कर और जब्त हुई कार

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही छत्तीसगढ़ पुलिस को पशु तस्करी मामले में बड़ी सफलता हासिल हुई है. पुलिस ने अंतरराज्यीय पशु तस्करी गिरोह का पर्दाफ़ाश करते हुए मुख्य सरगना लखन साहू समेत दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि यह गिरोह लगातार यूपी और एमपी के सीमा पर सक्रीय हैं. कार्रवाई करते हुए कार और 11 नग मवेशी बरामद किया गया है. पुलिस टीम ने 30 जुलाई थाना मरवाही क्षेत्र के ग्राम बरटोला रटगा में दबिश दी. इस दौरान दौलत राठौर और उसका सहयोगी मन राखन सिंह मरावी को गिरफ्तार किया. दोनों चौकी कोटमीकला के ग्राम कंचनडीह के निवासी हैं. आरोपियों के कब्जे से एक कार और 11 मवेशी बरामद किए गए हैं. जांच में सामने आया कि आरोपी दौलत राठौर पर पूर्व में भी पेंड्रा और अनूपपुर थाना में पशु तस्करी से जुड़े अपराधों में संलिप्तता पाई गई. गिरोह के मास्टरमाइंड लखन साहू पुलिस ने शुक्रवार को अंतर्राज्यीय पशु तस्करी के गिरोह के मास्टरमाइंड लखन साहू को भी दबोच लिया. जांच में पता चला कि लखन साहू पर भी पहले पशु तस्करी से जुड़े और हत्या के प्रयास के मामले आरोपी रह चुका है. पूछताछ में लखन साहू ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (छत्तीसगढ़) तथा अनूपपुर (मध्यप्रदेश) के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय अन्य तस्करों और नेटवर्क की जानकारी दी है, जिसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है.

प्रधानमंत्री से मिले मुख्यमंत्री साय, विकास योजनाओं को मिली रफ्तार

1 नवंबर को ‘अमृत रजत महोत्सव’ में प्रधानमंत्री मोदी को दिया न्यौता नई दिल्ली, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 1 नवंबर 2025 को रायपुर में आयोजित अमृत रजत महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने हेतु आमंत्रित किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार की भावी योजनाओं, विकास की प्राथमिकताओं और जनकल्याण से जुड़े प्रमुख विषयों की जानकारी भी दी। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में राज्य गठन की 25वीं वर्षगांठ अमृत रजत जयंती वर्ष के रूप में मनाई जा रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह आयोजन छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक होगा और प्रधानमंत्री की गरिमामयी उपस्थिति से इसकी महत्ता और भी बढ़ जाएगी। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ तेज़ी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने ‘अंजोर विज़न @2047’  दस्तावेज़ तैयार किया है, जो विकसित भारत के लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुए छत्तीसगढ़ के समावेशी और सतत विकास की रूपरेखा प्रस्तुत करता है। यह विज़न दस्तावेज़ शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, नवाचार और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में सुधार और नवाचार-आधारित पहलों पर केंद्रित है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार के “जन विश्वास अधिनियम 2023” से प्रेरणा लेते हुए राज्य में “जन विश्वास विधेयक 2025” पारित किया है, जिससे न्याय प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ी है और आम नागरिकों की पहुंच अधिक सुलभ एवं सहज बनी है। राजधानी नवा रायपुर के सुनियोजित और तीव्र विकास हेतु गठित छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (SCRDA) की जानकारी भी मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से साझा की। उन्होंने बताया कि इस प्राधिकरण के माध्यम से राजधानी क्षेत्र को एक आधुनिक, स्मार्ट एवं तेज़ी से विकसित शहरी केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री को राज्य में औद्योगिक निवेश और रोज़गार सृजन के क्षेत्र में हो रही उल्लेखनीय प्रगति की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में लागू की गई नई औद्योगिक नीति 2024-30 के परिणामस्वरूप राज्य में निवेशकों की रुचि निरंतर बढ़ रही है। नीति के तहत सिंगल विंडो सिस्टम को लागू किया गया है, जिससे उद्योगों की स्थापना सरल, त्वरित और पारदर्शी बनी है। 1000 से अधिक व्यक्तियों को रोज़गार प्रदान करने वाले उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि नवंबर 2024 से जुलाई 2025 के बीच अब तक 84 कंपनियों से कुल 6.65 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नवा रायपुर में देश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट की नींव रखी जा चुकी है, और एआई डेटा सेंटर का निर्माण कार्य भी प्रारंभ हो गया है। इसी प्रकार, टेक्सटाइल, फार्मा, रेडीमेड गारमेंट और आईटी सेवाओं को प्राथमिकता देते हुए छत्तीसगढ़ को तकनीकी और औद्योगिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के माध्यम से ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध है। आदिवासी क्षेत्रों में डिजिटल संसाधनों और प्रशिक्षित शिक्षकों के सहयोग से शिक्षा को तकनीक से जोड़ने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी जानकारी दी कि राज्य सरकार मेडिसिटी और एडु सिटी जैसी दो नई महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं पर तेज़ी से कार्य कर रही है। रायपुर में विकसित की जा रही मेडिसिटी एक आधुनिक और उत्कृष्ट स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उभर रही है, जिससे छत्तीसगढ़ को मेडिकल हब के रूप में पहचान प्राप्त होगी और व्यापक स्तर पर रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री  साय ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रही पुनर्वास और विश्वास बहाली की योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की संवेदनशील और दूरदर्शी नीतियों के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर सामान्य जीवन की ओर लौटे हैं। इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का तीव्र विस्तार किया जा रहा है, जिससे आम नागरिकों में शासन के प्रति विश्वास सुदृढ़ हुआ है और वे विकास की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।

पुलिस ने मारा छापा, जुए की महफिल से 11 आरोपी गिरफ्तार

भाटापारा भाटापारा के मातादेवालय ग्राम खोखली रोड स्थित एक कॉलोनी में देर रात पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जुआ रैकेट का भंडाफोड़ किया। इस छापेमारी में करीब 11 जुआरियों को रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के अनुसार, जुए की फड़ पर करीब दो लाख रुपये से अधिक की रकम दांव पर लगी थी। यह कार्रवाई भाटापारा अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) के निर्देशन में की गई। पुलिस की इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि लंबे समय से यह जुआ रैकेट संचालित हो रहा था, जिसकी गुप्त सूचना पर कार्रवाई की गई।

अमित शाह से मिले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा

  छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियानों व उपलब्धियों की दी जानकारी नई दिल्ली, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज संसद भवन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सौजन्य भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ के समग्र विकास, माओवादी चुनौती से निपटने की रणनीति सहित विभिन्न विषयों पर केंद्रीय गृहमंत्री  अमित शाह से चर्चा की। मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय गृह मंत्री को माओवादी विरोधी अभियानों की उपलब्धि एवं भविष्य की कार्ययोजना से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में माओवादी गतिविधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों में पिछले डेढ़ वर्षों में उल्लेखनीय सफलता मिली है। दिसंबर 2023 से अब तक 33 बड़ी मुठभेड़ों में शीर्ष माओवादी नेताओं सहित 445 माओवादी न्यूट्रलाइज़ किए गए हैं। वहीं, 1554 माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं, एवं 1588 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा राज्य सरकार की “समन्वित विकास और सुरक्षा” नीति के तहत माओवादी प्रभाव को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। इन प्रयासों से न केवल माओवादी प्रभाव कम हुआ है, बल्कि स्थानीय समुदायों में प्रशासन के प्रति भरोसा भी बढ़ा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ सरकार की माओवाद उन्मूलन हेतु किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने माओवादी उन्मूलन के लिए राज्य सरकार के प्रयासों को ऐतिहासिक बताया और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग का वादा किया। बैठक में छत्तीसगढ़ के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले अमृत रजत महोत्सव 2025 की तैयारियों पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि इस आयोजन को भव्य और यादगार बनाने के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से राज्य की सांस्कृतिक विरासत, सामाजिक एकता, और आर्थिक उपलब्धियों को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री  साय ने बस्तर के विकास और सुरक्षा में सहयोग और मार्गदर्शन पर शाह को धन्यवाद भी ज्ञापित किया।