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दहशत के खिलाफ बड़ी कार्रवाई: कुलगाम में मुठभेड़, आतंकी मारा गया

जम्मू जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ जारी है। सुरक्षा बलों ने अब तक एक आतंकवादी को मार गिराया है। जबकि बचे हुए आतंकियों की तलाश की जा रही है। चिनार कॉर्प्स भारतीय सेना ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया कि सुरक्षा बलों ने अब तक एक आतंकवादी को मार गिराया है। ऑपरेशन जारी है। जानकारी के अनुसार, देर शाम को जिले के देवसर के अखल वन इलाके में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली। सेना, पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और सीआरपीएफ के जवानों ने वन क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया। छिपे आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी। दोनों ओर से थोड़ी देर तक फायरिंग हुई, लेकिन आतंकी अंधेरे की आड़ में जंगल में भाग निकले। आतंकियों ने रात में घेरा और सख्त कर दिया। शनिवार को सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराने में सफलता हासिल की। बता दें कि यह घाटी में पिछले पांच दिनों में दूसरा ऑपरेशन है। इससे पूर्व श्रीनगर के दाछीगाम में एक ऑपरेशन के दौरान लश्कर के कमांडर सहित तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया गया।

सावन पुत्रदा एकादशी व्रत: कब करें उपवास, कैसे करें पूजा, जानें हर जरूरी जानकारी

पुत्रदा एकादशी सावन महीने की अंतिम एकादशी है, जो 5 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी. पुत्रदा एकादशी वर्ष में दो बार आती है- पौष और सावन माह में. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है. सावन शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है, जो पवित्रता एकादशी के नाम से भी जानी जाती है. हिंदू मान्यता के अनुसार, इस दिन व्रत रखने और विष्णु जी की पूजा करने से नि:संतान जोड़ों को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है. सावन पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त श्रावण मास के पुत्रदा एकादशी की तिथि 4 अगस्त को सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 5 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 12 मिनट को होगा. उदयातिथि के अनुसार, श्रावण मास के पुत्रदा एकादशी 5 अगस्त 2025 को ही मनाई जाएगी. पारण का समय- 6 अगस्त को सुबह 5 बजकर 45 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 26 मिनट तक रहेगा.  सावन पुत्रदा एकादशी पूजन विधि इस दिन का शुभारंभ सुबह स्नान से करें और फिर भगवान विष्णु की पूजा के लिए तैयार हों. पूजा में धूप, दीप, नैवेद्य और अन्य 16 सामग्री का उपयोग करें. भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें और उन्हें पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें. इस दिन व्रत रखें और भगवान के भोग में तुलसी अवश्य शामिल करें. भोग लगाने के बाद भगवान विष्णु की आरती करें और रात को दीपदान करके पूजा का समापन करें. सावन पुत्रदा एकादशी का महत्व  धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जो दंपत्ति संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं, विशेष रूप से पुत्र की इच्छा रखते हैं, उन्हें यह व्रत अवश्य करना चाहिए. यह व्रत वर्ष में दो बार आता है – पौष और सावन माह में. यह व्रत रक्षाबंधन से चार दिन पहले रखा जाता है और इसमें भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस व्रत के पालन से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है, साथ ही ग्रह दोष भी दूर हो जाते हैं.

नोएडा में लहराएगा गौरव: डीएम मेधा ने शूटिंग चैम्पionship में जीतें तीन गोल्ड

 नोएडा  मेधा रूपम गौतमबुद्ध नगर की पहली महिला ज़िला मजिस्ट्रेट का पदभार संभाला है. एक शानदार करियर और प्रतिष्ठित पारिवारिक पृष्ठभूमि के साथ, एक राष्ट्रीय स्तर की राइफल शूटर से लेकर एक शीर्ष नौकरशाह तक का उनका सफ़र कई लोगों को प्रेरित करता है. मेधा रूपम नोएडा ( गौतमबुद्ध नगर ) की पहली महिला जिलाधिकारी (डीएम) हैं. 2014 बैच की आईएएस अधिकारी रूपम ने 30 जुलाई को ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर स्थित कलेक्टर कार्यालय का कार्यभार संभाला है.  भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त हैं पिता मेधा रूपम के पिता ज्ञानेश कुमार केरल कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त हैं. मेधा की नियुक्ति की घोषणा इसी सप्ताह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए 23 आईएएस अधिकारियों के तबादले आदेश में की गई थी, जिनमें गाजियाबाद और प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट भी शामिल हैं. उन्होंने मनीष कुमार वर्मा का स्थान लिया है, जिन्हें प्रयागराज का जिलाधिकारी बनाकर स्थानांतरित किया गया है. कौन हैं मेधा रूपम ? आगरा में जन्मी मेधा ने अपनी स्कूली शिक्षा केरल में पूरी की और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है.  मेधा ने 2014 में यूपीएससी परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 10वीं रैंक हासिल की थी. उन्होंने उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में सहायक मजिस्ट्रेट के रूप में अपना करियर शुरू किया है.  इसके बाद, वे मेरठ, हापुड़ और कासगंज सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों में शीर्ष नौकरशाह के रूप में तैनात रहीं. उन्होंने फरवरी 2023 से जून 2024 तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में भी कार्य किया.  शूटिंग चैम्पियनशिप में जीतें तीन गोल्ड मेडल मेधा राष्ट्रीय स्तर की राइफल शूटर भी हैं और उन्होंने केरल राज्य शूटिंग चैम्पियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीते हैं. मेधा के पति मनीष बंसल भी 2014 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और सहारनपुर में सेवारत हैं. सितंबर 2024 में, मेधा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह एक ट्रैक्टर में बैठी थीं और उनके साथ ड्राइवर समेत दो लोग थे. वह जलभराव वाले ग्रामीण इलाकों का निरीक्षण कर रही थीं. मेधा की नियुक्ति भारतीय प्रशासन में नेतृत्वकारी भूमिकाओं में महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. मेधा के पिता ज्ञानेश कुमार, केरल कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. 60 वर्षीय कुमार इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ काम कर चुके हैं. वे 31 जनवरी, 2024 को अमित शाह के अधीन आने वाले सहकारिता मंत्रालय में सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए. इससे पहले, वे संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव के पद पर भी कार्यरत थे. कुमार ने इस वर्ष फरवरी में राजीव कुमार का स्थान लेते हुए भारत के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के रूप में पदभार ग्रहण किया था.

भोपाल में यासीन मछली के खिलाफ दूसरी बार दुष्कर्म का आरोप, पीड़िता ने दर्ज कराई FIR

भोपाल  राजधानी की क्राइम ब्रांच द्वारा ड्रग तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किए गए यासीन अहमद उर्फ यासीन मछली के खिलाफ दुष्कर्म का एक और मामला सामने आया है। आरोपी की गिरफ्तारी की जानकारी मिलने के बाद पीड़ित युवती ने एमपी नगर थाने पहुंचकर केस दर्ज करवाया है। आरोपी ने शादी का झांसा देकर थाने से चंद कदम दूरी पर स्थित एक बड़े एक होटल में पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था। जानकारी के अनुसार दूसरे जिले की रहने वाली 29 वर्षीय युवती की जान-पहचान करीब दो साल पहले यासीन अहमद उर्फ यासीन मछली से एक क्लब में हुई थी। नंबर एक्सचेंज करने के बाद उनके बीच बातचीत होने लगी थी। उसके बाद यासीन ने युवती को मिलने के लिए एमपी नगर स्थित एक होटल में बुलाया और शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके बाद से वह लगातार उसका शारीरिक शोषण करता रहा। बाद में पीड़िता गोवा चली गई और वहां नौकरी करने लगी। पिछले दिनों क्राइम ब्रांच ने यासीन को ड्रग तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस दौरान पता चला कि उसने कई युवतियों का शारीरिक शोषण किया। यह जानकारी युवती को मिली तो उसने एमपी नगर थाने पहुंचकर शिकायत की। पुलिस ने पीड़िता की रिपोर्ट पर यासीन के खिलाफ शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने का मामला दर्ज कर लिया है। रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी पुलिस  आरोपी यासीन को 30 जुलाई को न्यायालय में पेश किया गया था, जहां से एक अगस्त तक के लिए ज्यूडीशियल रिमांड पर जेल भेजा गया था। उसे आज दोपहर बाद फिर से न्यायालय में पेश किया जाएगा। आरोपी के खिलाफ तलैया, कोहेफिजा, अरेरा हिल्स, महिला थाना समेत अन्य थानों में कई केस दर्ज हुए हैं, इसलिए पुलिस उसे दोबारा रिमांड पर ले सकती है। कोहेफिजा पुलिस को आरोपी से पूछताछ कर कुछ सामान बरामद करना है, इसलिए पुलिस द्वारा रिमांड मांगी जा सकती है। अंशुल सिंह गिरफ्तार इधर, ड्रग तस्करी से जुड़े एक अन्य आरोपी अंशुल सिंह को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था। उसे न्यायालय में पेश करने के बाद चार अगस्त तक पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। आरोपी और यासीन के बीच ड्रग तस्करी को लेकर चैट मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ा था।  

डायल-100 की जगह नया इमरजेंसी नंबर लागू, पुलिस बुलाने का तरीका बदला

 ग्वालियर ग्वालियर-चंबल इलाके की पहचान पहले बीहड़ों और डकैतों से होती थी, लेकिन अब अपराध का तरीका बदल गया है। आज के समय में ग्वालियर में हो रहे अपराधों में से करीब 60% साइबर क्राइम से जुड़े होते हैं। यानी अब अपराधी इंटरनेट का सहारा लेकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इसी वजह से ग्वालियर पुलिस को भी हाईटेक बनाया जा रहा है। ग्वालियर में पहले 45 स्थानों पर पुलिस की डायल 100 सेवा तैनात रहती थी, अब इसमें 9 पॉइंट और जोड़कर कुल 54 कर दिए गए हैं। साथ ही डायल 100 का नाम अब बदलकर डायल 112 कर दिया जाएगा। यानी अगर किसी को इमरजेंसी में पुलिस की जरूरत हो, तो अब 112 नंबर डायल करना होगा। पहले डायल 100 में सफारी गाड़ियां इस्तेमाल होती थीं, लेकिन अब इनकी जगह नई बोलेरो और स्कॉर्पियो गाड़ियां लगाई जाएंगी। इन गाड़ियों में GPS सिस्टम और डिजिटल वायरलेस लगाए जाएंगे, जिससे गाड़ियों की लोकेशन ट्रैक की जा सकेगी और जवान आपस में कॉलिंग भी कर सकेंगे। इन सबके लिए एक स्थानीय सर्वर रूम भी बनाया जा रहा है, जो सीधे सेंट्रल सिस्टम से जुड़ा रहेगा। अब एक नया सिस्टम लागू किया जा रहा है, जिसे इंटीग्रेटेड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम कहा जाता है। इसके तहत पुलिस, अस्पताल, कोर्ट और जेल को एक नेटवर्क से जोड़ा जाएगा ताकि अपराध से जुड़ी कार्रवाई जल्दी और बिना रुकावट हो सके। साथ ही, ग्वालियर में अब अलग से साइबर क्राइम थाना बनाया जाएगा। अभी तक साइबर मामलों की जांच क्राइम ब्रांच में मौजूद एक छोटी सी साइबर सेल करती थी, लेकिन अब एक पूरा थाना स्थापित किया जाएगा, जो स्थानीय पुलिस थानों से जुड़ा रहेगा। इससे साइबर अपराधों की जांच और रोकथाम आसान हो जाएगी। ग्वालियर के एसएसपी धर्मवीर सिंह ने कहा कि शहर की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए पुलिस को हाईटेक किया जा रहा है। नए बदलावों से बदमाशों पर कड़ी नजर रखी जा सकेगी और साइबर अपराधों पर लगाम लगाना भी आसान होगा। सीसीटीवी कैमरों की मदद से पूरे शहर की निगरानी की जाएगी।  

रेसलिंग रिंग से ज्यादा रोमांचक है पर्दे के पीछे का खेल, बैकस्टेज की जंग

नई दिल्ली लड़कपन से  30s की उम्र में आते-आते पहले ही क्या कम तमाम खूबसूरत भ्रम टूटकर फीके यथार्थ में बदल चुके थे, जो अब ये डाक्यूमेंट्री भी देखना बाकी था! WWE की रिंग, फाइट्स, सुपरस्टार्स, उनकी एंट्री वाला म्यूजिक, उनके 'किलर' मूव और उनकी आपसी दुश्मनी एक वक्त हम सबने टीवी पर बहुत देखी है. अब नेटफ्लिक्स की डाक्यूमेंट्री 'WWE Unreal' इस पूरे खेल के पीछे का खेल दिखाने आई है.  ईमानदारी से कहूं तो WWE ने पहली बार दिल तब तोड़ा था जब पता लगा था कि अंडरटेकर और केन असलियत में सगे भाई नहीं हैं. वो तो दो बिल्कुल अलग लोग हैं जो इस शो पर अंडरटेकर और केन के 'किरदारों में' नजर आते हैं! फिर भी दिल को समझा-बुझाकर किसी तरह ये प्रेम प्रसंग बरकरार रखा गया. मगर तबतक ये भी अफवाह जोरों पर थी कि WWE तो स्क्रिप्टेड होती है.  फील तो कभी-कभी हमें भी होता था मगर हमने इसे 'अफवाह' ही मानकर, WWE के भीमकाय मानवों की अमानवीय फाइट्स का रस लेना ज्यादा जरूरी समझा. जवान होते-होते रियल लाइफ के ड्रामे ने इतने चोक-स्लैम और पावर-बॉम्ब दिए कि सर पर चढ़ा WWE का भूत चुपचाप दिल की अलमारी के कोने में पड़ी बोतल में जाकर बैठ गया.  'WWE Unreal' यूं करती है कि उस भूत को बोतल से निकालती है और उसकी पूरी सच्चाई, उसके डरों, उसकी कमजोरियों, उसके सांस लेते हाड़-मांस के शरीर और चोटों को आपके सामने रख देती है. और अचानक से आप पाते हैं कि वो जो बोतल में कैद था वो कोई भूत नहीं, एक सुपरहीरो था. WWE में हम जिन रेसलर्स को मैच ना जीतता देखकर हमारे दिल टूटे, उनका हारना भले स्क्रिप्टेड रहा हो मगर उनकी हड्डियां सच में टूटी थी. मगर वो अगली बार फिर से उसी स्पिरिट के साथ हमारे एंटरटेनमेंट के लिए रिंग में उतरे सुपरहीरो थे. क्या है 'WWE Unreal' का मुद्दा? 'WWE Unreal' रेसलिंग स्पोर्ट के पीछे का पूरा खेल आपको दिखाकर वो भ्रम तोड़ देती है जिसे आप अपने बचपन से लेकर लड़कपन तक पूरी गंभीरता से देखते आए थे. लेकिन ऐसा होते हुए 'WWE Unreal' में आपके फेवरेट रेसलर्स जैसे जॉन सीना, सीएम पंक, ट्रिपल एच और द रॉक वगैरह की जो दूसरी साइड सामने आती है वो इस डाक्यूमेंट्री को अद्भुत बना देती है.  इस खेल को आपके लिए मनोरंजक बनाने के लिए जो कहानियां तैयार होती हैं, वो कैसे सोची जाती हैं. WWE का राइटर्स रूम कैसे काम करता है, वहां कैसे ये सोचा जाता है कि किस इवेंट में कौन जीतेगा, इन फैसलों के लिए रेसलर्स खुद कितने तैयार होते हैं, ये सब आपको नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री में नजर आता है. रेसलर्स जब अपनी पर्सनल लाइफ और परिवार के साथ नजर आते हैं तो वो उतने ही आम इंसान लगते हैं जितने आप और हम हैं.  इन आम इंसानों को कब पर्दे पर जब इवेंट का सुपरस्टार बनाया जाता है तो उनका क्या रिएक्शन होता है, ये सब 'WWE Unreal' को एक देखने लायक डॉक्यूमेंट्री बना देता है. जब ये बात कही जाती है कि WWE स्क्रिप्टेड होती है तो पहला सवाल दिमाग में ये आता है कि क्या हिस्सा स्क्रिप्टेड होता है और क्या रियल? इस सवाल का जवाब भी अब आपके सामने है.  कैसी है नेटफ्लिक्स की ये डॉक्यूमेंट्री? WWE का क्रेज भारत में भी बहुत जबरदस्त रहा है. एक पूरा वक्त ऐसा रहा है जब प्रोफेशनल रेसलिंग का ये शो और इसके रिपीट टेलीकास्ट, टीवी पर लोगों की फर्स्ट चॉइस हुआ करते थे. मगर बदलते वक्त के साथ लोगों ने जब ये डिस्कवर करना शुरू किया कि ये स्क्रिप्टेड होता है तो इसका इंटरेस्ट भी कुछ कम हुआ.  'WWE Unreal' देखने के बाद आप WWE की फाइट्स और इसके रेसलर्स को पहले से भी ज्यादा दिलचस्पी से देख पाएंगे. कई दशकों तक ये शो दर्शकों के लिए एक रहस्य रहा है और लोग इसमें नजर आने वाले फाइटर्स को उनके कैरेक्टर वाले नामों से ही पहचानते आए हैं. इन किरदारों की जर्नी कैसे तय होती है ये देखना एक बहुत कमाल का अनुभव है जिसे 'WWE Unreal' दमदार तरीके से डिलीवर करती है.  एक दौर में WWE के टॉप रेसलर रहे ट्रिपल एच, जिनका रियल नाम पॉल लेवेक (Paul Levesque) है, इस डॉक्यूमेंट्री के नैरेटर हैं. पॉल खुद WWE के चीफ कंटेंट ऑफिसर हैं. डॉक्यूमेंट्री का नैरेटिव WWE के सिग्नेचर शो 'रॉ' से लेकर 'रोड टू रेसलमेनिया' और फिर अल्टीमेट सालाना इवेंट 'रेसलमेनिया' तक जाता है.  डॉक्यूमेंट्री का नैरेटिव जॉन सीना, सीएम पंक, चेल्सी ग्रीन, बियांका ब्लेयर और जे ऊसो जैसे रेसलर्स को फॉलो करता है जो इस बिजनेस के कुछ बेस्ट नाम हैं. उनकी कहानी के जरिए 'WWE Unreal' उस पूरे शो से पर्दा उठाती है, जो आप सालों से स्क्रीन पर देखते आए हैं. 'WWE Unreal' की एडिटिंग सॉलिड है जो इस डॉक्यू सीरीज को कमाल का एक्सपीरियंस बनाती है. इसलिए जहां एक तरफ आपको लगता है कि जिस रहस्य को आप बचपन से स्क्रीन पर देख रहे हैं उससे फाइनली पर्दा उठ रहा है. वहीं दूसरी तरफ पर्दे के पीछे की कहानी आपको WWE के संसार का और बड़ा फैन बनाती जाती है. इस सीरीज में आपको ये तो दिखता है कि जिस मोमेंट को आप किसी रेसलर का बड़ा मोमेंट मान रहे थे वो कैसे स्क्रिप्ट हुआ था. लेकिन ये डॉक्यू-सीरीज ये भी दिखाती है कि आप भले सबकुछ जान लें मगर WWE की क्रिएटिव टीम फिर भी अपने नए सीजन में आपको सरप्राइज कर सकती है. और इस शो में आप जितनी भी स्टोरीलाइन देखते हैं, वो भले ही स्क्रिप्टेड हो लेकिन फाइट्स और रेसलर्स की चोटें बिल्कुल असली होती हैं. करीब एक लाख लोगों के सामने एक दूसरे की जान के प्यासे लगने वाले रेसलर्स, बैक स्टेज आकर जब एक दूसरे की खैर-खबर ले रहे हैं और अपनी चोटों पर बात कर रहे हैं तो जैसे WWE के एक्सपीरियंस में एक नया एलिमेंट जुड़ जाता है.  प्रोफेशनल रेसलर्स की भाषा में WWE जैसे शोज को केफेब (Kayfabe) कहा जाता है, जिसमें आपके सामने घट रहीं रियल जैसी लगने वाली चीजें असल में स्क्रिप्टेड कहानियां हैं. केफेब की खासियत यही है कि पब्लिक के सामने कभी ये नहीं आने … Read more

हरपालपुर जल योजना पर तेजी से काम, 28 करोड़ की परियोजना से बदलेंगे हालात

छतरपुर नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधीन कार्यरत उपक्रम मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी द्वारा छतरपुर जिले के हरपालपुर नगर में जल प्रदाय परियोजना का कार्य तेज गति से चल रहा है। यह परियोजना एशियन डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है। इस परियोजना की लागत 28 करोड़ 40 लाख रूपये है। इस लागत में आगामी दस वर्षों तक संचालन और संधारण की व्यवस्था भी शामिल है। योजना के अंतर्गत धसान नदी से जल लेकर उसे 3.36 एमएलडी क्षमता वाले जल शोधन संयंत्र में शुद्ध किया जाएगा। जल शोधन संयंत्र का निर्माण कार्य लगभग 83 प्रतिशत तक पूरा किया जा चुका है। जल संग्रहण के लिये परियोजना के अंतर्गत विभिन्न क्षमताओं वाले तीन ओवरहेड टैंक का निर्माण भी किया जा रहा है। संपूर्ण परियोजना की भौतिक प्रगति लगभग 80 प्रतिशत पूरी हो चुकी है। इस परियोजना का जल्द ही काम पूरा हो जायेगा। इस परियोजना से हरपालपुर नगर की 20 हजार से अधिक आबादी को नियमित, सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। यह योजना नगरीय क्षेत्रों में जल संकट की समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। परियोजना के प्रति स्थानीय नागरिकों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। उन्हें उम्मीद है कि योजना के पूरा होते ही उन्हें निर्बाध और गुणवत्तायुक्त पेयजल उपलब्ध होगा, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार भी होगा।  

अब 1500 रुपए प्रतिमाह! जानें कब आएगी लाडली बहनों की अगली किस्त

भोपाल  मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि रक्षाबंधन पर बहनों को शगुन के रूप में 1500 रुपए की राशि दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली के बाद से लाडली बहना योजना की राशि को स्थायी रूप से 1500 रुपए प्रति माह कर दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बहनों को सम्मान, आत्मनिर्भरता और आर्थिक सहयोग देने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना का लाभ राज्य की 1.31 करोड़ से ज्यादा लाडली बहनों को मिलेगा. कब आएगी 27वीं किस्त  लाडली बहना योजना के तहत पहले लाभार्थियों को 1,250 रुपए दिए जा रहे थे. अब इसे 250 रुपए बढ़ाकर 1500 रुपए किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार इस बार संभावना है कि 1 अगस्त से 7 अगस्त के बीच लाडली बहनों के खाते में 27वीं किस्त ट्रांसफर हो सकती है. सीएम ने कहा कि दीपावली के बाद से लाड़ली बहनों को हर माह ₹1500 की राशि प्रदान की जाएगी. इसके साथ ही युवाओं को रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से फैक्ट्री में कार्य करने पर सरकार द्वारा ₹5000 की प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी. रक्षाबंधन से पहले खाते में आएंगे कितने पैसे 9 अगस्त को पूरा देश रक्षाबंधन का त्योहार मनाने वाला है। मध्य प्रदेश सरकार के सूत्रों के हवाले से पता चला है कि अगस्त में 1500 रुपये एक साथ नहीं आएंगे। 9 अगस्त से पहले एक कार्यक्रम के दौरान महिलाओं के खाते में 250 रुपये का शगुन ट्रांसफर किए जा सकते हैं। फिर 10 तारीख के बाद लाडली बहना योजना की 27वीं किस्त के 1250 रुपये खाते में भेजे जाएंगे। एक साथ 1500 रुपये नहीं मिलेंगे। मतलब दो किस्तों में खाते में पैसा आएगा। पिछले महीने 12 जुलाई को ही खाते में लाडली बहना योजना की 26वीं किस्त का पैसा आएगा। 9 अगस्त से पहले 1500 क्यों नहीं अगर आपके मन में भी सवाल है कि 9 अगस्त से पहले 1500 रुपये क्यों खाते में नहीं आएंगे तो हम आपको बता दें कि लाडली बहना योजना के लिए सरकार को हर महीने 1550 करोड़ रुपये की जरूरत होती है। इसके लिए राज्य सरकार केंद्र से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल करती है। आमतौर पर यह पैसा 10 तारीख के बाद ही आता है, इसी वजह से लाडली बहना योजना की किस्त की तारीख 10 से आगे बढ़ा दी गई है। कैसे चेक करें भुगतान की स्थिति आपके खाते में पैसा आया या नहीं, इसे आप लाडली बहना योजना की वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं। आपको ऑफिशियल पोर्टल पर जाना है। यहां 'आवेदन एवं भुगतान की स्थिति' पर क्लिक करना है। इसके बाद अपना रजिस्ट्रेशन नंबर और कैप्चा कोड भरें। इसके बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा, इसे enter करने के बाद ही आपको आपके खाते की स्थिति का पता चल जाएगा। शिवराज सिंह चौहान ने की थी तोहफे की शुरुआत पूर्व सीएम और वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना की शुरुआत की थी। ये योजना इतनी मशहूर हुई की देश के ज्यादातर राज्य इसे शुरू कर चुनावी दंगल में हाथ आजमाना चाहते हैं। प्रदेश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी मानी जाने वाली भाजपा की बंपर जीत का कारण इसी योजना को माना जाता है। भाजपा की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ तब और बढ़ गया जब शिवराज सिंह ने ऐलान किया कि अब रक्षाबंधन साल में एक बार लाड़ली बहनों को 250 रुपए की अतिरिक्त राशि किस्त की राशि के साथ लाडली बहनों के खातों में जमा की जाएगी। लाड़ली बहना योजना पर एक नजर कहां से हुआ शुभारंभ शुरुआत- 5 मार्च 2023, भोपाल से उद्देश्य- महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना, परिवार में सम्मान दिलाना तथा पोषण सुधारना पूर्व सीएम शिवराज की योजना को आगे बढ़ा रहे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मासिक आर्थिक सहायता शुरुआत- 1000 रुपए 2023 अक्टूबर से – 1250 रुपए अब घोषणा- दिवाली 2025 से बढ़ेंगे 250 रुपए, 1500 रुपए होगी हर माह की किस्त, वहीं 2028 तक खाते में 3000 रुपए जमा करने का वादा रक्षाबंधन पर का तोहफा- जुलाई 2025 की किस्त के साथ 250 रुपए का शगुन (Rakshabandhan Bonus), पिछले साल भी मिला था तोहफा, इस तोहफे की शुरुआत भी शिवराज सिंह चौहान ने अपने शासनकाल में ही की थी। लाड़ली बहना योजना की पात्र कौन? उम्र- 21-60 साल स्थिति- विवाहित, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता निवास- मध्य प्रदेश का स्थायी निवासी होना अनिवार्य आय सीमा- सालाना पारिवारिक आय 2.5 लाख से कम परिवार में कोई आयकरदाता, सरकारी कर्मचारी या पेंशनर नहीं होना चाहिए। परिवार के नाम पर पांच एकड़ जमीन से कम कृषि भूमि और निजी चार पहिया वाहन नहीं होना चाहिए। महिला का खाता आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए। कब आती है लाड़ली बहना योजना की किस्त? लाडली बहना योजना की किस्त हर महीने की 10-15 तारीख के बीच पात्र महिला के खाते में डायरेक्ट ट्रांसफर की जाती है। कुल लाभार्थी महिलाएं, कितना है सरकार का बजट वर्तमान में1.27 करोड़ से ज्यादा महिलाएं लाड़ली बहना योजना का लाभ ले रही हैं। इसके लिए राज्य सरकार को 22,000 करोड़ रुपए सालाना खर्च करने पड़ते हैं। लाड़ली बहना योजना के लिए आवेदन (फिलहाल बंद) लाडली बहना योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया वर्तमान में बंद है। अगस्त 2023 के बाद से अब तक नए पंजीयन नहीं किए जा रहे हैं। पहले आवेदन MP Online, समग्र पोर्टल और ग्राम पंचायत/वार्ड कैंप के माध्यम से किए गए थे। कांग्रेस को मिला भाजपा को घेरने का मौका बता दें कि भाजपा की महत्वाकांक्षी लाडली बहना योजना कांग्रेस के लिए ऐसा मोहरा बनी हुई है, जिसे लेकर एमपी की भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस कई बार मोर्चा खोल चुकी है। चाहे विधान सभा सत्र हों या फिर सामान्य दिन, अक्सर भाजपा को घेरने का मौका तलाश रही कांग्रेस बार-बार एक ही सवाल पूछती है कि आखिर लाडली बहना योजना के तहत प्रदेश की करोड़ों बहनों को सरकार कब तक 3000 रुपए देगी? कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी हों या फिर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी कई बार भाजपा सरकार के वादे पर सवाल उठा चुके हैं। यही नहीं कई बार राजनीतिक गलियारों में ये खबरें भी सुर्खियों में रहीं कि लाडली बहना योजना बंद होने वाली … Read more

रोजगार के 1165 नए अवसर होंगे उपलब्ध, मुख्यमंत्री डॉ. यादव 6 औद्योगिक इकाइयों को वितरित करेंगे आशय पत्र

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 2 अगस्त शनिवार को सीहोर स्थित औद्योगिक क्षेत्र बड़ियाखेड़ी में लगभग 1406 करोड़ रूपये निवेश करने वाली 4 औद्योगिक इकाइयों का भूमिपूजन करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव 6 औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन के आशय पत्र भी वितरित करेंगे। जिससे यहां लगभग 33 करोड़ 85 लाख रूपये का निवेश होगा। इन औद्योगिक इकाइयों से सीहोर जिले में 1165 रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। 4 औद्योगिक इकाइयों का होगा भूमिपूजन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कार्यक्रम में 4 औद्योगिक इकाइयों का भूमिपूजन करेंगे। इन इकाइयों में सीहोर जिले में लगभग 1406 करोड़ रूपये का निवेश होगा और 854 रोजगार के अवसर सृजित होंगे। जिन ऑैद्योगिक इकाइयों का भूमि-पूजन होगा उनमें वान्यावेदा ग्रीन्स जो (झिलेला) सीहोर में 20.020 हेक्टेयर में स्थापित होगी। इसमें 115 करोड़ रुपये के निवेश से खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित होगी, जिससे 100 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसी प्रकार बारमॉल्ट माल्टिंग इंडिया प्रा.लि. (बड़ियाखेड़ी फेस.2) 10.250 हेक्टेयर में स्थापित होगी। इसमें 400 करोड़ रुपए के निवेश से देश की सबसे बड़ी माल्ट निर्माता कंपनी की इकाई स्थापित होगी, जिससे 350 लोगों को रोजगार मिलेगा। सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशन लि. (जहांगीरपुरा) सीहोर में 18.260 हेक्टेयर में 888 करोड़ रुपए के निवेश से एशिया की सबसे बड़ी ट्रांसफार्मर इकाई स्थापित होगी, जिसमें 394 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसी प्रकार कृष्णा इंडस्ट्रीज (बड़ियाखेड़ी) सीहोर 0.476 हेक्टेयर में 3 करोड़ रुपए के निवेश से खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित होगी, जिससे 10 लोगों को रोजगार मिलेगा। 6 औद्योगिक इकाइयों को वितरित होंगे आशय पत्र मुख्यमंत्री डॉ यादव सीहोर में 6 औद्योगिक इकाइयों को आशय पत्र वितरित करेंगे, जिनमें आरटीडीबी इंडस्ट्रीज, स्वाति सोनी, संजय कुमार, अमित मूंदड़ा, प्रकाश पैकेजिंग और आरना वेंचर्स शामिल हैं। इन इकाइयों द्वारा सीहोर जिले में लगभग 33 करोड़ 85 लाख रूपये का निवेश होगा और 311 रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।  

साध्वी ऋतंभरा के बयान से भड़का विवाद: महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियों ने जन आक्रोश बढ़ाया

हरिद्वार भारत में धर्मगुरुओं के महिलाओं और लड़कियों को लेकर विवादित बयानों का दौर लगातार जारी है। हाल ही में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य और प्रेमानंद जी महाराज के बाद अब साध्वी ऋतंभरा ने भी इस सूची में अपना नाम जोड़ा है। साध्वी ऋतंभरा ने हिंदू लड़कियों के रील्स बनाने और उनकी आधुनिक जीवनशैली पर कड़ी टिप्पणी की है जिससे विवाद फिर से उभर कर सामने आया है। साध्वी ऋतंभरा के विवादित बयान साध्वी ऋतंभरा, जिन्हें 'दीदी मां' के नाम से जाना जाता है, ने अपने एक प्रवचन में कहा कि "हिंदू लड़कियों को देखकर शर्म आती है।" उन्होंने आरोप लगाया कि लड़कियां गंदे ठुमके लगाकर और गंदे गाने गाकर पैसे कमाती हैं। उनका कहना था कि इनके पति और पिता भी पैसों के कारण कुछ नहीं कहते। साध्वी ने चेतावनी देते हुए कहा, "अगर घर में गंदी कमाई आती है तो पूर्वज तड़पने लग जाते हैं।" यह बयान मार्च महीने का है लेकिन हाल ही में अन्य धर्मगुरुओं के विवादित बयानों के कारण यह फिर से चर्चा में आ गया है। साध्वी ऋतंभरा ने खासकर सोशल मीडिया पर लड़कियों और महिलाओं द्वारा बनाए जाने वाले रील्स पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि रील्स में ठुमके लगाना, गंदे गाने बजाना और कम कपड़े पहनना आम बात हो गई है। साध्वी ने महिलाओं से अपील की कि वे मर्यादित जीवन जीएं और अपनी जीवनशैली सुधारें। साध्वी ऋतंभरा राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही हैं और वर्तमान में ‘वात्सल्य ग्राम’ नामक आश्रम चलाती हैं जहां अनाथ बच्चों और विधवा या परित्यक्त महिलाओं को आश्रय दिया जाता है। प्रेमानंद महाराज के विवादित बयान साध्वी ऋतंभरा से पहले वृंदावन के प्रेमानंद महाराज भी महिलाओं और लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं। प्रेमानंद महाराज ने कहा था कि आजकल की 100 लड़कियों में से मुश्किल से दो-चार ही पवित्र होती हैं, बाकी सभी बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड के चक्कर में लगी रहती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो युवक या युवती कई लोगों के साथ संबंध बनाते हैं, वे बाद में अपने पति या पत्नी से संतुष्ट नहीं रह पाते क्योंकि उन्हें व्यभिचार की आदत लग जाती है। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। अनिरुद्धाचार्य का भी विवादित बयान कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने भी कुछ समय पहले कहा था कि लड़कियों की शादी 25 साल से पहले हो जानी चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि ऐसा न होने पर लड़कियों के 4-5 बॉयफ्रेंड बन जाते हैं, जो उनके वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। अनिरुद्धाचार्य ने सोशल मीडिया और आधुनिक जीवनशैली को लड़कियों के जीवन में अस्थिरता का कारण बताया और माता-पिता से कहा कि वे समय रहते बेटियों की शादी तय करें। इन धर्मगुरुओं के बयानों ने महिलाओं की भूमिका, आधुनिक जीवनशैली और नैतिक मूल्यों पर समाज में गहरी बहस छेड़ दी है। कई लोग इन बयानों को महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक और पिछड़ेपन भरा मानते हैं, तो कुछ लोग इसे समाज में पारंपरिक मूल्यों की रक्षा के रूप में देखते हैं।